क्या आप भी इस वजह से सेक्स करते हैं

प्रेमी युगल या दंपति के बीच ज्यादा सेक्स उन्हें अधिक खुशी नहीं देता, क्योंकि ज्यादा सेक्स से उनमें इसके प्रति अरुचि पैदा होने लगती है और उन्हें सेक्स में ज्यादा आनंद भी नहीं आता. कार्नेज मेलन विश्वविद्यालय (सीएमयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम, जिसमें एक भारतीय मूल के शोधकर्ता भी हैं, ने इसका खुलासा किया. पहली बार सेक्स करने के बाद इससे मिलने वाले आनंद और सेक्स करने की इच्छा में गिरावट शुरू हो जाती है.

सीएमयू के इंजिनीयरिंग एवं लोकनीति विभाग के वैज्ञानिक एवं इस अध्ययन के शोधकर्ता तमर कृष्णमूर्ति के अनुसार, “बार-बार सेक्स करने की बजाय युगल को ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जो उनकी इच्छाओं को जगाए. साथ ही उन्हें सेक्स को ज्यादा मजेदार बनाना चाहिए.”

सेक्स करने की बारंबारता और खुशी के बीच संबंध की जांच करने के उद्देश्य से अनुसंधानकर्ताओं ने 128 दंपतियों को अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक बार सेक्स करने के लिए कहा.

इसके बाद शोधकर्ताओं ने दोनों समूहों के बीच तीन महीने की अवधि के बाद खुशी का स्तर परखा. जिस समूह के दंपतियों को अधिक बार सेक्स करने की सलाह दी गई थी, उनमें खुशी में इजाफा होने की बजाय थोड़ी कमी ही हुई.

इस समूह वाले दंपतियों ने सेक्स की इच्छा में कमी और सेक्स के दौरान मिलने वाले आनंद में भी कमी की बात कही.

कृष्णमूर्ति ने कहा, “हालांकि ऐसा नहीं है कि इसकी वजह सीधे-सीधे अधिक सेक्स करना है, बल्कि इसका कारण यह है कि उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया, न कि उन्होंने खुद से ऐसा किया.”

शोध के परिणामों के विपरीत शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ दंपति अपनी भलाई सोचकर बहुत कम सेक्स करते हैं और मानते हैं कि सही दिशा में सेक्स की बारंबारता बढ़ाना लाभदायी हो सकता है.

शोध पत्रिका ‘इकोनॉमिक बिहेवियर एंड ऑर्गेनाइजेशन’ में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इसकी बजाय खुश रहने वाले लोगों में सेक्स की दर बढ़ सकती है या स्वस्थ रहने वाले लोगों में खुशी और सेक्स की दर दोनों में इजाफा हो सकता है.

मैं पत्नी के साथ सैक्स तो करता हूं, लेकिन ज्यादा एन्जौय नहीं कर पाता हूं क्यों?

सवाल

मैं 30 साल का हूं, मेरी हाल में शादी हुई है. मैं अपनी वाइफ से शादी से पहले भी मिला हूं. हम दोनों साथ में घूमनेफिरने भी बाहर गए हैं . हम दोनों में प्यार भी बहुत है लेकिन शादी के बाद हम दोनों के बीच जब सैक्स होता है तो मैं सैक्स को पूरी तरह एंजौय नहीं कर पाता हूं. ऐसा क्यों होता है, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है और मैं इस बात से परेशान रहने लगा हूं. मुझे डर लग रहा है कि इसका असर मेरी शादीशुदा जिंदगी पर न पड़े?

जवाब

आपका परेशान होना जायज है. कभीकभी हम सैक्स करते हैं लेकिन उसे पूरी तरह महसूस नहीं कर पाते हैं. ऐसा फील होता है कि हम एंजौय नहीं कर रहे हैं लेकिन यह एक नौर्मल बात है. हो सकता है शादी के कारण आप किसी तरह के तनाव में हो या फिर आप पहली बार सैक्स कर रहे हो. अमूमन ऐसा होता है कि आप पहली बार सैक्स करते हैं तो इस तरह क चीजें को अच्छी तरह से समझ नहीं पाते हैं. इससे नतीजा ये होता है कि आप सैक्स कर भी लेते हैं और आपको वो महसूस ही नहीं होता है.इसके लिए जरूरी है कि आप पहले सैक्स करने का माहौल बनाएं.

