बढ़ती उम्र में सेक्स

इंसान की जिंदगी में सेक्स का बड़ा महत्त्वपूर्ण स्थान होता है. मगर 46-48 वर्ष के बाद या इस उम्र के दहलीज पर पहुंचतेपहुंचते आदमी और औरत दोनों में सेक्स का आवेग उदासीन होने लगता है. उम्र के इस पड़ाव पर यह दीये में पड़ी बाती की बुझती हुई लौ के समान होता है. सेक्स की इच्छा तो हर इंसान को ताउम्र होती है मगर इस रसगर्भित आनंद में मन का साथ तन नहीं दे पाता है. अकसर पुरुष या स्त्री इस उम्र में  सेक्स के प्रति इच्छा रहते हुए भी शारीरिक ऊर्जा समाप्त होने के कारण भीतर से अवसादग्रस्त रहने लगते हैं. अवसाद सेक्स को और खत्म कर देता है. डाक्टरों के अनुसार, पुरुष में आए इस ठहराव में शरीर में मौजूद ‘प्रोस्टेट ग्रंथि’ का बहुत बड़ा हाथ होता है. यह ग्रंथि पुरुष की पौरुषता की निशानी है. यह गं्रथि यौवनारंभ से 50-55 वर्ष की आयु तक सक्रिय रहने के बाद अपनेआप आकार में घटने लगती है. मनुष्य में होने वाली यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

हजारों मनुष्यों में से एक में पौरुषता की यह निशानी ‘प्रोस्टेट ग्रंथि’ घटने के बजाय बढ़ने लगती है. ऐसे लोगों का आरंभिक अवस्था में संभोग करने को बारबार मन करता है. ऐसे पुरुष जो सप्ताह में एक बार समागम करते थे वे रोज या 2-3 बार संभोग करने को उत्सुक रहते हैं. मगर बाद में वे संभोग करने के योग्य नहीं रह जाते. ऐसे में स्त्री या पत्नी को पति की इस मनोदशा को समझना होगा. पति की उम्र के साथसाथ पत्नी की भी उम्र बढ़ रही है. सेक्स के प्रति अनिच्छा उसे भी हो रही है. लेकिन वह घर के विभिन्न कामधंधों में फंस कर अपने को भुलाए रखती है. यह भी होता है कि स्त्री अपनेआप में यह हार मान लेती है कि अब सेक्स करने की उम्र नहीं रही. साधारणतया स्त्रियों का ऐसा ही विचार होता है, लेकिन उन का यह सोचना गलत होता है. वे अपनी गलत धारणा के कारण प्रकृतिप्रदत्त सेक्स का भरपूर आनंद बढ़ती उम्र के साथ नहीं उठा पातीं. सेक्स एक रति क्रिया है जिस में 2 विपरीत लिंग आपस में एकदूसरे के साथ शारीरिक समागम करते हैं. इस रति क्रिया से शारीरिक ऊर्जा मिलती है. उस से उक्त दोनों शरीर को भरपूर आनंद व संतुष्टि प्राप्त होती है. शरीर फिर से आगे काम करने के लिए रिचार्ज हो जाता है.

समस्याओं का पिटारा

एक दोस्त की पत्नी का कहना है कि सेक्स तो जरूरी है ही लेकिन इस के लिए मन का साथ होना बहुत जरूरी है. मन का साथ तभी होता है जब घरगृहस्थी के झंझटों से छुटकारा मिले. अशांत मन से सेक्स करने का मजा किरकिरा हो जाता है. एक सवाल के जवाब में उन का कहना है कि 45 प्लस के बाद सेक्स का अनोखा आनंद प्राप्त होता है क्योंकि यौवनावस्था में सेक्स उत्तेजित रहता है जबकि प्रौढ़ावस्था में सेक्स परिपक्व होता है विवेक बताते हैं कि यौवनावस्था में उन की सेक्स की इच्छा चरम पर थी. एक रात में 3-3 बार संबंध बना लेते थे. मगर अब प्रौढ़ावस्था में सेक्स का आनंद सिमट कर हफ्तों और महीनों में चला गया है. अब सेक्स की हार्दिक अभिरुचि एकसाथ कमरे के एक बैड पर साथ में लिपट कर रहने पर भी पैदा नहीं हो पाती है.

इस संबंध में 46 वर्षीय रमेश का कहना है कि पहले वे रोज अपनी पत्नी के साथ सेक्स करते थे लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि इस में उन की अभिरुचि समाप्त हो गई है. रमेश बताते हैं कि उन्हें सेक्स करने की इच्छा तो होती है. बिस्तर पर साथ लेटी पत्नी के कोमल अंगों को सहलाते भी हैं मगर जहां पहले उत्तेजना तुरंत बढ़ जाती थी, अब उस में शिथिलता आ गई है. सेक्स के लिए आतुर मन को शरीर का साथ नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा, वे सेक्स का आनंद नहीं उठा पाने के कारण काफी निराश हैं. 47 वर्षीय मनोज का किस्सा तो वाकई खराब है. उन्हें जब सेक्स की इच्छा होती है तब पत्नी की नहीं होती और जब पत्नी की इच्छा है तो उन की नहीं होती. इन दिनों उन्हें रात में सेक्स करने की अपेक्षा दिन में सेक्स करने की इच्छा ज्यादा बलवती रहती है. जबकि दिन में यह संभव नहीं है. वे बताते हैं कि पहले बच्चे छोटेछोटे थे. दिन में भी यह कभीकभी संभव हो जाता था मगर अब बच्चे बड़े हो गए हैं. रात में सेक्स में अभिरुचि नहीं होने की वजह वे बताते हैं कि रात के अंधेरे में पत्नी के शरीर के कोमल अंगों का साफ न दिख कर केवल छू कर अनुभव करना होता है जोकि रोमांच नहीं पैदा कर पाता है. सेक्स से एकदम मन हट जाता है.

मनोज आगे कहते हैं कि एक कारण और भी है कि दिनभर के कामधाम के बाद पत्नी जब थक कर चूर हो जाती है और रात को बिस्तर पर निढाल पड़ जाती है, ऐसी स्थिति में सेक्स करना संभव नहीं है. पत्नी ही नहीं, पति भी तो दिनभर दफ्तर के कामों से थकहार कर जब वापस घर लौटता है, उसे सोने के अलावा दूसरे कामों की इच्छा नहीं होती. वहीं, दिन में पत्नी घर में इधरउधर इठलाती, बलखाती, ठुमकती हुई नजर आती है तो बरबस उसे देखपकड़ कर सीने से भींच लेने को जी चाहता है. ऐसे में पत्नी जब तिरछी नजरों के बाण छोड़ती है वह क्षण पूरे शरीर में गुदगुदी पैदा कर देने वाला होता है तथा पत्नी की तरफ से सेक्स के लिए मौन आमंत्रण होता है. यह माना भी जाता है कि रात की अपेक्षा दिन में स्त्री की भावभंगिमाएं एक मर्द को सेक्स के लिए कुछ ज्यादा ही उत्तेजित कर देती हैं. फलस्वरूप, पुरुष बहक जाता है. उम्र के इस पड़ाव पर पत्नी को भी अपने पति का साथ देना चाहिए. ऐसे में पत्नी की जरा सी उपेक्षा गुजरे 45 वर्षों के वैवाहिक जीवन को अशांत कर सकती है.

स्वस्थ रहने के लिए सेक्स जरूरी

डाक्टरों का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ सेक्स कमजोर नहीं पड़ता बल्कि शरीर का ‘मेटाबोलिज्म’ खत्म होने लगता है. अपनेआप को स्वस्थ रखने के लिए नियमित सेक्स करना जरूरी है. सेक्स भी एक ऐक्सरसाइज ही है. इस के अलावा एक अनुसंधान से पता चला है कि जांघों की पेशियों में तनाव का यौन समागम से संबंध है. ऐसे व्यायाम, जिस में जांघों की पेशियों का व्यायाम हो, कर के यौन सामर्थ्य को बढ़ाया जा सकता है. डाक्टरों का यह भी कहना है कि यौन सक्रियता के घटने का सब से बड़ा कारण पौष्टिक भोजन का अभाव है. शरीर चुस्त और दुरुस्त तथा ऊर्जावान रखने के लिए सही पौष्टिक खानपान की भी जरूरत होती है. उन के अनुसार बढ़ती उम्र के हिसाब से ज्यादा वसायुक्त भोजन से परहेज करना चाहिए. कभीकभी ऐसा भी होता है कि प्रौढ़ावस्था में पहुंचा व्यक्ति कुछ समय तक जरूरत से ज्यादा संभोग कर चुका हो अथवा बहुत अरसे तक काम के बोझ से दबे रहने के कारण उस का ‘तंत्रिका तंत्’ यानी नर्व सिस्टम थक गया हो, जिस के चलते वह संभोग कार्यों में असफल रह जाता हो. ऐसे समय में उसे कुछ समय तक विश्राम करते हुए पौष्टिक भोजन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.

सेक्स जैसे अंतरंग कार्यों में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका मस्तिष्क की ही होती है. पत्नी का झगड़ालू स्वभाव, चिंताएं, थकान, एकांत वातावरण का अभाव इत्यादि शिश्न में उत्थान कम आने के कारण बन सकते हैं. मधुमेह से पीडि़त व्यक्ति इस उम्र में आ कर सेक्स से वंचित रह जाते हैं. मनोचिकित्सकों के अनुसार दिनभर की भागदौड़ से थक कर शरीर जब आराम की मुद्रा में आता है, ऐसे में तुरंत सेक्स करना एक प्रकार का शरीर के साथ व्यभिचार करने के समान है. सेक्स एक प्रकार का 2 विपरीत लिंगों का एकांतिक शारीरिक व्यायाम है. पति व पत्नी चिंता से पूरी तरह मुक्त हो कर फोरप्ले करते हुए सेक्स का आनंद लें. इस से बढ़ती उम्र का खयाल ही नहीं रहेगा.

ये टिप्स अपनाइए और अपनी सेक्स लाइफ को बनाए पहले जैसा खुशहाल

कई बार पतिपत्नी के बीच प्यार में कोई कमी नहीं होती है, फिर भी उन के बीच सेक्स को ले कर समस्या खड़ी हो जाती है. विवाह के शुरू के बरसों में पतिपत्नी के बीच सेक्स संबंधों में जो गरमाहट होती है, वह धीरेधीरे कम हो जाती है. घरेलू जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण सेक्स को ले कर उदासीनता आ जाती है. इस की वजह से आपस में दूरी बढ़ने लगती है.

इस समस्या से बाहर आने के लिए पतिपत्नी को एकदूसरे से अपने सेक्स अनुभव शेयर करने चाहिए. अपनी सेक्स अपेक्षाओं पर खुल कर बात करनी चाहिए. इस के अलावा उन कारणों को भी ढूंढ़ें जिन की वजह से साथी सेक्स में रुचि नहीं लेता, फिर उन्हें दूर करने की कोशिश करें. ये कारण हर कपल के अलगअलग होंगे. आप को बस उन्हें दूर करना है, तब आप की सेक्स लाइफ फिर से पहले जैसी खुशहाल हो जाएगी.

1. यह भी एक कारण

उम्र बढ़ने के साथसाथ एक स्त्री कामक्रीड़ा में पहले जैसी दिलचस्पी क्यों नहीं लेती है? अमेरिका में चिकित्सकों और शोधकर्ताओं की पूरी टीम इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने में जुट गई. इस में एक अहम जानकारी सामने आई, जो निश्चित तौर पर एक स्त्री की सेक्स संबंधी दिलचस्पी की पड़ताल करती है. दरअसल, यह सवाल स्त्री की उम्र और सेक्स के रिश्ते से जुड़ा है. कई लोग मानते हैं कि स्त्री की उम्र उस की सेक्स संबंधी दिलचस्पी पर काफी असर डालती है. यह माना जाता है कि उम्र बढ़ने के साथसाथ एक स्त्री कामक्रीड़ा में पहले जैसी दिलचस्पी नहीं लेती.

हालांकि शोध से यह बात साफ हो गई कि मध्य आयुवर्ग की महिलाओं में संभोग के प्रति दिलचस्पी होना अथवा न होना सिर्फ बढ़ती उम्र पर निर्भर नहीं करता. यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन के लाइफपार्टनर का स्वास्थ्य कैसा है? और सेक्स संबंधी गतिविधियों में वे कितनी रुचि लेते हैं.

