सेक्स टॉयज को देश में खुलेआम बिकने देना चाहिए: डाक्टर प्रकाश कोठारी

डाक्टर प्रकाश कोठारी को ‘फादर औफ सैक्सोलौजी स्टडी इन इंडिया’ कहते हैं. वे सेठ जीएस मैडिकल कालेज और केईएम हौस्पिटल, मुंबई में शुरू किए गए देश के पहले ‘सैक्सुअल मैडिसिन डिपार्टमैंट’ के संस्थापक प्रोफैसर रहे हैं.

साल 1981 में पीएचडी हासिल करने वाले डाक्टर प्रकाश कोठारी सातवीं वर्ल्ड कांग्रेस औफ सैक्सोलौजी (1985) और इंटरनैशनल कौंफ्रैंस औफ और्गज्म (1991) के अध्यक्ष रहे हैं और वर्ल्ड एसोसिएशन फोर सैक्सुअल हैल्थ (डब्ल्यूएएस) की सलाहकार समिति के संस्थापक सदस्य हैं.

वे पिछले 40 साल से सैक्सुअल मैडिसिन में प्रैक्टिस कर रहे हैं यानी सैक्स संबंधी समस्याओं का आधुनिक दवाओं से इलाज कर रहे हैं. अब तक उन्होंने तकरीबन 60,000 मरीजों का इलाज किया है.

ये भी पढ़ें- बैडरूम में लें सेक्स का पूरा आनंद, अपनाएं ये 7 टिप्स

पिछले दिनों उन के मुंबई में चर्नी रोड पर बने क्लिनिक सुख सागर में सैक्स संबंधी कई विषयों पर बात की गई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट और हर तरह की मीडिया में आने वाली खबरों से लगता है जैसे देश में सैक्स अपराधों का खौफनाक तूफान आया हुआ है. हर 29 मिनट में देश में एक रेप हो रहा है. आखिर इस सब की वजह क्या है?

देखिए, वजह सोशल मीडिया हो या कुछ और, इन दिनों हर तरफ सैक्स की बातें हो रही हैं. इस सब के चलते माहौल में कामेच्छा का उभार आ गया है. लेकिन यह कामेच्छा चैनेलाइज कैसे हो, यह सिर्फ सैक्स ऐजूकेशन सिखा सकती है, जो है नहीं या सही से लागू नहीं है. दूसरी बात यह है कि उभरी हुई इस कामेच्छा को रिलीज करने के लिए वैकल्पिक उपाय नहीं हैं, इसलिए लोग उन्माद में कामेच्छा को रिलीज करने के लिए सैक्स अपराध कर रहे हैं.

तो क्या आप यह कहना चाहते हैं कि उभरी हुई कामेच्छा को रिलीज करने के लिए वैकल्पिक उपाय होने चाहिए, नहीं तो सैक्स अपराध होते रहेंगे?

जी, हां. देखिए, कामेच्छा को दबाने के हमारे पास 2 ही उपाय हैं, पहला ब्रह्मचर्य, जो आमतौर पर मुमकिन नहीं होता. वैसे, ब्रह्मचर्य गलत शब्द है, कहना चाहिए सैक्स में अलिप्त रहना. दूसरा है अल्टरनेटिव सैक्सुअल बिहेवियर यानी हस्तमैथुन को अपनाना. लेकिन अफसोस की बात यह है कि हस्तमैथुन के बारे में समाज में गलतफहमी बहुत है. यह गलतफहमी तब तक बनी रहेगी जब तक सही तरीके से लोगों को सैक्स ऐजूकेशन नहीं दी जाएगी.

लोग हस्तमैथुन को ले कर गलतफहमी का शिकार क्यों रहते हैं?

