मैं अपने बॉयफ्रेंड से बात करती हूं तो कोई एक्साइटमेंट फील नहीं होता, क्या करूं कि हमारा रिश्ता परफेक्ट बने ?

सवाल

मैं 24 वर्षीया युवती हूं. मैं और मेरा बौयफ्र्रैंड कालेज टाइम से साथ हैं. अब हम दोनों ही जौब करने लगे हैं. एकदूसरे से मिलनाजुलना कम हो गया है. ज्यादातर बातें मोबाइल पर या व्हाट्सऐप पर हो जाती हैं. अब कभीकभी ही हम मिलते हैं. मुझे लग रहा है हम दोनों के बीच कम्युनिकेशन गैप बढ़ रहा है और जब हम दोनों मिलते हैं तो पहले जैसा स्पार्क नहीं होता और बातचीत में कोई एक्साइटमैंट नहीं फील करते. क्या करूं कि हमारा रिश्ता परफैक्ट बने क्योंकि हम दोनों जल्दी शादी भी करने वाले हैं.

जवाब

एक कपल के तौर पर अपना रिश्ता परफैक्ट बनाने के लिए जरूरी है कि आप अपने पार्टनर से हर तरह की बातें शेयर करें. अगर आप दोनों के बीच कम्युनिकेशन गैप बढ़ रहा है तो समय रहते उसे कम कर लें. अपने कम्युनिकेशन स्टाइल में थोड़ा सुधार ला कर इस समस्या को खत्म किया जा सकता है. कभीकभी पार्टनर से सीरियस डिस्कशंस के बजाय कुछ फनी, नौटी, सैक्सी या हौट बातें कर के देखिए. जैसे, हमारी पहली मुलाकात में तुम ने मेरे बारे में क्या सोचा था? परफैक्ट नाइट डेट के बारे में तुम्हारा क्या आइडिया है, लवमेकिंग के दौरान तुम्हें लाइट्स औन पसंद हैं या औफ, और क्यों? तुम्हें बिकिनी में मैं पसंद हूं? अपनी 3 फेवरेट जगहें बताओ जहां तुम किस करवाना चाहोगे? इस से वे आश्चर्यचकित होने के साथ ही आप की बेबाकी पर फिदा भी हो जाएंगे.

मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं लेकिन अब वह मिलने से मना करता है मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं. पहले वह भी मुझ से बहुत प्यार करता था हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पहले वह बारबार मिलने आता था पर अब झूठ बोल कर मना करता है. कहता है क्या करूं?

जवाब
आप का रिलेशन 4 साल से है और आप अभी तक उसे नहीं समझ पाईं, हैरानी की बात है. आप ने बताया कि आप के बीच सबकुछ हो चुका है. अकसर प्रेमी शारीरिक संबंध बनाने के बाद विमुख हो जाते हैं कहीं आप के मामले में भी ऐसा ही तो नहीं?

याद कीजिए कि वह सबकुछ होने के बाद कटना शुरू हुआ या पहले से. उस के कटने की वजह जानने की कोशिश कीजिए. अगर अपने में सुधार लाने की आवश्यकता हो तो सुधार कीजिए. अगर उस की कोई कमी है तो उसे बताइए. आप का प्यार है प्यार से मनाइए मान जाएगा.

प्राय: मंगनी होते ही लड़कालड़की एकदूसरे को समझने के लिए, प्यार के सागर में गोते लगाना चाहते हैं. एक बात तो तय रहती है खासकर लड़के की ओर से, क्या फर्क पड़ता है, अब तो कुछ दिनों में हम एक होने वाले हैं, फिर क्यों न अभी साथ में घूमेंफिरें. उस की ओर से ये प्रस्ताव अकसर रहते हैं कि चलो रात में घूमने चलते हैं, लौंग ड्राइव पर चलते हैं. वैसे तो आजकल पढ़ीलिखी पीढ़ी है, अपना भलाबुरा समझ सकती है. वह जानती है उस की सीमाएं क्या हैं. भावनाओं पर अंकुश लगाना भी शायद कुछकुछ जानती है. पर क्या यह बेहतर न होगा कि जिसे जीवनसाथी चुन लिया है, उसे अपने तरीके से आप समझाएं कि मुझे आनंद के ऐसे क्षणों से पहले एकदूसरे की भावनाओं व सोच को समझने की बात ज्यादा जरूरी लगती है. मन न माने तो ऐसा कुछ भी न करें, जिस से बाद में पछतावा हो.

मेघा की शादी बहुत ही सज्जन परिवार में तय हुई. पढ़ालिखा, खातापीता परिवार था. मेघा मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छे ओहदे पर थी. खुले विचारों की लड़की थी. मंगनी के होते ही लड़के के घर आनेजाने लगी. जिस बेबाकी से वह घर में आतीजाती थी, लगता था वह भूल रही थी कि वह दफ्तर में नहीं, ससुराल परिवार में है. शुरूशुरू में राहुल खुश था. साथ आताजाता, शौपिंग करता. ज्योंज्यों शादी के दिन नजदीक आते गए दूरियां और भी सिमटती जा रही थीं. एक दिन लौंग ड्राइव पर जाने के लिए मेघा ने राहुल से कहा कि क्यों न आज शाम को औफिस के बाद मैं तुम्हें ले लूं. लौंग ड्राइव पर चलेंगे. एंजौय करेंगे. पर यह क्या, यहां तो अच्छाखास रिश्ता ही फ्रीज हो चला. राहुल ने शादी से इनकार कर दिया. कार्ड बंट चुके थे, तैयारियां पूरी हो चली थीं. पर ऐसा क्या हुआ, कब हुआ, कैसे हुआ? पूछने पर नहीं बताया, बस इतना दोटूक शब्दों में कहा कि रिश्ता खत्म. बहुत बाद में जा कर किसी से सुनने में आया कि मेघा बहुत ही बेशर्म, चालू टाइप की लड़की है. राहुल ने मेघा के पर्स में लौंग ड्राइव के समय रखे कंडोम देख लिए. यह देख कर उस ने रिश्ता ही तोड़ना तय कर लिया. शायद उसे भ्रम था मेघा पहले भी ऐसे ही कई पुरुषों के साथ इस बेबाकी से पेश आ चुकी होगी. आजकल की लड़कियों में धीरेधीरे लुप्त होती जा रही लोकलाज, लज्जा की भनक भी मेघा के सरल व्यवहार में मिलने लगी थी. इन बातों की वजह से ही रिश्ता टूटने वाली बात हुई.

