मैं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रही हूं, क्या पति को कंडोम यूज करना चाहिए?

सवाल
मैं एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करती हूं. अभी मैं और मेरे पति परिवार नियोजन के लिए तैयार नहीं हैं. मैं यह जानना चाहती हूं कि यदि मैं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रही हूं तो क्या पति को कंडोम का भी प्रयोग करना चाहिए?

जवाब
जन्म नियंत्रक विधियां जैसेकि गर्भनिरोधक गोली आईयूएस या गर्भनिरोधक इंजैक्शन आदि अनचाहे गर्भ को रोकने में कारगर साबित होते हैं. लेकिन ये सभी यौन संक्रमण से किसी भी प्रकार की सुरक्षा प्रदान नहीं करते. जन्म नियंत्रण के तौर पर कंडोम का प्रयोग यौन रोगों से बचाता है, साथ ही अनचाहे गर्भ की भी समस्या को खत्म करता है.

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बचाव इलाज से ज्यादा अच्छा होता है, महिला गर्भनिरोधक उपायों पर यह बात बिलकुल सही बैठती है. बाजार में काफी पहले से महिला गर्भनिरोधक मौजूद हैं, लेकिन आज भी भारत में लाखों महिलाएं ऐसी हैं, जो नहीं जानतीं कि उन के लिए कौन सा गर्भनिरोधक उपाय सही है. इस वक्त तो महिलाओं के लिए अनचाहे गर्भ से बचने और बच्चों में अंतर रखने के लिए कई तरह के उपाय बाजार में मौजूद हैं. इन में ओरल पिल्स से ले कर इंप्लांट्स तक कई विकल्प हैं. लेकिन आमतौर पर इन में से सही विकल्प का चुनाव महिलाएं नहीं कर पातीं. ज्यादातर महिलाएं विज्ञापनों, सहेलियों या रिश्तेदारों के कहने पर गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करने लगती हैं, लेकिन जानकारी की कमी और गलत विकल्प का चुनाव महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है.

मूलचंद अस्पताल की सीनियर गायनाकौलोजिस्ट डा. मीता वर्मा के मुताबिक, ‘‘महिलाएं गर्भनिरोधकों के बारे में जानती हैं, लेकिन भारतीय समाज में ऐसी कई भ्रांतियां हैं, जो महिलाओं के लिए मुश्किल पैदा कर देती हैं. भारत में अभी भी बच्चों को कुदरत की देन मान कर परिवार नियोजन की सोच को ही खत्म कर दिया जाता है. कई महिलाओं में यह सोच भी विकसित हो जाती है कि गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करने से उन की प्रजनन क्षमता और होने वाले बच्चे के विकास पर गलत प्रभाव पड़ेगा. इसी तरह के और भी न जाने कितने मिथक महिलाओं के मन में घर किए रहते हैं, लेकिन आज के समय में जरूरी है कि डाक्टर की सलाह से सही गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया जाए.’’

डा. मीता बताती हैं कि ज्यादातर जोड़े ऐंजौयमैंट को ज्यादा तरजीह देते हैं, जिस के चलते वे कंडोम या किसी भी तरह के दूसरे कौन्ट्रासैप्टिव का इस्तेमाल नहीं करते और जब गर्भ ठहर जाता है, तो गर्भपात कराने से भी नहीं हिचकते. लेकिन यहां वे यह भूल जाते हैं कि गर्भपात इस का हल नहीं है, क्योंकि बारबार गर्भपात से बच्चेदानी पर बुरा असर पड़ता है, जो महिलाओं के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है. इसलिए युवा और नवविवाहित जोड़े अगर गर्भपात को आसान रास्ता मान रहे हैं तो यह उन की भूल है.

इस वक्त महिला गर्भनिरोधक के बाजार में 2 तरह के कौन्ट्रासैप्टिव मौजूद हैं-

हारमोन बेस्ड कौन्ट्रासैप्टिव्स.

नौनहारमोनल कौन्ट्रासैप्टिव्स.

हारमोन बेस्ड कौन्ट्रासैप्टिव्स : इस तरह के कौन्ट्रासैप्टिव सब से ज्यादा चलन में हैं. ये ऐसे कौन्ट्रासैप्टिव्स हैं, जिन के इस्तेमाल से शरीर के अंदर हारमोनल बदलाव के जरिए अनचाहे गर्भ को रोका जाता है. 35 से कम उम्र की कोई भी स्वस्थ महिला जो कुछ समय तक बच्चा नहीं चाहती, डाक्टर की सलाह से इन का प्रयोग कर सकती है. लेकिन अगर कोई महिला हार्ट या लिवर की बीमारी से पीडि़त है या उसे अस्थमा और ब्लडप्रैशर की शिकायत रहती है, तो हारमोन बेस्ड कौन्ट्रासैप्टिव्स उस के लिए ठीक नहीं हैं. इस से अलग जो महिलाएं धूम्रपान या शराब का सेवन करती हैं या जिन का वजन ज्यादा है उन्हें भी इस तरह के कौन्ट्रासैप्टिव्स से बचना चाहिए.

इस वक्त बाजार में इस कैटेगरी के सब से ज्यादा कौन्ट्रासैप्टिव्स उपलब्ध हैं.

