पति की जबरदस्ती से बचें कुछ इस तरह

Sex News in Hindi: श्वेता खाना खा कर सोने चली गई थी. उस का पति प्रदीप अभी घर नहीं लौटा था. पहले रात के खाने पर श्वेता पति का देर रात तक इंतजार करती थी. कुछ दिनों के बाद प्रदीप ने कहा कि अगर वह 10 बजे तक घर न आए तो खाने पर उस का इंतजार न किया करे. इस के बाद प्रदीप के आने में देर होने पर श्वेता खाना खा कर लेट जाती थी. उस दिन भी वह लेट तो गई थी, मगर उसे नींद नहीं आ रही थी. वह अपने संबंधों के बारे में सोच रही थी. उसे लग रहा था जैसे वह पति की जबरदस्ती का शिकार हो रही है. प्रदीप ज्यादातर देर रात घर लौटता था. इस के बाद कभी सो जाता था, तो कभी श्वेता को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगता था. नींद के आगोश में पहुंच चुकी श्वेता को तब संबंध बनाना अच्छा नहीं लगता था. श्वेता को कभीकभी लगता जैसे पति प्यार न कर के बलात्कार कर रहा हो.

श्वेता अपने को यह सोच कर समझाती कि पति की शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ही शादी होती है, इसलिए उसे केवल पति की जरूरतों को पूरा करना चाहिए. इस जोरजबरदस्ती में श्वेता को 4 साल के विवाहित जीवन में 1-2 बार ही ऐसा लगा था कि प्रदीप प्यार के साथ संबंध बना सकता है, ज्यादातर श्वेता जोरजबरदस्ती का ही शिकार बनी थी. इस का प्रभाव उस के ऊपर कुछ इस तरह पड़ा कि वह शारीरिक संबंधों से चिढ़ने लगी. श्वेता और प्रदीप का 1 बेटा था. श्वेता जब कभी अपनी सहेली शालिनी से मिलती तो उसे पता चलता कि उन का पतिपत्नी का रिश्ता मजे में चल रहा है. एक दिन जब श्वेता ने अपनी परेशानी शालिनी को बताई, तो वह उसे सैक्स काउंसलर के पास ले गई.

पति से करें बात

काउंसलर ने बातचीत कर के यह जानने की कोशिश की कि श्वेता की परेशानी क्या है? श्वेता ने काउंसलर को बताया कि उस का पति उस समय उस से सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करता है जब उस का मन नहीं होता है. कई बार जब वह इस के लिए मना करती है, तो वह जोरजबरदस्ती पर उतर आता है. इस से श्वेता का सैक्स संबंधों से मन उचट गया है. काउंसलर रेखा पांडेय ने श्वेता को सलाह देते हुए कहा कि इस बारे में पति से आराम से बात करें और यह बातचीत सैक्स संबंधों के समय न कर के बाद में की जाए. इस के लिए प्यार से पति को मनाने की कोशिश की जाए. अगर पति कभी नशे की हालत में सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करे तो उस समय कुछ न कह कर नशा उतरने के बाद बात करें. नशे की हालत में बात समझ में नहीं आती उलटे कभीकभी लड़ाईझगड़े से मामला बिगड़ जाता है.

पति हर समय गलत होता है, यह भी नहीं मान लेना चाहिए. उसे इस के लिए हमेशा टालना सही नहीं होता है. हो सकता है कि कभी आप का मन न हो, बावजूद इस के आप को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए. सैक्स पति और पत्नी दोनों की जरूरत होती है. इसलिए इस से जुड़ी किसी भी परेशानी को हल करने के लिए पतिपत्नी दोनों को मिल कर सोचना चाहिए. जब आप खुल कर एकदूसरे से बात करेंगे तो सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी.

क्यों करनी पड़ती जबरदस्ती

सैक्स दांपत्य जीवन की सब से अहम चीज होती है, यह बात पतिपत्नी दोनों को पता होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि तब सैक्स संबंध के लिए जबरदस्ती क्यों करनी पड़ती है? कई बार कभी पति या पत्नी को कोई ऐसी बीमारी हो जाती है, जिस से सैक्स संबंधों से मन उचट जाता है. ऐसे में बहुत ही धैर्य और समझदारी की जरूरत होती है. सब से पहले अपने साथी की जरूरत को समझने की कोशिश करें. अगर कोई शारीरिक परेशानी है, तो उस का इलाज किसी योग्य डाक्टर से कराएं. सैक्स की ज्यादातर बीमारियों की वजह मानसिक ही होती है. इस के लिए आपस में बात करें. अगर बात न बने तो मनोरोगचिकित्सक से भी बातचीत कर सकती हैं.

सैक्स के प्रति पत्नी की नकारात्मक सोच ही पति को कभीकभी जबरदस्ती करने के लिए मजबूर करती है. कुछ पत्नियां सैक्स को गंदा काम मान कर उस से संकोच करती हैं. अगर आप भी इसी तरह के विचार रखती हैं, तो यह सही नहीं है. आप के इस तरह के विचार पति को जबरदस्ती करने के लिए उकसाते हैं  पति की जबरदस्ती से बचने के लिए इस तरह की नकारात्मक सोच से बचना चाहिए. इस मानसिकता के चलते न तो आप स्वयं कभी खुश रह सकती हैं और न ही पति को खुश रख पाएंगी. ऐसा कर के आप कभी सैक्स का आनंद न स्वयं ले पाएंगी और न कभी अपने पति को ही यह सुख दे पाएंगी. जबरदस्ती से बचने के लिए सैक्स के प्रति अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं.

बहाने बनाने से बचें

आमतौर पर पतियों को यह शिकायत होती है कि पत्नियां बहाने बनाती हैं, जिस के चलते जबरदस्ती करनी पड़ती है. इन शिकायतों में बच्चों के बड़े होने, मूड ठीक न होने और घर में एकांत की कमी होना मुख्य कारण होते हैं. रमेश प्रधान का कहना है कि मैं जब भी अपनी पत्नी के साथ सैक्स करने की पहल करता था, वह बच्चों और परिवार का बहाना कर टाल जाती थी. इस का मैं ने हल यह निकाला कि सप्ताह में 1 बार पत्नी को ले कर आउटिंग पर जाने लगा. इस के बाद हमारे संबंध सही रूप से चलने लगे. अब पत्नी को यह अच्छा लगने लगा है. हमारे संबंध अब सहज हो गए हैं. पत्नी के बहाना बनाने का असर यह होता है कि जब कभी पत्नी को हकीकत में कोई परेशानी होगी तब भी पति को लगेगा कि वह बहाना बना रही है.

अत: मूड न होने पर भी साथी को सहयोग देने की कोशिश करें. इस से उस की जबरदस्ती से बच सकती हैं. पति का समीप आना पत्नी की अंदर की भावनाओं को जगा देता है. इस से पत्नी भी उत्तेजित हो जाती है. पति जबरदस्ती करने से बच जाता है. आप का मूड न हो तो भी उसे बनाया जा सकता है. आप को पति को बताना पड़ेगा कि मूड बनाने के लिए वह क्या करे. अगर कभी पति जबरदस्ती करे तो आप को उसे सहयोग दे कर जबरदस्ती से बचना चाहिए. पति जबरदस्ती करने लगे और आप भी संबंध न बनाने पर अड़ गईं, तो इस से संबंधों में दरार पड़ सकती है.

‘डबल इनकम नो सैक्स’ के चक्कर में आप भी तो नहीं

Sex New in Hindi: पति पत्नी का रिश्ता हर रिश्ते से खास होता है. वैसे तो हर रिश्ते में संवेदनाएं, इच्छाएं और अपेक्षाएं निहित हैं, पर इस रिश्ते का खास पहलू है सैक्स. इस के बिना यह रिश्ता दरकने लगता है. लेकिन आज के प्रतिस्पर्धा के युग में आगे बढ़ने की चाहत में युवा दंपतियों को अपने अंतरंग संबंधों की सुध नहीं रहती है. इसीलिए तो पहले ‘डबल इनकम नो किड्स’ का चलन शुरू हुआ और अब ‘डबल इनकम नो सैक्स’ का ट्रैंड बढ़ता जा रहा है.

मल्टीनैशनल कंपनी में कार्यरत शैलेश और शुचि सुबह 8 बजे घर से औफिस निकल जाते हैं, पर घर वापसी का समय तय नहीं है. घर लौटने में रात के 9 भी बज जाते हैं. शुचि कहती है कि काम के कारण इतना थक जाते हैं कि जब आपस में बातचीत करने का भी मन नहीं करता तो सैक्स करना तो दूर की बात है. विवाह को 2 वर्ष हो गए हैं. पहला काम तो अपनी जौब को सुरक्षित रखना है और इस के लिए अच्छा आउटपुट देना जरूरी है वरना पता नहीं कब नौकरी से निकाल दिया जाए. इसलिए हमेशा वर्कस्ट्रैस बना रहता है.

इसी तरह मेघा की बात करें तो उस के विवाह को मात्र 1 साल हुआ है. वह एक फाइनैंस कंपनी में काम करती है और पति एक अन्य प्राइवेट कंपनी में. मेघा का औफिस घर से दूर है. वहां पहुंचने में उसे 1 घंटा लग जाता है. वह कहती है कि 2 घंटे आनेजाने के और 8 घंटे की ड्यूटी यानी 10 घंटे घर से बाहर रहना, फिर घर आ कर तुरंत किचन में घुसना, क्योंकि वृद्ध ससुर साथ में हैं. उन के लिए खाना तैयार करना होता है. पति रात 11 बजे तक घर में घुसते हैं. हम इतना थक जाते हैं कि कई सप्ताह तक एकदूसरे से शारीरिक रूप से नहीं मिल पाते. कभी एक तैयार है तो दूसरा थका हुआ. अब तो मानो सैक्स में रुचि ही नहीं है.

सवाल यह है कि वर्किंग कपल्स के बढ़ते चलन का सीधा असर उन की सैक्स लाइफ पर पड़ रहा है. पोर्न साइटों और फेसबुक पर सैक्स तलाशा जाता है, पर बगल में लेटे साथी को देख ठंडे पड़ जाते हैं.

नोएडा के वरिष्ठ मनोचिकित्सक और सैक्सोलौजिस्ट डा. सुनील अवाना कहते हैं कि सैक्स तो पतिपत्नी के आपसी संबंधों की रीढ़ है. यह तो उन के रिश्ते को मजबूत बनाता है. मगर आजकल मेरे क्लीनिक में कई ऐसे दंपती आ रहे हैं जिन की सैक्स में रुचि समाप्त होती जा रही है. इस के कई कारण हैं. पर मुख्य रूप से देखा जाए तो काम के प्रति बढ़ता रुझान और उस से उत्पन्न स्ट्रैस इस का प्रमुख कारण है. आइए जानें कि सैक्स के प्रति घटती रुचि के क्याक्या कारण हैं:

ईगो: शादीशुदा जिंदगी में सैक्स गायब होने का मुख्य कारण है दोनों का ईगो. पहले पति जो भी कहता था पत्नी सिर झुका कर चुपचाप सुन लेती थी, पर अब वह भी कामकाजी हो गई है, इसलिए आरोपप्रत्यारोपों की झड़ी में उस का ईगो भी सामने आ जाता है. जब पतिपत्नी के रिश्तों में अहं की दीवार बढ़ती जाती है, तो हारजीत, आशानिराशा के बीच मन और शरीर की जरूरतें शिथिल पड़ने लगती हैं और फिर धीरेधीरे सैक्स गायब होने लगता है.

महत्त्वाकांक्षी होना: आज का युवावर्ग बहुत ज्यादा महत्त्वाकांक्षी हो गया है. शादी तो करते हैं पर कुछ महीनों बाद यह सोच कर कि अभी तो जवान हैं खूब पैसा कमा लें, खुद को काम में इतना डुबो लेते हैं कि बाकी सब कुछ भूल जाते हैं. पैसा कमाना गलत बात नहीं है, पर अपने स्वास्थ्य और शारीरिक जरूरतों को नजरअंदाज करना गलत है. आज के युवा दंपती चाहते हैं कि उन के पास सभी सुखसुविधाएं हों. महंगी गाड़ी, बड़ा सा फ्लैट आदि. यही महत्त्वाकांक्षा उन्हें काम में पूरी तरह डुबो देती है, जिस का नतीजा सैक्स में घटती रुचि के रूप में सामने आ रहा है.

तनाव: कई युवा दंपती जो ज्यादातर मल्टीनैशनल कंपनियों में कार्यरत हैं उन्हें अपनी जौब को सुरक्षित रखने के लिए काम का तनाव बना रहता है. जब सफलता नहीं मिलती तो परेशान हो जाते हैं. डा. अवाना कहते हैं कि स्ट्रैस का असर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से युवा दंपती को शिथिल कर देता है. पति या पत्नी दोनों में से यदि एक भी तनाव में हो तो उस का सीधा असर सैक्स लाइफ पर पड़ता है. दोनों के बीच शारीरिक दूरी बढ़ जाती है, परिणामस्वरूप कामोत्तेजना कम होने लगती है.

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: पहले जो बीमारियां बढ़ती उम्र में होती थीं. वे अब भरी जवानी में होने लगी हैं जैसे उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, वैस्क्यूलर रोग, डिप्रैशन, मोटापा, थायराइड, हारमोन में असंतुलन आदि. उच्च रक्तचाप हो जाए तो पुरुषों में कई बार इरैक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या आ जाती है. ये सब बीमारियां सैक्स लाइफ को प्रभावित करती हैं.

खानपान: सैक्स लाइफ गलत खानपान की आदत से बहुत प्रभावित होती है. जंकफूड, असमय या जब भी भूख लगी कुछ खा लेना, थके होने पर खाना खा कर तुरंत सो जाने आदि से सैक्स लाइफ पर असर पड़ता है. अपच की समस्या भी सैक्स में रुचि घटा देती है.

डा. अवाना के अनुसार युवा दंपतियों को अपनी सैक्स लाइफ को रीचार्ज करने के लिए निम्न बातों को अपनाना चाहिए:

एकदूसरे को वक्त दें: दोनों लोग साथ बैठ कर शांत मन से सोचें कि कैसे एकदूसरे के लिए समय निकाला जा सकता है. हर समस्या का समाधान होता है. युवा दंपती प्रयास करें तो वे अपने व्यस्त जीवन में से सैक्स का पूर्ण आनंद लेने के लिए समझदारी से थोड़ा समय निकाल ही सकते हैं. जिस तरह जिंदा रहने के लिए खाना जरूरी है इसी तरह मैरिज लाइफ को सफल बनाने के लिए सैक्स भी जरूरी है.

विश्वास करना सीखें: विश्वास के बिना कोई रिश्ता नहीं टिक सकता. किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले पार्टनर को एक मौका दें. उस से खुल कर बात करें.

रिस्पैक्ट करें: पतिपत्नी को हमेशा एकदूसरे की रिस्पैक्ट करनी चाहिए. जिस व्यक्ति का आप सम्मान ही नहीं करोगे उस से प्यार कैसे करोगे.

ईगो से बचें: अहंकार और स्वाभिमान में बहुत फर्क होता है. इस फर्क को समझ कर अपने रिश्ते को बचाएं. अहं की तुष्टि के लिए रिश्ते को खत्म करने की कोशिश न करें. आरोप लगाने से कभी किसी रिश्ते में मजबूती नहीं आती है. वह मात्र आप के ईगो को संतुष्ट कर सकता है. कोई एक झुक जाए या माफी मांग ले तो इस में बुराई नहीं है.

कम्यूनिकेट करें: आपस में संवाद बनाए रखें. चाहत की गरमी बरकरार रखना दोनों के हाथ में है. औफिस में 5 मिनट का समय निकाल कर एकदूसरे को कौल कर के प्यार भरी बातें करें. सैक्स की शुरुआत मस्तिष्क से होती है, इसलिए इस के बारे में सोचें, बातें करें. वीकैंड पर औफिस को भूल जाएं, मूवी देखें, रोमांटिक मूड में रहें. रात को रिलैक्स हो कर एकदूसरे को पूरा समय दें.

फिटनैस पर ध्यान दें: व्यायाम की मदद से मूड को फ्रैश बनाए रखने की कोशिश करें. भावनात्मक संतुलन के लिए भी फिजिकल फिटनैस जरूरी है. सिर्फ कैरियर ही नहीं निजी जीवन में भी फिटनैस का अहम रोल है. विशेषज्ञों का मानना है कि सुबह हलकीफुलकी ऐक्सरसाइज जरूर करें. यदि सुबह यह संभव न हो तो शाम को समय निकालें. ऐसा करने पर डिप्रैशन व स्ट्रैस से दूर रहा जा सकता है.

हर वीकैंड हनीमून: यदि दोनों का बिजी शैड्यूल रहता हो तो वीकैंड पर ऐसा कुछ करें कि हफ्ते भर का स्ट्रैस दूर हो जाए. एक रिसर्च से साबित हुआ है कि लंबे हनीमून के बजाय छोटेछोटे कई हनीमून आप की रिलेशनशिप के लिए बेहतर हैं. आसपास कहीं घूमने निकल जाएं. फिल्म और कैंडल लाइट डिनर का प्रोग्राम बना लें या फिर छुट्टी ले कर कहीं बाहर चले जाएं.

यदि फिर भी कुछ ठीक न हो तो मैरिज काउंसलर की मदद लें. वे मैरिटल थेरैपी के द्वारा दोनों को आमनेसामने बैठा कर, समस्याओं को सुन कर समाधान दे कर पैचअप कराते हैं.

– वरिष्ठ मनोचिकित्सक और सैक्सोलौजिस्ट डा. सुनील अवाना से नीरा कुमार द्वारा बातचीत पर आधारित.

फोरप्ले सैक्स बनाए रोमांचक, ऐसे मिटाएं हिचक

Sex News in Hindi: अकसर लोगों को सैक्स (Sex) का मतलब पता नहीं होता. भारत (India) में 50% से ज्यादा कपल्स के लिए सैक्स का मतलब है कपड़े उतारे, सैक्सुअल इंटरकोर्स (Sexual Intercourse) किया और मुंह घुमा कर सो गए. 48% लोग सैक्स से पहले जो फोरप्ले(Foreplay) करते हैं उस का मतलब होता है कि 2 किस किए, ब्रैस्ट को दबाया (जबकि महिलाओं का यह सब से मुख्य सैक्सुअली सैंसिटिव पार्ट है इसे केवल प्यार से सहलाया जाना चाहिए न कि दबाया जाना चाहिए) और सैक्सुअल इंटरकोर्स स्टार्ट और फिर वही मुंह घुमाओ और सो जाओ.

आप को यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में 98% औरतें सैक्स के बाद संतुष्ट ही नहीं होतीं यानी वे और्गेज्म तक नहीं पहुंचती हैं. कोई 100 में से 1 बार ऐसा होता होगा कि पुरुष से पहले महिला पार्टनर संतुष्ट हो जाए. यानी संतुष्ट का साइंटिफिक मीनिंग है और्गेज्म प्राप्त करना.

क्या होता है और्गेज्म

अब यह और्गेज्म क्या होता है यह जानने से पहले यह बता दूं कि औरत की बौडी में सैक्सुअल प्लैजर के लिए 7 सैंसिटिव होते हैं- लिप्स, निपल्स, गरदन के पीछे का हिस्सा, थाई, वैजाइना का ऊपर का हिस्सा, वैजाइना के अंदर का पिंक हिस्सा और हिप्स.

महिला को सैटिसफाई करने में पुरुष की भूमिका 99% होती है. लेकिन 98% कपल्स को सैक्स का तरीका ही नहीं पता होता. सैक्स से पहले कम से कम 30 मिनट फोरप्ले जरूरी होता है क्योंकि औरत को तैयार होने में टाइम लगता है क्योंकि एक सर्वे के अनुसार हर औरत सैक्स के लिए जब तक मैंटली तैयार होती है तब तक पुरुष डिस्चार्ज हो चुका होता है. बिना फोरप्ले के सैक्स में जब तक पुरुष उिस्चार्ज होता है तब तक महिला ऐक्साइट होनी शुरू होती है और जब तक महिला की वैजाइना में लूब्रिकेशन स्टार्ट होता है तब तक पुरुष डिस्चार्ज हो चुका होता है, जिस के कारण महिला और्गेज्म प्राप्त नहीं कर पाती. इस वजह से महिलाओं में डिप्रैशन की बीमारी भी हो जाती है, स्किन डल हो जाती है.

सैक्स से पहले पुरुष क्या करे

जब भी आप का सैक्स का मन हो तो पहले आप औरत के चेहरे पर हाथ रखें. उस के बालों को उंगलियों से पीछे करें. उस के होंठों पर हाथ फेरें. गरदन के पीछे उंगलियों से सहलाएं. फिर देखें आप की पार्टनर का मूड है या नहीं. अगर वह कोई अब्जैक्शन नहीं कर रही तो वहीं लेटेलेटे अपनी एक टांग उस के ऊपर रखें. एक हाथ उस के स्तनों पर रखें. धीरे से सहलाएं. अगर उसे आनंद मिल रहा हो तो उस के ऊपर आ कर उस के होंठों पर किस करें. किस धीरेधीरे करें.

उस की स्तनों के ऊपरी हिस्से में हलका किस करें. बदले में वह आंखें बंद कर ले तो समझ लें वह रैडी है. अब आप उसे उलटा घुमाएं और उस की ब्रा के हुक खोल दें और साइड में रख दें. फिर उस को सीधा करें. प्यार से उस के निपल के ब्राउन हिस्से को जीभ से टच करें और फिर 2 किस उस के पेट पर करते हुए उस की पैंटी उतार दें.

उस के बाद उस के पैरों के पास लेट कर उस की वैजाइना पर किस करें और आप के दोनों हाथ उस की दोनों स्तनों पर होने चाहिए. प्यार से स्तनों पर हाथ फेरें और वैज्ञाइना पर किस करते रहें.

चुंबन का महत्त्व

वैजाइना पर किस करते हुए बीचबीच में वैजाइना के पिंक हिस्से में उंगली से टच करते रहें. उंगली से टच करने पर उसे भी ऐक्साइटमैंट आएगा और आप को पता चलेगा कि उसे लूब्रिकेशन स्टार्ट हुआ या नहीं क्योंकि जब औरत ऐक्साइट होती है तो वैज्ञाइना गीली होनी शुरू हो जाती है. स्तनों का साइज भी बड़ा होने लगता है और निपल्स टाइट हो जाते हैं. जब गीलापन महसूस हो तो आप अच्छी तरह उस के प्राइवेट पार्ट के अंदर भी 2-4 किस करें.

उस के बाद स्तनों पर 20-25 किस करें. किस करतेकरते उस के प्राइवेट पार्ट को हथेली से मसलते रहें. अब वह सैक्सुअल इंटरकोर्स के लिए तैयार है. इंटरकोर्स से पहले आप अपने पेनिस को एक बार उस की दोनों स्तनों यानी बूब्स के बीच में ले जा कर उस की ब्रैस्ट सहलाएं और अपनी पार्टनर को अपने पेनिस पर किस करने को कहें.

महिला साथी हो जाएगी संतुष्ट

अब पेनेट्रेशन कीजिए. पेनिस अंदर डालने के बाद आप उस के स्तनों को किस करते रहें और अपने दिमाग को कहीं और लगाएं ताकि आप कम से कम 10 मिनट तक और सैक्स कर सकें.

आप देखेंगे कि आप की पार्टनर 2 मिनट में ही और्गेज्म अचीव कर लेगी. अब आप आराम से कीजिए. आप की महिला पार्टनर अगर आप से पहले सैटिस्फाई हो जाती है तो समझ लीजिए आप सक्सैसफुल पार्टनर हैं क्योंकि जिस सैक्सुअल इंटरकोर्स में औरत पहले और्गेज्म पर नहीं पहुंचती वह सैक्स फेल्ड परफौर्मैंस में आता है.

सैक्स करते समय चिंता को करें बॉय बॉय

अनचाहे गर्भ की चिंता यदि सैक्स करते समय आपको सताने लगती है तो यह आपके रिश्ते को ग्रहण लगा सकती है क्योंकि सैक्स दाम्पत्य जीवन सुखमय बनाने के लिए एक अहम भूमिका निभाता है. ऐसे  मे यदि आपका पार्टनर कंडोम के प्रयोग से बचना चाहता है तो आप परेशान न हों क्योंकि आप बेझिझक फीमेल कंडोम का इस्तेमाल कर सकती हैं. वैसे भी हमेशा पुरुष ही क्यों सेक्स प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें कभी आप भी फीमेल कंडोम का एक्सपीरियंस लें. और अपने पार्टनर के साथ सेक्स का मजा लें. इसे महिलाएं सेक्स के दोरान गर्भ निरोधक की तरह उपयोग कर  खुद को  एसटीडी और अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रख सकती हैं. मेल  कंडोम की तुलना में फीमेल कंडोम एसटीडी जैसी बीमारियों से बचाने में ज्‍यादा सुरक्षित साबित हुई है.

 फीमेल कंडोम को जाने

यह एक इंटरनल कंडोम है. महिलाएं इस कंडोम को पुरुषों की तरह बाहर से नहीं बल्कि अंदर पहनती हैं. यह शुक्राणु को गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकने के लिए एक दीवार के रूप में काम करता है. इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने पर 95 % तक गर्भ धारण से बचा जा सकता है.

कैसे करें प्रयोग

कंडोम के पैकेट को सावधानी से खोलें देखने में यह एक पतली और मुलायम से ढीली फिट होने वाले पाऊच  की तरह नजर आता है  जिसके दोनों छोरों पर  रिंग होती है. बंद सिरे वाली मोटी रिंग वजाइना के अंदर  प्रयोग की जाती है और कंडोम को जगह पर रखती है. पतला, बाहरी वलय शरीर के बाहर रहता है, जो योनि को ढकता है. यह अलग- अलग साइज़ में भी आता है.इसे प्रयोग करते समय सबसे पहले आप एक आरामदायक पोजिशन लें . जैसे आप बैठ जाएं , लेट जाएं , या एक पैर टेबल या  किसी भी चीज पर टिका लें,फिर अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली का उपयोग करते हुए भीतरी रिंग के किनारों को पकड़ें और  योनि में डालें, भीतरी रिंग को बिना मुड़े सुनिश्चित रूप से गर्भाशय ग्रीवा तक पहुचाएं और बाहरी रिंग 1 इंच बाहर ही रहने दें .जिससे आप आसानी से इसे बाद में  बाहर निकाल  सकें . इसे उपयोग करते समय जल्दबाजी न करें  क्योंकि सही  तरीके से उपयोग करने पर ही आप सेक्स करने का मजा ले सकते हैं वो भी बिना किसी टेंशन के, लेकिन बात जब इसे निकालने की आती है तो सावधानी रखें की स्पर्म कंडोम से बाहर न गिरने पाए. इसके लिए बाहरी रिंग को आराम  से पकड़ें व धीरे से घुमाते  हुए बाहर निकाल लें और कूड़ेदान में फैक दें.

ध्यान रखने योग्य बातें हर बार सैक्स करने से पहले नया कंडोम प्रयोग करना चाहिए. फीमेल कंडोम को मासिक धर्म या गर्भावस्था के समय (या बच्चे के जन्म के बाद) भी उपयोग में लाया जा सकता है. कंडोम को सैक्स करने के आठ घंटे पहले योनि में डाला जा सकता है.

महिलाओं के प्राकृतिक हार्मोन्स पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता. ज्यादा सावधानी के लिए आप गर्भ निरोधक गोलियों के साथ भी कंडोम का उपयोग क्र सकती हैं. मेल  कंडोम के मुकाबले फीमेल कंडोम के फटने का खतरा  कम होता है. क्योंकि यह योनि में जाने के बाद बहुत अधिक टाइट नहीं होता. जबकि पुरुषों के कंडोम अधिक टाइट होने के कारण कई बार फट जाते हैं. यदि किसी चीज का फायदे  हैं तो उसके साइड इफेक्ट भी होते हैं ऐसे में महिलाओं की योनि, गुदा और पुरुषों के लिंग (पेनिस) में जलन हो सकती है. मेल व फीमेल कंडोम एक समय पर प्रयोग न करें.

अब बैडरूम में मूड औफ नहीं, लव औन होगा

Sex Tips in Hindi: रागिनी पिछले 5 सालों से खुशहाल विवाहित जीवन (Married Life) जी रही हैं. रागिनी और गगन के प्यार की निशानी उत्सव 4 साल का है. आजकल वे कुछ बुझीबुझी लगती हैं. इस का कारण है उन की उदासीन बैडरूम लाइफ (Bedroom Life). दिन भर रागिनी घर के हर छोटेबड़े काम को मैनेज करने में बिजी रहती हैं. दोपहर से रात तक उत्सव की देखरेख में अलर्ट रहती हैं. उत्सव को सुलाने के बाद अपने बैड पर जाने से परहेज करती हुई वे उत्सव के कमरे में उस के साथ ही सो जाती हैं. इस का कारण पता चला कि हड़बड़ी वाली रोजाना की सैक्स लाइफ (Sex Life), जो रागिनी और गगन दोनों का मूड औफ कर तनाव का कारण बनती है.

-आमरा अपनी सैक्स लाइफ से खुश हैं, लेकिन चाहतें अनेक हैं. उन के पति भी खुश हैं बैड पर, लेकिन कहीं न कहीं आमरा को दुख है कि उन के पति बैड पर उस का मन क्यों नहीं पढ़ पाते. आमरा उन से स्पर्श की चाहत रखती हैं. मगर बैड पर जाते ही आरव अपना होशहवास खो देते हैं. जल्दबाजी के कारण एकदूसरे में खो नहीं पाते. आलम यह है कि आमरा सैक्स से बचती हैं.

-माही एक कामकाजी महिला है. शाम को औफिस से लौटते ही माही और रंजन अपनी दुलारी 10 साल की बेटी परी के साथ समय बिताते हैं. डिनर तक तो सब ठीक रहता है, लेकिन बैडरूम लाइफ दोनों को अपसैट कर देती है. असल में माही बैडरूम में पति के साथ अकेले में समय बिताना चाहती हैं. रंजन की बांहों में समा कर दिन भर की और भविष्य की बातें करना चाहती हैं. उस के बाद जेहन की थकान को प्यार में डूब कर मिटाना चाहती हैं, लेकिन रंजन उन की भावनाओं की कद्र न कर सीधे सैक्स का मूड बना लेते हैं. नजीजतन, मशीनी प्रक्रिया की तरह सैक्स होता है और बाद में माही का मन बुझाबुझा रहता है.

ऊपर बताए गए तीन केसों में एक बात सामने आई कि सैक्स में गलतियां हमेशा के लिए एकदूजे से दूर कर देती हैं. माना जाता है कि प्यार करना और प्यार को निभाना औरत जानती है. प्यार को सैक्स का अंजाम देने में पति माहिर होते हैं. यह काफी हद तक सच है. मौका कोई भी हो, कैसी भी स्थिति हो, थकावट से शरीर स्थूल हो या मूड हो या न हो पर पति का बैड पर जाते ही सैक्स का मूड बन जाता है या यों कहें कि पति सैक्स के लिए बमुश्किल ही इनकार करेगा. इस पर उस की पत्नी नानुकर करे, तो उसे वह सहन नहीं. यहां हम पतियों पर किसी प्रकार का आक्षेप नहीं लगा रहे. दूसरी ओर पत्नियां भी प्यार को सैक्स का अंजाम देना चाहती हैं, लेकिन प्यार से प्यार तक. ऐसा नहीं होने पर दोनों ओर से खीज होती है.

इस संबंध में सैक्सोलौजिस्ट का मानना है कि प्यार में कैद होते ही अधिकांश पतियों के दिलदिमाग में सैक्स उछालें मारता है. दिन भर काम करने के दौरान भी दिमाग के किसी कोने में बेसब्री बैड लाइफ का ऐंजौयमैंट जीने की होती है. ऐसे में पति आउट औफ कंट्रोल होते जाते हैं. बस, प्यार को तुरतफुरत अंजाम देना और पार्टनर की खीज महसूस किए बिना सो जाना. यही नहीं, कई बार पति भी खीज महसूस करते हैं, जो पार्टनर में तनाव का कारण बनती है. दूसरे शब्दों में कहें तो बैड पर प्यार में जल्दबाजी दिखाना दोनों पार्टनर्स के लिए ठीक नहीं. बैड पर आप का और उन का मूड हमेशा औन रहे और प्यार हमेशा औन रहे इस के लिए गलतियों पर नजर डालते हैं. इन से बचिए और मूड करें औन:

क्लाइमैक्स की बेताबी

इरादे बुलंद हों तो कदम खुदबखुद मंजिल तक पहुंच जाते हैं. फिर चाहे राहें पथरीली अथवा मखमली ही क्यों न हों. बुलंद इरादों के बलबूते मंजिल पर फतह होती है. इस सफर में कई कठिनाइयों, तकलीफों, सहूलतों से गुजरना पड़ता है. यही फलसका आप की सैक्स लाइफ पर भी लागू होता है. अधिकांश पति बैड पर पहुंचते ही सैक्स के लिए तैयार हो जाते हैं. कुछ ही पलों में प्यार को अंजाम देने में मशगूल हो जाते हैं. इस फलसफे से बेखबर कि चरम तक पहुंचने के लिए कई राहों से गुजरना पतिपत्नी दोनों के लिए उपयुक्त रहता है. इस हड़बड़ी में पति फोरप्ले को पूरी तरह नजरअंदाज करता है. रोजाना की क्रिया से पत्नी उकता जाती है. अगली बार यह गलती न करें. क्लाइमैक्स से पहले बांहों में भर कर प्यारदुलार करें.

अहम है फोरप्ले

इस बात को गांठ बांध लें कि जब बिस्तर पर दोनों खुश होते हैं, तब अंजाम दोनों को खुशी देता है. लेकिन बिस्तर पर पति की प्यार में हड़बड़ी का अंजाम पत्नी को खीज देता है. जाहिर है, उस के मूड से पति का मूड भी औफ हो जाएगा. अगली बार बिस्तर पर जल्दबाजी की गलती न दोहराएं. थोड़ा धैर्य रखें. पहले प्यारदुलार यानी फोरप्ले से पत्नी का मूड बनाएं. पत्नी के उत्तेजित होने के बाद दोनों अंजाम के पलपल की हसीन जन्नत को महसूस कर पाएंगे अन्यथा इस दैनिक मशीनी क्रिया के बाद भी आप दोनों खालीपन, तनाव, निराशा व खीज से भरे रहेंगे.

मन को पढ़िए

सिर्फ पति अपने आनंद को तवज्जो न दे. थोड़ा पत्नी का भी ध्यान रखे. पत्नी की बिस्तर पर पसंदनापसंद का भी ध्यान रखे. फोरप्ले से अंजाम और अंजाम के बाद की सहलाहट का ध्यान रखे. बहुत सी बातें पत्नी जबां पर नहीं लाती. वह सब पति पर छोड़ती है. उन का पूरा न होना उस में अजीब सा खालीपन भर देता है. एक खुशहाल बैडलाइफ के लिए पति को पत्नी के मन की बात समझनी होगी.

कुछ पल मस्ती, कुछ पल शरारत

अकसर पति बिस्तर में मस्ती व शरारत में बहकना भूल जाते हैं. सीधे अंजाम की सीढ़ी चढ़ते जाते हैं. भले ही अंजाम में पत्नी का शारीरिक साथ रहता है, पर वह मन से दूर होती है या यों कहें कि पति बिस्तर में पत्नी का खयाल नहीं रखता यानी पत्नी के कोमल बदन का भी नहीं. अगली बार यह गलती न हो, इस का ध्यान रखें. इस बात का भी ध्यान रहे कि पत्नी को रतिक्रिया में जोरजबरदस्ती कतई पसंद नहीं होती है.

सिनेमा नहीं है बैडरूम

आमतौर पर पति फिल्मों में फिल्माए गए बैडरूम दृश्यों को असल जिंदगी में जीना चाहता है. उस की चाहत रहती है कि पत्नी का भी इस में सहयोग मिले. पत्नी के नानुकर करने पर पति का गुस्सा 7वें आसमान पर होता है. कई बार नौबत इमोशनल ब्लैकमेल से बढ़ती हुई अलगाव तक पहुंच जाती है. पति इसे स्वीकार ले कि असल जिंदगी का बैडरूम फिल्मी परदे से बहुत अलग होता है. याद रहे हर बार प्यार का मीठा अंजाम दोनों को संतुष्टि और सहजता देता है.

जिम्मेदारी दोनों की

सैक्सोलौजिस्ट यही कहते हैं कि चरमोत्कर्ष की पूरी जिम्मेदारी पति पर नहीं डाली जानी चाहिए. अंजाम तभी सफल होता है जब पतिपत्नी दोनों का सहयोग हो. अधिकांश पतियों की आदत होती है कि वे अंजाम का सुख लेने के बाद पत्नी को भूल जाते हैं. प्यार भरा स्पर्श हो या न हो पति आसानी से अंजाम तक पहुंच ही जाते हैं. वे इस बात से बेखबर होते हैं कि अपने इजैट्यूलेशन के बाद उन की पत्नी मीठे सुख की जन्नत की सैर नहीं कर पाती. ऐसे में चरमोत्कर्ष तक नहीं पहुंचने का ठीकरा किसी एक के सिर पर फोड़ना गलत है.

शादी से पहले शारीरिक संबंध, सावधानी है जरूरी

आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारीरिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं. विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाना कोई अपराध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए. इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े :

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है. विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारीरिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवैध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आघात लगता है. वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है. लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मारपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं. युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रूर हो जाता है. प्रेमी के साथ मारपीट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है.

अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए हैं. शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है. ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं.

इस तरह के हादसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं. इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं. कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं. मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है.

शारीरिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है. विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौत का कारण भी बनता है.

अभी हाल ही में मेरी बेटी की एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई. अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारीरिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के गर्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया. अब युवती ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपात का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपात कराने की सलाह नहीं देगा.

अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपात चोरीछिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपात के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है. दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है. अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है.

युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है.

विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों में मुख्य खतरा यौन रोगों का रहता है. कई बार एड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है. खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है. प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. उन के द्वारा शारीरिक यौन शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं.

युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों. मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है.

इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व लड़ाईझगड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं. इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारीरिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौन संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है.

अगर सेक्स के दौरान होता है दर्द तो हो सकता है ये कारण

यदि आपने कभी संभोग के दौरान दर्द महसूस किया है तो घबराइए मत क्यूंकि आप अकेली नहीं हैं. डौक्टरों ने इस समस्या को ‘डिस्पेर्यूनिया’ का नाम दिया है और उनके अनुसार यह दो श्रेणियों में विभाजित है: एक में योनि में असहाय दर्द महसूस होता है, और दूसरी में योनि की ऊपरी सतह में पीड़ा का एहसास होता है. डौक्टरों का यह भी कहना है कि ऐसा होना बेहद आम है.

लेकिन कितना आम? और यह होता क्यों है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने देश भर में से 6500 से अधिक महिलाओं से बात की. शोधकर्ताओं ने महिलाओं से पूछा कि क्या पिछले साल सेक्स की वजह से उन्हें तीन या अधिक महीनों के लिए दर्द महसूस हुआ था और अगर हुआ था तो वो कितना बुरा था. महिलाओं को सेक्स सम्बंधित और मुद्दों के बारे में भी प्रश्न पूछे गए जैसे कि, क्या उन्हें उत्तेजित होने में कठिनाई होती है या सेक्स को लेकर किसी भी प्रकार की बेचैनी महसूस होती है.

शोधकर्ताओं ने जाना कि साढ़े सात प्रतिशत ब्रिटिश महिलाओं को सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव हुआ था. सिर्फ दो प्रतिशत महिलायें ऐसी थी जिनके लिए दर्दनाक सेक्स एक गंभीर समस्या था: उन्हें कई महीनों तक दर्द रहता था, हर बार सेक्स के समय दर्द होता था और उसकी वजह से वे बेहद तनावग्रस्त भी रहती थी.

शोध से पता चला कि सेक्स के दौरान दर्द महसूस करना 16 से 24 वर्ष और 55 से 64 वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं में ज्यादा आम है. शोधकर्ताओं ने यह भी जाना कि डिस्पेर्यूनिया से पीड़ित महिलाएं चाहती थी कि काश उन्हें इस समस्या के बारे में तब और पता होता जब उन्होंने अपना कौमार्य खोया था. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह महत्त्वपूर्ण है कि यौन शिक्षक और स्वास्थ्य सलाहकार सेक्स के दौरान दर्द होने की संभावना के बारे में खुले तौर पर बात करें.

सेक्स के दौरान तालमेल

अध्ययन में बताया गया है कि सेक्स के दौरान पीड़ा भी उन बाकी समस्याओं की तरह ही है जो एक महिला को अपने साथी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से हो सकती है. इसमें शायद कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वही महिलाएं ज्यादा दर्द महसूस करती हैं जो सेक्स को लेकर ज्यादा घबराई हुई रहती हैं और जिन्हें यही चिंता सताती रहती है कहीं उत्तेजना जरुरत से ज्यादा ना बढ़ जाए. वो ना तो यौन क्रिया का पूरी तरह आनंद उठा पाती हैं (क्यूंकि तनाव की वजह से उनकी योनि में नमी उत्पन्न नहीं हो पाती और वो सूखी रहती है) और ना ही अपने साथी की जरूरतों (सेक्स के दौरान) के प्रति जागरूक रह पाती हैं.

अगर सेक्स के मामले में आप अपने और अपने साथी के बीच तालमेल में कमी महसूस कर रही हैं जैसे कितना सेक्स करना है, या सेक्स के दौरान आप दोनों को क्या पसंद है और क्या नहीं या इस बारे में बात करने में झिझक महसूस करती हैं – इन सभी की वजह सेक्स के दौरान आपका दर्द महसूस करना हो सकता है.

अध्ययन ने यह भी दर्शाया कि कुछ स्वास्थ्य समस्याएं किसी महिला के यौन जीवन से संबंधित नहीं होती हैं, कम से कम एक स्पष्ट तरीके से तो नहीं. यह भी सेक्स के दौरान दर्द के अनुभव की वजह से हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, कोई एक से अधिक पुरानी बीमारी होना या कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या जैसे निराशा (डिप्रेशन), के तार भी डिस्पेर्यूनिया से जुड़े हो सकते हैं.

फोरप्ले

यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि शोधकर्ता यह सुनिश्चित नहीं कर पाए हैं कि इसका असली कारण क्या है. हालांकि उन्हें पता है कि यह अक्सर स्वास्थ्य संबंधी या एक रिश्ते में सेक्स सम्बंधित समस्याओं की वजह से ही होता है लेकिन किसकी वजह से क्या होता है, इस निष्कर्ष पर वो अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं.

क्योंकि यह अभी भी एक रहस्य ही है और दर्दपूर्ण सेक्स के कई संभावित कारण हो सकते हैं, इसीलिए इस समस्या का कोई एक समाधान नहीं है. लेकिन फोरप्ले इसमें जरूर मदद कर सकता है. और सिर्फ फोरप्ले नहीं, खूब सारा फोरप्ले! जब एक महिला उत्तेजित होती है तो उसकी श्रोणी की मांसपेशियों को आराम पहुंचता है और योनि भी अच्छी तरह से चिकनाई युक्त हो जाती है. महिलाओं के लिए दर्द-मुक्त, और सुखद सेक्स की ओर यह पहला कदम है. तो धीमा और लंबा फोरप्ले इस दर्द से मुक्ति पाने का पहला उपचार है.

रिलेशनशिप में सेक्स है बहुत जरूरी, पर रखें ध्यान

संबंधों में एक-दूसरे का साथ बेहद जरूरी है. आपसी संबंधों में जहां एक साथी का दूसरे साथी से मानसिक जुड़ाव होता है ऐसे में शारीरिक देह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मानसिक जुडा़व के साथ-साथ शारीरिक जुड़ाव भी संबंधों में मधुरता लाता है. पति-पत्नी के संबंधों में सेक्स का अपना अलग महत्व है. न सिर्फ पति-पत्नी बल्कि वैवाहिक जीवन में सेक्स का महत्व बहुत अधिक होता है.

इससे पति-पत्नी न सिर्फ एक-दूसरे के नजदीक रहते हैं बल्कि सेक्स संबंधों में खटास को भी दूर करता है. जिस प्रकार जीवन में भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह से वैवाहिक जीवन में सेक्स की आवश्यकता होती है. आइए जानते हैं संबंधों में सेक्स के महत्व के बारे में.

सही मायने में सेक्स सिर्फ भौतिक सुख ही नहीं बल्कि मानसिक सुख भी देता है, इसके साथ ही ये तनाव दूर करने में भी बहुत कारगर है. सेक्स के माध्यम से ही पति-पत्नी के संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव अधिक दिखाई देता है.

सेक्स न करने के कारण पति और पत्नी दोनों के मन में ही ये भावना पनपने लगती है कि उनका पार्टनर उन्हें प्यार नहीं करता. जिससे घर में छोटे-छोटे कलेश भी भयंकर रूप ले लेते हैं.

पुरूषों के मन में संबंधों में खटास की बात तभी आती है, जब वो अकेले बैठकर अपनी सेक्सुअल लाइफ के बारे में सोचते हैं.

यदि पती-पत्नी  के बीच सेक्सुअल रिलेशन अच्छे होंगे तो परिवार में भी सुख-शांति होगी.

संबंधों में सेक्स की महत्ता को बरकरार रखने के लिए कुछ टिप्स

– हर समय पत्नी से सेक्स, संभोग इत्यादि की बात न करें नहीं तो इससे ऊब हो सकती हैं या फिर हमेशा ही संभोग के लिए तैयार न रहें बल्कि ओरल सेक्स भी कई बार मानसिक शांति देता है.

– अपने साथी के करीब खुशी-खुशी जाएं किसी तरह का कोई तनाव न रखें.

– करीब आने पर सिर्फ एक-दूसरे के बारे में ही बात करें किसी तीसरे व्यक्ति को अपने बीच न लाएं.

– जब भी अपने साथी के पास जाएं साफ-सुथरे रहें नहीं तो आपके साथी का मूड खराब हो सकता है.

– जरूरी नहीं कि एक ही पार्टनर हमेशा पहल करें, कभी-कभी दूसरा पार्टनर पहल करेगा तो संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी.

– यदि किसी बात को लेकर तनाव हो गया था तो सेक्स के दौरान उन बातों का जिक्र बिल्कुल न करें जिससे आपका साथी नाराज हो गया था.

– पति-पत्नी का केवल अपने बिस्तर पर एक साथ सोना और सेक्स करना ही वैवाहिक जीवन नहीं कहलाता बल्कि उन दोनों के बीच एक-दूसरे के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना होना तथा संतुष्टि प्राप्त होना भी जरूरी होता है.

– पति-पत्नी किसी में भी सेक्स से संबंधित कोई दोष है तो उसका उपचार ठीक प्रकार से करना चाहिए ताकि अपने संबंध को गहरा बनाया जा सके.

– पति-पत्नी दोनों को वैवाहिक जीवन में सेक्स के महत्व को ठीक प्रकार से समझना चाहिए क्योंकि इसके बिना उनका वैवाहिक संबंध गहरा नहीं हो सकता है. विवाहित जीवन सुखी, संतुलित और आनंदपूर्ण बना रहे इसके लिए पति-पत्नी को चाहिए कि वह सेक्स के ज्ञान को ठीक प्रकार से समझ लें.

सैक्स में जल्दी पस्त

रमेश और प्रदीप बहुत अच्छे दोस्त थे. रमेश की शादी पहले हो गई थी. उस के बाद प्रदीप की शादी हुई. दोनों के बीच पतिपत्नी के आपसी संबंधों पर भी बात होती थी. इन में सब से बड़ा मुद्दा पत्नी के साथ सैक्स का होता था. इस में भी सब से हौट टौपिक यह होता था कि सैक्स में कितना समय लगता है. दोस्त होने के चलते वे दोनों खुल कर बात कर लेते थे.

एक दिन प्रदीप ने कहा, ‘‘यार, मेरा तो कई बार जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाता है. अब तो पत्नी भी थोड़ा अलग तरह से सोचने लगी है. मैं ने कई जगह पढ़ा, सुना और देखा कि लोग लंबेलंबे समय तक संबंध बनाते हैं. जल्दी डिस्चार्ज नहीं होते. मैं ने सोचा कि क्यों न तुम से ही पूछ लिया जाए. तुम्हारी शादी को तो काफी समय हो गया है.’’

इस पर रमेश बोला, ‘‘दोस्त, यह सबकुछ आपसी तालमेल और अनुभव पर निर्भर करता है. इस को ऐसे समझो कि जैसे बचपन में साइकिल चलाना सीखते हैं तो पहले गिरते हैं, फिर संभलते हैं, तब कहीं जा कर अच्छी साइकिलिंग कर पाते हैं.

‘‘शादी के बाद पतिपत्नी दोनों को अनुभव कम होता है. ऐसे में कई बार नाकामी हाथ लगती है. आदमी जल्दी पस्त हो जाता है, जिसे शीघ्रपतन भी कहते हैं. पत्नी का सहयोग इस परेशानी को दूर करने का सब से अच्छा रास्ता होता है. यह कोई बीमारी नहीं है. यह तजरबे की कमी होती है.’’

शीघ्रपतन केवल प्रदीप की समस्या नहीं है. ऐसे तमाम नौजवान हैं, जो यह मानते हैं कि सैक्स में वे जल्दी पस्त हो जाते हैं. ऐसे लोग कई बार मानसिक रोग के शिकार हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि वे सैक्स में अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर सकते हैं. यह सोच जब दिमाग पर हावी होती है, तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है.

जल्दी पस्त होने की वजह
लखनऊ के डाक्टर जीसी मक्कड़ कहते हैं, ‘‘सैक्स आपसी तालमेल और अनुभव पर ही सुंतष्टि देता है. शीघ्रपतन के कई कारण होते हैं. इस के लिए जरूरी है कि पहले उस के लक्षणों को पहचाना जाए और उस के अनुसार इलाज किया जाए. कई बार केवल समझाने से ही समस्या का समाधान हो जाता है. अगर दिक्कत शारीरिक है, तो उस का अलग इलाज होता है.’’

30 से 40 फीसदी लोग इस परेशानी से पीड़ित हैं. जल्दी पस्त होने के कारणों में तनाव, अवसाद, शारीरिक कमजोरी, स्तंभन दोष यानी नपुंसकता प्रमुख होते हैं. शारीरिक कारण जैसे ब्लड प्रैशर में बढ़ोतरी, मधुमेह, थायराइड की समस्या या प्रोस्टैट रोग आदि भी हो सकते हैं.

दिमागी कारणों में शुरुआती यौन अनुभव, यौन शोषण, शीघ्रपतन की चिंता करना, गलत सोच, जो हस्तमैथुन को बढ़ावा देती है, शराब या नशीली दवाओं का सेवन और नींद न आना भी शामिल हैं. हस्तमैथुन के कारण भी कई बार जल्दी स्खलन हो जाता है.

खानपान और खराब जीवनशैली के कारण भी यह परेशानी होती है. खानपान की आदत का खराब होना, उचित मात्रा में समय पर भोजन न करना, विटामिन की कमी होना, पाचन तंत्र कमजोर होना और लगातार पेट खराब रहना, लंबे समय तक कब्ज रहना और खून व भूख की कमी से हार्मोन बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं, जिस से शरीर में वीर्य कम मात्रा में बनता है. अंग की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिस से वीर्य का स्खलन जल्दी हो जाता है.

कैसे जानें यह होता है
सैक्स के दौरान समय से पहले वीर्य का जल्दी निकल जाना शीघ्रपतन कहलाता है. इसी को जल्दी पस्त होना कहते हैं. इस में अंग के योनि में प्रवेश के समय ही स्खलन होने लगता है. कई बार यह 1-2 बार अंग के प्रवेश पर ही हो जाता है. इस से कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं.

आत्मग्लानि, हीनभावना, असंतुष्ट होना और नैगेटिव सोच मन में भर जाती है. लोग अपने को कमजोर समझने लगते हैं. उन्हें लगता है कि साथी उन को छोड़ कर कहीं और जा सकता है.

कई बार बढ़ती उम्र की वजह से अंग की नसें कमजोर व ढीली हो जाने से उस में ढीलापन आ जाता है. इस वजह से यह वीर्य को रोके रखने में कामयाब नहीं होता और शीघ्रपतन हो जाता है.

शीघ्रपतन की परेशानी केवल मर्दों में होती है. औरतों को यह नहीं होता है. शीघ्रपतन का कोई निश्चित मापदंड नहीं है. यह हर इनसान के मानसिक और शारीरिक हालात पर निर्भर होता है.

समझदारी से लें काम
ज्यादातर लोग ब्लू फिल्में देखने, किताबों में गलत जानकारी पढ़ने से यह मान लेते हैं कि वे जल्दी पस्त हो जाते हैं. ब्लू फिल्मों में जो दिखाया जाता है, वह सच नहीं होता. वे फिल्में होती हैं और उन में दिखाए जाने वाले ऐक्टर होते हैं. ऐसे में उन से तुलना करना ठीक नहीं होता है.

कई जगहों पर नीमहकीम यह बताते हैं कि स्वप्नदोष और हस्तमैथुन के चलते लोग सैक्स में जल्दी पस्त हो जाते हैं, जो कि गलत सोच है.

आपसी सहयोग और समझदारी से जल्दी पस्त होने की परेशानी से बचा जा सकता है. सैक्स करने से पहले उस की तैयारी करें, जिसे फोरप्ले कहते हैं. साथी से यह जानने की कोशिश करें कि उसे क्या पसंद है.

सैक्स में जल्दबाजी न करें. सैक्स के लिए ऐसी जगह हो, जहां किसी तरह की असुरक्षा का माहौल न हो. इस तरह से जल्दी पस्त होने की परेशानी से बचा जा सकता है.

सैक्स स्प्रे : दे मजबूती चरम तक

अच्छा सैक्स पार्टनर वही है, जो दूसरे को चरम तक पहुंचाए, लेकिन कई मर्द पहले ही ढेर हो जाते हैं. ऐसे में सैक्स स्प्रे आप की मदद कर सकता है.

अकसर कई लोगों के दिमाग में यह सवाल चलता रहता है कि पोर्न फिल्मों में दिखाए गए मर्द इतनी ज्यादा देर तक लगातार सैक्स कैसे कर लेते हैं? वे अपनी कल्पना के घोड़ों को दौड़ाते हैं और सोचते रहते हैं कि इतने लंबे समय तक सैक्स करने से उन्हें अच्छाखासा टाइम मिल जाता है और वे सैक्स की हर पोजीशन को ऐंजौय कर पाते हैं.

सैक्स एक ऐसा मुद्दा है, जिस में आम आदमी पोर्न फिल्मों से तो सैक्स की अलगअलग पोजीशन सीख लेते हैं और मन में अपनी पार्टनर के साथ उसी तरह की सैक्स पोजीशन ट्राई करने को मन उबाल मार रहा होता है, पर जब बात सच में अपनी पार्टनर के साथ बिस्तर पर समय बिताने की आती है, तो मुश्किल से 2 मिनट भी टिक नहीं पाते और जल्दी पस्त हो जाते हैं.

उत्तर प्रदेश के 34 साल के मिथिलेश कुमार की भी कुछ ऐसी ही कुंठाएं थीं. पहले पढ़ाई, फिर कमाईधमाई की जद्दोजेहद में शादी देर से हुई. 30 साल का हुआ, परिवार को पालने लायक बना तो शादी की.

सैक्स को ले कर मिथिलेश के मन में कई अरमान थे कि पत्नी के साथ ऐसे होगा, वैसे होगा. दोस्तों से भी टिप्स लीं, पोर्न साइट पर सैक्स पोजीशन खूब देखीं. शादी से 2 महीने पहले दूध में हलदी डाल कर खूब पिया, पर शादी की रात वह पत्नी के सामने जल्दी ढेर हो गया. उसे पता चला कि उस की माइलेज इतनी नहीं है. उस के अंग का तनाव 15-20 सैकंड में ही ढीला पड़ गया.

मिथिलेश को पहले यह शादी की घबराहट जैसा लगा, लेकिन बाद में भी उस का काम बहुत जल्दी हो जाता, जबकि पत्नी अभी शुरू भी नहीं हो पाती थी. इस से उसे लगा कि वह सैक्स में अच्छा नहीं है.

मिथिलेश जैसे कई मर्दों के मन में यह चीज ठहर जाती है और वे तनाव महसूस करने लगते हैं. इस तनाव में वे सैक्स को ले कर और ज्यादा भ्रमित करने वाली चीजों का इस्तेमाल करने लगते हैं.

कई तो नीमहकीम के चक्कर लगाने शुरू कर देते हैं और अपनी जेब कटवा रहे होते हैं. सही जानकारी की कमी में वे गलत तरीके अपनाने लगते हैं और आखिर में होता यह है कि वे अपनी सैक्स लाइफ ही बरबाद कर बैठते हैं.

हर मर्द चाहता है कि वह सैक्स के दौरान लंबे समय तक टिक सके या सैक्स का लंबे समय तक मजा उठा सके. वैसे तो सैक्स में आधा काम साइकोलौजी यानी मन के विज्ञान का होता है यानी मन पर काबू कर के सही टाइमिंग से सैक्स का मजा उठाया जा सके, जैसे लंबे समय तक सैक्स के लिए कहां और कैसे ऊर्जा खर्च करनी है, कितना फोरप्ले करना है, कब इंटरकोर्स करना है और उस दौरान कब खुद पर काबू पाना है वगैरह.

पर अगर ऐसा न हो पाए तो? इस के लिए बाजार में ऐसे बहुत से प्रोडक्ट हैं, जिन से सैक्स का ज्यादा समय तक मजा उठाया जा सकता है. बस समस्या आती है सही जानकारी की कि ऐसे प्रोडक्ट हैं कौन से और इन का इस्तेमाल कैसे किया जाए. बहुत से लोगों को सही प्रोडक्ट मिल भी जाते हैं, पर वे उन का इस्तेमाल ठीक से नहीं कर पाते हैं, जिस के चलते बात वहीं की वहीं आ ठहरती है.

ऐसे में हम बताएंगे कि अंग को लंबे समय तक तनाव में रखने वाले वे प्रोडक्ट, जिन से अच्छे सैक्स का मजा उठाया जा सके.

बहुत से लोग लंबी सैक्स ड्राइव के लिए सिर्फ वियाग्रा गोली को ही जानते हैं. चूंकि यह गोली होती है, जिसे निगलना होता है, तो बहुत से लोग घबराते हैं कि कहीं इस के साइड इफैक्ट न हो जाएं. निराश मत होइए, क्योंकि बाजार में ऐसे बहुत सारे सैक्स स्प्रे हैं, जिन का इस्तेमाल खूब होता है.

क्या है सैक्स स्प्रे

कई मर्द अपनी सैक्स टाइमिंग बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि लंबे समय तक सैक्स करने से चरमसुख मिलता है. यह औरत साथी को काफी अच्छा लगता है.

हर मर्द यह चाहता है कि सैक्स के दौरान उस की पार्टनर उस से संतुष्ट हो, क्योंकि सैक्स का मजा तभी दोगुना होता है, जब सैक्स के दौरान दोनों पार्टनर एकदूसरे में खो जाएं, इसलिए अपनी पार्टनर को खुश करने के लिए मर्द इस तरह के स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं.

यह स्प्रे मर्दों के लिए बनाया गया है. अगर आप सैक्स दवाएं खाने से बचना चाहते हैं, तो इस तरह के स्प्रे का इस्तेमाल करना बेहतर रहता है.

स्प्रे का इस्तेमाल ऐसे अमेजन पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सैक्स स्प्रे का इस्तेमाल 21 साल या उस से ज्यादा उम्र के मर्द कर सकते हैं. यह शरीर पर लगाने वाले डियोड्रैंट की तरह होता है. इस को अपने प्राइवेट एरिया यानी मर्दाना अंग के ऊपर स्प्रे करना होता है.

उदाहरण के लिए बोल्ड केयर का टौपिकल स्प्रे है. यह मर्दों के लिए बना स्प्रे है. इस को सैक्स करने के 10-15 मिनट पहले अपने अंग के ऊपरी हिस्से पर 10 सैंटीमीटर की दूरी से स्प्रे करना होता है. इसे एक से ले कर 4 बार ही स्प्रे करना होता है.

कंपनी का दावा है कि इस से अंग पूरी तरह से सख्त हो जाता है. तकरीबन 100 ग्राम स्प्रे की कीमत 300 रुपए से ले कर 500 रुपए के बीच होती है.

अंग के सख्त हो जाने के बाद एक टिशु से अंग को साफ करना होता है. ऐसे ही अपने हाथ धो लेने होते हैं. इस स्प्रे से सैक्स टाइमिंग बढ़ जाती है.

बाजार में मिलने वाले सैक्स स्प्रे

कई लोग इस बात की चिंता में रहते हैं कि वे इसे ले लें, पर उन्हें पता नहीं होता कि इस तरह के स्प्रे कौन से ब्रांड के मुहैया हैं. ऐसे में कई कंपनियां हैं, जो सैक्स स्प्रे बनाती हैं, जिन के कुछ नाम यहां बताते हैं, जैसे जोवान कंपनी का ‘सैक्स अपील’ स्प्रे है. यह 150 मिलीलिटर में आता है. इस की कीमत बाजार में 500 से 1,000 रुपए के बीच है.

बोल्ड केयर का ‘गोल्ड टौपिकल स्प्रे’ है. यह काफी बेहतर माना जाता है.  इस कंपनी का 20 ग्राम का स्प्रे तकरीबन 500 रुपए तक में आता है.

किंडले का ‘सैक्स स्प्रे’ है. यह नौनअल्कोहोलिक है. इसे खूब पसंद किया जाता है. इस 20 ग्राम के स्प्रे की कीमत 400 रुपए के आसपास है.

मैन मैटर्स का ‘एंडयोर स्प्रे’ है. इस की कीमत 400 रुपए है. यह 14 ग्राम की स्प्रे बोतल में आता है. डाक्टर मोरपेन ‘डिले एक्सीग्रा स्प्रे’ की कीमत 400 रुपए के आसपास है, यह 20 ग्राम का है. ऐसे ही एक ‘विगोर स्प्रे’ भी आता है.

कैसे काम करता है

अब जानना जरूरी है कि यह स्प्रे काम कैसे करता है. दरअसल, यह स्प्रे स्किन को हलके से सुन्न करता है, जिस से सैक्स टाइमिंग बढ़ती है और क्लाइमैक्स को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

यह लिडोकेन और आइसोप्रोपिल अलकोहल से बना होता है. यह स्प्रे 10 मिनट के भीतर अपना असर दिखाना शुरू करता है. इतना ही नहीं, यह नौनट्रांसफरेबल फार्मूले पर काम करता है यानी पार्टनर को इस का अहसास नहीं होता है.

प्रीमैच्योर इजैकुलेशन जैसी समस्या में यह स्प्रे गेम चेंजर साबित हो सकता है. यह स्किन पर एनेस्थैटिक के रूप में काम करता है, जो संवेदनशीलता को तो कम करता है, लेकिन मजे को कई गुना बढ़ा देता है. इस से मर्द के पस्त होने में देरी होती है.

ऐसे हालात में न करें इस्तेमाल

क्लाइमैक्स स्प्रे का इस्तेमाल करने से साइड इफैक्ट हो सकते हैं, लेकिन ये साइड इफैक्ट आमतौर पर महसूस नहीं होते. ऐसे में ध्यान रहे, जब भी त्वचा पर चकत्ते आएं, खुजली हो, इस्तेमाल वाली जगह पर जलन महसूस हो या अनिद्रा जैसे लक्षण दिखें, तो इसे इस्तेमाल करना रोक दें. बेहतर होगा कि तुरंत डाक्टर से सलाह लें, जिस से कि आप को कोई गंभीर समस्या न हो.

ऐसे में कुछ तरह की सावधानियां इस तरह के स्प्रे इस्तेमाल करते हुए बरतें, जैसे :

* यह स्प्रे मर्दों के इस्तेमाल के लिए होता है.

* अगर आप ग्लूकोमा की बीमारी से पीडि़त हैं या आप हाइपर सैंसेटिव हैं, तो इस स्प्रे का इस्तेमाल न करें.

* यह स्प्रे अंग पर लगाने के लिए है और केवल बाहरी इस्तेमाल के लिए होता है.

* इस स्प्रे को इस्तेमाल करते समय आंखों को दूर रखें. सांसों से भी दूर रखना चाहिए.

* स्प्रे को 10 बार से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और सैक्स करने के बाद अंग को अच्छे से साफ करना चाहिए.

* अगर आप को इस में मौजूद सामग्री से एलर्जी है, तो इस का इस्तेमाल न करें.

* अगर आप पहले से ही कोई विटामिन ले रहे हैं, तो इस स्प्रे का इस्तेमाल करने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें.

* इस स्प्रे को अलकोहल के साथ इस्तेमाल में न लें.

 

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