मॉर्निंग सैक्स, सारा दिन खुशगवार

कहते हैं यदि दिन की शुरुआत अच्छी हो तो दिन अच्छा गुजरता है. आप चाहें लिवइन में रह रहे हों या शादीशुदा हों सुबहसवेरे पुरुषों का मूड थोड़ा रोमांटिक रहता है. जबकि फीमेल्स के साथ ऐसा नहीं होता. वे सुबहसुबह अपने पार्टनर को सैक्स के लिए मना कर देती हैं. ऐसे में दोनों में हलकीफुलकी तनातनी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि मौर्निंग सैक्स न सिर्फ लवलाइफ के लिए बढि़या है, बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा रहता है.

तो फिर क्यों न सुबहसवेरे अपने शरारती साथी को सैक्स सरप्राइज दे कर खुश कर दिया जाए. सैक्सी सुबह से न सिर्फ साजन का, बल्कि आप का भी सारा दिन खुशगवार गुजरेगा. बस मूड बनाने की जरूरत है.

सांसों में हो ताजगी

रात को सोने से पहले अच्छी तरह ब्रश करना न भूलें. इस के अलावा अपनी साइड टेबल पर घुलने वाली मिंट जरूर रखें ताकि इन्हें सुबह उठने पर मुंह में रख कर फ्रैशनैस महसूस की जा सके वरना मुंह की बदबू सारा मजा किरकिरा कर सकती है.

छुअन का कराएं एहसास

सैक्स की शुरुआत जरा अलग अंदाज में करें. बेहद मद्धिम स्वर में सौफ्ट रोमांटिक गाना लगाएं. जैसे ही पार्टनर कसमसा कर करवटें बदलने लगें उन्हें अपनी कोमल छुअन का एहसास कराएं. उन के लिए यह इशारा काफी होगा. उन की नींद काफूर हो जाएगी और वे आप से लिपटने के लिए आतुर हो उठेगी.

 स्वस्थ रहने के लिए सैक्स जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हफ्ते में 3 बार मौर्निंग सैक्स से हार्टअटैक या स्ट्रोक का खतरा कम होता है. इस से सर्दीजुकाम होने की भी संभावना घटती है और स्किन, बालों और नाखूनों में भी निखार आता है. सुबह का सैक्स दिनभर व्यक्ति को खुश और ऊर्जावान रखने के साथसाथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है.

  कंडोम भी पास रखें?

कंडोम हमेशा पहुंच में रखें. पता नहीं सहलानापुचकारना कब हदें पार कर के समागम में बदलने को उतावला हो जाए. उत्तेजक पलों के बीच उठ कर कंडोम लेने जाने पर सारा मूड औफ हो जाएगा.

प्यार का एहसास

यह जरूरी नहीं है कि रोज सुबहसुबह सैक्स करें ही. एकदूसरे को गुदगुदाना और सहलाना भी काफी मानसिक सुख देता है. एकदूसरे से चिपक कर सहलाने, चूमने का आनंद भी सैक्स आनंद से कतई कम नहीं होता है.

 छेड़छाड़ भी जरूरी

अगर आप किसी दिन बेहद जल्दी में हों तो पिया के गालों पर गहरा चुंबन और उन्हें गुदगुदाना या हलकी चिकोटी काट कर शरारत करते हुए भाग जाना भी उन के मन को भा जाएगा और वे आप के दीवाने हो जाएंगे.

ताजगी भरा सैक्स

जरूरी नहीं कि आप सैक्स बैडरूम में ही करें. बाथरूम में शौवर के नीचे नहाते हुए सैक्स करने का बिलकुल अलग एहसास होगा. पहले एकदूसरे को अच्छी खुशबू वाला बौडी जैल लगाएं, फिर मौसम के अनुसार गरम या ठंडे पानी से नहाते हुए एकदूसरे से लिपट जाएं. फिर जहां मन करे चूमें, सहलाएं और पूरी मस्ती करें. बाथरूम का यह मिलन आप को एक अलग आनंद देगा.

इन्फेक्शन से बचना है तो सेक्स के बाद करें ये काम

जब शारीरिक संबंध आपसी रजामंदी से बनाया जाता है तो यह एक सुखद आनंद की अनुभूति कराता है। लेकिन यदि यह आनद समस्या में बदल जाए तो यह पीड़ादायक लगने लगता है। अधिकतर महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बाद शौचालय का रुख करती है  मन जाता है की शररिक संबंध के तुरंत बाद यदि महिला शौचालय जाती है तो जल्दी से गर्भ नहीं ठहरता. जो महिलाएं माँ नहीं बनना चाहती वह ऐसा करती भी हैं लेकिन मेडिकल साइंस की माने तो शारीरिक संबंध के बाद शौच जाने से उनका ब्लैडर साफ़ हो जाता हैं जिस वजह से उन्हें  इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है  साथ ही यदि पुरुष भी इसे अपनाते है तो उन्हें भी कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है इसलिए इन्फेक्शन से बचना हैं तो निम्नलिखित काम अवश्य करें और अपनी सेक्स लाइफ का भरपूर मजा ले सकें.