ओरल पिल्स

यह सब से ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाने वाला उपाय है. इसे महीने में 21 दिन खाना होता है. यह इसलिए भी ज्यादा चलन मेें है, क्योंकि इस का इस्तेमाल काफी आसान है और यह उपाय सस्ता भी है. लेकिन ओरल पिल्स को बिना डाक्टर की सलाह के न लें, क्योंकि ये सभी को सूट नहीं करतीं. इन्हें सही तरह से इस्तेमाल करने पर ही ये बचाव कर सकती हैं. लेकिन ज्यादातर महिलाएं सही पिल्स का चुनाव नहीं कर पातीं, जिस का नतीजा होता है अनचाहा गर्भ. ओरल पिल्स कई महिलाओं में वजन बढ़ाने और उल्टियों की समस्या का भी कारण बनती हैं. ओरल पिल्स के अलावा बाजार में मिनी पिल्स भी उपलब्ध हैं, जो ज्यादा कारगर और सेफ हैं. मिनी पिल्स भी प्रोजैस्ट्रौन और दूसरे हारमोंस के कौंबिनेशन से बनी होती हैं, जिन्हें दूध पिलाने वाली मां भी इस्तेमाल कर सकती है.

इमरजेंसी पिल्स

इस तरह की गर्भनिरोधक गोलियां ओरल पिल्स की पूरक हैं. अगर कोई महिला ओरल पिल्स लेना भूल जाती है और असुरक्षित सैक्स संबंध बनाती है, तो अनचाहे गर्भ से बचने के लिए 72 घंटे के अंदर वह इस का इस्तेमाल कर सकती है. इसीलिए इसे मौर्निंग आफ्टर पिल भी कहा जाता है. लेकिन यह उपाय भी सुरक्षा की पूरी गारंटी नहीं देता. इसलिए इसे केवल मजबूरी में ही इस्तेमाल करें, इसे आदत न बनाएं. लगातार इस्तेमाल से यह महिलाओं के लिए मुसीबत भी बन सकती है.

हारमोन इंजैक्शन

यह एक बेहद प्रभावशाली उपाय है. जो महिलाएं रोजाना गोलियां नहीं खाना चाहतीं, वे इस का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस में महिला को प्रोजैस्ट्रौन का इंजैक्शन दिया जाता है. यह इंजैक्शन यूटरस की दीवार पर मौजूद म्यूकस को गाढ़ा कर देता है ताकि स्पर्म अंदर न जाएं और औव्यूलेशन को रोका जा सके. इस इंजैक्शन को लेने के 24 घंटों के अंदर ही इस का असर शुरू हो जाता है. यह 10 से 13 हफ्तों तक सुरक्षा देता है, जिस के बाद फिर इंजैक्शन लेना होता है. कुछ महिलाओं का इस से वजन बढ़ सकता है और उन के पीरियड्स अनियमित भी हो सकते हैं. इस के इस्तेमाल के बाद कंसीव करने में भी कुछ महीनों का वक्त लग सकता है.

इंप्लांट

इस प्रक्रिया में एक बेहद पतली प्लास्टिक रौड हाथ के ठीक निचले हिस्से में फिट कर दी जाती है. यह रौड शरीर में प्रोजैस्ट्रौन रिलीज करती है, जिस से औव्यूलेशन नहीं हो पाता. यह यूटरस में मौजूद म्यूकस का नेचर बदल देता है, जिस से प्रैग्नैंसी को रोका जा सकता है. इसे सब से सेफ औप्शन माना जाता है. यह इंप्लांट 3 से 5 साल तक के लिए प्रैग्नैंसी से बचाव करता है. लेकिन भारत में अभी यह उपलब्ध नहीं है. 

नौनहारमोनल कौन्ट्रासैप्टिव्स: ये ऐसे कौन्ट्रासैप्टिव्स हैं जिन से किसी तरह के हारमोन शरीर के अंदर नहीं जाते. ये उन महिलाओं के लिए कारगर हैं, जिन्हें हार्ट, लिवर, अस्थमा या ब्लडप्रैशर की शिकायत रहती है. लेकिन नौनहारमोनल कौन्ट्रासैप्टिव्स के इस्तेमाल से पहले डाक्टरी सलाह बेहद जरूरी है.

फीमेल कौन्ट्रासैप्टिव्स की इस कैटेगरी में भी कई विकल्प मौजूद हैं.

फीमेल कंडोम

गर्भनिरोधकों की श्रेणी में महिलाओं के लिए कंडोम एक नई चीज है. यह कंडोम लुब्रिकेटेड पौलीथिन शीट का बना होता है. भारत में महिलाओं के लिए बने ये कंडोम हाल में ही बाजार में उतारे गए हैं. इसे भी पुरुष कंडोम की ही तरह एक ही बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. ये प्रैग्नैंसी रोकने में पूरी तरह से कारगर हैं, बशर्ते सैक्स के दौरान इस की पोजीशन ठीक रहे. यह प्रैग्नैंसी रोकने के अलावा एचआईवी जैसे रोगों से भी सुरक्षा देता है. लेकिन यह एक महंगा विकल्प है. महिला कंडोम की कीमत बाजार में 80 रुपए तक है, इसलिए डाक्टर पुरुष कंडोम की सलाह देते हैं, क्योंकि वह ज्यादा सस्ता विकल्प है.