किस तरह एंजौय करे हर पल

सैक्स से पहले आप खुद को और वाइफ को तैयार करें. अपने अंदर और वाइफ के अंदर प्यार की फीलिंग्स लाएं यानी कि आप पहले वाइफ से अच्छी और रोमांटिक बातें करें. रोमांस का माहौल बनाएं. साथ ही सैक्स से पहले फोरप्ले करना बिलकुल न भूलें. क्योंकि अगर आप फोरप्ले नहीं करते हैं तो यह सैक्स को पूरी तरह एंजौय करने की सबसे बड़ी कमी है. सैक्स में हमेशा फोरप्ले जरूर करें.

फोरप्ले में कपल को एकदूसरे को कस कर बांहों में भींचना चाहिए. एकदूजे को जीभर कर चूमें और एकदूसरे को प्यार से छेड़े. याद रहे आपके प्यार की यह कहानी बेड से शुरू हो कर बेड पर ही खत्म होनी चाहिए. यह बेहद जरुरी होता है कि आप अपने पार्टनर के साथ सैक्स से पहले उनसे प्यार जताएं. अगर आपको इन चीजों की जानकारी नहीं है तो आप सैक्स से जुड़ी मैगजीन, किताबें, वेबसाइट खोल कर पढ़ सकते हैं. चाहे तो किसी करीबी दोस्त या रिश्तेदार से सलाह भी ले सकते है. फोरप्ले न होना सैक्स की एंजौयमेंट की कमी है.

सेक्स और प्यार!

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए. कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

शरीर के ये हिस्से बनाते हैं सेक्स को मजेदार

यदि आप उनके शरीर के कुछ विशेष हिस्सों पर ध्यान देंगी तो सेक्शुअल रिश्तों पर इसका जादुई असर होगा और आपकी सेक्शुअल लाइफ पहले से ज़्यादा संतुष्टिदायक हो जाएगी.

कमाल आंखों का!

कमरे के अलग-अलग हिस्सों पर खड़े होकर उन पर लगातार एक-दो सेकेंड तक नज़र डालें. नजरों से समझाएं कि आप उनका साथ चाहती हैं. ये प्रक्रिया जितनी शरारतभरी और फ्लर्ट अंदाज में होगी, उनका दिल उतने ही जोर से धड़केगा. और हां, हाई हील्स पहनिए. लंबे पैर हमेशा पुरुषों का ध्यान आकर्षित करते हैं. तब भी, जब आप चलते हुए उनसे दूर जा रही हों.

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सुगंध, जो मदहोश कर दे

शनेल नंबर 5, की खुशबू पुरुषों को आकर्षित नहीं करती. उन्हें मदहोश करनेवाली खुशबू है-पम्प्किन पाई की मीठी-तीखी सुगंध. ‘‘परफ्यूम्स को फेंक दीजिए और पम्प्किन पाई खरीद लाइए,’’ कहना है शिकागो के स्मेल ऐंड टेस्ट ट्रीटमेंट सेंटर के डॉ ऐलेन हिअर्श का.

शोध बताते हैं कि इसकी खुशबू पुरुषों को महिला की चाहत से भर देती है. यदि इसे लैवेंडर की खुशबू के साथ मिला देंगी तो आपको उनके उफान को शांत करने के लिए एक बाल्टी ठंडे पानी की ज़रूरत पड़ेगी. पम्प्किन की खुशबू से प्रतिभागियों के पीनियल (शिश्न) रक्त-प्रवाह में औसतन 40% की बढ़ोतरी पाई गई. वनीला की ख़ुशबू का भी जबरदस्त असर होता है. संतुष्टिदायक सेक्स जीवनवाले पुरुषों ने माना कि स्ट्रॉबेरी की महक भी उन्हें पसंद है.

हाथों का जादू

उनका हाथ थामे रहें. यूनिवर्सिटी कौलेज, लंदन द्वारा वर्ष 2013 में कराए गए एक अध्ययन के अनुसार, जब कभी आप तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हों अपने जीवनसाथी का हाथ थाम लें, ऐसा करने से मस्तिष्क का वह क्षेत्र शांत हो जाता है, जहां खतरे की आशंका की शुरुआत होती है. साथ ही, शरीर का तनाव कम हो जाता है.

