बिना कंडोम फटे भी ठहर सकता है गर्भ, जानें कैसे करें बचाव?

बर्थ कंट्रोल के लिए आज सभी कंडोम से परिचित है. जिसका यूज सेक्स के दौरान अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए किया जाता है, लेकिन कई बार ऐसे केसेस भी सुनने को मिलते है कि कंडोम के इस्तेमाल के बावजूद भी गर्भ ठहर जाता है. कई बार सेक्स के दौरान कंडोम फट जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी का खतरा रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कंडोम का सही इस्तेमाल करने के बाद भी कई महिलाएं प्रेग्ननेंट हो जाती हैं.

वैसे तो बर्थ कंट्रोल के लिए सबसे बेहतर कंडोम माना जाता है, लेकिन कई बार ये तरीका भी फेल हो जाता है. डौक्टरों के मुताबिक कंडोम यूज करने पर भी प्रेग्नेंसी के चांसेज हो सकते हैं. चलिए जानते हैं, आखिर कंडोम  यूज करने के बाद भी प्रेग्नेंसी की संभावना क्यों होती है?

फेल हो जाते हैं कंडोम

एक्सपर्ट्स के मुताबिक सही समय में कंडोम का यूज न किया जाए, तो प्रेग्नेंसी के चांंसेज होते हैं, क्योंकि यह जानना भी जरुरी है कि प्री-कम में भी स्पर्म होते हैं. तो ऐसा नहीं है कि जब एजैक्युलेशन हो उससे ही गर्भ ठहरेगा. कंडोम फटने से भी गर्भ ठहर जाएगा.

जेब में न रखें कंडोम

एक्सपर्ट्स ये भी बताते हैं कि अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती हैं, तो उसके लिए आप कोई दूसरा कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वही, ठीक तरीके से पहनने से भी इसके फेल होने के चांसेज कम होते हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते है कि वॉलट, कार या अपनी जेब में रखे कंडोम यूज न करें. इन्हे ठंडी जगह पर ड्रॉर में रखना चाहिए. शरीर की गर्मी या फ्रिक्शन से इनके खराब होने का खतरा ज्यादा रहता है.

थीन कंडोम करें यूज

बचाव का एक सही तरीका ये भी है कि आप सेक्स के दौरान पर्याप्त संतुष्टि पाने के लिए एक्स्ट्रा थिन कंडोम या अल्ट्रा-थिन कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरह के कंडोम इस्तेमाल करने पर इसके होने का अहसास भी नहीं होता.

चैटिंग पर अब गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करना होगा आसान, बस आपको अपनाने होंगे ये टिप्स

अक्सर लड़को के ये परेशानी ज़रुर रहती है कि अगर वे किसी लड़की इंप्रेस करे तो कैसे? ये सवाल हमेशा ही बना रहता होगा. आजकल के टाइम वैसे भी लड़के पहले लड़की को चैटिंग से ही इंप्रेस करते है. इसके लिए हमेशा ही उनके मन में ये सवाल आता होगा कि आखिर कैसे इंप्रेस करें.

तो क्या आप जानते हैं कि एक अच्छी चैटिंग शुरू करने और इसे जारी करने का सही तरीका क्या है? आप किसी लड़की को चैट पर कैसे प्रभावित करते हैं? तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ आसान और प्रभावी टिप्स, जिससे आप चैट के दौरान किसी लड़की को इंप्रेस कर सकते हैं.

1. उसे बात करने दें

चैट के समय ये सबसे जरुरी है कि पहले आप लड़की को अपनी बात कहने दें, उसे ज्यादा से ज्यादा मौका दें. क्योकि अगर आप उसे कुछ कहने पर रोक टोक देते है तो आपकी बात बिगड़ सकती है. तो ऐसा मत कीजिए. इसके बजाय, उसे पूरी तरह से अपनी बात खत्म करने दें.

 2. मजेदार विषयों पर बात करें

सबसे ज्यादा ज़रुरी है अगर आप किसी लड़की को फोन पर इंप्रेस कर रहे है. तो हमेशा ध्यान रखे कि आप मजेदार टॉपिक्स पर बात करें. आप उससे उसके पसंदीदा टीवी शो या मजेदार मनोरंजक चीजों के बारे में बात कर सकते हैं या कुछ मजेदार विषयों के बारे में सोच सकते हैं.

इसके अलावा आप ये जानने की कोशिश करें की क्या वे ब्रेव किस्म की लड़की है, क्या उसके शौक रॉक क्लाइम्बिंग या बंजी जंपिंग के है या वो अपना वीकेंड बिस्तर पर चुपके से बिताना पसंद करती है. यदि वह ट्रैवल करना पसंद करती है, तो केवल उन सभी स्थानों के बारे में बात न करें जहां आप गए हैं, इसके बजाय उसे शामिल करें और इस बारे में बात करें कि आप उन सभी स्थानों के बारे में कितने उत्साहित हैं, जिन्हें आप भविष्य में उसके साथ देखना चाहते हैं.

3. धैर्य रखें

अपनी पहली चैट पर किसी लड़की को इंप्रेस करने का सबसे खास तरीका है, कि आप धैर्य रखें. आपके लिए अपने मन की बात कहना भी उतना ही ज़रुरी है, जितना उसके मन की बात सुनना. उसे पूरी तरह खुलने का मौका देना भी महत्वपूर्ण है. हो सकता है कि आप दोनों पहली बार में नर्वस हों, इसलिए उसे जवाब देने के लिए स्पेस और टाइम दें.

4. बहुत ज्यादा घमंड न करें

चैट की शुरुआत में ज्यादातर लड़के अपनी शेकी और घमंड दिखाते है. जो कि उनकी सबसे बड़ी गलती होती है. वे अपने बारे में झूठ बोलेंगे ताकि सामने वाले पहला इंप्रेशन जबरदस्त हो. यह एक छोटा सा झूठ बाद के वर्षों में बड़ी समस्याओं में बदल सकता है. किसी भी रिश्ते में झूठ बोलना आपके लिए समस्या पैदा कर सकता है बाद में परेशानी का कारण बन सकता है. इसलिए ईमानदार रास्ता चुनें. अगर बात आगे बढ़नी ही है, तो आपके सच से भी बढ़ेगी और आपका रिश्ता बिना कुछ किए ही खिल उठेगा.

Promise Day 2024: प्रॉमिस डे पर साथी से करें ये वादे, प्यार का रिश्ता होगा मजबूत

ओ मेरे प्यार के परवानो, उम्मीद है आप के वैलेंटाइन वीक के पहले 4 दिन बड़े अच्छे से बीते होंगे. अब थोड़ा 5वें दिन का भी जिक्र कर लेते हैं. इसे प्रॉमिस डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. मतलब, प्यार में डूबे जोड़े इस दिन एक दूसरे से प्यारमोहब्बत के कसमे वादे करते हैं, साथ जीने मरने का दम भरते हैं, सुख हो या दुख कभी एक दूसरे का साथ न छोड़ने की प्रॉमिस करते हैं.

