मुझे एक शादीशुदा औरत से प्यार हो गया है और हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 21 साल का हूं. मुझे एक शादीशुदा औरत से प्यार हो गया है. हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, लेकिन घर वाले इस बात के खिलाफ हैं. मैं क्या करूं?

जवाब
आप के घर वाले सही हैं. शादीशुदा औरत के चक्कर में आप अपनी जिंदगी तो बरबाद कर ही रहे हैं, साथ ही उसे भी तबाह कर रहे हैं. उस के पति को पता चलेगा तो वह कहीं की न रहेगी. उस औरत से दूर रहने में ही सब की भलाई है.

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छत्तीसगढ़ के जिला रायपुर की कोतवाली के अंतर्गत आने वाले मोहल्ला रिसाईपारा की रहने वाली 20 साल की खूबसूरत नगमा परवीन 18 जनवरी, 2017 की रात ब्यूटीपार्लर से लौट कर नहीं आई तो घर वालों को चिंता हुई. उस के अब्बू मोहम्मद असलम ने उस के मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि मोबाइल घर पर ही रखा है. उस से संपर्क का एकमात्र साधन फोन था, जो घर पर ही रखा था. ब्यूटीपार्लर ज्यादा दूर नहीं था. वहां जा कर पता किया तो पता चला कि उस दिन वह ब्यूटीपार्लर पर गई ही नहीं थी. यह जान कर घर वाले परेशान हो उठे. उन की समझ में यह नहीं आ रहा था कि नगमा ब्यूटीपार्लर पर नहीं गई तो बिना बताए कहां चली गई. जबकि उसे कहीं बाहर जाना होता था तो वह घर वालों को बता कर जाती थी.

ऐसा पहली बार हुआ था, जब नगमा घर वालों को बिना बताए न जाने कहां चली गई थी. अपने हिसाब से मोहम्मद असलम ने बेटी को हर तरह से खोजा, लेकिन उस का कुछ पता नहीं चला. वह कोई छोटी बच्ची नहीं थी कि कोई उसे बहलाफुसला कर उठा ले जाता. वह जहां भी गई थी, अपनी मरजी से गई थी. अगर उस के साथ जबरदस्ती की गई होती तो पता चल जाता.

मोहम्मद असलम और उन के घर वालों ने किसी तरह रात बिताई. सवेरा होते ही वह कुछ लोगों के साथ कोतवाली पहुंच गए और बेटी की गुमशुदगी दर्ज करा दी. गुमशुदगी दर्ज होने के बाद इंसपेक्टर श्रीप्रकाश सिंह ने इस मामले में जांच शुरू की तो पता चला कि नगमा सुबह तेजप्रकाश सेन की मोटरसाइकिल पर बैठ कर कहीं गई थी.

उसे तेजप्रकाश की मोटरसाइकिल पर बैठ कर जाते किसी और ने नहीं, नगमा की 8 साल की छोटी बहन ने देखा था. लेकिन यह बात उस ने घर वालों को नहीं बताई थी. जब पुलिस ने उस से पूछा, तभी उस ने बताया था.

श्रीप्रकाश सिंह को जब पता चला कि नगमा तेजप्रकाश के साथ गई है तो उन्होंने उस के बारे में मोहम्मद असलम से पूछा. पता चला कि तेजप्रकाश मोहल्ला आमातालाब में अपने परिवार के साथ रहता था. वह शादीशुदा था और 2 बच्चों का बाप था, इस के बावजूद उस ने खुद को कुंवारा बता  कर नगमा से कोर्टमैरिज कर ली थी.

नगमा को जब उस के शादीशुदा और 2 बच्चों का बाप होने का पता चला था तो वह अदालत चली गई, जहां से उसे ढाई लाख रुपए गुजाराभत्ता देने का आदेश हुआ था. ये रुपए तेजप्रकाश को 27 हजार रुपए हर महीने की किस्त के रूप में देने थे. लेकिन तेजप्रकाश ने 27 हजार रुपए की मात्र एक किस्म ही दी थी. उस के बाद उस ने एक पैसा नहीं दिया था.

नगमा और तेजप्रकाश की इस कहानी को जान कर श्रीप्रकाश सिंह को समझते देर नहीं लगी कि मामला क्या हो सकता है.  उन्होंने तुरंत तेजप्रकाश सेन के घर छापा मारा तो वह घर पर ही मिल गया. पूछताछ के लिए उसे कोतवाली लाया गया, लेकिन पुलिस हिरासत में होने के बावजूद उस के चेहरे पर जरा भी भय नहीं था.

एसएसपी राजीव टंडन और सीओ ए.सी. द्विवेदी की उपस्थिति में उस से पूछताछ शुरू हुई. श्रीप्रकाश सिंह ने पूछा, ‘‘तुम नगमा परवीन को जानते हो?’’

‘‘जी जानता हूं. लेकिन आप उस के बारे में मुझ से क्यों पूछ रहे हैं?’’ तेजप्रकाश ने कहा.

‘‘इसलिए कि वह 4 दिनों से गायब है.’’

‘‘क्या?’’ उस ने चौंक कर कहा, ‘‘वह 4 दिनों से गायब है?’’

‘‘हां, वह 4 दिनों से गायब है. काफी प्रयास के बाद भी उस का कुछ पता नहीं चल रहा है. घर से ब्यूटीपार्लर जाने के लिए वह निकली थी, लेकिन वह ब्यूटीपार्लर पहुंच नहीं पाई. बीच से ही वह गायब हो गई.’’

‘‘ब्यूटीपार्लर नहीं गई तो फिर वह कहां गई?’’

‘‘यही पता करने के लिए तो तुम्हें यहां लाया गया है.’’ श्रीप्रकाश सिंह ने कहा.

‘‘लेकिन मुझे क्या पता कि वह ब्यूटीपार्लर नहीं गई तो कहां गई? वह जहां भी गई है, मुझे बता कर थोड़े ही गई है. वह कहां जाती है, किस से मिलती है, क्या करती है, मुझे बता कर थोड़े ही करती है?’’ सफाई देते हुए तेजप्रकाश ने कहा, ‘‘अगर उस के बारे में कुछ पूछना है तो उस के घर वालों से जा कर पूछें. वही बता सकते हैं कि वह कहां है?’’

‘‘ठीक है, घर वालों से पूछ लेंगे. लेकिन तुम एक बात यह बताओ, क्या तुम नगमा की छोटी बहन को जानते हो?’’

‘‘जी, बिलकुल जानता हूं.’’

‘‘वह कह रही थी कि जिस दिन नगमा गायब हुई है, उस दिन उस ने तुम्हें नगमा को मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाते हुए देखा था.’’

‘‘वह झूठ बोल रही है.’’ तेजप्रकाश ने एकदम से कहा. लेकिन इस बात से वह घबरा गया, जो उस के चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रहा था. पुलिस अधिकारियों ने उसे भांप भी लिया था. इस के बाद तो पुलिस अधिकारियों ने उसे अपने सवालों से इस तरह घेरा कि बिना सख्ती किए ही उस ने एसएसपी के पैर पकड़ लिए.

वह गिड़गिड़ाते हुए बोला, ‘‘सर, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई. नगमा को मैं ने मार दिया है. उसे मारता न तो क्या करता. मैं ने उस से प्यार किया, पत्नीबच्चों को छोड़ कर शादी की, इस के बावजूद उस ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा. उस की वजह से मेरे परिवार ने मुझे छोड़ दिया. इस के बावजूद वह मुझे छोड़ कर चली ही नहीं गई, मेरे ऊपर मुकदमा भी कर दिया था.’’

पुलिस ने तेजप्रकाश को अदालत में पेश कर के 5 दिनों के रिमांड पर ले लिया. रिमांड अवधि के दौरान उस ने नगमा परवीन की हत्या का अपना अपराध तो स्वीकार कर ही लिया, मोटरसाइकिल और उस की डिक्की में रखा चाकू, बोरी, रस्सी आदि भी बरामद करवा दी. पूछताछ में उस ने नगमा की हत्या की जो कहानी पुलिस अधिकारियों को सुनाई, वह इस प्रकर थी—

नगमा परवीन मोहम्मद असलम की बड़ी बेटी थी. प्राइवेट नौकरी करने वाले मोहम्मद असलम की जिंदगी मजे से कट रही थी. वह जमाने से कदम मिला कर चलने वालों में थे, इसलिए उन्होंने अपने सभी बच्चों को पढ़ायालिखाया. नगमा ने भी बीए किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद उस ने नौकरी करने के बजाए ब्यूटीपार्लर का काम सीखा और घर से थोड़ी दूरी पर अपना ब्यूटीपार्लर खोल लिया. उस का ब्यूटीपार्लर चल भी निकला.

खूबसूरत नगमा परवीन पर मर मिटने वालों की कमी नहीं थी. उन्हीं में आमातालाब का रहने वाला तेजप्रकाश सेन भी था. वह किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था. उस के पिता सरकारी नौकरी में थे. बापबेटे को ठीकठाक तनख्वाह मिलती थी, इसलिए परिवार सुखी और संपन्न था.

तेजप्रकाश मांबाप की एकलौती संतान था. उस की शादी ही नहीं हो चुकी थी, बल्कि वह एक बेटे और एक बेटी का बाप भी था. इस के बावजूद वह पहली ही नजर में नगमा पर मर मिटा था. नगमा पर दिल आते ही वह उस की एक झलक पाने के लिए उस के घर और ब्यूटीपार्लर के चक्कर ही नहीं लगाने लगा था, बल्कि घंटों उस के ब्यूटीपार्लर के सामने खड़ा हसरतभरी नजरों से ताका करता था.

उस की इस हरकत को देख कर नगमा को समझते देर नहीं लगी कि वह क्या चाहता है. फिर तो वह उसे देख कर अनायास ही मुसकराने लगी. इसी मुसकान ने दोनों को एकदूसरे के करीब ला दिया. उस समय नगमा 18 साल की थी तो तेजप्रकाश 29 साल का. देनों के बीच उम्र में 10 साल का लंबा फासला था. लेकिन तेजप्रकाश की कदकाठी ऐसी थी कि वह इतनी उम्र का लगता नहीं था.

जल्दी ही नगमा के घर वालों को उस के और तेजप्रकाश के प्रेमसंबंधों का पता चल गया था. लेकिन उन्होंने किसी तरह का ऐतराज नहीं किया. नगमा ने तेजप्रकाश को दिल का राजकुमार बनाया तो उसी से शादी करने का फैसला कर लिया. इस की वजह यह थी कि दोहरी जिंदगी जी रहे शातिर तेजप्रकाश सेन ने अपनी शादी के बारे में न तो नगमा को पता चलने दिया और न ही उस के घर वालों को.

जल्दी ही दोनों ने कोर्टमैरिज कर ली. चूंकि नगमा बालिग हो चुकी थी, इसलिए घर वाले चाह कर भी विरोध नहीं कर सकते थे. अदालत से पतिपत्नी की तरह रहने की इजाजत ले कर तेजप्रकाश ने किराए का कमरा लिया और उसी में नगमा परवीन के साथ रहने लगा.

