नीम-हकीमों के चक्कर में पड़ कर कहीं खो न दें मर्दाना ताकत

इन विज्ञापनों के नीचे विज्ञापनदाता के क्लीनिक का पता दिया गया होता है और मिलने का खास दिन भी लिखा होता है. जब विज्ञापन देने वाले नीम हकीमों के क्लीनिकों में मर्दाना ताकत की चाहत लेकर व्यक्ति जाता है, तो पता चलता है की यहाँ ईलाज करने वाला नीम हकीम किसी किराये के छोटे से कमरे में क्लिनिक चलाते हुए मिल जाता है.

मर्दाना ताक़त को बढ़ाने की चाहत लिए पहुंचा व्यक्ति जब अपने मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए इन नीम हकीमों से जांच करने और दवाएं देनें को कहता है. तो क्लिनिक चलाने वाला व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को पैंट की जिप खोलने को कहता है और उसके अंग पर टार्च की लाल-पीली रौशनी छोड़ता है. फिर गहरी सांस लेता है और कहता है की मरीज की बचपन की गलतियों के चलते उसकी मर्दाना ताकत में कमी आ गई है. जिसके चलते उसका अंग टेढ़ेपन का शिकार है और अंग की साइज़ का डेवलपमेंट सही से नहीं हुआ है. इसी कारण से व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सेक्स संबध के दौरान जल्दी ही स्खलित हो जाता है.

अब सामने वाले व्यक्ति की हालत देखते बनती है. वह काफी डर जाता है, कहीं ऐसा न हो की पत्नी उसे छोड़ कर किसी गैर मर्द के साथ भाग जाए. फिर वह व्यक्ति हकीम साहब से उस समस्या का निदान पूंछता है. इस पर वह हकीम अपने दराज से नीली-पीली सीसी निकालता है और कहता है उसे घबराने की जरुरत नहीं है. क्यों की उसकी दवाएं मरीज के सेक्स से जुड़े सारे समस्याओं को छूमंतर कर देगी. मरीज के चेहरे पर कुछ सुकून आता है अब हकीम साहब द्वारा मरीज को ईलाज के खर्च के बारे में बताया जाता है. स्वर्ण भस्म की कीमत 2 हजार से 3 हजार रुपये साथ ही महीने भर के दवा के पुड़ियों की कीमत लगभग 30 हजार रूपये यानी कुल ईलाज का खर्च लगभग 32 से 33 हजार रूपये. महीने भर के दवा की कीमत सुन कर व्यक्ति चौंकता है. लेकिन पत्नी को खुश करने और अपनी खोई हुई मर्दाना ताकत को वापस लाने के लिए हकीम साहब के पास ईलाज के लिए गया व्यक्ति  अपनी जमीन गिरवी रखके या पैसे उधार लेकर भी यह ईलाज शुरू कर देता है.

हकीम साहब की दवा की पुड़िया पहले दिन से ही काम करना शुरू कर देती है. कुछ दिनों तक तो तक तो बहुत अच्छा चल रहा होता है. लेकिन यह दवा भी अपना असर दिखाना बंद कर देती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है. हकीम साहब मरीज की हालत देख कर कहते हैं की अब दवाएं बदलनी पड़ेंगी. इसके लिए शाही ईलाज शुरू करना पडेगा. लेकिन हकीम साहब इस बार के ईलाज की कीमत डेढ़ गुना ज्यादा बताते हैं. सेक्स कूवत बढ़ाने की चाहत लिए व्यक्ति मरता क्या न करता, शाही ईलाज भी शुरू करता है. कुछ दिनों तक उस व्यक्ति को सेक्स में बड़ा मजा आता है. लेकिन इस बार उसके सेक्स की बची खुची ताकत भी चली जाती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है और ईलाज बदलने को कहता है. लेकिन हकीम साहब इस बार हाथ खड़े कर देते हैं. उनका कहना होता है की मरीज ने अपनी मर्दाना ताकत पूरी तरह से खो दी है, अब इसका ईलाज उनके पास नहीं है.

थक हार कर जब वह व्यक्ति सेक्स के किसी माहिर डाक्टर के पास जाता है. तो पता चलता है की उसके अन्दर कोई भी मर्दाना कमजोरी नहीं थी. लेकिन अब वह हकीम साहब के पुड़ियों के असर के चलते अपनी मर्दाना ताकत को खो चुका है. डाक्टर मरीज को कुछ परामर्श देते हैं साथ बहुत सस्ती दवाएं लिखते है. वह व्यक्ति फिर से माहिर डाक्टर की देखरेख में अपना ईलाज शुरू करता है. अब मरीज की मर्दाना ताकत फिर से वापस आने लगती है और कुछ दिनों में वह पूरी तरह से सेक्स के काबिल बन जाता है.

यह स्थितियां कमोबेश सेक्स में कमजोरी का भ्रम पाले सभी व्यक्तियों के साथ होती है. इसका कारण है है की व्यक्ति हकीम के लच्छेदार विज्ञापनों के भ्रमजाल में फंस जाता है. दूसरा इन हकीमों की क्लिनिक ऐसी जगह पर होती है ईलाज कराने वाले को जान पहचाने वाले आते जाते देख भी नहीं पाते है. लेकिन नीम-हकीमों के क्लीनिकों में ईलाज कराने वाले मरीज अपनी बची-खुची मर्दाना ताकत भी खो बैठते हैं. ऐसे में उनके पास पछताने के सिवा कोई चारा भी नहीं होता हैं.