पर कभी आप ने सोचा है कि इसी दिन को प्रॉमिस डे के रूप में क्यों मनाया जाता है? दरअसल, जब दो लोग साथ रहते हैं, तो उन में अनबन, नोकझोंक होना आम बात होती है. पर इसी का नाम तो जिंदगी है. वैलेंटाइन वीक के इस खास दिन पर लोग एक दूसरे से कुछ ऐसे वादे करते हैं, जो उन के रिश्ते को मजबूत बनाते हैं. प्रॉमिस डे हर कपल को याद दिलाता है कि आप हर तरह के हालात में एक दूसरे के साथ खड़े रहेंगे और कभी एक दूसरे का भरोसा नहीं तोड़ेंगे.

प्रॉमिस डे पर कुछ बातें हर कपल को ध्यान रखनी चाहिए. अगर वे जिंदगी भर उन बातों पर अमल करेंगे तो यही उन के लिए प्रॉमिस बन जाएंगी और उन की लाइफ में खुशियों की बहार खिल जाएगी.

हर हाल में साथ देना

कपल को एक दूसरे का हर हाल में साथ देना चाहिए, क्योंकि कई बार जिंदगी में ऐसा समय भी आता है जब कपल को एक दूसरे के सहारे की सब से ज्यादा जरूरत होती है, तो आप प्रॉमिस डे पर अपने पार्टनर से वादा कर सकते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए आप उस का हमेशा साथ देंगे और कभी भी उसे अकेला नहीं छोड़ेंगे.

रिश्ते में ईमानदारी बहुत जरूरी

कपल को एक दूसरे के प्रति ईमानदार रहना चाहिए, क्योंकि किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए उस में ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है, इसलिए अपने साथी से कोई भी बात न छिपाएं. यह वादा आप दोनों के रिश्ते को और ज्यादा गहरा कर देगा.

कभी भी बात करना बंद न करें

रिश्ते में आई खामोशी बड़ी तकलीफ देती है. चाहे कुछ भी बुरा हो जाए, दुख का कितना भी बड़ा पहाड़ टूट जाए, आप कभी भी बातचीत करना बंद न करें. गुस्सा है तो बोल कर जाहिर करें, नाराजगी है तो बता दें. तो प्रॉमिस डे पर एक दूसरे से प्रॉमिस करें कि बात करना कभी भी बंद नहीं करेंगे.

पार्टनर जैसा है वैसा ही एक्सेप्ट करें

कभी भी पार्टनर को अपने मुताबिक ढालने की कोशिश न करें. वह जैसा है उसे उस की कमियों और खूबियों के साथ अपनाएं. हर इंसान अलग स्वभाव का होता है और उसे वैसा ही बने रहना अच्छा लगता है. अपने पार्टनर को उसी रूप में अपनाने का वादा करें, जैसा वह है. अगर उसे बदलने की कोशिश करेंगे तो रिश्ते में खटास पैदा होने का खतरा पैदा हो सकता है.

रिस्पेक्ट जरूर दें

कोई भी इंसान अपने साथी से रिस्पेक्ट पाने की उम्मीद रखता है. कभी भी अकेले में या सब के सामने उसे डिसरिस्पेक्ट न करें. हमेशा उस का सम्मान करें. साथी का सम्मान करना आप को बेहतर इंसान बनाएगा, तो प्रॉमिस डे पर एक दूसरे का सम्मान करने की कसम जरूर खाएं.

Valentine Day 2024: वैलेंटाइन डे पर ऐसे पूरी होगी सैक्स की चाहत, आजमाएं ये क्रेजी ट्रिक्स

14 फरवरी को वैलेंटाइन डे पर इश्क में डूबे जोड़ों की सब से बड़ी समस्या यह होती है कि वे अपनी सैक्स डिजायर को कैसे पूरा करें. इस के लिए उन्हें पार्टनर की रजामंदी से ले कर जगह, माहौल और कैसे उस मूमैंट को यादगार बनाना है, यह फिक्र ज्यादा सताती है. पर अगर मैच्योर नजरिए से सोचा जाए, तो यह सब करना बहुत आसान है.

14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के दिन सैक्स का मजा लेने के लिए आप को पहले से ही खास तरह से प्लानिंग कर लेनी चाहिए, ताकि पार्टनर के साथ सैक्स करने के दौरान ज्यादा आप दोनों की क्रेजीनैस बरकरार रहे. इस के लिए आप ये टिप्स अपना सकते हैं :

रात करें रंगीन

आप दोनों पहले ही यह डिसाइड कर लें कि यह खूबसूरत रात आप को कहां बितानी है. अगर पूरी रात एक जगह बिताने का इंतजाम हो जाए, तो सोने पे सुहागा. फिर आप दोनों को किसी तरह की हड़बड़ी नहीं होगी और आप दोगुने जोश के साथ सैक्स कर सकेंगे और अपनी सैक्स पोजीशन को भी ऐंजौय कर पाएंगे.

फोरप्ले का लें मजा

सैक्स में कभी भी उतावलापन नहीं दिखाना चाहिए. वैलेंटाइन डे की पूरी रात आप के पास है, इसलिए सैक्स का मजा लेना हो, तो फोरप्ले पर जरूर फोकस करें. आप हैं, आप का पार्टनर है और आप का बिस्तर है, तो सब से पहले आप दोनों सहज हो जाएं. एकदूसरे में जोश जगाने के लिए कोई पोर्न फिल्म देख लें, इस से आप का मूड बन जाएगा. फिर एकदूसरे को किस करें, हग करें और उस के बाद वही सैक्स पोजीशन ट्राई करें हैं, जिस में आप दोनों को प्लेजर मिले.

कमरे के अलावा और भी औप्शन

अगर आप कमरे के भीतर सैक्स करने से बोर हो चुके हैं, तो आउटडोर सैक्स का मजा लेने से न चूकें. फिर वह घर की छत, बालकनी या फिर आंगन ही क्यों न हो, क्या फर्क पड़ता है. इस से माहौल तो बदलता ही है, साथ ही मजा भी दोगुना हो जाता है.

ये चीजें भी रखें साथ

वैलेंटाइन डे को खास बनाने के लिए अपने साथ कुछ ऐसा फूड भी जरूर रखें कि आप की सैक्स करने की इच्छा और ज्यादा बढ़ जाए. इस के लिए हनी, चौकलेट, केक, पेस्ट्री, स्ट्राबेरी आदि आप के पास जरूर हो. और हां, कंडोम ले जाना मत भूलें. वे भी ढेर सारे और अपने वैलेंटाइन डे पर सैक्स का दिल खोल कर लुत्फ उठाएं.