कौन सी बातें जरूरी

इसलिए बेहतर है कोर्टशिप के दौरान आचरण पर, अपने तौरतरीकों पर, बौडी लैंग्वेज पर विशेष ध्यान दें. वह व्यक्ति जिस से आप घुलमिल रही हैं, भावी जीवनसाथी है, होने वाला पति है, हुआ नहीं. तर्क यह भी हो सकता है, सब कुछ साफसाफ बताना ही ठीक है. भविष्य की बुनियाद झूठ पर रखनी भी तो ठीक नहीं. लेकिन रिश्तों में मधुरता, आकर्षण बनाए रखने के लिए धैर्य की भावनाओं को वश में रखने की व उन पर अंकुश लगाने की जरूरत होती है.

प्यार में डूबें नहीं

शादी के पहले प्यार के सागर में गोते लगाना कोई अक्षम्य अपराध नहीं. मगर डूब न जाएं. कुछ ऐसे गुर जरूर सीखें कि मजे से तैर सकें. सगाई और शादी के बीच का यह समय यादगार बन जाए, पतिदेव उन पलों को याद कर सिहर उठें और आप का प्यार उन के लिए गरूर बन जाए और वे कहें, काश, वे पल लौट आएं. इस के लिए इन बातों के लिए सजग रहें- 

हो सके तो अकेले बाहर न जाएं. अपने छोटे भाईबहन को साथ रखें.

बहुत ज्यादा घुलनामिलना ठीक नहीं.

मुलाकात शौर्ट ऐंड स्वीट रहे.

घर की बातें न करें.

अभी से घर वालों में, रिश्तेदारों में मीनमेख न निकालें.

एकदूसरे की भावनाओं का सम्मान करें.

अनर्गल बातें न करें.

बेबाकी न करें. बेबाक को बेशर्म बनते देर नहीं लगती.

याद रहे, जहां सम्मान नहीं वहां प्यार नहीं, इसलिए रिश्तों को सम्मान दें.

कोशिश कर दिल में जगह बनाएं. घर वाले खुली बांहों से आप का स्वागत करेंगे.

मनमानी को ‘न’ कहने का कौशल सीखें.

चटोरी न बनें

मुझे एक मुसलिम लड़की से प्यार हो गया है, डरता हूं वह बेइज्जती न कर दे,सलाह दें

सवाल
मैं 20 साल का अविवाहित युवक हूं. मैं जहां नौकरी करता हूं वहां मुझे एक मुसलिम लड़की से प्यार हो गया है. चूंकि मैं हिंदू हूं, इसलिए उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करने से डरता हूं. वह नहीं जानती कि मैं हिंदू हूं. लेकिन मैं जब भी उस की तरफ देखता हूं तो उसे भी अपनी तरफ देखता हुआ पाता हूं. मैं जिस दिन भी उसे नहीं देखूं, मुझे पूरा दिन अच्छा नहीं लगता. मैं सोचता हूं कि उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करूं लेकिन डरता हूं कि कहीं वह चीखचिल्ला कर मेरी बेइज्जती न कर दे.

जवाब

आप जो भी सोच रहे हैं सिर्फ अपने मन में सोच रहे हैं कि कहीं वह लड़की आप के हिंदू होने की बात जान कर आप को रिजैक्ट न कर दे या वह भी आप को चाहती है. आप की समस्या का हल सिर्फ उस से खुल कर बात करने में है.

आप उस से बात करें व जानें कि वह आप के बारे में क्या सोचती है, तभी आगे बढ़ें. क्या पता उस के व उस के परिवार के लिए हिंदू मुसलिम वाली बात कोई महत्त्व ही न रखती हो या फिर उस के मन में आप के लिए कोई फीलिंग ही न हो, जैसा आप सोच रहे हैं.

इसलिए हर बात का खुलासा सिर्फ उस से बात करने से होगा. बिना डरे उस से अपने मन की बात कहें और हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें.

मेरी गर्लफ्रैंड शादी करना नहीं चाहती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरे घर में मेरी शादी की बातें बड़ी जोरोंशोरों से होने लगी हैं जबकि मैं अपनी गर्लफ्रैंड से शादी करना चाहता हूं पर वह मुझ से शादी नहीं करना चाहती. मैं घरवालों और गर्लफ्रैंड के बीच फंस गया हूं.

एक तरफ तो घरवालों ने लड़की ढूंढ़ ली तो दूसरी तरफ मेरी अपनी गर्लफ्रैंड से बातचीत पहले से भी ज्यादा बढ़ गई. वह अब भी मुझ से शादी करना नहीं चाहती और मम्मीपापा मेरी शादी कराने के पीछे पड़े हैं. अब मुझे शादी तो मम्मीपापा की मरजी से करनी ही होगी लेकिन अपनी गर्लफ्रैंड से रिश्ता खत्म कैसे करूं यह समझ नहीं आता.

जवाब
आप अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप न कर के और शादी होने तक रिश्ता कायम रखते हुए गलती कर रहे हैं. आप जानते हैं कि उस से आप की शादी नहीं होगी और आप जल्द ही शादी करने वाले हैं तो फिर उस से रिलेशनशिप निभाते रहने की तुक क्या है. आप अपने दिल के साथ तो खिलवाड़ करेंगे ही, साथ ही समय रहते आगे भी नहीं बढ़ पाएंगे और जब किसी और से शादी करेंगे तो उसे भी खुश नहीं रख पाएंगे. यदि आप शादी के बाद भी इस रिलेशनशिप में रहने की सोच रहे हैं तो वह तो और ज्यादा गलत होगा. बेहतरी इसी में है कि समय रहते इस रिश्ते को खत्म कर आप आगे बढ़ें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं एक समलैंगिक लड़का हूं, कभी कभी मेरा खुदकुशी करने का मन करता है क्या करूं?

सवाल 

मैं एक समलैंगिक लड़का हूं और मेरी बहन के देवर के साथ मेरा जिस्मानी रिश्ता है. उस ने अपने दोस्तों को भी मेरे बारे में बता दिया है. वे सब मेरा मजाक उड़ाते हैं. कभीकभार तो मेरा खुदकुशी करने का मन करता है. कोई उपाय बताएं?

जवाब

अब समलैंगिकता को कानूनी मंजूरी मिल गई है. अगर आप का पार्टनर तैयार हो तो उसे शादी के लिए कहें. रही बात मजाक की तो दुनिया वालों की परवाह न करें, कुछ दिनों बाद सब शांत हो जाएंगे. खुदकुशी का खयाल दिल से निकाल दें, क्योंकि आप ने कोई गुनाह नहीं किया, बल्कि प्यार किया है.

ये भी पढ़ें- मैं अपने दोस्त की बहन को चाहता हूं, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल 

मैं 22 साल का हूं. एक लड़की मुझे पसंद करती है. लेकिन उस के भाई से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है. अगर उसे पता चला तो हमारी दोस्ती में दरार भी आ सकती है. मुझे उचित राय दें?

