पेनकिलर है सैक्स

सैक्स पार्टनर के रिश्ते को मजबूत बनाता है, यह हम सभी जानते हैं. मगर सैक्स ऐसी चीज है जो शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तनाव को कम करने में भी मददगार होता है. सैक्स आखिर कैसे मेलफीमेल दोनों के लिए फायदेमंद है, इस पर चर्चा के दौरान दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के डाक्टर अनिल अरोड़ा ने विस्तार से बताया. जिस के मुख्य बिंदु इस तरह हैं-

सैक्स इम्यूनिटी बढ़ाता है : सैक्स पूरे शरीर को प्रभावित करता है. यह दिलदिमाग के साथसाथ रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. इस से शरीर ऐक्टिव रहता है.

जकड़न से छुटकारा : यदि पार्टनर किसी स्टिफनैस की समस्या से परेशान रहते हों तो सैक्स उन की मदद करता है. दरअसल यह एक ऐसी क्रिया है जिस से शरीर की सभी मसल्स की ऐक्सरसाइज हो जाती है. इस से स्टिफनैस जैसी तकलीफ से भी छुटकारा मिलता है. कोलैस्ट्रौल नियंत्रित रहता है, रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, सर्दीजुकाम की समस्या कम होती है.

पेनकिलर का काम करता है सैक्स : शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो तो सैक्स से परहेज न करें, क्योंकि सैक्स करने से दर्द से राहत मिलेगी. यह तनाव भी दूर करता है.

खूबसूरती : यदि दोनों पार्टनर ही खुल कर सैक्स सुख को अपनाते हैं तो इस से उन की खूबसूरती ही नहीं बढ़ती, बल्कि उम्र भी बढ़ती है.

शिथिलता : सैक्स की इच्छा होने पर पुरुष इंद्रिय की ओर रक्तसंचार का प्रभाव बढ़ता है, जिस से इंद्रिय में उत्थान और कठोरता आती है. यदि आप का पार्टनर भय, चिंता, तनाव से परेशान हो तो इंद्रिय की कठोरता समाप्त या फिर कम हो जाती है. ऐसे पार्टनर को मानसिक रूप से नपुंसक कहा जाता है.

मानसिक तनाव : सैक्स मानसिक तनाव को कम करता है. इंद्रिय उत्थान नर्वस स्टिम्युलेशन पर आधारित होता है. सैक्स यहांवहां के स्ट्रैस को कम करता है और सुख की प्राप्ति देता है.

तीखे, गरम, खट्टे का अधिक सेवन :जो लोग अत्यधिक तीखे खट्टे का सेवन करते हैं उन की सैक्स की इच्छा में प्रभाव पड़ता है. सैक्स का पूरी तरह से आनंद उठाने के लिए इन्हें कम करने की जरूरत है.

प्रजनन अंग में रोग : प्रजनन अंग का रोग इंद्रिय उत्थान क्रिया में बाधा डालता है, जिस से पतिपत्नी दोनों ही सैक्स को एंजौय करते हुए समस्या का सामना करते हैं. इस का एक समाधान यह है कि पार्टनर अपने प्राइवेट पार्ट को साफ रखें, फोरप्ले पर जोर दें और आजकल सैक्स टौयज की भरमार है तो इन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

सैक्स के दौरान पार्टनर का सहयोग : पार्टनर सैक्स के दौरान पूर्णरूप से सहयोग करे तो सैक्स को चरम पर पहुंचाया जा सकता है. सैक्स में इंटिमेसी दोनों तरफ से होनी जरूरी है. सैक्स में अगर एक शिथिल है तो पूरे सैक्स का मजा किरकिरा हो जाता है. ऐसे में दोनों अगर सहयोग करें तो मजा बढ़ाया जा सकता है.

सैक्स के अच्छे नियम बनाना : कई बार संबंध बनाने के दौरान पत्नी कुछ गैरजरूरी नियम बना लेती है, जैसे लाइट औफ करना, नए तरीके आजमाने के लिए मना करना, जल्दी करो की रट लगाना आदि से भी संबंध बनाने में नाकामी का सामना करना पड़ता है. इस से बढि़या सैक्स में कुछ नया क्या किया जा सकता है- अलगअलग सैक्स पोजीशन, थीम, ड्रैस, रंगबिरंगी लाइट, सैक्स टौयज आदि चीजें हैं जिन से अच्छे सैक्स का आनंद लिया जा सकता है.

पहल करना : परिणय संबंध के लिए फीमेल द्वारा हमेशा मेल की ही बाट जोहना, खुद कभी पहल न करना भी मेल को अच्छा नहीं लगता. बहुत बार पति भी चाहता है कि पत्नी पहल करे. ऐसे में जब महिलाएं पहल करती हैं तो सैक्स में इंटिमेसी दोगुनी हो जाती है.

उत्साह बनाए रखना : सहवास के दौरान पतिपत्नी दोनों को उत्साह के साथ हंसतेबोलते, चुहलबाजी करते हुए सहयोग करना चाहिए. यदि पत्नी ऐसा नहीं करती तो पति को लगता है कि पत्नी केवल औपचारिकता निभा रही है.

आर्गेज्म की परवा न करना : जिस तरह पत्नी चाहती है कि वह सैक्स में पति को पूरी तरह संतुष्ट कर सके, ठीक उसी तरह पति भी चाहता है कि वह पत्नी को पूर्णरूप से संतुष्ट कर सके, मगर यह तभी संभव हो सकता है जब दोनों ही मानसिक व शारीरिक रूप से एकदूसरे से जुड़ कर सैक्स का आनंद लें.
डा. अनिल बताते हैं कि सैक्स की कमजोरी में टेस्टोस्टेरौन का प्रयोग किया जाता है. यानी, पुरुष हार्मोन से इलाज किया जाता है. यह उन रोगियों के लिए ही उपयोगी सिद्ध होता है जिन के शरीर में सचमुच कामोत्तेजना की कमी होती है.

इस तरह सैक्स की नाकामी को दूर कर के सुखद सैक्स जिंदगी जीना आज की भागमभाग वाली जिंदगी के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है.

सुहागरात को मजेदार बना देंगे ये 10 टिप्स

सुहागरात हर किसी के जीवन की एक ऐसी रात होती जिसका बेसब्री से इंतज़ार रहता है, लेकिन साथ ही लड़का हो या लड़की दोनों के मन में तरह-तरह की आशंकाएं भी रहती हैं. वैवाहिक जीवन में दैहिक संबंध लाज़मी हैं भी, लेकिन कई तरह की आशंकाएं और भ्रांतियों की वजह नव दंपत्ति सुहागरात का भरपूर आनंद उठा नहीं पाते.

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि जिस देश ने स्त्री-पुरुष दैहिक संबंधों पर कामसूत्र जैसा ग्रंथ इस दुनिया को दिया हो वहां ही इस‍ विषय पर चर्चा करना टैबू माना जाता है. जहां एक तरफ सुहागरात नई जिंदगी की शुरुआत है, वहीं दूसरी तरफ जिस्‍मानी संबंध भी इस रात का अहम हिस्‍सा माना जाता है.

शादी की पहली रात को खासकर पुरुष शारीरिक संबंध को लेकर बेहद परेशान रहते हैं. उनकी चिंता रहती है कि वे अपने साथी को खुश या संतुष्ट कर पाएंगे या नहीं. उन्‍हें इस बात का भी डर रहता है कि कहीं एक रात की उनकी कोई गलती उम्र भर की परेशानी न बन जाए.

