मैं एक लड़की से प्यार करता हूं और मुझे इस बात का एहसास तब नहीं हुआ जब वह मेरी दोस्त थी, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं एक लड़की से प्यार करता हूं. मुझे इस बात का एहसास तब नहीं हुआ जब वह मेरी दोस्त थी. अब वह और मैं दोस्त नहीं हैं. अब हम एकदूसरे से बात भी नहीं करते. हम कुछ समय पहले अच्छे दोस्त थे. कोचिंग में साथ बैठते और साथ घूमतेफिरते थे. एक दिन बातोंबातों में उस ने बताया कि वह मुझ से प्यार करने लगी है. मैं रैडी नहीं था.

मैं समझ नहीं पाया था कुछ. जब मैंने उसे बताया कि मैं ऐसा कुछ फील नहीं करता तो उस ने कहा था कि उसे यह सब जान कर तकलीफ हुई है. मैं तब भी कुछ सम झ नहीं पाया. वह मुझ से नजरें चुराने लगी और हमारा बात करना भी कम होता गया. वह अब मेरे साथ नहीं बैठती, न ही बात करती है. मैं उसे वापस कैसे पाऊं?

जवाब-

अगर आप को लगता है कि अब भी उस के मन में आप के लिए फीलिंग्स हैं तो देर मत कीजिए. उस के पास जाइए और अपने मन की बात कह दीजिए. वह आप से अब भी प्यार करती होगी तो आप की फीलिंग्स जान कर खुशी से भर जाएगी. आप दोनों के बीच की यह दूरी  झट खत्म हो जाएगी. बस, अपने मन की बात कहने में  झिझकिए मत.

प्यार जब एकतरफा हो तो तकलीफ देता है लेकिन अगर दोतरफा हो और तब भी आप एकसाथ न हों तो इस से बुरा भला क्या होगा. आप एक बार उसे तकलीफ दे चुके हैं जिस से हो सकता है वह अब तक न उबरी हो. अब आप के पास सबकुछ ठीक करने का मौका है तो उसे यों सोचते रहने में जाया मत कीजिए.

पसीने की बदबू से मैं बहुत परेशान हूं, क्या करूं?

सवाल-

पसीने की बदबू से मैं बहुत परेशान हूं. सुझाव दीजिए?

जवाब-

पसीना आने की कई वजह हो सकती हैं, जैसे रोजाना न नहाना, अंदरूनी कपड़े न बदलना, फंगस द्वारा चमड़ी का संक्रमण, डाइबिटीज की कुछ दवाओं का सेवन वगैरह.

रोजाना ताजा पानी से नहाएं, साफसुथरे कपड़े पहनें, पसीने को बदन पर ज्यादा देर तक रिसने न दें और खाली पेट व खाने के 2 घंटे बाद शुगर की जांच कराएं

पसीने की बदबू को कहें बाय-बाय

गरमी के मौसम में त्वचा से जुड़ी परेशानियां खूब होती है. गर्मी की वजह से बहने वाला पसीने की भी बदबू से आप परेशान रहती हैं. कई बार अंडरआर्म, पांवों, हथेली में पसीने की बदबू से आपको शर्मिदगी भी महसूस होती है. यह पसीना आपके शरीर में फंगल इन्फेक्शन भी पैदा करता है.

ऐसे में आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आप अपनाकर पसीने की बदबू को बाय-बाय कर सकती हैं.

आलू

पसीने की बदबू वाले शरीर के हिस्सों पर कच्चे आलू के स्लाइस रगड़ने से भी पसीने की बदबू से छुटकारा मिलता है. नहाने के टब के पानी में फिटकरी और पुदीने की पत्तियों को डालकर नहाने से भी शरीर में ठंडक और ताजगी का अहसास होता है और पसीने समस्या से छुटकारा मिलता है.

बेकिंग सोडा

बेंकिंग सोडा पसीने की बदबू को रोकने में अहम भूमिका अदा करता है. बेंकिग सोडा, पानी और नींबू रस को मिलाकर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को अंडर आर्म्स में 10 मिनट तक लगाकर ताजे पानी से धो डालें. इससे पसीने की बदबू को रोकने में मदद मिलेगी. बेंकिग सोडा और टैलकम पाउडर का मिश्रण बना कर इसे अंडर आर्म्स और पांवों पर 10 मिनट तक लगाने के बाद ताजे पानी से धो डालिए. इससे पसीने की समस्या से निजात मिलेगी.