प्यार कभी भी हो सकता है, टैंशन नहीं लेने का

गीतकार संतोष आनंद ने साल 1982 में आई एक सामाजिक फिल्म ‘प्रेम रोग’ में एक गाने से सवाल उठाया था कि ‘मोहब्बत है क्या चीज हम को बताओ. ये किस ने शुरू की हमें भी सुनाओ…’ पर आज तक इस सवाल का जवाब किसी को नहीं मिला, तभी तो कई बार शादी के बाद भी इनसान किसी तीसरे के प्यार में पड़ जाता है. यह प्यार अचानक या किसी मकसद से या सोच समझ कर नहीं होता. आज की मसरूफ लाइफ में वैसे भी इस तरह किसी तीसरे का मिलना आसान नहीं. मगर जब अनजाने ही कोई आंखों को भाने लगे तो दिल में कुछ उथलपुथल होने लग जाती है. इनसान धीरेधीरे अपनी जिंदगी में उस तीसरे का भी आदी होने लगता है. मगर जब यह हकीकत जीवनसाथी के सामने आए तो मामला उलझ सकता है.

तभी तो 18वीं सदी के मशहूर शायर मीर तकी मीर ने फ़रमाया था कि ‘इश्क इक ‘मीर’ भारी पत्थर है…’

मीर ने इश्क को भारी पत्थर कहा तो 20वीं सदी के एक और शायर अकबर इलाहाबादी ने इसे कुछ ऐसे बयां किया… ‘इश्क नाजुक मिजाज है बेहद, अक्ल का बोझ उठा नहीं सकता…’

जाहिर है कि यह प्यार किसी को भारी पत्थर लगा तो किसी को नाजुक मिजाज, किसी ने मोहब्बत में खुदा देखा, तो किसी को दुश्मन नजर आया. मगर प्यार की हकीकत केवल शायराना अंदाज से नहीं समझी जा सकती. इस प्यार या इश्क के जज्बातों के पीछे कहीं न कहीं साइंस काम कर रहा है.

दरअसल, किसी के प्रति यह आकर्षण आप के दिमाग का कैमिकल लोचा भर है, इसलिए इसे ले कर ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए. मोहब्बत होती है तो खुद से हो जाती है और न होनी हो तो लाख कोशिशें करते रहिए छू कर भी न गुजरेगी आप को. तभी तो चचा गालिब कह गए हैं कि ‘इश्क पर जोर नहीं है, ये वो आतिश ‘गालिब’ के लगाए न लगे और बुझाए न बुझे.’

जब होता है प्यार

जब आप किसी के प्यार में पड़ते हैं तो दिमाग न्यूरो कैमिकल प्रोसैस से गुजरता हुआ शरीर में एड्रेनल, डोपामाइन, सैरोटोनिन, टैस्टोस्टैरोन और एस्ट्रोजन रिलीज करता है. प्यार में पड़ने पर इन की रिलीजिंग स्पीड बढ़ जाती है. यही वजह है कि जब इनसान अपने किसी प्यारे के साथ हो तो वह अलग तरह का माहौल महसूस करता है.

इस मामले में न्यूरोपेप्टाइड औक्सीटोसिन नाम का कैमिकल भी प्यार का एहसास कराने में अहम साबित होता है, क्योंकि इस को बॉन्डिंग हार्मोन कहा जाता है. यह आप के मन में दूसरों से जुड़ाव पैदा करता है.

सताती है उस की याद

ऐसा कोई भी शख्स नहीं होगा जिसे कभी किसी इनसान की याद ने सताया न हो. भले ही वह इनसान शादीशुदा ही क्यों न हो, मगर इस के बावजूद वह किसी तीसरे से दिल से जुड़ जाता है. ऐसे में उस शख्स के दूर होने पर उसे मिसिंग की फीलिंग आती है और इस से वह दुखी महसूस करता है. यह बात वह संकोच के चलते किसी से शेयर भी नहीं कर पाता, जबकि दूर होने की वजह से उस का दुख बढ़ जाता है.

वैसे भी आप जिस की तरफ खिंचते हैं जब वह दूर होता है तो हैपी हार्मोन को तेजी से रिलीज करने वाला प्रोसैस धीमा हो जाता है. इस वजह से आप दुख, स्ट्रेस, एंग्जायटी और इनसिक्योर फील करने लगते हैं. यह बौडी का कैमिकल फ्लो में आए बदलाव पर रिएक्शन होता है.

इस की वजह से आप अपने जीवनसाथी के प्रति उदासीन से हो जाते हैं और उसे इस बात का अहसास होने लगता है कि आप की जिंदगी में कोई और भी है. ऐसे में हालात मुश्किल होने लगते हैं मगर फिर भी आप उस तीसरे का मोह नहीं त्याग पाते, क्योंकि वह तीसरा इनसान आप की जिंदगी में एक अलग तरह का रोमांच और खुशियां ले कर आता है. उस की कुछ खासीयतें आप को अपनी तरफ खींचती हैं. आप अपने जीवनसाथी को धोखा देना नहीं चाहते, मगर फिर भी उस तीसरे की यादों से अलग भी नहीं हो पाते. आप यह जुगत भिड़ाने में लगे रहते हैं कि उस तीसरे से बारबार आप का सामना हो.

नई रिलेशनशिप में आती है ज्यादा मुश्किल

एक स्टडी में यह भी सामने आया है कि पुरानी रिलेशनशिप में किसी से दूरी उतनी इफैक्ट नहीं करती मगर किसी नए रिश्ते में दूरी बढ़ने पर उदासी काफी प्रबल होती है. मतलब यह कि शादीशुदा इनसान जब अपने पार्टनर से कुछ समय के लिए दूर होता है, तो उस के मन पर खास असर नहीं होता मगर जिस से हालफिलहाल रिश्ता जुड़ा है उस का दूर जाना आप को ज्यादा इफैक्ट करता है. यह आप के चेहरे से नजर आने लगता है. आप परेशान रहने लगते हैं. वहीं जब रिश्ता पुराना हो यानी पतिपत्नी का हो तो उस में एक मजबूती और हिफाजत का भाव होता है.

इस जुनून से बचें

जब प्यार का जुनून ‘मानसिक बीमारी’ बन जाए तो ऐसा प्यार जानलेवा होता है. जैसा कि फिल्म ‘डर’ में शाहरुख खान का किरदार था. इस में हीरोइन पर जबरदस्ती का प्यार थोपा जा रहा था, ‘तू हां कर या न कर तू है मेरी किरन’. ऐसे प्यार को आप ‘इश्किया बीमारी’ कह सकते हैं.