2. भावनात्मक कारण

आम धारणा के विपरीत शोध में यह पाया गया कि मध्य आयु में भी महिलाएं न सिर्फ सैक्सुअली सक्रिय होती हैं, बल्कि कई मामलों में उन की दिलचस्पी बढ़ती हुई नजर आई. शोध के दौरान जब यह जानने की कोशिश की गई कि जो महिलाएं सेक्स में सक्रिय नहीं हैं उस के पीछे क्या वजह है तो पता चला कि कई भावनात्मक कारणों से उन की सेक्स और अपने पार्टनर में दिलचस्पी खत्म हो चुकी होती है. पार्टनर में दिलचस्पी घटना या किसी प्रकार की अक्षमता का सीधा असर महिलाओं की यौन सक्रियता पर पड़ता है. ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन की सेक्स में दिलचस्पी खत्म होने की और भी वजहें हैं. मगर उन की संख्या कम है.

3. उम्र से नहीं है कोई संबंध

इस शोध में मध्य आयुवर्ग की सेक्स संबंधी हर दिलचस्पी को शामिल किया गया था, जिस में हस्तमैथुन भी शामिल था. शोध के दौरान महिलाओं का एक बड़ा वर्ग सैक्सुअल ऐक्टिविटीज में उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा सक्रिय होता पाया गया. शोध से यह स्पष्ट सामने आया कि किसी भी स्त्री की सेक्स संबंधी सक्रियता का उस की उम्र से कोई सीधा संबंध नहीं है. इस आधार पर मनोवैज्ञानिकों और सेक्स सलाहकारों ने कुछ कारण और सुझाव भी रखे:

– ध्यान दें कि आप का पार्टनर किसी दवा के साइड इफैक्ट की वजह से भी सेक्स में दिलचस्पी खो सकता है. यदि ऐसा है तो डाक्टर से सलाह लें.

– कई महिलाएं मानसिक दबाव के चलते भी सेक्स में रुचि नहीं लेतीं.

– बच्चों में ज्यादा व्यस्त हो जाने और सामाजिक मान्यताओं के चलते महिलाओं को लगता

है कि सेक्स में बहुत दिलचस्पी लेना उचित नहीं है.

– कई बार बच्चों के हो जाने के बाद महिलाएं अपने शरीर को ले कर असहज हो जाती हैं और हीनभावना का शिकार हो जाती हैं. इस के चलते भी वे सेक्स से जी चुराने लगती हैं.

– बढ़ती उम्र में घरपरिवार और कामकाज की बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण वे थकने लगती हैं और सेक्स के लिए उन में पर्याप्त ऐनर्जी नहीं बचती.

– कई महिलाएं अपने पति के साथ एकांत चाहती हैं और ऐसा न होने पर सेक्स के प्रति उन की रुचि घटने लगती है.

– अगर पतिपत्नी के बीच तनाव रहता है और रिश्ता आपस में सही नहीं है तो इस से भी सेक्स लाइफ पर विपरीत असर पड़ता है.

गाइनोकोलौजिस्ट, डाक्टर अंजली वैश के अनुसार कुछ बीमारियां भी होती हैं, जिन की वजह से सेक्स में रुचि कम हो जाती है. ड्रग्स, शराब, धूम्रपान का सेवन करने से भी सेक्स में रुचि कम हो जाती है, डाइबिटीज की बीमारी भी महिलाओं में सेक्स ड्राइव को घटाती है, गर्भावस्था के दौरान और उस के बाद हारमोन चेंज के कारण सेक्स में महिला कम रुचि लेती है, अगर डिप्रैशन की समस्या हो तो हर समय अवसाद में डूबी रहती हैं. वे ऊटपटांग बातें सोचने में ही अपनी सारी ऐनर्जी लगा देती हैं. सेक्स के बारे में सोचने का टाइम ही नहीं मिलता है.

कई महिलाएं बहुत मोटी हो जाती हैं. मोटापे के कारण सेक्स करने में उन्हें काफी दिक्कत होती है. अत: वे सेक्स से बचने लगती हैं.

4. दवा भी कम जिम्मेदार नहीं

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, कई ऐसी दवाएं हैं जिन से सेक्स लाइफ पर असर पड़ता है. सेक्स के लिए जरूरी हारमोंस शरीर की जरूरत व संदेशों को मस्तिष्क तक पहुंचाने वाले तत्त्व डोपामाइन व सैरोटोनिन और सेक्स अंगों के बीच तालमेल बहुत जरूरी होता है. डोपामाइन सेक्स क्रिया को बढ़ाता है और सैरोटोनिन उसे कम करता है. जब दवाएं इन हारमोंस के स्तर में बदलाव लाती हैं तो कामेच्छा में कमी आती है. पेनकिलर, अस्थमा, अल्सर की दवा, हाई ब्लडप्रैशर और हारमोन संबंधी दवा से कामेच्छा में कमी हो सकती है.

मगर यह जरूरी नहीं कि आप की सेक्स लाइफ में अरुचि सिर्फ दवा की वजह से ही हो. इसलिए अगर आप को अपनी सेक्स लाइफ में बदलाव महसूस हो रहा है, तो दवा बंद करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें.

5. सेक्स में रुचि कैसे पैदा करें

सेक्स में जरूरी है मसाज: जब आप पार्टनर के नाजुक अंगों पर हाथों से हौलेहौले तेल लगा कर मसाज करेंगे तो यह उस के लिए बिलकुल नया अनुभव होगा. तेल आप के और पार्टनर के बीच जो घर्षण पैदा करता है उस से प्यार में बढ़ोतरी होती है और सेक्स की इच्छा जाग उठती है. मसाज एक ऐसी थेरैपी है, जिस से न सिर्फ शरीर को आराम मिलता है, बल्कि अपनी बोरिंग सेक्स लाइफ को भी फिर से पहले जैसी बना सकती हैं.

ऐक्सपैरिमैंट कर सकते हैं: अगर आप का पार्टनर सैक्सुअल ऐक्सपैरिमैंट नहीं करता है या ऐक्सपैरिमैंट करने से बचता है तो फेंटैसी की दुनिया में आप का स्वागत है. अगर आप सेक्स के बारे में अच्छी फेंटैसी कर सकती हैं तो अपने बैडरूम से बाहर निकले बिना आप अपने पार्टनर के साथ जंगल में मंगल कर सकती हैं. आप अपने पार्टनर के साथ जो चाहती हैं उसे फेंटैसी के जरीए महसूस करिए. आप की अपने पार्टनर से सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी, क्योंकि आप का पार्टनर आप को खयालों में जो मिल गया है.

बारबार हनीमून मनाएं: सेक्स संबंधों में बोरियत न हो, इस के लिए पतिपत्नी को चाहिए कि हर साल वे हनीमून पर जाएं और इसे वे आपस में घूमने जाना न कह कर हनीमून पर जाना कहें. इस से उन के बीच ऐक्साइटमैंट बना रहता है. जब हनीमून पर जाएं तो एकदूसरे को वहां पहली बार बिताए लमहे याद दिलाएं. इस तरह घूमने और हनीमून के बारे में बात करने पर सेक्स संबंधों की याददाश्त ताजा हो जाएगी.

सेक्स में नयापन लाएं: कहीं ऐसा तो नहीं कि आप के सेक्स करने का एक ही तरीका हो और उस तरीके से आप की पत्नी बोर हो गई हो? अत: उस से इस विषय पर बात करें और सेक्स करने के परंपरागत तरीके छोड़ कर नएनए तरीके अपनाएं. इस से सेक्स संबंधों में एक नयापन आ जाएगा.

अपने साथी को समय दें: शादी के कुछ सालों बाद कुछ जोड़ों को लगता है कि सहवास में उन की रुचि कम होती जा रही है. सहवास उन्हें एक डेली रूटीन जैसा उबाऊ कार्य लगता है. इसलिए सहवास को डेली रूटीन की तरह न लें, बल्कि उसे पूरी तरह ऐंजौय करें. रोज करने के बजाय हफ्ते में भले ही 1 बार करें लेकिन उसे खुल कर जीएं और अपने पार्टनर को एहसास दिलाएं कि ऐसा करना और उस के साथ होना आप के लिए कितना खास है.

सेक्स ऐसा जिसे दोनों ऐंजौय करें: सिर्फ आप अपने मन की बात ही पार्टनर पर न थोपते रहें, बल्कि सेक्स में उस की इच्छा भी जानें और उस का सम्मान करें. जिन तरीकों में आप दोनों कंफर्टेबल हों और ऐंजौय कर सकें, उन्हें अपनाएं.

नियमित करें सेक्स: यह सच है कि तनाव और थकान का पतिपत्नी के यौन जीवन पर बुरा असर पड़ता है. मगर वहीं यह भी सच है कि सेक्स ही आप के जीवन में पैदा होने वाले दबावों और परेशानियों से जूझने का टौनिक बनता है. इसलिए कोशिश करें कि सप्ताह में कम से कम 3 बार संबंध जरूर बनाएं. इस से सेक्स लाइफ में मधुरता बनी रहेगी.

एकदूसरे के प्रति प्यार को बढ़ावा दें : अधिकतर जोड़ों के शादी के बाद कुछ सालों तक संबंध अच्छे रहते हैं, लेकिन जैसेजैसे समय बीतता जाता है वैसे काम व अन्य कारणों से उन के बीच दूरी बढ़ती जाती है, जिस से उन्हें आपस में प्यार करने का मौका नहीं मिलता. इस से उन के बीच सेक्स संबंधों में खटास आने लगती है. वैवाहिक जीवन में उत्पन्न हुई इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में बातचीत करने के लिए कुछ समय निकालें. एकदूसरे से अच्छी बातें करें और एकदूसरे की बातों को सुनें, शिकायतों को दूर करने की कोशिश करें. एकदूसरे का सम्मान करें, इस से सेक्स लाइफ भी काफी बेहतर होगी.

पहल करें: अकसर महिलाएं सेक्स के लिए पहल करने में हिचकिचाती हैं, इसलिए आप द्वारा पहल करने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि आप का पहल करना महिला को सुखद एहसास में डुबो देता है. यदि बच्चे छोटे हैं तो सेक्स लाइफ में मुश्किलें तो आती ही हैं और महिलाएं इतनी खुली व रिलैक्स भी नहीं रह पातीं. ऐसे में बच्चों के सोने का इंतजार करने से अच्छा है कि जब मौका मिले प्यार में खो जाएं.

फिटनैस का भी खयाल रखें: अच्छी सेक्स लाइफ के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से फिट रहना भी जरूरी है. इस के लिए बैलेंस्ड डाइट लें. थोड़ीबहुत ऐक्सरसाइज करें. भरपूर नींद लें. सिगरेट, शराब का सेवन न करें.

कल्पना करें: अगर आप को सेक्स करते समय किसी और पुरुष की या फिर किसी बौलीवुड ऐक्टर आदि की कल्पना उत्तेजित करती है और सेक्स का आनंद बढ़ाती है तो ऐसा करें. इस के लिए मन में किसी तरह का अपराधबोध न आने दें. ऐसा करना गलत नहीं है क्योंकि सब का सेक्स करने और उस के बारे में सोचने का तरीका अलग होता है.

फ्रैश मूड में आनंद उठाएं: अगर पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं, व्यस्त हैं, रात को देर से आते हैं, तो उन की सेक्स लाइफ न के बराबर होती है और महिला ऐसे में इसे बोझ की तरह लेती है. इसलिए अगर वह थकी हुई है तो जबरदस्ती न करें. सुबह उठ कर फ्रैश मूड में सेक्स का आनंद उठाएं.

गंदी बातें अच्छी हैं: सेक्स के लिए मूड बनाने के लिए कुछ भी किया जा सकता है.

आप को लगता है कि कहीं आप की डर्टी टौक्स और डार्क फेंटैसी सुन कर पार्टनर का मूड न बिगड़ जाए, इसलिए आप चाहते हुए भी उन से यह सब शेयर नहीं करते हैं तो जान लें कि ऐसा नहीं है. सच तो यह है कि हर लड़की अपने पार्टनर से ऐसी बातें सुनने के लिए बेकरार रहती है. इसलिए बेझिझक उन से ऐसी बातें करें. जैसे ही आप की बातें शुरू होंगी उन की बेचैनी भी बढ़ती जाएगी.