तेजप्रकाश ने जो कुछ छिपा कर नगमा से शादी की थी, जल्दी ही उस सब की जानकारी नगमा को हो गई. जब तेजप्रकाश की सच्चाई नगमा के सामने आई तो वह सन्न रह गई. उस के सपने चूरचूर हो गए थे. उस ने तेजप्रकाश से ऐसी उम्मीद कतई नहीं की थी कि वह उस के साथ इतना बड़ा धोखा कर सकता है. इसलिए उस की सच्चाई जान कर उसे उस से नफरत हो गई.

नगमा परवीन की समझ में नहीं आ रहा था कि उस ने जो गलती की है, उसे मांबाप को कैसे बताए, क्योंकि एक तरह से उस ने मांबाप के भरोसे को तोड़ा था. उस ने मांबाप को बताए बिना तेजप्रकाश से शादी की थी. आखिर में मजबूर हो कर उस ने सारी बातें अपने अब्बू को बताई तो बेटी की परेशानी को देखते हुए वह उस की मदद के लिए तैयार हो गए. क्योंकि बेटी की जिंदगी का सवाल था.

तेजप्रकाश को सबक सिखाने के लिए मोहम्मद असलम ने अदालत में उस के खिलाफ धोखा दे कर शादी करने का मुकदमा दायर कर दिया. मुकदमा दायर होने के बाद तेजप्रकाश के घर वालों को जब उस की इस करतूत का पता चला तो मांबाप ने उस की मदद करने के बजाए उसे उस के हाल पर छोड़ दिया.

पत्नी भी बच्चों को ले कर मायके चली गई. तेजप्रकाश की स्थिति धोबी के कुत्ते की जैसी हो गई. वह न घर का रहा न घाट का. अदालत ने नगमा परवीन के हक में फैसला सुनाया. उस ने तेजप्रकाश को ढाई लाख रुपए देने का आदेश दिया, जिसे उसे 27 हजार रुपए महीने की किस्त के रूप में देना था. उस ने 27 हजार रुपए की पहली किस्त तो नगमा परवीन को दे दी, लेकिन उस के बाद उस ने उसे एक भी रुपया नहीं दिया. धीरेधीरे 3 साल बीत गए. मजबूर हो कर नगमा ने एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया.

नगमा द्वारा दोबारा मुकदमा करने पर तेजप्रकाश परेशान हो उठा. अब उसे अपने किए का पश्चाताप हो रहा था. क्योंकि अब वह कहीं का नहीं रह गया था. पत्नी पहले ही उसे छोड़ कर चली गई थी. मांबाप ने भी मुंह मोड़ लिया था. पत्नी और मांबाप को मनाने की उस ने बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने उसे साथ रखने से साफ मना कर दिया. जिस की वजह से यह सब हुआ था, वह भी साथ रहने को तैयार नहीं थी. बल्कि वह उसे परेशान कर रही थी.

तेजप्रकाश की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? नगमा द्वारा दोबारा मुकदमा करने से वह काफी परेशान था. इस परेशानी में उस ने नगमा नाम की इस बला से निजात पाने के लिए सोचाविचारा तो उसे लगा कि वह इस बला से हमेशा के लिए तभी छुटकारा पा सकता है, जब उसे खत्म कर दे.

लेकिन इस में खतरा बहुत था. पकड़े जाने पर उस की पूरी जिंदगी जेल में बीतती. इसलिए वह हत्या इस तरह करना चाहता था कि पकड़ा न जाए. उसे पता था कि वह पकड़ा तभी नहीं जाएगा, जब पुलिस की हत्या का कोई सबूत न मिले. इस के लिए तेजप्रकाश टीवी पर आने वाले आपराधिक धारावाहिक देखने लगा. इन्हीं धारावाहिकों को देख कर उस ने नगमा की हत्या की योजना बना डाली. योजना के अनुसार उस ने पहले नगमा पर विश्वास जमाया. तेजप्रकाश नगमा का पहला प्यार था, इसलिए उस ने भले ही उसे धोखा दिया था, लेकिन वह उसे अपने दिल से निकाल नहीं पाई थी.

इसलिए जब भी तेजप्रकाश उसे फोन करता था, वह फोन उठा लेती थी. यही वजह थी कि वह नगमा को यकीन दिलाने में सफल रहा कि वह उसे फिर से अपना लेगा, दोनों पतिपत्नी की तरह रहेंगे. विश्वास दिलाने के लिए उस ने कहा था कि पत्नी से उस ने संबंध तोड़ लिए हैं. उस की इसी बात पर नगमा झांसे में आ गई.

नगमा को पूरी तरह विश्वास में ले कर 17 जनवरी, 2017 की रात 9 बजे के करीब तेजप्रकाश ने उसे फोन कर के कहा कि अगले दिन वह उसे ले कर घूमने जाना चाहता है. नगमा उस के साथ चलने को तैयार हो गई. उस ने यह बात मांबाप को भी नहीं बताई. इस की वजह यह थी कि शायद वे उसे उस के साथ जाने न देते.

18 जनवरी की सुबह 9 बजे तेजप्रकाश ने फोन कर के नगमा से कहा कि वह उस के घर से थोड़ी दूरी पर सड़क पर मोटरसाइकिल लिए खड़ा है. इस के बाद उस ने कहा था कि वह अपना फोन घर में ही छोड़ कर आए, क्योंकि वह उसे नया फोन गिफ्ट में दिलाना चाहता है.

बात नए फोन की थी, इसलिए नगमा ने वैसा ही किया, जैसा तेजप्रकाश ने कहा था. उस ने अपना फोन घर में ही छोड़ दिया. इस के बाद घर वालों से ब्यूटीपार्लर जाने की बात कह कर वह तेजप्रकाश के साथ उस की मोटरसाइकिल से चली गई. नगमा ने भले ही घर वालों को नहीं बताया था कि वह कहां जा रही है, लेकिन उस की छोटी बहन ने उसे तेजप्रकाश के साथ मोटरसाइकिल से जाते देख लिया था.

तेजप्रकाश उसे ले कर पड़ोसी जिले बालोद के सियादेई मंदिर पर पहुंचा. दर्शन करने के बाद उस ने सुनसान जगह पर मोटरसाइकिल रोक कर नगमा को धक्का दे कर जमीन पर गिरा दिया और फुरती से गले में पड़े दुपट्टे से उस का गला घोंट दिया. जब वह बेहोश हो गई तो उस ने डिक्की में रखे चाकू और पेंचकस से उस के गले पर कई वार किए.

जब उसे लगा कि नगमा मर गई है तो उस ने साथ लाए बोरे में उस की लाश भरी और उसे पीछे बांध कर वहां से 40 किलोमीटर दूर रुद्री घाट पर ले गया. वहां से उस ने धमतरी के एक लकड़ी व्यवसाई से फोन पर बात कर के अंतिम संस्कार के बहाने घाट पर लकडि़यां मंगवा लीं. उस समय तक शाम हो चुकी थी. उस ने मोटरसाइकिल से पैट्रोल निकाल कर लकडि़यों पर लाश रखी और पैट्रोल डाल कर आग लगा दी. उस समय घाट सूना पड़ा था. इसलिए उसे लाश जलाते हुए किसी ने नहीं देखा.

लाश जल गई तो उस ने राख ठंडी कर के नदी में फेंक दी, जिस से पुलिस को कोई साक्ष्य न मिले. इस के बाद नहाधो कर साफ कपड़े पहने और रात 11 बजे के करीब दुर्ग जिला के उतई गांव स्थित अपनी ससुराल पहुंच गया. रात उस ने वहीं बिताई और अगले दिन अपने घर आ गया.

रिमांड अवधि खत्म होने पर कोतवाली पुलिस ने उसे दोबारा अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

कथा लिखे जाने तक वह जेल में बंद था. पुलिस उस के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही थी. तेजप्रकाश ने चालाकी तो बहुत दिखाई, पर कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सका. सोचने वाली बात यह है कि आखिर तेजप्रकाश को मिला क्या? अगर वह अपनी पत्नी में ही संतोष किए रहता तो न उस का घर बरबाद होता और न जिंदगी?

कामुक बने रहने के लिए ये क्या कर रही हैं लड़कियां

यूं तो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पूरी दुनिया में अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन आज भी कई जगहें ऐसी हैं जहां महिलाओं को हवस मिटाने का जरिया समझा जाता है. आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां महिलाओं के साथ यौन शोषण के नाम पर जो होता है उसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. यहां पर ये लोग लड़कियों को कामुक बने रहने के लिए ड्रग्स का सेवन करने के लिए मजबूर करते हैं.

मामला उत्तर प्रदेश का है, जहां कई बड़े शहरों में चल रहे अनैतिक काम के अड्डों पर अवयस्क लड़कियों को खूबसूरत-जवान और कामुक बनाने के लिये खतरनाक ड्रग्स के इंजेक्शन दिये जाते हैं. तीन-चार दिन तक लगातार इंजेक्शन दिये जाने के बाद लड़कियों को इंजेक्शन की लत पड़ जाती है फिर वो खुद बिना इंजेक्शन रह नहीं पाती.

इस मामले का खुलासा आगरा के रेड लाइट ऐरिया से छुड़ायी गयी लड़कियों ने पुलिस के सामने किया है. चिकित्साविज्ञानियों के अनुसार रेड लाइट ऐरिया में लड़कियों को संभवतः वो इंजेक्शन दिये जा रहे थे जिनको डॉक्टर्स विशेष परिस्थितियों में किसी रोगी को प्रेसक्राइब्ड करते हैं. क्यों कि ऐसे ड्रग्स लगातार या ज्यादा मात्रा में लेने से मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की भी आशंका रहती है.

चिकित्सा विज्ञानियों का यह भी कहना है कि अगर इस ड्रग्स का इंजेक्शन किसी 15-16 साल की लड़की को दिया जा रहा है तो 20-22 साल की होने से पहले ही उसकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. और बहुत ही कम उम्र में ही अर्थराइटिस की शिकार हो सकती है. इसके अलावा वो किसी न किसी मनोरोग की भी शिकार हो सकती है. इस ड्रग्स का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट ये है कि कोई दूसरी ड्रग्स अपना पूरा असर कभी डाल ही नहीं पाती और लड़की पूरी जिंदगी रोगी बनी रहती है. कोई देखभाल करने वाला न हो तो कम उम्र में मृत्यु की भी आशंका बढ़ जाती है.

मैंने अपने पति के साथ बिना कंडोम के संबंध बनाए थे, कहीं मैं प्रेग्नेंट तो नहीं हो गई हूं?

सवाल
मैं ने अपने पति के साथ बिना कंडोम के 5 मिनट तक हमबिस्तरी की थी. कहीं मैं पेट से तो नहीं हो गई हूं?