अमेरिकी हैल्थ वैबसाइट ‘हैल्थलाइन’ के मुताबिक, ‘औब्सैसिव लव डिसऔर्डर एक तरह की ‘साइकोलौजिकल कंडीशन’ है जिस में लोग किसी एक शख्स पर असामान्य रूप से मुग्ध हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि वे उस से प्यार करते हैं. उन्हें ऐसा लगने लगता है कि उस शख्स पर सिर्फ़ उन का हक है और उसे भी बदले में उन से प्यार करना चाहिए. अगर दूसरा शख्स शादीशुदा है या उन से प्यार नहीं करता तो वे इसे स्वीकार नहीं कर पाते. वे दूसरे शख्स और उस की भावनाओं पर पूरी तरह काबू पाना चाहते हैं.’

असल जिंदगी में भी ऐसे लोग प्यार में ठुकराया जाना स्वीकार नहीं कर पाते और न कहे जाने के बाद अजीबोगरीब हरकतें करने लगते हैं. बहुत से जुनूनी आशिक तथाकथित प्रेमिका को यह कह कर धमकाते हैं कि ‘ठुकरा के मेरा प्यार तू मेरी मोहब्बत का इंतकाम देखेगी’. किसी शादीशुदा से इस तरह जुनून भरा प्यार करने का नतीजा हिंसा, हत्या या आत्महत्या के रूप में नजर आता है. इसे औब्सैसिव लव डिसऔर्डर कहते हैं. ऐसे प्यार करने वाले शख्स से हमेशा बच कर रहें, क्योंकि ऐसा प्यार न सिर्फ आप की शादीशुदा जिंदगी बरबाद करेगा, बल्कि आप की जिंदगी भी जा सकती है.

Winter Romance Special: जातिधर्म नहीं प्यार की खुमारी देखें

ये मुहब्ब्त में हादसे अकसर दिलों को तोड़ देते हैं,तुम मंजिल की बात करते हो लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं इश्क की खुमारी में लोग इन बातों को गलत भी ठहरा रहे हैं. यह बात और है कि ‘ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब कर जाना है’.

प्यार को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं. कुछ लोग मानते हैं कि प्यार अंधा होता है. जहां दिल लग जाता है वहीं प्यार हो जाता है. बहुत से दूसरे लोग यह मानते हैं कि प्यार अंधा नहीं होता, बल्कि सूरत और शक्ल देख कर होता है.

असल में प्यार की खुमारी में जाति और धर्म देखने की जरूरत नहीं होती है. जो दिल को अच्छा लगे, जहां दिल मिले वहां प्यार करना चाहिए. प्यार जबरदस्ती का सौदा नहीं होता है. यह बात सच है कि प्यार जब शादी में बदलने वाला होता है, तब बहुत सारी दीवारें आज भी खड़ी हो जाती हैं.

समय के साथसाथ समाज और घरपरिवार ने कुछ समझते किए हैं, पर आज भी कई बातें ऐसी हैं, जिन को ले कर घरपरिवार और समाज तमाम तरह की रूढि़यों और कुरीतियों में फंसे हैं.

शेखर ने दिव्या के साथ 12 साल प्यार में गुजार दिए थे. जब वे 10वीं क्लास में थे, तभी से एकदूसरे को बखूबी जानतेपहचानते थे. शुरू से ही दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे. एक ही गांव में रहते थे.

उन दोनों के घरपरिवार वाले भी एकदूसरे को अच्छी तरह जानते थे. इन सब से बड़ी बात यह थी कि दोनों एक ही जाति के थे. ऐसे में उन की शादी में कोई अड़चन नहीं थी. इस के बावजूद भी वे 12 साल बाद शादी कर सके.

दरअसल, स्कूल की पढ़ाई के बाद वे दोनों नौकरी करने लगे. गांव से दूर एक बड़े शहर में रहने लगे. उन के परिवार के लोग भी गांव छोड़ कर शहर में बस गए थे. इस के बाद भी शेखर और दिव्या एकदूसरे से दूर नहीं हुए.

उन दोनों के लिए अपने घर वालों को राजी करने में समय लगा. घर वाले इसलिए राजी नहीं हो रहे थे कि जाति में भी गोत्र का बंधन होता है. एक ही गोत्र में लड़कालड़की की शादी नहीं हो सकती. लिहाजा, गांव के रिश्ते में दोनों भाईबहन लगते थे.

किसी तरह जब घर वाले राजी हुए, तो उन की शर्त थी कि किसी को यह नहीं बताना कि यह शादी उन दोनों की मरजी से हुई है. शेखर और दिव्या ने इस बात के लिए हामी भर ली कि वे किसी को कुछ नहीं बताएंगे.

शादी से पहले सगाई हुई. सबकुछ ठीक था. शेखर और दिव्या ने अपने 12 साल के सबंधों को यादगार बनाने के लिए केक काटने का इंतजाम किया, जिस पर लिखा था ‘12 साल एकदूजे के साथ’.

रिश्तेदारी में कुछ लोगों की निगाह केक पर पड़ गई. वह इस का मतलब निकालने लगे. आखिर में सब को इस बात का पता चल गया कि यह शादी शेखर और दिव्या की मरजी से हो रही है. इस बात की काफी बुराई हुई. घरपरिवार के लोग अलग से नाराज हुए कि केक पर यह सब क्यों लिखा था.

पर अब कुछ हो नहीं सकता था. शेखर और दिव्या की शादी हो गई. अब वे दोनों हंसीखुशी एकदूसरे के साथ रहते हैं. इस से सबक मिलता है कि आप जिस से प्यार करें, उसे जिंदगीभर निभाएं. यही इश्क की असली खुमारी है. कई ऐसे उदहारण हैं, जो इश्क में जातिधर्म जैसी बंदिशों को स्वीकार नहीं करते हैं.

गांवों में नहीं सुधरे हालात

प्यारमुहब्बत को ले कर शहरों में तो हालात बदल गए हैं, पर गांवदेहात में अभी भी प्यार बंदिशों में रहता है. वहां नौजवानों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. कई नौजवान इस की कोशिश भी करते हैं. ऐसे में वे औनर किलिंग जैसी वारदातों के शिकार हो जाते हैं.

दरअसल, आजकल गांवदेहात में रहने वाली मुसलिम, एससीएसटी और ओबीसी जातियों की लड़कियां भी पढ़ने के लिए स्कूल जाने लगी हैं. वहां उन्हें अलगअलग लड़कों का साथ मिलता है. ये लड़कियां सुंदर और आकर्षक होती हैं. ऐसे में इन के साथ इश्क करने वाले कम नहीं होते हैं.