क्या है नीम हकीमों के दवा के पुड़ियों की असलियत – सेक्स क्लिनिक चलाने वाले एक हकीम ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की वह मर्दाना ताकत को बढ़ाने के नाम पर दी जाने वाली पुड़ियों में वियाग्रा जैसी दवाएं मिला देते है. इसी लिए उनका ईलाज महंगा होता है. व्यक्ति को लगता है की हकीम साहब की पुड़िया के चलते सेक्स की ताकत में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन सब कमाल वियाग्रा जैसी दवाओं का होता है, वहीँ शाही ईलाज क्या होते होता है पूंछने पर उस हकीम ने बताया की उसमें ऐसा कुछ नहीं होता है. बस वियाग्रा जैसी दवाओं का डोज बढ़ा दिया जाता है जिससे व्यक्ति को ज्यादा मजा आने लगता है.

हकीमों के चक्कर में पड़ खो सकते हैं अपनी मर्दाना ताकत- सेक्स के माहिर डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की हकीमों से ईलाज के चक्कर में पड़ कर कई लोग जब पूरी तरह से अपनी मर्दाना ताकत खो बैठते हैं. जब उनके पास वह ईलाज के लिए आते है ऐसे में इन मरीजों का ईलाज बहुत कठिन हो जाता है.

सेक्स की ज्यादातर समस्या दिमागी – डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की सेक्स से जुडी ज्यादातर समस्याएं दिमागी होती है. इसमें अंग का छोटापन, टेढ़ापन, जल्दी स्खलित होंने जैसी समस्याएं ज्यादा शामिल हैं. जब की इन समस्याओं का ईलाज बिना किसी दवा के ही किया जा सकता है. इसके लिए सेक्स के किसी माहिर डाक्टर से मिलने भर की जरुरत होती है. अगर डाक्टर को लगता है समस्या में दवा देनें की जरुरत है तभी वह दवा लिखता है. नहीं तो सेक्स की ज्यादातर समस्या परामर्श से ही ठीक हो जाती है.

करोड़ों का सेक्स के भ्रामक विज्ञापनों का खर्च- नीम हकीमों के कमाई का अंदाज हम इसी बात से लगा सकते हैं की ये लोग करोड़ों रूपये खर्च करके दीवालों, अखबारों और टीवी जैसे माध्यमों पर अपना विज्ञापन करवाते हैं.

कानून के दायरे को तोड़ कर चलती हैं नीम-हकीमों की दुकानें – मर्दाना ताकत का ईलाज करने के नाम पर चलने वाले ज्यादातर क्लिनिक कानून का पालन नहीं करते हैं. इन क्लीनिकों में ज्यादातर रजिस्टर्ड ही नहीं होते हैं और ज्यादातर के पास कोई डिग्री ही नहीं होती है. कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो हफ्ते के सातो दिन अलग-अलग नाम से अलग – अलग जगहों पर अपनी क्लिनिकें भी चलाते हैं. उत्तर प्रदेश में इस तरह के हकीमों का पूरा जाल फैला हुआ है.

इसमें हकीम एम जुनैद क्लिनिक, हाशमी दवाखाना , पीके जैन जैसे हजारों क्लिनिक मिल जातें हैं. इस तरह के नीम हकीमों द्वारा सेक्स के ईलाज के नाम पर ठगी के मामले में आई पी एस अमिताभ ठाकुर और उनकी एक्टिविस्ट पत्नी नूतन ठाकुर ने 20 क्लीनिकों के खिलाफ वर्ष 2013 में एफ आई आर भी दर्ज कराया था. इसमें मशहूर हाशमी दवाखाना के हकीम ताजुद्दीन हाशमी व डॉ. पीके जैन क्लीनिक के डॉ. पीयूष जैन का नाम भी शामिल था. इन लोगों पर दवाओं और चमत्कारिक (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954  के तहत मुकदमें दर्ज हुए थे.

इस लिए जब भी आप को लगे की आप की मर्दाना ताकत घट रही है या आप सेक्स में कमजोर पड़ रहें है तो सेक्स के किसी माहिर डाक्टर की देखरेख में ही अपना ईलाज कराएं .

मेरे पति रात को बिस्तर पर एकदम जानवर बन जाते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 27 साल की एक शादीशुदा औरत हूं. मेरे पति रात को बिस्तर पर एकदम जानवर बन जाते हैं. उन्हें सिर्फ अपनी प्यास बुझानी होती है, जबकि उन्हें मेरी जिस्मानी जरूरतों की कोई परवाह नहीं रहती है.

इसी के चलते हम दोनों में अकसर लड़ाई होती है. मेरे पति मुझ पर हाथ उठाते हैं और मेरे घर वालों को कोसते हैं. कभीकभार तो मेरा मन करता है कि खुदखुशी कर लूं, लेकिन फिर जान देने के खयाल से डर भी जाती हूं. मैं इस जंजाल से कैसे बाहर निकलूं?

जवाब

आप इस जंजाल में ही लुत्फ ढूंढ़ें, क्योंकि सैक्स करने का तरीका निहायत ही प्राइवेट बात होती है. कोई आराम और इतमीनान से करना पसंद करता है, तो किसी से एक मिनट का भी सब्र नहीं होता है. कई औरतें तो इसलिए भी परेशान रहती हैं कि उन का पति जानवरों सरीखा बरताव नहीं करता है.

आप की परेशानी जायज है, जिसे दूर करने के लिए आप दोनों में तालमेल होना जरूरी है, जो कलह और लड़ाई से नहीं, बल्कि प्यार से आएगा. लड़ने से तो बात बिगड़ती ही है.