6. सेक्स लाइफ का अंत नहीं है बच्चे का आना

अगर आप का मानना है कि बच्चे के आने के बाद सेक्स लाइफ खत्म हो जाती है तो जरा रुकिए. दुनिया भर में हो रही स्टडी के मुताबिक मां बनने के कुछ समय बाद कामेच्छा स्वाभाविक रूप से लौट आती है. आमतौर पर बच्चे के जन्म के 6 हफ्ते बाद डाक्टर महिलाओं को सेक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं. लेकिन इतने समय में भी सब महिलाएं सहज नहीं हो पातीं. कई महिलाओं की सेक्स संबंध इच्छा को लौटने में साल भर तक का समय लग जाता है. शुरू में अंतरंग पलों के लिए समय निकालना मुश्किल होता है. लेकिन धीरेधीरे गाड़ी ट्रैक पर लौटने लगती है, इसलिए बच्चे का होना सेक्स पर पूर्णविराम नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है.

रिसर्च बताती है कि बच्चों के जन्म के बाद क्लाइमैक्स की तीव्रता बढ़ जाती है. इस का कारण है नर्व एंडिंग का ज्यादा सैंसिटिव होना.

7. बनाएं पत्नी का मूड ऐसे

– महिलाओं की पीठ काफी सेंसिटिव होती है. थोड़ा सा अंधेरा कीजिए, म्यूजिक प्ले कीजिए और पत्नी की पीठ पर हौलेहौले हाथ फिराते हुए मसाज कीजिए. फिर आगे का जादू खुद ही चल जाएगा.

– पार्टनर के कानों से खेलिए और हौले से कुछ कहिए. एकदम से यह न कहें कि आप का करने का मन है.

– गले में गुदगुदी कीजिए. देखिएगा कुछ ही देर में पत्नी आंहें भर रही होगी.

– फुट मसाज दीजिए. पत्नी के पैरों को सहलाते हुए बताएं कि आप उन से कितना प्यार करते हैं. बस वह एकदम से आप को बांहों में भर लेगी और उस के लिए पत्नी का तुरंत मूड बन जाएगा.

ऐसे बनाएं अपनी सेक्स लाइफ सुखद, पढ़ें टिप्स

ऐसा अकसर देखने में आता है कि पतिपत्नी सहवास के दौरान एकदूसरे की इच्छा और भावना को नहीं समझते. वे बस एक खानापूर्ति करते हैं. लेकिन वे यह बात भूल जाते हैं कि खानापूर्ति से सैक्सुअल लाइफ तो प्रभावित होती ही है, पतिपत्नी के संबंधों की गरमाहट भी धीरेधीरे कम होती जाती है. ऐसा न हो इस के लिए प्यार और भावनाओं को नजरअंदाज न करें. अपने दांपत्य जीवन में गरमाहट को बनाए रखने के लिए आगे बताए जा रहे टिप्स को जरूर आजमाएं.

पत्नी की इच्छाओं को समझें

‘‘महिलाओं को अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि पति उन की इच्छाओं को बिना समझे सहवास करने लगते हैं. लेकिन ऐसा कर के वे केवल खुद की इच्छापूर्ति करते हैं. पत्नी और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती. आगे चल कर इसी बात को ले कर आपसी संबंधों में कड़वाहट पैदा होती है.

‘‘पति को चाहिए कि सैक्स करने से पहले पत्नी की इच्छा को जाने. उसे सैक्स के लिए तैयार करे. तभी संबंधों में गरमाहट बरकरार रहती है.’’

करें प्यार भरी बातें

एक हैल्दी सैक्सुअल लाइफ के लिए बेहद जरूरी है कि यौन संबंध बनाने से पहले पत्नी से प्यार भरी बातें जरूर की जाएं. कोई समस्या हो तो उस का हल निकालें. पत्नी से बातोंबातों में पता करें कि वह सैक्स में क्या सहयोग, क्या नवीनता चाहती है.

एक अच्छे सहवास सुख के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में सैक्स के दौरान प्यार भरी बातें करें. यदि ऐसा नहीं हो तो पत्नी को लगता है कि पति को केवल सैक्स की ही भूख है, प्यार की नहीं. इसलिए प्यार भरी बातों को नजरअंदाज न करें.

स्थान व समय को बदलें

सहवास का भरपूर आनंद उठाने के लिए कभी सोफा, कभी फर्श, कभी कालीन तो कभी छत पर और अगर घर में झूला लगा हो तो झूले पर, नहीं तो लौन पर चटाई बिछा कर सैक्स का आनंद लिया जा सकता है. पत्नियां सैक्स को प्यार से जोड़ती हैं. प्यार के इस अनुभव को वे घर के अलगअलग स्थानों पर अलगअलग समय पर नएनए तरीके से करना चाहती हैं. लेकिन अकसर पति यह बात समझ कर भी नहीं समझते.

शुरुआत धीरेधीरे करें

कई पत्नियों की यह शिकायत रहती है कि उन के पति सहवास की शुरुआत धीरेधीरे न कर के उन्हें बिना उत्तेजित किए जल्दीबाजी में करते हैं. जबकि सहवास की शुरुआत धीरेधीरे विभिन्न सैक्स मुद्राओं जैसे गालों को काटना, सैक्स के हिस्सों पर थप्पड़ लगाना आदि को अपना कर ही करनी चाहिए और उस के बाद ही सैक्स सुख का आनंद लेना चाहिए.

फोर प्ले का आनंद उठाएं

पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ चुंबन, आलिंगन, उसे सहलाना, केशों में उंगलियां फेरना, अंगों को स्पर्श करना वगैरह की अहमियत को समझे. ऐसा कर के वह पत्नी को उत्तेजित कर के मानसिक और शारीरिक रूप से सहवास के लिए तैयार करे. पत्नी का और्गेज्म तक पहुंचना जरूरी होता है. और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाने के कारण घर में अकसर तनाव का माहौल पैदा हो जाता है, जो आपसी संबंधों में दिक्कतें भी पैदा करता है. एक सर्वे के मुताबिक 55% लोगों का मानना है कि सैक्स के दौरान जो आनंदमयी क्षण आते हैं, उन का अनुभव बेहद महत्त्वपूर्ण है.

बराबर का साथ दें

‘‘सैक्सुअल लाइफ बेहद रोमांटिक तभी बन पाती है, जब पतिपत्नी सैक्स संबंध बनाते समय बराबर का साथ दें. सहवास के दौरान 70% महिलाएं बिस्तर पर चुपचाप ही पड़ी रहती हैं. पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद नहीं करते. सहवास के दौरान बराबर का साथ पति पसंद करते हैं. यदि पत्नी ऐसा करती है तो सैक्स का आनंद और भी ज्यादा बढ़ जाता है.’’

फालतू बातों को तूल न दें

पतिपत्नी जब भी यौन संबंध बनाएं, पत्नी घर की समस्याओं या शिकायतों का पिटारा खोल कर न बैठे. सारिका जब भी रमेश के साथ सहवास करती थी, कोई न कोई शिकायत ले कर बातें शुरू कर देती थी. इस से रमेश असहज हो जाता था. आगे चल कर इन की समस्या इतनी बढ़ गई कि इन्हें आपसी संबंधों को सहज बनाने के लिए मैरिज काउंसलर की सहायता लेनी पड़ी.

संबंधों में गरमाहट बनी रहे इस के लिए ऐसी बातों को तूल न दे कर सैक्स लाइफ को ऐंजौय करें. पति का साथ दें, उन के साथ बिस्तर पर सक्रिय बनी रहें.

सैक्सी कपड़ों में लुभाएं

पति को लुभाने व उत्तेजित करने के लिए सैक्सी ड्रैस व हौट लुक में अपने पार्टनर को ऐसा सरप्राइज दें कि यौन संबंधों में नवीनता तो आए ही, सहवास सुखद भी बने. ऐसा होने से पतिपत्नी का आपसी विश्वास व प्यार भी बराकरार रहता है.

नएनए प्रयोग करें

अकसर पुरुष सैक्स को ले कर ज्यादा ही उत्साहित होते हैं. वे नएनए आसनों का प्रयोग कर सहवास को सुखद बनाते हैं. लेकिन पत्नी यदि किसी तरीके को अनकंफर्टेबल महसूस करे तो पति को बताए जरूर.

बहुत सी महिलाएं यौन संबंध बनाते वक्त नएनए प्रयोगों से घबराती हैं. वे ऐसा न कर के पति के साथ सहवास में प्रयोग करें. उम्र कोई बाधा नहीं, दिलदिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने और वैवाहिक जीवन को सफल बनाने में नए प्रयोग हमेशा मददगार ही साबित होते हैं.

नितंब सौंदर्य भी जरूरी है : बदल रहा है खूबसूरती का पैमाना

सुंदर नितंब की चाहत हर महिला को होती है. आकर्षक नितंब न सिर्फ महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं, बल्कि यह महिलाओं की फिटनैस का भी अहम हिस्सा है.

यों तो महिलाओं की हर अदा और शारीरिक बनावट को देख कर पुरूष रोमांचित होते हैं, मगर आप को यह जान कर हैरानी होगी कि महिलाओं की ब्रैस्ट की तरह ही उभार लिए नितंब यानी बट को ले कर पुरूषों में खासा दिलचस्पी रहती है. इसलिए आज की आधुनिक महिलाएं सुडौल नितंब को ले कर काफी सजग रहने लगी हैं.

वैसे, आमतौर पर देखा गया है कि जिन महिलाओं का शरीर भारी होता है, वे अगर जींस पैंट या टाइट फिटिंग ड्रैस पहन लेती हैं तो फिर यह उन पर सूट नहीं करता. ऐसे में जरूरी यही है कि वे मनमाफिक फैशन के कपङे पहनने से पहले फिटनैस पर ध्यान दें और खासकर नितंब यानी बट पर.

अकसर महिलाएं अपने नितंब के आकार को ले कर भी परेशान रहती हैं. वे कई तरह के उपाय आजमाती हैं  ताकि सुडौल नितंब पा सकें. अगर आप को भी सुंदर नितंब पाने की चाहत है तो आप नियमित व्यायाम, सही खानपान और सही जीवनशैली अपना कर सुडौल नितंब पा सकती हैं.

इस के लिए पहले आप को नितंब की मांसपेशियों और हिप फैट पर ध्यान देना होगा. सुडौल नितंब पाने के लिए व्यायाम आप की काफी मदद कर सकते हैं.

आइए, जानते हैं कुछ ऐसे ही व्यायाम :

ग्लूट ब्रिज : यह सुंदर नितंब पाने के लिए अच्छा व्यायाम है. इस के लिए पीठ के बल लेट जाएं. घुटनों को मोड़ लें. अब ऐड़ियों को भी कूल्हों के पास ले आएं. हाथों को सीधा रखें. ध्यान रहे कि इस दौरान हथेलियां जमीन को छूती रहें. अब कूल्हों और कमर को अपने कंधों से घुटनों तक ऊपर एकसीध में उठाएं. इस दौरान अपने पैरों और हथेलियों को जमीन पर टिका कर रखें. इस स्थिति में कुछ देर तक रुकें और फिर आराम से सामान्य अवस्था में लौट आएं. इसे 2-3 बार दोहराएं.

सिंगल लेग ब्रिज : पीठ के बल लेट जाएं. एक घुटने को मोड़ लें. इस दौरान अपने तलवों को जमीन के साथ सटा कर रखें. अब दूसरे पैर को जमीन पर सीधा रखें. सांस छोड़ते हुए पैर व शरीर को ऊपर उठाएं. इस दौरान पूरे शरीर का वजन दूसरे पैर पर रहे. इस अवस्था में धीरेधीरे सांस लें. इस पोजिशन में 3 सैकंड तक रुकें और फिर धीरेधीरे पुरानी अवस्था में लौट आएं.

लैग लिफ्ट : पीठ के बल लेट जाएं. अपने पैरों को सीधा हवा में रखें. अपने हाथों को जमीन पर सटाकर रखें और पैरों को ऊपर की ओर उठाएं. इस अवस्था में भी कुछ देर रुकें और फिर दोहराएं.

इन सरल व्यायाम से आप जल्दी ही खुद में अंतर महसूस करेंगी. बेहतर होगा कि इस के लिए किसी योग्य फिटनैस ट्रैनर से भी परामर्श ले लें.

