मेरी पेशाब वाली नस दब गई है, मुझे पेशाब करने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है. इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी पेशाब वाली नस दब गई है, जिस से मुझे पेशाब करने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है. इलाज बताएं?

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जवाब- 

आप को पेशाब के रास्ते में क्या तकलीफ है, यह तो डाक्टरी जांच के बाद ही पता चल सकेगा. इस का इलाज मुश्किल नहीं है.

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मेरे ससुराल वाले रोज मेरे साथ झगड़ा करते हैं जिस वजह से मैं बहुत तनाव में रहती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 21 साल की हूं. 3 साल पहले मेरी शादी हुई थी, तब से ससुराल वालों ने मेरी जिंदगी तबाह कर रखी है. वे रोज मेरे साथ झगड़ा करते हैं. इस बात से मैं बहुत तनाव में रहती हूं. मैं क्या करूं?

जवाब-

बिलाशक, ससुराल वाले आप के साथ ज्यादती कर रहे हैं. दहेज इस की वजह हो सकती है. वैसे, यह भी याद रखें कि झगड़े की ताली एक हाथ से नहीं बजती, इसलिए यह जानने की कोशिश करें कि ससुराल वाले आप से क्या उम्मीद करते हैं.

मेरी पत्नी बड़ी झगड़ालू और जिद्दी है, रात को जब संबंध बनाने की कोशिश करता हूं तो झगड़ने लगती है, मैं क्या करूं?

आप की पहली कोशिश उन से तालमेल बैठाने की होनी चाहिए, क्योंकि जिंदगी हराम कर देने की जो शिकायत आप की है, वही उन की भी होगी.

अभी भी वक्त है इसलिए आप यह समस्या सुलझा सकती हैं. जिंदगी में कई बार समझौते भी करने पड़ते हैं. इस में आप के पति का रोल भी अहम है. जरा उस के बारे में सोचें कि वह बेचारा तो दो पाटों के बीच पिस रहा?है जो न आप से कुछ कह सकता है और न ही अपने?घर वालों से कुछ कह सकता है.

क्या आप की समस्या उस की समस्या से बड़ी है? इस पर विचार करेंगी तो आप को अपनी समस्या का हल मिल जाएगा.

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जानिए कार में सेक्स क्यों करते हैं लोग

कोई कार में सेक्स करने के बारे में कैसे सोच सकता है? वहां जगह की कमी होती है, चलती गाड़ी हिचकोले भी खाती है, जिससे रगड़ लगने का भी डर रहता है और तो और पकड़े जाने का खतरा, वो अलग. इस सबके बावजूद सन 1930 से, मतलब कि जब से गाड़ियों की पिछली सीटें गद्दीदार हुई हैं, तब से लड़के-लड़कियां उस पर कूदे जा रहे हैं.

वैसे तो पिछली शताब्दी में खड़ी गाड़ियां कई गरमा-गर्म मुलाकातों का पसंदीदा स्थान रहा करती थी, लेकिन आजकल के युवा इस बारे में क्या सोचते हैं इस बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं  थी.

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अमेरिकी शोधकर्ताओं के एक दल को लगा कि इस विषय पर और शोध की ज़रुरत है और इस बारे में और जानने के लिए उन्होंने 700 कौलेज विद्यार्थियों से ‘कार में  सेक्स’ के उनके अनुभवों के बारे में बात की.

शोधकर्ताओं ने उनसे तरह तरह के सवाल पूछे, जैसे कि उन्होंने कार में सेक्स क्यों किया, और क्या वो उस समय अपने दीर्घकालिक साथी के साथ थे या फिर वो केवल एक बार की मुलाकात थी. वो यह भी जानना चाहते थे कि उन लोगों के बीच किस तरह का सेक्स हुआ और वो अनुभव अच्छा था या बुरा. उनको इस बात की उत्सुकता थी कि उन्होंने गाड़ी के कौनसे हिस्से में सेक्स किया और उस समय उनकी गाड़ी कहां पार्क थी.