आप अपने पति को प्यार से समझाएं और बिस्तर में देर तक उसे उलझा कर रखें. फोरप्ले लंबा करें और पति को राजी करें कि वह कोई खेल खेलें. मसलन, कपड़े एकदम न उतारे जाएंगे, इस के लिए ताश के पत्ते बांटे जाएंगे. जिस के पास छोटा पत्ता आएगा, वह पहले अपना एक कपड़ा उतारेगा. दूसरे के लिए फिर से पत्ते बांटे जाएंगे.

जब तक दोनों पूरी तरह बिना कपड़ों के नहीं हो जाते हैं, तब तक यह खेल चलता रहेगा. इस तरह मजा भी आएगा और पति बिस्तर में जानवर से आदमी बन जाएगा.

मैं बीवी के साथ रोजाना सेक्स करना चाहता हूं पर उसे अच्छा नहीं लगता, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 29 साल का हूं. मेरे 7 और 5 साल के 2 बच्चे भी हैं. मैं बीवी के साथ रोजाना सेक्स करना चाहता हूं, पर उसे अच्छा नहीं लगता. मैं क्या करूं?

जवाब

बच्चे होने के बाद अकसर औरतें सैक्स से बेजार हो जाती हैं. आप बीवी को प्यार से समझाएं कि हमबिस्तरी करना आप का हक है और दोनों के लिए अच्छा भी है. इस से बीवी की सोच बदल जाएगी.

आमतौर पर शादी के कुछ समय बाद तक तो कपल्स की सेक्स लाइफ मस्‍त रहती है. लेकिन, बच्‍चा होने के बाद उनकी सेक्‍स लाइफ को ब्रेक सा लग जाता है. उनके सेक्‍स एंड रिलेशनशिप पर बच्‍चे के बाद काफी असर पड़ता है. ऐसे कपल्स कम ही होते हैं, जिनके रिलेशन में बच्‍चा होने के बाद भी उतनी ही मस्‍ती बरकरार रहती है. जाहिर सी बात है कि बच्चा होने के बाद पैरंट्स बने कपल्‍स की जिम्‍मेदारियां भी बढ़ जाती है. उनका काफी समय बच्‍चे की देखभाल करने में चला जाता है. ऐसे में हसबेंड-वाइफ एक-दूसरे के लिए वक्त नहीं निकाल पाते है.

दूसरी तरफ मां बनने के बाद किसी भी महिला की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, बच्चे की सेहत का खयाल रखना किसी भी मां की प्राथमिकता होती है. यही वजह है कि वे सेक्स लाइफ पर इतना ध्यान नहीं दे पाती. कुछ लोगों को यह लगता है कि बच्चे हो जाने के बाद सेक्स लाइफ रूचिकर नहीं रहती. ऐसा होता भी है, कई बार प्रेग्नेसी के बाद कुछ वक्त के लिए महिलाओं की सेक्स में रुचि कम हो जाती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप बच्चे की वजह से अपनी सेक्स लाइफ का आनंद न उठाएं.

शोध बताते हैं कि बच्चों के जन्म के बाद नर्व एडिंग ज्यादा सेंसिटिव हो जाते है और क्लाइमेक्स की तीव्रता बढ़ जाती है. बच्चे के जन्म के बाद कुछ टिप्स अपनाकर आप अपनी सेक्स लाइफ को दोबारा ट्रैक पर ला सकते हैं-

लौट आएगी बहार

आमतौर पर जब बच्चा कुछ महीने का हो जाता है, तो औरतों में दोबारा से मासिक धर्म होने लगता है और उनके भीतर सेक्स करने की इच्छा दोबारा होने लगती है. उनकी सेक्स लाइफ दोबारा से एक्टिव हो जाती है. कई बार महिलाओं को लगता है कि सेक्स का मकसद सिर्फ मां बनना है, लेकिन यह बात बिल्‍कुल भूल जायें, क्‍योंकि सेक्‍स का असल मकसद शादीशुदा जिंदगी में ताजगी बनाए रखना है.

बनाए रखें रोमांस 

आपका रिश्‍ता सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि भावनात्‍मक रूप से मजबूत होना चाहिए. इससे प्रेग्नेसी जैसे वक्त में रिश्तों की गर्मी बरकरार रखने में मदद मिलती है. बच्चा होने के बाद पैरंट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, लेकिन बावजूद इसके उन्हें साथ में कुछ क्वॉलिटी टाइम बिताने की कोशिश करनी चाहिए. बच्चे की जन्‍म के तुरंत बाद आप बिना रिलेशन बनाए सिर्फ फोरप्ले से ही अपना सेक्स रिलेशन जवां बनाए रख सकते हैं. चाहें तो बेडरूम में म्यूजिक चलाकर और फ्लावर लगाकर रोमांटिक माहौल बना सकते हैं. इस तरह थोड़े समय बाद जब आपकी पत्‍नी के हॉर्मोन में चेंज आएगा, तो आपकी सेक्स लाइफ आसानी से पटरी पर लौट आएगी.

एक्सरसाइज करें

बच्चे के जन्म के बाद कई महिलाओं को वैजाइना में ढीलेपन की शिकायत हो जाती है. ऐसे में एक्सरसाइज या योगा की मदद से आप अपनी मसल्स को दोबारा से चुस्त कर सकती हैं. कुछ हफ्तों की एक्सरसाइज या योगा प्रैक्टिस के बाद आपकी सेक्स लाइफ दोबारा पहले जैसी ही होगी.

सावधानी बरतें

कई बार बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए डिलिवरी के वक्त एप्सिटॉमी नाम की छोटी सी सर्जरी की जाती है. कई बार इस ऑपरेशन की वजह से इंटरकोर्स करते वक्त परेशानी या दर्द होता है. ऐसे में आप सावधानी जरूर बरतें, वैसे 6 से 8 हफ्ते में इस सर्जरी का असर खत्म हो जाता है और वैजाइना अपनी पुरानी शेप में लौट आती है.