पानी पीना ना भूले

सेक्स के बाद पानी पीना ना भूलें क्योंकि पानी पीने से  ज्यादा पेशाब जा सकेंगे जिससे पेशाब के जरिए  शरीर के अधिक बैक्टीरिया  बाहर निकल सकेंगे और इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहेगा.

हाथ थोए व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें

सेक्स के  दौरान अपने या अपने साथी के जननांगों को छूने से आपके हाथों मे  बैक्टीरिया लग जाते हैं  जिस से संक्रमण  होने का खतरा हो सकता है इसलिए हाथों को अच्छे से डिस इंफेक्ट करें व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें.

ढीले कपड़े पहने

सेक्स के बाद टाइट अंडर गारमेंट्स का उपयोग ना करें, क्योंकि सेक्स के बाद त्वचा पर नमी आ जाती हैं जिस कारण खुजली जैसी समस्या हो सकती हैं और आपको रेशेज भी हो सकते हैं  , इसलिए सूती अंडर गार्मेंट्स पहने.साथ ही टाइट कपड़ों की जगह ढीले या कॉटन के कपडे पहन कर सोएं.

शावर लेने से बचें

कई  लोगो को गर्मियों मे रात मे सोने से पहले नहाने की आदत होती हैं लेकिन अगर आप सेक्स करने के बाद नाहते हैं तो आपके लिए यह आदत समस्या बन सकती हैं क्योंकि सेक्स के बाद हमारा शरीर थोड़ा गर्म होता हैं ऐसे मे सेक्स के तुरंत बाद नहाने से गर्म और नम वातावरण होने से बैक्टीरिया का विकास होता हैं , जिससे संक्रमण हो सकता है. इसलिए सेक्स के तुरंत बाद नहाना आपकी सेहत के लिए नुकसादेह साबित हो सकता है.

सुगंधित उत्पादों से करें परहेज

सेक्स के बाद किसी भी प्रकार का सुगंधित स्प्रे, परफ्यूम या डियो का उपयोग ना करें. तुरंत बाद इनके उपयोग से आपको प्राइवेट पार्ट में जलन या  संक्रमण की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा की आप सेक्स करने से पहले इनका प्रयोग करें जिससे  आप इन्फेक्शन से सुरक्षित भी रह सकें साथ ही आपका पार्टनर भी आपकी तरफ  आकर्षित होगा.

प्यार ही है सच्ची मर्दानगी

सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है. पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, लेकिन ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.

खून आना और बदचलनी

अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी.

काफी लोग इस खबर को ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं, जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.

अभी भी अनगिनत लोग हैं, जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.

इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान रस्सी कूदते समय या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली फट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.

लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला, तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था, तो तफतीश कर के शादी करते. अब उस का जीना मुहाल क्यों कर रहे हैं?

मर्दानगी का जौहर

दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं, जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.

ऐसा अगर हो भी जाए, तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है, तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.

यह कैसी मर्दानगी

तीसरे लोग वे हैं, जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.

मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बादही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.

सैक्स में भड़ास

कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.

ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.

जहर घोलती ब्लू फिल्में

5वीं किस्म उन लोगों की है, जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.

लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.

सैक्स मशीन नहीं है साथी

इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल और सदस्यों वगैरह के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.

वियाग्रा सिर्फ सैक्स के लिए नहीं होती

डायमंड के आकार वाली छोटी सी नीली गोली वियाग्रा सैक्स पावर को बढ़ाने के अलावा दूसरी बीमारियों में भी कमाल का असर दिखाती है. वियाग्रा में मौजूद दवा सिल्डेनाफिल को मर्दों की सैक्स संबंधी कमजोरियों को दूर करने में असरकारक माना जाता है लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार, वियाग्रा अन्य कई गंभीर रोगों में भी फायदेमंद है.