जवाब

अगर आप दोनों एकदूसरे से?प्यार करते हैं तो कोई समस्या नहीं है. दोस्त की बहन से प्यार हो जाना कोई गुनाह नहीं?है. बेहतर होगा कि आप उस के घर के बड़ों को भरोसे में ले कर बात करें और दोस्त को भी सच बता दें. अगर वह समझदार होगा तो दोस्ती में दरार नहीं आएगी, बल्कि इस के रिश्तेदारी में तबदील होने की उम्मीद बढ़ जाएगी. और भी बेहतर होगा कि आप बात उजागर करने से पहले कुछ बन कर दिखाएं.

मेरा बौयफ्रेंड सेक्स करने के बाद अब मुझे इग्नोर करने लगा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 22 वर्षीय पीजी में रहने वाली युवती हूं. मौर्निंग में कालेज जाती हूं और ईवनिंग में एक पिज्जा हट पर काम करती हूं. मुझे अपनी कक्षा के एक छात्र से प्यार हो गया है.

एक बार मैं उस के घर उस से मिलने गई तब वह घर में अकेला था. उस ने मुझे आलिंगनबद्ध कर लिया. मैं भी भावना में बह गई और सबकुछ हो गया. अब वह युवक मुझ से कटता है, जबकि मेरा मन उसे पाने को करता है. क्या करूं?

जवाब

आप अकेली दूसरे शहर में पीजी में रहती हैं और पार्टटाइम जौब कर अपनी पढ़ाई का खर्च उठाती हैं, लेकिन प्रेम आप के सारे सपनों पर पानी फेर रहा है. तिस पर आप ने खुद को उसे समर्पित कर गलती की है, पर अब कोशिश करें कि वह आप से पहले की तरह मिले. नहीं तो उस से रिलेशन न रखें और जिंदगी की कड़वी भूल समझ कर उन लमहों को भूल जाएं.

ब्रेकअप के बाद नई शुरुआत करें. खुद को काम में व्यस्त रखें व अपने कैरियर के बारे में सोचें. अगर उसे आप से प्यार हुआ तो वह अवश्य आप से मिलेगा अन्यथा एकतरफा प्यार कर आप भी खुश नहीं रह पाएंगी.

ये भी पढ़ें- शादी से पहले जानिए प्यार की सीमाएं

प्राय: मंगनी होते ही लड़का लड़की एकदूसरे को समझने के लिए, प्यार के सागर में गोते लगाना चाहते हैं. एक बात तो तय रहती है खासकर लड़के की ओर से, क्या फर्क पड़ता है, अब तो कुछ दिनों में हम एक होने वाले हैं, फिर क्यों न अभी साथ में घूमेंफिरें. उस की ओर से ये प्रस्ताव अकसर रहते हैं कि चलो रात में घूमने चलते हैं, लौंग ड्राइव पर चलते हैं. वैसे तो आजकल पढ़ीलिखी पीढ़ी है, अपना भलाबुरा समझ सकती है. वह जानती है उस की सीमाएं क्या हैं. भावनाओं पर अंकुश लगाना भी शायद कुछकुछ जानती है. पर क्या यह बेहतर न होगा कि जिसे जीवनसाथी चुन लिया है, उसे अपने तरीके से आप समझाएं कि मुझे आनंद के ऐसे क्षणों से पहले एकदूसरे की भावनाओं व सोच को समझने की बात ज्यादा जरूरी लगती है. मन न माने तो ऐसा कुछ भी न करें, जिस से बाद में पछतावा हो.

मेघा की शादी बहुत ही सज्जन परिवार में तय हुई. पढ़ालिखा, खातापीता परिवार था. मेघा मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छे ओहदे पर थी. खुले विचारों की लड़की थी. मंगनी के होते ही लड़के के घर आनेजाने लगी. जिस बेबाकी से वह घर में आतीजाती थी, लगता था वह भूल रही थी कि वह दफ्तर में नहीं, ससुराल परिवार में है. शुरूशुरू में राहुल खुश था. साथ आताजाता, शौपिंग करता. ज्योंज्यों शादी के दिन नजदीक आते गए दूरियां और भी सिमटती जा रही थीं. एक दिन लौंग ड्राइव पर जाने के लिए मेघा ने राहुल से कहा कि क्यों न आज शाम को औफिस के बाद मैं तुम्हें ले लूं. लौंग ड्राइव पर चलेंगे. एंजौय करेंगे.

ये भी पढ़ें- मेरा बौयफ्रेंड मेरे साथ सेक्स करना चाहता है, मैं क्या करूं?

पर यह क्या, यहां तो अच्छाखास रिश्ता ही फ्रीज हो चला. राहुल ने शादी से इनकार कर दिया. कार्ड बंट चुके थे, तैयारियां पूरी हो चली थीं. पर ऐसा क्या हुआ, कब हुआ, कैसे हुआ? पूछने पर नहीं बताया, बस इतना दोटूक शब्दों में कहा कि रिश्ता खत्म. बहुत बाद में जा कर किसी से सुनने में आया कि मेघा बहुत ही बेशर्म, चालू टाइप की लड़की है. राहुल ने मेघा के पर्स में लौंग ड्राइव के समय रखे कंडोम देख लिए. यह देख कर उस ने रिश्ता ही तोड़ना तय कर लिया. शायद उसे भ्रम था मेघा पहले भी ऐसे ही कई पुरुषों के साथ इस बेबाकी से पेश आ चुकी होगी. आजकल की लड़कियों में धीरेधीरे लुप्त होती जा रही लोकलाज, लज्जा की भनक भी मेघा के सरल व्यवहार में मिलने लगी थी. इन बातों की वजह से ही रिश्ता टूटने वाली बात हुई.

कौन सी बातें जरूरी

इसलिए बेहतर है कोर्टशिप के दौरान आचरण पर, अपने तौरतरीकों पर, बौडी लैंग्वेज पर विशेष ध्यान दें. वह व्यक्ति जिस से आप घुलमिल रही हैं, भावी जीवनसाथी है, होने वाला पति है, हुआ नहीं. तर्क यह भी हो सकता है, सब कुछ साफसाफ बताना ही ठीक है. भविष्य की बुनियाद झूठ पर रखनी भी तो ठीक नहीं. लेकिन रिश्तों में मधुरता, आकर्षण बनाए रखने के लिए धैर्य की भावनाओं को वश में रखने की व उन पर अंकुश लगाने की जरूरत होती है.