अपनी पसंद का काम करें

सेक्सुअल ऐक्टिविटी के लिए ‘ एड्रनेलिन ‘ केमिकल बहुत जरूरी होता है. शरीर में इसकी मात्रा बढ़ाने की कोशिश कीजिए. अगर आप थके हुए या तनावग्रस्त हैं, तो अपनी पसंद का कोई काम कीजिए. मनपसंद मूवी देखिए या कॉफी का कप लेकर रिलैक्स कीजिए.

रिलेशनशिप के बारे में बात करें

अक्सर यह देखा जाता है कि अगर आप अपनी रिलेशनशिप के बारे में बात नहीं करते, तो यह जल्दी ही बोझिल रिश्ते में बदल जाता है. इसलिए एक-दूसरे से इस विषय पर बात कीजिए. यह तरीका आजमाने पर आपको जल्द चेंज नजर आएंगे.

क्रेजी बनें

कई पैरंट्स बच्चा होने के बाद सेक्स नहीं कर पाते. ऐसे में आपको इसे लेकर क्रेजी होना पड़ेगा. माना कि बच्चे के सामने सेक्स के कम मौके मिलते हैं, लेकिन समझदार पैरंट्स बच्चे के झपकी लेते वक्त भी एक-दूसरे को प्यार कर लेते हैं.

मानसिकता को समझें

एक-दूसरे की मानसिकता को समझें व उसी तरह परस्पर व्यवहार करें, क्योंकि शारीरिक आनंद तभी प्राप्त होगा जब मन प्रसन्न होगा. कई बार हसबेंड भी बच्चे के जन्म के तुरंत बाद अपनी वाइफ पर सेक्स करने के लिए प्रेशर डालने लगते हैं. ऐसा ना करें, इससे आपकी पत्‍नी को परेशानी हो सकती है, या सेक्स के प्रति अरुचि भी हो सकती है.

मैं 28 वर्षीय युवक हूं. अपनी भतीजी से 2 साल से प्यार करता हूं. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है.

सवाल
मैं 28 वर्षीय युवक हूं. एक लड़की से 2 साल से प्यार करता हूं. वह भी मुझे चाहती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. लड़की के घर वालों को एतराज नहीं है, परंतु मेरे घर वाले इस शादी का विरोध कर रहे हैं. कारण लड़की दूर के रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है? यदि है तो मैं अपने घर वालों को कैसे मनाऊं?

जवाब
लड़की से चूंकि आप की दूर की रिश्तेदारी है, इसलिए यह आप के रिश्ते में आड़े नहीं आएगी. खासकर तब जब लड़की वालों को इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है. आप को अपने घर वालों पर दबाव बनाना होगा. यदि आप की बात वे नहीं सुन रहे तो किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र से मदद ले सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं कि इतनी दूर की रिश्तेदारी माने नहीं रखती. यदि लड़की आप के लिए उपयुक्त जीवनसंगिनी है और विवाह के लिए गंभीर है, तो घर वाले देरसवेर मान ही जाएंगे. लड़की के घर वाले भी उन्हें मना सकते हैं.

जब बेटी को विवाहित से प्रेम हो जाए

युवाओं में प्रेम होना एक आम बात है. अब समाज धीरेधीरे इसे स्वीकार भी कर रहा है. माता- पिता भी अब इतना होहल्ला नहीं मचाते, जब उन के बच्चे कहते हैं कि उन्हें अमुक लड़की/लड़के से ही शादी करनी है, लेकिन अगर कोई बेटी अपनी मां से आ कर यह कहे कि वह जिस व्यक्ति को प्यार करती है, वह शादीशुदा है तो मां इसे स्वीकार नहीं कर पाती.

ऐसे में बेटी से बहस का जो सिलसिला चलता है, उस का कहीं अंत ही नहीं होता लेकिन बेटी अपनी जिद पर अड़ी रहती है. मां समझ नहीं पाती कि वह ऐसा क्या करे, जिस से बेटी के दिमाग से इश्क का भूत उतर जाए.

ऐसे संबंध प्राय: तबाही का कारण बनते हैं. इस से पहले कि बेटी का जीवन बरबाद हो, उसे उबारने का प्रयास करें.

कारण खोजें : मौलाना आजाद मेडिकल कालिज में मनोचिकित्सा विभाग के निदेशक, डा. आर.सी. जिलोहा का कहना है कि इस तरह के मामले में मां एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं.

मां के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि बेटी का किसी अन्य व्यक्ति की ओर आकर्षण का कारण घरेलू वातावरण तो नहीं है. कहीं यह तो नहीं कि जिस प्यार व अपनेपन की बेटी को जरूरत है, वह उसे घर में नहीं मिलता हो और ऐसे में वह बाहर प्यार ढूंढ़ती है और हालात उसे किसी विवाहित पुरुष से मिलवा देते हैं.

यह भी संभव है कि वह व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन से संतुष्ट न हो. चूंकि दोनों के हालात एक जैसे हैं, सो वे भावुक हो एकदूसरे के साथ न जुड़ गए हों. यह भी संभव है कि अपनी पत्नी की बुराइयां कर के और खुद को बेचारा बना कर लड़कियों की सहानुभूति हासिल करना उस व्यक्ति की सोचीसमझी साजिश का एक हिस्सा है.

सो, बेटी से एक दोस्त की तरह व्यवहार करें व बातोंबातों में कारण जानने का प्रयास करें, तभी आप अगला कदम उठा पाएंगी.