कई देशों में वियाग्रा के साइड इफैक्ट्स के बारे में शोध करने पर इस के कई फायदे सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. अमेरिका में किए गए एक शोध के अनुसार, ठंड के मौसम में अकसर लोगों की उंगलियों में ऐंठन, दर्द होना, मुड़ न पाना, पीली पड़ जाना जैसी समस्याएं हो जाती हैं. ठंड से बच कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

इस समस्या से जूझ रहे मरीजों को सिल्डेनाफिल देने पर उन्हें काफी फायदा हुआ. ऐसे स्थान जहां अधिक बर्फ पड़ती है, वहां के लोगों को माउंटेन सिकनैस की समस्या हो जाती है. ऊंचे स्थानों पर औक्सीजन की कमी होने से ब्लड में इस का लेवल कम हो जाता है जिस से पल्मोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं. ऐसे में हृदय को पंपिंग करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है.

पल्मोनरी हाइपरटैंशन जैसी समस्या में भी सिल्डेनाफिल काफी प्रभावशाली होती है. फेफड़ों की बीमारी व हृदय संबंधी गड़बडि़यां होने पर पल्मोनरी हाइपरटैंशन की समस्या हो सकती है. पल्मोनरी हाइपरटैंशन के इलाज के लिए पुरुष व स्त्री दोनों के लिए सिल्डेनाफिल की 20 एमजी की 1-1 खुराक दिन में 3 बार निर्धारित की गई है. क्लीनिकल ट्रायल्स में इस दवा के काफी बेहतर परिणाम मिले हैं.

हृदय रोगियों के लिए हालांकि वियाग्रा सुरक्षित नहीं है लेकिन एक ही जगह पर रक्त की अधिकता, जिस की वजह से हार्ट फेल्योर की समस्या उत्पन्न होती है, के मरीजों के लिए सिल्डेनाफिल काफी प्रभावकारी होती है.

स्ट्रोक जैसी समस्या में सिल्डेनाफिल कमाल का असर दिखाती है. इस विषय पर शोध करने वाले जरमनी के डा. मैक रैपर का कहना है कि सिल्डेनाफिल मस्तिष्क के स्ट्रोक को दूर  करने में काफी अच्छा काम करती है.

सिल्डेनाफिल को ले कर नए शोध जारी हैं.  शोधों में इस से होने वाले लाभ और नुकसान के नतीजे सामने आ रहे हैं. बहरहाल, अब तक किए गए नतीजों से वियाग्रा एक लाभदायक दवा के रूप में भी सामने आई है. मगर ध्यान रहे, ऐसी कोई भी दवा बिना विशेषज्ञों की सलाह के बगैर न लें.

सुहागरात : मर्दानगी का नहीं, प्यार का दिन

सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है.  पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, पर ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.

खून आना और बदचलनी

अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी. काफी लोग इसे ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.

अभी भी अनगिनत लोग हैं जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.

इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान, रस्सी कूदते या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली हट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.

लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था तो तफतीश कर के शादी करते, अब उस का जीना हराम क्यों कर रहे हैं?

मर्दानगी का जौहर

दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया, तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.

ऐसा अगर हो भी जाए तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.

यह कैसी मर्दानगी

तीसरे लोग वे हैं जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.

मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बाद ही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.

सैक्स में उग्रता

कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.

ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.

जहर घोलती ब्लू फिल्में

5वीं किस्म उन लोगों की है जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.

लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.

सैक्स मशीन नहीं है साथी

इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल, सदस्यों के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.

कंडोम के बारे में क्या आप ये बातें जानते हैं

16वीं शताब्दी में यूरोप में लिनेन के बने कंडोम का इस्तेमाल शुरू हुआ. धीरे-धीरे दो शताब्दियां बीतते-बीतते कंडोम जानवरों की खाल से बनाए जाने लगे. पर उस तरह के कंडोम न तो पूरी तरह फिट रहते होंगे और न ही आधुनिक कंडोम्स की तरह सुविधाजनक.

फिर भी पुरुष और कभी-कभी महिलाएं कंडोम को जोश और मूड औफ करनेवाला मानते हैं. सेक्सोलौजिस्ट व काउंसलर डा. हितेन शाह कहते हैं कि यह एक मिथक है. ‘‘यदि आप अपनी सेक्शुएलिटी के लिए आत्मविश्वास से भरे हैं तो कोई भी चीt मूड को समाप्त नहीं कर सकती.’’

आजकल बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले कई तरह के कंडोम उपलब्ध हैं, बहुत ही मुलायम से लेकर वाइब्रेटिंग तक, जो अपनी उपस्थिति का पूरा एहसास कराते हैं. अलग-अलग आकार और नाप के कंडोम भी उपलब्ध हैं. पहले अवरोध की तरह समझे जानेवाले कंडोम्स को अब यौनसुख को बढ़ाने का माध्यम समझा जाने लगा है. डा. शाह कहते हैं,‘‘इतने तरह-तरह के कंडोम्स में से अपने लिए उपयुक्त कंडोम की तलाश भी खुद में एक खूबसूरत अनुभव हो सकता है.’’