इंट्रायुटेराइन कौन्ट्रासैप्टिव डिवाइस

इस डिवाइस को कौपर टी या मल्टीलोड डिवाइस के नाम से ज्यादा जाना जाता है. यह एक तरह की लचीली प्लास्टिक की डिवाइस होती है जिसे कौपर के तार के साथ यूटरस में लगा दिया जाता है. इसे डाक्टर की सहायता से फिट किया जाता है. कौपर वायर यूटरस में ऐसा असर पैदा करता है जिस से शुक्राणु और अंडाणु आपस में मिल नहीं पाते और गर्भ नहीं ठहरता. यह 98% तक सुरक्षा देता है. इसे 3 या 5 साल के लिए लगवाया जा सकता है. सरकारी हैल्थ सैंटरों में यह मुफ्त उपलब्ध है, जबकि बाजार में इस की कीमत 375 रुपए से 500 रुपए के बीच है. इस से पीरियड ज्यादा होना और पैरों में दर्द रहना आम बात है. जिन्हें कौपर से ऐलर्जी है उन के लिए इस का इस्तेमाल नुकसानदेह हो सकता है.

स्पर्मिसाइड जैली

इस तरह के कौन्ट्रासैप्टिव्स भी काफी अच्छे विकल्पों में गिने जाते हैं. अगर महिलाएं कंडोम या किसी तरह के डिवाइस को इस्तेमाल नहीं करना चाहतीं, तो इस तरह की जैली या फोम बेस्ड कौन्ट्रासैप्टिव इस्तेमाल कर सकती हैं. इसे सैक्स से ठीक पहले वजाइना में लगाना होता है. इस में मौजूद ‘नोनोक्सिनोल 9 कैमिकल’ स्पर्म को संपर्क में आते ही खत्म कर देता है. कुछ मेल कंडोम में भी स्पर्मिसाइड होते हैं. यह उपाय काफी कारगर है, लेकिन कुछ महिलाओं को इस से ऐलर्जी भी होती है, इस का ध्यान रखना जरूरी है.

उन खास पलो में ऐसे दोगुना होगा मजा

जया और रमिका लंच कर रही थीं. 8 घंटे की औफिस ड्यूटी के बीच यही समय मिलता है दोनों को अपना सुखदुख बांटने का. दोनों की हाल ही में शादी हुई है. पिछले 5 सालों से दोनों एक ही कंपनी में काम कर रही हैं.

खाना खाने के बाद वे एकदूसरे से बैडरूम की बातें करने लगीं. बातें गरमागरम थीं इसलिए वे दोनों औफिस से नजदीक ही एक पार्क में चहलकदमी करने लगीं.

जया ने बताया कि उस की सैक्स लाइफ काफी रोचक है. पतिपत्नी सैक्स में कई तरह के प्रयोग करते हैं. कभी उभार चूमना और उंगलियां फेरना एकसाथ करते हैं, तो कभी कंडोम पहनने के बाद उभार को उठा कर उसे चूमते हैं. इस मस्ती भरी छुअन के बाद वे सैक्स का मजा लेते हैं.

जया की इस बात पर रमिका मुसकराई. जया के पूछने पर रमिका ने बताया कि उस के पति उसे संतुष्ट नहीं करते. यह सुन कर जया चौंक गई.

इस पर रमिका ने कहा, ‘‘मेरा वह मतलब नहीं था. मेरे पति के लिए सैक्स का मतलब है न्यूड हो कर मेरे ऊपर आओ. शादी के 1-2 महीने बाद तक मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन अब नहीं.

‘‘जया बताओ न, मैं क्या करूं? मुझे सैक्स को बोरिंग नहीं बनाना है.’’

जया ने रमिका को सैक्स बटन के बारे में बताया जिन को इस्तेमाल में ला कर आज रमिका खुश दिखती है.

क्या आप जानते हैं सैक्स बटन की एबीसी?

दरअसल, औरतों में सिर से ले कर पैर तक सारे अंग कामुक होते हैं. अगर आप जानते हैं कि उन्हें सही तरीके से कैसे छूना है तो उन के शरीर का हर अंग मजा दिला सकता है.

1. होंठ

होंठ चूमना किसी औरत के लिए एक बड़ा टर्निंग पौइंट होता है. जब रिलेशन बन रहे होते हैं तो चूमना ऐसी पहली चीज होती है जो पहले मना की जाती है, लेकिन इस में देरी न करें.

होंठ उत्तेजक नसों से लबालब भरे होते हैं. लिहाजा, इन्हें तुरंत जीभ में नहीं डुबाना चाहिए. सब से पहले औरत के निचले होंठ पर अपनी जीभ फेरें, फिर उसे अपने होंठों के बीच फंसा कर चूसें. साथ ही, उसे भी ऐसा करने दें.

जब आप उसे चूम रहे हों तो अपने हाथ उस की गरदन पर रखें या फिर उस की कमर या कूल्हों पर या फिर इस दौरान इन सभी जगहों पर हाथ फेर सकते हैं.

2. बैकबोन

इस हिस्से के बारे में बहुत से लोग अनजान हैं, लेकिन यह औरतों को सब से ज्यादा जोश में लाने वाली जगह होती है. आप उन की स्पाइन पर अपनी उंगलियों को आराम से फिराएं. इस से आप अपने पार्टनर को बहुत जल्द कामुक कर सकते हैं.

3. उंगली

जीभ के बाद उंगलियों को शरीर का सब से सैंसिटिव हिस्सा माना जाता है. आप अपने पार्टनर की उंगलियों के ऊपरी हिस्से को चूम सकते हैं या हलके से दांत भी चुभा सकते हैं. दबाने से औरतों में जोश बढ़ता है. साथ ही, जैसेजैसे जोश बढ़ता जाता है आप को उस की उंगलियों को अपने होंठों के बीच ले जाना चाहिए, फिर होंठों से सहलाते हुए धीरेधीरे चूसना चाहिए. इस से वह नशे की सी हालत में आ जाएगी.