कई बार बहुत सी लड़कियां इश्क में पड़ भी जाती हैं, पर जब बात शादी की आती है, तो तमाम तरह की परेशानियां खड़ी हो जाती हैं. पर जो लड़केलड़कियां अपने पैरों पर खड़े होते हैं, वे अपने हक में फैसले कर लेते हैं.

निशा ओबीसी समाज से थी. गैरधर्म के अकील के साथ उस का इश्क हुआ. दोनों 12वीं क्लास के बाद आगे की पढ़ाई के लिए शहर चले गए. वहां उन को अच्छी नौकरी मिल गई. 2 साल के बाद उन दोनों ने शादी करने का फैसला लिया.

उन दोनों के घर वालों को जब इस बात का पता चला, तो वहां विरोध शुरू हो गया. निशा और अकील ने अपनेअपने घर वालों को समझने की लाख कोशिश की, पर कोई भी तैयार नहीं हुआ. लिहाजा, उन्होंने स्पैशल मैरिज ऐक्ट के तहत कोर्ट में शादी कर ली.

जो प्यार करने वाले जाति और धर्म को छोड़ कर इश्क की खुमारी देखते हैं, वे कामयाब होते हैं. कानून ने इस तरह के लोगों को सुरक्षा दे रखी है. जरूरत इस बात की है कि प्यार करने वाले अपने इश्क की खुमारी को पहचानें और एकदूसरे पर भरोसा रखें.

हां, यह बात जरूर है कि जब लड़कालड़की दोनों अपने पैरों पर खड़े होते हैं, तो किसी भी तरह की लड़ाई लड़ने में कामयाब हो जाते हैं. पर जब वे घरपरिवार के भरोसे रहते हैं, तो उन की शादी मुश्किल हो जाती है. लिहाजा, जाति और धर्म का कट्टरपन खत्म करने के लिए इश्क की खुमारी जरूरी है.

Winter Romance Special: सर्दी में रात का इश्क

राज और मोहिनी की हाल ही में शादी हुई थी. पर जब से जाड़े ने जोर पकड़ना शुरू किया था, इन दोनों की सैक्स लाइफ ठंडी पड़ने लगी थी. राज को लगता था कि मोहिनी बिस्तर पर बर्फ की सिल्ली की तरह पड़ जाती है और कितना ही जोर लगा लो, गरम ही नहीं हो पाती है. उसे बड़ी कोफ्त होती थी.

उधर मोहिनी की दिक्कत यह है कि उसे ठंड बहुत ज्यादा लगती है और वह बिस्तर पर बिना गरम कपड़ों के नहीं रह सकती है. ठंड में सैक्स करने के नाम से ही उसे कंपकंपी छूट जाती है.

उत्तर भारत में जब गुलाबी जाड़े की दस्तक होती है, तभी शादियों का सीजन भी शुरू हो जाता है. गुलाबी जाड़े में गुलाबी इश्क, यह मेल कमाल का होता है. पर एक सच यह भी है कि सर्दी में हमारी सैक्स की इच्छा भी कम हो जाती है. यह सुन कर हैरानी होती है न? बिस्तर पर रजाई हो और पहलू में सैक्स पार्टनर, तो फिर यह इच्छा अचानक क्यों सिकुड़ जाती है?

दरअसल, मोहिनी की तरह बहुत से जोड़ों की यह शिकायत रहती है कि सर्दी के मौसम में वे काफी रूखे और सूखे हो जाते हैं. साथ ही, सर्दी में विटामिन डी का लैवल भी कम होता है, जो शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है. इस की कमी के चलते लोग अपने मूड में सब से खराब बदलाव महसूस करते हैं. दिन छोटे और रातें बड़ी हो जाती हैं. जल्दी अंधेरा होने की वजह से लोग और भी ज्यादा बुरा महसूस करते हैं. पर साथ ही यह भी याद रखिए कि भले ही सर्दी में सैक्स के प्रति दिलचस्पी कम हो जाती है, लेकिन इस मौसम में मर्दों में टैस्टोस्टैरोन का लैवल हाई होता है, जिस में स्पर्म की तादाद ज्यादा होती है. वहीं, औरतों में भी ज्यादा फर्टिलिटी होती है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है. सर्दी में रात का इश्क भी गरमागरम हो सकता है, बस थोड़े से सब्र और नए उपाय करने की जरूरत होती है.

सर्दी में इश्क का मजा लेना हो, तो अपने काम से कुछ दिन की छुट्टी ले लें और अपने पार्टनर के साथ कहीं घूमने चले जाएं. दिन में बाइक पर सट कर बैठते हुए एकदूसरे के अंगों की गरमाहट लें और रात को कमरे में बेबाक हो कर एकदूसरे में समा जाएं.

यकीन मानिए, काम के बोझ से हलका आप का मन तन को इतनी ज्यादा गरमाहट से भर देगा कि बिस्तर पर आप दोनों बिना कपड़ों के भी हीटर की तरह सुलग रहे होंगे.

एक काम और जरूर करें. बिस्तर पर अपनी सैक्स पोजीशन और किस अंग को छूने से आप की गरमाहट बढ़ती है, इस पर खुल कर बात करें. एकदूसरे के शरीर को बेशर्म हो कर देखें, चूमें और सहलाएं. रात के कालेपन और सर्दी की ठिठुरन को भूल कर एकदूसरे के शरीर की गरमी को महसूस करें.

अगर कमरे के अंधेरे से दिक्कत है, तो बल्ब की रोशनी के बजाय मोमबत्ती की हलकी रोशनी कर लें. जलते मोम की गंध आप के शरीर के पसीने की गंध को और ज्यादा महका देगी और आप दोनों के रिश्ते में एक अलग तरह की रोमानियत ले आएगी.

सर्दी में कमरे के भीतर आप अपने पार्टनर की मालिश कर सकते हैं. यह नुसखा प्यार बढ़ाने के लिए अचूक माना जाता है. इस से शरीर की गरमी तो बढ़ती ही है, साथ ही खून का दौरा भी तेज हो जाता है.

मालिश करते हुए एकदूसरे के नाजुक अंगों से भी खूब खेलें और जोश को बढ़ा दें. यह एक तरह का फोरप्ले होता है, जो दोनों पार्टनर को जिस्मानी रिश्ता बनाने के लिए तैयार कर देता है. पर इस के लिए जरूरी है कि आप साफसुथरे हों, इत्र वगैरह लगाया हो, ब्रश किया हो और नाखून भी ट्रिम किए हुए हों, ताकि मालिश के दौरान जोश में शरीर नोचने पर चोट न लगे.

अगर इस सब के बावजूद जाड़े में रात को कमरा ठंडा लगता है, तो ब्लोअर या हीटर ले आएं और उस की आंच पर अपने इश्क की खीर पकाएं.