आपकी इसी परेशानी को दूर करने के लिये हम बता रहे हैं 10 टिप्स.

1- सुहागरात में शारीरिक संबंध बनाने के लिए जरुरी होता है रोमांटिक माहौल बनाना. इसके लिये आप कमरे में विशेष प्रकार के रंग और खुशबू का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये सेक्‍स हार्मोन को उकसाते हैं. इसके आलावा खूशबूदार कैंडल, हल्‍का संगीत और झीनी-झीनी रोशनी भी माहौल को रोमांटिक बनाती है.

2- सुहागरात को दैहिक संबंध बनाने के लिये जल्‍दबाज़ी नहीं करनी चाहिये. बेहतर होगा कि आप पहले बैठकर एक-दूसरे से बातें करें. ये एक दूसरे को समझने में मदद करती है. बातचीत से दोनों एक-दूसरे के करीब आते हैं और फ़िर सेक्‍स करने में अधिक झिझक नही होती.

3- बेहतर होगा कि बातचीत के दौरान आप अपने साथी से अपनी सारी शंकाओं की चर्चा करें और समाधान निकालने में साथी की मदद लें. ऐसा न करने पर हो सकता है कि सेक्‍स के दौरान आपको झुंझलाहट होने लगे.

4- सेक्‍स करने से पहले पार्टनर को सरप्राइज करने की कोशिश कीजिए. इसके लिए आप उसे कोई गिफ्ट दीजिए, हनीमून पैकेज या ज्‍वैलरी देकर आप अपने पार्टनर को खुश कर सकते हैं.

5- सुहागरात में सेक्‍स से पहले फोरप्‍ले बहुत जरूरी है. फोरप्‍ले से  सेक्‍स का आनंद बढ़ जाता है.

6- सेक्शुएल फैंटेसीज यानी सेक्स को लेकर आपकी कल्पनाओं का भी सहारा लिया जा सकता है. पार्टनर से बग़ैर अश्लील हुए सेक्‍सी बातें करने से दोनों में उत्तेजना पैदा होती है और सेक्‍स की इच्‍छा बढ़ती है. आप कामसूत्र के बारे में बात कर सकते हैं.

7- सुहागरात पर शराब और सिगरेट बिलकुल न पियें क्‍योंकि सेक्स से तुरंत पहले ज्यादा एल्कोहल लेने से पुरुषों में इरेक्टाइल प्रॉब्लम्स और स्त्रियों में वैजाइनल ड्राइनेस की समस्या हो सकती हैं.

8- सुहागरात पर भी सेक्‍स करने से पहले सुरक्षा का ध्‍यान दीजिए. इसके लिए कंडोम का प्रयोग करें. इससे यौन बीमारियों के होने का ख़तरा कम होता है और बिना प्‍लानिंग के प्रेग्‍नेंसी का डर भी नही होता है.

9- मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर फिट रहें. अंतरंग पलों से पहले अपने साथी की पसंदीदा ड्रेस पहनें.

10- किसी भी प्रकार का प्रयोग करने से बचें. सुहागरात में सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त ऐसे आसनों को अपनायें जो आसान हों.

ऐसे बढ़ाएं सैक्स ड्राइव

आमतौर पर लोग सैक्स के प्रति स्वाभाविक रूप से उत्सुक होते ही हैं. लिहाजा सैक्स से संबंधित बातें उन की उत्सुकता में तो इजाफा करती ही हैं, लेकिन साथ ही उन्हें बेचैन भी कर देती हैं. किसी सैक्स समस्या से ग्रस्त व्यक्ति की बेचैनी सम?ा जा सकती है, पर अकसर वे लोग भी भ्रम में पड़ जाते हैं जिन्हें सैक्स संबंधी कोई समस्या नहीं होती है. इस का नतीजा यह होता है कि सैक्स के नजरिए से पूरी तरह स्वस्थ पति भी कई बार इतने बेचैन और आशंकित हो जाते हैं कि उन का वैवाहिक जीवन समस्याग्रस्त हो जाता है. उन्हें खुद पर विश्वास ही नहीं होता कि वे सैक्स के नजरिए से पूरी तरह स्वस्थ हैं. वे बेकार में दवाओं के आदी हो जाते हैं.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कुछ ऐसे आसान तरीके नहीं हैं जिन के जरीए कोई पति अपनेआप ही पता लगा ले कि उस का सैक्स स्वास्थ्य ठीक है और उसे किसी दवा की जरूरत नहीं है? विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे कई तरीके हैं जिन से कोई भी व्यक्ति जान सकता है कि वह सैक्स की कसौटी पर बिलकुल सही है यानी उसे न तो परेशान होने की जरूरत है और न ही किसी दवा की. आइए, जानते हैं ये तरीके:

कैसे पता करें स्टैमिना

विशेषज्ञों के अनुसार यदि किसी पुरुष को अपने सैक्स स्वास्थ्य का पता लगाना है तो उसे यह देखना चाहिए कि नींद के दौरान उस के जननांग में तनाव यानी इरैक्शन होता है या नहीं. अमूमन यदि पुरुष को कोई शारीरिक या मानसिक समस्या नहीं है तो उस के जननांग में एक बड़ी अवधि वाली नींद के दौरान यानी खासतौर से रात को 1 या 1 से ज्यादा बार इरैक्शन जरूर होता है. कई बार सोतेसोते ही पुरुषों को इस का एहसास होता है तो कई बार सुबह उठते समय इस का पता लग जाता है.

खास बात यह है कि नींद के दौरान होने वाला यह इरैक्शन सहवास के दौरान होने वाले इरैक्शन से भी ज्यादा कड़ा होता है और 20 से 25 मिनट तक कायम भी रहता है. व्यक्ति कई बार हैरान रह जाता है कि बिना इच्छा और बिना कामभावना वाले किसी सपने के यह कैसे हुआ. अगर किसी पुरुष की जीवनशैली अनियिमत नहीं है, उस का खानपान असंतुलित नहीं है और वह तनावग्रस्त नहीं है तो नींद में यह इरैक्शन अकसर होता है. जरूरी नहीं है कि यह रोज हो, पर यह देखा गया है कि सहवास के अभ्यस्त यानी विवाहित पुरुषों में यह एक सहवास के 2-3 दिन बाद हो सकता है और अविवाहित पुरुषों में जल्दी या रोजाना भी हो सकता है.

मनोवैज्ञानिक प्रभाव तो नहीं

इस प्रकार के इरैक्शन को एनपीटी कहा जाता है. यह कुदरती प्रक्रिया डाक्टरों की भी मदद करती है. जिन पुरुषों में सहवास के दौरान जननांग में इरैक्शन यानी तनाव या कड़ापन न होने की समस्या होती है, उन का इलाज करने से पहले डाक्टर यह पता लगाते हैं कि इरैक्शन न होने यानी इरैक्टाइल डिइसफंक्शन यानी नपुंसकता की समस्या मनोवैज्ञानिक है या शारीरिक. इस के लिए वे रोगी को यौनांग पर सोते समय एक इलास्टिक उपकरण पहनने की सलाह देते हैं. यह उपकरण नींद के दौरान यौनांग के आकार में हुए बदलाव यानी एनपीटी की सूचना देने में माहिर होता है.