4. गरदन

औरतों की गरदन को भी काफी सैंसिटिव माना जाता है. गरदन की स्किन काफी पतली होती है, इसलिए यहां छूने पर काफी अच्छा महसूस होता है.

अगर आप अपनी उंगलियां सही जगह रख कर कौलरबोन सहलाएं तो पार्टनर को बहुत अच्छा महसूस होगा.

5. कान

जोश में लाने वाले बौडी पार्ट्स में कान बहुत काम के होते हैं. अपने पार्टनर के कानों को अपने होंठों से छुएं, चूमें या हलका सा काट लें और फिर देखिए उन का मूड.

6. पैर

बिस्तर पर जाने से पहले आप अपने पार्टनर से पैर धोने की गुजारिश करें, क्योंकि पैर सैक्सी होते हैं और इन्हें भी प्यार की जरूरत है.

पार्टनर के तलवों को चूम कर आप उसे जोश में ला सकते हैं. शुरुआत छोटी उंगली से करें. पैरों को सहलाते हुए रगड़ना एक औरत के लिए यह जबरदस्त अनुभव होता है. इस से उस के शरीर के दूसरे अंग भी उत्तेजित होने लगते हैं. इस की वजह यह है कि पैरों को सहलाने पर दिमाग का एक बड़ा हिस्सा जोश का अनुभव करता है इसलिए सैक्स से इस काम को नजरअंदाज न करें.

7. स्तन

स्तन महिला के सैक्सुअल अंगों में खास जगह रखते हैं. पर इस के लिए सीधे छलांग न लगाएं. स्तनों को तब तक न छुएं जब तक कि आप को यह न पता चल जाए कि वह चाह रही है कि आप उस के स्तनों को छुएं.

इस के लिए शुरुआत किनारे से करें, फिर गोल घेरे में अपनी उंगलियां स्तनों के चारों ओर घुमाएं. ऐसा तब तक करें जब तक स्तनों के निप्पल के चारों ओर के गुलाबी या भूरे रंग के गोल घेरे तक न पहुंच जाएं. यहां कुछ देर तक उंगलियां फिराने के बाद निप्पल तक पहुंचना चाहिए.

अब आप निप्पल को सहलाते हुए थपथपाएं, खींचें, दबाएं, चूमें और चूसें. इस दौरान आप चाहें तो हलके से दांतों से काट सकते हैं.

जब आप का मुंह एक स्तन पर है तो इस दौरान आप का हाथ दूसरे स्तन पर होना चाहिए तभी वह सबकुछ सौंपने को तैयार होगी. इस के बाद स्तन बदल कर यही दोहराएं. फिर दोनों हाथों से स्तनों को जम कर दबाना चाहिए. साथ ही, बीच में अपने पार्टनर से पूछें कि उसे स्तनों में कौन सी छुअन मजा देती.

कभी भी पार्टनर की इच्छाओं को नजरअंदाज न करें. स्तनों के बीच का हिस्सा कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि यह भी कामुक जगह  है.

8. भग

भग क्षेत्र में छलांग लगाना काफी आसान होता है लेकिन उस के पहले उस गूदेदार क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो रोमों से घिरा होता है. इसे थपथपाना और रगड़ना पार्टनर को सिसकने पर मजबूर कर देगा.

योनि वह दूसरा क्षेत्र है जहां कई आदमी स्तनों को उत्तेजित करने के बाद सीधे पहुंच जाते हैं. जैसे ही औरतें उत्तेजित होती हैं उन का गर्भद्वार ऊपर की ओर खिसक जाता है, जिस से योनि की गहराई बढ़ जाती है और आप को गहरे तक जाने का मजा मिलता है.

इसलिए यह आप की पसंद का मामला है कि आप उसे कितना गीला कर सकते हैं. जितना समय यहां दिया जाएगा उतना ही मजा आप को प्रवेश पर मिलेगा.

मेरा बौयफ्रेंड घर वालों की मरजी से शादी कर रहा है लेकिन मैं उसके बिना नहीं रह सकती, क्या करूं?

सवाल
मैं 22 वर्षीय  युवती हूं. मुझे फेसबुक पर एक युवक की फ्रैंड रिक्वैस्ट आई वह काफी हैंडसम युवक था, सो मैं ने उस से दोस्ती कर ली. फिर हमारी रोज बातचीत होने लगी. बातोंबातों में सैक्स की बातें भी होने लगीं, हम दोनों मिलने भी लगे और शारीरिक संबंध भी बने, लेकिन अब जबकि उस लड़के ने मुझ से शादी का वादा किया था वह घर वालों की मरजी से शादी कर रहा है. मैं उस के बिना नहीं रह सकती. मैं क्या करूं?

जवाब
फेसबुक पर अकसर दोस्ती होती है औैर ऐसे संबंधों के बाद धोखा मिलता है. यह आजकल आम बात है, यह जानते हुए भी आप ने जो कदम बढ़ाया वह जिंदगी भर का जोखिम लिया है. आगे भी भविष्य में आप के लिए ऐसा प्रेमी दुखदायी रहेगा. अपनी भावनाओं पर काबू रखें और उस से बिलकुल नाता तोड़ लें.

अपने आप को अन्य कामों में बिजी रखेंगी तो उसे भूल पाएंगी. फिर सोचसमझ कर अपनी जिंदगी को जीएं. ऐसे जालसाजों से सदा बच कर रहें. उस से उस की शादी के बाद भी मिलने की कोशिश न करें, वह आप का दोहन ही करेगा, आप की भावनाओं का फायदा ही उठाएगा. इस समय आप की थोड़ी सी समझदारी आप को जिंदगी भर का सुकून प्रदान करेगी.