प्यार में डूबें नहीं

शादी के पहले प्यार के सागर में गोते लगाना कोई अक्षम्य अपराध नहीं. मगर डूब न जाएं. कुछ ऐसे गुर जरूर सीखें कि मजे से तैर सकें. सगाई और शादी के बीच का यह समय यादगार बन जाए, पतिदेव उन पलों को याद कर सिहर उठें और आप का प्यार उन के लिए गरूर बन जाए और वे कहें, काश, वे पल लौट आएं. इस के लिए इन बातों के लिए सजग रहें-

  • हो सके तो अकेले बाहर न जाएं. अपने छोटे भाईबहन को साथ रखें.
  • बहुत ज्यादा घुलनामिलना ठीक नहीं.
  • मुलाकात शौर्ट ऐंड स्वीट रहे.
  • घर की बातें न करें.
  • अभी से घर वालों में, रिश्तेदारों में मीनमेख न निकालें.
  • एकदूसरे की भावनाओं का सम्मान करें.
  • अनर्गल बातें न करें.
  • बेबाकी न करें. बेबाक को बेशर्म बनते देर नहीं लगती.
  • याद रहे, जहां सम्मान नहीं वहां प्यार नहीं, इसलिए रिश्तों को सम्मान दें.
  • कोशिश कर दिल में जगह बनाएं. घर वाले खुली बांहों से आप का स्वागत करेंगे.
  • मनमानी को ‘न’ कहने का कौशल सीखें.
  • चटोरी न बनें

मेरी ब्रैस्ट बहुत छोटी है, जिसकी वजह से मैं कुछ भी पहनूं ग्रेस नहीं आता क्या करूं?

सवाल
मैं 16 वर्षीय युवती हूं. मेरी 3 समस्याएं हैं- पहली समस्या यह है कि मेरे नीचे का होंठ बहुत मोटा है, जिस की वजह से मैं अच्छी नहीं दिखती. कोई तरीका बताएं जिस से मैं मोटे होंठ को पतला दिखा सकूं.

मेरी दूसरी समस्या मेरे ब्रैस्ट को ले कर है. मेरी ब्रैस्ट बहुत छोटी है, जिस की वजह से मैं कुछ भी पहनूं ग्रेस नहीं आता.

तीसरी समस्या मेरी वैजाइना के ढीलेपन को ले कर है. मेरे 3 सालों से एक लड़के से शारीरिक संबंध हैं, जिस की वजह से यह समस्या हो गई है. कृपया मेरी इन समस्याओं के समाधान बताएं?

जवाब

मोटे होंठ को पतला दिखाने के लिए नैचुरल लिपलाइन को छिपाएं. इस के लिए फाउंडेशन का इस्तेमाल पूरे होंठ पर करें. फिर मनचाही आउटलाइन खीचें और लाइट शेड की लिपस्टिक से फिलिंग करें. आप की दूसरी समस्या जैनेटिकली है. फिर भी आप अपना खानपान पौष्टिक व संतुलित रखें. चाहें तो पैडेड ब्रा पहनें. इस से आप की ब्रैस्ट का साइज बड़ा दिखेगा. वैसे भी अभी आप की उम्र मात्र 16 साल है. बढ़ती उम्र के साथ और विवाह व गर्भावस्था के बाद भी ब्रैस्ट के आकार में अंतर आता है.

अपनी तीसरी समस्या के लिए आप खुद जिम्मेदार हैं. आप अभी मात्र 16 साल की हैं और पिछले 3 वर्ष से आप के एक लड़के के साथ शारीरिक संबंध हैं. यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बिलकुल गलत है. फिर भी आप वैजाइना के ढीलेपन को दूर करने के लिए पैल्विक फ्लोर ऐक्सरसाइज करें. इस से वैजाइना का ढीलापन दूर होगा. इस के अतिरिक्त बाजार में वी टाइट जैल उपलब्ध है. महिला डाक्टर की सलाह से आप उस का भी प्रयोग कर सकती हैं.

मेरा मेरे पति के दोस्त के साथ चक्कर चल रहा है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 46 वर्षीय विवाहिता व 2 जवान बेटियों की मां हूं. मुझ से एक भूल हो गई जिस कारण मेरा सुखी दांपत्य टूटने के कगार पर पहुंच चुका है. मेरे पति का एक मित्र अकसर हमारे घर आता था. उस का बिंदास स्वभाव मुझे भा गया. हम दोनों फोन पर व फेसबुक पर अकसर एकदूसरे के संपर्क में रहते. यह बात मेरे पति को नागवार गुजरी. 1-2 बार उन्होंने मुझे चेताया भी पर मेरी समझ में नहीं आया.

फिर पति ने समझाना बंद कर दिया और वे अकसर शराब पी कर घर आने लगे. रातदिन हमारे बीच कलह रहने लगी है. मेरे मातापिता उन्हें समझा चुके हैं पर अब चाहते हैं कि मैं पति से तलाक ले लूं और उन से संपत्ति में अपना हिस्सा मांग लूं. इस से मेरा भविष्य सुरक्षित रहेगा. बेटियों के नाम पहले ही उन्होंने काफी रकम जमा कर रखी है. कृपया बताएं मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

आप स्वीकार करती हैं कि आप से गलती हुई है. पति के आगाह करने के बावजूद आप ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे और इस रिश्ते को कायम रखा. इस से उन का आहत होना स्वाभाविक है. इसलिए आप का दांपत्य बिखर रहा है. जहां तक तलाक की बात है तो आप को समझना चाहिए कि तलाक किसी भी समस्या का हल नहीं है और फिर समस्या भी आप की तरफ से है.

आप के आचरण का आप की बेटियों के विवाह पर दुष्प्रभाव पड़ेगा इसलिए आप उक्त युवक से कोई संबंध न रखें. पति को विश्वास दिलाएं कि आप भविष्य में उन्हें शिकायत का मौका नहीं देंगी. हां, उन का भरोसा वापस पाने में समय लग सकता है, इसलिए आप को थोड़ा सब्र से काम लेना होगा. वक्त के साथ सब ठीक हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- पति परदेस में तो डर काहे का

जिला अलीगढ़ मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर थाना गोंडा क्षेत्र में एक गांव है वींजरी. इस गांव में एक किसान परिवार है अतर सिंह का. उस के परिवार में उस की पत्नी कस्तूरी के अलावा 5 बेटे हैं. इन में सब से छोटा है जयकिंदर. अतर सिंह के तीसरे नंबर के बेटे को छोड़ कर सभी बेटों की शादियां हो चुकी हैं. इस के बावजूद पूरा परिवार आज भी एक ही मकान में संगठित रूप से रहता है.

अतर सिंह का सब से छोटा बेटा जयकिंदर आंध्र प्रदेश में रेलवे में नौकरी करता है. डेढ़ साल पहले उस की शादी पुरा स्टेशन, हाथरस निवासी फौजी रमेशचंद्र की बेटी प्रेमलता उर्फ मोना के साथ तय हो गई थी. मोना के पिता के सामने अतर सिंह की कुछ भी हैसियत नहीं थी. यह रिश्ता जयकिंदर की रेलवे में नौकरी लग जाने की वजह से हुआ था.