जवाब
आजकल दवाओं की दुकानों पर अच्छी कंपनियों के प्रेग्नेंसी चैक करने वाले किट मिलते हैं. आप उस किट के जरीए पता लगा सकती हैं कि आप पेट से हैं या नहीं.

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कंडोम से सैक्स को मजेदार बनाएं

सुरेश को अपनी एक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाना भारी पड़ेगा, यह उस ने सपने में भी नहीं सोचा था. दरअसल, उस साथी से सैक्स संबंध बनाते समय सुरेश ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया था.

कुछ दिनों बाद सुरेश को अपने अंग में जलन सी महसूस होने लगी. छोटेछोटे दाने भी निकल आए. डाक्टर ने बताया कि यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने की वजह से हुआ है. वह कंडोम का इस्तेमाल कर के सैक्स का मजा उठाता तो बाद में उसे यह परेशानी नहीं होती.

सबलोक क्लिनिक के यौन रोग विशेषज्ञ डाक्टर बिनोद सबलोक बताते हैं कि चाहे मर्द हो या औरत एचआईवी  समेत यौन संक्रामक रोगों को रोकने के लिए कंडोम एक आसान और बेहतर तरीका है. कंडोम न सिर्फ असुरक्षित गर्भधारण से, बल्कि यौन रोगों से भी शरीर की हिफाजत करता है.

शर्म क्यों

बाजार में आसानी से मिलने वाला कंडोम खरीदना अब शर्म वाली बात भी नहीं रही है. कंडोम खरीदने के लिए डाक्टर की परची की जरूरत भी नहीं होती है. इस की कीमत भी बहुत कम होती है. कई सरकारी व गैरसरकारी योजनाओं के तहत कंडोम मुफ्त में भी बांटे जाते हैं.

अब तो अलगअलग फ्लेवर व कई बनावटों में मिलने वाले कंडोम सैक्स संबंध बनाने के दौरान भरपूर मजा भी देते हैं.

कंडोम का इस्तेमाल कर खुले दिमाग से सैक्स का मजा लिया जा सकता है. अब तो बाजार में ऐसे भी कंडोम हैं जिन से लंबे समय तक सैक्स किया जा सकता है.

बेहतर साथी है कंडोम

कंडोम आप के लिए इस तरह एक बेहतर साथी साबित हो सकता है:

* यह बच्चा ठहरने से रोकने का सब से आसान और महफूज तरीका है.

* कंडोम का इस्तेमाल बिना किसी झिझक के कर सकते हैं.

* कोई साइड इफैक्ट नहीं होता.

* कंडोम यौन रोगों से बचाव में कारगर हथियार है.

ऐसे बढ़ाएं रोमांच

बाजार में वनीला, स्ट्राबेरी, केला, चौकलेट, बबलगम, कौफी वगैरह फ्लेवर में भी कंडोम मिलते हैं. मुंह से सैक्स के शौकीनों के लिए ये कंडोम सैक्स के दौरान ज्यादा मजा देते हैं और कोई बीमारी भी नहीं होती है.

जो लोग सैक्स का मजा लंबे समय यानी देर तक नहीं उठा पाते हैं उन के लिए लौंग लास्टिंग कंडोम इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा.

सैक्स बनाएं मजेदार

अगर आप सैक्स का मजा उठाना चाहते हैं तो बाजार में डौटेड कंडोम भी आते हैं. डौटेड कंडोम में अपनी साथी का जोश बढ़ाने के लिए इस की बाहरी सतह पर बिंदीनुमा छोटेछोटे उभरे हुए दाने होते हैं. यह चिकनाई वाला होता है.

इन बातों पर ध्यान दें

* कंडोम खरीदते समय उस की ऐक्सपायरी डेट जरूर देख लें.

* ज्यादा तेजी से सैक्स का मजा उठाते समय कंडोम फट भी सकता है. इस का ध्यान रखें और कंडोम को तुरंत बदल दें.

* इस्तेमाल करने से पहले कंडोम के सामने वाले भाग को चुटकी से दबा कर हवा को बाहर निकाल दें, फिर धीरेधीरे अंग पर चढ़ाएं.

* कंडोम खरीदते समय दुकानदार से खुल कर बात करें. बात करते समय जरा भी न शरमाएं.

* सैक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है. इस का जम कर मजा उठाएं, पर सावधानी और एहतियात भी बरतें.

जब कोई युवती पहली बार संबंध बनाती है तो उसे बहुत दर्द होता है, क्या यह सच है?

सवाल
मैं 24 वर्षीय अविवाहित युवती हूं. मुझे यौन संबंधों के विषय में बिलकुल भी जानकारी नहीं है. मुझे अपनी सहेलियों से पता चला है कि जब भी कोई युवक किसी युवती से पहली बार शारीरिक संबंध बनाता है तो बहुत दर्द होता है. क्या यह सच है? ऐसा क्यों होता है?

जवाब
जब भी कोई युवती किसी युवक के साथ पहली बार शारीरिक संबंध बनाती है तो थोड़ा दर्द होता है. कारण, समागम के दौरान स्त्री की कौमार्य झिल्ली फटती है, जिस से हलका सा रक्तस्राव भी होता है. यह स्वाभाविक प्रक्रिया है.

पर यह कोई जरूरी नहीं है कि प्रथम समागम में रक्तस्राव हो ही. साइकिल चलाने, रस्सीकूद, कामकाज के दौरान कभीकभी यह झिल्ली अपनेआप फट जाती है, जिस से प्रथम समागम के दौरान रक्तस्राव नहीं होता.

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प्यार के बदले सैक्स नहीं

प्यार एक गहरा और खुशनुमा एहसास है. जब किसी से प्यार होने लगता है तो हम शुरुआत में अकसर उस की सकारात्मक चीजें ही देखते हैं. उस समय हमें अपना अच्छाबुरा कुछ समझ नहीं आता और यही वह खुमारी होती है जब हम प्रेमी के प्यार के बदले में उस की हर जायजनाजायज मांग भी पूरी करने लगते हैं. लेकिन कुछ पल ठहर कर एक बार सोच लें कि कहीं आप प्रेमी को प्यार के बदले अपना शरीर तो नहीं सौंप रही हैं. अगर ऐसा है तो संभल जाइए, क्योंकि यह सही नहीं है. यह वक्त सिर्फ प्यार करने का है, सैक्स तो शादी के बाद भी हो सकता है. इस में आखिर इतना उतावलापन और जल्दबाजी क्यों?

प्यार को प्यार ही रहने दें

प्यार एक खूबसूरत एहसास है, इसे दिल से महसूस करें न कि शरीर से. एकदूसरे के साथ समय बिताएं, एकदूसरे को समझें, प्यारभरी बातें करें, भविष्य के सपने बुनें, एकदूसरे की केयर करें, अपनेपन का एहसास साथी के मन में जगाएं, उसे विश्वास दिलाएं कि आप उस के लिए एकदम सही जीवनसाथी साबित होंगे. अपने कैरियर पर ध्यान दें. खुद खुश रहें और साथी को भी खुश रखें. यह वक्त बस यही करने का है बाकी जो भावनाएं हैं उन्हें शादी के बाद के लिए बचा कर रखें.

प्यार में आकर्षण बना रहेगा

अगर आप किसी से प्यार करती हैं और सैक्स नहीं किया है तो सैक्स को ले कर चाह और एक आकर्षण बना रहने के कारण साथी के प्रति खिंचाव हमेशा बना रहेगा, लेकिन एक बार सैक्स हो जाने के बाद कोई नयापन नहीं रहेगा और वह आकर्षण जो आप को एकदूसरे के प्रति खींचता था, खत्म हो जाएगा.

अपराधबोध नहीं होगा

एक बार संभोग करने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता. कई बार बाद में पता चलता है कि प्रेमी आप के लिए सही नहीं है तब वक्त से पहले संबंध बना लेने का अपराधबोध होता है. इसलिए जरूरी है कि जब तक पूरी तरह से आश्वस्त न हो जाएं तब तक संबंध न बनाएं.

उत्सुकता बनी रहेगी

जब कोई भी काम समय पर करते हैं तो उस का आनंद ही अलग होता है, लेकिन जब आप सैक्स शादी से पहले ही कर लेते हैं तो इसे ले कर कोई उत्सुकता नहीं रहती. यदि सैक्स न करने से आप की उत्सुकता बनी रहती है तो बेहतर है इसे शादी तक न किया जाए.

यौन रोगों से बचे रहेंगे

सैक्स के प्रति लापरवाही यौन रोग होने का खतरा काफी हद तक बढ़ा देती है. उस समय आप की प्राथमिकताएं शारीरिक आकांक्षाओं को पूरा करना होता है, लेकिन सैक्स करते समय किनकिन सावधानियों का खयाल रखना चाहिए यह बात आप सोचते नहीं हैं और गंभीर बीमारी की गिरफ्त में आ जाते हैं.

सच्चे प्यार में सैक्स का कोई मतलब नहीं

सच्चा प्यार किसी को देखते ही नहीं हो जाता, यह एकदूसरे को जानने और समझने के बाद होता है. सच्चे प्यार में कोई जल्दबाजी नहीं होती, इस में ठहराव होता है. एकदूसरे की आपसी अंडरस्टैंडिंग होती है, एकदूसरे पर भरोसा होता है, एकदूसरे की कद्र होती है. सच्चा प्यार हमेशा के लिए होता है. इस में प्रेमी एकदूसरे से दिल की गहराइयों से जुड़े होते हैं. एकदूसरे के प्रति अपनीअपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है इसलिए उन्हें पता होता है कि सैक्स का सही समय शादी के बाद ही है और ऐसा करने के लिए वे एकदूसरे पर जोर भी नहीं डालते, क्योंकि इस के लिए इंतजार करना भी उन के इसी सच्चे प्यार का एक अहम हिस्सा होता है.

प्रेमी की पहचान करने का सही वक्त

यदि प्रेमी बारबार आप से शारीरिक संबंध बनाने पर जोर दे रहा है तो इस का मतलब उसे आप से ज्यादा इंट्रस्ट संबंध बनाने में है. उसे आप की भावनाओं का खयाल रखते हुए शादी तक इस चीज के लिए सब्र रखना चाहिए, लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पा रहा है तो या तो उस की नीयत में खोट है या फिर वह आप का साथ निभाने के काबिल ही नहीं है.

सैक्स के नुकसान

बोरियत हो जाएगी

कुछ लोगों के लिए सैक्स ही सबकुछ होता है और जब उन्हें उस की पूर्ति हो जाती है तो उन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और फिर उन्हें प्रेमिका में कोई रुचि नहीं रहती. उन्हें उस के साथ समय बिताने, घूमने, हंसीमजाक करने में बोरियत लगने लगती है. ऐसे में रिश्ते का लंबे समय तक खिंच पाना मुश्किल हो जाता है.

प्रैग्नैंट हो गईं तो मुश्किल

बाजार में कई तरह के गर्भनिरोधक उपलब्ध हैं, लेकिन कई बार वे भी पूरी तरह से सक्षम नहीं होते. कई बार आप को पता भी नहीं चलता कि आप गर्भवती हैं और जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. इस के बाद मानसिक परेशानी का ऐसा दौर शुरू होता है जो आप को अंदर तक तोड़ कर रख देता है.