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सैक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सैक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सैक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सैक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सैक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखादेखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सैक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सैक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सैक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सैक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सैक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सैक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सैक्स

सैक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सैक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सैक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सैक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सैक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सैक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सैक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सैक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सैक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सैक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सैक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सैक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सैक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सैक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सैक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सैक्स न करें

सैक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सैक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सैक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सैक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

–       हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सैक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.

–       अगर फिर भी आप ने सैक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सैक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सैक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.

–       सैक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.

–       अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.

–       अगर सैक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सैक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें.

 

मैंने सुना है कि शराब पीने से सैक्स क्षमता बढ़ जाती है ,क्या ये बात सच है ?

सवाल
मैं 32 वर्षीय पुरुष हूं. मैं ने सुना है कि मदिरापान से सैक्स क्षमता बढ़ जाती है. क्या यह बात सच है? क्या किसी हलकेफुलके नशे का कामोन्माद पर कोई असर पड़ता है?

जवाब

मदिरापान और यौन क्षमता के बीच के संबंध को न केवल समाज में, बल्कि पुराने चलचित्रों और नाटकों में भी तरह तरह से उकेरा गया है. शायद इसी के चलते समाज में यह धारणा भी बहुप्रचलित है कि मदिरा सेवन से यौन क्षमता बढ़ जाती है.

मदिरा थोड़ी लें या अधिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है. मदिरा से प्रेम के सुर झंकृत होते हों, ऐसा ठीक नहीं मालूम होता. मदिरा लेने के बाद संवेदनशीलता भी किसी सीमा तक कम हो जाती है.

60 मिलीलीटर से अधिक मात्रा में ली गई मदिरा यौन क्षमता को पक्के तौर पर घटाती है. सचाई से नाता टूटने के कारण तरह तरह के भ्रम भी जन्म ले सकते हैं. लंबे समय तक निरंतर मदिरा सेवन करते रहने से पुंसत्वहीनता भी उत्पन्न हो जाती है.

हलकेफुलके नशे से आप का तात्पर्य क्या है, यह समझ पाना मुश्किल है. पर गांजा, चरस और कोकीन का लंबे समय तक बराबर सेवन यौन सामर्थ्य समाप्त कर सकता है. दूसरे नशों और कुछ दवाओं के सेवन पर भी यही समस्या आम देखी जाती है.

इसी प्रकार प्रशांतक दवाएं जैसे डायजेपाम, लोराजेपाम, सिडेटिव दवाएं, अल्सररोधी दवा रैनिटिडाइन और ब्लडप्रैशर घटाने के लिए दी जाने वाली कुछ उच्च रक्तचापरोधक दवाएं भी पुरुष यौन सामर्थ्य के आड़े आ सकती हैं.

सैक्स का सुख पाने के लिए किसी भी प्रकार के नशे पर निर्भर रहने के बजाय आपसी प्रेम होना अधिक माने रखता है.

सेक्स समस्याओं पर खुलकर बात करें लड़के

बात भी सही है पर सेक्स से जुड़ी बीमारियों के बारे में किसी अपने से बात करना इतना आसान नहीं है, कम से कम जवान होते लड़कों के लिए. अब संजय को ही लीजिए, उस ने हाल में आई मूंछों को ताव देते हुए एक सेक्स वर्कर से संबंध बना लिए और कंडोम का भी इस्तेमाल नहीं किया. इस के बाद उसे बीमारी हो गई. वह किसी माहिर डॉक्टर के पास नहीं गया और किसी तंबू वाले नीमहकीम से दवा ले ली. सब से बड़ी बात तो यह कि संजय ने अपने किसी खास दोस्त को भी इस मामले में कुछ नहीं बताया, घर वालों से तो दूर की बात है.

नीमहकीम ने संजय को जम कर लूटा और बीमारी भी बढ़ती गई. हार कर वह डॉक्टर के पास गया और अपनी बीमारी का सही इलाज कराया.

संजय जैसे बहुत से लड़के हैं जो अपनी सेक्स समस्याओं को राज ही रखते हैं. कहीं न कहीं इस में उन का अहम आड़े आ जाता है कि भरी जवानी में अगर वे किसी से इस का जिक्र करेंगे तो उन का मजाक बनाया जाएगा. पर ऐसा होता नहीं है. अगर वे जरा सी भी दिक्कत महसूस करें तो सीधे किसी अपने से बात करें, ठीक उसी तरह जैसे कोई लड़की अपनी मां या किसी बड़ी से अपनी शारीरिक समस्याओं पर बात करती है. इस मामले में मांबेटी का रिश्ता आपस में इतना खुला होता है कि वे जिगरी सहेलियों की तरह अपनी ऐसी समस्याओं जैसे माहवारी आदि पर बेहिचक बातचीत करती हैं और समस्या को ज्यादा गंभीर नहीं होने देती हैं.

लड़कों के मामले में उन के बड़ों जैसे पिता या भाई को भी उन पर नजर रखनी चाहिए कि वे कहीं किसी सेक्स समस्या को ले कर मानसिक तनाव से तो नहीं गुजर रहे हैं या उन के किसी दोस्त से भी वे पूछ सकते हैं, क्योंकि बहुत सी बार लड़के अपने दोस्त से ऐसी समस्या को शेयर कर लेते हैं. वैसे तो जवान होते लड़कों को अपने बड़ों से ऐसा कुछ नहीं छिपाना चाहिए जो सेक्स की बीमारी से जुड़ा हो. यह उन के फायदे का ही सौदा होता है, इसलिए झिझके नहीं बल्कि किसी आम बीमारी की तरह सेक्स से जुडी बीमारी पर अपनों से बात करें और सुखी रहें.