पिछली सीट पर सेक्स

60 प्रतिशत विद्यार्थियों ने कार में सेक्स किया हुआ था. लगभग 15% की तो कौमार्यता भी गाड़ी में ही भंग हुई थी. कार आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में खड़ी की जाती थी और लगभग 60 प्रतिशत मौकों पर ‘मौका-ए-वारदात’ गाड़ी की पिछली सीट थी.

वैसे तो योनि संभोग ही सबसे लोकप्रिय था लेकिन जननांग स्पर्श और मुखमैथुन के किस्से भी शोधकर्ताओं की नजर में आये थे. हालांकि इन पर बिताया गया समय आधे घंटे से कम ही था. अधिकांश छात्र गाड़ी में अपने दीर्घकालिक साथी के साथ या किसी ऐसे के साथ थे जिनके साथ वो एक गंभीर रिश्ते में थे. शायद अध्ययन में सम्मिलित हुए छात्र गाड़ी में अनौपचारिक सेक्स ज्यादा पसंद नहीं करते थे, या फिर शायद उन्हें अनौपचारिक सेक्स ही पसंद नहीं था.

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रुका ना जाए भइया!

तो ऐसी क्या मजबूरी थी कि अपने घर के आरामदायक गद्दों और बैडरूम को छोड़कर यह लोग गाड़ी में सेक्स कर रहे थे? ज्यादातर लोगों के लिए यह कामुक जोश से ज्यादा नहीं था. कम से कम 85 प्रतिशत छात्रों का कहना था कि वो या उनका साथी एकदम से कामोत्तेजित हो गए थे और ऐसे समय में यह नहीं देखा जाता कि आप कहां है. यहां यह याद रखना भी जरूरी है कि आधे से ज्यादा छात्रों ने यह भी स्वीकारा था कि असल में उनके पास और कोई जगह भी नहीं थी.

हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ओर्गास्म का सुख अधिक नसीब हुआ था लेकिन मजा तो दोनों को ही आया था. तो शोधकर्ताओं को यह जानकर कतई आश्चर्य नहीं हुआ कि अजीब परिस्थितियों, कम जगह, पकड़े जाने के जोखिम, और टेढ़ी-मेढ़ी मुद्राओं के बावजूद, अधकांश लोगों की लिए यह अनुभव मजेदार ही रहा था. जाहिर है कि अगर किसी पुलिसवाले ने आपको रंगे हाथों पकड़ लिया, जैसा कि लगभग 10 प्रतिशत छात्रों के साथ हुआ भी था, तो आपके लिए यह अनुभव कटु अनुभव ही रहेगा, लेकिन उसके साथ-साथ यादगार भी रहेगा.

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मेरी इंगेजमैंट हुए 4 महीने हो गए हैं लेकिन मुझे अपने मंगेतर पर जरा भी प्यार नहीं आता, मैं क्या करूं?

सवाल 

मैं टीचिंग प्रोफैशन में हूं. और मेरी इंगेजमैंट हुए 4 महीने हो गए हैं, लेकिन मुझे अपने मंगेतर पर जरा भी प्यार नहीं आता. वे जब भी मेरे करीब आते हैं तो मैं उन्हें दूर भगा देती हूं. इस का कारण है कि मैं अपने बौयफ्रैंड को नहीं भुला पा रही हूं. मेरे पेरैंट्स ने जबरदस्ती मेरा रिश्ता तय कर दिया है. उस लड़के की जौब अच्छी है, सिर्फ जाति अलग है. समझ नहीं आ रहा कैसे इस रिश्ते को आगे बढ़ाऊं.

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जवाब

यह सच है कि जिस रिश्ते को जबरदस्ती ढोया जाता है वह हमेशा डगमगाता ही है. साथ ही उस में वह अपनापन भी नहीं आ पाता जो आना चाहिए. आप की क्या मजबूरी थी जो आप ने इस रिश्ते के लिए हां की, इस बात का जिक्र आप ने नहीं किया. लेकिन अभी भी देर नहीं हुई. आप अपने पेरैंट्स को समझाएं कि जिस लड़के को आप पसंद करती हैं वह पढ़ालिखा है और आप को बहुत खुश रखेगा. सिर्फ जाति के कारण हमें अलग न करें. जो रिश्ता आप ने जोड़ा है उस रिश्ते को मैं जीवनभर नहीं निभा पाऊंगी. आप की बात सुन हो सकता है उन्हें समझ आ जाए वरना आप अपने मंगेतर को सारी बातों से अवगत करवा दें ताकि समस्या का कोई हल निकल पाए.