क्योंकि लोगों को लगता है कि हस्तमैथुन से उन में कमजोरी आ जाती है. यह समझने की बात है कि जब सहवास से शरीर में कमजोरी नहीं आती, बल्कि ताजगी आती है, तो भला हस्तमैथुन से कैसे आ जाएगी? आखिर सहवास भी मैथुन है और हस्तमैथुन कृत्रिम मैथुन है. अगर लोगों को यह बात सही तरीके से समझा दी जाए तो वे सैक्स के लिए क्राइम करने के बजाय हस्तमैथुन या दूसरे कृत्रिम उपायों को अपना कर संतुष्ट हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- बढ़े हुए प्रोस्टेट से आपकी सेक्स लाइफ हो सकती है

हस्तमैथुन पार्टनर रहित शख्स के लिए सैक्स का एक अच्छा औप्शन है. सैक्स ऐजूकेशन सही ढंग से दी जाए तो समाज में रेप की संख्या कम हो सकती है. दुनिया के जिन भी देशों में सैक्स ऐजूकेशन सही ढंग से दी गई है, वहां एचआईवी एड्स, बढ़ती हुई आबादी और रेप की संख्या में काफी कमी आई है. उदाहरण के लिए स्वीडन.

इस समय, जबकि सैक्स अपराध बहुत ज्यादा बढ़े हुए हैं, इन्हें कम करने के लिए आप सरकार को तात्कालिक उपाय क्या सुझा सकते हैं?

जब ‘कौन बनेगा करोड़पति’ जैसा कार्यक्रम सुपरडुपर हिट हो सकता है. कश्मीर से ले कर कन्याकुमारी तक लोग उसे चाव से देख सकते हैं तो सैक्स तो और भी दिल के करीब का विषय है. अगर मर्यादित भाषा और सही तौरतरीके से सैक्स के बारे में लोगों को जानकारियां दी जाएं तो निश्चित रूप से लोगों में जागरूकता आएगी. लेकिन यह काम सरकार को करना होगा, क्योंकि जब कोई काम सरकार करती है तो उस में एक खास किस्म की ग्रैविटी होती है.

एक बात मैं जोर दे कर कहना चाहूंगा कि यह काम होगा टैलीविजन के माध्यम से ही, क्योंकि आज टैलीविजन खासकर सरकारी टैलीविजन की गांवगांव, घरघर तक पकड़ है. मैं तो यह भी कहूंगा कि यह कई तरह से फायदे वाला काम होगा.

क्या आप ने कभी ऐसा कोई सुझाव भारत सरकार को दिया है?

मुझ से किसी ने संपर्क नहीं किया. हां, जब शंकर दयाल शर्मा राष्ट्रपति थे, उस समय मैं ने जरूर सुझाव दिया था और तब की सरकार ने उस पर अमल करने की बात भी कही थी, लेकिन सरकार बदली और सब बदल गया.

आप को क्या लगता है, रेप के खिलाफ कठोर कानून होने के बावजूद सैक्स अपराधों में कोई कमी क्यों नहीं आती है?

देखो, कानून चाहे जितना सख्त बना लीजिए मुझे नहीं लगता कानून से कभी सैक्स अपराधों में कोई कमी आएगी. अगर वास्तव में सही तरीके से फर्क हासिल करना है तो वास्तविक सैक्स ऐजूकेशन का प्रचारप्रसार करना ही होगा यानी दिल के तारों को टटोलना होगा.

देखिए, अज्ञान से विकृत कौतूहल में इजाफा होता है और ज्ञान से विकृत कौतूहल कम होता है. मतलब यह कि अगर आप लोगों को सही ज्ञान दें तो उन के अंदर का विकृत कौतूहल कम हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- आखिर क्या है आपकी प्रेमिका की सेक्सुअल चाहते, जानें यहां

हस्तमैथुन के अलावा और कौन से कृत्रिम सैक्स के उपाय हो सकते हैं, जिन को बढ़ावा दे कर सैक्स अपराधों को कम किया जा सकता है?

सैक्सुअल टौयज भी ऐसे उपायों में शामिल हो सकते हैं. वे विदेशों में सैक्स की जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा जरीया हैं.

भारत में भी सैक्स टौयज मिलते हैं लेकिन चोरीछिपे. सरकार को इन्हें न केवल खुलेआम बिकने देना चाहिए, बल्कि इन को बढ़ावा देना चाहिए। याद रखिए, सैक्स की ऊर्जा को कोई कम नहीं कर सकता. हम सब लोग एक ऐसी उम्र से गुजरे हैं या गुजरते हैं जब सैक्स की ऊर्जा अपने नैतिक मूल्यों के दबाव में और ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे समय में कोई कितना ही पढ़ालिखा क्यों न हो, फिसल जाएगा.