सही तरीका अपनाएं : डा. जिलोहा का कहना है कि बेटी ने किसी शादीशुदा से प्यार किया तो अकसर माताएं उन को डांटतीफटकारती हैं और उसे उस व्यक्ति को छोड़ने के लिए कहती हैं, पर ऐसा करने से बेटी मां को अपना दुश्मन मानने लगती है. बेहतर होगा कि प्यार से उसे इस के परिणाम बताएं. बेटी को बताएं कि ऐसे रिश्तों का कोई वजूद नहीं होता. व्यावहारिक तौर पर उसे समझाएं कि उस के संबंधों के कारण बहुत सी जिंदगियां तबाह हो सकती हैं.

फिर जो व्यक्ति उस के लिए अपनी पत्नी व बच्चों को छोड़ सकता है, वह किसी और के लिए कभी उसे भी छोड़ सकता है, फिर वह क्या करेगी?

मदद लें : आप चाहें तो उस व्यक्ति की पत्नी से मिल कर समस्या का हल ढूंढ़ सकती हैं. अकसर पति के अफेयर की खबर सुनते ही कुछ पत्नियां भड़क जाती हैं और घर छोड़ कर मायके चली जाती हैं. उसे समझाएं कि वह ऐसा हरगिज न करे. बातोंबातों में उस से यह जानने का प्रयास करें कि कहीं उस के पति के आप की बेटी की ओर झुकाव का कारण वह स्वयं तो नहीं. ऐसा लगे तो एक दोस्त की तरह उसे समझाएं कि वह पति के प्रति अपने व्यवहार को बदल कर उसे वापस ला सकती है.      द्य

प्लान बनाएं

आप की सभी तरकीबें नाकामयाब हो जाएं तो उस की पत्नी से मिल कर एक योजना तैयार करें, जिस के तहत पत्नी आप की बेटी को बिना अपनी पहचान बताए उस की सहेली बन जाए. उसे जताएं कि वह अपने पति से बहुत प्यार करती है. उस के सामने पति की तारीफों के पुल बांधें. अगर वह व्यक्ति अपनी पत्नी की बुराई करता है तो एक दिन सचाई पता चलने पर आप की बेटी जान जाएगी कि वह अब तक उसे धोखा देता रहा है. ऐसे में उसे उस व्यक्ति से घृणा हो जाएगी और वह उस का साथ छोड़ देगी. यह भी हो सकता है कि उन का शादी का इरादा न हो और अपने संबंधों को यों ही बनाए रखना चाहते हों. ऐसे में बेटी को बारबार समझाने या टोकने से वह आप से और भी दूर हो जाएगी. उस को दोस्त बना कर उसे समझाएं और प्रैक्टिकली उसे कुछ उदाहरण दें तो शायद वह समझ जाए.

मैं 28 साल का हूं. मेरा अंग छोटा रह गया है. इस वजह से सैक्स के दौरान मैं पत्नी खुश नहीं कर पाता. मैं क्या करूं.

सवाल
मैं 28 साल का हूं. एक साल की उम्र में किसी तकलीफ की वजह से डाक्टर ने मेरे अंग का आपरेशन कर दिया था. लिहाजा, वह छोटा रह गया है. इस वजह से पत्नी खुश नहीं रहती है. मैं क्या करूं?

जवाब
आमतौर पर अंग के आकार से हमबिस्तरी के मजे में कोई फर्क नहीं पड़ता है. चूंकि आप के अंग का आपरेशन हुआ था, इसलिए शायद कुछ और दिक्कत होगी. आप इस बारे में किसी माहिर डाक्टर से बात करें.

वीर्य की जानकारी आपके लिए है फायदेमंद

वीर्य आदमी के अंडकोष और अंग के मार्ग में मौजूद प्रोस्टै्रट, सैमाइनल वैसिकल और यूरेथल ग्रंथियों से निकले रसों से बनता है. वीर्य में तकरीबन 60 फीसदी सैमाइनल वैसिकल, 30 फीसदी प्रोस्ट्रैट ग्रंथि का रिसाव और केवल 10 फीसदी अंडकोष में बने शुक्राणु यानी स्पर्म होते हैं, जो वीर्य में तैरते रहते हैं. शुक्राणु की मदद से ही बच्चे पैदा होते हैं.

अंडकोष यानी शुक्राशय आदमी के शरीर के बाहर लटके होते हैं, क्योंकि शुक्राणु बनने के लिए शरीर से कुछ कम तापमान की जरूरत होती है. अगर किसी वजह से अंडकोष अंदर ही रह जाते हैं, तो ये खराब हो जाते हैं. शुक्राशय के 2 काम हैं, शुक्राणु बनाना और पुरुषत्व हार्मोन टैस्ट्रोस्ट्रान बनाना.

टैस्ट्रोस्ट्रान कैमिकल ही आदमी में क्रोमोसोम के साथ लिंग तय करता है. इसी के चलते बड़े होने पर लड़कों में बदलाव होते हैं, जैसे अंग के आकार में बढ़ोतरी, दाढ़ीमूंछें निकलना, आवाज में बदलाव, मांसपेशियों का ताकतवर होना वगैरह.

किशोर उम्र तक शुक्राशय शुक्राणु नहीं बनाते. ये 11 से 13 साल के बीच शुरू होते हैं और तकरीबन 17-18 साल तक पूरी तेजी से बनते हैं.

अंडकोष से निकल कर शुक्राणु इस के ऊपरी हिस्से में इकट्ठा हो कर पकते हैं. यहां पर ये तकरीबन एक महीने तक सक्रिय रहते हैं. शुक्राणु बनने की पूरी प्रक्रिया में 72 दिन का समय लगता है.