यदि उपकरण बताता है कि पुरुष के यौनांग में सोते वक्त एनपीटी हुआ तो डाक्टर इस का यह मतलब निकालते हैं कि पुरुष को शारीरिक रूप से कोई समस्या नहीं है. सहवास के समय इरैक्शन न होने की उस की समस्या मनोवैज्ञानिक है यानी सहवास के समय बहुत ज्यादा उत्सुकता, उत्तेजना, घबराहट आदि की वजह से उसे समस्या पेश आई है. शारीरिक रूप से वह दुरुस्त है. यदि सोते समय एनपीटी नहीं पाया जाता तो डाक्टर मानते हैं कि समस्या मनोवैज्ञानिक कम शारीरिक ज्यादा है.

एनपीटी का कारण क्या है, इसे ले कर विशेषज्ञों की अलगअलग राय है, लेकिन यह होता है और पुरुष के यौन जीवन के लिए अच्छा संकेत देता है, इसे ले कर सभी सहमत हैं. इसलिए आप भी इसे अजूबा न मानें और इस के होने पर सैक्स के नजरिए से खुद को पूरी तरह स्वस्थ सम?ों.

क्या कहता है अध्ययन

एक अध्ययन बताता है कि हर उम्र के 20 से 30 फीसदी पुरुषों ने समय से पहले स्खलन यानी प्रीमैच्योर ईजैक्यूलेशन की समस्या का सामना किया होता है. यह तय मानें कि वास्तविक प्रतिशत कहीं ज्यादा हो सकता है क्योंकि अध्ययन आदि में सवालों के जवाब देते वक्त अकसर लोग मन की बहुत सी बातें छिपा भी जाते हैं. असली बात यह है कि ईजैक्यूलेशन यानी स्खलन का जल्दी या देरी से होना किसी व्यक्ति की सहवास के समय की शारीरिक, मानसिक स्थिति, स्त्री के साथ पुरुष के सामंजस्य, 2 सहवासों के बीच की अवधि और आसपास के माहौल पर आधारित होता है.

वैवाहिक जीवन के अनुभव से लोग बताते हैं कि कभी उन्हें खुद नहीं पता चलता कि वे इतनी देर तक कैसे टिके रहते हैं और कभी भरपूर प्रयास  के बाद भी वे रेत की दीवार की तरह ढह जाते हैं. कुल मिला कर सैक्स स्वास्थ्य को परखने का उपाय यह है कि 1-2 बार के जल्द स्खलन को आप कोई समस्या ही न मानें. यह समस्या तभी है जब आप के साथ लगातार और लंबे समय तक ऐसा ही होता रहे.

कब जाग्रत होती है इच्छा

वैवाहिक जीवन में सहवास की बारंबारता यानी फ्रीक्वैंसी भी सैक्स स्वास्थ्य का एक अच्छा पैमाना है. ध्यान रहे कि यहां हम उन दंपतियों की बात नहीं कर रहे हैं जो जानबू?ा कर सहवास को टालते हैं या जिन्हें सहवास का कम मौका मिल पाता है अथवा जो सहवास से नाकभौं सिकोड़ते हैं और इसे बहुत अच्छा काम नहीं सम?ाते हैं. हम सामान्य हालात की बात कर रहे हैं और सामान्य स्थिति यह है कि पूरी दुनिया में स्त्रीपुरुष हफ्ते में करीब 2 बार सैक्स करते हैं.

सामान्यतया यह पाया गया है कि एक स्वस्थ पुरुष में एक भरपूर, सफल और प्यारभरा सहवास करने के करीब 2-3 दिन बाद फिर से सैक्स करने की इच्छा जाग्रत होती है. हालांकि यह चीज स्त्रीपुरुष की उम्र से भी तय होती है. 30 साल से कम के दंपतियों में हफ्ते में सैक्स की संख्या ज्यादा भी हो सकती है और 40 साल से ऊपर के दंपतियों में यह कम हो सकती है.

एक अध्ययन के अनुसार दुनियाभर में एक साल में 139 बार सैक्स का आंकड़ा बैठता है. इस से पता चलता है कि ज्यादातर दंपती हफ्ते में 2 से 3 बार सैक्स करते हैं. कुल मिला कर यदि आप हफ्ते में 1 बार भी सफल सहवास कर रहे हैं तो आप सैक्स के नजरिए से बिलकुल स्वस्थ हैं.

ध्यान रहे कि यहां हम सैक्स के दृष्टिकोण से बात कर रहे हैं. इस का मतलब यह न निकालें कि यदि आप ने पूरे महीने सहवास नहीं किया तो आप का सामान्य स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा. सामान्य स्वास्थ्य ठीक रहेगा, लेकिन यदि स्वस्थ रहते हुए भी पूरा महीना 1 बार भी आप की इच्छा सहवास की नहीं हुई है तो सैक्स स्वास्थ्य के नजरिए से जरूर यह असामान्य बात कही जाएगी.

सही दिनचर्या और खानपान

यदि ऐसी स्थिति लगातार आ रही है कि मस्तिष्क सहवास की इच्छा जता रहा है, मगर जननांग इस इच्छा का साथ नहीं दे रहा है तो सैक्स स्वास्थ्य ठीक नहीं कहा जा सकता. मगर इस के लिए भी दवाओं का रास्ता अपनाने से पहले पति स्वयं भी प्रयास जरूर करें. वास्तव में सैक्स में मस्तिष्क की बहुत ही अहम भूमिका होती है. जब भी कोई स्त्री या पुरुष सैक्सुअली उत्तेजित होता तो सब से पहले यह उत्तेजना मस्तिष्क में ही पैदा होती है. उसी के बाद यह मस्तिष्क के संदेशों के जरीए जननांगों तक पहुंचती है.

मस्तिष्क की इतनी अहम भूमिका के बावजूद कई अध्ययनों में अब यह सिद्ध हो गया है कि नपुंसकता या सैक्स में अरुचि का संबंध हमारे दिमाग से ज्यादा शरीर से ही है. हृदय और उस की धमनियों संबंधी गड़बडि़यां, अवसाद, तनाव, प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी समस्या के कारण ऐसा हो सकता है. इसे दूसरी तरफ से देखें तो सैक्स में घटती रुचि यानी सैक्स स्वास्थ्य में गिरावट हमारे दिल के बीमार होने का संकेत भी है.

इसलिए बेवजह सैक्स ताकत बढ़ाने वाली दवाएं लेने के बजाय पहले अपने शरीर को चुस्तदुरुस्त रखने का प्रयास करें. सही खानपान और व्यायाम के जरीए आप न केवल शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि सैक्स के नजरिए से भी स्वस्थ रह सकते हैं.

शॉवर लेते समय इंटीमेट होने से पहले जान लें यह बातें

आज कल बहुत सारी ऐसी फिल्में या फिर वेब सीरीज आ गई हैं जिनमें कपल शॉवर लेते समय इंटीमेट होते हैं। इनको देखने के बाद असली जीवन में भी इंसान की यही कल्पना बन जाती है और वह कुछ नया और मजेदार करने का सोचता है. यह आपको एक दूसरे के नजदीक आने का काफी रोमांटिक और अच्छा तरीका लग रहा होगा लेकिन असल में ऐसा करना काफी मुश्किल और असहज भी हो सकता है. इसलिए आपको इस दौरान बहुत सारी सावधानियां बरतनी चाहिए. कई बार पैर फिसलने के कारण आपको चोट भी आ सकती है इसलिए यह तरीका रोमांटिक होने के साथ साथ काफी खतरनाक भी है. आइए जानते हैं इस दौरान आप कौन कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए.