Winter Romance Special: शरीर खुशबूदार तो गहरा प्यार

आजकल आशिक और माशूक एकदूसरे को तोहफे में जो सब से ज्यादा आइटम देते हैं, वह परफ्यूम या डिओ होता है. तय है कि इस के पीछे मंशा यह रहती है कि हमारा प्यार हमेशा यों ही महकता रहे. इस सोच को एक शायर ने अपने एक शेर में कुछ ऐसे कहा है :

‘सुबह उठते ही तेरे जिस्म की खुशबू आई, शायद रातभर तू ने मुझे ख्वाब में देखा है.’

परफ्यूम या डिओ ऐसा गिफ्ट है, जो सभी के बजट में रहता है और इसे सहूलियत से रखा जा सकता है. आजकल हर कोई परफ्यूम और डिओ का इस्तेमाल करता है और प्यार करने वाले तो कुछ ज्यादा ही करते हैं, खासतौर से डेट पर जाते वक्त. अगर उन के पास एक से ज्यादा खुशबू वाले परफ्यूम हों, तो वे बहुत सारा समय यही सोचने में लगा देते हैं कि आज कौन सा परफ्यूम लगाया जाए कि पार्टनर उस के लिए और दीवाना हो जाए.

एक इश्तिहार में बड़े दिलचस्प तरीके से इसे दिखाया भी गया है कि कोई जवां मर्द एक खास किस्म का परफ्यूम लगा कर निकलता है, तो लड़की उस की खुशबू सूंघते हुए उस के पीछेपीछे पतंग सी खिंची चली आती है.

प्यार में खुशबू की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि ज्यादातर फिल्मों में जब आशिक और माशूक एकदूसरे से लिपटते हैं, तो आशिक माशूका के बालों और गरदन को सूंघता दिखता है.

हकीकत इस से जुदा नहीं होती. आशिक और माशूक एकदूसरे के गले लगें या न लगें, लेकिन नजदीक होने पर ही बदन से उठती खुशबू में डूबने और इतराने से खुद को रोक नहीं पाते हैं और फिर जुदा होने के बाद तनहाई में गुनगुनाते हैं :

‘खुशबू तेरे जिस्म की मेरे इत्र की किताब है, वफा न सही मुझ को दर्द ए हिज्र का खिताब है.’

खुशबू से महकता प्यार

कुदरती तौर पर हरेक जिस्म की अपनी एक अलग गंध होती है. वैज्ञानिक और माहिर भले ही इसे हार्मोन से जोड़ते रहें, लेकिन एक दफा जो इस गंध में बंध गया, वह फिर खुद इस से आजाद नहीं होना चाहता. इसी गंध में जब चंदन, केसर, गुलाब, मोगरा या कोई दूसरी परंपरागत या फिर नई खुशबू मिला ली जाती है, तो चाहने वालों के लिए तो वह जायदाद जैसी हो जाती है.

पार्टनर के शरीर से उठती खुशबू कब प्यार की पहचान बन जाती है, इस का तो सालोंसाल पता ही नहीं चलता. इसी खुशबू में डूबतेइतराते प्यार इतना गहराता जाता है कि एकदूसरे के बगैर रहना और जीना भी सजा लगने लगता है.

विदिशा के नजदीक एक गांव का नौजवान अमित (बदला नाम) अग्निवीर बन कर सेना में शामिल हुआ, तो उसे पहली तैनाती जम्मूकश्मीर में मिली. नौकरी पर जाने से पहले उस की माशूका सीमा (बदला नाम) ने उसे एक महंगा परफ्यूम तोहफे में यह कहते हुए दिया था कि ‘इस की खुशबू तुम्हें मेरी याद दिलाती रहेगी’.

ट्रेनिंग के दौरान अमित ने जब भी वह परफ्यूम लगाया, तो सचमुच उसे लगता था कि सीमा आसपास ही कहीं है और इसी खुशबू के साथ महक रही है.

सीमा चोरीछिपे अमित से मोबाइल के जरीए बात करती थी, तो अमित उसे बताता था कि ‘तुम्हारी दी गई खुशबू दिनरात महकती रहती है. सुहागरात में भी तुम मुझे यही परफ्यूम गिफ्ट में देना’.

इन दोनों का शादी करने का सपना पूरा होने में अब कोई अड़ंगा नहीं है, बस इन्हें पूरे दमखम और भरोसे के साथ घर वालों को अपनी इच्छा बताना भर है. वे मान जाएं तो ठीक, नहीं तो किसी के रोकने से अब ये रुकने वाले भी नहीं.

सीमा की मुहब्बत में डूबे अमित को भी एक दिन शायरी का रोग लग ही गया, तो उस ने माशूका को ह्वाट्सएप पर दिल से निकला यह मैसेज भेजा :

‘कभी आग तो कभी शोला बन कर दहकती है, तेरे प्यार की खुशबू सरहद पर यों महकती है.’

ऐसे करें इस्तेमाल

वह खुशबू ही है, जो प्रेमियों को नजदीक लाती है. अहम बात यह कि इस का सलीके से इस्तेमाल करना है. जब अपने पार्टनर से मिलें, तो ध्यान रखें कि खुशबू बहुत तीखी न हो. भीनीभीनी खुशबू हर किसी को भाती है. बालों को शैंपू करने के बाद बहुत सारा तेल सिर में उड़ेलना कतई जरूरी नहीं. किसी अच्छे तेल को बालों में कम से कम लगाना ही काफी रहता है. चेहरे और गरदन पर ब्रांडेड कोल्ड क्रीम सर्दियों में अच्छी रहती है और उस के ऊपर हलका सा कोई टैलकम पाउडर लगा लें, तो चेहरा खिल उठता है.

अब बारी आती है परफ्यूम या डिओ की, तो वह अपने पार्टनर की पसंद का स्प्रे करें. अगर उस की कोई खास पसंद न हो तो लड़कियों के लिए चंदन, मोगरा और गुलाब की खुशबू वाले परफ्यूम अच्छे रहते हैं.

इस के उलट लड़कों को चौकलेट फ्लेवर के परफ्यूम ज्यादा पसंद आते हैं. पहली डेट पर ज्यादातर लड़के चौकलेट खुशबू का परफ्यूम लगा कर जाते हैं. इस के पीछे माहिरों का कहना है कि लड़कियां चौकलेट पसंद करती हैं और इस की तरफ जल्दी खिंचती भी हैं.

भोपाल की मनीषा मार्केट के एक कैमिस्ट अनिल ललवानी बताते हैं, ‘‘परफ्यूम तो परफ्यूम लड़के डेट पर जाने के लिए कंडोम भी चौकलेट फ्लेवर का ज्यादा लेते हैं. चौकलेट के बाद लड़कों की दूसरी पसंद फूलों की खुशबू वाले परफ्यूम होते हैं.