शादी न हुई तो दिक्कत

आज सारी परिस्थितियां आप के पक्ष में हैं और आप को लग रहा है कि आप के प्रेमी से ही आप की शादी होगी, लेकिन समय बदलते देर नहीं लगती, हो सकता है कल परिस्थितियां कुछ और हों. आप दोनों की किन्हीं कारणों से शादी न हो पाए, तो फिर क्या करेंगी?

जिस के साथ आप की शादी होगी अगर उस को आप के शादी से पहले के संबंधों के बारे में पता चल गया तो जिंदगी दूभर हो जाएगी या फिर हमेशा आप डरती रहेंगी कि कहीं यह बात खुल गई तो? ऐसे में आप शादी के बाद के खूबसूरत पलों को ढंग से ऐंजौय नहीं कर पाएंगी.

रिश्ते से बाहर आना मुश्किल

अगर आप अपने बौयफ्रैंड के साथ बिना संबंध बनाए डेट कर रहे हैं और आप को लगता है कि आप दोनों इस रिश्ते को आगे बढ़ाने में सहमत नहीं हैं तो रिश्ता खत्म करना आप के लिए काफी आसान होता है, लेकिन एक बार शारीरिक संबंध बन जाने के बाद उस रिश्ते से बाहर आना भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर बहुत कठिन हो जाता है.

मलाल न हो

आप जिस व्यक्ति के साथ संबंध बना रही हैं वह आप के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होना चाहिए. केवल शारीरिक जरूरतें पूरी करने के लिए संबंध बनाना सही नहीं है.

ब्लैकमेलिंग का शिकार न हों

कई बार देखने में आता है कि जिस पर हम सब से ज्यादा भरोसा करते हैं वही हमारा विश्वास तोड़ता है. आएदिन अखबार ऐसी सुर्खियों से भरे रहते हैं कि प्यार करने के बाद सैक्स किया, फिर धोखा दिया. अकसर प्रेमी इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं इसलिए अगर बौयफ्रैंड धोखेबाज निकला और उस ने आप का कोई वीडियो बना लिया और फिर इस के जरिए आप को ब्लैकमेल करने लगा तो फिर क्या होगा?

माना कि आप का बौयफ्रैंड ऐसा नहीं है पर यह काम उस का कोई दोस्त या कोई अनजान भी तो कर सकता है, तब क्या करेंगी? किस से मदद मांगेंगी? इसलिए ऐसा काम करना ही क्यों, जिसे करने के बाद परेशानी भुगतनी पड़े. इसलिए तमाम बातों को ध्यान में रख कर ही आगे कदम बढ़ाएं अन्यथा ताउम्र इस का दंश झेलना पड़ेगा.    

मेरे सगे छोटे भाई का सौतेली मां के साथ नाजायज संबंध है, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी मां मर चुकी हैं. पिताजी ने दूसरी शादी की है, उस से भी एक लड़का है. मेरे सगे छोटे भाई का सौतेली मां के साथ नाजायज संबंध है. पिताजी मां के दबाव में आ कर छोटे भाई को तो पैसे देते हैं, मगर मुझे कुछ भी नहीं देते. मैं क्या करूं?

जवाब
आप का छोटा भाई सौतेली मां की जिस्मानी जरूरतें पूरी कर के पूरा फायदा उठा रहा है. आप पिताजी से कहें कि बड़ा बेटा होने के नाते वे आप का भी खयाल रखें. वे न मानें, तो उन से कानूनन बंटवारा करने को कहें.

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भारी भी पड़ती है बुढ़ापे में रंगीनमिजाजी

60साल के अमर सिंह की जिंदगी देख कर घरगृहस्थी की गाड़ी ढोते दूसरे लोगों को उस से कोफ्त होती थी. वजह, अमर सिंह अकेला था. उस पर ‘आगे नाथ न पीछे पगहा’ वाली कहावत लागू होती थी. उस के सिर पर कोई जिम्मेदारी नहीं, घर में कोई सवालजवाब करने वाला नहीं और न ही कोई झंझट.

पेशे से मिस्त्री अमर सिंह निहायत ही मस्तमौला भी था. दिनभर मजदूरी कर के वह 5-6 सौ रुपए कमाता था. उन में से 2 सौ रुपए मुरगेदारू पर खर्च करता था और रात को टैलीविजन देखतेदेखते बेफिक्री से चादर तान कर सो जाता था.

अब से तकरीबन ढाई साल पहले अमर सिंह की बीवी की मौत हुई थी. तब से वह तनहा रह गया था. उस के 3 औलादें थीं. शादी कर के बेटी अपनी ससुराल में सुकून से रह रही थी, लेकिन एक बेटे ने 3 साल पहले खुदकुशी कर ली थी और दूसरा बेटा लव मैरिज कर के इंदौर जा बसा था, जिसे बाप से कोई खास मतलब नहीं था.

भोपाल के करोंद इलाके के पीपल चौराहा इलाके के मकान नंबर 2 में बीते 8 महीनों से अमर सिंह किराए पर रह रहा था. वजह यह नहीं थी कि उस का अपना कोई मकान नहीं था, बल्कि वह अपना खुद का मकान इसलाम नगर इलाके में बनवा रहा था.

दरअसल, कुछ महीने पहले ही उस ने अपनी जिंदगीभर की कमाई और बचत से शिव नगर इलाके में बनाया अपना मकान साढे़ 12 लाख रुपए में बेचा था और उसी पैसे से अकेले खुद के रहने लायक छोटा मकान बड़े चाव से बनवा रहा था.

मस्ती पर लगा ग्रहण

पीपल चौराहा इलाके के लोगों और अमर सिंह के पड़ोसियों को यह देखने की आदत सी पड़ गई थी कि अनजान औरतें कभी भी अमर सिंह के घर आतीजाती रहती थीं. अंदर क्या होता होगा, इस का अंदाजा लगाने के लिए किसी को अपने दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं डालना पड़ता था.

चूंकि अमर सिंह किसी से खास वास्ता नहीं रखता था और न ही किसी के लिए परेशानी का सबब बनता था, इसलिए कोई इस बात को उस का निजी मामला मानते हुए एतराज नहीं जताता था.

अमर सिंह का नया मकान तकरीबन तैयार हो गया था और उस ने गृह प्रवेश की तारीख 20 जनवरी तय भी कर ली थी. मकान बनवाई का काम आखिरी दौर में था, इसलिए अमर सिंह ने 3 मजदूर लगा लिए, जिस से कि वक्त पर गृह प्रवेश हो जाए.

ये 3 मजदूर थे विदिशा का रहने वाला जीतू उर्फ भरतलाल अहिरवार और बाकी 2 जवान लड़कियां थीं. इन में से 35 साला मंजू नट उडि़या बस्ती में रहती थी और उस की 25 साला सहेली टीना नट उस की पड़ोसन थी.

जीतू व अमर सिंह की जानपहचान पुरानी थी. जीतू की सिफारिश पर कुछ दिन पहले ही अमर सिंह ने उन दोनों लड़कियों को अपने मकान के काम में लगा लिया था.

जल्द ही मंजू और टीना की जवानी देख रंगीनमिजाज अमर सिंह का दिल डोलने लगा. शौकीन तो वह था ही और किस्मकिस्म की औरतों को भोग चुका था, लिहाजा उसे लगा कि थोड़ी कोशिश की जाए, तो इन में से कोई एक पट ही जाएगी. टीना ने तो घास नहीं डाली, लेकिन मंजू से हंसीमजाक शुरू हो गया.

मिस्त्री होने के चलते अमर सिंह का पाला कई मजदूर औरतों से पड़ा था. वह उन की पैसे की जरूरतों को खूब समझता था. धीरेधीरे उस ने मंजू से नजदीकियां बढ़ाईं और उसे लालच देना शुरू कर दिया.

मंजू ने थोड़ी घास डाली, तो अमर सिंह को लगा कि शिकार जाल में आ फंसा है. लिहाजा देर नहीं करनी चाहिए. मंजू को फंसाने के चक्कर में कुछ दिनों से उस ने किसी कालगर्ल को भी नहीं बुलाया था. इसलिए उस की जिस्मानी भूख और भड़कती जा रही थी.

जल्द ही अमर सिंह ने मंजू से छेड़छाड़ शुरू कर दी, जिस पर मंजू ने एतराज तो जताया, पर वह इतना सख्त नहीं था कि अमर सिंह उसे उस की न समझ लेता.

वैसे, अमर सिंह को यह नहीं मालूम था कि शादीशुदा मंजू जीतू की माशूका थी. जब मंजू ने अमर सिंह की हरकतों के बारे में जीतू को बताया, तो उस का खून खौल उठा और उस ने मंजू और टीना के साथ मिल कर अमर सिंह को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली.

नए साल की शुरुआत में उस ने अमर सिंह को बताया, ‘‘मंजू और टीना चिकन बहुत जायकेदार बनाती हैं. क्यों न एक दिन की पार्टी तुम्हारे यहां रख ली जाए?’’

अमर सिंह ने तुरंत हामी भर दी और 14 जनवरी को पार्टी की रात तय हुई. इस दिन अमर सिंह के रसोईघर से चिकन की ऐसी खुशबू आ रही थी कि पूरा महल्ला उसे सूंघता रहा.

अंदर खाना तैयार होता रहा और कमरे में जीतू और अमर सिंह शराब पीते अपनी भूख बढ़ाते रहे. लेकिन अमर सिंह को एहसास भी न था कि थोड़ी देर बाद क्या होने वाला है.

ज्यादा शराब पीने से अमर सिंह लुढ़कने लगा, तो जीतू के बुलावे पर वे दोनों बाहर आईं. मंजू ने अमर सिंह के हाथ जकड़े और टीना ने पांव पकड़े. फिर जीतू ने गरदन पर कुल्हाड़ी से हमला कर के उस का काम तमाम कर दिया.

इस के बाद वे तीनों अमर सिंह का पर्स, मोबाइल फोन, घर की चाबी और स्कूटर ले कर फरार हो गए.

3 दिन बाद मकान से बदबू आने लगी, तो लोगों ने पुलिस को खबर दी. अमर सिंह की लाश सड़ चुकी थी. पूछताछ में जल्द ही उजागर हो गया कि हादसे की रात जीतू, मंजू और टीना उस के घर आए थे. निशातपुरा थाने की पुलिस ने शक की बिना पर उन्हें हिरासत में लिया, तो तीनों ने कत्ल की वारदात कबूल कर ली.

क्या करें अकेले बूढ़े

बुढ़ापे में रंगीनमिजाजी आम बात है, खासतौर से उन बूढ़ों की, जिन के आगेपीछे कोई नहीं होता है.