 एंटी स्किड मैट का प्रयोग करें : बाथरूम में शॉवर चलने के दौरान काफी गीला हो जाता है और नीचे काफी फिसलने का रिस्क होता है. इससे आपका जरा सा पैर पानी में फिसलने के कारण दोनों को चोट आ सकती है और हो सकता है गंभीर चोट आए, इसलिए आपको एंटी स्किड मैट का प्रयोग करना चाहिए ताकि आप फिसले न.

हैंडल का हमेशा प्रयोग करें : अगर आपको फिसलने का डर है या आपको ऐसा करना काफी रिस्की लग रहा है तो आपको हर तरह के गिरने के रिस्क को ध्यान में रखते हुए किसी न किसी हैंडल को पकड़ लेना चाहिए और इसे छोड़ना नहीं चाहिए। इससे अगर आप गिरती भी हैं तो आपका होल्ड रहता है।

 प्रोटेक्शन का हमेशा करें प्रयोग : एक्सपर्ट्स के मुताबिक आपको बाथरूम में इंटीमेट होने के दौरान हमेशा कंडोम का प्रयोग करना चाहिए. बाथरूम में गीलेपन में इन्फेक्शन फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है और इस दौरान बैक्टीरिया भी आपके शरीर में प्रवेश करके आपको एसटीडी का शिकार बना सकते हैं इसलिए इस दौरान सावधानी बरतना बेस्ट रहता है.

 अपने पार्टनर से अपने मन की बातें शेयर करें : अगर आप को बाथरूम में किसी चीज का रिस्क महसूस हो रहा है या फिर आप इसमें असहज महसूस कर रही हैं तो आपको अपने पार्टनर से इस बारे में जरूर बात करनी चाहिए और उन्हें अपनी सारी पसंद या ना पसंद के बारे में बता देना चाहिए, ताकि आप दोनों के आराम के हिसाब से ही सारी चीजें आगे बढ़ सकें और किसी एक को दिक्कत न आए.

 लुब्रिकेशन का प्रयोग  करें : शावर सेक्स के दौरान लुब्रिकेशन के प्रयोग जरूर करना चाहिए क्योंकि पानी के कारण आपका नेचुरल लुब्रिकेशन कम होने लगता है और इससे आपको अतिरिक्त लुब्रिकेशन की जरूरत महसूस हो सकती है. लेकिन लुब्रिकेशन की बजाए आपको साबुन या फिर शावर जेल का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए.

 पहले ही कर लें यूरिनेट : एक्सपर्ट्स के मुताबिक हाइजीन बनाए रखने के लिए आपको लुब्रिकेशन या फिर कंडोम का प्रयोग करने से पहले ही यूरीनेट कर लेना चाहिए क्योंकि इससे बीच में आपका मूड खराब नहीं होता और यह आपके शरीर के हाइजीन के लिए भी अच्छा रहता है। सब कुछ होने के बाद आपको किसी माइल्ड साबुन या फिर बॉडी वॉश से अच्छे से अपने शरीर को धोना चाहिए। खुशबू वाले प्रोडक्ट्स का प्रयोग करने से बचें और खास कर अपने प्राइवेट भागों पर ज्यादा केमिकल से युक्त चीजों का प्रयोग न करें.

अगर आप इन जरूरी बातों का ध्यान रखती हैं तो आपको बाथरूम में भी शॉवर के दौरान इंटीमेट होने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी और आप आनंद ले सकेंगी.

जब बौयफ्रैंड करे सैक्स की मांग

निशा को समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे. उस के एक तरफ कुआं था, तो दूसरी तरफ खाई थी. हां करती है तो रिस्क बहुत है और डर भी बहुत लग रहा है, क्योंकि उस के शहर की ही उस की ही बिरादरी की आशा जिज्जी के किस्सेकहानी अभी भी हुआ करते हैं.

शादी के पहले ही आशा जिज्जी पेट से हो गई थीं. इस पर खूब हल्ला मचा था और बदनामी भी हुई थी. लड़का कौन है, यह बताने को वे तैयार नहीं हुईं, तो घर वालों ने उन का जीना हराम कर दिया था. जिस के जी में आता था, लातघूंसों से उन की ठुकाई कर दिया करता था.

इस के कुछ दिन बाद ही आशा जिज्जी घर और शहर छोड़ कर गायब हो गई थीं. फिर उन का कोई अतापता नहीं चला था. किसी ने उन्हें ज्यादा ढूंढ़ने की कोशिश भी नहीं की थी. और करते भी क्यों, आखिर वे बदचलन और कुलटा जो करार दे दी गई थीं.

लेकिन यह सदमा आशा जिज्जी के पिता बरदाश्त नहीं कर पाए थे, जिन्होंने बदनामी के डर से सल्फास खा कर खुदकुशी कर ली थी.

यही सब सोचसोच कर निशा की नींद उड़ गई थी, क्योंकि वह मना करती है तो अमर हमेशा के लिए मुंह मोड़ लेगा, जिस के बिना वह एक दिन भी रह नहीं सकती.

दरअसल, अमर ने निशा को साफसाफ कह दिया था कि अब यह दूरी उस से बरदाश्त नहीं हो रही है और प्यार में सैक्स करना कोई नई या हैरानी की बात नहीं है. अमर के मुताबिक, वे दोनों तो कुछ भी हो जाए, शादी करेंगे ही. मांबाप मान जाएं तो ठीक, नहीं तो घर से भाग कर शादी कर लेंगे.

अमर ने निशा से यह भी कहा था, ‘‘अगर तुम्हें भरोसा नहीं है, तो कोई बात नहीं. हम दोनों के रास्ते अभी भी अलग हो सकते हैं. मैं ने तो तुम से सच्चा प्यार किया है और मरते दम तक करता रहूंगा.

दो बाप का कहना, अगर तुम्हारे सिवा किसी और लड़की के बारे में सोचूं या शादी करूं. हां, जिंदगीभर पछताता जरूर रहूंगा कि जिसे मैं ने जीजान से चाहा, उस ने ही मुझ पर शक किया.’’

निशा ने हिम्मत कर के अमर को आशा जिज्जी वाला मामला बताया, तो वह हंसते हुए बोला था, ‘‘अरे यार, वह जमाना और था, जब लोग बिना कंडोम के सैक्स करने लग जाते थे, लेकिन इस से यह तो साबित होता ही है न कि आज से 15-20 साल पहले भी प्रेमी शादी से पहले सैक्स करते थे.

‘‘और पगली, तू ने यह कैसे सोच लिया कि मैं कभी तुम्हें इस हाल में छोड़ दूंगा. यह तो तुम ने हमारे प्यार की तौहीन कर दी. तुम आइंदा से ऐसा सोचना भी मत.

‘‘बस, एक बार ही तो कुछ मांग रहा हूं, क्योंकि अब इस के बिना रहा और सहा नहीं जाता. वे रोहन और प्रिया तो सैक्स करते हैं, कभी कुछ हुआ क्या? सब एहतियात बरतते हैं और जवानी के मजे लूटते हैं.’’