सही आकार का कंडोम न चुनने और उसे सही तरीके से न पहनने की वजह से ही अक्सर कंडोम मजा खराब करनेवाला बन जाता है. हर पुरुष को संवेदनशीलता और आकार के अनुसार अलग तरह के कंडोम की आवश्यकता होती है, जैसे-रिब्ड कंडोम कुछ दंपतियों को आनंददायक लगते हैं तो कुछ को अपनी त्वचा पर चुभते हुए. महत्वपूर्ण ये है कि आप अलग-अलग तरह के कंडोम्स का इस्तेमाल कर अपने और अपने साथी के लिए उपयुक्त कंडोम चुनें.

पर सच तो ये है कि कंडोम जोश और उत्तेजना को बढ़ाने का काम करते हैं. इनकी वजह से आप चिंतामुक्त रहते हैं और इसका ल्युब्रिकेंट (चिकनाई) सेक्स के अनुभव को सहज बनाता है. वहीं डा. शाह कहते हैं,‘‘कंडोम पहनने में जो वक्त लगता है, यकीनन वो आपके फोरप्ले का समय और साथ ही आनंद को भी बढ़ाता है.’’

इस स्तन के आकार की महिलाएं हैं ज्यादा आकर्षक

महिलाओं के वक्ष को ले कर पुरूषों में बेहद कामुकता देखी जाती है. वक्ष को ले कर उनकी धारणाएं, सोच, ख्याल सब बहुत अनोखे और अति होते हैं. यही कारण रहा कि पुरूषों को किस तरह के स्तन पसंद है इस बात को ले कर कई शोध किए जा चुके हैं पर अब तक किसी खास नतीजे पर पहुंचना संभव ना हो सका.

महिलाओं के वक्ष हर तरह के होते हैं. कुछ डील-डौल, कुछ बड़े, छोटे, चुस्त और ढीले भी हो सकते हैं और कई बार तो ये भी होता है कि दोनों स्तन समान आकार के ना हों. ज्यादातर पुरूषों में बड़े स्तन वाली महिलाओं के प्रति आकर्षण होता है, इसका मनोवैज्ञानिक कारण ये सामने आया कि पुरुषों को लगता है कि बड़े स्तन वाली महिलाएं दुसरों से तुलनात्मक रूप से ज्यादा उर्वर होती हैं.

इस मामले पर विश्व भर के कई शोधकर्ताओं ने शोध किया है. इसमें ब्राज़ील, कैमरून, चेक गणराज्य और नामीबिया के 250 ऐसे पुरुषों को ढूंढा गया जो महिलाओं के स्तनों की तसवीरें देखकर उनका आकलन करने को तैयार थे. उन्हें विभिन्न प्रकार के स्तनों की तसवीरें दिखाई गयी और उन्हें उनकी सुंदरता के आधार पर अंक देने को कहा गया. जिसमें ये बात सामने आई कि अधिकतर पुरुषों में मध्यम आकार के स्तन को ले कर ज्यादा आकर्षण दिखा. इसके अलावा पुरुषों के पसंद के पीछे उनके भागौलिक संबंध का भी असर दिखा. चेक गणराज्य को छोड़ दें तो बाकी देशो में हर पांच में से एक पुरुष को छोटे स्तन अच्छे लगते थे. विश्व के अलग हिस्सों में हुए कई और अध्ययनों से भी यही बात सामने आई है कि पुरुषों को सभी तरह के स्तन पसंद आते हैं.

सैक्स के बाद मर्दाना अंग में जलन,डाक्टर से लें सलाह

माधव की उम्र 45 साल थी. उस के 2 बच्चे थे. पत्नी सविता की उम्र 40 साल थी. पतिपत्नी ज्यादा तो सैक्स नहीं कर पाते थे, पर उन में बहुत ज्यादा प्यार था. हां, जब कभी मूड कर गया, तो माधव सविता की देह मथ ही देता था.

सविता भी पति की बांहों में खो जाती थी. पर यह सब हफ्ते में 2-3 बार ही हो पाता था. लेकिन पिछले कुछ समय से माधव एक नई समस्या से जूझ रहा था. पत्नी के साथ सैक्स करने के बाद उस के अंग में तेज जलन होती थी और कई बार तो वह दर्द से बिलबिला जाता था. पहले तो माधव ने सोचा कि सविता के पास काफी दिनों में जाने से ऐसा हो सकता है, पर पिछले 2 दिन में 2 बार सैक्स करने पर भी उसे वही दर्द हुआ.

माधव ने यह बात किसी को नहीं बताई और इसे आम बात समझ कर चुप्पी साध गया, पर मन ही मन वह सैक्स करने के विचार से ही डरने लगा. सविता भी नहीं समझ पाई कि अब माधव उस से दूरी क्यों बना रहा है, जबकि वह तो उसे पूरा मजा देती है.