बूढ़े सैक्स की अपनी जरूरत पूरी करें, तो यह उन का हक है, लेकिन अमर सिंह जैसे बूढ़े अकसर गच्चा खा जाते हैं. देखा जाए, तो अमर सिंह बदले का नहीं, बल्कि साजिश का शिकार हुआ, नहीं तो इस से पहले वह कालगर्ल लाता था, तयशुदा रकम देता था और सुबह उन्हें चलता कर देता था.

अकेले रह रहे बूढ़ों का कालगर्ल के पास जाना या फिर घर ला कर सुख भोगना उतनी ही आम बात है, जितनी नौजवानों का ऐसा ही करना. फर्क इतना है कि बूढ़ों से कालगर्ल को ज्यादा पैसा मिल जाता है.

भोपाल के एमपी नगर इलाके की 26 साला एक कालगर्ल कामिनी (बदला नाम) की मानें, तो आजकल उन के ग्राहकों में बूढ़ों की तादाद तकरीबन 25 फीसदी होती है.

बकौल कामिनी, ‘‘जरूरतमंद बूढ़े दलालों के जरीए उन तक पहुंचते हैं, कभी सीधे भी सौदा हो जाता है. ये लोग जल्दबाजी में ज्यादा भावताव नहीं करते और थोड़ा डरते भी हैं.’’

कामिनी इस बाबत बूढ़ों को ज्यादा कुसूरवार नहीं मानती. वह कहती है कि ये बेचारे क्या करें और कहां जाएं. अगर मालदार हों तो हर किसी की नजर इन के माल पर रहती है, इसलिए खुद औरतें इन पर डोरे डालती हैं. लेकिन समझदार बूढ़े कालगर्ल्स को ज्यादा महफूज मानते हैं.

कुछ बूढ़े जोश के लिए इश्तिहार पढ़ कर ताकत और मर्दानगी वाली दवाएं भी खरीदते हैं.

भोपाल के शाहपुरा इलाके के मनीषा मार्केट के एक कैमिस्ट अनिल ललवानी की मानें, तो बड़ी तादाद में बूढ़े इश्तिहारों वाली पलंगतोड़ दवाएं खरीद कर ले जाते हैं और कंडोम भी खरीदते हैं.

जाहिर है, बूढ़ों को भी हक है कि वे सैक्स का सुख उठाएं, लेकिन जरूरी यह है कि इस में एहतियात रखें, नहीं तो अंजाम अमर सिंह सरीखा भी हो सकता है, जो जल्दबाजी के चलते मारा गया.

ऐसे महफूज रह सकते हैं आशिकमिजाज बूढ़े

* सैक्स के लिए कालगर्ल्स जानपहचान वालियों से बेहतर साबित होती हैं.

* अगर औरतों या कालगर्ल्स के साथ कोई मर्द दिखे, तो उस से जल्द पल्ला झाड़ लेना चाहिए. ये लोग किसी गिरोह वाले भी हो सकते हैं.

* जब कालगर्ल लाएं, तो उस पर रोब डालने के लिए अपनी दौलत का जिक्र न करें, न ही घर में ज्यादा नकदी और कीमती सामान रखें.

* कालगर्ल का मोबाइल फोन बंद करवा दें, जिस से वह बातचीत टेप न कर सके और न ही वीडियो फिल्म बना कर बाद में ब्लैकमेल कर सके.

* सैक्स की लत इस उम्र में इतनी न लगाएं कि रोजरोज इस की जरूरत पड़ने लगे.

* कालगर्ल या कोई दूसरी औरत लाएं, तो नशा खासतौर से शराब का सेवन बिलकुल न करें. अमर सिंह की यही गलती उस की आसान मौत की वजह बनी.

* सैक्स में कमजोरी आजकल नौजवानों में भी आम बात है. वैसे भी सैक्स पर उम्र का कोई खास असर नहीं पड़ता. अगर इश्तिहार वाली दवाओं से खुद पर भरोसा बढ़ता है, तो उन्हें लेने में हर्ज नहीं है.

* सैक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें. इस से सैक्स संबंधी बीमारियां होने का खतरा नहीं रहता.

प्रेग्नेंसी के बाद मैंने ब्रा पहनना छोड़ दिया है पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं, क्या करूं?

सवाल
मैं 26 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं. मुझे 5 महीने का गर्भ है. समस्या यह है कि मेरा पेट तो उतना नहीं बढ़ रहा पर स्तन काफी बढ़ गए हैं. ब्रा भी कसने लगी है. इसलिए मैं ने ब्रा पहनना छोड़ दिया है. पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं. मैं क्या करूं?

जवाब
गर्भावस्था के दौरान स्तनों का आकार बढ़ जाता है, इसलिए आप को अपनी पुरानी ब्रा टाइट होती होगी. बेहतर होगा कि सही आकार की और अच्छी क्वालिटी की ब्रा खरीदें. ब्रा पहनना न छोड़ें वरना स्तन बेडौल हो जाएंगे. अभी स्तनों के आकार को ले कर चिंतित न हों. प्रसूति के बाद और बच्चे को स्तनपान कराने पर स्तन फिर से पहले वाले आकार में आ जाएंगे.

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जब करें इनरवियर का चुनाव

फैशनेबल दिखने के लिए इनरवियर्स का सही चुनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि इनरवियर्स ही ड्रैस की फिटिंग को उभारते हैं. यदि सही इनरवियर्स नहीं होंगे तो बौडी शेप भी खराब दिखेगी. लेकिन इनरवियर किसे दिखाने हैं, यह सोच कर लड़कियां अकसर सस्ते इनरवियर खरीद लेती हैं और यहीं हो जाती है उन से फैशन मिस्टेक. जबकि आजकल बाजार में हर ड्रैस के लिए तरहतरह के इनरवियर्स उपलब्ध हैं.

आइए, जानते हैं किस ड्रैस के साथ कौन सा इनरवियर पहनना चाहिए:

– मिनिमाइजर ब्रा स्लिम फिट टौप के लिए है यदि आप अपनी हैवी ब्रैस्ट का साइज कम दिखाना चाहती हैं तो यह ब्रा आप के लिए परफैक्ट है.

– टी शर्ट पहन रही हैं तो टीशर्ट ब्रा ही पहनें. यह ब्रा आप की ब्रैस्ट को सही आकार देगी और टीशर्ट की फिटिंग भी सही आएगी.

– पैडेड ब्रा उन ड्रैसेज के लिए है, जो बहुत ही महीन फैब्रिक मसलन सिल्क, कौटन और लिनेन से बनी होती हैं.

– यदि डीपनैक ड्रैस पहनने जा रही हैं तो डैमी ब्रा पहनना न भूलें. यह ब्रा औफशोल्डर और ट्यूब टौप के नीचे भी पहनी जा सकती है.

– हाल्टरनेक ब्रा को ढीलेढाले स्पोर्टवियर के नीचे पहनना चाहिए. यह न केवल ब्रैस्ट को स्थाई रखती है, बल्कि पसीने को भी सोखती है. यह पसीने को आप के आउटरवियर पर नहीं आने देती.

फैशन ऐक्सपर्ट विनीता कहती हैं, ‘‘ब्रैस्ट और बंप्स महिलाओं के शरीर के बहुत ही अहम हिस्से होते हैं. ये दोनों ही हिस्से महिलाओं को अच्छी फिगर देते हैं और ड्रैस को अच्छी शेप. यदि किसी महिला की ब्रैस्ट का साइज कम है तो उसे आर्टिफिशियली बढ़ाने के लिए पैडेड ब्रा पहनी जा सकती है. ब्रा की ही तरह बंप्स को बढ़ाने के लिए पैडेड पैंटीज भी मिलती हैं.’’

टीनऐजर्स के इनरवियर

दरअसल, आज की युवा पीढ़ी में इनरवियर्स से जुड़ी सही जानकारी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है खासतौर पर जब हम टीनऐजर्स की बात करते हैं, तब यह और भी महत्त्वपूर्ण विषय बन जाता है.

वर्तमान समय में कई तरह के पर्यावरण बदलाव हो रहे हैं, जिन का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है. इन बदलावों का ही असर है, जो आज लड़कियों में बहुत से शारीरिक बदलाव देखे जा रहे हैं.

इस की एक बड़ी वजह आजकल का खानपान भी है. मासिकधर्म शुरू होने पर लड़कियों के शारीरिक अंगों में विकास होता है. स्तनों का विकास भी मासिकधर्म पर निर्भर करता है.

इस तरह कम उम्र से ही लड़कियों को ब्रा पहननी होती है. यह एक ऐसी उम्र होती है जब अधिकतर लड़कियों को इस बात का आभास भी नहीं होता कि उन के स्तनों में उभार आ रहा है और वे आकार ले रहे हैं. ऐसे में एक मां ही अपनी बेटी को ब्रैस्ट केयर और ब्रा के सही चुनाव की जानकारी दे सकती है.

पेश है, कुछ खास जानकारी जो मां को अपनी बढ़ती बेटी को जरूर देनी चाहिए:

जब बेटी के स्तन आकार लेने लगें, तो तुरंत अपनी बेटी को इस बदलाव के बारे में समझाएं और उसे ट्रेनिंग या स्पोर्ट ब्रा खरीद कर पहनने को दें.

– विकसित होते स्तन कभीकभी लड़कियों को अवसाद में ले जाते हैं. इस बदलाव को लड़कियां आसानी से स्वीकार नहीं कर पातीं. दरअसल, खुद के शारीरिक अंगों में हो रहे बदलाव के बारे में दूसरों के मुंह से सुनती हैं, तो उन्हें यह परिस्थिति अटपटी लगती है, साथ ही विकसित होते स्तनों की बनावट भी अटपटी सी ही होती है. ऐसे में बेटी को कप्ड ब्रा पहनने का सुझाव दें. ऐसी ब्रा स्तनों के आकार को पौइंटेड दिखाने की जगह गोल आकार देती है. इस ब्रा में लगे अंडरवायर भी स्तनों को अच्छी सपोर्ट देते हैं.

– स्कूल में बहुत सारी ऐक्टिविटीज होती हैं, जिन में शारीरिक क्षमता का बहुत प्रयोग करना होता है. इन गतिविधियों में इस उम्र की लड़कियों को भी हिस्सा लेना होता है. मगर इस से पहले मां का फर्ज बनता है कि वह बेटी को समझाए कि उसे विकसित होते स्तनों का ध्यान रखना है और इस का ध्यान वह एक अच्छी स्पोर्ट ब्रा पहन कर ही रख सकती है. स्पोर्ट ब्रा पहनने से स्तनों के टिशूज पर प्रभाव नहीं पड़ता. इसलिए इस ब्रा को किसी स्पोर्ट में हिस्सा लेते या व्यायाम करते वक्त बेटी को पहनने को कहें.

– सवाल होते हैं. मसलन, फिटिंग, साइज और ब्रा पहनने के बाद कितना सहज महसूस हो सकता है. बेटी के मन में चल रही इस उथलपुथल को एक अच्छी फिटेड ब्रा के साथ मां ही खत्म कर सकती है.