कान महत्वपूर्ण हैं

कानों को हम भूल जाते हैं. लेकिन यह वो हिस्सा है जो सुखदायी होने के साथ-साथ उन्हें उत्तेजित कर सकता है. अपना अंगूठा और अनामिका उंगली उस जगह पर रखें, जहां उनका ईयर लोब और चेहरा आपस में मिलते हैं. हल्का-सा नीचे की ओर खींचते हुए अपनी उंगलियों को वहां फिसलने दें, ताकि आप दोबारा शुरू कर सकें. और देखें कि उनकी प्रतिक्रिया कैसी होती है.

होंठों का आकर्षण

पुरुष के होंठ स्वाभाविक जगह हैं, जहां स्पर्श उन्हें पसंद होता है. पर उनके निचले होंठ और ठोढ़ी के बीच की ढलान पर आपका स्पर्श उन्हें आनंद से भर देगा. ‘‘हमने पाया है कि ये छोटा, नाज़ुक और वक्रीय हिस्सा बहुत संवेदनशील नर्व रिसेप्टर है,’’ लो पेजेट ने अपनी किताब द बिग ओ में यह बात कही है.

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घुटनों का आनंद

घुटनों के पीछे की त्वचा नर्म-मुलायम होती है और पुरुषों को इसकी मालिश अच्छी लगती है. ‘‘शरीर के ऐसे हिस्से जहां कम बाल होते हैं, पुरुषों के लिए ज़्यादा संवेदनशील और उत्तेजक होते हैं,’’ कहना है न्यू यॉर्क की सेक्स कोच ऐमि लेविन का. ‘‘उनकी इच्छा को उभारने के लिए उनके घुटनों के पीछे के हिस्से की मालिश अपनी उंगलियों के पोरों से गोलाकार गति में करके देखिए.’’

पैरों से खेलें

एड़ी और टखने (ऐंग्कल) की हड्डी के बीच पीछे की ओर एक फ़िंगर-टिप साइज़ का प्रेशर पॉइंट है, जिसमें उत्तेजना की अपार संभावनाएं छिपी हैं, यह बात लॉरा नॉर्मैन ने अपनी किताब फीट फर्स्ट में बताई है. ‘‘यह जगह सेक्स अंगों से जुड़ी होती है,’’ लॉरा कहती हैं, जो आनंद का एहसास जगाती है. जरनल औफ सेक्शुअल मेडिसिन के सर्वे में भाग लेनेवाले आधे से ज्यादा पुरुषों का कहना था कि निपल (वक्षाग्र) पर किए गए स्पर्श ने न सिर्फ उनकी उत्तेजना को बढ़ाया, बल्कि उनके जोश को चरम पर पहुंचा दिया.

मर्द, डाक्टर से न झिझकें

हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म ‘बाला’ हो या फिर ‘विकी डोनर’. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.

इसी लिस्ट में आयुष्मान खुराना की नई फिल्म ‘डाक्टर जी’ को रखा जा सकता है, जिस में वे अपने भाई की तरह और्थोपैडिक डाक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन जब रैंक कम आती है तो उन्हें मजबूरी में गायनेकोलौजी ब्रांच लेनी पड़ती है. मतलब एक ऐसा डाक्टर, जो औरतों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है.

पर क्या भारत जैसे देश में जहां औरतों को परदे में छिपा कर रखने को बढ़ावा दिया जाता है, वहां कोई मर्द डाक्टर उन के अंदरूनी अंगों की जांच कर सकता है? बड़े शहरों में शायद ऐसा मुमकिन हो, लेकिन गांवदेहात में तो यह अभी दूर की कौड़ी है.

फिल्म ‘डाक्टर जी’ के एक सीन से इस बात को समझते हैं. डाक्टर बने आयुष्मान खुराना चैकअप के लिए एक औरत से कपड़े ऊपर करने को कहते हैं, पर इतना सुनते ही वह औरत चिल्लाने लगती है. चीखपुकार सुन कर उस औरत का पति वहां आ जाता है और आयुष्मान खुराना को पीटने लगता है.