अतर सिंह ने समझदारी से काम लेते हुए जयकिंदर की शादी से पहले अपने मकान के ऊपरी हिस्से पर एक हालनुमा बड़ा सा कमरा, बरामदा और रसोई बनवा दी थी, ताकि दहेज में मिलने वाला सामान ढंग से रखा जा सके. साथ ही उस में जयकिंदर अपनी पत्नी के साथ रह भी सके. मई 2015 में जयकिंदर और मोना की शादी हुई तो मोना के पिता ने दिल खोल कर दहेज दिया, जिस में घर गृहस्थी का सभी जरूरी सामान था.

मोना जब मायके से विदा हो कर ससुराल आई तो अपने जेठजेठानियों की हालत देख कर परेशान हो उठी. उन की माली हालत ठीक नहीं थी. उस की समझ में नहीं आया कि उस के पिता ने क्या देख कर उस की शादी यहां की. मोना ने अपनी मां को फोन कर के वस्तुस्थिति से अवगत कराया. मां पहले से ही हकीकत जानती थी. इसलिए उस ने मोना को समझाते हुए कहा, ‘‘तुझे उन सब से क्या लेनादेना. छत पर तेरे लिए अलग मकान बना दिया गया है. तेरा पति भी सरकारी नौकरी में है. तू मौज कर.’’

मोना मां की बात मान गई. उस ने अपने दहेज का सारा सामान ऊपर वाले कमरे में रखवा कर अपना कमरा सजा दिया. उस कमरे को देख कर कोईर् भी कह सकता था कि वह बड़े बाप की बेटी है. उस के हालनुमा कमरे में टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन और गैस वगैरह सब कुछ था. सोफा सेट और डबलबैड भी. शादी के बाद करीब 15 दिन बाद जयकिंदर मोना को अपने घर वालों के भरोसे छोड़ कर नौकरी पर चला गया.

पति के जाने के बाद मोना ने ऊपर वाले कमरे में न केवल अकेले रहना शुरू कर दिया, बल्कि पति के परिवार से भी कोई नाता नहीं रखा. अलबत्ता कभीकभार उस की जेठानी के बच्चे ऊपर खेलने आ जाते तो वह उन से जरूर बोलबतिया लेती थी. वरना उस की अपनी दुनिया खुद तक ही सिमटी थी.

उस की जिंदगी में अगर किसी का दखल था तो वह थी दिव्या. जयकिंदर के बड़े भाई की बेटी दिव्या रात को अपनी चाची मोना के पास सोती थी ताकि रात में उसे डर न लगे. इस के लिए जयकिंदर ही कह कर गया था.

देखतेदेखते जयकिंदर और मोना की शादी को एकडेढ़ साल बीत गया. जयकिंदर 10-5 दिन के लिए छुट्टी पर आता और लौट जाता. उस के जाने के बाद मोना को अकेले ही रहना पड़ता था.

मोना को घर की जगह बाजार की चीजें खाने का शौक था. इसी के मद्देनजर उस के पति जयकिंदर ने एकदो बार नौकरी पर जाने से पहले उसे समझा दिया था कि जब उसे किसी चीज की जरूरत हो तो सोनू को बुला कर बाजार से से मंगा लिया करे. सोनू जयकिंदर के पड़ोसी का बेटा था जो किशोरावस्था को पार कर चुका था. वह सालों से जयकिंदर का करीबी दोस्त था. सोनू बिलकुल बराबर वाले मकान में रहता था. मोना को वह भाभी कह कर पुकारता था. मोना ने शादी में सोनू की भूमिका देखी थी. वह तभी समझ गई थी कि वह उस के पति का खास ही होगा.

जयकिंदर के जाने के बाद सोनू जब चाहे मोना के पास चला आता था, नीचे घर की महिलाएं या पुरुष नजर आते तो वह छज्जे से कूद कर आ जाता. दोनों आपस में खूब हंसीमजाक करते थे. मोना तेजतर्रार थी और थोड़ी मुंहफट भी. कई बार वह सोनू से द्विअर्थी शब्दों में भी मजाक कर लेती थी.

एक दिन सोनू जब बाजार से वापस लौटा तो मोना छत पर खड़ी थी. उस ने सोनू को देखते ही आवाज दे कर ऊपर बुला कर पूछा, ‘‘आज सुबह से ही गायब हो? कहां थे?’’

‘‘भाभी, बनियान लेने बाजार गया था.’’ सोनू ने हाथ में थामी बनियान की थैली दिखाते हुए बताया. यह सुन कर मोना बोली, ‘‘अगर गए ही थे तो भाभी से भी पूछ कर जाते कि कुछ मंगाना तो नहीं है.’’

‘‘कल फिर जाऊंगा, बता देना क्या मंगाना है?’’ सोनू ने कहा तो मोना ने पूछा, ‘‘और क्या लाए हो?’’

‘‘बताया तो बनियान लाया हूं.’’ सोनू ने कहा तो मोना बोली, ‘‘मुझे भी बनियान मंगानी है, ला दोगे न?’’

‘‘तुम्हारी बनियान मैं कैसे ला सकता हूं? मुझे नंबर थोड़े ही पता है.’’ सोनू बोला.

‘‘साइज देख कर भी नहीं ला सकते?’’

‘‘बेकार की बातें मत करो, साइज देख कर अंदाजा होता है क्या?’’

‘‘तुम बिलकुल गंवार हो. अंदर आओ साइज दिखाती हूं.’’ कहती हुई मोना कमरे में चली गई. सोनू भी उस के पीछेपीछे कमरे में चला गया.

कमरे में पहुंचते ही मोना ने साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और सीना फुलाते हुए बोली, ‘‘लो नाप लो साइज. खुद पता चल जाएगा.’’

‘‘मुझ से साइज मत नपवाओ भाभी, वरना बहुत पछताओगी.’’

‘‘पछता तो अब भी रही हूं, तुम्हारे भैया से शादी कर के.’’ मोना ने अंगड़ाई लेते हुए साड़ी का पल्लू सिर पर डालते हुए कहा.

‘‘क्यों?’’ सोनू ने पूछा तो मोना बोली, ‘‘महीने दो महीने बाद घर आते हैं, वह भी 2 दिन रह कर भाग जाते हैं. और मैं ऐसी बदनसीब हूं कि देवर भी साइज नापने से डरता है. कोई और होता तो साइज नापता और…’’ मोना की आंखों में नशा सा उतर आया था. अभी तक सोनू मोना की बातों को केवल मजाक में ले रहा था. उस में उसी हिसाब से कह दिया, ‘‘जब भैया नौकरी से आएं तो उन्हीं को दिखा कर साइज पूछना.’’

‘‘अगर पति बुद्धू हो तो भाभी का काम समझदार देवर को कर देना चाहिए.’’ मोना ने सोनू का हाथ पकड़ते हुए कहा.

‘‘क्याक्या काम कराओगी देवर से?’’ सोनू ने शरारत से पूछा.

‘‘जो देवर करना चाहे, भाभी मना नहीं करेगी. बस तुम्हारे अंदर हिम्मत होनी चाहिए.’’ मोना हंसी.