लेकिन ये दलीलें निशा के गले नहीं उतर रही थीं. हालांकि कभीकभी उस की भी इच्छा होती थी कि अमर से अमरबेल की तरह लिपट कर अपनी प्यास और तड़प बुझा ले. आखिर हर्ज क्या है इस में. आजकल तो सब चलता है. प्रिया कैसे लुत्फ लेले कर बताती है कि सैक्स में कितना मजा आता है. बिस्तर पर पड़ेपड़े जन्नत नजर आने लगती है.

खुद निशा भी महसूस करती थी कि अमर जब उसे बांहों में भर कर छेड़छाड़ करता है, अंगों को सहलाता, मसलता और चूमता है, तो वह जैसे आसमान की सैर पर होती है.

शहर में इंजीयरिंग की पढ़ाई कर रही शालिनी के तो 2-3 लोगों से संबंध हैं, जिन्हें वह कैसेकैसे हंसहंस कर बताती है कि शादी के पहले सैक्स करने का मजा ही कुछ और है.

आजकल के तो प्यार का मतलब ही सैक्स के मजे लूटना होता है और यह कौन सी किताब या शास्त्र में लिखा है कि जिस से एक बार प्यार या हमबिस्तरी कर लो, शादी भी उसी से करो.

जब भी अमर कसबे के बाहर ले जा कर खंडहर में अपने मोबाइल पर उसे ब्लू फिल्म दिखाता है, तो शरीर में जैसे चींटियां रेंगने लगती हैं और दिल करता है कि आज कर ही लें, जो होगा देखा जाएगा. आजकल तो मैडिकल स्टोर पर पेट से न होने देने वाली गोलियां भी बिना परचे के मिल जाती हैं.

अमर तो अपने प्यार की सचाई साबित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है और आज जमाने के सामने हाथ पकड़ कर शादी के लिए तैयार है. पीछे तो वह ही हट रही है, क्योंकि पहले दीदी की शादी होनी है.

यह मजबूरी न होती तो अब तक तो दोनों अच्छे से जम गए होते. बात अकेले पेट से हो जाने की नहीं है, बल्कि मन में बैठा दिया गया यह डर भी है कि शादी के पहले सैक्स करना पाप है. अपना जिस्म किसी को नहीं सौंपना चाहिए, यह तो पति की अमानत होता है.

हां या न की कशमकश

निशा का एक मन कहता है कि इस में हर्ज क्या है, लेकिन तुरंत ही दूसरा मन कहता है कि इस में इतनी हड़बड़ाहट क्यों? शादी तक सब्र करने में कहां का पहाड़ टूट जाएगा, लेकिन अमर जैसा कि सख्ती से कह रहा है, अगर वाकई उस

से हमेशा के लिए दूर हो गया तो फिर जिंदगी का क्या मतलब रह जाएगा. वह तो एक सैक्स को छोड़ हर लिहाज से उस की हो चुकी है, दिनरात उस के ही खयालों में डूबी रहती है. ऐसे में यह ब्रेकअप बरदाश्त करना मुश्किल हो जाएगा.

बात या परेशानी एक अकेली निशा की नहीं, बल्कि उन लाखों लड़कियों की है, जिन के बौयफ्रैंड कभी न कभी सैक्स की मांग करते ही हैं. इस बाबत वही दलीलें देते हैं, जो अमर ने निशा को दी हैं. निशा ने क्या फैसला लिया था, यह हम आगे बताने जा रहे हैं, लेकिन आमतौर पर लड़कियां ऐसी हालत में क्या और कैसा फैसला लेती हैं, यह भी कम अहम नहीं.

ज्यादातर लड़कियां बौयफ्रैंड की मांग के आगे घुटने टेक देती हैं. इस से उन्हें बाद में परेशानी होती हो, ऐसा कहने की कोई वजह नहीं, क्योंकि उन का बौयफ्रैंड और प्यार दोनों वाकई सच्चे थे. बौयफ्रैंड की नीयत में उस समय कोई खोट उन्हें नजर नहीं आया था. हां, इतना जरूर उन्हें समझना होगा कि वे सैक्स करने का अहम फैसला अपने दिमाग यानी बुद्धि से ले रही हैं और इस की जिम्मेदार वे खुद होंगी.

ज्यादातर लड़कियों के लिए न या हां कहना आसान नहीं होता और न ही मना करना. बौयफ्रैंड इस हालत को ज्यादा बरदाश्त नहीं कर पाता, क्योंकि उस के सिर पर तो सैक्स का मजा लेने का भूत सवार हो चुका होता है. इस के लिए वह अपनी माशूका को इस बाबत बहलाताफुसलाता है, लेकिन बाद में कई बार अपना असली चेहरा दिखाते हुए डरानेधमकाने के लिए भी उतारू हो जाता है.

न कहें तो सोचसमझ कर बौयफ्रैंड का यह डरानेधमकाने वाला असली चेहरा बहुत खतरनाक होता है, इसलिए हां कहने के पहले ठंडे दिमाग से माशूका को अपना आगापीछा और अच्छाबुरा सोच लेना चाहिए. इस की अपनी वजहें भी हैं.

बिहार के मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर इलाके में अरशद नाम के एक आशिक ने अपनी माशूका शबनम (बदला नाम) के नहाते हुए अश्लील वीडियो बना लिए और फिर उसे संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगा था.

इस पर शबनम राजी नहीं हुई, तो अरशद ने उस के वे पर्सनल वीडियो, जो कभी मुहब्बत और भरोसे की दुहाई दे कर बनाए थे, दोस्तों के बीच वायरल कर दिए.

उन दोस्तों में से एक ने लड़की को चालू समझा और बहती गंगा में हाथ धोने की गरज से उस पर वही दबाव बनाने लगा जो अरशद बना रहा था, यह 25 अप्रैल, 2023 के आसपास का मामला है.

अच्छा तो यह हुआ कि शबनम डरी नहीं और उस ने पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी, जिस से अरशद और उस के दोस्त गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन धोखा खाई शबनम पर इतने दिन क्या गुजरी होगी, इस का एहसास कोई वही लड़की बता सकती है, जिस के साथ भी ऐसा हुआ हो और वह पुलिस तक जाने की हिम्मत न जुटा पा रही हो.

22 मार्च, 2023 को इसी तरह का एक और मामला उत्तर प्रदेश के बरेली में देखने में आया था. सरिता (बदला हुआ नाम) को शादी के बाद भी बौयफ्रैंड ब्लैकमेल कर रहा था. कोई और रास्ता न देख सरिता ने यह बात अपने पति और भाई को बताई, तो उन्होंने सरिता के प्रेमी की हत्या ही कर दी और अब खुद उस जुर्म की सजा जेल में सड़ते हुए भुगत रहे हैं.

अब यह प्यार था, यह क्या खा कर कोई कहेगा कि बौयफ्रैंड ने माशूका से सैक्स की मांग की, वह नहीं मानी तो उस के भरोसे को तोड़ते हुए उस का वीडियो वायरल कर दिया. दूसरे मामले में तो बौयफ्रैंड को मरते समय पता चला होगा कि उसे प्यार में धोखा देने और ब्लैकमेल करने के एवज में सजा ए मौत प्रेमिका का भाई और पति दे रहे हैं.