डेटिंग ऐप्स में सेक्स तलाशते युवा

आज का युवा हर काम में शौर्टकट तलाशता है. यहां तक कि प्रेम और सेक्स के लिए भी वह रिश्ते में ठहराव तलाशने के बजाय डेटिंग ऐप्स के जरिए फटाफट ऐसा साथी ढूंढ़ता है जो बिना समय गंवाए पहली ही डेट पर उस के सारे अरमान पूरे कर दे. लेकिन जब उस की यह ख्वाहिश पूरी नहीं होती तो उसे अकेलापन व तनाव घेर लेता है.

एक सच्चा दोस्त और प्यार किसी डेटिंग ऐप्स में इतनी आसानी से मिल जाए, यह जरूरी नहीं. हालांकि, कई बार अजनबी भी हमारे अपनों से ज्यादा मददगार साबित होते हैं. फेसबुक ने भी हाल ही में ऐलान किया है कि वह जल्द ही अपनी डेटिंग सर्विस शुरू करेगा. आज युवा इन ऐप्स के जरिए प्यार और सेक्स की चाहत पूरी करना चाहते हैं. लेकिन प्यार की तलाश आसान नहीं है.

आजकल कई तरह की मोबाइल एप्लीकेशंस आ गई हैं जो इस में मदद करने का दावा करती हैं. इन डेटिंग ऐप्स की मदद से आप को कई अच्छे विकल्प मिल जाते हैं, लेकिन कई बार ऐसे लोग भी मिलते हैं जिन के साथ अनुभव अच्छा नहीं रहता. इन ऐप्स के इस्तेमाल में कई बार हिचक भी होती है क्योंकि इन के जरिए मिलने वाले लोग अनजान होते हैं.

औक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने करीब 24 हजार महिलापुरुषों पर अध्ययन के दौरान पाया कि इंटरनैट का इस्तेमाल करने वाली हर तीसरी युवती ने खुद को डेटिंग ऐप्स में रजिस्टर्ड कर रखा है. औनलाइन डेटिंग ऐप्स को ले कर आमतौर पर यही धारणा है कि यहां आ कर राइट और लैफ्ट स्वाइप कीजिए और आप को कोई हैंडसम सा माचोमैन कैजुअल या सीरियस रिलेशनशिप के लिए मिल जाएगा. यह धारणा इसलिए भी है क्योंकि इस तरह के ऐप्स के विज्ञापन भी सिंगल से मिंगल होने और अजनबी के साथ सेफ सेक्स डेट के दावे करते हैं. इतना भी आसान नहीं

जितनी आसानी से साथी का मिलना इन ऐप्स के दावे दिखाते हैं, यह उतना आसान है नहीं. नौर्वे यूनिवर्सिटी औफ साइंस ऐंड टैक्नोलौजी के शोधकर्ताओं की महिलाओं पर की गई एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि टिंडर और दूसरे ऐप्स का इस्तेमाल सब से ज्यादा युवाओं द्वारा किया जा रहा है, जिस में लड़कियां खुद को आकर्षित और लड़कों के साथ कैजुअल सेक्स तो वहीं शौर्टटर्म रिलेशनशिप के लिए ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल कर रही हैं. पर कई मामलों में देखा गया है कि उन के अनुभव कड़वे और भयावह हो जाते हैं जब इन ऐप्स के जरिए मिला कोई कामुक और घटिया मानसिकता का युवा उन्हें ट्रौल करने लगता है.

युवक बनाम युवतियां

ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि इन डेटिंग ऐप्स से लड़कों के बजाय लड़कियों को ज्यादा बुरे अनुभवों से गुजरना पड़ता है. एक तरफ युवा जहां इन ऐप्स के जरिए ज्यादा उत्सुकता से सेक्स पार्टनर खोज लेते हैं, वहीं युवतियां धोखेबाज लड़कों के साथ जा कर चीटेड फील करती हैं. यही वजह है कि युवतियों की तुलना में लड़के राइट स्वाइप ज्यादा करते हैं.

यह शोध 18 से 25 साल की उम्र के युवाओं की सेक्सलाइफ और उन के ऐप्स यूज करने के अनुभवों पर आधारित है. दरअसल, लड़कियां जहां इन ऐप्स के जरिए ठीकठाक जानकारी जुटा कर किसी लड़के को चूज करती हैं वहीं लड़के फेक अकाउंट बना कर एक से ज्यादा लड़कियों के साथ कैजुअल सेक्स और शौर्टटर्म रिलेशनशिप को ले कर जल्दबाजी दिखाते हैं. नतीजतन, इन ऐप्स में युवा जल्दी निर्णय ले लेते हैं. कुल मिला कर युवतियों को सोचसमझ कर कदम बढ़ाने चाहिए. लड़कों की मस्ती के अड्डे बनते ये ऐप्स लड़कियों को कई बार अपराधी तत्त्वों का शिकार बना लेते हैं.