‘‘कल बात करेंगे.’’ कहते हुए सोनू वहां से चला गया.

दूसरे दिन सोनू मां की दवाई लेने बाजार जाने के लिए निकला तो मोना के घर जा पहुंचा. उस वक्त मोना खाना बना कर खाली हुई थी. सोनू को देखते ही वह चहक कर बोली, ‘‘बाजार जा रहे हो क्या?’’

‘‘मम्मी की दवाई लेने जा रहा हूं. तुम्हें कुछ मंगाना हो तो बोलो?’’ सोनू ने पूछा. मोना बोली, ‘‘बाजार में मिल जाए तो मेरी भी दवाई ले आना.’’ मोना ने चेहरे पर बनावटी उदासी लाते हुए कहा.

‘‘पर्ची दे दो, तलाश कर लूंगा.’’

‘‘मुंह जुबानी बोल देना कि ‘प्रेमरोग’ है, जो भी दवा मिले, ले आना.’’

‘‘भाभी, तुम्हें ये रोग कब से हो गया?’’ सोनू ने हंसते हुए पूछा.

‘‘ये बीमारी तुम्हारी ही वजह से लगी है.’’ मोना की आंखों में खुला निमंत्रण था.

‘‘फिर तो तुम्हें दवा भी मुझे ही देनी होगी.’’

‘‘एक खुराक अभी दे दो, आराम मिला तो और ले लूंगी.’’ कहते हुए मोना ने अपनी दोनों बांहें उठा कर उस की ओर फैला दीं.

सोनू कोई बच्चा तो था नहीं, न बिलकुल गंवार था, जो मोना के दिल की मंशा न समझ पाता. बिना देर लगाए आगे बढ़ कर उस ने मोना को बांहों में भर लिया. थोड़ी देर में देवरभाभी का रिश्ता ही बदल गया.

सोनू जब वहां से बाजार के लिए निकला तो बहुत खुश था. मन में कई महीनों की पाली उस की मुराद पूरी हो गई थी.

दरअसल, जब से मोना ने उसे इशारोंइशारों में रिझाना शुरू किया था, तभी से वह उसे पाने की कल्पना करने लगा था. उस ने आगे कदम नहीं बढ़ाया था तो केवल करीबी रिश्तों की वजह से. लेकिन आज मोना ने खुद ही सारे बंधन तोड़ डाले थे. धीरेधीरे मोना और सोनू का प्यार परवान चढ़ने लगा. मोना को सासससुर, जेठजेठानी किसी का डर नहीं था. वह परिवार से अलग और अकेली रहती थी. पति परदेश में नौकरी करता था, बालबच्चा कोई था नहीं. बच्चों के नाम पर सब से बड़े जेठ की

14 वर्षीय बेटी दिव्या ही थी जो रात को मोना के साथ सोती थी. वह भी इसलिए क्योंकि जाते वक्त मोना का पति बडे़ भैया से कह कर गया था मोना अकेली है, दिव्या को रात में सोने के लिए मोना के पास भेज दिया करें.

तभी से दिव्या रात में मोना के पास सोती थी. सुबह को चाय पी कर दिव्या अपने घर आ जाती थी और स्कूल जाने की तैयारी करने लगती थी. उस के स्कूल जाने के बाद मोना 4-5 घंटे के लिए फ्री हो जाती थी. इस बीच वह शरारती देवर सोनू को बुला लेती थी. स्कूल से आने के बाद दिव्या कभी चाची के घर आ जाती तो कभी अपने घर रह कर काम में मां का हाथ बंटाती. कभीकभी वह अपनी सहेलियों को ले कर मोना के घर आ जाती और उसे भी अपने साथ खिलाती. मोना पूरी तरह सोनू के प्यार में डूब चुकी थी. वह चाहती थी कि दिन ही नहीं बल्कि पूरी रात सोनू के साथ गुजारे.

शाम ढल चुकी थी. अंधेरे ने चारों ओर पंख पसारने शुरू कर दिए थे. दिव्या को उस की मां मंजू ने कहा, ‘‘जब चाची के पास जाए तो किताबें साथ ले जाना, वहीं पढ़ लेना.’’ दिव्या ने ऐसा ही किया.

दिव्या चाची के घर पहुंची तो दरवाजे के किवाड़ भिड़े हुए थे. वह धक्का मार कर अंदर चली गई. अंदर जब चाची दिखाई नहीं दी तो वह कमरे में चली गई. कमरे में अंदर का दृश्य देख कर वह सन्न रह गई. वहां बेड पर सोनू और मोना निर्वस्त्र एकदूसरे से लिपटे पड़े थे. दिव्या इतनी भी अनजान नहीं थी कि कुछ समझ न सके. वह सब कुछ समझ कर बोली, ‘‘चाची, यह क्या गंदा काम कर रही हो?’’

दिव्या की आवाज सुनते ही सोनू पलंग से अपने कपड़े उठा कर बाहर भाग गया. मोना भी उठ कर साड़ी पहनने लगी. फिर मोना ने दिव्या को बांहों में भरते हुए पूछा, ‘‘दिव्या, तुम ने जो भी देखा, किसी से कहोगी तो नहीं?’’

‘‘जब चाचा घर वापस आएंगे तो उन्हें सब बता दूंगी.’’

‘‘तुम तो मेरी सहेली हो. नहीं तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी.’’ मोना ने दिव्या को बहलाना चाहा, लेकिन दिव्या ने खुद को मोना से अलग करते हुए कहा, ‘‘तुम गंदी हो, मेरी सहेली कैसे हो सकती हो?’’

‘‘मैं कान पकड़ती हूं, अब ऐसा गंदा काम नहीं करूंगी.’’ मोना ने कान पकड़ते हुए नाटकीय अंदाज में कहा.

‘‘कसम खाओ.’’ दिव्या बोली.

‘‘मैं अपनी सहेली की कसम खा कर कहती हूं बस.’’

‘‘चलो खेलते हैं.’’ इस सब को भूल कर दिव्या के बाल मन ने कहा तो मोना ने दिव्या को अपनी बांहों में भर कर चूम लिया, ‘‘कितनी प्यारी हो तुम.’’

26 दिसंबर, 2016 की अलसुबह गांव के कुछ लोगों ने गांव के ही गजेंद्र के खेत में 14 वर्षीय दिव्या की गर्दन कटी लाश पड़ी देखी तो गांव भर में शोर मच गया. आननफानन में यह खबर दिव्या के पिता ओमप्रकाश तक भी पहुंच गई. उस के घर में कोहराम मच गया. परिवार के सभी लोग रोतेबिलखते, जिन में मोना भी थी घटनास्थल पर जा पहुंचे. बेटी की लाश देख कर दिव्या की मां का तो रोरो कर बुरा हाल हो गया. किसी ने इस घटना की सूचना थाना गोंडा पुलिस को दे दी.