आज तो ‘लाइफ साइज डौल’ मुहैया हैं. सरकार को बाकायदा इन के लिए खास इमारतें बनानी चाहिए और ऐसे संभोग को बढ़ावा देना चाहिए जिस से रेप और एचआईवी जैसी बीमारी पर रोक लग सके.

सैक्स जैसे विषय में लोगों की बहुत कम जानकारी या अज्ञानता के पीछे कहीं न कहीं सांस्कृतिक वजह भी शामिल नहीं है? मसलन बंद संस्कृति वाले देशों, क्षेत्रें में सैक्सुअल कट्टरता कहीं ज्यादा है खासकर कौमार्यता और पवित्रता को ले कर?

सही कहा. भारत, भारतीय उपमहाद्वीप और तमाम एशियाई देशों में कौमार्यता आज भी एक बड़ी नासमझी है. यह पूरी तरह से गलतफहमी है कि पहली बार हमबिस्तरी करोगे तो खून निकलेगा ही. मैं ने तो इस धारणा के चलते तमाम शादियों को टूटते देखा है. निश्चित रूप से यह सांस्कृतिक कट्टरता है, लेकिन मैं फिर कहूंगा कि यह कट्टरता गलतफहमी और नासमझी की देन है. ऐसी सांस्कृतिक कट्टरताओं या धारणागत जड़ताओं का निदान भी सैक्स ऐजूकेशन ही है.

वैसे, इस सब के बीच में मैं एक बात अपने अनुभव से कहूंगा कि भारत ऐसा देश है, जहां मुहब्बत की आखिरी मंजिल तो हमबिस्तरी हो सकती है, लेकिन हमबिस्तरी की आखिरी मंजिल मुहब्बत नहीं है.

मैं ने ऐसे जोड़े देखे हैं जिन में सुहागरात से ले कर 25-25, 30-30 साल तक कोई शारीरिक संबंध नहीं बने, लेकिन शादियां बनी रही हैं, टूटी नहीं हैं. विदेशी इसे सच के रूप में स्वीकार ही नहीं कर पाते.

ये भी पढ़ें- आखिर लड़कों से क्यों नहीं पूछी जाती वर्जिनिटी

मेरा बॉयफ्रैंड बिना बात किए नहीं रह सकता इसकी वजह से उसकी पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो रही है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 19 साल की हूं और अपने से 2 साल बड़े लड़के से प्यार करती हूं. हम ने कई बार सैक्स का आनंद भी उठाया है. वह मुझे बहुत प्यार करता है और मुझ से शादी करना चाहता है. उस के घर वालों को भी कोई ऐतराज नहीं है पर मेरे घर वाले तैयार नहीं हो रहे, क्योंकि वह अलग जाति का है और मैं अलग जाति की. हमारे रिश्ते के बारे में घर वालों को पता चला तो मेरी पढ़ाई छुड़वा दी और मोबाइल भी ले लिया. फिर भी मैं लड़के से चोरीछिपे बात कर लेती हूं. बौयफ्रैंड मुझ से बिना बात किए नहीं रह सकता. इस की वजह से उस की पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो रही है. वह कह रहा है कि अगर घर वाले नहीं मान रहे तो अभी रुको, 4 साल बाद
जब मेरी पढ़ाई पूरी हो जाएगी तो हम शादी कर लेंगे. मगर इस दिल को कैसे तसल्ली दूं, जो दिनरात उसी के लिए धड़क रहा है? बताएं मैं क्या करूं?

ये भी पढ़ें- मेरा एक्स बॉयफ्रेंड मिलना चाहता है, मैं क्या करूं?

जवाब

अभी आप की उम्र काफी छोटी है. यह उम्र पढ़लिख कर कुछ बनने की होती है. मगर आप कच्ची उम्र में ही गलती कर बैठीं. यहां तक कि जिस्मानी संबंध भी बना लिए. आप के पेरैंट्स का सोचना सही है. वे भी यही चाहते होंगे कि पहले आप अपने पैरों पर अच्छी तरह खड़ी हो जाएं, कैरियर बना लें तभी शादी की सोचेंगे.
खैर, जो होना था सो हो गया. अब समझदारी इसी में है कि आप पहले अपने घर वालों को विश्वास में ले कर अपनी पढ़ाई जारी रखें. बौयफ्रैंड को भी अपना कैरियर बनाने दें.