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मैं अपने पड़ोसी से प्यार करती हूं और हमारे बीच कई बार सेक्स भी हो चुका है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 19 साल की हूं और अपने पड़ोस के एक 25 साल के लड़के से प्यार करती हूं. हमारे बीच कई बार जिस्मानी रिश्ता बन चुका है. पर पिछले कुछ दिनों से वह लड़का मुझे कई बार दूसरी लड़की के साथ दिखाई दिया है, जो बड़ी चालू किस्म की है.

मैं जब लड़के को टोकती हूं तो वह कहता है कि वे दोनों बस अच्छे दोस्त हैं. कहीं वह लड़का मेरा फायदा तो नहीं उठा रहा है?

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जवाब-

उस लड़के ने आप की मरजी के बगैर तो संबंध नहीं बनाए न? जो भी हुआ, दोनों की रजामंदी से हुआ. फिर अब उस की दूसरी लड़की से दोस्ती पर आप तिलमिला क्यों रही हैं?

आजकल के प्यार में अकसर ऐसा ही होता है कि आशिक और माशूका शादी समेत दूसरे बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जिस्मानी संबंध लगातार बनने के बाद उन्हें सब फुजूल लगने लगता है.

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आप उस लड़के से दोटूक बात करें. अगर वह आप से शादी के लिए राजी हो तो ठीक, नहीं तो आप अपने करियर पर ध्यान देते हुए उसे भूल जाएं.

सेक्स या मुहब्बत

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

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क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

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मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए.

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कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

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मर्दानगी से है प्यार तो इन 5 आदतों को करें इंकार

शारीरिक सेहत ही किसी पुरुष के स्वस्थ होने की निशानी नहीं होती. एक पुरुष का सेक्स की दृष्टि से भी स्वस्थ होना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि स्त्री-पुरुष के बीच खुशहाल संबंधों में सेक्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

अक्सर हम विवाह के टूटने या फिर एक दूसरे में दिलचस्पी कम होने की बात पढ़ते सुनते रहते हैं. हम आपको बता रहे हैं वो 5 आदतें जिससे पुरुषों को दूर रहना चाहिए ताकि उनकी मर्दानगी कायम रह सके.

शराब के सेक्स इफेक्ट्स

हमारे समाज में अब लगभग हर खुशी का जश्न शराब के साथ मनाने का चलन हो गया है. कभी कभार शराब पीने से यूं तो कोई खास नुकसान नहीं होता लेकिन अगर इसकी लत लग जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उन पुरुषों को हिदायत है कि अगर इसकी लत लग गई है तो इसे फौरन छोड़ दें क्योंकि शराब शुक्राणुओं की सबसे बड़ी दुश्मन है.

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सिगरेट से कैंसर ही नहीं नामर्दगी भी होती है

सिगरेट पीना भी हमारे समाज में फैशन बन गया है, बावजूद इसके कि ये साबित हो चुका है कि सिगरेट पीने से कैंसर होता है. लेकिन आपको बता दें कि सिगरेट फेफड़ों को तो खोखला करती ही है साथ ही आपके स्पर्म की संख्या को भी घटा देती है.

चिंता चिता है

चिंता या तनाव एक ऐसे स्थिति है जो इंसान को धीरे-धीरे खाकर आखिरकार मौत के मुंह में ले जाती है. कहा भी जाता है कि चिंता चिता है. हमारी पुरुषों को सलाह है कि वे चिंता को छोड़ दें क्योंकि इससे उनकी प्रजनन क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है.

कुछ मीठा हो जाए

भारतीय समाज में खुशी के हर छोटे बड़े मौकों पर लोग मीठा खिलाकर खुशी का इजहार करते हैं. लेकिन आपको आगाह कर दें कि मीठा जरूर हो जाए लेकिन बस कुछ ही क्योंकि ज्यादा मीठा भी पुरुषों की मर्दानगी के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है.