किशोर उम्र में बनना शुरू हो कर शुक्राणु जिंदगीभर बनते रहते हैं. हां, अधेड़ उम्र में इस के बनने की रफ्तार धीमी हो जाती है. शुक्राणु के बनने में दिमाग में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि, एफएसएच हार्मोन व टैस्टीज से निकले टैस्ट्रोस्ट्रान हार्मोन का हाथ होता है. इन हार्मोनों की कमी होने पर शुक्राणु बनना बंद हो जाते हैं.

वीर्य में मौजूद शुक्राणु 2 तरह के होते हैं, 3 3 या 3 4. अगर औरत के अंडे का मिलन 3 3 से होता है, तो लड़की और अगर 3 4 से होता है, तो लड़का पैदा होता है.

मां के पेट में बच्चे का लिंग आदमी के शुक्राणुओं द्वारा तय होता है. इस में औरत का कोई बस नहीं होता है. वीर्य में सब से ज्यादा रस सैमाइनल वैसिकल ग्रंथि से निकले पानी से होता है. इस में फ्रक्टोज शुक्राणुओं का पोषक तत्त्व होता है. इस के अलावा रस में साइट्रिक एसिड, प्रोस्ट्राग्लैंडिन और फाइब्रोजन तत्त्व भी पाए जाते हैं.

प्रोस्ट्रैट ग्रंथि का रस दूधिया रंग का होता है. इस में साइट्रेट, कैल्शियम, फास्फेट, वीर्य में थक्का बनाने वाले एंजाइम और घोलने वाले तत्त्व होते हैं. इन में अलावा मूत्र में स्थित यूरेथल ग्रंथियों का रिसाव भी वीर्य में मिल जाता है.

स्खलन के समय शुक्राशय से निकले शुक्राणु सैमाइनल वैसिकल व प्रोस्टै्रट के स्राव के साथ मिल कर शुक्र नली द्वारा होते हुए मूत्र नलिका से बाहर हो जाते हैं.

यह भी जानें

* एक बार में निकले वीर्य की मात्रा 2 से 5 मिलीलिटर होती है.

* वीर्य चिकनापन लिए दूधिया रंग का होता है और इस में एक खास तरह की गंध होती है.

* वीर्य का चिकनापन सैमाइनल वैसिकल व पीए प्रोस्टै्रट के स्राव के चलते होता है. अगर पीए अम्लीय है, वीर्य पीला या लाल रंग लिए है, तो यह बीमारी की निशानी है.

* वीर्य से बदबू आना भी बीमारी का लक्षण हो सकता है.

* 2-3 दिन के बाद निकला वीर्य गाढ़ा होता है, क्योंकि इस में शुक्राणुओं की संख्या ज्यादा होती है.

* वीर्य निकलने के बाद जम जाता है. पर इस में मौजूद रसायन फाइब्रोलाइसिन एंजाइम इसे 15-20 मिनट में दोबारा पतला कर देते हैं. अगर वीर्य दोबारा पतला न हो, तो यह बीमारी की निशानी है.

* 4-5 दिन बाद एक घन मिलीलिटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 8 से 12 करोड़ होती है. यानी एक बार में तकरीबन 40 करोड़ शुक्राणु निकलते हैं, पर एक ही शुक्राणु अंडे को निषेचित करने के लिए काफी होता है.

* अगर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 6 करोड़ प्रति मिलीलिटर से कम हो, तो आदमी में बच्चे पैदा करने की ताकत कम होती है. अगर 2 करोड़ से कम हो, तो आदमी नामर्द हो सकता है.

* सामान्य शुक्राणु छोटे से सांप की शक्ल का होता है. इस का सिरा गोल सा होता है और सिर पर एक टोपी होती है, जिस को एक्रोसोम कहते हैं. साथ में गरदन, धड़ और पूंछ होती है.

* अगर शुक्राणुओं के आकार में फर्क हो, तब भी बच्चे पैदा करने की ताकत कम हो जाती है. यह फर्क सिर, धड़ या पूंछ में हो सकता है. अगर असामान्य शुक्राणुओं की संख्या 20 फीसदी से भी ज्यादा होती है, तो आदमी नामर्द हो सकता है.

* शुक्राणु वीर्य में हमेशा तैरते रहते हैं. अगर शुक्राणु सुस्त हैं या 40 फीसदी से ज्यादा गतिहीन हैं, तो भी आदमी नामर्द हो सकता है.

* अगर वीर्य में मवाद, खून या श्वेत खून की कणिकाएं मौजूद हों, तो यह भी बीमारी की निशानी है.

* वीर्य या शुक्राणु बनने में खराबी कई बीमारियों के चलते हो सकती है. हार्मोन के बदलाव से शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है.

* शुक्राशय में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जैसे मम्स, लेप्रोसी, सिफलिस वगैरह.

* ट्यूमर, इंफैक्शन, फाइलेरिया से शुक्राशय खराब हो सकता है.

* शुक्राणु के बनने में प्रोटीन, विटामिन, खासतौर से विटामिन ई की जरूरत होती है.

वीर्य संबंधी गलतफहमियां

 *  अगर पेशाब के साथ वीर्य या वीर्य जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलता है, तो लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं. वे समझते हैं कि उन की ताकत कम हो रही है. नतीजतन, वे कई बीमारियों को न्योता दे बैठते हैं, जबकि वीर्य के निकलने या धातु निकलने से जिस्मानी ताकत में कमी होने का कोई संबंध नहीं है.