अब सरिता अकेली है और तय है कि पछता ही रही होगी कि जब यही होना था, जिंदगी इस तरह बरबाद होनी ही थी, तो बौयफ्रैंड बनाया ही क्यों था? बना भी लिया था तो उस से सैक्स संबंध नहीं बनाने थे, जिन की वजह से गृहस्थी बसने के पहले ही उजड़ गई.

लिहाजा, बौयफ्रैंड की सैक्स की मांग ठुकराने से पहले यह देखपरख लेना चाहिए कि कहीं उस के पास ऐसेवैसे फोटो और वीडियो न हों, जिन का डर दिखा कर वह हर कभी सैक्स की मांग और ब्लैकमेल करने लगे.

जब यह सब न मिले, तो बदनाम भी कर दे यानी सैक्स के लिए सख्ती से मना कर देना ज्यादा बेहतर होता है, लेकिन हर आशिक ऐसा ही होगा जरूरी नहीं, फिर भी एहतियात बरतने में हर्ज नहीं.

याद रहे कि अगर एक बार सैक्स की लत लग गई, तो फिर आसानी से नहीं छूटती और पकड़े जाने का डर हमेशा बना रहता है और कई बार बौयफ्रैंड की नीयत में खोट भी आ जाता है.

भोपाल के नजदीक विदिशा की रहने वाली 24 साला कामना (बदला हुआ नाम) के साथ ऐसा ही हुआ था, जिस का बौयफ्रैंड भोपाल से अपडाउन करता था. एक बार उस ने बौयफ्रैंड की सैक्स की मांग पूरी की तो यह डिमांड करना आएदिन की बात हो गई.

धीरेधीरे बौयफ्रैंड की दिलचस्पी कामना में कम होने लगी तो कामना को चिंता हुई. उस ने पूछा तो यहांवहां के बहाने बना कर उसे टाल दिया. हालांकि उस ने शादी का वादा नहीं किया था, लेकिन कामना को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ.

अब कामना की कभी भी सैक्स की इच्छा होने लगती है, लेकिन वह मन मसोस कर रह जाती है, क्योंकि इस के लिए हर किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उसे इस बात का भी डर लगा कि आगे शादी के बाद पति को यह सब पता चल गया तो फिर क्या होगा.

कई बार लड़कियां अपने बौयफ्रैंड को खोने के डर से या किसी लालच के चलते भी हां कर देती हैं, लेकिन बाद में पछताती हैं. ब्लैकमेलिंग का डर भी उन्हें हमेशा सताता रहता है, क्योंकि सच्ची मुहब्बत का दम तो हर आशिक भरता है, लेकिन करता ही हो, इस की कोई गारंटी नहीं. आएदिन के झगड़ेफसाद हत्याओं और आत्महत्याओं की खबरें इस की गवाह हैं, जिस से हर लड़की डरती और घबराती है.

तो फिर क्या करें

हां या न का फैसला करना हर लड़की के लिए आसान नहीं होता, लेकिन यह एक ऐसी मांग बौयफ्रैंड की है, जिसे ज्यादा दिन तक टरका कर रखा जा सकता है. जज्बाती तौर पर लड़की अपने प्रेमी को दिल से चाहती है, लेकिन सैक्स के लिए तैयार नहीं होती.

हालांकि इस फैसले पर मन ही मन उन्हें भी अच्छा नहीं लगता. वजह, बदलते जमाने को वे भी बहुत गौर और बारीकी से देख रही होती हैं कि आजकल तो वाकई यह आम बात हो गई है.

ऐसी लड़कियों की हालत निशा जैसी हो जाती है, जिस ने बहुत ही सोचविचार कर अमर को न कह

दिया, लेकिन बहुत प्यार से उसे एक बार नहीं, बल्कि कई बार अपनी फीलिंग्स के बारे में समझाया तो वह मान भी गया, कि ठीक है शादी तक इंतजार कर लेते हैं.

महीने 2 महीने तक अमर पहले की तरह निशा से मिलता रहा और सैक्स संबंध बनाने की जिद नहीं की और पहले की तरह प्यार जताता रहा, तो निशा को भरोसा हो गया कि वह वाकई उस से सच्चा प्यार करता है, इसलिए निशा ने तय कर लिया है कि अगली बार जब भी अमर सैक्स की मांग

करेगा तो वह उस की छाती पर अपनी उंगली से लिख देगी कि ‘पहले कंडोम ले आओ’.

लव बाइट्स : मीठामीठा, प्याराप्यारा दर्द

प्यार में अगर निशानी छोड़ने का रिवाज या ख्वाहिश न होती तो ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत भी न होती, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी महबूब मुमताज महल की याद में बनवाया था यानी राजा हो या रंक सभी की इच्छा अपनी मुहब्बत की निशानी छोड़ जाने की होती ही है, जो निहायत ही कुदरती बात है और इस में कोई हर्ज भी नहीं, लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब आशिक या माशूक सैक्स के दौरान अपने पार्टनर के जिस्म पर ऐसा निशान छोड़ देते हैं, जो जख्म नहीं होता और हर किसी को दिखता भी नहीं.

आमतौर पर माशूका के मुकाबले आशिक लव बाइट्स करना या छोड़ना ज्यादा पसंद करते हैं. लव बाइट्स का सीधा सा मतलब होता है पार्टनर के जिस्म के सब को न दिखने वाले अंग पर ऐसी छाप छोड़ देना जिस में वह हिस्सा जामुनी, बैगनी या लाल पड़ जाए. यह काम उस अंग को जोर से दबा कर या फिर दांतों से ऐसे काट कर किया जाता है, जिस से खून न निकले.

आमतौर पर कमर, छाती, जांघ, कंधे, पीठ, गरदन और हिप्स पर ये निशान बनाए जाते हैं, जिस से माशूका उसे देखते ही सैक्स के पलों की याद कर के आहें भरे और अपने आशिक की मर्दानगी की कायल होती रहे.

लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? इस में लोगों के तजरबे और राय 2 हिस्सों में बंटी हुई है, लेकिन तादाद ऐसे लोगों की ज्यादा है जो यह मानते हैं कि लव बाइट्स मजा कम सजा ज्यादा है.

भोपाल के 27 साला रवि (बदला नाम) की मानें तो उसे 3 साल पहले तक लव बाइट्स की एबीसीडी भी नहीं मालूम थी, लेकिन उस की माशूका 24 साला आरती (बदला नाम) ने ही उसे यह सब सिखाया. एक बार सैक्स के दौरान आरती ने ही उस से मांग की थी कि वह उस की छाती को ऐसे चूसे कि उस पर हलका सा निशान पड़ जाए.

रवि बेचारा घबरा रहा था कि बड़ी नाजुक जगह है, अगर कुछ उलटासीधा हो गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे, लेकिन आरती की जिद के आगे उस की एक न चली और डरतेडरते ही सही लव बाइट उसे देनी पड़ी. दिक्कत तो दूसरी बार तब खड़ी हो गई जब आरती भी उसे लव बाइट देने की जिद पर अड़ गई और मना करतेकरते उस ने उस की जांघ पर हलके से काट लिया.

रवि बताता है कि उस वक्त तो अच्छा लगा और मजा भी आया था, पर जुदा होने के बाद दर्द ज्यादा हुआ जो हफ्तेभर रहा.