अगर वह 4 साल इंतजार करने को कह रहा है तो उस का सोचना भी सही है. अगर वह आप से सच्ची मुहब्बत करता है तो 4 साल बाद ही सही, आप से जरूर विवाह करेगा. रही बात एकदूसरे की जाति अलगअलग होने की, तो आज के समय में ये सब दकियानूसी बातें हैं. समाज में ऐसी शादियां खूब हो रही हैं.

देरसवेर आप के पेरैंट्स भी मान जाएंगे. अगर न मानें तो आप दोनों कोर्ट मैरिज कर सकते हैं. फिलहाल यही जरूरी है कि आप दोनों ही अपनेअपने कैरियर पर ध्यान दें.

ये भी पढ़ें- मेरे पड़ोस की दीदी गंदी हरकत करती है, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं सिलाईकढ़ाई के लिए अपनी संस्था खोलना चाहती हूं, कृपया सुझाव दें

सवाल

मैं 31 साल की एक कुंआरी लड़की हूं. मैं सिलाईकढ़ाई में माहिर हूं और अपनी एक संस्था बना कर इस काम को आगे बढ़ाना चाहती हूं. साथ हीमैं चाहती हूं कि गरीब घर की लड़कियां यह काम सीख कर अपने पैरों पर खड़ी हो जाएं. इस काम की शुरुआत कैसे की जाए?

जवाब

आप अपना छोटा सा सैंटर बना कर इस की शुरुआत कर सकती हैं. इस के लिए 2-4 मेहनती लड़कियों को जोड़ें और काम शुरू कर दें. इसे 25-30 हजार की मामूली रकम से भी आप शुरू कर सकती हैं.

ये भी पढ़ें- मेरे पड़ोस की दीदी गंदी हरकत करती है, मैं क्या करूं?

शुरुआती दिक्कत काम का जुगाड़ करने और कपड़े बेचने की आएगी. इस के लिए आप को संबंध बढ़ाने होंगे. छोटे स्कूलों की यूनिफौर्म सिलने का काम हासिल करें और क्वालिटी का काम कर के दें. इस से कामयाबी मिलेगीक्योंकि आप का इरादा नेक है. ह्वाट्सएप ग्रुप बना कर या शहर में अपनी संस्था के परचे बांट कर भी काम मिल सकता है. 

ये भी पढ़ें- मैं कराटे खेल में अपनी करियर बनाना चाहता हूं, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं कराटे खेल में अपनी करियर बनाना चाहता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 15 साल का एक गरीब घर का लड़का हूं. मुझे कराटे खेल से बड़ा लगाव है और इस कला में मैं कई मैडल भी जीत चुका हूं. मैं इस खेल में आगे जाना चाहता हूं, पर मुझे इस की ज्यादा जानकारी नहीं है. मुझे सही राह दिखाएं.

ये भी पढ़ें- मेरे पड़ोस की दीदी गंदी हरकत करती है, मैं क्या करूं?

जवाब

आप अपने शहर के खेल एवं युवा कल्याण विभाग जा कर संपर्क करें या फिर स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर से जानकारी हासिल करें. अगर कोई कोच मिल जाएतो उस से सीखें.

कोई बड़ा प्राइवेट स्कूल आप के कोच का खर्च उठा सकता है. इसे स्पौंसर करना भी कहते हैं. इस के लिए आप अपने मैडल और सर्टिफिकेट ले कर प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपलों से मिल कर अपनी ख्वाहिश जाहिर करें.