* हस्तमैथुन करने या रात को वीर्य गिरने से नौजवान समझते हैं कि इस के द्वारा उन की ताकत निकल रही है और वे तनावग्रस्त हो जाते हैं, जबकि यह सामान्य प्रक्रिया है.

* वीर्य जमा नहीं होता. अगर वीर्य के साथ शुक्राणु बाहर न निकलें, तो शरीर में इन की कमी हो जाती है. इसी तरह शौच जाते समय जोर लगाने से भी कुछ बूंद वीर्य निकल सकता है, इसलिए घबराएं नहीं.

* कुछ लोगों में यह गलतफहमी है कि वीर्य की एक बूंद 40 बूंद खून के बराबर है. यह गलत सोच है. वीर्य जननांगों का स्राव है, जो लार, पसीना या आंसू की तरह ही शरीर में बनता है.

* कुछ लोगों का मानना है कि वे वीर्य गिरने के समय जीवनदायक रस को बरबाद करते रहे हैं.

* अगर वीर्य के निकल जाने से कीमती ताकत का नाश होता है, तो सभी शादीशुदा आदमी कमजोर हो जाते, इसलिए वीर्य और सैक्स संबंध के बारे में गलत सोच न बनाएं, तनाव से दूर रहें और कामयाब जिंदगी का लुत्फ उठाएं.

सेक्स करने के बाद मेरे यूटरस में काफी दर्द होने लगा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 साल की युवती हूं. कुछ दिनों पहले मैने अपने बौयफ्रैंड के साथ सेक्स किया था. हालांकि इस दौरान बौयफ्रैंड ने कंडोम का प्रयोग कर सेक्स किया पर दूसरे दिन सुबह मेरे यूटरस में दर्द होने लगा और मुझे बुखार भी हो गया. अत: बताएं कि सुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी दर्द क्यों हुआ?

जवाब

सेक्स संबंध हमेशा सुरक्षित ही बनाना चाहिए. सेक्स क्रिया में कंडोम एक सरल व सहज गर्भनिरोधक है, जिस से अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सकता है.

यूटरस में दर्द और बुखार होने का सुरक्षित सेक्स संबंध बनाने से कोई वास्ता नहीं है. संभव है कि आप के साथ कोई अंदरूनी वजह रही होगी. बेहतर होगा कि आप अपने डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

अच्छी बात नहीं सैक्स में नानुकुर

आज यह लगातार चौथी रात थी जब सुरभि बिस्तर पर आने के बाद तकरीबन घंटाभर अपने मायके वालों से ले कर दोस्तों तक फोन पर लगी रही थी. टैलीविजन देख रहा उस का मर्द विवेक उस से बीचबीच में जोकुछ भी कहता, उस का वह ‘हांहूं’ में जवाब देती जाती. यही करतेकरते उसे खर्राटे आने लगे. विवेक ने मन मसोस कर टैलीविजन बंद किया और बगल में लेट गया.

आधी रात को जब विवेक की आंख खुली तो उस ने अपने में कड़ापन पाया. उसे सैक्स की तलब हो रही थी. उस ने सुरभि को जगाना चाहा लेकिन उस ने अपना रोज का ‘सोने दो न…’ वाला डायलौग बोल दिया.

झल्ला कर विवेक को आज भी खुद से ही काम चलाना पड़ा और वह नाराज मूड लिए ही सो गया.

इस तरह की हालत केवल विवेक की ही नहीं है बल्कि हर दूसरे घर में मर्दों को अपनी औरतों की यह ‘न’ झेलनी पड़ती है.

औरतों की सैक्स को ले कर नानुकर या इस के बल पर अपने मर्द को ब्लैकमेल करने की यह आदत अकसर अच्छेखासे रिश्ते को खराब कर देती है. ऐसा करना खुद औरतों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है.

बारबार सैक्स के लिए मना करने से औरत के साथी को लगने लगता है कि शायद उस में कोई कमी है जिस के चलते ही औरत को उस के साथ सैक्स करने में मजा नहीं आ रहा है. इस से जिंदगी के प्रति उस की चाहत कम हो सकती है.

अगर सैक्स के दौरान सचमुच औरत को अपने साथी की कोई बात खटके तो वह उसे सीधे शब्दों में बताए ताकि उस का हल निकाला जा सके.

लगाव कम होना

अपने साथी से लगातार सैक्स संबंध न बनाना या बहुत कम यानी महीने में 1-2 बार बनाना मर्दऔरत दोनों के रिश्ते में कड़वाहट घोल सकता है. सैक्स के दौरान मर्दऔरत जितने घुलतेमिलते जाते हैं, वैसा किसी और मौके पर होना अकसर मुश्किल होता है.

नए रिश्ते बनाना बुरा नहीं है लेकिन बारबार नएनए रिश्ते बनाना न आसान होता है और न ही अच्छा, इसलिए अगर औरत को अपना रिश्ता प्यारा है तो वह उसे और मजबूत करने पर ध्यान दे.

जिस तरह कोई गायक रियाज करना छोड़ दे तो वह गाना भी भूलने लगता है, उसी तरह सैक्स कम करने से सैक्स की चाहत में भी कमी आनी शुरू हो जाती है. वैसे, सैक्स करने से नीचे खून का दौरा सही रहता?है, पेशाब पर जोर बढ़ता है.

शक को जन्म देना

जी हां, औरत की रोजरोज की यह नानुकर उसे इस तरह की समस्या से भी दोचार करा सकती है खासकर अगर वह कामकाजी औरत है. फिर वह चाहे जो भी बहाने बना ले, अपने साथी को बिस्तर पर समय न देना उस के मन में यह शक पैदा करेगा कि उस की औरत की जिस्मानी जरूरतें कहीं और से पूरी हो रही हैं. मर्द का इस बात का गुस्सा दूसरे मौकों पर निकलने लगेगा जो घर में कलह की वजह बनेगा.

