आज बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपना 31वां जन्म दिन मना रहे हैं. आइए जानें राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के लिए तेजस्वी ही सही उत्तराधिकारी क्यों हैं ?
https://www.instagram.com/reel/DCJBAqCt0x4/?utm_source=ig_web_copy_link&igsh=MzRlODBiNWFlZA==
गंभीर नेता की छवि है तेजस्वी की
तेजस्वी यादव ने अपनी छवि को अपने पिता लालू प्रसाद यादव की तुलना में ज्यादा गंभीर बनाई है. लालू यादव ने अपनी शुरुआती राजनैतिक सफर में एक परिपक्व नेता की छवि बनाई थी, जिनके पास मुद्दे थे, जो बिहार की गरीबी को अच्छी तरह समझते थे, जो वहां के लोगों की समस्याओं से भलीभांति परिचित थे लेकिन बाद में उनकी यह छवि धूमिल हो गई. उन पर घोटालों का आरोप लगता गया. इनमें चारा घाेटाला और लैंड फौर जौब स्कैम शामिल है. लालू यादव पर यह आरोप लगा था कि वह 2004 से 2009 तक रेलमंत्री रहते हुए लोगों को नौकरी देने के नाम परर उनकी जमीन अपने नाम लिखवा ली.
मजाकिया अंदाज से बिगड़ी छवि
राजनीति के शुरुआती दिनों में मंच से दिए गए लालू यादव के भाषणों का मजाकिया अंदाज लोगों को इसलिए पसंद आता था क्योंकि उसमें व्यंग्य होता था. विपक्ष के खिलाफ गंभीर तंज होता था लेकिन बाद में उनके इस अंदाज को मसखरापन माना जाने लगा. लालू के भाषणों से भरपूर मनोरंजन की उम्मीद जताई जाने लगी. वह अपने भाषणों में व्यंग्य बाण के लिए नहीं गंवई अंदाज के लिए चर्चा में रहने लगे. इसके ठीक विपरीत तेजस्वी यादव ने अपनी छवि को गंभीर बनाए रखा है. 9 नवंबर 1989 को जन्मे तेजस्वी यादव बिहार के उप मुख्यमंत्री भी रहे. वे 10 अगस्त 2022 से लेकर 28 जनवरी 2024 तक डिप्टी सीएम के पद पर रहे. वे कभी भी बेवजह चुटीली बातें या मसखरापन करते नहीं नजर आते हैं. उनकी यही छवि आने वाले दिनों में उनके राजनैतिक कैरियर को आगे बढ़ाने का काम करेगी.