ये भी पढ़ें- मेरी गर्लफ्रेंड शादी के प्रस्ताव को टाल देती है, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरी होने वाली बीवी पहले मुझ से घंटों बातें किया करती थी पर अब वह मेरा फोन काट देती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी शादी 2 महीने पहले होने वाली थी, पर अचानक चाचाजी की मौत होने के चलते यह शादी टल गई. मेरी होने वाली बीवी पहले मुझ से घंटों बातें किया करती थी, लेकिन अब नहीं करती. वह मेरा फोन काट देती है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप की शादी टली है, टूटी तो नहीं, फिर परेशान होने की क्या बात है. जब शादी हो जाए, तब उस से इस की वजह पूछ सकते हैं.  हो सकता है कि उस के घर के किसी बुजुर्ग ने उसे शादी से पहले बातें करने से रोका हो.

ये भी पढ़ें

अंडरवियर यूं तो पैंट के नीचे पहनी जाती है. जिस पर पहले कोई खास ध्यान नहीं देता था. पर समय बदला और बदला कपड़ों का फैशन जिसने अंडरवियर को खास जगह दे डाली. अब पेंट और शर्ट की तरह ही अंडरवियर अलग-अलग स्टाइल और डिजाइन में मार्किट में मौजूद है. इस ग्लैमराइज होते समाज में अंडरवियर की एक अगल इंमपोर्टेंस  हो गई है. पर इस इंपोर्टेंस के चलते हम कही अपनी सेहत के साथ तो संझौता तो नही कर रहे?

अंडरवियर कुछ मायनों में स्वास्थ से भी जुड़ी है. एक रिसर्च के मुताबिक अंडरवियर का चुनाव पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है. लेकिन क्या पुरुषों की जेब और उनके जांघे के बीच भी कोई रिश्ता हो सकता है? अमरीका के दिग्गज अर्थशास्त्री ‘एलन ग्रीनस्पैन ने कभी कहा था कि अर्थव्यवस्था की सेहत का अंदाजा पुरुषों के जांघिये की बिक्री से लगाया जा सकता है. खैर जो भी हो अंडरवियर का आज के दौर में एक विशेष महत्व है, जिससे जुड़े कई पहलुओं की हमें जानकारी होनी चाहिए.

एक रिसर्च बताती है कि बहुत उच्च तापमान शुक्राणु के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. इसी कारण हाल ही में पुरुषों को शुक्राणुओं की संख्या या एकाग्रता में कमी के डर से अंडरवीयर पहनने से बचने के लिए कहा गया. हालांकि, हाल ही के दो अध्ययनों के अनुसार, अंडरवियर का चुनाव से इस बात पर कोई फर्क नही पड़ता.

ये भी पढ़ें- मेरा बौयफ्रेंड मुझ पर शादी का दबाव बना रहा है, क्या करूं?

फ्रांस में हुए एक शोध में बताया गया था कि 1990 के दशक के बाद से पूरे विश्‍व में स्‍पर्म काउंट यानी प्रति मि‍लीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्‍या घट गई है. इतना ही नहीं इस दौरान शुक्राणुओं की गुणवत्‍ता में भी कमी आयी. इस शोध में पाया गया है कि 1985 से 2005 के बीच पुरुषों में स्‍पर्म काउंट में 30 प्रतिशत तक की कमी दर्ज हुई है. सोध के अनुसार स्‍वस्‍थ शुक्राणु भी वर्तमान में आसानी से नहीं मिल पा रहे हैं.

सिन्‍थेटिक अंडरवियर

हम सभी जानते हैं कि जननांगो की स्वच्छता बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत मायने रखती है. क्योंकि सिन्‍थेटिक अंडरवियर जल्‍दी सूखती नहीं है, जिससे पसीने की वजह से वहां यीस्‍ट इंफेक्‍शन, गीलेपन की वजह से खुजली होना तथा बदबू आने का डर हमेशा रहता है.

सूती अंडरवियर

कुल मिलाकर बात इतनी है कि सूती अंडरवियर सेहत के दृष्टी से भी और पहनने में भी आरामदाय होते हैं तो पुरुषों को चाहिए की वे आमतौर पर रोजमर्रा में सूती अंडरवियर ही पहनें. हां कभी कबहार विशेष मौकों पर स्टाइलिश सिन्‍थेटिक अंडरवियर पहनने में कोई गुरहेज नहीं.