इसी सिलसिले में गायनेकोलौजिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करने वाले इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डाक्टर कुमार गांधी ने ‘नवभारत गोल्ड’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वैसे तो इस पेशे में बहुत इज्जत मिलती है, लेकिन कभीकभार ऐसे वाकिए हो जाते हैं, जो नहीं होने चाहिए. कई बार हमें न चाहते हुए भी औरत से उन मुद्दों पर बात करनी पड़ती है, जिन के बारे में वह सब से बात नहीं करती. उस दौरान हम मरीज के कंफर्ट का बहुत ध्यान रखते हैं.’

जब कोई डाक्टर अपने मरीज के कंफर्ट लैवल की बात करता है, तो वह इस बारे में काफी संजीदा होता है. यह कंफर्ट लैवल औरतों और लड़कियों की ‘खास’ बीमारियों या समस्याओं पर पूरी तरह लागू होता है.

मान लो, किसी औरत या लड़की को माहवारी में दिक्कत आती है, तो बतौर डाक्टर पहला सवाल मन में यही उठता है कि कहीं वह पेट से तो नहीं है? लेडी गायनेकोलौजिस्ट के सामने मरीज बता सकती है कि उस की शादी हुई है या नहीं, या फिर उस ने सैक्स करते हुए कोई सावधानी बरती थी या नहीं, क्योंकि आज के जमाने में शादी होना और पेट से होना 2 अलग बातें हैं.

लेकिन अगर सामने कोई मर्द डाक्टर बैठा है तो मरीज को लगता है कि वह उस के करैक्टर पर सवाल उठा रहा है और वह असहज हो जाती है, जिस से कभीकभार मामला गंभीर भी हो जाता है. लेकिन इस से मरीज का ही नुकसान होता है, क्योंकि सामने जो डाक्टर बैठा है, वह औरतों की बीमारियों को ठीक करने में माहिर है और उस का एक ही मकसद है कि उसे मरीज की बीमारी के बारे में सभी बातें पता हों, तभी वह सही दवा या सलाह दे पाएगा.

जब से गांवदेहात में गरीब और निचली जाति की लड़कियां पढ़ने लगी हैं, तब से वे बहुत ज्यादा जागरूक होने लगी हैं. वे अपने और आसपास के परिवार की औरतों को समझा सकती हैं कि अगर कोई मर्द गायनेकोलौजिस्ट आप की अंदरूनी बीमारी का इलाज कर रहा है, तो अपनी झिझक छोड़ कर बात रखें.

गायनेकोलौजिस्ट को कभी भी मर्द या औरत डाक्टर के तराजू में न तोलें, क्योंकि वे आप की बीमारी में दिलचस्पी रखते हैं, न कि शरीर में. उन के सामने खुल कर अपनी समस्या बताएं और इन बातों का तो खास खयाल रखें :

* अगर आप की माहवारी अनियमित है और वह डेट से काफी पहले या देर से आती हो या फिर महीने में 2 बार आती हो, तो तुरंत माहिर डाक्टर को बताएं.

* माहवारी से जुड़ी कोई भी परेशानी हो, तो उस की अनदेखी न करें और बिना देर किए गायनेकोलौजिस्ट के पास जाएं.

* अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां या किसी दर्द निवारक दवा का सेवन कर रही हों और इस से आप की सेहत पर असर हो रहा हो, पीरियड में तकलीफ हो या जिस्मानी रिश्ता बनाते समय दर्द महसूस होता हो, तो गायनेकोलौजिस्ट से खुल कर बात करें.

* जिस्मानी रिश्ता बनाते समय अगर दर्द महसूस हो या फिर अंग से खून निकलने समेत कोई दूसरी परेशानी हो, तो घरेलू उपचार बिलकुल न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर अपना इलाज कराएं.

* अंग में खुजली होने या तेज बदबू आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए.

* अगर आप के पेट, पीठ या कमर में कई दिन से दर्द हो रहा हो, तो इस की अनदेखी न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर इलाज कराएं.

औरतें और लड़कियां एक बात का तो खास खयाल रखें कि वे कभी भी पंडेपुजारियों, ओझातांत्रिकों और फकीरबाबाओं के चक्कर में पड़ कर अपनी अंदरूनी बीमारियों का रोना न रोएं, क्योंकि बहुत से पाखंडी उन की इसी बात का फायदा उठा कर शोषण करने की जुगत में रहते हैं. वे ऐसी औरतों और लड़कियों की शर्म का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे और शरीर से नोंच डालते हैं.  डाक्टर का काम अपने मरीज की सेहत को ठीक करना होता है. अगर उसे बीमारी का ही नहीं पता चलेगा तो  दवा कैसे देगा? इस में मर्द या औरत डाक्टर का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है. लिहाजा, औरतों को मर्द डाक्टर से बिलकुल नहीं झिझकना चाहिए.