वर्चुअल रिश्तों के साइडइफैक्ट्स यह सच है कि आज संबंधों में तनाव और कुंठा के चलते परिवार टूट रहे हैं. दोस्तों की यारी और पड़ोस का प्यार वाली बातें भी पुरानी हो चली हैं. कैरियर और नौकरी के पीछे भागतेभागते युवा प्यार और रोमांस की असली परिभाषा तक भूल गए हैं. अकेलापन आज एक ऐसी महामारी बन चुका है जिस ने युवकयुवतियों को तकनीक की इस अंधी गली में प्यार तलाशने के लिए मजबूर कर दिया है.

इन वर्चुअल रिश्तों में प्यार खोजते इन युवाओं के लिए ये डेटिंग ऐप्स आज फैशन टूल्स बन गए हैं, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इन के साइड इफैक्ट्स भी हैं. कई केस ऐसे भी आए हैं जहां इन ऐप्स में अपराधियों ने झूठी पहचान बना कर युवतियों से दोस्ती और प्यार का दिखावा कर अपना उल्लू सीधा किया और बाद में ब्लैकमेल का खेल खेलने लगे.

मन की कुंठा और सेक्स की अधूरी चाहतें पूरी करने की छटपटाहट में युवतियां अपना सब कुछ गंवा देती हैं. संयुक्त राष्ट्र के एक सर्वे के मुताबिक डेटिंग ऐप्स के जरिए मिलने वाले ज्यादातर लोग या तो एड्स से पीडि़त होते हैं या फिर मानसिक तौर पर बीमार.

याद रखें प्यार, सेक्स और साथी की चाहत इतनी आसानी से पूरी नहीं होती कि एक क्लिक किया और हो गया. इसलिए किसी को अपने करीब लाने के लिए जल्दबाजी न दिखाएं और सोचसमझ कर ही कदम आगे बढ़ाएं.

कुछ पौपुलर डेटिंग ऐप्स आजकल सोशल मीडिया या कई डेटिंग ऐप्स चलन में हैं जो युवाओं को मिनटों में प्रेमी, साथी या कैजुअल पार्टनर मैच कराने का दावा करते हैं. इन में हिच ट्रूलीमैडली, बंबल, टैस्टबड्स, स्कोर, हैपन, फ्लिकपिक, टिनडौग, अलाइन और कौफी मीट्स बजल जैसे डेटिंग ऐप्स प्रमुख हैं.

मैं 2 बार रिलेशनशिप में रह चुकी हूं, यह जान कर मेरा दोस्त मुझसे कटने लगा है, क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 18 वर्ष है. मैं बीकौम प्रथम वर्ष की छात्रा हूं. कालेज के तीसरे महीने में ही मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई. वह देखने में हैंडसम और पढ़नेलिखने में बहुत इंटैलिजैंट है. उस ने मुझ से मेरे बारे में पूछा तो मैं ने उसे अपनी पहचान बताते हुए यह भी बताया कि मैं पहले भी 2 बार रिलेशनशिप में रह चुकी हूं. यह जान कर वह मुझ से कटने लगा है.

अब पहले की तरह बात नहीं करता. उस की पहले कभी कोई गर्लफ्रैंड नहीं रही, शायद इसीलिए वह यह एक्सैप्ट नहीं कर पा रहा कि लड़की हो कर मैं रिलेशनशिप में कैसे रही. क्या मैं ने पहले रिलेशनशिप में आ कर गलती की? क्या मुझे उस लड़के से बात करनी चाहिए या माफी मांगनी चाहिए? मैं उसे बेहद पसंद करने लगी हूं और उस का मेरे साथ परायों जैसा व्यवहार मेरे लिए असहनीय होता जा रहा है. कृपया सुझाव दें.

जवाब

पहले तो मैं आप को यह बताना चाहूंगी कि आप ने पहले 2 बार रिलेशनशिप में आ कर कोई गलती नहीं की और इस के लिए आप को किसी भी तरह से गिल्टी फील करने की या किसी से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है. रही बात उस लड़के की तो यदि वह पहले रिलेशनशिप में नहीं आया तो इस में प्रौब्लम ही क्या है. ऐसा भी नहीं है कि आप उसे जज कर रही हों जो वह आप को दोष दे. आखिर खुद को जज करना, आप से अपनी तुलना करने वाला है भी तो वह खुद ही. आप उस से बात करना चाहें तो करें लेकिन जिस लड़के की सोच यह हो कि लड़कियों को रिलेशनशिप में नहीं आना चाहिए या केवल एक ही रिलेशनशिप में रहना चाहिए तो ऐसा लड़का आप को डिजर्व नहीं करता. किसी का हैंडसम होना या इंटैलिजैंट होना ही सबकुछ नहीं होता, व्यक्ति की सोच अच्छी होनी भी जरूरी है. मेरा सुझाव यही है कि आप उस से बात करें. अपनी बात कौन्फिडैंस के साथ रखें, डरें नहीं, झिझकें नहीं. जब तक आप अपनी बात रखेंगी नहीं, तब तक कुछ भी क्लीयर नहीं होगा. आप की उलझन बढ़ती जाएगी और आप पसोपेश में फंसी रहेंगी.

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मैं एक समलैंगिक लड़का हूं लेकिन…

सवाल

मैं एक समलैंगिक लड़का हूं और मेरी बहन के देवर के साथ मेरा जिस्मानी रिश्ता है. उस ने अपने दोस्तों को भी मेरे बारे में बता दिया है. वे सब मेरा मजाक उड़ाते हैं. कभीकभार तो मेरा खुदकुशी करने का मन करता है. कोई उपाय बताएं?