अंडरवियर की ये जानकारी के साथ हम आपको पता दे की अगर आप भी गुप्त अंग में किसी स्किन प्रोब्लम से परेशान है तो जल्द से जल्द डाक्टर की सलाह ले साथ ही जरुरी साफ सफाई भी रखे.

ये भी पढ़ें- एक फ्रैंडशिप क्लब में मेरे पैसे फंसे हुए हैं. मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

कोरोनाकाल में शादी तो कर ली पर हनीमून पर जाने का प्लान करते हुए डर रही हूं, मैं क्या करूं ?

सवाल

अक्तूबर में हमारी शादी हुई है. कोरोनाकाल में शादी तो कर ली लेकिन हनीमून को ले कर हमारे सपने धरे के धरे रह गए. घरवालों का कहना है कि विदेश नहीं जा सकते, तो अपने देश में ही कहीं घूमने चले जाओ. पति को जाने में कोई एतराज नहीं, लेकिन मैं ही हनीमून पर जाने का प्लान करते हुए डर रही हूं. क्या हमें हनीमून के लिए जाना चाहिए?

जवाब

कोरोना की वजह से जिंदगी में काफी बदलाव आए तो हैं लेकिन कुछ गाइडलाइंस के साथ लोगों को ट्रैवल करने की इजाजत मिल गई है. हालांकि पहले के मुकाबले यात्रा करना मुश्किल हो गया है लेकिन आप की नईनई शादी हुई है, तो हनीमून का प्लान कर सकते हैं, लेकिन कुछ बातों का खास खयाल रखें.
फ्लाइट में यात्रा करने के कुछ नियम बदल गए हैं, इसलिए इन नियमों का पता कर लें ताकि सफर में परेशानी न हो. हवाई यात्रा के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करें, साथ ही फेस मास्क पहनना और हाथों में दस्ताने पहनना न भूलें. हवाई जहाज में आप को खानेपीने की वस्तुएं नहीं दी जाएंगी. इस कारण आप अपने साथ पीने के लिए पानी जरूर रखें साथ ही हो सके तो टिशू पेपर भी जरूर रखें. साथ में ग्लब्स पहन कर रखें. होटल की बुकिंग करने से पहले फ्लाइट की उपलब्धता की तारीख चैक कर लें.

हनीमून पर जाते वक्त अपनी सुरक्षा को ले कर किसी तरह का कोई भी कंप्रोमाइज न करें. आप ने जहां कहीं भी जाने का प्रोग्राम बनाया है उस जगह पर पहुंचने के बाद होटल ढूंढ़ने से बेहतर है कि आप औनलाइन ही बुकिंग कर लें. होटल के मामले में लापरवाह न बनें और रैप्युटेड होटल में ही जाएं.

ये भी पढ़ें- मेरे पति पीरियड्स के दौरान सेक्स करने की जिद करते हैं, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

 

मेरी पत्नी की डिलीवरी अस्पताल में होने वाली है, ऐसे में बच्चे को कोविड हो गया तो, कोई सुझाव दें

सवाल

मेरी उम्र 30 वर्ष है. 2 साल हो गए हैं शादी हुए. मेरी पत्नी और मैंने इस वर्ष बेबी के लिए प्लान किया था. लेकिन कोविड-19 के कारण हम अगले साल के लिए बच्चे के बारे में सोचने लगे. लेकिन लापरवाही की वजह से पत्नी प्रैग्नैंट हो गई. पत्नी अबौर्शन नहीं कराना चाहती थी. इस बात को 4 महीने हो गए हैं. पत्नी अब डिप्रैशन में रहने लगी है. उसे हर वक्त भय रहता है कि डिलीवरी के वक्त अस्पताल जाना पड़ेगा और कोरोना के चलते बच्चे को कुछ हो गया तो हम सभी बड़ी मुश्किल में फंस जाएंगे. सु झाव दें, इस स्थिति में मैं उसे कैसे समझाऊं?

ये भी पढ़ें- मेरे बचपन का दोस्त खुलकर बात नहीं करता, मैं क्या करूं?