गुलाब जल

नहाने के पानी के टब में गुलाब जल मिलाने से कोमलता मिलती है. दो बूंद ट्री आयल और दो चम्मच गुलाबजल मिलाकर इस मिश्रण को काटनवूल की मदद से अंडरआर्म्स में लगाने से पसीने की समस्या से निजात मिलती है. बालों से पसीने की बदबू को रोकने के लिए एक कप पानी में गुलाब जल और नींबू रस को मिलाकर बालों को धोने से पसीने की बदबू खत्म हो जाएगी.

हमारे बीच पति-पत्नी का जो रिश्ता होना चाहिए वो नहीं है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 35 वर्षीया विवाहित महिला हूं. मेरे 2 बच्चे हैं, बेटी 14 वर्ष की और बेटा 7 वर्ष का है. पति की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी है. वे अच्छा कमाते हैं परंतु कंजूस हैं. बच्चों को कहीं खाना खिलाने या घुमाने नहीं ले जाते, कहीं खिलाने का प्लान बने भी तो घर पर ही उन्हें सब खिला कर ले कर जाते हैं ताकि बाहर जाएं तो पेट भरा होने पर कुछ खाएं नहीं.

दिक्कत यह है कि मेरे साथ उन का बरताव ऐसा है कि वे मेरी और बच्चों की जरूरतें पूरी कर रहे हैं. लेकिन पतिपत्नी का जो रिश्ता होना चाहिए, इमोशनल और समझदारी का, वह हमारा नहीं है. मैं इस रिश्ते से खुश नहीं हूं. क्या मेरी जिंदगी ऐसी ही चलेगी. कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूं?

जवाब-

35 वर्ष की उम्र समझौता कर जीने के लिए बहुत छोटी है. आप के सामने आप के बच्चे हैं जिन के प्रति आप की कुछ जिम्मेदारियां हैं. आप पहले पूरी ईमानदारी से इन जिम्मेदारियों को निभाएं. आप का कहना है कि बच्चों की जरूरतें और आप की जरूरतें वे पूरी कर रहे हैं. यह अच्छी बात है.

पर आप दोनों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं, इस का कारण जानने की कोशिश करें. हमेशा पत्नी ही सही हो, जरूरी नहीं. आप पहले अपनी कमियों को ढूंढ़ने का प्रयास करें कि आखिर क्यों वे आप से कटेकटे रहते हैं. खुशनुमा माहौल रखने के लिए आप को उन्हें खुश रखना पड़ेगा. घर में भी आप बनठन कर रहें. कभीकभी पति को छेड़ें और सैक्स में अरुचि न दिखाएं.

उन के मतलब की बातचीत करतेकरते आप अपनी समस्या को उन के सामने रखें और बातों को सीरियस न बनाएं. उन्हें प्यार से समझाने का प्रयास करें. उन्हें बताएं कि इस का असर बच्चों पर पड़ सकता है. आप की समस्या का समाधान आपसी बातचीत से ही हो सकता है. वैसे कंजूसी बुरी आदत नहीं, फुजूलखर्ची है. कंजूस तो पैसा अपने बच्चों के लिए जोड़ कर जाता है जिस पर बाद में बच्चे गर्व करते हैं.

मुझे अपनी पत्नी से बातें करने या उस की बातें सुनने में दिलचस्पी नहीं रही, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 30 वर्षीय पुरुष हूं. मेरी शादी 22 वर्ष में ही हो गई थी. मेरे 2 बच्चे हैं जो अभी छोटे हैं. मेरी पत्नी गृहिणी है और घर में ही उस की जिंदगी बंधी हुई है. मैं एक मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी करता हूं. अपनी सोच और समझ से मेल खाती लड़कियों के बीच रहता हूं. ऐसा नहीं है कि मेरी पत्नी अच्छी नहीं है या मैं उस से प्यार नहीं करता, लेकिन मैं उस से ऊबने लगा हूं. मुझे उस का आलिंगन पसंद है, परंतु मुझे उस से बातें करने या उस की बातें सुनने में दिलचस्पी नहीं रही.

मैं ने उसे प्रत्यक्ष रूप से कह दिया है कि वह गंवार है, पर मुझे यह कहना अच्छा नहीं लगा. अब वह दुखी रहने लगी है. मैं समझ नहीं पा रहा कि उस की खुशी उसे कैसे वापस दूं?