‘‘आजकल अलकोहल की गंध वाले परफ्यूम भी लड़के पसंद कर रहे हैं. लड़कियों को इंप्रैस करने के लिए चौथे नंबर पर फलों की खुशबू वाले परफ्यूम लड़के ज्यादा लगाते हैं.’’

डेट पर जाने से पहले खुशबूदार साबुन से नहाना चाहिए, ताकि शरीर की बदबू भाग जाए. इस के बाद पूरे शरीर पर टैलकम पाउडर लगाना चाहिए. आजकल सभी कंपनियां तकरीबन सभी खुशबुओं वाले टैलकम पाउडर बना रही हैं. सर्दियों में यों तो कोई भी खुशबू चल जाती है, क्योंकि पसीना कम आता है. थोड़ा सा चंदन वाला पाउडर लंबे समय तक महकता रहता है.

प्यार में हों, डेट पर हों या उस से भी ज्यादा कुछ होना हो, जरूरी है कि पूरा शरीर महकता रहे. एक अहम बात जिस पर अकसर प्यार करने वाले ध्यान नहीं दे पाते, वह मुंह से आती बदबू है, जिसे दूर करने के लिए ब्रश करने के बाद इलायची या माउथ फ्रैशनर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए.

पूरा शरीर खुशबू से तर हो, लेकिन जैसे ही किस करने की बारी आए, तो मुंह की बदबू मामला खराब कर देती है, इसलिए इस का भी ध्यान रखना चाहिए, तभी तो प्यार की गहराइयों में उतरने का सही लुत्फ आएगा और जेहन में तकरीबन 45 साल पहले आई फिल्म ‘बदलते रिश्ते’ का ऋषि कपूर, जितेंद्र और रीना राय पर फिल्माया गया यह रोमांटिक गाना गूंज उठेगा :

‘मेरी सांसों को जो महका रही है ये पहले प्यार की खुशबू तेरी सांसों से शायद आ रही है.’

Winter Romance Special: इश्क दोगुना करे एक चाय दो जोड़े होंठ

गांवदेहात में सर्दियों के बारे में एक कहावत बहुत ही मशहूर है कि ‘जाड़ा जाए रूई या दुई’. इस का मतलब है कि सर्दियों को भगाने में 2 चीजें ही काम आती हैं, एक रूई यानी रजाई और दूसरी दुई यानी 2 लोग. जब यही 2 लोग रजाई में बैठ कर गरमागरम चाय की चुसकी लेंगे, तो सर्दियां छूमंतर हो जाएंगी. कई बार प्यार करने वाले 2 लोग एक ही कप में जब चाय पीते हैं, तो चाय के स्वाद के साथसाथ एकदूसरे के होंठों की तपिश का भी अहसास होता है.

आज गांवदेहात में भी जिंदगी जीने का ढर्रा बदल रहा है. अब वह जमाना नहीं है, जैसे पहले पति अपनी पत्नी के कमरे में सोने के लिए रात को चोरीछिपे जाता था कि घर के बड़ेबूढ़े देख न लें. गांवदेहात में भी एकल परिवार हो रहे हैं. पतिपत्नी आजादी के साथ अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. ऐसे में रोमांस करने का समय और जगह दोनों ही उन के पास होते हैं.

गांवदेहात में पहले पतिपत्नी की जिंदगी में रोमांस की ज्यादा जगह नहीं होती थी. वे केवल सैक्स करते थे, जिस से बच्चे पैदा हों और घरपरिवार व वंश आगे बढ़ सके.

अब तो गांवदेहात में भी पतिपत्नी रोमांस कर रहे हैं. वे ऐसे मौकों की तलाश में रहते हैं, जहां रोमांस किया जा सके. घरों में टैलीविजन और हाथ में मोबाइल फोन है, जिस में वे रोमांस करने के तरीके देखते रहते हैं खासकर जब से सोशल मीडिया पर रील बनाने का शौक चढ़ा है, तब से गांव में रहने वाले जोड़ों का रोमांस सिर चढ़ कर बोल रहा है.

अब बात ‘एक चाय दो जोड़े होंठ’ से आगे तक पहुंच गई है. इस बार नया ट्रैंड देखने को मिल सकता है. इस में और मजा लेने की चाह में चाय एक पीता है. वह चाय को अपने मुंह में भर लेता है. इस के बाद वह अपने पार्टनर को किस करते हुए उस के होंठों को अपने होंठों से खोलता है.

इस के बाद अपने मुंह में भरी चाय उस के मुंह में छोड़ता है. वह पार्टनर भी बड़ी आसानी से उस चाय को पी लेता है. इस तरह से देखें, तो होंठ एक, चाय एक और पीने वाले 2 हैं. आपस में प्यार बढ़ाने का यह अच्छा तरीका है.

अदरक वाली कड़क चाय

इस सर्दी में सोशल मीडिया पर रील में यह नया ट्रैंड हो सकता है. कई जोड़े जो पतिपत्नी नहीं हैं, वह इस का प्रयोग तो करते हैं, बस इस का प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं.

चाय सर्दियों लोग में सब से ज्यादा पीया जाने वाला पदार्थ है. अब गांवदेहात में भी दूध का इस्तेमाल उतना नहीं होता जितना चाय का होता है. कुछ लोग दूध वाली चाय पीते हैं, तो कुछ मलाई वाली चाय पीते हैं.

गांवदेहात में ग्रीन टी, काली चाय और नीबू वाली चाय का इस्तेमाल कम होता है. शहरों में भले ही गुड़ वाली चाय पीने का ट्रैंड हो, पर गांव में चीनी वाली चाय ही लोग पीते हैं.

सर्दियों में लोग अलगअलग जगहों पर अलगअलग तरह की चाय पीते हैं. मैदानी इलाकों में अदरक वाली चाय सब से ज्यादा पसंद की जाती है. कश्मीर में कहवा पीते हैं. चाय की मिठास तब और बढ़ जाती है, जब चाय के ऊपर भरपूर मलाई पड़ी हो.

सर्दियों में अदरक वाली चाय पीने का अलग ही मजा होता है. ठंड के मौसम में अदरक की चाय गले से नीचे उतरती है, तो सारी सर्दी दूर भाग जाती है. अदरक का सेवन करना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है.

सर्दियों में बाहर ठंडी हवा और हाथ में एक प्याली गरम चाय और साथ में चाय पीने वाली हो, तो मूड को बदलते देर नहीं लगती है.