जवाब

डिप्रैशन ऐसी समस्या है जो व्यक्ति को स्वस्थ से अस्वस्थ बना देती है. इस का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. खासकर जब महिला गर्भवती हो. आप की पत्नी की डिप्रैशन की वजह आजकल के हालात हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए आप को व परिवार में सभी को उन का ध्यान रखना होगा. उन्हें पूरी तरह से आश्वस्त करें कि वे घर में पूरी तरह से सुरक्षित हैं और होने वाला बच्चा अपनेआप सुरक्षित है.
पत्नी को टीवी चैनल की तनावभरी न्यूज से दूर रखें. उन्हें अपना प्यार और स्नेह दें. उन्हें सम झाएं कि वे तनाव में रहेंगी तो असर बच्चे पर पड़ेगा जिस के लिए वे इतना चिंतित हैं. एक स्वस्थ बच्चे के लिए उन्हें खुश रहना है.

जहां तक अस्पतालों की बात है, तो उन्हें उन की गाइनोकोलौजिस्ट से संपर्क करवाएं. उन से उन की वीडियो कौलिंग करवा सकते हैं. वह सम झाएगी कि मैटरनिटी वार्ड अलग हैं. वहां सावधानी बरती जा रही है. डाक्टर के सम झाने से वे आश्वस्त हो जाएंगी.

ये भी पढ़ें- मेरी पत्नी सेक्स करने में इंटरेस्टेड नहीं है, मैं क्या करूं?

हम भी यही सलाह देते हैं कि उन्हें समय से दवाएं, पौष्टिक आहार दें. डाक्टर ने जो निर्देश दिए हैं उन का पालन करें. पौजिटिव सोच एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देगी.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं सबके सामने अपनी बात बोल देता हूं पर इम्प्रेस नहीं कर पाता, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 वर्षीय युवक हूं. कालेज की पढ़ाई पूरी कर चुका हूं. शुरू से ही पढ़ाईलिखाई में अव्वल रहा हूं. कालेज में आकर मुझे यह एहसास हुआ कि बेशक मैं पढ़ाई में तेज हूं लेकिन मेरा कम्युनिकेशन स्किल अच्छा नहीं है. क्लास में कुछ लड़के पढ़ाईलिखाई में ज्यादा तेज नहीं थे लेकिन अपने बोलने के तरीके से वे कक्षा में सब को प्रभावित कर देते थे. मैं सब के सामने अपनी बात बोल तो देता हूं पर प्रभावित नहीं कर पाता. ऐसा क्या करूं कि जब मैं बोलूं तो सब का ध्यान मेरी तरफ आकर्षित हो?

जवाब

व्यक्ति के व्यक्तित्व को सिर्फ पढ़ाईलिखाई नहीं निखारती, बल्कि उस का उठनाबैठना, बोलने का तरीका, पहनावा आदि बातें भी व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाती हैं.

जहां तक आप की बात है, पढ़ाईलिखाई में आप अव्वल हैं लेकिन सब के सामने अपनी बात रखने का तरीका आप को नहीं आता. आप की कैरियर बनाने की उम्र है और किसी भी प्रोफैशन या सामाजिक तौर पर कम्युनिकेशन स्किल सब से जरूरी है. जब तक आप अच्छे से कम्युनिकेट नहीं कर पाएंगे, आप की ग्रोथ नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- मेरे बाल सफेद हो रहे हैं, मैं क्या करूं?

सब से पहले अपनी बौडी लैंग्वेज को जज करें, कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप बोल तो कुछ रहे होते हैं और बौडी लैंग्वेज कह कुछ और रही होती है. बात करने के दौरान यह जानें कि आप किस से बात कर रहे हैं. हर किसी के साथ बात करने का तरीका अलग होता है. जब आप एक बच्चे के साथ बात करते हैं तो अलग तरह के कम्युनिकेशन का सहारा लेते हैं. वहीं, औफिस में हमें प्रोफैशनल कम्युनिकेशन स्किल्स का सहारा लेना होता है. बातचीत के दौरान सही शब्दों के चयन पर ध्यान देने लगेंगे तो लोग आप की बातों को ध्यान से सुनना शुरू कर देंगे.