जवाब-

आप की बातें सुन कर यह तो स्पष्ट है कि आप अपनी पत्नी की, अपनी सहकर्मियों से तुलना कर रहे हैं, जो सही नहीं है. आप की पत्नी का अपना एक अस्तित्व है जो अपनेआप में विशेष है. आप का उन्हें गंवार कहना किसी भी पृष्ठभूमि पर सही नहीं बैठता. वे आप से यदि आप की सहकर्मियों की तरह या आप की नजर में जो समझदारी की बातें हैं, नहीं करतीं तो इस का स्पष्ट कारण है कि वे उस माहौल में नहीं रहतीं जिन में आप या आप की सहकर्मी रहती हैं.

वे आप के 2 बच्चों को संभालती हैं, पूरे घर की देखरेख करती हैं और यहां तक कि आप का खयाल भी रखती हैं जबकि बदले में आप उन्हें गंवार की संज्ञा दे रहे हैं. आप उन्हें प्यार से यदि यह कहते कि वे भी सुबह अखबार पढ़ें, बाहर घूमेंफिरें, नए लोगों से मिलें और मौडर्न रहें तो शायद वे आप की अपेक्षाओं पर खरी उतरतीं.

अब आप के पास माफी मांगने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. आप उन्हें यकीन दिलाएं कि आप अपने किए पर शर्मिंदा हैं और एक नई शुरुआत करना चाहते हैं. अपनी पत्नी के साथ घूमेंफिरें, उन्हें समय दें. उन्हें नईनई पत्रिकाएं और किताबें ला कर दें और साथ बैठ कर अच्छी फिल्में देखें. इस सब के बाद वे आप की मौडर्न सोच वाली सहेलियों से आप को बेहतर लगेंगी. फिर धीरेधीरे सबकुछ सामान्य होने लगेगा.

कोर्ट मैरिज के लिए किन किन डौक्यूमैंट्स की आवश्यकता होती है?

सवाल
मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. यह बात हम दोनों के घर वालों को मालूम है. हम शादी करना चाहते हैं. मेरे घर वालों की सहमति है, पर लड़के के माता पिता इस रिश्ते के लिए राजी नहीं हैं. इसीलिए हम दोनों ने कोर्ट मैरिज करने का फैसला किया है. जानना चाहती हूं कि इस के लिए किन किन डौक्यूमैंट्स की आवश्यकता होती है?

जवाब

आप ने स्पष्ट नहीं किया कि लड़के के माता पिता इस रिश्ते के खिलाफ क्यों हैं? यदि लड़के में कोई ऐब नहीं है, उस के माता पिता के एतराज के पीछे कोई ठोस वजह नहीं है और आप इस रिश्ते के प्रति पूरी तरह गंभीर हैं, खासकर लड़का, तभी विवाह का फैसला लें.

भरसक प्रयत्न करें कि घर वालों को राजी कर लिया जाए. परिवार के किसी सदस्य, रिश्तेदार या किसी पारिवारिक मित्र से उन पर दबाव बनवाया जा सकता है.

यदि वे किसी भी तरह विवाह के लिए तैयार नहीं होते तभी कोर्ट मैरिज के विषय में सोचें. इस के लिए आप दोनों को जन्म प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. इन के अलावा दोनों की ओर से 2-2 गवाहों की दरकार होगी.

मैं अपने दोस्त की बहन को पसंद करता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 22 साल का हूं. एक लड़की मुझे पसंद करती है. लेकिन उस के भाई से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है. अगर उसे पता चला तो हमारी दोस्ती में दरार भी आ सकती है. मुझे उचित राय दें?

जवाब

अगर आप दोनों एकदूसरे से?प्यार करते हैं तो कोई समस्या नहीं है. दोस्त की बहन से प्यार हो जाना कोई गुनाह नहीं?है. बेहतर होगा कि आप उस के घर के बड़ों को भरोसे में ले कर बात करें और दोस्त को भी सच बता दें. अगर वह समझदार होगा तो दोस्ती में दरार नहीं आएगी, बल्कि इस के रिश्तेदारी में तबदील होने की उम्मीद बढ़ जाएगी. और भी बेहतर होगा कि आप बात उजागर करने से पहले कुछ बन कर दिखाएं.

