तेलंगाना से लेकर छत्तीसगढ़ तक 5 राज्यों मध्य प्रदेश, मणिपुर और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पार्टी ने प्रमुखता दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद मुख्यमंत्री योगी ने पार्टी का प्रचार अभियान संभाला. 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ इतना व्यस्त हो गये कि उत्तर प्रदेश का राजकाज चलने में दिक्कतें आने लगी. मुख्यमंत्री को रात में अपने औफिस को खुलवाना पड़ा. सरकारी अफसर भी रात में फाइलों को पास कराने के लिये आने लगे. राष्ट्रीय स्तर के चुनाव प्रचार में प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री को पहली बार इतना महत्व दिया गया है. इसके पीछे का सबसे बडा कारण योगी पर हिन्दुत्व की छाप और उनका आक्रामक बोलना है.
5 राज्यों में से 3 राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा की सरकार है. यहां पर प्रदेश सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी मतदान का जबरदस्त खतरा था. केंन्द्र की किसी योजना का इतना प्रभाव नहीं था कि राज्य सरकारों को उसके काम पर वोट मिल सके. ऐसे में भाजपा ने 5 राज्यों के चुनाव में धर्म के नाम पर वोट लेने के लिये अयोध्या मंदिर को मुद्दा बनाया. इसके साथ ही साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव प्रचार में आगे किया. इस बहाने भाजपा केन्द्र सरकार की नाकामी को छिपाना चाहती है. अपनी बोली, पहनावा और पहचान के कारण योगी धर्म का सबसे बड़ा चेहरा बन गये.
5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को 2019 के आम चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. ऐसे में यह चुनाव भाजपा के लिये बेहद महत्वपूर्ण है. अगर इन चुनावों में भाजपा को मात मिली तो आम चुनाव में योगी पार्टी का चुनाव करते कम नजर आयेंगे. पिछले चुनाव की तरह भाजपा हिन्दुत्व को किनारे कर सकती है. अगर चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे तो हिन्दुत्व और योगी आम चुनाव में प्रचार का सबसे बड़ा फेस होंगे.