भारत में सब से ज्यादा दिक्कत की बात यह है कि अच्छे पढ़ेलिखे लोग भी सैक्स से जुड़ी बीमारियों को जानबूझ कर अनदेखा कर देते हैं और इलाज की कमी में उन्हें बड़ा बना देते हैं, जबकि किसी माहिर अच्छे डाक्टर के पास ऐसी बीमारियों का इलाज हो सकता है.

लेकिन माधव डाक्टर के बजाय किसी नीमहकीम के दरवाजे पर जा पहुंचा, जहां इलाज के नाम पर उसे इतना काढ़ा पिलाया गया कि वह हाथ जोड़ने लगा, जबकि उसे अपनी बीमारी से छुटकारा नहीं मिल पाया.

मर्दाना अंग में जलन बारे में ‘अल्फा वन सैंटर’ के डायरैक्टर और ‘यूरोपियन कमेटी औफ सैक्सुल मैडिसिन’ के फैलो डाक्टर अनूप धीर का मानना है, ‘‘सैक्स के बाद अंग में जलन एक एसटीआई का संकेत हो सकता है, जैसे अंग का दाद, सिफलिस, क्लैमाइडिया या गोनोरिया. अगर आप को संभावित एसटीआई पर शक है, तो सैक्स करने से बचें और अपने अंग की जलन की सटीक वजह का पता लगाने के लिए डाक्टर से मिलें.

‘‘सैक्स का रगड़ाव आप के अंग की चमड़ी को परेशान कर सकता है खासकर अगर आप का साथी सही रूप से लुब्रिकेटेड नहीं है. पार्टनर के शरीर पर रगड़ने से चमड़ी की ऊपरी परत घिस सकती है. यह नीचे की संवेदनशील परत को उजागर कर सकता है, जिस में तंत्रिकाएं और ऊतक होते हैं.

‘‘यह दर्द केवल एक दिन तक रह सकता है, अगर आप ऐसी गतिविधियों यानी सैक्स करने से परहेज करते हैं जो चमड़ी को और परेशान कर सकती हैं. कुछ देर तक सैक्स करने या फिर जोरजोर से सैक्स करने से आप के अंग में दर्द हो सकता है.

‘‘यह लंबे समय तक सीधा रहने का नतीजा हो सकता है, जो मांसपेशियों और ऊतकों को तनाव और कभीकभी चोट भी पहुंचा सकता है.’’

डाक्टर अनूप धीर का यह भी मानना है कि अगर यह समस्या बढ़ रही है तो माहिर डाक्टर से चैक कराने में देर न करें और उस के बताए गए इलाज का पूरी तरह पालन करें.

इन बातों का रखें खयाल

  1. सैक्स से पहले और बाद में दोनों पार्टनर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई जरूर करें.

2. कंडोम का इस्तेमाल करें.

3.  सैक्स के बाद अंडरवियर बदल दें.

4. अंग में दर्द होने पर कुछ समय के लिए सैक्स करना छोड़ दें.

5. ऐसी सैक्स पोजिशन न इस्तेमाल करें, जिन से बाद में दिक्कत होती हो.

क्या आपको पता हैं औरतों के ये 12 राज?

बहुत सी ऐसी बातें है जिसकी चाहत हर महिला को होती है लेकिन वो स्‍वयं इन्हें अपनी जुबां से कभी नहीं कहती. जैसे उनका प्रेमी उनके नखरे उठाएं, उनके आगे-पीछे घूमें, उन्हें महत्‍वपूर्ण समझें, उनकी हर बात मानें.

1. महिलाओं के सीक्रेट

महिलाओं का स्‍वभाव बहुत शार्मिला होता है. इसलिए उनके दिल की बात को जुबां तक आने में काफी समय लगता हैं. लेकिन बहुत सी बातें ऐसी है जो हर महिला चाहती हैं. जैसे अपने प्रेमी से प्‍यार और देखभाल की उम्‍मीद, साथ ही यह भी की उनका प्रेमी उनके नखरे उठाएं, उनके आगे-पीछे घूमें, उन्हें महत्‍वपूर्ण समझें, उनकी हर बात मानें. आइये इसके अलावा महिलाओं की सीक्रेट के बारे में जानें.

2. अपनी तारीफ सुनना

महिलाओं को हमेशा उनकी तारीफ करने वाले पुरुष बहुत अच्‍छे लगते हैं. ऐसे में उन्‍हें बहुत अच्‍छा लगता है जब प्रेमी उनमें किसी भी तरह का बदलाव दिखने पर तुरंत उनकी प्रशंसा करें. जैसे अगर महिला फिट दिखें, कोई नया हेयरकट करवाया हो या आकर्षक लगें, तो उनकी तारीफ जरुर करें.