क्या आप भी अनचाहे सेक्स की शिकार हैं

दिन ब दिन बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी होती जा रही है. इस के कई कारण हैं, जिन में एक है मानसिक हिंसा की प्रवृत्ति का बढ़ना. बलात्कार शब्द से एक लड़की या युवती पर जबरदस्ती झपटने वाले लोगों के लिए हिंसात्मक छवि उभर कर सामने आती है. इस घृणित कार्य के लिए कड़े दंड का भी प्रावधान है. मगर बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि वैवाहिक जिंदगी में भी बलात्कार वर्जित है और इस के लिए भी दंड दिया जाता है. मगर इसे बलात्कार की जगह एक नए शब्द से संबोधित किया जाता है और वह शब्द है अनचाहा सेक्स संबंध.

आज अनचाहे सेक्स संबंधों की संख्या बढ़ गई है. समाज जाग्रत हो चुका है और अपने शरीर या आत्मसम्मान पर किसी भी तरह का दबाव कोई बरदाश्त नहीं करना चाहता है. इस विषय पर हम ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से बातचीत भी की और जानने की कोशिश की कि आखिर क्या है यह अनचाहा सेक्स संबंध?

डा. अनुराधा परब, जो एक प्रसिद्ध समाजशास्त्री हैं, बताती हैं, ‘‘बलात्कार और अनचाहे सेक्स में बहुत महीन सा फर्क है. बलात्कार अनजाने लोगों के बीच हुआ करता है और एक पक्ष इस का सशरीर पूर्ण विरोध करता है. अनचाहा सेक्स परिचितों के बीच होता है और इस में एक पक्ष मानसिक रूप से न चाह कर भी शारीरिक रूप से पूर्णत: विरोध नहीं करता है. सामान्यत: यही फर्क होता है. मगर गहराई से जाना जाए तो बहुत ही सघन भेद होता है. ‘‘अनचाहा सेक्स ज्यादातर पतिपत्नी के बीच हुआ करता है और आजकल प्रेमीप्रेमिका भी इस संबंध की चपेट में आ गए हैं. आधुनिक युग में शारीरिक संबंध बनाना एक आम बात भले ही हो गई हो, फिर भी महिलाएं इस से अभी भी परहेज करती हैं. कारण चाहे गर्भवती हो जाने का डर हो या मानसिक रूप से समर्पण न कर पाने का स्वभाव, मगर अनचाहे सेक्स संबंध की प्रताड़नाएं सब से ज्यादा महिलाओं को ही झेलनी पड़ती हैं.’’

वजह वर्कलोड

एक एडवरटाइजिंग कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत पारुल श्रीनिवासन, जिन का विवाह 6 साल पहले हुआ था, एक चौंका देने वाला सत्य सामने लाती हैं. वह बताती हैं, ‘‘मैं अपने पति को बेहद प्यार करती हूं. उन के साथ आउटिंग पर भी अकसर जाती रहती हूं, मगर सेक्स संबंधों में बहुत रेगुलर नहीं हूं. इस का कारण जो भी हो, मगर मुझे ऐसा लगता है कि इस का मुख्य कारण है, हम दोनों का वर्किंग  होना. शुरूशुरू में 1 महीना हम दोनों छुट्टियां ले कर हनीमून के लिए हांगकांग और मलयेशिया गए थे. वहां से आने के बाद अपनेअपने कामों में व्यस्त हो गए. रात को बेड पर जाने के बाद सेक्स संबंध बनाने की इच्छा न तो मुझे रहती है, न मेरे पति को. पति कभी आगे बढ़ते भी हैं तो मैं टालने की पूरी कोशिश करती हूं.’’

कारण की तह तक पहुंचने पर पता चला कि शुरूशुरू के दिनों में पति सेक्स संबंध बनाना चाहता था. मगर पारुल को अपनी मार्केटिंग का वर्कलोड इतना रहता था कि वह उसी में खोई रहती थी. पति के समक्ष अपना शरीर तो समर्पित कर देती थी, मगर मन कहीं और भटकता रहता था. पति को यह प्रक्रिया बलात्कार सी लगती. कई बार समझाने, मनाने की कोशिश भी उस ने की. मगर पारुल हमेशा यही कहती कि आज मूड नहीं बन रहा है. और एक दिन पारुल ने खुल कर कह ही दिया कि वह यदि सेक्स संबंधों में रत होती भी है तो बिना मन और इच्छा के. वह अनचाहा सेक्स संबंध जी रही है. पति को यह बुरा लगा और धीरेधीरे सेक्स के प्रति उसे भी अरुचि होती चली गई.