– बेटी को डार्क कलर की ब्रा की जगह हलके रंग, हो सके तो स्किन टोन से मैच करते रंग की ब्रा पहनने की सलाह दें. दरअसल, डार्क रंग की ब्रा कपड़ों पर फ्लांट हो सकती है, लेकिन स्किन टोन कलर की ब्रा में यह दिक्कत नहीं आती.

कोई लड़की मेरे पति को रात के वक्त रोमांटिक मैसेज भेजती है, मुझे डर लगने लगा है कि कहीं वह मेरे पति को मुझ से छीन न ले, क्या करूं?

सवाल
मेरे पति की जिंदगी में कोई लड़की है जो रात के वक्त उन्हें रोमांटिक मैसेजेज भेजती है. पति ने यह बात स्वयं मुझे बताई थी. वे उस लड़की को तवज्जुह नहीं देते. मगर आजकल वे मुझ से छिप कर उस लड़की के मैसेज पढ़ने लगे हैं. मुझे डर लगने लगा है कि कहीं वह मेरे पति को मुझ से छीन न ले. उन्होंने अपने मोबाइल में पासवर्ड भी डाल दिया है ताकि मैं उसे चैक न कर सकूं.

जवाब
सर्वप्रथम अपने मन में विश्वास रखें. अगर आप का पति के साथ रिश्ता मजबूत है तो कोई तीसरा आसानी से बीच में नहीं आ सकता. आप पति के साथ पहले की तरह ही व्यवहार कीजिए. बारबार शक की नजरों से देखने पर वे आप से बातें छिपाने लगेंगे. बेहतर होगा कि उन की जिंदगी में दखल देने के बजाय उन्हें अपने खूबसूरत साथ का हर पल एहसास दिलाएं और उस लड़की को अपने बीच में आने ही न दें. यदि फिर भी आप को लगे कि अब पति हाथ से निकल चुके हैं तो स्पष्ट तौर पर उन से इस संदर्भ में बात करें.

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सैक्स लाइफ में इन चीजों की हो नो ऐंट्री

दिलीप ने जब रुही से यह कहा कि वह बिस्तर पर अब पहले जैसा साथ नहीं देती, तो वह यह सुन कर परेशान हो उठी. फिर रुही ने सैक्स ऐक्सपर्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा से संपर्क किया. डा. कुंदरा के मुताबिक, सैक्स सफल दांपत्य जीवन का महत्त्वपूर्ण आधार है. इस की कमी पतिपत्नी के रिश्ते को प्रभावित करती है. पतिपत्नी की एकदूसरे के प्रति चाहत, लगाव, आकर्षण खत्म होने के कई कारण होते हैं जैसे शारीरिक, मानसिक, लाइफस्टाइल. ये सैक्स ड्राइव को कमजोर बनाते हैं.

तनाव: औफिस, घर का वर्कलोड, आर्थिक समस्या, असमय खानपान आदि का सीधा असर तनाव के रूप में नजर आता है, जो हैल्थ के साथसाथ सैक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है.

डिप्रैशन: यह सैक्स का सब से बड़ा दुश्मन है. यह पतिपत्नी के संबंधों को प्रभावित करने के साथसाथ परिवार में कलह को भी जन्म देता है. डिप्रैशन के कारण वैसे ही सैक्स की इच्छा में कमी आ जाती है. ऊपर से डिप्रैशन की दवा का सेवन भी कामेच्छा को खत्म करने लगता है.

नींद पूरी न होना: 4-5 घंटे की नींद से हम फ्रैश फील नहीं कर पाते, जिस से धीरेधीरे हमारा स्टैमिना कम होने लगता है. इतना ही नहीं सैक्स में भी हमारा इंट्रैस्ट नहीं रहता है.

गलत खानपान: वक्तबेवक्त खाना और जंक फूड व प्रोसैस्ड फूड का सेवन भी सैक्स ड्राइव को खत्म करता है.

टेस्टोस्टेरौन की कमी: शरीर में मौजूद यह हारमोन हमारी सैक्स इच्छा को कंट्रोल करता है. इस की कमी से पतिपत्नी दोनों ही प्रभावित होते हैं.

बर्थ कंट्रोल पिल्स: बर्थ पिल्स महिलाओं में टेस्टोस्टेरौन लैवल को कम करती हैं, जिस से महिलाओं में सैक्स संबंधों को ले कर विरक्ति हो जाती है. पतिपत्नी का दांपत्य जीवन तभी सफल होता है, जब सैक्स में दोनों एकदूसरे को सहयोग करें. सैक्स एक दोस्त की तरह भी जीवन में रंग भर देता है. शादीशुदा जिंदगी से प्यार की कशिश और इश्क का रोमांच खत्म होने लगा है तो सावधान हो जाएं.

यदि आप की सैक्स लाइफ अच्छी है तो इस का सकारात्मक प्रभाव आप की सेहत पर भी पड़ता है.

जानिए, सैक्स के सेहत से जुड़े कुछ फायदे:

शारीरिक तथा मानसिक पीड़ा में राहत दिलाता है: सैक्स के समय शरीर में हारमोन पैदा होते हैं, जो दर्द की अनुभूति कम करते हैं. भले ही कुछ समय के लिए.

सर्दीजुकाम के असर को कम करता है: सैक्स गरमी, सर्दीजुकाम के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देता है. अमेरिका स्थित ओहियो यूनिवर्सिटी के अध्ययन बताते हैं कि चुंबन एवं प्यारदुलार करने से रक्त में बीमारियों से लड़ने वाले टी सैल्स की तादाद बढ़ जाती है.

मानसिक तनाव को कम करता है: सैक्स मन को शांति देने के साथसाथ मूड को भी बढि़या बनाने वाले हारमोन ऐंडोर्फिंस के उत्पादन में वृद्धि करता है. इस के मानसिक तनाव कम हो जाता है.

मासिकधर्म के पूर्व की कमी को कम करता है: सैक्स में लगातार गरमी के चलते ऐस्ट्रोजन स्तर काफी हद तक कम होता है. इस दौरान शरीर में थकान कम महसूस होती है.

दिल के रोग और दौरों की आशंका कम होती है: अकसर दिल के मरीजों को सैक्स संबंध बनाने से दूर रहने की सलाह दी जाती है. मगर अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ, डा. के.के. सक्सेना के अनुसार, पत्नी के साथ सैक्स संबंध बनाने से पूरे शरीर का समुचित व्यायाम होता है, जिस से दिमाग तनावरहित हो जाता है. दिल के दौरों की आशंका कम हो जाती है. सैक्स संबंध बनाने से धमनियों में रक्त का प्रवाह और हृदय की मांसपेशियों की क्षमता बढ़ती है.

मेरे पति का यौनांग बहुत छोटा है, कोई ऐसी दवा बताएं जिससे उनके लिंग की लंबाई बढ़ सके?

सवाल
मेरे विवाह को 1 वर्ष हो चुका है. लेकिन मुझे अपने पति से सहवास के दौरान वह सुख नहीं मिल रहा जो मैं चाहती हूं. मैं किसी और के बारे में सोचना भी नहीं चाहती, क्योंकि मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते हैं. दिक्कत यह है कि मेरे पति का यौनांग बहुत छोटा है और मैं यह बात उन से कह नहीं पा रही. कोई ऐसी दवा बताएं जिस से उन के लिंग की लंबाई बढ़ सके?

जवाब
यौनांग की लंबाई को बढ़ाने के लिए न तो कोई दवा है और न ही इस की आवश्यकता है, क्योंकि लिंग के आकार का सहवास के आनंद से कोई लेनादेना नहीं है. इसलिए सब से पहले अपने दिमाग से यह पूर्वाग्रह निकाल दें. सहवास में प्रवृत्त होने से पहले रतिक्रीड़ा यानी आलिंगन, चुंबन आदि करें. कामोत्तेजित होने के बाद संबंध बनाएंगे तो कोई कारण नहीं कि आप को आनंद प्राप्त न हो. किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लें.

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अब बैडरूम में मूड औफ नहीं लव औन होगा

    1. आमरा अपनी सैक्स लाइफ से खुश हैं, लेकिन चाहतें अनेक हैं. उन के पति भी खुश हैं बैड पर, लेकिन कहीं न कहीं आमरा को दुख है कि उन के पति बैड पर उस का मन क्यों नहीं पढ़ पाते. आमरा उन से स्पर्श की चाहत रखती हैं. मगर बैड पर जाते ही आरव अपना होशहवास खो देते हैं. जल्दबाजी के कारण एकदूसरे में खो नहीं पाते. आलम यह है कि आमरा सैक्स से बचती हैं.
    2. रागिनी पिछले 5 सालों से खुशहाल विवाहित जीवन जी रही हैं. रागिनी और गगन के प्यार की निशानी उत्सव 4 साल का है. आजकल वे कुछ बुझीबुझी लगती हैं. इस का कारण है उन की उदासीन बैडरूम लाइफ. दिन भर रागिनी घर के हर छोटेबड़े काम को मैनेज करने में बिजी रहती हैं. दोपहर से रात तक उत्सव की देखरेख में अलर्ट रहती हैं. उत्सव को सुलाने के बाद अपने बैड पर जाने से परहेज करती हुई वे उत्सव के कमरे में उस के साथ ही सो जाती हैं. इस का कारण पता चला कि हड़बड़ी वाली रोजाना की सैक्स लाइफ, जो रागिनी और गगन दोनों का मूड औफ कर तनाव का कारण बनती है.
    3. माही एक कामकाजी महिला है. शाम को औफिस से लौटते ही माही और रंजन अपनी दुलारी 10 साल की बेटी परी के साथ समय बिताते हैं. डिनर तक तो सब ठीक रहता है, लेकिन बैडरूम लाइफ दोनों को अपसैट कर देती है. असल में माही बैडरूम में पति के साथ अकेले में समय बिताना चाहती हैं. रंजन की बांहों में समा कर दिन भर की और भविष्य की बातें करना चाहती हैं. उस के बाद जेहन की थकान को प्यार में डूब कर मिटाना चाहती हैं, लेकिन रंजन उन की भावनाओं की कद्र न कर सीधे सैक्स का मूड बना लेते हैं. नजीजतन, मशीनी प्रक्रिया की तरह सैक्स होता है और बाद में माही का मन बुझाबुझा रहता है.

     

    ऊपर बताए गए तीन केसों में एक बात सामने आई कि सैक्स में गलतियां हमेशा के लिए एकदूजे से दूर कर देती हैं. माना जाता है कि प्यार करना और प्यार को निभाना औरत जानती है. प्यार को सैक्स का अंजाम देने में पति माहिर होते हैं. यह काफी हद तक सच है. मौका कोई भी हो, कैसी भी स्थिति हो, थकावट से शरीर स्थूल हो या मूड हो या न हो पर पति का बैड पर जाते ही सैक्स का मूड बन जाता है या यों कहें कि पति सैक्स के लिए बमुश्किल ही इनकार करेगा. इस पर उस की पत्नी नानुकर करे, तो उसे वह सहन नहीं. यहां हम पतियों पर किसी प्रकार का आक्षेप नहीं लगा रहे. दूसरी ओर पत्नियां भी प्यार को सैक्स का अंजाम देना चाहती हैं, लेकिन प्यार से प्यार तक. ऐसा नहीं होने पर दोनों ओर से खीज होती है.