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वजन पर नजर

कहावत है माल-ए-मुफ़्त, दिल-ए- बेरहम. मतलब मुफ़्त का खाने को मिला तो टूट पड़े बिना सेहत की परवाह किए. हमारी आखिरी सलाह है कि अपने वजन पर नजर रखें वर्ना लग सकती है आपकी मर्दानगी पर ही नजर.

मेरा रिश्ता एक शादीशुदा लड़के के साथ है और मैं उसे छोड़ नहीं पा रही, मैं क्या करूं?

सवाल 

मैं 22 वर्षीय अविवाहिता हूं. एक लड़के से पिछले 2 सालों से प्यार करती हूं. जब मैं उस के संपर्क में आई थी तब उस की शादी नहीं हुई थी. परंतु कुछ दिनों बाद ही उस ने शादी कर ली. शादी करने के बावजूद भी उस ने मुझे से रिश्ता नहीं तोड़ा न ही मैं उस से अलग हो पाई हूं. जब भी उसे छोड़ने की बात करती हूं तो वह आत्महत्या कर लेने की बात करता है. इस से मैं डर जाती हूं. इस के अलावा शादी के बाद भी उस का मेरे प्रति व्यवहार नहीं बदला है. आज भी वह मुझे उसी तरह प्यार करता है जैसा पहले करता था. एक बात और आप को बता दूं. वह मुझे एक कर्मचारी मानता है. अपना जो भी काम करवाता है उस के बदले हर महीने सैलरी देता है. इस के अलावा भी हमारे परिवार की हर तरह से मदद करता है.

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मेरे घर उस का आनाजाना है, परंतु घर वाले और आसपड़ोस के लोग व हमारे परिचित हमारे इस रिश्ते के बारे में नहीं जानते. सब उसे मेरा एक अच्छा दोस्त ही मानते हैं. लेकिन लड़के की पत्नी को हमारे रिश्ते के बारे में सब मालूम हो चुका है इसलिए वह कभीकभी फोन पर मुझे बहुत बुराभला बोलती है और बदनाम करने की धमकी देती है. अब यह बात मैं अपने प्रेमी को बताती हूं तो वह कहता है कि बकने दो. मुझे भी दिनरात कोसती है. धमकियां देती है. उस का व्यवहार बहुत ही बुरा है. उसे पत्नी की बजाय मेरे साथ रहना पसंद है. क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा. यदि उस की पत्नी अच्छी स्त्री होती, उस से प्यार करती तो मैं अवश्य उस से रिश्ता तोड़ लेती. लेकिन वह मेरे पास आ कर सकून ढूंढ़ता है तो मैं उसे कैसे ठुकरा दूं? डरती हूं कि यदि मैं ने भी रिश्ता तोड़ लिया तो परेशान हो कर वह कुछ कर न ले. जिस का जिक्र वह कई बार कर चुका है. कृपया बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

आप को आप का प्रेमी बेवकूफ बना रहा है. यदि वह आप से वास्तव में प्यार कर रहा होता तो किसी दूसरी लड़की से शादी हरगिज नहीं करता. वह आप के परिवार की मदद भी सिर्फ इसीलिए करता है ताकि आप उस के एहसान तले दबी रहें और इस के बदले में वह आप को इस्तेमाल करता रहे. उस की पत्नी का आप को फोन पर अपशब्द कहना या धमकाना स्वाभाविक है. कोई भी स्त्री नहीं चाहती कि उस का पति उस के रहते किसी और से संबंध बनाए. आप भी एक नारी हैं इसलिए आप को यह बात समझनी चाहिए. आप न केवल उस स्त्री के दांपत्य जीवन में खलल डाल रही हैं, वरन अपना जीवन भी बरबाद कर रही हैं.

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अव्वल तो उस के शादी करने के फैसले के बाद ही आप को उस से संबंध तोड़ लेना चाहिए था. पर आप ने ऐसा नहीं किया. अब भी समय है उस से किनारा कर लें. रही उस के द्वारा आत्महत्या करने की धमकी देने की बात तो वह ऐसा कुछ नहीं करेगा. वह आप को सिर्फ इमोशनल ब्लैकमेल कर रहा है. आप को उस के झांसे में नहीं आना चाहिए. न ही परिवार के लिए उस का कोई सहयोग लेना चाहिए. रही नौकरी की बात तो आप किसी अन्य जगह अपने लिए माकूल नौकरी तलाश सकती हैं.