भयमुक्त करना जरूरी

ऐसी कई पत्नियां हैं, जो अनचाहा सेक्स संबंध बनाने पर विवश हो जाती हैं. मगर तबस्सुम खानम की कहानी कुछ और ही है.  26 वर्षीय तबस्सुम एक टीचर हैं, उन के पति उन से 12 साल बड़े हैं. उन की एक दुकान है. वह बताती हैं, ‘‘जब मैं किशोरी थी, तभी से मुझे सेक्स संबंधों के प्रति भय बना हुआ था. सहेलियों से इस को ले कर सेक्स अनुभव की बातें करती थीं और मुझे सुन कर डर सा लगता था. मैं सहेलियों से कहती थी कि मैं तो अपने शौहर से कहूंगी कि बस मेरे गले लग कर मेरे पहलू में सोए रहें. इस से आगे मैं उन्हें बढ़ने ही नहीं दूंगी. सभी सहेलियां खूब हंसती थीं. जब मेरी शादी हुई तो शौहर हालांकि बड़े समझदार हैं, मगर शारीरिक उत्तेजना की बात करें तो खुद पर संयम नहीं रख पाते हैं.’’

थोड़ा झिझकती हुई, थोड़ा शरमाती हुई तबस्सुम बताती हैं, ‘‘मेरे पति ने मेरे लाख समझाने पर भी सुहागरात के दिन ही मुझे अपनी मीठीमीठी बातों में बहला लिया. उन का यह सिलसिला महीनों चलता रहा, मुझे आनंद का अनुभव तो होता, मगर भय ज्यादा लगता था. मेरा भय बढ़ता गया. जब भी रात होती, मेरे पति बेडरूम में प्रवेश करते, मैं डर से कांप उठती थी. हालांकि मेरे पति के द्वारा कोई भी अमानवीय हरकत कभी नहीं होती. काफी प्यार और भावुकता से वे फोरप्ले करते हुए, आगे बढ़ते थे. मगर मेरे मन में जो डर समाया था, वह निकलता ही न था. 3 महीनों के बाद जब मैं गर्भवती हो गई तो डाक्टर ने हम दोनों के अगले 2 महीनों तक शारीरिक संबंध बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. मुझे तो ऐसा लगाजैसे एक नया जीवन मिल गया. मेरा बेटा हुआ. इस बीच मैं ने धीरेधीरे पति को अपने डर की बात बता दी और वे भी समझ गए. मेरे पति ने भी परिपक्वता दिखाई और मुझ से दूर रह कर मुझे धीरेधीरे समझाने लगे. वे सेक्स संबंधों को स्वाभाविक और जीवन का एक अंश बताते. अंतत: उन्होंने मेरे मन से भय निकाल ही दिया.’’

इच्छा अनिच्छा का खयाल

विनोद कामलानी, जो एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक हैं, अपना क्लीनिक चलाते हैं, बताते हैं, ‘‘तबस्सुम के मन में बैठा हुआ सेक्स का डर था. बहुत सी लड़कियां इस भय से भयातुर हुआ करती हैं. मगर बहुत कम पति ऐसे होते हैं, जो धीरेधीरे इस भय को निकालते हैं. ऐसे कई केस मेरे पास आते हैं. पुरुषों के भी होते हैं, मगर अनचाहे सेक्स की शिकार ज्यादातर महिलाएं ही हुआ करती हैं.’’ डा. कामलानी के ही एक मरीज तरुण पटवर्धन ने बताया कि उन की शादी को 3 साल हो गए हैं, मगर आज तक उन्होंने अनचाहा सेक्स संबंध ही जीया है.

तरुण के अनुसार, विवाहपूर्व उन का प्रेम अपने पड़ोस की एक लड़की से था. किसी कारणवश शादी नहीं हो पाई, मगर प्रेम अभी भी बरकरार है. उस लड़की ने तरुण की याद में आजीवन कुंआरी रहने की शपथ भी ले रखी है. यही कारण है कि जब भी तरुण अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने की पहल करते हैं, उन की प्रेमिका का चेहरा सामने आ जाता है. उन्हें एक ‘गिल्ट’ महसूस होता है और वे शांत हो कर लेट जाते हैं. वे अपनी पत्नी से यह सब कहना भी नहीं चाहते हैं वरना उस के आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी. चूंकि उन की पत्नी तरुण को सेक्स प्रक्रिया बनाने में अयोग्य न समझे, उन्हें अपनी पत्नी के साथ सेक्स संबंध बनाना पड़ता है. वे सेक्स संबंध बिना मन, बिना रुचि के बनाते हैं और इस तरह वे अनचाहा सेक्स संबंध ही जी रहे हैं.