    इस संबंध में सैक्सोलौजिस्ट का मानना है कि प्यार में कैद होते ही अधिकांश पतियों के दिलदिमाग में सैक्स उछालें मारता है. दिन भर काम करने के दौरान भी दिमाग के किसी कोने में बेसब्री बैड लाइफ का ऐंजौयमैंट जीने की होती है. ऐसे में पति आउट औफ कंट्रोल होते जाते हैं. बस, प्यार को तुरतफुरत अंजाम देना और पार्टनर की खीज महसूस किए बिना सो जाना. यही नहीं, कई बार पति भी खीज महसूस करते हैं, जो पार्टनर में तनाव का कारण बनती है. दूसरे शब्दों में कहें तो बैड पर प्यार में जल्दबाजी दिखाना दोनों पार्टनर्स के लिए ठीक नहीं. बैड पर आप का और उन का मूड हमेशा औन रहे और प्यार हमेशा औन रहे इस के लिए गलतियों पर नजर डालते हैं. इन से बचिए और मूड करें औन:

    क्लाइमैक्स की बेताबी

    इरादे बुलंद हों तो कदम खुदबखुद मंजिल तक पहुंच जाते हैं. फिर चाहे राहें पथरीली अथवा मखमली ही क्यों न हों. बुलंद इरादों के बलबूते मंजिल पर फतह होती है. इस सफर में कई कठिनाइयों, तकलीफों, सहूलतों से गुजरना पड़ता है. यही फलसका आप की सैक्स लाइफ पर भी लागू होता है. अधिकांश पति बैड पर पहुंचते ही सैक्स के लिए तैयार हो जाते हैं. कुछ ही पलों में प्यार को अंजाम देने में मशगूल हो जाते हैं. इस फलसफे से बेखबर कि चरम तक पहुंचने के लिए कई राहों से गुजरना पतिपत्नी दोनों के लिए उपयुक्त रहता है. इस हड़बड़ी में पति फोरप्ले को पूरी तरह नजरअंदाज करता है. रोजाना की क्रिया से पत्नी उकता जाती है. अगली बार यह गलती न करें. क्लाइमैक्स से पहले बांहों में भर कर प्यारदुलार करें.

    अहम है फोरप्ले

    इस बात को गांठ बांध लें कि जब बिस्तर पर दोनों खुश होते हैं, तब अंजाम दोनों को खुशी देता है. लेकिन बिस्तर पर पति की प्यार में हड़बड़ी का अंजाम पत्नी को खीज देता है. जाहिर है, उस के मूड से पति का मूड भी औफ हो जाएगा. अगली बार बिस्तर पर जल्दबाजी की गलती न दोहराएं. थोड़ा धैर्य रखें. पहले प्यारदुलार यानी फोरप्ले से पत्नी का मूड बनाएं. पत्नी के उत्तेजित होने के बाद दोनों अंजाम के पलपल की हसीन जन्नत को महसूस कर पाएंगे अन्यथा इस दैनिक मशीनी क्रिया के बाद भी आप दोनों खालीपन, तनाव, निराशा व खीज से भरे रहेंगे.

    मन को पढि़ए

    सिर्फ पति अपने आनंद को तवज्जो न दे. थोड़ा पत्नी का भी ध्यान रखे. पत्नी की बिस्तर पर पसंदनापसंद का भी ध्यान रखे. फोरप्ले से अंजाम और अंजाम के बाद की सहलाहट का ध्यान रखे. बहुत सी बातें पत्नी जबां पर नहीं लाती. वह सब पति पर छोड़ती है. उन का पूरा न होना उस में अजीब सा खालीपन भर देता है. एक खुशहाल बैडलाइफ के लिए पति को पत्नी के मन की बात समझनी होगी.

    कुछ पल मस्ती, कुछ पल शरारत

    अकसर पति बिस्तर में मस्ती व शरारत में बहकना भूल जाते हैं. सीधे अंजाम की सीढ़ी चढ़ते जाते हैं. भले ही अंजाम में पत्नी का शारीरिक साथ रहता है, पर वह मन से दूर होती है या यों कहें कि पति बिस्तर में पत्नी का खयाल नहीं रखता यानी पत्नी के कोमल बदन का भी नहीं. अगली बार यह गलती न हो, इस का ध्यान रखें. इस बात का भी ध्यान रहे कि पत्नी को रतिक्रिया में जोरजबरदस्ती कतई पसंद नहीं होती है.

    सिनेमा नहीं है बैडरूम

    आमतौर पर पति फिल्मों में फिल्माए गए बैडरूम दृश्यों को असल जिंदगी में जीना चाहता है. उस की चाहत रहती है कि पत्नी का भी इस में सहयोग मिले. पत्नी के नानुकर करने पर पति का गुस्सा 7वें आसमान पर होता है. कई बार नौबत इमोशनल ब्लैकमेल से बढ़ती हुई अलगाव तक पहुंच जाती है. पति इसे स्वीकार ले कि असल जिंदगी का बैडरूम फिल्मी परदे से बहुत अलग होता है. याद रहे हर बार प्यार का मीठा अंजाम दोनों को संतुष्टि और सहजता देता है.

    जिम्मेदारी दोनों की

    सैक्सोलौजिस्ट यही कहते हैं कि चरमोत्कर्ष की पूरी जिम्मेदारी पति पर नहीं डाली जानी चाहिए. अंजाम तभी सफल होता है जब पतिपत्नी दोनों का सहयोग हो. अधिकांश पतियों की आदत होती है कि वे अंजाम का सुख लेने के बाद पत्नी को भूल जाते हैं. प्यार भरा स्पर्श हो या न हो पति आसानी से अंजाम तक पहुंच ही जाते हैं. वे इस बात से बेखबर होते हैं कि अपने इजैट्यूलेशन के बाद उन की पत्नी मीठे सुख की जन्नत की सैर नहीं कर पाती. ऐसे में चरमोत्कर्ष तक नहीं पहुंचने का ठीकरा किसी एक के सिर पर फोड़ना गलत है.

मैंने शादी से पहले गर्भपात करवाया था, उसके बाद से ही मेरा पीरियड अनियमित हो गया मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 30 साल है. शादी को 2 साल हो गए हैं. शादी के बाद से ही गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हूं. मैं ने शादी से पहले गर्भपात करवाया था. उस के बाद से ही मेरा पीरियड अनियमित हो गया है और पीरियड के दौरान स्राव भी बहुत कम होता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब
पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने के कई कारण हो सकते हैं. इस का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षण के तौर पर आप के पैल्विक का अल्ट्रासाउंड करना होगा, जिस में आप के गर्भाशय की भीतरी परत की मोटाई  की माप ली जाएगी. हारमोन का भी ठीक से पता लगाया जाएगा. उस के बाद अश्रमैंस सिंड्रोम पता लगाने के लिए हिस्टेरोस्कोपी जांच महत्त्वपूर्ण होगी. इस के अलावा जननांग की तपेदिक का पता लगाने के लिए बायोप्सी कर जांच के लिए भेजी जाएगी, क्योंकि पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने का यह एक सामान्य कारण है.

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गर्भपात के साइड इफैक्ट्स

कई वजहों से किसी महिला को गर्भपात कराना पड़ जाता है. कई बार अनचाहे गर्भधारण के कारण भी ऐसा कदम उठाना पड़ता है, जबकि कई बार भ्रूण की कुदरती खामियों या गर्भधारण से जुड़ी घातक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण दंपती गर्भ गिराने का फैसला लेते हैं. वजह चाहे जो भी हो, गर्भपात कराने से महिला पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से असर पड़ता है. गर्भपात किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं है. कुछ शोध बताते हैं कि कुछ महिलाएं गर्भपात कराने के बाद राहत महसूस करती हैं, जबकि कुछ अनचाहे गर्भपात या मिसकैरिज के कारण अवसादग्रस्त हो जाती हैं. महिलाओं में राहत और अवसाद की वजह भी अलगअलग होती है.

गर्भपात कराने के बाद जितने शारीरिक साइड इफैक्ट्स होते हैं, उतने ही मानसिक साइड इफैक्ट्स भी होते हैं. गर्भपात कराने के बाद शारीरिक इफैक्ट्स से कहीं ज्यादा भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक असर देखा गया है और इस में मामूली खेद से ले कर अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. गर्भपात कराने के बाद किसी ऐसे अनुभवी प्रोफैशनल से सभी खतरों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा कर लेना बहुत जरूरी है जो आप के सभी सवालों और उन से जुड़ी आशंकाओं का जवाब दे सके.

नकारात्मक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक असर से जुड़ा एक सब से महत्त्वपूर्ण फैक्टर यह है कि आप को यही लगता है कि आप के अंदर अभी भी बच्चा पल रहा है. कुछ महिलाओं में नकारात्मक भावनात्मक परिणाम विकसित होने की संभावना कम रहती है, क्योंकि गर्भधारण को ले कर उन का नजरिया बिलकुल अलग रहता है और वे समझती हैं कि भ्रूण एक अविकसित जीव है. हालांकि कुछ महिलाएं गर्भधारण के प्रति कुछ ज्यादा ही भावनात्मक लगाव पाल लेती हैं और अपने अंदर पल रहे बच्चे को जीव मान लेती हैं. ऐसी महिलाओं पर गर्भपात या मिसकैरिज के बाद कुछ ज्यादा ही नकारात्मक असर पड़ता है.

गर्भपात कराने के बाद निम्नलिखित संभावित भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक खतरे हो सकते हैं. अलगअलग व्यक्तियों पर इन नकारात्मक प्रभावों की अवधि और तीव्रता अलगअलग होती है. संभावित साइड इफैक्ट्स में ये शामिल हैं:

खानपान में डिसऔर्डर, बेचैनी, खेद, गुस्सा, अपराधबोध, शर्म, आपसी संबंध की समस्याएं, अकेलापन या अलगथलग रहने का एहसास, आत्मविश्वास में कमी, अनिद्रा या दु:स्वप्न, आत्महत्या का विचार, अवसाद.

गर्भपात कराने के बाद संभव है कि किसी को भी अनापेक्षित भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक साइड इफैक्ट का अनुभव हो. हालांकि अकसर देखा गया है कि कुछ महिलाएं कुछ खास प्रकार के भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक जद्दोजहद की चपेट में जल्दी आ जाती हैं. जिन महिलाओं पर नकारात्मक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक साइड इफैक्ट पड़ने की संभावना अधिक रहती है, उन में ये शामिल हैं:

– जो महिलाएं गर्भधारण के बहुत बाद की अवस्था में गर्भपात कराती हैं.

– जो महिलाएं पहले से किसी भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी से जूझ रही होती हैं.