भारतीय लोगों में चाय पीना एक परंपरा की तरह है. गांव से ले कर शहर तक में लोग तरहतरह की चाय पीना पसंद करते हैं. साधारण चाय के अलावा तुलसी, अदरक, इलायची, मसाला, लौंग, शहद, मुलेठी, सौंफ वाली चाय ज्यादा पसंद की जाती है.

चाय को ले कर रोमांस भी फिल्मी गानों में दिखता है. इन में से एक गाना बहुत मशहूर हुआ था ‘गरम चाय की प्याली हो, उस को पिलाने वाली हो. चाहे गोरी हो या काली हो…’ मतलब, चाय के साथ सर्दियों का रोमांस और भी परवान चढ़ता है.

सेहत के लिए फायदेमंद

सर्दियों में चाय का पीना अच्छा होता है. सुबह दूध और पत्ती वाली चाय की जगह अगर मसाले वाली चाय पी जाए, तो सेहत को फायदा मिलता है. सर्दी से मुकाबले के लिए चाय की चुसकी जरूरी होती है. मसाले और जड़ीबूटियां मिलाने से काफी फायदा पहुंच सकता है.

दूध वाली चाय की जगह अगर आप सुबह एक कप गरम मसालेदार चाय पीएंगे, तो हड्डियों को जकड़ने वाली ठंड में आप के शरीर को गरमाहट मिल सकती है.

इस के लिए पानी में दालचीनी, लौंग, इलायची, जायफल, केसर, अदरक जैसे मसाले मिला कर उसे उबालना और पीना चाहिए. मिठास के लिए चीनी की जगह शहद भी मिला सकते हैं. मसाले शरीर को अच्छी गरमी देते हैं.

चाय में जायफल, दालचीनी, इलायची या सोंठ जैसे मसाले और जड़ीबूटियां मिलाने से शरीर को ताकत मिलती है. फ्लू, बुखार, मौसमी एलर्जी के खिलाफ लड़ने की ताकत मिलती है. मसालों में एंटीऔक्सीडैंट्स की मौजूदगी बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ाने में मदद करती है.

चाय में मसाले मिला कर पीने से न सिर्फ इस की मोहक सुगंध से ऊर्जा मिलती है, बल्कि साथ ही बिना चाय पत्ती की इस चाय में कैफीन नहीं होता, जो इसे पाचन के लिए बहुत अच्छा बनाता है. सौंफ, लौंग, दालचीनी और जायफल जैसे मसाले वजन घटाने में तेजी ला सकते हैं.

इस के अलावा मसाले और कई तरह की जड़ीबूटियां भी दिल की सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं. हलदी और लौंग जैसे मसाले एंटीइंफ्लेमैटरी गुणों से भरपूर होते हैं, जो शरीर में सूजन से लड़ते हैं, घाव और चोट को भरते हैं.

इस तरह से देखें, तो चाय बहुत ही गुणकारी है. जब 2 लोग एकसाथ रोमांस करते हुए चाय पीते हैं, तो डिप्रैशन जैसी चीजों की जगह प्यार, रोमांस और सैक्स की भावना बढ़ती है, जिस से मन खुश और तन दुरुस्त रहता है.

सुरक्षित सेक्स के इन खतरों के बारे में भी जानिए

हम सभी की तरह मार्केटिंग प्रोफैशनल प्रिया चौहान को भी पूरा भरोसा था कि कंडोम का इस्तेमाल उन्हें हर तरह की सैक्स से फैलनेवाली बीमारियों (एसटीडीज) से महफूज रखेगा. आखिरकार इस बात को लगभग सभी स्वीकार करने लगे हैं. वे तब अचरज से भर गईं, जब उन्हें वैजाइनल हिस्से में लाली और जलन की वजह से डाक्टर के पास जाना पड़ा.

‘‘डाक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सिफलिस का संक्रमण हुआ है, जो एक तरह की एसटीडी है.’’

गायत्री आगे बताती हैं, ‘‘मुझे लगता था कि कंडोम मुझे इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है और जलन की वजह के बारे में मैं सोचती थी कि शायद मैं सही मात्रा में पानी नहीं पी रही हूं.’’

ये चुंबन से भी हो सकता है

गायत्री और उन के बौयफ्रैंड को कुछ ब्लड टैस्ट कराने कहा गया और ऐंटीबायोटिक्स दिए गए, ताकि सिफलिस के वायरस को फैलने से रोका जा सके. ये वह सब से आम एसटीडी है, जिसे रोकने में कंडोम कारगर नहीं है.

सैक्सोलौजिस्ट डा. राजीव आनंद, जो कई जोड़ों को कंडोम और एसटीडीज से जुड़े इस मिथक की सच्चाई बता चुके हैं, कहते हैं, “ज्यादातर लोग कंडोम को एसटीडीज से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका मानते हैं, लेकिन कुछ इंफैक्शंस ऐसे हैं, जो ओरल सैक्स या चुंबन के जरिए भी फैल सकते हैं.

‘‘ये भ्रांति शायद इसलिए है कि एड्स से जुड़ी जानकारी के केंद्र में कंडोम ही है. हालांकि यह एड्स की रोकथाम में कारगर है, लेकिन यह कुछ एसटीडीज की रोकथाम में कारगर नहीं है,’’

वे आगे कहते हैं, ‘‘कंडोम प्रेगनेंसी और कुछ एसटीडीज से बचाव करता है, लेकिन हरपीज वायरस के इंफैक्शन से बचाने में यह कारगर नहीं है. यह एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) और कुछ फंगल इंफैक्शंस, जो त्वचा के उन हिस्सों के संपर्क के कारण फैलते हैं, जो कंडोम से नहीं ढके हैं, से भी बचाव नहीं कर पाता.’’

कंडोम के इस्तेमाल से शारीरिक स्राव का विनिमय तो रुक जाता है, लेकिन हरपीज, एचपीवी और गोनोरिया आदि होने की संभावना बनी रहती है.

इस खतरे को कम करें

अपने साथी को अच्छी तरह जानना तो जरूरी है ही, पर ऐसे लोगों की संख्या को सीमित रखें, जिन से आप सैक्शुअल संबंध रखती हैं, ताकि आप एसटीडीज के खतरे से बच सकें. यदि आप किसी नए साथी के साथ संबंध बना रही हैं तो उस का चैकअप जरूर कराएं.

“यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने साथी से चैकअप कराने को कहें और उस की रिपोर्ट्स देखें. मुझे पता है कि यह थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन हमें समय के साथ चलना होगा,’’ यह कहती हैं रश्मि बंसल, जो 2 साल तक लिवइन रिश्तों में थीं.

‘‘यदि वह आप को सच में पसंद करता है तो ऐसा करने में उसे कोई समस्या नहीं होगी.’’

इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और एचपीवी के लिए वैक्सीन लेना भी अच्छा रहता है.

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