एक सर्वे के अनुसार, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम की होड़ और आगे निकलने की चाह ने इनसान को मशीन बना दिया है. पैसा कमाना ही एक मात्र ध्येय बन चुका है. ऐसी भागदौड़ में इनसान सेक्स संबंधों के प्रति इंसाफ नहीं कर पाता है और बिना मन और बिना प्रोपर फोरप्ले के बने हुए सेक्स संबंध, मन में सेक्स के प्रति अरुचि पैदा कर देते हैं. यहीं से शुरुआत होती है अनचाहे सेक्स संबंधों की. अपने पार्टनर की खुशी के लिए संबंध बनाना कभीकभी विवशता भी होती है. अंतत: यही संबंध ऊब का रूप धारण कर लेते हैं या पार्टनर बदलने की चाह मन में उठती है. यद्यपि यह अनचाहा सेक्स पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहा है, भारत भी इस से अछूता नहीं है, परंतु यहां का अनुपात अन्य देशों के मुकाबले नगण्य है.

मेरा बॉयफ्रेंड मुझसे 5 साल बड़ा है, क्या इस वजह से सेक्स संबंध में कोई परेशानी आ सकती है?

सवाल
मैं 26 साल की हूं और मेरा बौयफ्रैंड मुझसे 5 साल बड़ा है. क्या इस वजह से सैक्स संबंध में कोई परेशानी आ सकती है? मैं उस से सैक्स करना चाहती हूं पर कभीकभी लगता है कि वह मेरा साथ नहीं दे पाता, क्योंकि एक बार जब देर तक फोरप्ले करने के बाद वह अपना पैनिस इंसर्ट करने की कोशिश कर रहा था तो बारबार की कोशिशों के बावजूद वह कामयाब नहीं हो पा रहा था. क्या उसे कोई परेशानी है? कृपया सलाह दें?

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जवाब
आप के पार्टनर की उम्र इतनी भी नहीं है कि वह सैक्स करने में सक्षम नहीं हो. सच तो यह है कि अगर उचित आहार संबंधी निर्देशों का पालन करें और नियमित व्यायाम की आदत डालें तो सैक्स का आनंद लंबी आयु तक किया जा सकता है.
ऐसा आमतौर पर सैक्सुअल इंटरकोर्स की जानकारी के अभाव में होता है. हो सकता है हड़बड़ी में अथवा किसी भय की वजह से वह सैक्स संबंध बनाने में नाकामयाब रहा हो. सैक्स आराम से निबटाने वाली प्रक्रिया है, जिस में दोनों का ही मन शांत हो और वातावरण भी शांत हो.
बेहतर होगा कि सैक्स से पहले आप दोनों फोरप्ले का आनंद लें. जब साथी पूरी तरह सैक्स के लिए तैयार हो जाए तभी पैनिस इंसर्ट करने को कहें. यकीनन, आप दोनों को ही इस में चरमसुख मिलेगा. पर ध्यान रहे, पुरुष साथी से इस दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने को जरूर कहें.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरी पत्नी बड़ी झगड़ालू और जिद्दी है, रात को जब संबंध बनाने की कोशिश करता हूं तो झगड़ने लगती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 39 साल है, जबकि मेरी पत्नी 31 साल की है. हमारी शादी को 8 साल हो गए हैं. हमारे 2 बच्चे हैं. मैं कान से सुन नहीं सकता हूं, लेकिन एक अच्छे सरकारी पद पर हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरी पत्नी बड़ी झगड़ालू और जिद्दी है. अब वह मेरे साथ संबंध भी नहीं बनाती है. रात को कोशिश करता हूं तो झगड़ने लगती है. कभीकभार मेरे पास आती भी है तो बेमन से. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

शादी के 8 साल बाद भी आप अपनी पत्नी का स्वभाव समझ नहीं पाए हैं जो वह अब आप को जिद्दी और झगड़ालू नजर आने लगी है. इसे केवल सैक्स से जोड़ कर न देखें. इस उम्र और हालत में औरतें चिड़चिड़ी हो ही जाती हैं, इसलिए आप जिंदगी में नयापन लाएं, परिवार समेत कुछ दिनों के लिए बाहर घूमने जाएं.