मेरे पति मुझसे संतुष्ट नहीं रहते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 साल की महिला हूं. मेरा डेढ़ साल का एक बच्चा है. शादी के बाद से ही पति मेरे साथ सैक्स संबंध को ले कर संतुष्ट नहीं रहते हैं. वे नियमित सैक्स करना चाहते हैं जबकि घर और बच्चे की देखभाल से मैं बेहद थक जाती हूं और रात में जल्द ही मुझे नींद आ जाती है. पति मु झे बहुत प्यार करते हैं, इसलिए मैं उन्हें नाराज भी नहीं देख सकती. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

बच्चे पैदा होने के बाद सैक्स संबंध को ले कर महिलाएं आमतौर पर उदासीन हो जाती हैं, जबकि बच्चों की परवरिश के साथसाथ पति के साथ सैक्स संबंध दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाता है.
इस में कोई दोराय नहीं कि एक गृहिणी घर और बच्चों की देखभाल में इतनी व्यस्त रहती है कि खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाती. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप घर के कामों को पति के साथ बांट लें. घर की साफसफाई, कपड़े धोना आदि कार्य प्यार से पति से करा सकती हैं.

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इस से आप पर काम का बो झ ज्यादा नहीं पड़ेगा. इस से न केवल आप खुद के लिए वक्त निकाल पाएंगी, बल्कि पति के साथ भी ज्यादा समय बिताने को मिलेगा. फिर जैसाकि आप ने बताया कि आप का बच्चा अब डेढ़ साल का हो चुका है और अब आप शारीरिक रूप से फिट भी हो चुकी हैं, तो ऐसे में सैक्स संबंध का लुत्फ उठा सकती हैं.
अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मुझे लगता है कि मुझमें संबंध बनाने की कूवत नहीं है क्योंकि…

सवाल…

मैं 28 साल का हूं. मेरी शादी हो चुकी है. मुझे लगता है कि मुझ में संबंध बनाने की कूवत नहीं है, क्योंकि लगातार हस्तमैथुन करने से मेरा अंग छोटा व पतला हो गया है. क्या करूं?

जवाब…

हस्तमैथुन से संबंध बनाने की कूवत कम नहीं होती. छोटे-पतले अंग से भी इस काम में फर्क नहीं पड़ता. हमबिस्तरी से पहले बीवी के अंगों को सहला कर उसे तैयार करें, फिर कोई वहम लाए बिना संबंध बनाए.

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सवाल…

मैं 22 साल का हूं. एक लड़की मुझे पसंद करती है. लेकिन उस के भाई से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है. अगर उसे पता चला तो हमारी दोस्ती में दरार भी आ सकती है. मुझे उचित राय दें?

जवाब

अगर आप दोनों एकदूसरे से?प्यार करते हैं तो कोई समस्या नहीं है. दोस्त की बहन से प्यार हो जाना कोई गुनाह नहीं?है. बेहतर होगा कि आप उस के घर के बड़ों को भरोसे में ले कर बात करें और दोस्त को भी सच बता दें. अगर वह समझदार होगा तो दोस्ती में दरार नहीं आएगी, बल्कि इस के रिश्तेदारी में तबदील होने की उम्मीद बढ़ जाएगी. और भी बेहतर होगा कि आप बात उजागर करने से पहले कुछ बन कर दिखाएं.

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मेरी अरेंज मैरिज हुई है मैं अपनी वाइफ से इमोशनली अटैच होना चाहता हूं, क्या करूं?

सवाल

मेरी नईनई शादी हुई है. अरेंज मैरिज है. मैं इमोशनल टाइप का लड़का हूं और शादी मेरे लिए जिंदगी की एक इंपोर्टैंट चीज है. मैं अपनी वाइफ से इमोशनली बहुत ज्यादा अटैच होना चाहता हूं, लेकिन हमारे बीच में कुछ ?ि?ाक सी है. हम दोनों एकदूसरे से खुल नहीं पा रहे. मैं खुल कर सैक्स करना चाहता हूं. लेकिन जैसा सोचता हूं वैसा हो नहीं पाता. इस कारण थोड़ा अपसैट सा रहने लगा हूं. वाइफ अच्छी है. मु?ा से कोई शिकायत नहीं करती. बस, मैं ही खुश नहीं रह पा रहा हूं. इस की क्या वजह हो सकती है?