3. ध्यान रखने वाला पुरुष

महिलाओं को केयर करने वाले पुरुष बहुत पसंद होते है. महिलाएं संवेदनशील होती है इसलिए उन्‍हें ऐसे ही पुरुष बहुत अच्‍छे लगते है. जो परेशानी के समय उनकी अच्‍छे से देखभाल कर सकें.

4. कपड़ों से प्रभावित होना

ज्‍यादातर महिलाएं पुरूषों को उनके पहनावे से भी पसंद करती है. इसलिए पुरुषों को चाहिए कि वह महिलाओं को अपने कपड़ों से प्रभावित करने की कोशिश करें. पुरुषों को हमेशा अपने सौंदर्य और कपडों पर ध्यान देना चाहिए. अगर, महिलाएं आपको टाइट जींस में देखना पसंद करती है, तो उनके लिए ज्यादातर टाइट जींस पहनें.

5. पुराने संबंधों के बारे में जानना

अगर महिलाएं आप से आपके पुराने संबंधों के बारे में बात करना चाहे, तो इसका अर्थ यह नहीं कि आपने कुछ गलत किया है. अपने संबंधों के बारे में बात करने से ना डरें. यह तो आप दोनों के लिए अच्छी बात है, क्‍योंकि सच्चाई और लंबी बातचीत आप लोगों को एक दूसरे के करीब ला सकती है.

6. सुझावों को थोपें नहीं

अकसर पुरुष महिलाओं की समस्‍या सुने बिना अपने सुझावों को उनपर थोपने लगते हैं. पुरुष, अपने राय को उन पर थोप कर उनकी दुनिया को सीमित कर देते हैं. इसलिए अगर वह किसी बात से परेशान है, तो उन्हें सलाह देने से पहले उनकी बात को अच्‍छे से सुनें.

7. रिश्‍ते में रोमांस

महिलाएं अपने रिश्‍ते की कद्र करने के साथ रिश्‍ते में रोमांस को निरंतर बनाये रखना चाहती हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आपका रिश्‍ता चाहे वह 5 म‍हीने से हो या 5 सालों से उसमें रोमांस को हमेशा बनाये रखें.

8. कमियों को जानना

महिलाओं को प्रशंसा करने वाले पुरुषों के साथ-साथ कमियां बताने वाले पुरुष भी पसंद होते हैं. जैसे, अगर महिला लंबे समय तक काम करने के बाद काफी थक गई हैं और चिडचिडापन महसूस कर रहीं हैं तो उस समय उनकी कमी को बताने वाले पुरुष पसंद आते हैं.

9. बातों को ध्‍यान से सुनना

महिलाएं अकसर यह जानने की कोशिश करती हैं कि उनकी बातों को आप कितनी ध्‍यान से सुनते हो और कैसे प्रतिक्रिया देते हैं. इसलिये महिलाओं से बात करते समय केवल सर हिलाना काफी नहीं है उनकी बात को महत्वपूर्ण ढंग से सुने.

10. सेक्स में उनकी चाहत

महिला अकसर सेक्‍स के बारे में बात करना और अपने साथी को खुश करना चाहती हैं. इसलिए आप भी सेक्‍स के दौरान वह करें जो महिला साथी चाहती है. इसके लिए विनम्र दृष्टिकोण अक्सर सबसे अच्छा होता है. पहले, यह पूछे कि वह क्या चाहती है. फिर अपनी इच्छा को सकारात्मक और सही तरीके से उनके सामने व्यक्त करें.

11. शिष्टता का व्‍यवहार

जब रोमांस की बात आती है तो बहुत सारी महिलाएं पुरुषों की पारंपरिक मर्दाना भूमिका ही पसंद करती है. जैसे लड़की बैठने के लिये खुद ही कुर्सी खीच सकती हो, लेकिन वह आपका इंतजार करती है कि आप उसको कुर्सी खींच कर दें. तो समय आ गया है कि आप उसकी नजरों में सज्जन पुरुष बन जाएं.

12. आपकी शर्ट उनके लिए प्यार का चुंबक

क्‍या आपकी महिला साथी आपके स्‍वेटर में सिकुड़ने या शर्ट में घुसने का प्रयास करती हैं. कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, महिलाओं को पुरुष के पसीने की गंध से आरामदायक प्रभाव पड़ता है. क्‍या आप महिलाओं के इस सीक्रेट के बारे में जानते हैं.