सेक्सी पौइंट

सुंदर और आकर्षक नितंब को ले कर एक दिलचस्प वाकेआ भी है. वह यह कि पिछले दिनों अमेरिका में एक सर्वे किया गया था. इस सर्वे में पुरूषों से यह पूछा गया था कि वे महिलाओं के किस अंग की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं. तब कई पुरूषों ने बताया था कि उन्हें ब्रैस्ट के साथसाथ महिलाओं के नितंब को देखना अथवा छूना अच्छा लगता है.

दरअसल, नितंब महिला शरीर का वह खास अंग होता है, जो न सिर्फ किसी महिला की फिगर में चार चांद लगाता है, बल्कि यह पुरूषों को अपना दीवाना भी बना लेता है. एक तरह से यह सैक्सी पौइंट भी है.

रोमांचक अनुभव

एक शोध में पुरूषों की महिलाओं को घूरने को ले कर निष्कर्ष निकाला गया. इस के अनुसार जब कोई आदमी किसी महिला को पहली बार देखता है तो सब से पहले उस की नजर सामने से ब्रैस्ट पर और पीछे से उस के नितंब पर पड़ती है.

इस के साथ ही जब कोई पुरूष  किसी महिला के बारे में सोचता है, तो वह उस के ब्रैस्‍ट और नितंब को ले कर रोमांचित होता रहता है.

जान कर हैरानी होगी

महिलाओं को यह जान कर हैरानी होगी कि नितंब के बारे में ऐसी कौन सी बातें हैं जो पुरुषों को पसंद आती हैं? न सिर्फ पसंद बल्कि वह महिला के नितंब को छूने से भी खुद को रोक नहीं पाते. पुरूष अकसर महिलाओं के इस खास अंग को घूरते हुए पकड़े भी जाते हैं.

महिलाओं के इस खास अंग को घूरना, स्पर्श करना न सिर्फ सेक्स के समय पुरूषों को अच्छा लगता है, बल्कि एक पुरूष की यही तमन्ना होती है कि वह घूमते समय, साथ चलते समय बारबार अपने हाथों से उसे स्पर्श करे. इस कार्य में उसे चरम आनंद की अनुभूति होती है. एक तरह से इस खास अंग का पुरूष दीवाना होता है.

खूबसूरती का पैमाना

आप को यह जान कर भी आश्चर्य होगा कि साउथ अफ्रीका के कई देशों में तो किसी महिला की खूबसूरती का पैमाना ही नितंब होते हैं और इसी आधार पर उन की शादियां भी होती हैं.

जिस युवती का नितंब जितना आकर्षक होता है, घर वाले भी उसे ही तवज्जो देते हैं. इतना ही नहीं, वहां एक खास आयोजन भी होता है जिस में कई महिलाएंलङकियां इस खास अंग को हिला कर पुरूषों को आकर्षित भी करती हैं.

शायद तभी हमारे यहां भी अकसर कोई न कोई महिला जो जींस अथवा ऐसे परिधान पहनी हों, जिस में इस अंग का प्रदर्शन होता हो, पुरूषों को चोरीछिपे देखने में आनंद की अनुभूति देता है.

एक तरह से कह सकते हैं कि एक सुंदर और आकर्षक नितंब महिलाओं के लिए अपने पुरूष साथी को दीवाना बनाने का खास हथियार भी है.

कुंआरा बाप बन कर मैं बहुत खुश था

आज मैं खुश था. हाथ में 4,800 रूपए थे जिसे मैं अपनी पहली कमाई मान रहा था. मन ही मन खुश था पर अपनी इस खुशी को किसी से शेयर न करना मेरी मजबूरी थी, क्योंकि मैं एक स्पर्म डोनर था. अगर दोस्तों से कहता तो वे मेरा मजाक उड़ाते यह तय था.

खैर, उस पैसे से मैं ने अपने लिए कपडे खरीदे और वापस कमरे पर लौट आया. अगले महीने इंजीनियरिंग का ऐंट्रैस भी था जिस के लिए मैं पूरी लगन से मेहनत कर रहा था.

अब अगले 72 घंटे तक मुझे इंतजार करना था क्योंकि लैब के स्टाफ ने बताया था कि एक बार के बाद अगले 72 घंटे बाद ही आना है

पहले थोडी परेशानी हुई मगर…

इस काम में मुझे मजा भी आने लगा था क्योंकि  हस्तमैथुन करना मैं छोड चुका था और मुझे लगने लगा था कि यह शरीर के एक महत्वपूर्ण चीज की बरबादी है.

अब 72 घंटे के इंतजार के बाद मुझे लैब जाना था और इस में मुझे कोई परेशानी भी नहीं होती थी क्योंकि स्पर्म बैंक मेरे होस्टल से ज्यादा दूर नहीं था.

सप्ताह में मैं 2 दिन जाता था और महीने में 8 बार तो हो ही आता था. इस लिहाज से मुझे 4-5 हजार की आमदनी महीने में हो जाती थी जिसे मैं यों ही बरबाद कर देता था.

किसी के सपने पूरे करने में अलग ही खुशी मिलती गई

वैसे, जब एक दोस्त ने मुझे यह सब करने की सलाह दी तो मुझे बडा अजीब सा लगा. मगर दिल को यह सुकून था कि मेरे स्पर्म से एक मां की सूनी गोद भर जाएगी. और फिर यह कोई गलत काम भी तो नहीं था.

लैब में पहली बार गया तो वहां के स्टाफ ने एक जारनुमा चीज दे कर वाशरूम की तरफ इशारा कर दिया. वह पुरूषों का वाशरूम था जहां 2-3 केबिन बने थे. वाशरूम साफसुथरा था और हैंडवाश की सुविधा थी. एक तरफ साफ तौलिया टंगा था.

मुझे पहली बार देर हो रही थी. स्पर्म को वहीं एक दराजनुमा अलमारी में रख कर और उस पर अपना कोड लिख कर मैं बाहर आया, रजिस्टर में नाम लिखवा कर मैं दोस्त के साथ निकल गया. दोस्त ने मजाकमजाक में कह भी दिया,”तुम तो बहुत देर लगाते हो…”

मैं झेंप सा गया था. पहली बार आया तो इस के लिए मुझे एक स्लिप भरनी पङी. कुछ टेस्ट के लिए ब्लड का सैंपल लिया गया. मेरी शारीरिक जांच हुई और ब्लड शुगर, एचआईवी आदि को देखा गया कि कहीं मुझे कोई बीमारी तो नहीं है.

यह कोई गलत काम नहीं था

काउंटर से एक बार के 600 रूपए मिले थे तो मुझे थोडा अजीब सा लगा था, क्योंकि आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘विक्की डोनर’ मैं ने देखी थी जिस में वह स्पर्म डोनेट कर अमीर बन गया था पर मैं कोई आयुष्मान खुराना तो था नहीं. जो पैसे मिले वे अतिरिक्त पौकेट खर्च में मेरे काम आ रहे थे और मैं थोडी मस्ती भी कर पा रहा था.

इतने दिनों में मैं यही अच्छी तरह जान गया था कि यह कोई गलत काम नहीं है बल्कि किसी दंपति के पुरूष साथी में प्रजनन की समस्याओं के कारण अथवा किसी महिला का कोई पुरूष साथी नहीं होने के कारण उन्हें डोनेट किए गए स्पर्म की आवश्यकता हो सकती है.

एक सकारात्मक कार्य है

स्पर्म डोनेट यानी वीर्य दान एक सकारात्मक कार्य है जो कई ऐसी जोङियों को संतानसुख देता है जिस के घर में सालों से बच्चों की किलकारियां न गूंजी हों. इसलिए मैं एक ऐसा काम कर रहा था जिस से दूसरे लोगों की परिवार बनाने की उम्मीदें पूरी हो सकें.

आज मैं एक इंजीनियर हूं. मेरे अपने परिवार और एक प्यारी सी बेटी के साथ मैं बहुत खुश हूं.

कभीकभी सोचता हूं कि जो युवा हस्तमैथुन कर अपना वीर्य बरबाद कर देते हैं उन्हें स्पर्म डोनर्स क्यों नहीं बन जाना चाहिए?

जब पत्नी को पता चला

एक दिन मैं ने अपनी बीवी से अपनी पिछली जिंदगी के बारे में बताया तो वह भी बिना मुसकराए नहीं रह सकी. कभीकभी वह मुझे इस बात के लिए छेङती है तो हम दोनों ही खूब खुल कर हंसते हैं और एकदूसरे के गले लग जाते हैं.

कई रोगों कों आमंत्रण देती है उत्तेजक गोली

कई साइड इफेक्ट के बाद भी खुश की कशमकश के लिए इन गोलियों का उपयोग तेजी से हो रहा है . यहाँ बात हो रही है यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली छोटी-सी उत्तेजक गोली (वियाग्रा) की. वर्त्तमान समय से बारह साल पहले 27 मार्च 2001 को अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इन गोलियों को बाजार में बिक्री की इजाजत दी थी.

तब किसी ने नही सोचा था कि ये दवाए आगे चलाकर नुकशानदायक होगी. उस समय इन गोलियों को क्रांतिकारी माना गया था, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति साफ होती गई. क्रांतिकारी माने जाने वाला दवा लोगो के लिए नुकशान दायक सिद्ध होने लगा, समय रहते ही इसके नुकसान को गंभीरता से लिया जाने लगा और अब पुरे विश्व भर में छोटी-सी उत्तेजक गोली पर खुल कर चर्चा हो रही है. तों आईये नजदीक से जानते है,छोटी-सी उत्तेजक गोली के बारे में….

* गोलियों के माध्यम से खुश करने की कशमकश :- समय के साथ समाज में बहुत बदलाव आया है, आज के समय में सिर्फ उम्र दराज लोग ही पुंसत्ववर्धक दवाएँ नहीं ले रहे हैं, बल्कि युवा भी बिस्तर पर अपने हमसाथी की माँग पूरी करने के लिए उत्तेजक दवाओ का सहारा लेने लगे हैं. एक अनुमान के अनुसार हर रोज उत्तेजक दवाओ का इस्तेमाल करने वालो की संख्या दुगुने गति से बढ़ रहा, यानि दिन -प्रतिदिन इन दवाओ की मांग बढ़ रही है. कई जानकारों का कहना है कि कई लोग औनलाइन उत्तेजक दवायों (वियाग्रा) कों खरीदकर अवैध दवाओं के धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार आज की महिलाएं अश्लीलता से भरपूर विदेशी धारावाहिकों (सेक्स और सिटी जैसे धारावाहिकों से) में महिलाओं की भूमिका से प्रेरणा ले रही हैं और अपने यौन इ‘छाओं का खुलकर इजहार कर रही हैं तथा बिस्तर पर अपने पुरुष साथियों से ’यादा क्षमता और सोच की माँग करने लगी हैं. परिणामस्वरूप 18 से 40 साल के बीच के लोग धीरे-धीरे दुर्बलता महसूस करने लगे हैं. इन आधुनिक महिलाओं के कारण मर्द अपने आप में नपुंसकता महसूस कर सकते हैं, फलस्वरूप उत्तेजक दवा का सहारा लेकर अपने साथी कों खुश करने कि कोशिश करना शुरू कर देते है. शुरुयात में यह सब एक कोशिश होता है, लेकिन धीरे-धीरे ये दवाए पुरुषो की आदत बन जाती है. इस तरह शुरू होता है, रोजाना उत्तेजक गोलियों के माध्यम से साथी कों खुश करने की कशमकश.

* साइड इफेक्ट्स :- उत्तेजक दवायो का उपयोग लोग यौन शक्ति बढ़ाने के लिए होती है, लेकिन लगातार उपयोग करने की दशा में लोग अपना यौन शक्ति तों खोते ही है, साथ-साथ कई बीमारियों कों आमंत्रित करते है. कुछ नए शोधों से तो यहां तक पता चला है कि कामोत्तेजना बढ़ाने वाली दवाओ के प्रभाव से कानों की सुनने की क्षमता भी खत्म हो जाती है. शोध से यह भी साबित हुआ है कि उत्तेजक गोली (वियाग्रा) से वीर्य पर भी असर पड़ता है और निषेचन की क्षमता घटती है, यानि बच्चा पैदा करने की पुरुषों की क्षमता घटाती है. जानकारों का मानना है कि इसके साइड इफेक्ट्स काफी हद तक बढ़ गई है,

सिर में दर्द और चेहरे पर लाल दाने उभर जाना सबसे आम है. इसके अलावा कई लोगों में नाक में खून जमना, छींक आना, अपच, पीठ में दर्द, दिल की धडक़न बढऩा और रोशनी से डर लगना जैसे लक्षण भी नजर आते हैं. यही नही यौन क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं का जो सबसे खतरनाक दुष्प्रभाव है, कि वह धमनियों में फैलाव ला देती है. जिसके फलस्वरूप निम्न रक्तचाप, लिंग में दर्द, दिल का दौरा, आंखों की रोशनी कमना और कई बार तो अंधेपन जैसी समस्या सामने आ जाती है.