– जो महिलाएं गर्भपात कराने के लिए अभिशप्त, बाध्य या बहकाई गई हों.

– गर्भपात को ले कर जिन महिलाओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हों.

– जिन महिलाओं को लगता है कि गर्भपात कराना अनैतिक है.

– जिन महिलाओं को इस के लिए अपने परिजनों या पार्टनर का सहयोग नहीं मिल रहा हो.

– जो महिलाएं आनुवंशिक या भू्रण संबंधी गड़बडि़यों के कारण गर्भपात करा रही हों.

कुछ सुझाव

मदद लें: अनियोजित गर्भधारण की समस्या से निबटने के लिए संभवतया सब से जरूरी चीज होती है ऐसे प्रशिक्षित प्रोफैशनल से सलाह लेना, जो आप के सवालों के जवाब दे सके और आप की व्यक्तिगत स्थितियों पर चर्चा कर सके.

एकांत में रहने से बचें: यदि आप अनियोजित गर्भधारण की समस्या से जूझ रही हैं तो हो सकता है कि आप इस समस्या को गोपनीय रखने के लिए दूसरों से कटने लगेंगी या अकेली ही इस समस्या का सामना करने की सोचेंगी. हालांकि यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस बारे में अपने परिजनों और मित्रों को बताने की कोशिश करें जो आप को सहयोग कर सकें.

अपनी स्थितियों का आकलन करें: उन महिलाओं की व्यक्तिगत समस्याओं पर गौर करें जिन्हें साइड इफैक्ट्स का अनुभव हुआ हो.

तनाव से बचें: ऐसे लोगों से बचें जो आप पर इस तरह का दबाव बना रहे हों कि वे जो सोचते हैं, वही सब से अच्छा है. आप चाहे मां बनना चाहें, बच्चे गोद लेना चाहें या गर्भपात कराना, आप अपनी पसंद के साथ जीने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी कोई भी फैसला 100% आप का अपना ही होना चाहिए.

गर्भपात के बाद महिलाओं में अलगअलग शारीरिक साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं. गर्भपात के बाद संभावित विस्तृत साइड इफैक्ट्स के बारे में किसी अनुभवी हैल्थ प्रोफैशनल से जानकारी पाना जरूरी है. यह भी जरूरी है कि गर्भपात के 4 से

6 हफ्ते बाद आप की मासिक क्रिया सुचारु हो जाए और गर्भपात कराने के बाद आप दोबारा मां बनने लायक हो जाएं. संक्रमण से बचने के लिए अपने डाक्टर के परामर्श के मुताबिक ही दवा का सेवन करना चाहिए

सतर्कता जरूरी

गर्भपात कराने के बाद निम्न शारीरिक साइड इफैक्ट्स उभर सकते हैं और इन का असर 2 से 4 हफ्तों तक बना रह सकता है: पेट दर्द और मरोड़, दाग और रक्तस्राव.

करीब 5 से 10% महिलाएं तत्काल किसी न किसी समस्या से ग्रस्त हो जाती हैं. अत: निम्नलिखित खतरों से सतर्क रहें:

– लगातार रक्तस्राव.

– संक्रमण या सेप्सिस/पीआईडी/ऐंडोमैट्रियोसिस.

– गर्भाशय को नुकसान.

– गर्भाशय वाले हिस्से पर दाग.

मेरे प्रेमी ने मुझे धोखा दे दिया और अब मेरा मंगेतर मुझ पर शक कर रहा है, क्या करूं?

सवाल
मेरी सगाई हो चुकी है. पहले मेरा एक प्रेमी था, जिस ने मेरे जिस्मानी संबंध थे, पर बाद में उस ने मुझे धोखा दे दिया. जिस से मेरी सगाई हुई, उस के साथ भी शादी से पहले मेरा जिस्मानी संबंध हुआ, पर जब खून नहीं आया तो उसे शक हुआ.

पूछने पर मैं ने मना कर दिया कि मैं ने पहले ऐसा नहीं किया था, मगर ज्यादा जोर देने पर मैं ने कह दिया कि मेरे साथ रेप हुआ था और वह लड़का कई साल तक मुझ से जबरदस्ती करता रहा, अब नहीं करता. बाद में मैं ने कहा कि मैं तो मजाक कर रही थी.

अब मंगेतर मेरा यकीन नहीं करता और पूछता है कि उस का नाम तो बता दो और यह भी कि कितने सालों तक किया. मैं अपने मंगेतर से बहुत प्यार करती हूं, पर समझ नहीं पा रही हूं कि उसे कैसे समझाऊं?

जवाब
आप ने गलत काम भी किया और खुद अपनी इमेज बिगाड़ ली. बारबार झूठ बोल कर आप ने अपने मंगेतर का भरोसा भी खो दिया. न तो आप को उस धोखेबाज प्रेमी से संबंध बनाना चाहिए था, न ही मंगेतर से.

शायद आप की जिस्मानी भूख ही ज्यादा थी, फिर भी मंगेतर से रेप की बात कर के आप ने खुद ही बात बिगाड़ ली. अगर मंगेतर शक्की है, तो अपनी मंगनी तोड़ दें.

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काश आपको पता होते औरतों के ये 12 राज

बहुत सी ऐसी बातें है जिसकी चाहत हर महिला को होती है लेकिन वो स्‍वयं इन्हें अपनी जुबां से कभी नहीं कहती. जैसे उनका प्रेमी उनके नखरे उठाएं, उनके आगे-पीछे घूमें, उन्हें महत्‍वपूर्ण समझें, उनकी हर बात मानें.

  1. महिलाओं के सीक्रेट

महिलाओं का स्‍वभाव बहुत शार्मिला होता है. इसलिए उनके दिल की बात को जुबां तक आने में काफी समय लगता हैं. लेकिन बहुत सी बातें ऐसी है जो हर महिला चाहती हैं. जैसे अपने प्रेमी से प्‍यार और देखभाल की उम्‍मीद, साथ ही यह भी की उनका प्रेमी उनके नखरे उठाएं, उनके आगे-पीछे घूमें, उन्हें महत्‍वपूर्ण समझें, उनकी हर बात मानें. आइये इसके अलावा महिलाओं की सीक्रेट के बारे में जानें.

  1. अपनी तारीफ सुनना

महिलाओं को हमेशा उनकी तारीफ करने वाले पुरुष बहुत अच्‍छे लगते हैं. ऐसे में उन्‍हें बहुत अच्‍छा लगता है जब प्रेमी उनमें किसी भी तरह का बदलाव दिखने पर तुरंत उनकी प्रशंसा करें. जैसे अगर महिला फिट दिखें, कोई नया हेयरकट करवाया हो या आकर्षक लगें, तो उनकी तारीफ जरुर करें.

  1. ध्यान रखने वाला पुरुष

महिलाओं को केयर करने वाले पुरुष बहुत पसंद होते है. महिलाएं संवेदनशील होती है इसलिए उन्‍हें ऐसे ही पुरुष बहुत अच्‍छे लगते है. जो परेशानी के समय उनकी अच्‍छे से देखभाल कर सकें.

  1. कपड़ों से प्रभावित होना

ज्‍यादातर महिलाएं पुरूषों को उनके पहनावे से भी पसंद करती है. इसलिए पुरुषों को चाहिए कि वह महिलाओं को अपने कपड़ों से प्रभावित करने की कोशिश करें. पुरुषों को हमेशा अपने सौंदर्य और कपडों पर ध्यान देना चाहिए. अगर, महिलाएं आपको टाइट जींस में देखना पसंद करती है, तो उनके लिए ज्यादातर टाइट जींस पहनें.

  1. पुराने संबंधों के बारे में जानना

अगर महिलाएं आप से आपके पुराने संबंधों के बारे में बात करना चाहे, तो इसका अर्थ यह नहीं कि आपने कुछ गलत किया है. अपने संबंधों के बारे में बात करने से ना डरें. यह तो आप दोनों के लिए अच्छी बात है, क्‍योंकि सच्चाई और लंबी बातचीत आप लोगों को एक दूसरे के करीब ला सकती है.

  1. सुझावों को थोपें नहीं

अकसर पुरुष महिलाओं की समस्‍या सुने बिना अपने सुझावों को उनपर थोपने लगते हैं. पुरुष, अपने राय को उन पर थोप कर उनकी दुनिया को सीमित कर देते हैं. इसलिए अगर वह किसी बात से परेशान है, तो उन्हें सलाह देने से पहले उनकी बात को अच्‍छे से सुनें.

  1. रिश्‍ते में रोमांस

महिलाएं अपने रिश्‍ते की कद्र करने के साथ रिश्‍ते में रोमांस को निरंतर बनाये रखना चाहती हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आपका रिश्‍ता चाहे वह 5 म‍हीने से हो या 5 सालों से उसमें रोमांस को हमेशा बनाये रखें.

  1. कमियों को जानना

महिलाओं को प्रशंसा करने वाले पुरुषों के साथ-साथ कमियां बताने वाले पुरुष भी पसंद होते हैं. जैसे, अगर महिला लंबे समय तक काम करने के बाद काफी थक गई हैं और चिडचिडापन महसूस कर रहीं हैं तो उस समय उनकी कमी को बताने वाले पुरुष पसंद आते हैं.

  1. बातों को ध्‍यान से सुनना

महिलाएं अकसर यह जानने की कोशिश करती हैं कि उनकी बातों को आप कितनी ध्‍यान से सुनते हो और कैसे प्रतिक्रिया देते हैं. इसलिये महिलाओं से बात करते समय केवल सर हिलाना काफी नहीं है उनकी बात को महत्वपूर्ण ढंग से सुने.

  1. सेक्स में उनकी चाहत

महिला अकसर सेक्‍स के बारे में बात करना और अपने साथी को खुश करना चाहती हैं. इसलिए आप भी सेक्‍स के दौरान वह करें जो महिला साथी चाहती है. इसके लिए विनम्र दृष्टिकोण अक्सर सबसे अच्छा होता है. पहले, यह पूछे कि वह क्या चाहती है. फिर अपनी इच्छा को सकारात्मक और सही तरीके से उनके सामने व्यक्त करें.

  1. शिष्टता का व्‍यवहार

जब रोमांस की बात आती है तो बहुत सारी महिलाएं पुरुषों की पारंपरिक मर्दाना भूमिका ही पसंद करती है. जैसे लड़की बैठने के लिये खुद ही कुर्सी खीच सकती हो, लेकिन वह आपका इंतजार करती है कि आप उसको कुर्सी खींच कर दें. तो समय आ गया है कि आप उसकी नजरों में सज्जन पुरुष बन जाएं.

  1. आपकी शर्ट उनके लिए प्यार का चुंबक

क्‍या आपकी महिला साथी आपके स्‍वेटर में सिकुड़ने या शर्ट में घुसने का प्रयास करती हैं. कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, महिलाओं को पुरुष के पसीने की गंध से आरामदायक प्रभाव पड़ता है. क्‍या आप महिलाओं के इस सीक्रेट के बारे में जानते हैं.

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