जवाब

अब समलैंगिकता को कानूनी मंजूरी मिल गई है. अगर आप का पार्टनर तैयार हो तो उसे शादी के लिए कहें. रही बात मजाक की तो दुनिया वालों की परवाह न करें, कुछ दिनों बाद सब शांत हो जाएंगे. खुदकुशी का खयाल दिल से निकाल दें, क्योंकि आप ने कोई गुनाह नहीं किया, बल्कि प्यार किया है.

मेरे पति चाहते हैं रोजाना सैक्स संबंध बनाऊं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 49 वर्षीय महिला हूं. 18 की उम्र में ही शादी हो गई थी. मेरे 2 बच्चे हैं. दोनों बड़े और सैटल हैं. पति अभी भी मुझे बहुत प्यार करते हैं. वे चाहते हैं कि मैं रोजाना सैक्स संबंध बनाऊं. पीरियड्स के दिनों भी पति सैक्स करना चाहते हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप के पति आप को इतना प्यार करते हैं, यह तो बेहद अच्छी बात है. पतिपत्नी के बीच नियमित सहवास न सिर्फ आपसी संबंधों को मजबूती देता है, दांपत्य जीवन सदैव खुशहाल रहता है. दूसरा, सैक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है और शरीर के लिए शानदार टौनिक भी. पति के साथ सैक्स संबंध का जम कर आनंद उठाएं. रही बात पीरियड्स में सैक्स करने की तो इस से कोई शारीरिक नुकसान नहीं होता. इन दिनों भी आप सैक्स का लुत्फ उठा सकती हैं.

सवाल

मैं 30 साल की शादीशुदा औरत हूं. मैं ज्यादातर अपने मायके में ही रहती हूं क्योंकि मेरा पति शराबी है और बेवजह मुझ से मारपीट भी करता है. जब मैं अपनी ससुराल में थी, तब भी उस के भाई ही हमारा खर्च चलाते थे. इस से मुझे बहुत तकलीफ होती थी. क्या मुझे तलाक मिल सकता है?

जवाब

यह बात सही है कि शराबी पति निकम्मा भी हो तो किसी गंभीर समस्या से कम नहीं होता. बेवजह नशे में मारपीट करने वाले पतियों से निभाना मुश्किल ही होता है. आप को अगर लगता है कि अब और नहीं निभ पाएगी, तो तलाक मिल सकता है. अपने शहर के किसी अच्छे वकील से मिल कर आप तलाक का मुकदमा दायर कर सकती हैं, लेकिन बच्चे अगर हों तो उस को रास्ते पर लाने की कोशिश करें. अगर बात न बने तो फिर अदालत जाएं. अदालतों से भी तलाक आसानी से नहीं मिलता. वहां कई साल लग जाते हैं.

मैं 35 साल की एक आंटी को पसंद करता हूं, क्या यह सही है?

सवाल

मैं 19 साल का एक लड़का हूं. मेरे पड़ोस में 35 साल की एक आंटी रहती हैं, जो मुझे बहुत पसंद हैं. वे इतनी ज्यादा खूबसूरत हैं कि रात को मेरे सपने में आती हैं. सपने में मैं बहक जाता हूं, पर असली जिंदगी में वे मु झ से बात भी नहीं करती हैं. मैं उन आंटी को देखते ही बौरा जाता हूं और उन्हीं के बारे में सोचता रहता हूं. मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप जो कर सकते हैं, वह तो कर ही रहे हैं कि आंटी को पहलू में दबोच कर उन से सैक्स करते हुए खुद हस्तमैथुन करना, जो कतई हर्ज की बात नहीं. आप यही करते रहें और आंटी के बारे में सोचना बंद करें.

आंटी रात को सपने में कोई पूजा का थाल ले कर नहीं आती होंगी, बल्कि आप को वह सब देने आती होंगी, जो आप उस से चाहते हैं. असल जिंदगी में वे आप को घास नहीं डालतीं. इस का सीधा सा मतलब है कि आप में उन की कोई दिलचस्पी नहीं है, इसलिए किसी हमउम्र लड़की से दोस्ती करें, लेकिन उस के भी पहले अपनी पढ़ाई व कैरियर के सपने देख कर उन्हें अमल में लाने की कोशिश करें.

मकान मालिक की पत्नी मेरे साथ रिश्ता बनाना चाहती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं दिल्ली में किराए के मकान में रहता हूं और बीए की तैयारी कर रहा हूं. मेरे मकान मालिक का किसी दूसरी औरत के साथ नाजायज रिश्ता है, ऐसा उस की पत्नी मु झे बताती है. वह अपने पति को सबक सिखाने के लिए मेरे साथ रिश्ता बनाना चाहती है. वह औरत भरेपूरे बदन की है. उसे देख कर मेरा भी ईमान डगमगाने लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

अपने ईमान को काबू में रखें. आप के मांबाप ने दिल्ली में आप को पढ़ने के लिए भेजा है, भरेपूरे बदन का नाप लेने नहीं. अगर सबकुछ बिना किसी अड़ंगे के हो जाए तो अपनी ख्वाहिश पूरी कर लें, वरना ऐसे मामलों में कई बार लेने के देने भी पड़ जाते हैं, खासतौर से छात्रों का तो कैरियर बरबाद हो जाता है.

मुमकिन है कि आप की मकान मालकिन आप को हासिल करने के लिए पति के बाबत  झूठ बोल रही हो और इस के लिए वह आप के लिए अभी कुछ भी करने को तैयार हो सकती है. अब यह आप के सब्र और सम झ के ऊपर है कि आप हालात का फायदा कैसे उठाते हैं, भरेपूरे बदन के साथ कुछ और भी हासिल कर पाते हैं.

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