सूचना मिलते ही गोंडा थानाप्रभारी सुभाष यादव पुलिस टीम के साथ गांव पींजरी के लिए रवाना हो गए. तब तक घटनास्थल पर गांव के सैकड़ों लोग एकत्र हो चुके थे. थानाप्रभारी ने भीड़ को अलग हटा कर लाश देखी. तत्पश्चात उन्होंने इस हत्या की सूचना अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी दे दी और प्रारंभिक काररवाई में लग गए.

थोड़ी देर में एसपी ग्रामीण संकल्प शर्मा और क्षेत्राधिकारी पंकज श्रीवास्तव भी पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर जा पहुंचे. लाश के मुआयने से पता चला कि दिव्या की हत्या उस खेत में नहीं की गई थी, क्योंकि लाश को वहां तक घसीट कर लाने के निशान साफ नजर आ रहे थे. मृत दिव्या के शरीर पर चाकुओं के कई घाव मौजूद थे.

जब जांच की गई तो जहां लाश पड़ी थी, वहां से 300 मीटर दूर पुलिस को डालचंद के खेत में हत्या करने के प्रमाण मिल गए. ढालचंद के खेत में लाल चूडि़यों के टुकड़े, कान का एक टौप्स, एक जोड़ी लेडीज चप्पल के साथ खून के निशान भी मिले.

जांच चल ही रही थी कि डौग एक्वायड के अलावा फोरेंसिक विभाग के प्रभारी के.के. मौर्य भी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए.

घटनास्थल से बरामद कान के टौप्स और चप्पलें मृतका दिव्या की ही थीं. जबकि लाल चूडि़यों के टुकड़े उस के नहीं थे. इस से यह बात साफ हो गई कि दिव्या की हत्या में कोई औरत भी शामिल थी. डौग टीम में आई स्निफर डौग गुड्डी लाश और हत्यास्थल को सूंघने के बाद सीधी दिव्या के घर तक जा पहुंची. इस से अंदेशा हुआ कि दिव्या की हत्या में घर का कोई व्यक्ति शामिल रहा होगा.

पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पंचनामा भर कर दिव्या की लाश को पोस्टमार्टम के लिए अलीगढ़ भिजवा दिया गया. पूछताछ में दिव्या के परिवार से किसी की दुश्मनी की बात सामने नहीं आई. अब सवाल यह था कि दिव्या की हत्या किसने और

किस मकसद के तहत की थी.

हत्या का यह मुकदमा उसी दिन थाना गोंडा में अज्ञात के खिलाफ भादंवि की धारा 302 के अंतर्गत दर्ज हो गया. पोस्टमार्टम के बाद उसी शाम दिव्या का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

दूसरे दिन थानाप्रभारी ने महिला सिपाहियों के साथ पींजरी गांव जा कर व्यापक तरीके से पूछताछ की. दिव्या की तीनों चाचियों से भी पूछताछ की गई. सुभाष यादव अपने स्तर पर पहले दिन ही दिव्या की हत्या की वजह के तथ्य जुटा चुके थे. बस मजबूत साक्ष्य हासिल कर के हत्यारों को पकड़ना बाकी था.

दिव्या की सब से छोटी चाची मोना से जब चूडि़यों के बारे में सवाल किया गया तो उस ने बताया कि वह चूड़ी नहीं पहनती, लेकिन जब तलाशी ली गई तो उस के बेड के पीछे से लाल चूडि़यां बरामद हो गईं, जो घटनास्थल पर मिले चूडि़यों के टुकड़ों से पूरी तरह मेल खा रही थीं. सुभाष यादव का इशारा पाते ही महिला पुलिस ने मोना को पकड़ कर जीप में बैठा लिया. पुलिस उसे थाने ले आई.

थाने में थानाप्रभारी सुभाष यादव को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. मोना ने हत्या का पूरा सच खुद ही बयां कर दिया. सच सामने आते ही बिना देर किए गांव जा कर मोना के प्रेमी सोनू को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

सोनू के अलावा नगला मोनी के रहने वाले मनीष को भी धर दबोचा गया. दोनों को थाने ला कर पूछताछ के बाद हवालात में डाल दिया गया. दिव्या हत्याकांड के खुलासे की सूचना एसपी ग्रामीण संकल्प शर्मा और सीओ इगलास पंकज श्रीवास्तव को दे दी गई.

दोनों अधिकारियों ने थाना गोंडा पहुंच कर थानाप्रभारी सुभाष यादव को शाबासी देने के साथ अभियुक्तों से खुद भी पूछताछ की.

पूछताछ में मोना के साथ उस के प्रेमी सोनू व उस के दोस्त ने जो कुछ बताया वह कुछ इस तरह था-

दिव्या ने सोनू को मोना के साथ शारीरिक संबंध बनाते देख लिया था. उस ने चाचा के घर लौटने पर उसे सब कुछ सचसच बता देने की बात भी कही थी. उस समय बात खत्म जरूर हो गई थी. फिर भी डर यही था कि बाल बुद्धि की दिव्या ने अगर यह बात जयकिंदर को बता दी तो उस का क्या हश्र होगा, इसी से चिंतित मोना व सोनू ने योजना बनाई कि जयकिंदर के आने से पहले दिव्या की हत्या कर दी जाए.

दिव्या हर रोज मोना के साथ ही सोती थी और अलसुबह चाची के साथ दौड़ लगाने जाती थी. कभीकभी वह दौड़ने के लिए वहीं रुक जाती थीं. जब कि मोना अकेली लौट आती थी. दिव्या को दौड़ का शौक था, ये बात घर के सभी लोग जानते थे. इसी लिए हत्या में मोना का हाथ होने की संभावना नहीं मानी जाएगी, यह सोच कर मोना ने सोनू के साथ योजना बना डाली, जिस में सोनू ने दूसरे गांव के रहने वाले अपने दोस्त मनीष को भी शामिल कर लिया.

26 दिसंबर को सोनू व मनीष पहले ही वहां पहुंच गए. मोना दिव्या को ले कर जब डालचंद के खेत के पास पहुंची तो घात में बैठे सोनू और मनीष ने दिव्या को दबोच कर चाकुओं से वार करने शुरू कर दिए. दिव्या ने बचने के लिए मोना का हाथ पकड़ा, जिस से उस के हाथ से 2 चूडि़यां टूट कर वहां गिर गईं. हत्यारे उसे खींच कर खेत में ले गए, जहां गर्दन काट कर उस की हत्या कर डाली. इसी छीनाझपटी में दिव्या के कान का एक टौप्स भी गिर गया था और चप्पलें भी पैरों से निकल गई थीं.

दिव्या की हत्या के बाद ये लोग लाश को खींचते हुए लगभग 300 मीटर दूर गजेंद्र के खेत में ले गए. इस के बाद सभी अपनेअपने घर चले गए.