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मैं अपने भाई के साथ कई बार सेक्स कर चुकी हूं, हमें क्या करना चाहिए?

सवाल-

मैं अपने पड़ोसी और रिश्ते के भाई से प्यार करती हूं. हम दोनों कई बार सेक्स भी कर चुके हैं. हमें क्या करना चाहिए?

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जवाब-

आप को शादी करने में क्या दिक्कत है? अगर शादी के बाद दोनों अपना घर चला सकते हों, तो तुरंत करें.

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माहवारी के दिनों में क्या कसरत करने से शरीर को कोई नुकसान होता है ?

सवाल-

मेरी उम्र 16 साल है और मैं जिला लैवल की खिलाड़ी हूं, इसलिए मुझे रोज कसरत करनी पड़ती है. माहवारी के दिनों में क्या कसरत करने से शरीर को कोई नुकसान होता है या दर्द के साथ खून ज्यादा बहता है. सुझाव दें?

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जवाब-

कसरत का शारीरिक और मानसिक फायदा सिर्फ इसलिए मिलना बंद नहीं हो जाता है, क्योंकि आप के पीरियड शुरू हो गए हैं. दरअसल, अपनी रोजाना की ऐसी दिनचर्या का पालन करते रहने से आप को कुछ ऐसी सामान्य शिकायतों से राहत पाने में मदद मिल सकती है, जो पीरियड की वजह से सामने आती हैं. आप जितनी ऐक्टिव और अपने कामकाज को ले कर नियमित रहेंगी, उतने ही आप के पीरियड अच्छी तरह गुजर जाएंगे.

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मेरे पति सेक्स करना चाहते हैं पर मैं नहीं कर पा रही, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 23 साल की महिला हूं. मेरा डेढ़ साल का एक बच्चा है. शादी के बाद से ही पति मेरे साथ सेक्स संबंध को ले कर संतुष्ट नहीं रहते हैं. वे नियमित सेक्स करना चाहते हैं जबकि घर और बच्चे की देखभाल से मैं बेहद थक जाती हूं और रात में जल्द ही मुझे नींद आ जाती है. पति मुझे बहुत प्यार करते हैं, इसलिए मैं उन्हें नाराज भी नहीं देख सकती. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

बच्चे पैदा होने के बाद सैक्स संबंध को ले कर महिलाएं आमतौर पर उदासीन हो जाती हैं, जबकि बच्चों की परवरिश के साथसाथ पति के साथ सैक्स संबंध दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाता है.

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इस में कोई दोराय नहीं कि एक गृहिणी घर और बच्चों की देखभाल में इतनी व्यस्त रहती है कि खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाती. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप घर के कामों को पति के साथ बांट लें. घर की साफसफाई, कपड़े धोना आदि कार्य प्यार से पति से करा सकती हैं. इस से आप पर काम का बोझ ज्यादा नहीं पड़ेगा. इस से न केवल आप खुद के लिए वक्त निकाल पाएंगी, बल्कि पति के साथ भी ज्यादा समय बिताने को मिलेगा. फिर जैसाकि आप ने बताया कि आप का बच्चा अब डेढ़ साल का हो चुका है और अब आप शारीरिक रूप से फिट भी हो चुकी हैं, तो ऐसे में सैक्स संबंध का लुत्फ उठा सकती हैं.

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गलतफहमियां जब रिश्तों में जगह बनाने लगें

राधा और अनुज की शादी को 2 वर्ष हो चुके हैं. राधा को अपनी नौकरी की वजह से अकसर बाहर जाना पड़ता है. वीकैंड पर जब वह घर पर होती है, तो कुछ वक्त अकेले, पढ़ते हुए या आराम करते हुए गुजारना चाहती है या फिर घर के छोटेमोटे काम करते हुए समय बीत जाता है.