* क्या कहते है विशेषज्ञ :- शारीरिक संबंध (सेक्स) शरीर का मिलन भर नही है, बल्कि दो लोगो का अन्दुरुनी प्रेम सम्बन्ध है, विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तेजक दवाo से काफी हद तक दुरिया बनाई रखनी चाहिए. कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि छणिक सुख के लिए दूरगामी बीमारियों का न्यौता ना दे, जहाँ तक हो सके इन दवाओ के सेवन से बचे.

डाक्टरों का कहना है कि उत्तेजक दवा आपको आपके साथी से दुरिया बनाने में अहम रोल अदा करता है. इस बात कों बहुत लोग मानाने कों तैयार नही है, लेकिन यह सच है कि इन दवाओ का सेवन शुरुयात में आपके जीवन में मीठा रस घोलता है, फिर नीम से कड़ा कड़वाहाट आपके संबंध में आ जाता है. शारीरिक संबंध (सेक्स) के संबंधित मामलो पर 20 साल से काम करने वाले डाँ विनीत बताते है कि इन दवाओ का उपयोग नपुंसक लोगो के लिए कारगर है, जबकि सामान्य लोगो के लिए बेहद खतरनाक जहाँ तक हो सके इन दवाo के सेवन से बचना चाहिए. क्यों कि पिछले दो सालो में नवयुवको का छुकाव इन दवाओ के तरफ तेजी बढा है, जो बेहद खतरनाक है.

* क्या कहता है कानून :- उत्तेजक दवाओ के बिक्री के संबंध में कई कड़े कानून ना होने के कारण हमारे देश में इन दवाओ के नाम पर लूट जोरो से हो रही है. कुछ अंग्रेजी उत्तेजक दवा भी समान्य दवा विक्री कानून के अंदर आते है. एक अनुमान के अनुसार नीम-हाकिम के द्वारा दिए जाने वाले उत्तेजक दवाओ कों लोग कभी कारगर मन कर बड़े पैमाने पर उसका उपयोग कर रहे है. ऐसे कई नीम- हकीम है, जो चोरी छुपे उत्तेजक दवाओ के नाम पर कुछ भी बेच रहे है. इस तरह के मामले प्रकाश में नही आ पाते है, क्यों कि पीडि़त लोग शर्म के मारे समाज में इनके विरोध कुछ बोल नही पाता है. जिससे कई मामलों का सच सामने आता ही नही है और नित्य इन गोलियों के माध्यम से कानून के आँखों में धुल झोका जा रहा है.

सेक्स फैंटेसी को लेकर लोगों की बदलती सोच, पढ़ें खबर

सेक्स को ले कर महिलाओं पर रूढिवादी सोच हमेशा हावी रही है. लेकिन अब समय के साथ यह टूटने लगी है. अब पुरुषों की ही तरह महिलाएं भी सेक्स को पूरी तरह ऐंजौय करना चाहती हैं. इसे ले कर उन के मन में कई तरह के सपने भी होते हैं. अब ये बातें भी पुरानी हो गई हैं कि कौमार्य पति की धरोहर है. अब शादी के पहले ही नहीं शादी के बाद भी सेक्स की वर्जनाएं टूटने लगी हैं. शादी के बाद पतिपत्नी खुद भी ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं जहां वे खुल कर अपनी हसरतें पूरी कर सकें.

परेशानियों से बचाव

सेक्स के बाद आने वाली परेशानियों से बचाव के लिए भी महिलाएं तैयार रहती हैं. प्लास्टिक सर्जन डाक्टर रिचा सिंह बताती हैं, ‘‘शादी से कुछ समय पहले लड़कियां हमारे पास आती हैं, तो उन का एक ही सवाल होता है कि उन्होंने शादी के पहले सेक्स किया है.

इस बात का पता उन के होने वाले पति को न चले, इस के लिए वे क्या करें? लड़कियों को जब इस बारे में सही राय दी जाती है तो भी वे मौका लगते ही सेक्स को ऐंजौय करने से नहीं चूकतीं. शादी के कई साल बाद महिलाएं हमारे पास इस इच्छा से आती हैं कि वे शारीरिक रूप से कुंआरी सी हो जाएं.’’

विदेशों में तो सेक्स को ले कर तमाम तरह के सर्वे होते रहते हैं पर अपने देश में ऐसे सर्वे कम ही होते हैं. कई बार ऐसे सैंपल सर्वों में महिलाएं अपने मन की पूरी बात सामने रखती हैं. इस से पता चलता है कि सेक्स को ले कर उन में नई सोच जन्म ले रही है. डाक्टर रिचा कहती हैं कि शादी से पहले आई एक लड़की की समस्या को एक बार सुलझाया गया तो कुछ दिनों बाद वह दोबारा आ गई और बोली कि मैडम एक बार फिर गलती हो गई.

सेक्स रोगों की डाक्टर प्रभा राय बताती हैं कि हमारे पास ऐसी कई महिलाएं आती हैं, जो जानना चाहती हैं कि इमरजैंसी पिल्स को कितनी बार खाया जा सकता है. कई महिलाएं तो बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की गोलियों का प्रयोग करती हैं. कुछ महिलाएं तो गर्भ ठहर जाने के बाद खुद ही मैडिकल स्टोर से गर्भपात की दवा ले कर खा लेती हैं. मैडिकल स्टोर वालों से बात करने पर पता चलता है कि बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की दवा का प्रयोग करने वाले पतिपत्नी नहीं होते हैं.

बदल रही सोच

सेक्स अब ऐंजौय का तरीका बन गया है. शादीशुदा जोड़े भी खुद को अलगअलग तरह की सेक्स क्रियाओं के साथ जोड़ना चाहते हैं. इंटरनैट के जरीए सेक्स की फैंटेसीज अब चुपचाप बैडरूम तक पहुंच गई है, जहां केवल दूसरे मर्दों के साथ ही नहीं पतिपत्नी भी आपस में तमाम तरह की सेक्स फैंटेसीज करने का प्रयास करते हैं.

इंटरनैट के जरीए सेक्स की हसरतें चुपचाप पूरी होती रहती हैं. सोशल मीडिया ग्रुप फेसबुक और व्हाट्सऐप इस में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. फेसबुक पर महिलाएं और पुरुष दोनों ही अपने निक नेम से फेसबुक अकाउंट खोलते हैं और मनचाही चैटिंग करते हैं. इस में कई बार महिलाएं अपना नाम पुरुषों का रखती हैं ताकि उन की पहचान न हो सके. वे चैटिंग करते समय इस बात का खास खयाल रखती हैं कि उन की सचाई किसी को पता न चल सके. यह बातचीत चैटिंग तक ही सीमित रहती है. बोर होने पर फ्रैंड को अनफ्रैंड कर नए फ्रैंड को जोड़ने का विकल्प हमेशा खुला रहता है.

इस तरह की सेक्स चैटिंग बिना किसी दबाव के होती है. ऐसी ही एक सेक्स चैटिंग से जुड़ी महिला ने बातचीत में बताया कि वह दिन में खाली रहती है. पहले बोर होती रहती थी. जब से फेसबुक के जरीए सेक्स की बातचीत शुरू की है तब से वह बहुत अच्छा महसूस करने लगी है. वह इस बातचीत के बाद खुद को सेक्स के लिए बहुत सहज अनुभव करती है. पत्रिकाओं में आने वाली सेक्स समस्याओं में इस तरह के बहुत सारे सवाल आते हैं, जिन्हें देख कर लगता है कि सेक्स की फैंटेसी अब फैंटेसी भी नहीं रह गई है. इसे लोग अपने जीवन का अंग बनाने लगे हैं.

तरहतरह के लोग

फेसबुक को देखने, पसंद करने और चैटिंग करने वालों में हर वर्ग के लोग हैं. ज्यादातर लोग गलत जानकारी देते हैं. व्यक्तिगत जानकारी देना पसंद नहीं करते. छिबरामऊ की नेहा पाल की उम्र 20 साल है. वह पढ़ती है. वह लड़के और लड़कियों दोनों से दोस्ती करना चाहती है. 32 साल की गीता दिल्ली में रहती है. वह नौकरी करती है.

उस की किसी लड़के के साथ रिलेशनशिप है. वह केवल लड़कियों से सैक्सी चैटिंग पसंद करती है. उस की सब से अच्छी दोस्त रीथा रमेश है, जो केरल की रहने वाली है. वह दुबई में अपने पति के साथ रहती है. अपने पति के साथ शारीरिक संबंधों पर वह खुल कर गीता से बात करती है.

ऐसे ही तमाम नामों की लंबी लिस्ट है. इन में से कुछ लड़कियां अपने को खुल कर लैस्बियन मानती हैं और लड़कियों से दोस्ती और सैक्सी बातों की चैटिंग करती हैं. कुछ गृहिणियां भी इस में शामिल हैं, जो अपने खाली समय में चैटिंग कर के मन को बहलाती हैं. कुछ लड़केलड़कियां और मर्द व औरतें भी आपस में सैक्सी बातें और चैटिंग करते हैं.

कई लड़केलड़कियां तो अपने मनपसंद फोटो भी एकदूसरे को भेजते हैं. फेसबुक एकजैसी रुचियां रखने वाले लोगों को आपस में दोस्त बनाने का काम भी करता है. एक दोस्त दूसरे दोस्त को अपनी फ्रैंडशिप रिक्वैस्ट भेजता है. इस के बाद दूसरी ओर से फ्रैंडशिप कन्फर्म होते ही चैटिंग का यह खेल शुरू हो जाता है. हर कोई अपनीअपनी पसंद के अनुसार चैटिंग करता है.

कुछ लड़कियां तो ऐसी चैटिंग करने के लिए पैसे तक वसूलने लगी हैं. वाराणसी के रहने वाले राजेश सिंह कहते हैं, ‘‘मुझ से चैटिंग करते समय एक लड़की ने अपना फोन नंबर दिया और कहा इस में क्व500 का रिचार्ज करा दो. मैं ने नहीं किया तो उस ने सैक्सी चैटिंग करना बंद कर दिया.’’

इसी तरह से लखनऊ के रहने वाले रामनाथ बताते हैं, ‘‘मेरी फ्रैंडलिस्ट में 4-5 लड़कियों का एक ग्रुप है, जो मुझे अपने सैक्सी फोटो भेजती हैं. मेरे फोटो देखना भी वे पसंद करती हैं. कभीकभी मैं उन का नैटपैक रिचार्ज करा देता हूं. इन से बात कर मैं बहुत राहत महसूस करता हूं. मुझे यह अच्छा लगता है, इसलिए मैं कुछ रुपए खर्च करने को भी तैयार रहता हूं.’’ फेसबुक के अलावा अब व्हाट्सऐप पर भी इस तरह की चैटिंग होने लगी है.

पोर्न और सेक्स का खुला बाजार

सनी लियोनी को जिस तरह से भारतीय फिल्मों में करियर बनाने में कामयाबी मिली है, उस के बाद से कई पोर्न स्टार लड़कियां भारतीय इंडस्ट्री में आ कर करियर बनाना चाहती हैं.

रशियन पोर्न स्टार मिया मालकोवा हिंदी फिल्मों के जानेमाने फिल्मकार व डायरैक्टर रामगोपाल वर्मा की वैब सीरीज ‘गौड, सेक्स ऐंड ट्रुथ’ में काम कर चुकी हैं.

सोशल मीडिया पर इस के फोटो वायरल होने के बाद लोगों की बढ़ी दिलचस्पी से साफ है कि मिया मालकोवा को भी सनी लियोनी जैसी लोकप्रियता हासिल हो सकती है.

इस की सब से बड़ी वजह यह है कि भारतीय समाज अब पोर्न स्टार को ले कर अपनी पुरानी दकियानूसी सोच से बाहर निकल रहा है. सनी लियोनी को कलाकार के रूप में पैसा और शोहरत दोनों मिल रहे हैं.