हत्यारा कितना भी चतुर हो फिर भी कोई न कोई सुबूत छोड़ ही जाता है. जो पुलिस के लिए जांच की अहम कड़ी बन जाता है. ऐसा ही साक्ष्य मोना की चूडि़यां बनीं, जिस ने पूरे केस का परदाफाश कर दिया.

मैं एक लड़के को पसंद करती हूं लेकिन मेरे पहले भी 2 रिलेशनशिप रह चुके हैं, मैं क्या करूं?

जवाब

मेरी उम्र 18 वर्ष है. मैं बीकौम प्रथम वर्ष की छात्रा हूं. कालेज के तीसरे महीने में ही मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई. वह देखने में हैंडसम और पढ़ने लिखने में बहुत इंटैलिजैंट है. उस ने मुझ से मेरे बारे में पूछा तो मैं ने उसे अपनी पहचान बताते हुए यह भी बताया कि मैं पहले भी 2 बार रिलेशनशिप में रह चुकी हूं. यह जान कर वह मुझ से कटने लगा है. अब पहले की तरह बात नहीं करता.

उस की पहले कभी कोई गर्लफ्रैंड नहीं रही, शायद इसीलिए वह यह एक्सैप्ट नहीं कर पा रहा कि लड़की हो कर मैं रिलेशनशिप में कैसे रही. क्या मैं ने पहले रिलेशनशिप में आ कर गलती की? क्या मुझे उस लड़के से बात करनी चाहिए या माफी मांगनी चाहिए? मैं उसे बेहद पसंद करने लगी हूं और उस का मेरे साथ परायों जैसा व्यवहार मेरे लिए असहनीय होता जा रहा है. कृपया सुझाव दें.

जवाब

पहले तो मैं आप को यह बताना चाहूंगी कि आप ने पहले 2 बार रिलेशनशिप में आ कर कोई गलती नहीं की और इस के लिए आप को किसी भी तरह से गिल्टी फील करने की या किसी से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है. रही बात उस लड़के की तो यदि वह पहले रिलेशनशिप में नहीं आया तो इस में प्रौब्लम ही क्या है. ऐसा भी नहीं है कि आप उसे जज कर रही हों जो वह आप को दोष दे. आखिर खुद को जज करना, आप से अपनी तुलना करने वाला है भी तो वह खुद ही.

आप उस से बात करना चाहें तो करें लेकिन जिस लड़के की सोच यह हो कि लड़कियों को रिलेशनशिप में नहीं आना चाहिए या केवल एक ही रिलेशनशिप में रहना चाहिए तो ऐसा लड़का आप को डिजर्व नहीं करता. किसी का हैंडसम होना या इंटैलिजैंट होना ही सबकुछ नहीं होता, व्यक्ति की सोच अच्छी होनी भी जरूरी है. मेरा सुझाव यही है कि आप उस से बात करें. अपनी बात कौन्फिडैंस के साथ रखें, डरें नहीं, झिझकें नहीं. जब तक आप अपनी बात रखेंगी नहीं, तब तक कुछ भी क्लीयर नहीं होगा. आप की उलझन बढ़ती जाएगी और आप पसोपेश में फंसी रहेंगी.

मैं बॉयफ्रेंड बनाना चाहती हूं, क्या डेटिंग ऐप सही रहेगा?

सवाल

मैं वर्किंग गर्ल हूं. कालेज टाइम में कोई बौयफ्रैंड नहीं बनाया. ऐसा नहीं था कि किसी लड़के ने मुझ में इंटरैस्ट नहीं दिखाया, बस, मैं ने ही अपने कदम आगे नहीं बढ़ाए. बौयफ्रैंड बनाना, उस के साथ घूमनाफिरना, उस से मिलने के लिए घरवालों से  झूठ बोलना, पढ़ाई में मन न लगाना इन सब वजहों के कारण मैं ने बौयफ्रैंड नहीं बनाया. अब लगता है मैं ने गलती की. लाइफ में कुछ कमी सी लगती है. मुझे पता है कि घरवाले एक-दो साल में मेरी शादी कर देंगे लेकिन मैं अरैंज्ड मैरिज नहीं करना चाहती. मैं अब बौयफ्रैंड बनाना चाहती हूं और फिर उसी से शादी करना भी. क्या डेटिंग ऐप से बौयफ्रैंड बनाना सही रहेगा?

जवाब

बौयफ्रैंड बनाना आसान है लेकिन एक सच्चा बौयफ्रैंड जो जिंदगीभर आप का साथ दे, जरा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं. और फिर आप ने सोच ही लिया है तो आप को सच्चा प्यार हासिल होगा. बस, सतर्क व सजग तरीके से खोजना शुरू कर दें. कैसे? हम बताते हैं.

सब से पहले कैसा लड़का आप चाहती हैं. उस में क्या क्वालिटीज हों, उस की चैकलिस्ट बना लें. आप जिस तरह के लड़के को चाहती हैं, चुनाव करते समय उस बात का खास ध्यान रखें. रिलेशनशिप में यह बहुत जरूरी है.

अब सवाल उठता है कि लड़का कहां ढूंढ़ आप की बातों से जाहिर होता है कि आप के आसपास ऐसा कोई नहीं है जिसे बौयफ्रैंड बनाएं, तो आप के पास औप्शन बचता है औनलाइन दोस्ती का जोकि आजकल प्रचलन में है. इस में आप अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अपनी पूरी जानकारी लिख सकती हैं. इस के बाद लड़कों को सर्च कर सकती हैं. कोई अच्छा लड़का लगे, तो उसे फ्रैंड रिक्वैस्ट भेज सकती हैं. इंटरनैट पर फेक प्रोफाइल बहुत चल रही हैं, इसलिए पूरी सतर्कता की जरूरत है. यदि किसी लड़के को ले कर सीरियस हैं तो चैटिंग करने के बाद वीडियोकौल जरूर कर लें. वीडियोकौल पर कुछ दिन बात करें, उस की पसंदनापसंद जानें.

हां, इस बात का ध्यान रखें कि बौयफ्रैंड आप के लिए शहर का हो और उस का घर आप के घर से ज्यादा दूर न हो. वरना आप दोनों को मिलने में काफी समय लग सकता है.

जैसा कि आप ने पूछा, डेटिंग ऐप से आप बीएफ ढूंढ़ सकती हैं. तो, इस में कोई हर्ज नहीं है. आजकल टिंडर जैसे डेटिंग ऐप पौपुलर हैं. आप प्लेस्टोर से इन्हें डाउनलोड कर सकती हैं. काफी सारे लड़कों की प्रोफाइल मिल जाएंगी.

बाकी सब आप की समझदारी पर निर्भर करता है कि आप यह सब कैसे हैंडल करती हैं. बाजार में मोती तो बहुत मिलते हैं लेकिन सच्चे मोती की आप को पहचान होनी चाहिए.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem
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