अनुज जो हफ्ते में 5 दिन उसे मिस करता है, चाहता है कि वह उन 2 दिनों में अधिकतम समय उस के साथ बिताए, दोनों साथ आउटिंग पर जाएं, मगर राधा जो ट्रैवलिंग करतेकरते थक गई होती है, बाहर जाने के नाम से ही भड़क उठती है. यहां तक कि फिल्म देखने या रेस्तरां में खाना खाने जाना भी उसे नागवार गुजरता है.

अनुज को राधा का यह व्यवहार धीरेधीरे चुभने लगा. उसे लगने लगा कि राधा उसे अवौइड कर रही है. वह शायद उस का साथ पसंद नहीं करती है जबकि राधा महसूस करने लगी थी कि अनुज को न तो उस की परवाह है और न ही उस की इच्छाओं की. वह बस अपनी नीड्स को उस पर थोपना चाहता है. इस तरह अपनीअपनी तरह से साथी के बारे में अनुमान लगाने से दोनों के बीच गलतफहमी की दीवार खड़ी होती गई.

अनेक विवाह छोटीछोटी गलतफहमियों को न सुलझाए जाने के कारण टूट जाते हैं. छोटी सी गलतफहमी को बड़ा रूप लेते देर नहीं लगती, इसलिए उसे नजरअंदाज न करें. गलतफहमी जहाज में हुए एक छोटे से छेद की तरह होती है. अगर उसे भरा न जाए तो रिश्ते के डूबने में देर नहीं लगती.

भावनाओं को समझ न पाना

गलतफहमी किसी कांटे की तरह होती है और जब वह आप के रिश्ते में चुभन पैदा करने लगती है तो कभी फूल लगने वाला रिश्ता आप को खरोंचें देने लगता है. जो युगल कभी एकदूसरे पर जान छिड़कता था, एकदूसरे की बांहों में जिसे सुकून मिलता था और जो साथी की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था, उसे जब गलतफहमी का नाग डसता है तो रिश्ते की मधुरता और प्यार को नफरत में बदलते देर नहीं लगती. फिर राहें अलगअलग चुनने के सिवा उन के पास कोई विकल्प नहीं बचता.

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आमतौर पर गलतफहमी का अर्थ होता है ऐसी स्थिति जब कोई व्यक्ति दूसरे की बात या भावनाओं को समझने में असमर्थ होता है और जब गलतफहमियां बढ़ने लगती हैं, तो वे झगड़े का आकार ले लेती हैं, जिस का अंत कभीकभी बहुत भयावह होता है.

रिलेशनशिप ऐक्सपर्ट अंजना गौड़ के अनुसार, ‘‘साथी को मेरी परवाह नहीं है या वह सिर्फ अपने बारे में सोचता है, इस तरह की गलतफहमी होना युगल के बीच एक आम बात है. अपने पार्टनर की प्राथमिकताओं और सोच को गलत समझना बहुत आसान है, विशेषकर जब बहुत जल्दी वे नाराज या उदास हो जाते हों और कम्यूनिकेट करने के बारे में केवल सोचते ही रह जाते हों.

‘‘असली दिक्कत यह है कि अपनी तरह से साथी की बात का मतलब निकालना या अपनी बात कहने में ईगो का आड़े आना, धीरेधीरे फूलताफलता रहता है और फिर इतना बड़ा हो जाता है कि गलतफहमी झगड़े का रूप ले लेती है.’’

वजहें क्या हैं

स्वार्थी होना: पतिपत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने और एकदूसरे पर विश्वास करने के लिए जरूरी होता है कि वे एकदूसरे से कुछ न छिपाएं और हर तरह से एकदूसरे की मदद करें. जब आप के साथी को आप की जरूरत हो तो आप वहां मौजूद हों. गलतफहमी तब बीच में आ खड़ी होती है जब आप सैल्फ सैंटर्ड होते हैं. केवल अपने बारे में सोचते हैं. जाहिर है, तब आप का साथी कैसे आप पर विश्वास करेगा कि जरूरत के समय आप उस का साथ देंगे या उस की भावनाओं का मान रखेंगे.