खुशहाल दांपत्य के लिए जरूरी है सैक्स

ऐसा माना जाता है कि शादीशुदा जिंदगी में सैक्स लाइफ अच्छी हो तो शादीशुदा जिंदगी खुशनुमा रहती है. विभिन्न शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि जिन कपल्स की सैक्स लाइफ अच्छी होती है, वे लंबे समय तक स्वस्थ उम्र जीते हैं, लेकिन कई बार दांपत्य जीवन में एक समय के बाद बोरियत आने लगती है. जिंदगी कुछ नीरस सी हो जाती है. कुछ भी नया नहीं होता. हम एकदूसरे से बोर होने लगते हैं. हमारे रिश्ते में बोरियत सी आ जाती है और हम एकदूसरे की परवाह किए बिना अपनी दुनिया में खो जाना चाहते हैं.

हम अपने किसी निर्णय में एकदूसरे की दखलंदाजी को बरदाश्त नहीं कर पाते और आए दिन लड़ाई होने लगती है.

यदि आप की जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है तो आप को आवश्यकता है अपने रिश्ते को दोबारा निखारने की.

दांपत्य जीवन को लंबे समय तक तरोताजा रखने के लिए सैक्स लाइफ का एक अहम रोल होता है इस के लिए सब से जरूरी है खुद को स्वस्थ एवं हमेशा ऊर्जा से भरा हुआ रखना.

आजकल भागमभाग वाला हमारी जो लाइफस्टाइल है उस में खुद को स्वस्थ रखना किसी चुनौती से कम नहीं. रात को देर से सोना, सुबह देर से उठना, बेवक्त खानापीना, अपना फ्री समय मोबाइल और टीवी के सामने बिताने आदि से हमें खुद को स्वस्थ्य रखने का वक्त ही नहीं मिल पाता और हम 40-45 की उम्र तक खुद को फिट और ऊर्जा से भरा हुआ महसूस नहीं कर पाते जिस का प्रभाव हमारी सैक्स लाइफ पर भी पड़ता है.

कई बार हम पार्टनर की इच्छा को पूरी नहीं कर पाते जिस के कारण हमारे रिश्ते में बोरियत आने लगती है और हमारी सैक्स लाइफ जल्दी खत्म हो जाती है, इसलिए यदि आप अपने रिश्ते को लंबे समय तक खुशनुमा बनाए रखना चाहते हैं तो खुद को स्वस्थ रखें ताकि आप अपने पार्टनर की इच्छा को पूरा कर सकें.

उम्र के हर पड़ाव पर खासकर 40-45 वर्ष के बीच खुद को स्वस्थ एवं हमेशा ऊर्जा से भरा हुआ रखने के लिए शरीर का स्वस्थ होना सब से आवश्यक है ताकि आप असमय होने वाली बीमारियों से दूर रह सकें और अपनी सैक्स लाइफ का लंबे समय तक भरपूर मजा ले सकें. इस के लिए आवश्यक है कुछ बातों को अपनाने या अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने की ताकि आप के रिश्ते में कभी बोरियत न आए और आप का दांपत्य जीवन हमेशा फ्रैश और खुशियों से भरा रहे.

40 वर्ष की उम्र के बाद सैक्स लाइफ में रोमांच को बनाए रखने के लिए आप को कुछ खास तरीके अपनाने होंगे.

डिटौक्सिफिकेशन

यदि आप 40-45 की उम्र के पड़ाव पर हमेशा सुस्ती का अनुभव करते हैं एवं ऊर्जा से भरा हुआ महसूस नहीं करते हैं तो आप के शरीर को जरूरत है डिटौक्सिफिकेशन की ताकि आप अपने शरीर को स्वस्थ और जवान रख सकें और अपने वैवाहिक जीवन को हमेशा तरोताजा रख सकें.

डिटौक्सिफिकेशन के लिए क्या करें

शरीर के अंदर का डिटौक्सिफिकेशन: डिटौक्स, शरीर और दिमाग को स्वस्थ और तरोताजा रखने की प्रक्रिया है और इस से नई ऊर्जा का संचार होता है, आप की मानसिक तनाव और दूसरी अन्य बीमारियां दूर होती हैं. शरीर को डिटौक्स करने के लिए कुछ खाद्य और पेयपदार्थों का सेवन करना, ज्यादा पानी पीना और हरी सब्जियां खाना बहुत जरूरी होता है, कुछ पदार्थों का त्याग करना पड़ता है जैसे शराब, तले पदार्थ, चीनी, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोसैस्ड फूड आदि के कारण तनाव बढ़ जाता है और यही तनाव शरीर की क्रियाओं के साथसाथ आप की सैक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है.

आप अस्वस्थता के चलते 40-45 की उम्र तक अपनी सैक्स लाइफ का भरपूर मजा नहीं ले पाते, आप की सैक्स लाइफ में बोरियत आने लगती है.