हमेशा शांत और सहज रहें. बातों में किसी भी प्रकार का तकियाकलाम हमेशा जोड़ने की कोशिश न करें. पौइंट टू पौइंट बात करना आप के लिए और सामने वाले दोनों के लिए आसान होगा. जो भी बोलें, उस पर कायम रहें. बारबार अपनी ही बात न काटें. एक बात हमेशा ध्यान में रखें कि दूसरे की बात भी सुनें, न कि अपनी ही हांकते रहें. इन सब बातों का ध्यान रखना शुरू कर दें, आप अवश्य परिवर्तन देखेंगे.

ये भी पढ़ें- मेरे गर्दन में दर्द रहने लगा है ज्यादा देर बैठा नहीं जाता, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरे गर्दन में दर्द रहने लगा है ज्यादा देर बैठा नहीं जाता, मैं क्या करूं?

सवाल

लौकडाउन शुरू होने के साथ ही वर्क फ्रौम होम शुरू हो गया. आई टी कंपनी में हूं, इसलिए सारा काम कंप्यूटर पर ही होता है. घर में शुरू में तो कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन अब गरदन में दर्द रहने लगा है. ज्यादा देर बैठा नहीं जाता. काफी परेशान हो गया हूं. कोई निदान सुझाएं?

ये भी पढ़ें- मेरे बाल सफेद हो रहे हैं, मैं क्या करूं?

जवाब

आप ने बताया कि सारा दिन आप कंप्यूटर पर काम करते हैं. हो सकता है घर पर कंप्यूटर के आगे बैठने की पोजिशन सही न हो. कुरसी आरामदायक न हो. कई घंटे टीवी व मोबाइल देखना भी एक कारण हो सकता है. इस से बचें. बैठने के सही तरीके व गरदन की ऐक्सरसाइज से आराम मिल सकता है. अगर फिर भी आराम न मिले तो फिजियोथेरैपिस्ट को दिखाएं.

ये भी पढ़ें- मुझे मेकअप करना बहुत पसंद है पर मेरे होने वाले पति को पसंद नहीं है, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरे बाल सफेद हो रहे हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र अभी 23 साल की है और मेरे बाल अभी से सफेद होने शुरू हो गए हैं. मुझे चिंता हो रही है क्या करूं?  मुझे जुकाम भी नहीं रहता, न ही कोई बीमारी है.

ये भी पढ़ें- मुझे मेकअप करना बहुत पसंद है पर मेरे होने वाले पति को पसंद नहीं है, मैं क्या करूं?

जवाब

कई बार खानपान में गड़बड़ी की समस्या से भी बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं. विटामिन बी, आयरन, कौपर और आयोडीन जैसे तत्त्वों की कमी से अकसर यह समस्या होती है. जो लोग छोटीछोटी बातों पर बहुत अधिक तनाव लेते हैं, उन के बाल भी कम उम्र में सफेद हो जाते हैं. कुछ लोगों को यह समस्या आनुवंशिक होती है. ऐसी स्थिति में इस समस्या से निबटना बेहद मुश्किल होता है.

आप अपने रूटीन में बदलाव लाएं. स्वस्थ और संतुलित डाइट लें. विटामिन बी से भरपूर भोजन, दही, हरी सब्जियां, गाजर, केला आदि का सेवन करें. कैमिकल वाले हेयर कलर और डाई से दूर रहें. नारियल या सरसों के तेल का इस्तेमाल करें. इस से बालों की रंगत लंबे समय तक बरकरार रहेगी.

ये भी पढ़ें- मैं लव मैरिज करने वाली हूं पर मुझे डर लग रहा है कि कहीं शादी के बाद हमारा प्यार कम न हो जाए!

बालों को प्रदूषण से बचाने के लिए ट्रैफिक के बीच उन्हें कवर कर के रखें. बेझिझक आंवला, शिकाकाई का प्रयोग करें. बल्कि, आंवले को मेहंदी में मिला कर बालों की कंडशनिंग करते रहें. भोजन में करीपत्ते का इस्तेमाल करें. नैचुरल हेयरडाई का इस्तेमाल करें, जैसे मेहंदी, चायपत्ती का पानी, चुकंदर का रस. इन से बालों को जरूरी तत्त्व भी मिलेंगे और इन का रंग भी बरकरार रहेगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें