एक युवती के साथ मेरा अफेयर है. वह भी नौकरी करती है, हर बार वह खर्च मुझ पर टाल देती है. मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 21 वर्षीय युवक हूं. ग्रैजुएशन की पढ़ाई करने के साथसाथ मैं नौकरी भी करता हूं. 3 साल से एक युवती के साथ मेरा अफेयर है. वह युवती भी जौब करती है. हफ्ते में एक बार हम एक रेस्तरां में मिलते हैं. पहले हम दोनों मिलजुल कर खर्च किया करते थे, लेकिन 5-6 महीने से मैं नोटिस कर रहा हूं कि वह खर्च मुझ पर टाल देती है. शर्म से मैं कुछ कह नहीं पाता, हालांकि उस की जौब भी अच्छीखासी है, जबकि मुझे अपना वेतन घर देना पड़ता है, क्योंकि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. मैं क्या करूं? डर लगता है कि अगर उस से पूछूं तो कहीं उसे खो न बैठूं?

जवाब
अगर आप यों ही शर्म करते रहेंगे तो फिर खर्च करने का अफसोस मत करिए. आप की कुछ आर्थिक मजबूरियां हैं, ये सब जानते हुए भी आप समझौता न ही करें तो अच्छा है. अगर युवती समझती है कि आप रईस परिवार से नाता रखते हैं तो आप उस से दोटूक बात कह कर वन बाय वन खर्च करने की बात कहें. उसे भी यह समझ आ जाएगा कि सिंगल खर्चे की बात दूसरे का हाजमा खराब कर सकती है.

याद रखिए, जिस ने की शर्म, उस के फूटे कर्म. जब उस युवती ने धीरेधीरे अपना हाथ पीछे खींच लिया है तो आप भी रोमांस करिए, बात करिए और घर को चलते बनिए. युवती अगर भूख लगने की बात कहे तो कह दीजिए पेट फुल है, अगर उसे खाना है तो मजे से खाए.

मैं एक लड़के से प्यार करती हूं लेकिन वह कभी बाप नहीं बन सकता, मैं उस से शादी करना चाहती हूं कृप्या मार्गदर्शन करें

सवाल
मैं एक युवक से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है. हम दोनों इस बारे में अपनी फैमिली को बता चुके हैं. हम आगे की पढ़ाई साथ करना चाहते थे, लेकिन मुझे पटना भेज दिया गया और उसे कोटा. उस की फैमिली मुझे स्वीकार करती है लेकिन मेरी फैमिली कहती है कि वह मांसाहारी है और मुझे उस से बात करने से भी मना करते हैं. मेरे पापा कहते हैं कि यदि मैं ने उस युवक से बात की तो वे अपना गला काट लेंगे. मैं किसी को खोना नहीं चाहती. क्या करूं?

जवाब

‘जब मियांबीवी राजी तो क्या करेगा काजी,’ लेकिन जब बात अपने अजीज की हो तो दुविधा होती ही है. आप की स्थिति भी कुछकुछ ऐसी ही है. यह अच्छी बात है कि आप पेरैंट्स की इज्जत समझती हैं, लेकिन उन का आप पर उस युवक को छोड़ने हेतु आत्महत्या की धमकी देते हुए दबाव बनाना एकदम गलत है. ऐसे में आप को अपने प्रेम की परीक्षा देनी होगी.

अपने प्रेमी से कुछ दिन अगर दूर रहना पड़े तो कोई हर्ज नहीं. इस बीच अपने पिता को कौन्फिडैंस में लीजिए. जब उन्हें लगे कि वाकई युवक अच्छा है तभी बात बढ़ाइए. किसी अन्य के जरिए उन से बात करेंगी तो अच्छा रहेगा.

साथ ही अपने प्रेमी से कहें कि अच्छा कैरियर बनाए और सब को इंप्रैस करे. फिर तो जीत आप की ही होगी, क्योंकि युवती के पिता सिर्फ यही चाहते हैं कि युवक पढ़ालिखा और अच्छी कमाई व ओहदे वाला हो. जब समाज में उस की इज्जत होगी तो पिता भी स्टेटस व मांसाहारी होने पर एतराज नहीं करेंगे और आप का प्यार भी परवान चढ़ेगा.

मैं एक लड़के से प्यार करती हूं.वह लड़का कभी बाप नहीं बन सकता. मैं उस से शादी करना चाहती हूं,मार्गदर्शन करें

सवाल
मैं 22 वर्षीय युवती हूं. एक लड़के से प्यार करती हूं और उस से शादी करना चाहती हूं. लेकिन मेरे घर वाले इस रिश्ते के सख्त खिलाफ हैं. कारण, मेरा प्रेमी कभी पिता नहीं बन सकता. उस की सचाई जान कर कोई भी लड़की उस से शादी करने को तैयार नहीं होती, लेकिन मैं उसे इस हाल में नहीं छोड़ सकती. मैं ने निश्चय कर लिया है कि शादी करूंगी तो सिर्फ उसी से.

जवाब

आप को यह कैसे मालूम कि होने वाला पति पिता नहीं बन सकता? क्या उस ने जांच कराई थी? वैसे मातापिता अपने बच्चों का भला ही चाहते हैं. आप के मातापिता अनुभवी हैं, उन्हें दुनिया का आप से ज्यादा तजरबा है. यदि वे आप को इस शादी के लिए रोक रहे हैं, तो आप को भी ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए. आप भावावेश में आ कर कोई कदम न उठाएं. सिर्फ इसलिए इस शादी को अंजाम देने में जल्दबाजी न करें कि कोई दूसरी लड़की उक्त लड़के से विवाह को तैयार नहीं है. सोच कर देखें कि कहीं आप तरस खा कर तो ऐसा नहीं कर रही हैं. शादी जीवन का एक अहम फैसला है. बेहतर होगा कि इस रिश्ते को थोड़ा और समय दें. तब तक आप भी थोड़ी मैच्योर हो जाएंगी और यदि तब भी आप का निश्चय नहीं बदला तो आप विवाह कर सकती हैं.

पारिवारिक वजहों से मेरी मेरे प्रेमी से शादी नहीं हो पाई लेकिन हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, क्या करें?

सवाल
मैं 22 साल की हूं. 5 साल तक जिस से प्यार था, उस की शादी हो गई है. पारिवारिक वजहों से मेरी उस से शादी नहीं हो पाई, पर हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते. क्या करें?

जवाब

आप का प्रेमी आप के बिना रह सकता है, तभी तो उस ने कहीं और शादी कर ली. अगर उसे आप से सच्चा प्यार होता, तो वह उस के लिए संघर्ष करता. आप उस के चक्कर में अपना खून न जलाएं. वक्त आने पर आप को उस से बेहतर साथी मिल जाएगा.

लेकिन जरूरी नहीं कि अगर शादी नहीं हुई तो रिश्ते को कड़वाहट के साथ खत्म किया जाए. अगर आपकी भी शादी किसी और लड़के का साथ तय हो जाए, तो आपको इन बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए.

जिस रिश्ते की मंजिल नहीं, उसे खूबसूरत अंजाम देकर छोड़ना ही बेहतर है. हो सकता है कि आप शादी के बाद भी अपने लवर के साथ रिश्ता रखना चाहें, लेकिन ये मुश्किल होगा. क्योंकि ऐसे  में न तो आप उस इंसान के प्रति ईमानदार रह पाएंगे जिससे शादी हुई, न ही उसके प्रति समर्पित हो पाएंगे, जिससे आप प्यार करते हैं. बेहतर होगा कि दोनों आपसी सहमति से वक्त रहते अलग हो जाएं.

ये गलत होगा कि आप अपने होने वाले जीवनसाथी से अपने पिछले रिश्ते की बात छुपाएं. लेकिन जरूरी ये भी नहीं कि अपने पास्ट के बारे में सबकुछ बताया जाए. अगर आप अपने प्रेमी के बेहद करीब थीं, तो जरूरी नहीं कि आप मंगेतर या पति को वो सारी बातें बताएं, क्योंकि इससे शुरुआत से ही आपके नए रिश्ते में कड़वाहट आएगी.

हो सकता है आप शादी के बाद भी अपने लवर को दोस्त की हैसियत से अपने करीब रखना चाहें. इसमें कोई हर्ज नहीं, लेकिन कोशिश करें कि आप उन्हें अपनी शादी पर न बुलाएं. क्योंकि उन हालात में एक दूसरे का सामना करना मुश्किल होगा और आप खुद उनकी मौजूदगी में किसी और से शादी करने में असहज महसूस करेंगी.

ऐसे कई प्रेमी जोड़े होते हैं, जो ज्वॉइन्ट अकाउंट, इंश्योरेंस पॉलिसी, प्रॉपर्टी इंवेस्टमेंट मिलकर करते हैं. शायद ये सोचकर कि उन दोनों को रिश्ते को साथ आगे लेकर जाना है. लेकिन अगर ब्रेकअप हो रहा है, तो ये सुनिश्चित कर लें कि आप पैसे-प्रॉपर्टी से जुड़े सारे हिसाब-किताब निपटा लें ताकि शादी के बाद कोई परेशानी न हो.

करवट बदलने पर मुझे स्तनों में दर्द महसूस होता है, मुझे किस तरह की जांच करानी चाहिए?

सवाल
मैं 47 साल की कामकाजी महिला हूं. 42 वर्ष की उम्र में ही मैं रजोनिवृत्त हो चुकी हूं. लेकिन उस के बाद से करवट बदलने पर मुझे स्तनों में दर्द महसूस होता है. मुझे किस प्रकार की जांच करानी चाहिए?

जवाब

इसे मस्टाल्जिया कहा जाता है. स्तनों में दर्द स्तनरोग का कोई भी लक्षण हो सकता है. आप को एक योग्य कैंसर सर्जन से स्तनों की जांच करानी चाहिए और मैमोग्राम की जांच भी करानी चाहिए. यदि आप के स्तन सख्त हैं और आप के सर्जन को जांच के दौरान किसी तरह की गांठ आदि की आशंका है, तो आप के लिए ब्रैस्ट का एमआरआई कराना ज्यादा उपयुक्त होगा.

ब्रेस्‍ट कैंसर फाउंडेशन के मुताबिक, स्‍तनों अथवा बगल में किसी भी प्रकार का दर्द, कोमलता अथवा असहजता आदि के पीछे कई कारण हो सकते हैं. फाउंडेशन का कहना है कि अधिकतर मामलों में यह दर्द स्‍तन कैंसर का लक्षण नहीं होता. यूके की नेशनल हेल्‍थ सर्विस का कहना है कि ‘साइक्लिकल ब्रेड पेन’ स्‍तन कैंसर के विकसित होने की आशंका को नहीं बढ़ाता.

अधिकतर मामलों में स्‍तनों के ऊपर और बाहरी क्षेत्र में दर्द होता है- कई बार यह दर्द बाजुओं तक फैल जाता है. इसके साथ ही मासिक धर्म आरंभ होने के एक से तीन दिन पहले यह दर्द अधिक होता है और मासिक धर्म समाप्‍त होते-होते यह दर्द ठीक हो जाता है. कुछ महिलाओं में यह दर्द मासिक धर्म आरंभ होने के कई दिन पहले आरंभ हो जाता है.

हालांकि ऐसी महिलायें जिन्‍हें मेनोपॉज हो चुका हो, उन्‍हें भी स्‍तनों में पीड़ा की शिकायत हो सकती है. यह शिकायत उनमें भी उतनी ही सामान्‍य है, जितनी मेनोपॉज के करीब पहुंच चुकीं महिलाओं अथवा ऐसी महिलाओं जिन्‍हें मेनोपॉज नहीं हुआ को होती है.

अमेरिका स्थित पैसेफिक मेडिकल सेंटर के एक अनुमान के अनुसार अमेरिका में 50 से 70 फीसदी महिलाओं को स्‍तन में दर्द होने की शिकायत का सामना करना पड़ता है. यूके के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का कहना है कि तीस से पचास वर्ष की आयु के बीच करीब 66 फीसदी महिलाओं को कभी न कभी स्‍तनों में दर्द की शिकायत होती है.

स्‍तनों में दर्द होने के लक्षण और संकेत

स्‍वयं महिला ही लक्षण को महसूस कर सकती है. वह इस बारे में डॉक्‍टर, नर्स, मित्र अथवा परिवार के किसी व्‍यक्ति से बात कर सकती है. यानी दर्द का लक्षण तो दर्द ही है, वहीं बात अगर संकेत की जाए तो, स्‍तनों के आसपास की त्‍वचा पर रैशेज हो जाते हैं.

स्‍तनों में दर्द को आमतौर पर दो हिस्‍सों में बांटा जाता है- साइक्लिक और नॉन साइक्लिक

साइक्लिक ब्रेस्‍ट पेन का लक्षण और संकेत

यह दर्द चक्र में आता है, वैसे ही जैसे मासिक धर्म चक्र आता है.

स्‍तनों में जकड़न हो सकती है

मरीज को तेज दर्द और हल्‍की खुजली हो सकती है. कई महिलायें इसे स्‍तनों में भारीपन के साथ सूजन के तौर पर व्‍याख्यित करती हैं, वहीं कुछ के लिए यह चुभन और जलन का अहसास हो सकता है.

  • स्‍तनों में सूजन आ सकती है
  • स्‍तनों में गांठें भी पड़ सकती हैं
  • दोनों स्‍तनों में दर्द की शिकायत होती है, विशेषकर ऊपरी और बाहरी हिस्‍सा.
  • दर्द आपकी बगलों तक फैल सकता है.

मासिक धर्म नजदीक आने के साथ ही दर्द में तेज इजाफा होता है. कुछ मामलों में यह दर्द मासिक धर्म शुरू होने के हफ्ते दो हफ्ते पहले शुरू हो सकता है.

यह दर्द सामान्‍यत युवा महिलाओं को अधिक परेशान करता है. अधिक उम्र (पोस्‍ट मेनोपॉज) महिलाओं ने यदि हार्मोन रिप्‍लेसमेंट थेरेपी करवा ली हो, तो उन्‍हें भी ऐसी समस्‍या हो सकती है.

नॉन साइक्लिक ब्रेस्‍ट पेन

यह सामान्‍य तौर पर एक ही स्‍तन में होता है. हालांकि, सामान्‍यत: यह स्‍तन के केवल एक चौथाई भाग में ही यह दर्द होता है, लेकिन यह पूरे सीने में फैल जाते हैं.

यह पोस्‍ट मेनोपॉज यानी अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है.

इस दर्द का मासिक धर्म चक्र से कोई संबंध नहीं होता.

दर्द सतत अथवा छिटपुट हो सकता है.

मास्‍ट‍िटिस

अगर स्‍तनों में दर्द किसी संक्रमण के कारण है, तो महिला को बुखार अथवा उनकी तबीयत खराब रह सकती है. महिलाओं को स्‍तनों में सूजन और कोमलता की शिकायत भी हो सकती है तथा दर्द वाले हिस्‍से का तापमान भी सामान्‍य से अधिक हो सकता है. और वहां लालिमा हो सकती है. इस दर्द में जलन के साथ झनझनाहट भी होती है. स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं में यह दर्द स्‍तनपान करवाते समय और बढ़ सकता है.

एक्‍स्‍ट्रामेमारी पेन

ऐसा आभास होता है कि स्‍तनों में दर्द अंदरूनी किसी कारण से है, लेकिन वास्‍तव में ऐसा नहीं होता. कई बार इसे ‘रेफेर्ड पेन’ भी कहा जाता है. कुछ महिलाओं में चेस्‍ट वॉल सिंड्रोम्‍स में हो सकता है.

हालांकि यह दर्द सामान्‍य होता है और इसे लेकर अधिक घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन फिर भी यदि आपको किसी प्रकार की चिंता अथवा संशय हो तो आप डॉक्‍टर से मदद ले सकती हैं.

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मेरा भाई जायदाद अपने नाम कराना चाहता है, क्या करूं?

सवाल

मेरे पिता की अचानक 5 साल पहले मृत्यु हो गई थी. हम एक भाई और 2 बहनें हैं. हम तीनों ही शादीशुदा हैं. पिताजी की मृत्यु के बाद मां घर में अकेली रहती हैं. भाई वह घर अपने नाम कराना चाहता है जबकि मां घर के 4 हिस्से करना चाहती हैं, एक अपने और बाकी हम 3 भाईबहनों के नाम. इस के लिए क्या किया जाए?

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जवाब

आप एक वकील द्वारा घर के सम?ाते (बंटवारे) के लिए एक एग्रीमैंट तैयार करवाएं और बंटवारे के हिस्से का प्रतिशत बता कर उसे सबरजिस्ट्रार से पंजीकृत करवाएं. किसी भी ?ागड़े की सूरत में आप को एक बंटवारा केस दर्ज कराना होगा और इस में अधिक समय लगेगा. ये दोनों प्रक्रियाएं आप की मां के जीवित रहने के दौरान ही की जा सकती हैं. अगर आप के पिता वसीयत को छोड़ कर गए थे तो आप की माताजी अब उस वसीयत की मालकिन हैं और जिंदा रहते इस संपत्ति का बंटवारा कर सकती हैं.

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मेरी पत्नी मां के साथ नहीं रहना चाहती है, ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं सरकारी स्कूल में शिक्षक हूं. घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं है पर मेरी परेशानी मेरी पत्नी है, जो निहायत ही झगड़ालू और क्रोधी है. घर में मेरी मां के साथ वह हमेशा लड़ती रहती है और मुझ पर दबाव डालती है कि कहीं और फ्लैट ले लो, मुझे तुम्हारी मां के साथ नहीं रहना. मैं किसी भी हाल में अपनी मां को खुद से अलग नहीं कर सकता. बताएं मैं क्या करूं?

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जवाब

पहले तो आप यह जानने की कोशिश करें कि आप की पत्नी ऐसा क्यों चाहती है? तह तक जाए बगैर फिलहाल कोई निर्णय लेना सही नहीं होगा. पत्नी को समझाबुझा सकते हैं. संभव हो तो पत्नी के मातापिता को भी मध्यस्थ बनाएं. पत्नी के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और साथ घूमनेफिरने जाएं. इन सब से पत्नी सही रास्ते पर आ सकती है.

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मैं एक Student हूं पर मेरी मां चाहती हैं कि पापा के साथ उन की दुकान संभालूं, क्या करूं?

सवाल

मैं 19 साल का एक कुंआरा नौजवान हूं. मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूं और खूब पढ़ाई कर के अच्छी नौकरी भी पाना चाहता हूं, पर मेरी मां चाहती हैं कि मैं पापा के साथ उन की दुकान संभालूं, क्योंकि कोरोना महामारी के बाद हमें काफी माली नुकसान हुआ था और अब पापा दुकान पर नया मुलाजिम रखने की स्थिति में नहीं हैं. इस बात से मैं अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पा रहा हूं. बताइए कि मैं क्या करूं?

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जवाब

यह कोई बड़ी चिंता वाली बात नहीं है. आप की मां ठीक ही तो कह रही हैं. बेहतर होगा कि आप दुकान पर भी बैठें और पढ़ाईलिखाई करते हुए नौकरी की भी कोशिश जारी रखें.

यह तय है कि 2 काम करने में मेहनत ज्यादा लगेगी, लेकिन हालात देखते हुए आप का फर्ज बनता है कि मांबाप की मदद करें.

आजकल नौकरियां भी आसानी से नहीं मिलतीं, फिर नौजवान मजबूर हो कर दुकान खोलते हैं या फिर अपना छोटामोटा धंधा शुरू करते हैं. आप को तो बैठेबिठाए मौका मिल रहा है. पिता का हाथ बंटाते हुए अगर नौकरी मिल जाती है, तो वे भी आप को रोकेंगे नहीं.

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कोविड-19 से बचाव के लिए बॉडी की इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं?

सवाल

मेरा बेटा 12 साल का है. रोज खाने में नूडल्स, पिज्जा, पास्ता, फ्रैंच फ्राइज, बर्गर आदि जंक फूड खाने की फरमाइश करता है. जबकि मैं चाहती हूं कि उसे ऐसी डाइट दूं जिस से उसे विटामिन मिले, कोविड-19 से बचाव के लिए बौडी की इम्युनिटी बढ़े. वैसे भी सर्दी आ गई है और उसे बहुत जल्दी ठंड लग जाती है. मुझे उस की चिंता लगी रहती है, क्या करूं?

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जवाब

यह समस्या आजकल ज्यादातर मांओं के साथ है. बच्चों को जंक फूड टैस्टी लगता है और वे वही खाने की जिद करते हैं. दाल, सब्जी, रोटी मन से नहीं खाते. खाना आधाअधूरा छोड़ देते हैं. ऐसे में मांएं सोचती हैं कि बच्चा कुछ तो खा रहा है और उन की पसंद का जंक फूड दे देती हैं.

कोई बात नहीं, बच्चे हैं तो उन्हें उन्हीं की तरह हैंडिल कीजिए. पिज्जा घर पर बनाएं और ढेर सारी बारीक कटी सब्जियां डाल कर ऊपर से चीज डाल कर बनाएं. आटा नूडल्स बनाएं और उस में भी ढेर सारी आजकल आ रही सीजनल सब्जियां डाल कर बनाएं. बर्गर के लिए आटा बना लें और उस के अंदर वैजिटेबल बेक्ड टिक्की लगाएं, साथ में खीरा, टमाटर, सलाद पत्ता रखें. बच्चे को खिलाने के लिए खाने में यह ट्विस्ट आप को करना पड़ेगा.

बीचबीच में बच्चे को खाने की ऐसी चीजें देती रहें जिस से शरीर को पर्याप्त विटामिंस मिलें. चूंकि बच्चों की बौडी सैंसिटिव होती है इसलिए उन्हें ऐसी चीजें खिलाएं जिन की तासीर हलकी गरम हो ताकि उन्हें ठंड न लगे. जैसे दूध में बादाम पीस कर मिला दें और पीने को दें. सूखे मेवे, जैसे काजू, किशमिश, अखरोट, पिस्ता खिलाएं. सूखे मेवों में मौजूद विटामिन ए,  ई, प्रोटीन, आयरन आदि पोषक तत्त्व शरीर को स्ट्रौंग बनाने में मदद करेंगे, शरीर में गरमाहट आएगी और इम्युनिटी बढ़ेगी जिस से वायरल बुखार एवं खांसीजुकाम की आशंका कम होगी.

अंडा भी अच्छा औप्शन है. उबाल कर दें या औमलेट बना कर दें. अंडे में कैल्शियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन होता है.

आजकल सर्दी के मौसम में सब्जियां खूब आ रही हैं. उन का सूप बना कर पिलाएं. टेस्ट के लिए ऊपर से ब्रैड पीस डाल दें. बच्चा शौक से पिएगा. गाजर का हलवा बनाएं, उस में चीनी के बजाय गुड़,  मूंगफली या इस की पट्टी खाने को दें.

चीजें आकर्षक ढंग से खाने को दी जाएं तो वे खाएंगे जरूर. बस, आप को उन्हें यह सब खिलाने व बनाने में थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी.

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मैं अपने बच्चों के गुस्से से डर जाती हूं, क्या करूं?

सवाल

मैं 40 साल का हूं. मेरी शादी को 12 साल हो गए हैं. मेरे 2 बेटे हैं. उन दोनों में बिलकुल नहीं बनती है. वे एकदम कुत्तेबिल्ली की तरह लड़ते हैं. हालांकि अभी वे बच्चे ही हैं, पर बहुत ज्यादा उग्र हैं. कभीकभार तो लड़ाई में एकदूसरे का खून तक निकाल देते हैं.

मेरी पत्नी उन के गुस्से से खौफ खाती है. वे दोनों मेरी भी कम ही सुनते हैं. इस बात से हम बहुत ज्यादा परेशान हैं. मैं क्या करूं?

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जवाब

इस उम्र में बच्चों का उग्र होना आम बात है. लौकडाउन के बाद तो यह समस्या और बढ़ गई है. आप बच्चों को अपना समय दें. उन के साथ खेलें. उन्हें कुछ देर बिजी रखें और दोनों को अलगअलग जिम्मेदारी वाले काम सौंपें.

उन दोनों को समझाएं कि इस तरह के हिंसक बरताव में कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. अगर कोई रिश्तेदार तैयार हो तो किसी एक को कुछ दिन के लिए वहां भेज कर देखें. अगर वे दोनों लड़ते हैं, तो एकदूसरे को प्यार भी करते होंगे, जो आप को नहीं दिखता. उन्हें बाहर खेलने जाने दें, अच्छी किताबें व मैगजीन पढ़ने को दें.

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