बनाएं अपने शरीर को सुडौल: हर वैवाहिक जोड़े की इच्छा होती है कि उस का पार्टनर सुंदर दिखे चाहे औरत हो या पुरुष, इस के लिए हम अच्छे कपड़े, फुटवियर, सौंदर्य का सामान आदि खरीदते हैं और अपना काफी पैसा भी इन पर खर्च कर देते हैं. शादी के बाद तो औरतें सुंदर दिखने के लिए कुछ ज्यादा ही कौंसियस हो जाती हैं और चाहती हैं कि अपने पार्टनर को इंप्रैस और आकर्षित कर सकें. मगर सब के साथसाथ अपने आहार पर भी ध्यान देना होगा और साथ ही नियमित व्यायाम व पर्याप्त नींद भी जरुरी है.

इस के लिए वयस्तता के बीच अपनी उम्र और सेहत के हिसाब से व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाना ही होगा. योग, प्राणायाम और मैडिटेशन हमें सिर्फ बहार से ही नहीं अंदर से भी मजबूत बनाते हैं. उम्र के हर पड़ाव पर खुद को स्वस्थ रखने के लिए योग, मैडिटेशन, साइक्लिंग, मौर्निंग वाक आदि की आदत डालें ताकि आप हमेशा खुद को फिट और ऊर्जा से भरा हुआ रख सकें, मानसिक एवं शारीरिक बीमारियों से दूर

रख सकें.

अपनी उम्र के अनुसार चुनें आहार: हम सभी को चाहे महिला हो या पुरुष अपना खानपान उम्र के अनुसार करना चाहिए खासकर महिलाओं को अपनी डाइट को ले कर सतर्क होना चाहिए क्योंकि उन्हें उम्र के हर पड़ाव पर अलगअलग नूट्रियस हैल्दी डाइट की आवश्यकता होती है एवं घर से ले कर औफिस तक की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. इस के लिए आवश्यक है कि वे खुद पूरी तरह से फिट और स्ट्रौंग रहें, इस के लिए उन का खानपान सही होना अति आवश्यक है.

40 से 50 की उम्र में महिलाओ के शरीर में हारमोनल बदलाव एवं उन के इंसुलिन लैवल में भी बदलाव आता है. हड्डियों से संबंधित, मेनोपौज एवं और भी कई तरह की समस्याए शुरू होने लगती हैं.

अत: इस उम्र में खानपान के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. इस के लिए ज्यादा फाइबरयुक्त, हरी सब्जिया, कैल्सियमयुक्त डायरी प्रोडक्ट्स, नट्स आदि अपने भोजन में शामिल करने चाहिए.

तनाव को करें कम: महिलाएं हों या पुरुष, दोनों में ही सैक्स क्षमता में कमी का कारण हारमोंस की गड़बड़ी, रोजमर्रा का तनाव और उम्र के साथ घटता ऐनर्जी लैवल है वैसे तो सैक्स तनाव को कम करता है. मगर कई बार रोजमर्रा की जिंदगी की टैंशन और तनाव आप पर इतना हावी हो जाता है कि आप की सैक्स लाइफ को प्रभावित करने लगता है.

इस के लिए आप पर्याप्त नींद ले कर तनाव और चिंता को कम कर के रोजाना योग एवं ध्यान की मदद से अपनी सैक्स की इच्छा को बरकरार रख सकते हैं तथा अपने ऐनर्जी लैवल को बढ़ा सकते हैं.

उपयुक्त कपड़ों का चुनाव करें

सैक्स के समय आप के पार्टनर ने क्या पहन रखा है इस का भी सैक्स लाइफ पर बहुत असर पड़ता है, इसलिए सैक्स के समय सैक्सी कपड़ों का चयन करें ताकि पार्टनर को आकर्षित कर सकें.

कई बार कुछ लोग सैक्स के दौरान अपने आनंद को बढ़ाने के लिए अलकोहल का प्रयोग करते हैं, मगर ध्यान रहे यदि आप थोड़ी मात्रा में इस का सेवन करते हैं तो ठीक है, लेकिन ज्यादा मात्रा में प्रयोग आप की सैक्स लाइफ को प्रभावित करता है, इसलिए किसी भी नशीले पदार्थ से दूरी बनाए रखें.

इस तरह अपनी दिनचर्या में बदलाव कर अपने रिश्ते को बोरियत से दूर रख सकते हैं और उम्र के 40-45 वर्ष के पड़ाव पर सैक्स लाइफ का भरपूर मजा ले सकते हैं अपनी शादीशुदा जिंदगी की गाड़ी को लंबे समय तक तरोताजा एवं खुशियों से भरा रख सकते हैं.

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