सैक्स से औरतों का मन इसलिए भी उचटने लगता है क्योंकि उन्हें काम बहुत करना पड़ता है और बच्चों पर भी ध्यान देना पड़ता है.

कान की परेशानी कोई अहम नहीं है, इसे दरकिनार कर दें. आप की असल परेशानी पत्नी का पहले की तरह सैक्स में दिलचस्पी का न होना है. इसे आप ही अपनी समझदारी, सब्र और कोशिशों से दूर कर सकते?हैं. चिंता, तनाव और कलह से तो बात और बिगड़ती जाएगी.

83 साल की उम्र में भी मेरी सेक्स की इच्छा कम नहीं हो रही, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 83 वर्षीय वृद्ध हूं. पत्नी की उम्र 75 वर्ष है. बच्चे भी पोते पोतियों वाले हो गए हैं. मैंने करीब 35-40 साल पहले अपना नसबंदी औपरेशन कराया था. न तो उस से और न ही इतनी उम्र हो जाने पर मेरी, बल्कि कहना चाहिए हम दोनों की कामुकता में कोई अंतर आया है. हम अब भी महीने में 2-3 बार सैक्स करते हैं. प्राय: इस उम्र तक आते आते लोगों की सैक्स के प्रति विरक्ति हो जाती है. हमारी क्यों नहीं हो रही?

जवाब

कामेच्छा की कोई तय सीमा नहीं होती, न ही कोई मानदंड होता है. यह व्यक्ति विशेष की सामर्थ्य और इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है. जहां तक नसबंदी औपरेशन की बात है, उस का भी इस पर दुष्प्रभाव नहीं होता. आप इस उम्र में भी अपनी सैक्स लाइफ का आनंद ले रहे हैं, तो यह अच्छी बात है.

वैसे सेक्स भी अपनेआप में बेहतरीन कसरत है. अन्य फायदों के अलावा इस से मांसपेशियों सुगठित रहती हैं, ब्लड प्रेशर सामान्य और अतिरिक्त फैट कम हो जाता है. गौरतलब है कि पुरुष के गुप्तांग में जोश स्पंजी टिश्यू के छिद्रों में खून के बहाव से आता है. अगर आप के जिस्म पर 1 किलो अतिरिक्त फैट है तो रक्त को 22 मील और ज्यादा सरकुलेट होना पड़ता है. अगर व्यक्ति बहुत मोटा है तो फैट उस के सामान्य सरकुलेशन को और कमजोर कर देता है और खास मौके पर इतना रक्त उपलब्ध नहीं होता कि पूरी तरह से जोश में आ जाए.

दरअसल, खानेपीने का तरीका सामान्य सेहत को ही नहीं सेक्स जीवन को भी प्रभावित करता है. इस में कोई दोराय नहीं कि पतिपत्नी क्योंकि एक ही छत के नीचे रहते हैं इसलिए खाना भी एक सा ही खाते हैं. अगर किसी दंपती के खाने में विटामिन ‘बी’ की कमी है तो इस का उन के जीवन पर जटिल प्रभाव पडे़गा. इस की वजह से पत्नी में अतिरिक्त एस्ट्रोजन (महिला सेक्स हारमोन) आ जाएंगे और उस की सेक्स इच्छाएं बढ़ जाएंगी जबकि पति में इस का उलटा असर होता है. एस्टो्रजन के बढ़ने से उस के एंड्रोजन (पुरुष सेक्स हारमोन) में कमी आ जाती है.

अच्छे, स्वस्थ और लंबे जीवन के लिए 50 के बाद भी सेक्स उतना ही आवश्यक है जितना कि उस से पहले. लेकिन उसे बेहतर बनाए रखने के लिए अपने नजरिए में बदलाव लाना भी जरूरी है और अगर कोई समस्या है तो मनोवैज्ञानिक और डाक्टर से खुल कर बात करने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए.

मेरी शादी 8 महीने पहले हुई है लेकिन मैं अपने पति को जरा भी पसंद नहीं करती, क्या करूं?

सवाल

मै 28 साल की हूं. मेरी शादी 8 महीने पहले हुई है. मैं अपने पति को जरा भी पसंद नहीं करती. हालांकि वे उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और स्वभाव से भी सरल हैं. मैं मुंबई स्थित एक मल्टीनैशनल कंपनी में जौब करती हूं. मुंबई में रहते हुए ही पिछले 4 सालों से अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में रही. हम लोग एक ही फ्लैट में साथ रहते थे. बौयफ्रैंड बंगाल का रहने वाला है जबकि मैं उत्तराखंड की रहने वाली हूं.