रवि ने यह वाकिआ अपने एक जिगरी दोस्त को बताया तो उस का तजरबा एकदम अलग निकला. उस ने अपनी माशूका के जिस्म पर प्यार का ऐसा ही निशान बनाया था जो उसे रास नहीं आया. दूसरी बार भी उस ने लव बाइट्स दी तो माशूका सैक्स के पहले यानी फोरप्ले के दौरान ही बिफर गई और उसे ‘जंगली गंवार’ कहते हुए हमेशा के लिए टाटा कर के चली गई. अब वह दोस्त माशूका की याद में पागल हुआ जा रहा है, जिस ने उसे अपनी जिंदगी और स्मार्ट फोन दोनों से ब्लौक कर दिया है.

पहले रजामंदी लें

लव बाइट्स कोई खराब या अजूबी चीज नहीं है. यह शब्द कहां से आया यह भी कोई नहीं जानता, लेकिन आदमी के विकास का इतिहास देख कर आसानी से कहा जा सकता है कि वह जब जंगलों में कम या बिना कपड़ों के रहता था तब भी लव बाइट्स लेता और देता होगा, क्योंकि तब प्यार और सैक्स में आज जितनी बंदिशें नहीं थीं.

अब जमाना आधुनिक है, इसलिए लोग सभ्य तरीकों से रहते हैं. मौजूदा समाज शिष्ट है, इसलिए प्रेमियों को सैक्स के दौरान यह एहतियात बरतनी चाहिए कि वे किसी भी किस्म की जबरदस्ती न करें.

लव बाइट्स जबरन नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इस से पार्टनर को परेशानी हो सकती है, इसलिए जब लव बाइट का मन करे तो पहले पार्टनर से इजाजत ले लेनी चाहिए. अगर इजाजत मिल जाए तो एक अच्छी और यादगार लव बाइट कुछ इस तरह दें :

आप अगर माशूका की छाती पर लव बाइट देना चाहते हैं तो पहले फोरप्ले कर के उसे जितना हो सकता हो उत्तेजित करें, फिर छाती को धीरेधीरे देर तक सहलाएं और फिर चूसना शुरू करें. अपने होंठ नीचे से ऊपर तक और ऊपर से नीचे तक ले जाएं. थोड़ी देर बाद उस स्पौट पर होंठ गड़ा कर चुंबन दें. जहां प्यार का निशान बनाना चाहते हैं, वहां जोरजोर से ऐसे चूसें कि पार्टनर को कम से कम तकलीफ हो. थोड़ी देर में ही लव बाइट बन जाएगी.

इस के बाद फिर माशूका को प्यार करें और उस का शुक्रिया भी अदा करें. इस दौरान प्यार के इस निशान का बदलता रंग भी आप देख सकते हैं जो लाल से बैगनी हो जाता है.

याद रखें कि लव बाइट के लिए जोरजबरदस्ती बिलकुल न करें, नहीं तो आप की माशूका भी रवि के दोस्त की माशूका की तरह ‘जंगली गंवार’ कहते हुए हमेशा के लिए चली जाएगी और आप हाथ मलते रह जाएंगे.

लव बाइट एक मजा है जो सजा में तबदील न हो, इसलिए रजामंदी से प्यार का निशान छोड़ें, क्योंकि ताजमहल तो हर कोई बनवा नहीं सकता. सकता.

मॉर्निंग सैक्स, सारा दिन खुशगवार

कहते हैं यदि दिन की शुरुआत अच्छी हो तो दिन अच्छा गुजरता है. आप चाहें लिवइन में रह रहे हों या शादीशुदा हों सुबहसवेरे पुरुषों का मूड थोड़ा रोमांटिक रहता है. जबकि फीमेल्स के साथ ऐसा नहीं होता. वे सुबहसुबह अपने पार्टनर को सैक्स के लिए मना कर देती हैं. ऐसे में दोनों में हलकीफुलकी तनातनी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि मौर्निंग सैक्स न सिर्फ लवलाइफ के लिए बढि़या है, बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा रहता है.

तो फिर क्यों न सुबहसवेरे अपने शरारती साथी को सैक्स सरप्राइज दे कर खुश कर दिया जाए. सैक्सी सुबह से न सिर्फ साजन का, बल्कि आप का भी सारा दिन खुशगवार गुजरेगा. बस मूड बनाने की जरूरत है.

सांसों में हो ताजगी

रात को सोने से पहले अच्छी तरह ब्रश करना न भूलें. इस के अलावा अपनी साइड टेबल पर घुलने वाली मिंट जरूर रखें ताकि इन्हें सुबह उठने पर मुंह में रख कर फ्रैशनैस महसूस की जा सके वरना मुंह की बदबू सारा मजा किरकिरा कर सकती है.

छुअन का कराएं एहसास

सैक्स की शुरुआत जरा अलग अंदाज में करें. बेहद मद्धिम स्वर में सौफ्ट रोमांटिक गाना लगाएं. जैसे ही पार्टनर कसमसा कर करवटें बदलने लगें उन्हें अपनी कोमल छुअन का एहसास कराएं. उन के लिए यह इशारा काफी होगा. उन की नींद काफूर हो जाएगी और वे आप से लिपटने के लिए आतुर हो उठेगी.

 स्वस्थ रहने के लिए सैक्स जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हफ्ते में 3 बार मौर्निंग सैक्स से हार्टअटैक या स्ट्रोक का खतरा कम होता है. इस से सर्दीजुकाम होने की भी संभावना घटती है और स्किन, बालों और नाखूनों में भी निखार आता है. सुबह का सैक्स दिनभर व्यक्ति को खुश और ऊर्जावान रखने के साथसाथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है.

  कंडोम भी पास रखें?

कंडोम हमेशा पहुंच में रखें. पता नहीं सहलानापुचकारना कब हदें पार कर के समागम में बदलने को उतावला हो जाए. उत्तेजक पलों के बीच उठ कर कंडोम लेने जाने पर सारा मूड औफ हो जाएगा.

प्यार का एहसास

यह जरूरी नहीं है कि रोज सुबहसुबह सैक्स करें ही. एकदूसरे को गुदगुदाना और सहलाना भी काफी मानसिक सुख देता है. एकदूसरे से चिपक कर सहलाने, चूमने का आनंद भी सैक्स आनंद से कतई कम नहीं होता है.

 छेड़छाड़ भी जरूरी

अगर आप किसी दिन बेहद जल्दी में हों तो पिया के गालों पर गहरा चुंबन और उन्हें गुदगुदाना या हलकी चिकोटी काट कर शरारत करते हुए भाग जाना भी उन के मन को भा जाएगा और वे आप के दीवाने हो जाएंगे.

ताजगी भरा सैक्स

जरूरी नहीं कि आप सैक्स बैडरूम में ही करें. बाथरूम में शौवर के नीचे नहाते हुए सैक्स करने का बिलकुल अलग एहसास होगा. पहले एकदूसरे को अच्छी खुशबू वाला बौडी जैल लगाएं, फिर मौसम के अनुसार गरम या ठंडे पानी से नहाते हुए एकदूसरे से लिपट जाएं. फिर जहां मन करे चूमें, सहलाएं और पूरी मस्ती करें. बाथरूम का यह मिलन आप को एक अलग आनंद देगा.