सनी लियोनी को जब टैलीविजन के एक शो ‘बिग बौस’ में लाया गया था तो शो बनाने वालों पर आरोप लगा था कि वे अपने कार्यक्रम की टीआरपी बढ़ाने के लिए सनी लियोनी का सहारा ले रहे हैं. उस समय पहली बार हिंदुस्तानी दर्शकों को पता चला था कि सनी लियोनी पोर्न फिल्मों की बहुत बड़ी कलाकार हैं.

पोर्न फिल्मों और उस के कलाकारों को हिंदुस्तानी दर्शक पसंद करेंगे, इस बात को ले कर एक शक सा सभी के मन में था. फिल्मी दुनिया के जानकार मान रहे थे कि पोर्न फिल्मों का विरोधी देश सनी लियोनी को कभी पसंद नहीं करेगा. खुद सनी लियोनी को भी यही लगता था.

कनाडा में पैदा हुई सनी लियोनी भारतीय मूल की पंजाबी लड़की हैं.

5 फुट, 4 इंच लंबी सनी लियोनी गोरे रंग की 50 किलो वजन की हैं. पोर्न फिल्मों में आने से पहले वे जरमन बेकरी में काम करती थीं. इस के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए एक टैक्स फर्म में काम किया था. फिर उन की मुलाकात एक फोटोग्राफर से हुई जो पोर्न फोटो खींचता था.

उस फोटोग्राफर के कहने पर सनी लियोनी ने पोर्न फोटो शूट कराए, फिर यहीं से उन की पोर्न फिल्मों का सफर शुरू हो गया.

साल 2011 में सनी लियोनी ने डेनियल वेबर से शादी की. भारतीय फिल्म उद्योग में आने के बाद उन्हें भारी कामयाबी मिली.

पोर्न का देशी बाजार

सनी लियोनी के बाद भारतीय दर्शकों में पोर्न फिल्मों का क्रेज तेजी से बढ़ा है. विदेशों में पोर्न फिल्मों का उद्योग हिंदी फिल्मों जैसा ही है. इन फिल्मों के भी कलाकार होते हैं, जो दूसरे कलाकारों  जैसे होते हैं. उन का अपना घरपरिवार होता है.

अमेरिका के लौस एंजिल्स में पोर्न फिल्मों की शूटिंग के लिए पूरी तरह से कानूनी इजाजत दी जाती है. वहां साल में जितनी फिल्मों की शूटिंग के लिए इजाजत ली जाती है उन में से 5 फीसदी पोर्न फिल्में होती हैं.

भारत में भले ही पोर्न फिल्में बनाने के लिए कानूनी इजाजत न हो, पर चोरीछिपे पिछले 20 सालों से ऐसी फिल्मेंबनती रही हैं.

टैक्नोलौजी में बदलाव के साथसाथ पोर्न फिल्मों के कारोबार में भी बदलाव आया है. आज इंटरनैट, सीडी और मोबाइल फोन के जरीए पोर्न फिल्मों का मजा देश के हर तबके के लोग ले रहे हैं.

एक सर्वे के मुताबिक, इंटरनैट का इस्तेमाल करने वाले 80 फीसदी लोग कभी न कभी पोर्न फिल्में जरूर देखते हैं. 60 फीसदी लोग इस के पक्के दर्शक हैं. 20 फीसदीलोग इंटरनैट से पोर्न फिल्मों की खरीदारी करते हैं.

ज्यादातर लोग इंटरनैट पर ऐसी फिल्में देखते हैं, जिन के लिए उन को अलग से पैसा देने की जरूरत नहीं पड़ती है.

ज्यादातर हिंदुस्तानी दर्शक विदेशी पोर्न फिल्मों को पसंद करते हैं. कुछ ऐसे लोग भी हैं जो देशी पोर्न फिल्में देखने के आदी हैं. यही वजह है कि इंटरनैट पर देशी पोर्न फिल्मों की अलग साइटें तैयार होने लगी हैं.

विदेशों में बनती देशी पोर्न

अभी तक ज्यादातर देशी पोर्न फिल्में चोरीछिपे बनती थीं, जिन की फोटोग्राफी अच्छी नहीं होती थी. अब हिंदुस्तानी लड़केलड़कियों को ले कर विदेशों में फिल्में बनने लगी हैं. इन को सीडी और इंटरनैट के जरीए बेचा जा रहा है.

मुंबई में चोरीछिपे पोर्न फिल्में बनाने वाले भारतीय फिल्मकारों के लिए अब विदेशों में यह काम करना आसान हो गया है.

एक ऐसे ही फिल्मकार का कहना है, ‘‘अब पोर्न फिल्मों में काम करनेसे देशी लड़कियों को कोई परहेज नहीं है. कुछ शादीशुदा लड़कियां भी इस के लिए तैयार होती हैं.

‘‘देश के तमाम हिस्सों से मुंबई में काम की तलाश में आने वाली कुछ लड़कियां ऐसी फिल्मों में काम कर के पैसे कमाना चाहती हैं. सनी लियोनी के बाद इन को लगता है कि देश के लोग इन्हें भी इज्जत की नजर से देख सकते हैं. ये लड़कियां विदेशों में पोर्न फिल्मों की शूटिंग को तवज्जुह देती हैं.’’

देशी पोर्न फिल्मों में कालगर्ल भी काम करने को तैयार हो जाती हैं. इन में से ज्यादातर को अपना चेहरा दिखाने से कोई गुरेज भी नहीं होता है. ये विदेशी पोर्न फिल्में देख कर देशी पोर्न फिल्में तैयार कर लेती हैं.

देशी पोर्न फिल्मों का एक बड़ा क्षेत्र बैंकौक बन गया है. वहां पर देशी लड़कियों को ले कर पोर्न फिल्में तैयार हो रही हैं. इन लड़कियों को केवल शूटिंग करने के लिए ही बैंकौक भेजा जाता है. ऐसी पोर्न फिल्मों की बड़ी मांग अपने देश के अलावा पाकिस्तान, अरब देशों और नेपाल में होती है.

अरब देशों में पोर्न फिल्मों की शूटिंग भले ही न होती हो, पर वहां पर भी पोर्न फिल्मों की मांग सब से ज्यादा है. वे लोग पोर्न फिल्में खरीदने के लिए पैसा भी खर्च करते हैं.

कौमार्य भंग होती पोर्न फिल्मों की ज्यादा मांग अरब देशों में होती है. इस के साथ ही वहां सेक्स के दूसरे क्रूर तरीके दिखाने वाली फिल्में भी देखी जाती हैं.

ऐसे में अरब देश की औरतों के किरदार निभाने के लिए भी भारतीय लड़कियों का सहारा लिया जाता है. इन को मेकअप और कपड़ों से अरब देश की औरतों का लुक भी देने की कोशिश की जाती है.

भारतीय लड़कियां टूरिस्ट वीजा ले कर विदेशों में जाती हैं. वहां पोर्न फिल्मों की शूटिंग कर के वापस चली आती हैं.

इंटरनैट पर पोर्न फिल्मों के सहारे तमाम तरह के दूसरे सेक्स के सामान बेचने का सहारा भी लिया जाता है. इन के लिए पोर्न फिल्मों की साइटें सब से बड़ा सहारा बन गई हैं. इन सैक्सी इतिश्हारों में मर्द के अंग को लंबा और मोटा करने के लिए दवा, सैक्सी बातचीत करने वाली लड़कियों का प्रचार, पोर्न फिल्मों के कुछ सीन दिखा कर पूरी फिल्में और सैक्सी खिलौने बेचने का काम खूब होता है.

हर उम्र को लुभाती हैं

नैट बैंकिंग के शुरू होने के बाद इस क्षेत्र में भुगतान करना आसान हो गया है. इन फिल्मों का सब से बड़ा दीवाना आज का नौजवान तबका है.

इस के अलावा 40 साल के बाद की उम्र के लोग भी पोर्न फिल्मों का पूरा मजा लेते हैं. अब लड़के ही नहीं लड़कियां भी इन को खूब देखती हैं.

वैसे तो भारत में सेक्स को ले कर ज्यादा भरोसे लायक सर्वे नहीं होते हैं, फिर भी जो होते हैं उन में से एक सर्वे से पता चलता है कि 30 फीसदी लड़कियां पोर्न फिल्में देखने का शौक रखती हैं. 38 फीसदी शादीशुदा लड़के और 20 फीसदी लड़कियां पोर्न फिल्मों को देखते हैं.

गांव और शहर के आधार पर जब इस का सर्वे किया गया तो पता चला कि शहरों के 35 फीसदी और गांव के 26 फीसदी लड़के पोर्न फिल्में देखते हैं.

लड़के जहां शादी से पहले अपने साथियों के साथ पोर्न फिल्में देखने की शुरुआत करते हैं, वहीं लड़कियां शादी के बाद पतियों की पहल पर पोर्न फिल्में देखती हैं.

शादीशुदा लड़कियों ने सर्वे में बताया कि उन के  पतिउन्हें पोर्न फिल्में सेक्स में बढ़ावा देने के लिए दिखाते हैं.

सर्वे से यह भी पता चलता है कि गांव के 17 फीसदी और शहरों में रहने वाले 10 फीसदी लड़के शादी से पहले सेक्स का अनुभव ले चुके थे.

गांव में रहने वाली 4 फीसदी लड़कियां और शहरों में रहने वाली 2 फीसदी लड़कियां शादी से पहले ही सेक्स का अनुभव कर चुकी होती हैं.

गांव हो या शहर, पोर्न फिल्मों का चलन बढ़ाने में मोबाइल फोन का सब से अहम रोल रहा है. मोबाइल फोन पर ऐसी फिल्में लोड करने का अलग कारोबार चल पड़ा है. 1,500 से 2,000 रुपए की कीमत में ऐसे मोबाइल फोन बाजार में आ गए हैं जिन में 2 जीबी से ले कर 10 जीबी तक के मैमोरी कार्ड लगते हैं. ये कार्ड 200 रुपए की कीमत में मिल जाते हैं. इस कार्ड में ऐसी पोर्न फिल्में आसानी से लोड कराई जा सकती हैं.

जिन लोगों के पास कंप्यूटर या लैपटौप जैसे महंगे साधन नहीं हैं उन के लिए मोबाइल फोन सब से अच्छा साधन बन गया है. पहले कुछ लोग साइबर शौप पर जाते थे, पर वहां परेशानी होती थी. अब जिन लोगों के मोबाइल फोन में इंटरनैट चलाने की सुविधा है वे सीधे पोर्न फिल्में देख सकते हैं.

जागरूक करतीं पोर्न फिल्में    

पोर्नोग्राफी और सेक्स ऐजूकेशन की किताबों के बीच एक बहुत ही महीन सी दीवार होती है. इस तरह की जानकारी काफी हद तक पतिपत्नी के बीच जिस्मानी संबंधों को ले कर फैली हुई भ्रांतियों को दूर करती है. इस को गलत तब कहा जा सकता है जब इस को गलत लोग देखें या फिर जबरदस्ती किसी लड़की या लड़के को दिखाएं.

पहले बड़ा परिवार होता था. इन में भाभी, बड़ी ननद, बूआ और बड़ी बहन जैसे तमाम रिश्ते होते थे जो लड़की को शादी के बाद जिस्मानी संबंधों के बारे में बताती थीं.

अब इस तरह के रिश्ते कम हो गए हैं. लड़कियां अपने करियर और दूसरे मसलों में इतना उलझी हुई होती हैं कि वे अपने परिवार के लोगों से इतना नहीं घुलमिल पाती हैं कि उन से जिस्मानी संबंधों पर बात कर सके. इस के चलते शादी के बाद जिस्मानी संबंधों को ले कर वे अनजान ही बनी रहती हैं.

जिन दोस्तों या सहेलियों के जरीए उन को पता चलता है, वह भी सही जानकारी नहीं दे पाते हैं. कभीकभी इन जानकारियों की कमी में लड़कियों को कुंआरी मां बनने तक की नौबत आ जाती है.

आमतौर पर अपने देश में इस तरह की सेक्स ऐजूकेशन को गलत माना जाता है. इस की कमी में लड़कियां सेक्स से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो जाती हैं.

अपने देश में भले ही सेक्स सिखाने वाली किताबों को पोर्नोग्राफी माना जाता हो लेकिन दूसरे देशों में इस को इलाज के रूप में लिया जाता है.

एक डाक्टर बताते हैं, ‘‘जब मेरे पास कोई लड़का इस बात की शिकायत ले कर आता है कि वह नामर्दी का शिकार है, उस के अंग में तनाव नहीं आता है तो यह देखना पड़ता है कि यह तनाव हमेशा नहीं आता या फिर कभीकभी आता भी है.

‘‘जब लड़का कहता है कि सेक्स की किताबें पढ़ कर या फिर ब्लू फिल्में देख कर तनाव आता है, तब यह पता चलता है कि उस लड़के की नामर्दी केवल मन का वहम है. अगर इस हालत में भी तनाव नहीं आता है तो उस का इलाज थोड़ा मुश्किल हो जाता है.’’

विदेशों में पोर्नोग्राफी को ले कर कई तरह की रिसर्च होती रहती हैं. इसी तरह की एक रिसर्च बताती है कि ब्लू फिल्में देखने से आदमी के शुक्राणुओं की गति तेज हो जाती हैं.पोर्नोग्राफी को विदेशों में  एक कला की तरह देखा जाता है. कुछ कलाकार तो दूसरी फिल्मों में भी काम कर के अपना नाम कमाते हैं.

सेक्स संबंधों की काउंसलिंग करने वाले कुछ डाक्टरों का कहना है कि अपने देश में भी पोर्न फिल्मों को दिखा कर नामर्दी का इलाज करना कानूनी रूप से सही माना जाना चाहिए. कानून को इस बात की इजाजत देने के बारे में सोचना चाहिए. जब नामर्दी दूर करने के लिए दवाएं बनाई जाती हैं तो उन का असर देखने के लिए भी ब्लू फिल्मों का इस्तेमाल किया जाता है.

पोर्नोग्राफी का इस्तेमाल जब पतिपत्नी आपसी समझदारी के साथ करते हैं तो उन के रिश्ते रोचक हो जाते हैं. सेक्स संबंध शादीशुदा जोड़ों की बड़ी जरूरत होते हैं. कभीकभी जब ये संबंध टूटते हैं तो इन का असर शादीशुदा जिंदगी पर भी पड़ता है.

हमारे समाज में औरतों को सेक्स के बारे में अपनी बात कहने से रोका जाता है. इस के उलट आदमी सेक्स को ले कर हर तरह का प्रयोग करना चाहता है.

जब पतिपत्नी के बीच इस तरह की परेशानी आती है तो पति दूसरी औरत की तरफ भागने लगता है. अगर दूसरी औरत वाले मामले को देखें तो उस की सब से बड़ी वजह सेक्स ही है.

हमारे समाज में औरतों को कभी बराबरी का दर्जा नहीं दिया गया. कभी उस को देवी बना दिया गया तो कभी कोठे पर बिठा दिया गया. उस को अपनी जिंदगी जीने के बारे में सिखाया ही नहीं गया.

आज भी सेक्स को ले कर पत्नी में एक झिझक रहती है. उस को लगता है कि अगर सेक्स को ले कर उस ने पहल की तो उसे ही बदचलन मान लिया जाएगा. इसलिए वह चुप ही रहती है.

इस तरह के जोड़ों में तनाव और लड़ाईझगड़ा ज्यादा होता है. जिन लोगों की सेक्स जिंदगी ठीक होती है, वे हंसीखुशी व तालमेल के साथ रहते हैं.

सेक्स है हमारे जीवन का सामान्य हिस्सा

अगर कोरोना की महामारी के दौरान आपने और आपके साथी ने खुद को एकांतवास में ले लिया है तो ऐसे में आपकी सेक्स लाइफ में रोमांच लाने के कई तरीके हो सकते हैं. कोरोना वायरस के खौफ के साए में हम चेहरे पर तो हाथ का स्पर्ष नहीं ले जा रहे हैं लेकिन बदन के अन्य हिस्सोंको तो छुआ जा सकता है.

यह बीमारी सेक्स से संक्रमित नहीं होती और न ही ऐसा कोई मामला सामने आया है कि किन्ही युगलों के बीच सेक्स के कारण इसका संक्रमण हो गया हो. यह मूल रूप से सांसों के माध्यम से गिरी बारीक बूंदों और किसी संक्रमित सतह को छूने से हो रही है.

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इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोविड-19 का संक्रमण योनी या गुदा मैथुन से हुआ हो. सेक्स के दौरान चूमना बहुत आम बात है लिहाजा इसका वायरस मुंह की लार के जरिए फैल सकता है. अगर आपका पार्टनर विदेष दौरे से लौटा/लौटी है तो उस स्थिति में चुंबन लेने से बचें! यात्रा करने के दो हफ्ते बाद ऐसा करना सुरक्षित है. कोविड-19 के ओरल-फिकल ट्रांसमिषन के भी सबूत मिले हैं, लिहाज़ा, ओरल सैक्स से बचना चाहिए.

यदि एक भी पार्टनर कोविड-19 का संदिग्ध रोगी है तो बेहतर यही होगा कि आप एक दूसरे से दूर रहे हैं और जांच के नतीजे मिलने तक अलग-अलग कमरों में ही सोएं.

लेकिन अगर आपमें से किसी में भी किसी किस्म का लक्षण दिखायी नहीं दिया है और किसी संक्रमित व्यक्ति या सतह आदि के संपर्क में भी नहीं आए हैं तथा पूरे समय घर पर ही रहे हैं तो सेक्स से अच्छा और कोई तरीका आनंद लेने का नहीं हो सकता. यह तनावपूर्ण समय में बेचैनी दूर करने का सबसे बढ़िया उपाय है.

फिलहाल यही सलाह है कि जितना हो सके घर पर रहें और रोज़मर्रा की जरूरतों का सामान खरीदने के वक़्त ही दूसरे लोगों के संपर्क में आएं. इस दौरान भी अन्य लोगों से कम से कम दो मीटर की दूरी बनाएं रखें. हालाकि इस स्थिति में कैजुअल सेक्स करना चुनौतीपूर्ण होगा!

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किसी भी किस्म का अंतरर्वैयक्तिक संबंध तभी कायम करें जब ऐसा करना एकदम जरूरी हो. लिहाज़ा, आगामी कुछ हफ्तों में यौन संसर्ग कुछ कम हो सकता है. लेकिन यौन सुख प्राप्त करने के और भी कई तरीके हैं तो मौजूदा हालात में उपयोगी साबित हो सकते हैं. इनमें सेक्सटिंग, वीडियो काॅल, कामोत्तेजक साहित्य पढ़ना और हस्तमैथुन षामिल हैं. याद रखिये, आप अपने सबसे सुरक्षित सेक्स पार्टनर हैं. ऐसे में हस्तमैथुन बढ़िया विकल्प है और यह आपको कोविड-19 से बचाए रखेगा. ऐसे में भी हाथ धोना मत भूलिये और यदि आप सेक्स टाॅयज़ का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें भी सेक्स से पहले और बाद में 20 सेकंड अवष्य धो लें.

कहीं अंधकार में न धकेल दे आनंद की यह छलांग!

हिमांशी हाय!

कुनाल : हैलो— आप—?

हिमांशी : मेरा नाम हिमांशी है और आपका?

कुनाल : मेरा नाम कुनाल है, क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?

हिमांशी : क्यों नहीं? अगर न करनी होती तो तुम्हारे चैट बौक्स में थोड़े आती.

कुनाल : ओ, तो ये बात है.

हिमांशी : हां, यही बात है.

कुनाल : सो, ये बताओ तुम्हें किस चीज में दिलचस्पी है?

हिमांशी : लड़कों से दोस्ती करने में.

कुनाल : अच्छा अगर मैं लड़की होती तो तुम मुझसे दोस्ती नहीं करती ?

हिमांशी : नहीं, ऐसा नहीं है। फिर मैं उसे दूसरे तरह से ट्रीट करती—।

कुनाल : इसका क्या मतलब है?

हिमांशी : जाने दो, तुम नहीं समझोगे—।

कुनाल : तुम्हें मैं पागल लगता हूं क्या? मैं इतना भी नासमझ नहीं हूं।

हिमांशी : अच्छा काफी समझदार हो—।

कुनाल : आजमा लो

हिमांशी :  देख लो! मौके में धोखा तो नहीं दोगे।

कुनाल : कुछ भी करवा लो। अगर बीच चैराहे पर छोड़ जाऊं तब तुम मुझे लड़का ही मत समझना–

हिमांशी : क्या! क्या! क्या! लड़का ही न समझूं. कहीं वाकई कोई अबनॉर्मलिटी तो नहीं है? मुझे तो लग रहा है कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरुर है.

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कुनाल : यहां कुछ दिखा नहीं सकता वरना सब कुछ दिखा देता.

हिमांशी : कर तो सकते हो

कुनाल : करवा लो, इंतजार किस बात का कर रही हो? चले क्या बेडरूम में.

हिमांशी : मैं कब से इसी बात का तो इंतजार कर रही हूं.

कुनाल : चलो फिर. मेरे बेडरूम में राउंड बेड है और मैंने चारो तरफ कैंडल जलायी हुई है. धीमे स्वर में संगीत बज रहा है.

हिमांशी : वाव! मुझे यहां सुकून मिल रहा है. मैंने कभी इतनी खूबसूरत डेटिंग नहीं की. तुम्हारी खिड़की खुली हुई है.

कुनाल : रुक जाओ लगाकर आता हूं.

हिमांशी : नहीं रहने दो. यहां से बहुत प्यारी हवा आ रही है। ये हवा मेरे पूरे जिस्म में सनसनी फैला रही है.

कुनाल : तुम्हें अच्छा लग रहा है तो ठीक है. मैं नहीं लगा रहा हूं. मैं तो तुम्हें घूर रहा हूं.

हिमांशी : मेरी आंखें शर्म से नीचे हो रही हैं.  मुझमें तुम्हारी आंखों से आंखें मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही.

कुनाल : कोई बात नहीं. ऐसा तो लड़कियों के साथ होता ही है.

हिमांशी : तुम्हें तो लड़कियों के बारे में काफी जानकारी है.

कुनाल : हां, खैर ये बताओ कि तुमने पहना क्या है? मुझे उतारना है.

हिमांशी : मैंने मिनी स्कर्ट: ऊपर टॉप है. पीछे से इसके हुक है और तुमने—?

कुनाल : मैंने जीन्स पहना है, ब्लू कलर का और शर्ट है, व्हाईट कलर की. मेरी हाइट 5-10 इंच है. शौर्ट हेयर है, फेयर कलर है.

हिमांशी : मेरी हाइट 5-5 इंच है. 34, 26, 34 मेरा साइज है.

कुनाल : क्या बात है. तुम तो बहुत सेक्सी हो.

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हिमांशी : हां, कोई लड़का कॉम्पलीमेंट करता है तो ऐसा ही लगता है. मैंने अपने होंठों पर लाल रंग की लिपस्टिक लगाई है और बालों में पोनी बना रखी है. मेरी लटें मेरी आंखों में गिर रही है.

कुनाल : तुम्हारी लटें जो हवा से तुम्हारे चेहरे पर आ गिरी, उसे मैंने धीरे से तुम्हारे कान के पीछे कर दिया है और अब तुम्हारे गालों पर एक किस कर रहा हूं.

हिमांशी : हाय! मै शर्म से लाल हो गई.

कुनाल : मेरी जान इतना शर्माओगी तो आगे के काम कैसे करोगी?

हिमांशी : मैं तुम्हारे होंठों का रस पी रही हूं.

कुनाल : मजेदार है. तुम्हारे होंठ बड़े मीठे हैं. साथ ही तीखापन भी मौजूद है. जाने अंदर का माल कितना स्वादिष्ट होगा?

हिमांशी : चुप नालायक.

कुनाल : मैं अपने हाथ तुम्हारे पीठ पर सहला रहा हूं.

हिमांशी : मुझे गुदगुदी हो रही है. मैंने अपनी उंगलियां तुम्हारे बालों में फंसायी हुई है.

कुनाल : मैंने अपना हाथ तुम्हारी टॉप के अंदर घुसा दिया.

हिमांशी : हां, मुझे ठंडक महसूस हो रही है.

कुनाल : चेन खोल दिया. तुम्हारी ब्रा का हुक मुझे चुभ गया

हिमांशी : ध्यान से करो. मैंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी है.

कुनाल : लगता है तुम्हारी हुक टूटी हुई हैं

हिमांशी : हां, आज सुबह हैंगर से निकाल रही थी तभी टूट गई थी.