मेरी परवाह नहीं: पति या पत्नी किसी को भी ऐसा महसूस हो सकता है कि उस के साथी को न तो उस की परवाह है और न ही वह उसे प्यार करता है. वास्तविकता तो यह है कि विवाह लविंग और केयरिंग के आधार पर टिका होता है. जब साथी के अंदर इग्नोर किए जाने या गैरजरूरी होने की फीलिंग आने लगती है तो गलतफहमियों की ऊंचीऊंची दीवारें खड़ी होने लगती हैं.

जिम्मेदारियों को निभाने में त्रुटि होना: जब साथी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने या उठाने से कतराता है, तो गलतफहमी पैदा होने लगती है. ऐसे में तब मन में सवाल उठने स्वाभाविक होते हैं कि क्या वह मुझे प्यार नहीं करता? क्या उसे मेरा खयाल नहीं है? क्या वह मजबूरन मेरे साथ रह रहा है? गलतफहमी बीच में न आए इस के लिए युगल को अपनीअपनी जिम्मेदारियां खुशीखुशी उठानी चाहिए.

वैवाहिक सलाहकार मानते हैं कि रिश्ता जिंदगी भर कायम रहे, इस के लिए 3 मुख्य जिम्मेदारियां अवश्य निभाएं-अपने साथी से प्यार करना, अपने पार्टनर पर गर्व करना और अपने रिश्ते को बचाना.

काम और कमिटमैंट: आजकल जब औरतों का कार्यक्षेत्र घर तक न रह कर विस्तृत हो गया है और वे हाउसवाइफ की परिधि से निकल आई हैं, तो ऐसे में पति के लिए आवश्यक है कि वह उस के काम और कमिटमैंट को समझे और कद्र करे. बदली हुई परिस्थितियों में पत्नी को पूरा सहयोग दे. रिश्ते में आए इस बदलाव को हैंडल करना पति के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि यह बात आज के समय में गलतफहमी की सब से बड़ी वजह बनती जा रही है. इस के लिए दोनों को ही एकदूसरे के काम की कमिटमैंट के बारे में डिस्कस कर उस के अनुसार खुद को ढालना होगा.

धोखा: यह सब से आम वजह है. यह तब पैदा होती है जब एक साथी यह मानने लगता है कि उस के साथी का किसी और से संबंध है. ऐसा वह बिना किसी ठोस आधार के भी मान लेता है. हो सकता है कि यह सच भी हो, लेकिन अगर इसे ठीक से संभाला न जाए तो निश्चित तौर पर यह विवाह के टूटने का कारण बन सकता है. अत: आप को जब भी महसूस हो कि आप का साथी किसी उलझन में है और आप को शक भरी नजरों से देख रहा है तो तुरंत सतर्क हो जाएं.

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दूसरों का हस्तक्षेप: जब दूसरे लोग चाहे वे आप के ही परिवार के सदस्य हों या मित्र अथवा रिश्तेदार आप की जिंदगी में हस्तक्षेप करने लगते हैं तो गलतफहमियां खड़ी हो जाती हैं. ऐसे लोगों को युगल के बीत झगड़ा करा कर संतोष मिलता है और उन का मतलब पूरा होता है. यह तो सर्वविदित है कि आपसी फूट का फायदा तीसरा व्यक्ति उठाता है. पतिपत्नी का रिश्ता चाहे कितना ही मधुर क्यों न हो, उस में कितना ही प्यार क्यों न हो, पर असहमति या झगड़े तो फिर भी होते हैं और यह अस्वाभाविक भी नहीं है. जब ऐसा हो तो किसी तीसरे को बीच में डालने के बजाय स्वयं उन मुद्दों को सुलझाएं जो आप को परेशान कर रहे हों.

सैक्स को प्राथमिकता दें: सैक्स संबंध शादीशुदा जिंदगी में गलतफहमी की सब से अहम वजह है. पतिपत्नी दोनों ही चाहते हैं कि सैक्स संबंधों को ऐंजौय करें. जब आप दूरियां बनाने लगते हैं, तो शक और गलतफहमी दोनों ही रिश्ते को खोखला करने लगती हैं. आप का साथी आप से खुश नहीं है या आप से दूर रहना पसंद करता है, तो यह रिश्ते में आई सब से बड़ी गलतफहमी बन सकती है.

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