पतिपत्नी का रिश्ता जितना खुला होगा उस में उतनी ही ताजगी होगी. पतिपत्नी के लिए अपने नए रिश्ते की शुरुआत में ही खुल कर सैक्स की बातें करने से हर चीज करनी आसान हो जाती है. कई लोगों को यह स्वीकार करने में एक ?ि?ाक महसूस होती है कि बैडरूम में उन्हें क्या अच्छा लगता है और क्या नहीं. जब तक आप इसे अपने पार्टनर को नहीं बताएंगे, सैक्स को एंजौय नहीं कर पाएंगे.

जवाब

कई लोगों में सैक्स फैंटेसीज को ले कर डर होता है कि कहीं उन का पार्टनर उन्हें गलत न सम?ा ले या फिर उन की इच्छाओं को खारिज न कर दे. अपनी कल्पनाओं को स्वीकार करना सीखें, भले ही वे कैसी भी हों. अगर आप को अपने पार्टनर पर पूरा भरोसा है तो बिना ?ि?ाके आप उन से अपनी फैंटेसीज शेयर कर सकते हैं. सैक्स को गंभीरता से लेने के बजाय थोड़ा मस्तीमजाक की तरह लें और हर काम की तरह इसे भी प्राथमिकता दें.

आजकल सामाजिक हालत ठीक नहीं. व्यक्ति को घर के बाहरअंदर हर वक्त सतर्क रहना पड़ता है. बीमारी से खुद को बचा कर रखना है. लेकिन आप जब भी अपने पार्टनर के साथ हों, इंटीमेसी के समय शारीरिक तौर पर पार्टनर के साथ पूरी तरह से इनवौल्व होना जरूरी है. इस के लिए आप को हर चीज को महसूस करने की आदत डालनी चाहिए.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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मेरा बेटा बहुत जिद्दी है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरा 6 साल का बेटा है. पता नहीं क्यों वह दिनोंदिन जिद्दी होता जा रहा है. जो भी कहते हैं, उस का उलटा करता है. जबान चलाता है जबकि हम उस की हर बात मानते हैं. इस के बावजूद वह हर वक्त नाराज व खिंचाखिंचा सा रहता है. हमारी छोटी सी फैमिली है. हम पतिपत्नी और यह हमारा इकलौता बेटा. मुझे उस की बहुत चिंता हो रही है. इस कारण मैं तनाव में रहने लगी हूं. कुछ उपाय बताएं.

जवाब

आजकल न्यूक्लियर फैमिली होती है और अकसर पेरैंट्स को यह प्रौब्लम फेस करनी पड़ती है. खैर, समस्या है तो हल निकालना पड़ेगा. सब से पहले तो आप को यह जानने की कोशिश करनी पड़ेगी कि कहीं आप के बेटे के मन में कुछ परेशानी तो नहीं चल रही. कोई वजह जिस से वह खुश न हो लेकिन आप को शेयर नहीं कर पा रहा तो सब से पहले वह बात जानने की कोशिश आप को करनी पड़ेगी.

यदि ऐसी कोई बात नहीं है तो आप को उसे दूसरी तरह से हैंडल करना पड़ेगा. सब से पहले यदि आप चाहती हैं कि आप का बच्चा आप का और आप के फैसलों का सम्मान करे तो आप को भी उस का सम्मान करना होगा, वरना आप का बच्चा आप की अथौरिटी बिलकुल बरदाश्त नहीं करेगा. बेटे को आदेश न दे कर उसे सु?ाव और विकल्प दें और यह करते हुए धैर्य रखें, अपना आपा न खोएं.

बेटे के साथ किसी भी बात को ले कर जबरदस्ती न करें. बच्चों से जबरन कुछ करवाने से वे वही करने लगते हैं जिस के लिए उन्हें मना किया जाता है. यदि बेटा टीवी देखने में लगा हुआ है. आप खुद भी उस के साथ बैठ जाइए. उस के प्रोग्राम में अपनी दिलचस्पी दिखाएंगी तो वह आप के प्रति ज्यादा जवाबदेह बनता जाएगा. बेटे को महसूस कराएं कि आप उस से जुड़े हुए हैं. जबतब उसे गले लगाएं.