इन्फेक्शन से बचना है तो सेक्स के बाद करें ये काम

जब शारीरिक संबंध आपसी रजामंदी से बनाया जाता है तो यह एक सुखद आनंद की अनुभूति कराता है। लेकिन यदि यह आनद समस्या में बदल जाए तो यह पीड़ादायक लगने लगता है। अधिकतर महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बाद शौचालय का रुख करती है  मन जाता है की शररिक संबंध के तुरंत बाद यदि महिला शौचालय जाती है तो जल्दी से गर्भ नहीं ठहरता. जो महिलाएं माँ नहीं बनना चाहती वह ऐसा करती भी हैं लेकिन मेडिकल साइंस की माने तो शारीरिक संबंध के बाद शौच जाने से उनका ब्लैडर साफ़ हो जाता हैं जिस वजह से उन्हें  इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है  साथ ही यदि पुरुष भी इसे अपनाते है तो उन्हें भी कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है इसलिए इन्फेक्शन से बचना हैं तो निम्नलिखित काम अवश्य करें और अपनी सेक्स लाइफ का भरपूर मजा ले सकें.

पानी पीना ना भूले

सेक्स के बाद पानी पीना ना भूलें क्योंकि पानी पीने से  ज्यादा पेशाब जा सकेंगे जिससे पेशाब के जरिए  शरीर के अधिक बैक्टीरिया  बाहर निकल सकेंगे और इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहेगा.

हाथ थोए व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें

सेक्स के  दौरान अपने या अपने साथी के जननांगों को छूने से आपके हाथों मे  बैक्टीरिया लग जाते हैं  जिस से संक्रमण  होने का खतरा हो सकता है इसलिए हाथों को अच्छे से डिस इंफेक्ट करें व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें.

ढीले कपड़े पहने

सेक्स के बाद टाइट अंडर गारमेंट्स का उपयोग ना करें, क्योंकि सेक्स के बाद त्वचा पर नमी आ जाती हैं जिस कारण खुजली जैसी समस्या हो सकती हैं और आपको रेशेज भी हो सकते हैं  , इसलिए सूती अंडर गार्मेंट्स पहने.साथ ही टाइट कपड़ों की जगह ढीले या कॉटन के कपडे पहन कर सोएं.

शावर लेने से बचें

कई  लोगो को गर्मियों मे रात मे सोने से पहले नहाने की आदत होती हैं लेकिन अगर आप सेक्स करने के बाद नाहते हैं तो आपके लिए यह आदत समस्या बन सकती हैं क्योंकि सेक्स के बाद हमारा शरीर थोड़ा गर्म होता हैं ऐसे मे सेक्स के तुरंत बाद नहाने से गर्म और नम वातावरण होने से बैक्टीरिया का विकास होता हैं , जिससे संक्रमण हो सकता है. इसलिए सेक्स के तुरंत बाद नहाना आपकी सेहत के लिए नुकसादेह साबित हो सकता है.

सुगंधित उत्पादों से करें परहेज

सेक्स के बाद किसी भी प्रकार का सुगंधित स्प्रे, परफ्यूम या डियो का उपयोग ना करें. तुरंत बाद इनके उपयोग से आपको प्राइवेट पार्ट में जलन या  संक्रमण की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा की आप सेक्स करने से पहले इनका प्रयोग करें जिससे  आप इन्फेक्शन से सुरक्षित भी रह सकें साथ ही आपका पार्टनर भी आपकी तरफ  आकर्षित होगा.

प्यार ही है सच्ची मर्दानगी

सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है. पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, लेकिन ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.

खून आना और बदचलनी

अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी.

काफी लोग इस खबर को ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं, जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.

अभी भी अनगिनत लोग हैं, जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.

इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान रस्सी कूदते समय या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली फट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.

लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला, तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था, तो तफतीश कर के शादी करते. अब उस का जीना मुहाल क्यों कर रहे हैं?

मर्दानगी का जौहर

दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं, जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.

ऐसा अगर हो भी जाए, तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है, तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.

यह कैसी मर्दानगी

तीसरे लोग वे हैं, जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.

मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बादही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.

सैक्स में भड़ास

कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.

ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.

जहर घोलती ब्लू फिल्में

5वीं किस्म उन लोगों की है, जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.

लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.

सैक्स मशीन नहीं है साथी

इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल और सदस्यों वगैरह के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.

वियाग्रा सिर्फ सैक्स के लिए नहीं होती

डायमंड के आकार वाली छोटी सी नीली गोली वियाग्रा सैक्स पावर को बढ़ाने के अलावा दूसरी बीमारियों में भी कमाल का असर दिखाती है. वियाग्रा में मौजूद दवा सिल्डेनाफिल को मर्दों की सैक्स संबंधी कमजोरियों को दूर करने में असरकारक माना जाता है लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार, वियाग्रा अन्य कई गंभीर रोगों में भी फायदेमंद है.

कई देशों में वियाग्रा के साइड इफैक्ट्स के बारे में शोध करने पर इस के कई फायदे सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. अमेरिका में किए गए एक शोध के अनुसार, ठंड के मौसम में अकसर लोगों की उंगलियों में ऐंठन, दर्द होना, मुड़ न पाना, पीली पड़ जाना जैसी समस्याएं हो जाती हैं. ठंड से बच कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

इस समस्या से जूझ रहे मरीजों को सिल्डेनाफिल देने पर उन्हें काफी फायदा हुआ. ऐसे स्थान जहां अधिक बर्फ पड़ती है, वहां के लोगों को माउंटेन सिकनैस की समस्या हो जाती है. ऊंचे स्थानों पर औक्सीजन की कमी होने से ब्लड में इस का लेवल कम हो जाता है जिस से पल्मोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं. ऐसे में हृदय को पंपिंग करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है.

पल्मोनरी हाइपरटैंशन जैसी समस्या में भी सिल्डेनाफिल काफी प्रभावशाली होती है. फेफड़ों की बीमारी व हृदय संबंधी गड़बडि़यां होने पर पल्मोनरी हाइपरटैंशन की समस्या हो सकती है. पल्मोनरी हाइपरटैंशन के इलाज के लिए पुरुष व स्त्री दोनों के लिए सिल्डेनाफिल की 20 एमजी की 1-1 खुराक दिन में 3 बार निर्धारित की गई है. क्लीनिकल ट्रायल्स में इस दवा के काफी बेहतर परिणाम मिले हैं.

हृदय रोगियों के लिए हालांकि वियाग्रा सुरक्षित नहीं है लेकिन एक ही जगह पर रक्त की अधिकता, जिस की वजह से हार्ट फेल्योर की समस्या उत्पन्न होती है, के मरीजों के लिए सिल्डेनाफिल काफी प्रभावकारी होती है.

स्ट्रोक जैसी समस्या में सिल्डेनाफिल कमाल का असर दिखाती है. इस विषय पर शोध करने वाले जरमनी के डा. मैक रैपर का कहना है कि सिल्डेनाफिल मस्तिष्क के स्ट्रोक को दूर  करने में काफी अच्छा काम करती है.

सिल्डेनाफिल को ले कर नए शोध जारी हैं.  शोधों में इस से होने वाले लाभ और नुकसान के नतीजे सामने आ रहे हैं. बहरहाल, अब तक किए गए नतीजों से वियाग्रा एक लाभदायक दवा के रूप में भी सामने आई है. मगर ध्यान रहे, ऐसी कोई भी दवा बिना विशेषज्ञों की सलाह के बगैर न लें.

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