हमारे रिश्ते के बारे में मेरे पेरैंट्स को भी जानकारी थी पर उन्हें यह रिश्ता पसंद नहीं था. बौयफ्रैंड शादी करने के लिए तैयार था. उस के घर वालों को भी कोई आपत्ति नहीं थी. पर मेरे घर वाले जिद कर मुझे एक बार साथ ले गए और शादी का दबाव बनाने लगे. इस दौरान उन्होंने मुझे राजी करने के लिए जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय भी दिखाया. मैं फिर भी नहीं मान रही थी. फिर एक दिन मेरी मम्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की. उन्हें अस्पताल में भरती कराने तक की नौबत आ गई. घरपरिवार, मामामामी और यहां तक कि मेरी एक टीचर, जिन्हें मैं बेहद सम्मान देती थी, से मुझ पर दबाव बनवाया जाने लगा. मैं टूट गई और शादी के लिए हां कर दी. पति सुलझे हुए खयाल के लगे. मैं उन के साथ देहरादून भी गई, जहां उन की पोस्टिंग थी.

पर रातदिन बौयफ्रैंड की यादों में ही खोई रहती. नौकरी का हवाला दे कर बाद में मैं मुंबई आ गई और फिर से बौयफ्रैंड के साथ रहने लगी. बौयफ्रैंड बहुत रोया और पति से तलाक लेने की बात पर जोर देता रहा. मैं ने उसे बताया कि मैं पति से सैक्स संबंध बना चुकी हूं, बावजूद इस के वह कह रहा है कि उसे कोई ऐतराज नहीं है और वह मुझे ताउम्र प्यार करता रहेगा. उस के दबाव पर मैं ने एक दिन पति को फोन पर सब सचसच बता दिया. वे कुछ पल तो चुप रहे, फिर कहा कि तुम्हारी अपनी जिंदगी है. तुम जिस के साथ रहना चाहो रहो.

पर मैं तुम्हें तलाक नहीं दूंगा और तुम मेरे पास खुद लौट कर आओ इस का इंतजार करूंगा. मैं ने पति को बहुत समझाने की कोशिश की पर वे नहीं माने और कहते रहे कि तुम नहीं तो कोई नहीं. इधर बौयफ्रैंड से दूर जाने की बात सुनते ही वह परेशान हो जाता है और किसी कीमत पर साथ न छोड़ने की जिद पर अड़ा हुआ है. मैं बहुत उलझन में हूं. समझ नहीं आ रहा क्या करूं. कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप अपने घर वालों की इमोशनल ब्लैकमेलिंग की शिकार हुईं, इस में कोई शक नहीं. जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय दिखा कर उन्होंने आप को मजबूरन शादी करने के लिए राजी किया, यह उन की गलती थी. दूसरी तरफ, अगर आप अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में इतना आगे निकल चुकी थीं

तो आप को भी यह शादी नहीं करनी चाहिए थी. आप और आप का बौयफ्रैंड दोनों अपने पैरों पर खड़े थे और बालिग थे. घर वाले नहीं मान रहे थे तो आप कोर्ट मैरिज कर सकती थीं. देरसबेर वे इस रिश्ते को अपना ही लेते. अब जबकि आप की शादी हो गई है और जैसाकि आप ने बताया कि आप के पति सुलझे हुए इंसान हैं तो आप को अपने पति के साथ ही रहना चाहिए. वर्तमान में बौयफ्रैंड के साथ का रिश्ता अब नाजायज माना जाएगा. बेहतर होता कि बौयफ्रैंड के साथ रिश्ते की बात आप अपने पति से नहीं कहतीं और सब भूल कर नए जीवन की बेहतर तरीके से शुरुआत करतीं. अब जबकि आप ने अपने पति को सब सचसच बता ही दिया है और इस के बावजूद वे आप का साथ देने को तैयार हैं तो जाहिर है वे वाकई सुलझे हुए इंसान हैं जो विवाहरूपी संस्था को कमजोर नहीं होने देना चाहते. तलाक के बाद उन पर भी उंगलियां उठेंगी, यह वे जानते होंगे.

पति अच्छा कमाते हैं, उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और आप को दिल से अपना रहे हैं तो बेहतर होगा आप अपने पति के पास लौट जाएं और इस अवैध रिश्ते पर विराम लगा दें.

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