बेटा जब भी अपनी कोई बात कहे उसे ध्यान से सुनें. कुछ बच्चे जिन की मजबूत इच्छाशक्ति होती है उन की राय भी मजबूत होती है और वे कई बार बहस करने लगते हैं. अगर आप बेटे की बात पर गौर नहीं करेंगी तो वह ज्यादा जिद्दी हो जाएगा.

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बच्चे को अपनी मरजी करने दें. यदि वह अपनी मरजी के कपड़े पहनना चाहता है तो पहनने दें. हां, यदि आप को लगता है कि उस के द्वारा सलैक्ट किए गए कपड़े मौके के हिसाब से ठीक नहीं हैं तो आप उसे दोतीन औप्शन दे दीजिए, इस से वह कन्फ्यूज नहीं होगा और आसानी से फैसला कर पाएगा.

एक बात और, बेटे के जिद करने पर आप उस पर चिल्लाएंगी तो शायद वह भी पीछे नहीं रहेगा. हमेशा याद रखें कि बेटे को सम?ाने में आप को उस की मदद करनी है. इन सब बातों का ध्यान रखें, तनाव बिलकुल न लें. खुद भी खुश रहिए, बच्चे को भी खुश रखिए. घर का माहौल बच्चे पर बहुत प्रभाव डालता है.

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मैं अपने से 10 साल बड़ी तलाकशुदा महिला से प्यार करता हूं, क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 28 साल की है और मैं अपने से 10 साल बड़ी तलाकशुदा महिला से प्यार कर बैठा हूं. उस का 12 साल का एक बेटा है. वह भी मुझे प्यार करती है और मैं अब उस से शादी करना चाहता हूं लेकिन उस की शर्त है कि वह दोबारा मां नहीं बनेगी. जबकि मैं चाहता हूं मेरा भी एक बच्चा हो. इधर घरवाले मेरे लिए जोरशोर से लड़की ढूंढ़ रहे हैं.

मैं खुद ही उलझा हुआ हूं तो घरवालों को क्या बताऊं. समझ नहीं आ रहा कि मुझे उस महिला की बात मान कर उस से शादी करनी चाहिए या घरवालों की बात मानूं. आप ही मुझे कोई राह सुझाएं.

जवाब

देखिए, मैं तो यही राय दूंगी कि जब तक आप उस महिला के साथ अपने भविष्य को ले कर श्योर नहीं हैं तब तक उस के बेटे को ले कर कोई बड़ा कदम उठाने से बचें. क्या आप उस के बेटे को एक पिता की तरह प्यार करने के लिए तैयार हैं?

क्योंकि जिस बेटे की खातिर वह महिला दूसरा बच्चा पैदा करने को तैयार नहीं उसे यदि आप पिता का प्यार नहीं देंगे तो यह शादी मुझे नहीं लगता कि ज्यादा लंबे समय तक टिक पाएगी. किसी तरह टिक भी जाएगी तो तनाव की स्थिति बनी रहेगी क्योंकि बेटे के साथ आप का रवैया अच्छा नहीं रहा तो उसे बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा.

अफेयर करना एक बात है और उस अफेयर को शादी में तबदील करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. अभी तक तो सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन शादी के बाद सब बदल जाएगा.

सब से बड़ी अड़चन जो पहले ही नजर आ रही है कि आप बच्चा चाहते हैं और वह नहीं. इसलिए आप का निर्णय आप के अपने लिए, आप के परिवार के लिए कितना सही हो सकता है, यह आप को खुद देखना है.

अभी आप की उम्र ज्यादा नहीं. उलझनभरी जिंदगी जीने का फायदा कुछ नहीं. अपनी इच्छा पूरी करना चाहते हैं, अपनी फैमिली बनाना चाहते हैं तो घरवाले लड़की ढूंढ़ रहे हैं तो वहां शादी कर लीजिए. बाकी आप की सोच है, आप जैसा चाहें वैसा कर सकते हैं लेकिन हर पक्ष पर सोचसमझ कर निर्णय लीजिएगा.

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