कुनाल : तुम बिना टॉप के कितनी खूबसूरत लग रही हो. मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.

हिमांशी : मैं तुम्हारी शर्ट के बटन खोल रही हूं. मैं तुम्हारे अंदर के माचो मैन को देखना चाहती हूं.

कुनाल : मैं भी चाहता हूं कि तुम जल्द से जल्द खोल दो. तुम खोलती रहो. मैं तुम्हारे गर्दन का रस चूस रहा हूं.

हिमांशी : मुझे बहुत मजा आ रहा है. मैं, मानों सातवें आसमान पर हूं. मैंने तुम्हारी पूरी शर्ट खोल दी है. तुम्हारा सीना तेरे सामने है. मैं तुम्हारे सीने को चूम रही हूं.

कुनाल : मैं गीला हो रहा हूं. मुझसे रहा नहीं जा रहा. मैं तुम्हारी स्कर्ट के बटन खोल रहा हूं.

हिमांशी : मुझे भी तुम्हारे खूबसूरत औजार को देखने का मन हो रहा है. मैं अपना हाथ तुम्हारे पैंट के अंदर डाल रही हूं.

कुनाल : तुम्हारी स्कर्ट मेरे हाथ में है.

हिमांशी : क्या!

कुनाल : हां, तुम टू पीस में बिल्कुल मेरी मल्लिका लग रही हो.

हिमांशी : मेरे हाथ में कुछ आ गया. यह बहुत टाइट है.

कुनाल : तुम्हारे प्यार का नतीजा है. इतनी देर जो कर रही हो, उसके चलते यह सब हो रहा है.

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हिमांशी : तुम तो बिल्कुल गीले हो चुके हो. तुम अब और किसका इंतजार कर रहे हो जो करना है जल्दी कर लो. मैं और इंतजार नहीं कर सकती. मेरे सब्र का इम्तहान मत लो. मेरी धड़कनें और मत बढ़ाओ. मैं तुम्हारी पूरी पैंट उतार रही हूं.

कुनाल : जल्दी करो.

हिमांशी : कर दिया. अमेजिंग. मैंने ऐसा आज से पहले कभी महसूस नहीं किया था.

कुनाल : मैं तुम्हारे सीने को दो उभारों को ब्रा से निकाल चुका हूं और उन्हें दबाने में बेहद आनंद आ रहा है. बिल्कुल ऐसा लग रहा है मानो मुलायम बॉल्स हैं.

हिमांशी : खोल दो!

कुनाल : खोल चुका हूं. लगता है तुम तो मुझसे भी ज्यादा उत्तेजना महसूस कर रही हो.

हिमांशी : मेरे गले से आवाज नहीं निकल रही.

कुनाल : मैं तुम्हें अपने बाहों में भरकर बेड में लिटा रहा हूं. तुम मेरी गोद में बिल्कुल एक बच्ची जैसी लग रही हो. सिर्फ तुम्हारी पैंटी उतारने की देरी थी. शिट! पैंटी क्यों नहीं उतारी?

हिमांशी : अब उतार दो. मैं तो कह ही रही थी कि उतार दों

कुनाल : मैं चलता हूं तो तुम्हारे दो उभार हिलते हैं, ऐसा नजारा प्रकृति की और किसी चीज में मौजूद नहीं हैं.

हिमांशी : हां, तुम चल रहे हो और तुम्हारा औजार सीधा खड़ा है.

कुनाल : बिल्कुल सही पहचाना, उसे अपनी जगह चाहिए

हिमांशी : लेकिन उससे पहले मेरा मुंह सूख रहा है. क्या मेरी प्यास नहीं बुझाओगे.

कुनाल : मैं कौन होता हूं तुम्हें रोकने वाला. तुम तो मेरी रानी हो, मेरी शहजादी हो.

हिमांशी : ये कितना नमकीन है. कितना रसीला है.

कुनाल : तेजी से करो और तेज और भी—

हिमांशी : कर रही हूं. इससे तेज नहीं कर सकती.

कुनाल : रुक जाओ. अब इसे इसकी जगह पर पहुंचा दो. हमारे प्यार को अंतिम सीमा तक पहुंचा दो.

हिमांशी : अरे, लगता है कुछ गिर गया.

कुनाल : क्या?

हिमांशी : एक कैंडल गिर गई.

कुनाल : जाने दो. फिलहाल यहां-वहां नजर मत दौड़ाओ.

हिमांशी : अरे मेरे राजकुमार अगर आग लग गई तो?

कुनाल : लो मैंने मोमबत्ति बुझा दी.

हिमांशी : मुझे प्यास लग रही है.

कुनाल : तुम क्या चाहती हो.

हिमांशी : वही जो तुम चाहते हो.

कुनाल : तो करने क्यों नहीं देती?

हिमांशी : मैं तो बस तुम्हारा सब्र देख रही थी.

कुनाल : फिलहाल मैं हार चुका हूं. करने दो मुझे

हिमांशी : मैं भी! और तेज और तेज और भी—. मुझे दर्द हो रहा है.

कुनाल : सॉरी! क्या तुम्हें दुख रहा है.

हिमांशी : हां, बहुत तेजऋ लेकिन मुझे मजा आ रहा है. तुम लगे रहो. करो और भी तेज. अपनी पूरी ताकत लगा दो. अपने अंदर का जंगली जानवर जगा दो. अअअअअअ—-.

कुनाल : तुम्हारी ये सिसकियां मेरी जान लेकर रहेंगी.

हिमांशी : मैं रुक नहीं सकती. अअअअअअअअ.

……और ये बातें अंत तक चलती रहीं जब तक दोनों क्लाइमेक्स पर पहुंच गए.

आज से करीब सात साल पहले यह मुंबई के दो टीनएजर की इंटीमेट चैट थी, जो वायरल हो गई थी. इसमें नाम काल्पनिक हैं बाकी बातचीत वही है, जो उस समय दोनों के बीच हुई थी. हिमांशी और कुनाल यूं तो फेसबुक के मैसेज बाक्स में उन दिनों बातचीत कर रहे थे, मगर ये सिर्फ बातचीत नहीं थी. दोनों इसके जरिये अपनी सेक्सअुल फंतासी इंज्वॉय कर रहे थे. वास्तव में ऐसी ही अंतरंग बातचीत के जरिये साइबर सेक्स की शुरुआत हुई थी, जो आज वर्चुअल इंटरकोर्स तक पहुंच चुका है. साइबर सेक्स को कम्पयूटर सेक्स, इंटरनेट सेक्स, नेट सेक्स, मड सेक्स, टाइनी सेक्स आदि कई नामों से जाना जाता है. इसके तहत हम व्यवहारिक तौरपर भले कुछ नहीं करते हैं, लेकिन वर्चुअल तौरपर या कहें कि बातों और कल्पनाओं में सारी हदें तोड़ देते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि नेट सेक्स में लोग अपने नेट फ्रेंड के जरिये तो यह सब करते ही हैं, साथ ही अजनबी लोगों के साथ भी अंगतरंगता का लुत्फ उठाते हैं. नेट सेक्स दरअसल फीलिंग की दुनिया है. बातों से और अब तो लाइव होकर बिल्कुल असली की तरह यह सब किया जाता है. नेट सेक्स महज झूठमूठ की एक्टिंग भर नहीं होता बल्कि इससे लोग वैसे ही संतुष्ट होते हैं, जैसे सचमुच का सेक्स करने से होते हैं.

मीठे मीठे दर्द की अनुभूति, सिसकियों की धीमी धीमी आवाज निकालकर और बदन के वैसे ही हाव भाव निकालकर साइबर सेक्स के जरिये भरपूर संतुष्ट हुआ जाता है. यही नहीं साइबर सेक्स अपनी फंतासियों के पूरा करने का भी एक कृत्रिम जरिया है. वास्तव में साइबर जगत एक ऐसी दुनिया बन गई है, जहां अपनी किसी भी कल्पना को वर्चुअल तरीके से अंजाम दे दिया जाता है. हालांकि अब इसमें कई तरह के अपराधिक तौर तरीके भी जुड़ गये है मसलन- कुछ पॉर्न वेबसाइटें सचमुच में लाइव सेक्स का प्रसारण करते हैं. मतलब यह कि लोग सेक्स की जो तमाम फंतासियां पहले पॉर्न फिल्मों के जरिये देखते थे, अब उन्हें न केवल लाइव भी दिखाया जाता है बल्कि दोहरे कम्युनिकेशन की व्यवस्था से दूर बैठे देखने वाले लोग इस पूरी प्रक्रिया को अपनी इच्छा के मुताबिक करने के लिए कह सकते हैं.

लेकिन जब इस दोहरे संवाद की सुविधा नहीं थी, तब भी साइबर सेक्स के दीवाने वेबकैम और हैड फोन का इस्तेमाल करते हुए, लाइव तरीके से हस्तमैथुन तक करने लगते थे. हालांकि आज पूरी दुनिया में बढ़ते साइबर सेक्स को लेकर बहुत चिंताएं जतायी जा रही हैं, लेकिन समाजशास्त्रियों का नजरिया इसमें बंटा हुआ है. कुछ का मानना है कि इस पर तुरंत सख्त पाबंदी लगनी चाहिए. क्योंकि यह बलात्कार की घटनाओं के लिए माहौल तैयार करता है. जबकि कुछ समाजशास्त्रियों का मानना है कि इसके जरिये तमाम यौन अपराध होने से बच जाते हैं, क्योंकि लोग कृत्रिम तरीके से अपनी सेक्सुअल जरूरतें पूरी कर लेते हैं. हालांकि यह कभी न खत्म होने वाली बहस है. लेकिन जिस तरह साइबर सेक्स धीरे धीरे ड्रग्स की तरह लत बन जाता है, उसके मद्देनजर इससे एक अनुशासित दूरी बनाकर रखना जरूरी है. पॉर्न तब तक बीमारी नहीं है बल्कि तरोताजा होने का उपाय है, जब तक पॉर्न देखने की फ्रीक्वेंसी पर हमारी इच्छा का नियंत्रण है. लेकिन अगर हम पॉर्न देखने की इच्छा पर नियंत्रण रखने में असफल हों तो इसके जबरदस्त नुकसान हैं. असल में तब यह एक ऐसी लाइलाइज बीमारी में तब्दील हो जाती है, जिससे उबरना मुश्किल होता है.

पिछला दशक पूरी दुनिया में साइबर सेक्स की फंतासियों का इंज्वाय करने वाला दशक था. लेकिन पिछले पांच छह सालों से पूरी दुनिया में साइबर पॉर्न के तमाम जाने अंजाने खतरे सामने आये हैं, जिनसे समाजशास्त्री बहुत चिंतित हैं. वास्तव में अमरीका और यूरोप जहां आज हर एक लाख की आबादी के बीच औसतन एक ऐसा क्लिनिक खुल गया है, जहां साइबर सेक्स के एडिक्शन का इलाज हो रहा है, उससे इसके खतरे का जबरदस्त तरीके से भान हुआ है. समाजशास्त्रियों के मुताबिक साइबर सेक्स एक ऐसी लत है, जो हमें तमाम व्यवहारिक दुनिया से न सिर्फ काट देती है बल्कि उस दुनिया का आनंद लेने में भी अरूचि पैदा कर देती है. हाल के सालों में अमरीकी हाईवेज में पांच से सात फीसदी रोड एक्सीडेंट बढ़े हैं. समाजशास्त्रियों का मानना है कि इनमें कार चलाते हुए, पॉर्न देखने की लत का एक बड़ा हिस्सा है. यही नहीं पॉर्न देखने में औसतन हर व्यक्ति दिन के कम से कम दो घंटे बरबाद करता है. इस श्रम का एक मौद्रिक मूल्य तो है ही. इसका एक भावनात्मक मूल्य भी है. हर दिन औसतन दो घंटे पॉर्न देखने वाले 90 फीसदी लोग निराशा और बेचैनी से घिरे रहते हैं. इनकी उत्पादन क्षमताओं पर साफ साफ इसका असर दिखता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यूरोपियन साइक्रेटिक एसोसिएशन का मानना है कि इसके कारण बहुत तेजी से मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ी है. कुल मिलाकर साइबर सेक्स एकांत में भले मजा देने का सुरक्षित तरीका हो, लेकिन इसके जो नुकसान सामने आ रहे हैं, उसको देखते हुए तो यही ठीक है कि इससे बचा जाए.

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