न करें ये गलतियां

कई औरतों को अकसर अपना बदन एक हथियार जैसा लगने लगता है. सासससुर, ननद वगैरह से नोकझोंक की हालत में वे अपने पति को सैक्स के नाम पर धमकाना शुरू कर देती हैं. साथी अगर बौयफ्रैंड है तो मामला खर्च, औफिस जैसे मसलों पर टिक जाता है.

औरत को यह समझना होगा कि सैक्स केवल मर्द की गरज नहीं है, बल्कि औरत को भी सैक्स की उतनी ही जरूरत होती है. अगर ऐसा नहीं होता तो ‘पति के अंग में तनाव कम होता है’ जैसे मुद्दों पर घर नहीं टूटते. सैक्स को ले कर ब्लैकमेल करने की आदत औरत को एक दिन किसी लायक नहीं छोड़ती है.

बिना वजह ‘न’ कहना

ऐसा हो सकता है कि किसी दिन या कुछ दिनों तक औरत सैक्स के लिए तैयार न हो, पर इस की सही वजह होनी चाहिए. ‘थकी हुई हूं’ जैसी बातें हमेशा अच्छी नहीं लगतीं. औरत का साथी भी उसी की ही तरह थका हुआ होता है. इस के अलावा एक कामयाब सैक्स औरत की थकान भी उतारेगा, इस को भी समझें.

प्यार भरी छेड़छाड़ तक तो ठीक है लेकिन औरत का साथी अगर उस से सैक्स करने के लिए चिरौरी कर रहा है, तो यह सोच कर मजे लेना शुरू न करें. इस का भारी खमियाजा भी भुगतना पड़ सकता है. लिहाजा, सैक्स करने का मजा लें और अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाएं.

मैं 28 साल का शादीशुदा मर्द हूं पर मुझे कोई काम नहीं मिल रहा है, क्या करूं?

सवाल

मैं 28 साल का शादीशुदा मर्द हूं. हम ने लवमैरिज की थी. मेरा एक 4 साल का बेटा भी है. लेकिन पिछले कई साल से मुझे कोई ढंग का काम नहीं मिल रहा है. मैं घर पर पड़ापड़ा आलसी हो गया हूं और मुझ पर चरबी भी चढ़ गई है. इस बात पर मेरा अपनी पत्नी का झगड़ा भी खूब होता है. इस आलसीपन से कैसे बाहर निकलूं?

जवाब 

लगता है कि आप के बापदादा अच्छीखासी जमीनजायदाद छोड़ कर गए हैं या फिर आप को ज्ञान मिल गया है कि बिना कुछ करेधरे भी दालरोटी मिल ही जातीहै, तो क्यों मेहनत की जाए. यह निहायत ही लानत और शर्म की बात है. इस का असर आप की बीवी और बच्चे पर भी पड़ रहा है, इसलिए यह निकम्मापन तुरंत छोड़ दें.

हमबिस्तरी की शुरुआत में तो मेरी बीवी साथ देती है, पर बाद में सुस्त हो जाती है. मुझे क्या करना चाहिए.

सवाल
मैं 30 साल का हूं और मेरी बीवी 26 साल की है. हमबिस्तरी की शुरुआत में तो वह साथ देती है, पर बाद में सुस्त हो जाती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
बीवी से बात करने में संकोच की जरूरत नहीं है. उसे समझाएं कि जब वह हमबिस्तरी में खुल कर हिस्सा लेगी, तभी पूरा लुत्फ आएगा. आप फोर प्ले कर के पहले बीवी को पूरी तरह गरम कर लिया करें, उस के बाद हमबिस्तरी करेंगे, तो यकीनन वह सुस्त नहीं पड़ेगी.

मैं सेक्स करने से डरता हूं, क्या करूं?

सवाल

मैं अपनी गर्लफ्रैंड से बहुत प्यार करता हूं. वह भी मु झ पर जान छिड़कती है. हम फोन पर घंटों बातें करते हैं. मैं ने उस से सैक्स करने के बारे में कभी नहीं कहा. मैं शादी के बाद ही उस से सैक्स करना चाहता था लेकिन वह ही मुझसे सैक्स करने के लिए कहती है. एक्साइटमैंट तो मु झे भी बहुत है लेकिन थोड़ा सा नर्वस फील कर रहा हूं. शादी के बाद सैक्स करना दूसरी बात होती है, गर्लफ्रैंड बीवी बन जाती है और उस पर पूरा हक होता है. लेकिन गर्लफ्रैंड को यदि सैक्स का मैं मजा न दे पाया तो डरता हूं कहीं वह मु झ से अपसैट न हो जाए, उस का प्यार मेरे लिए कम न हो जाए. थोड़ी घबराहट सी हो रही है जबकि गर्लफ्रैंड बहुत एक्साइटिड है और जल्दी ही किसी होटल में मिलने के लिए कह रही है. आप मेरी घबराहट दूर करने में कुछ मदद करें.

जवाब

लड़कों के साथ अकसर ऐसा होता है. सैक्स के लिए एक्साइटिड तो बहुत होते हैं लेकिन पार्टनर के सामने सैक्स परफौर्मैंस देते वक्त कुछ ढीले पड़ जाते हैं. उन का मोरल डाउन हो जाता है. लेकिन घबराइए मत, आप और आप की पार्टनर दोनों अपनी मरजी से सैक्स का मजा उठाने जा रहे हैं. आप दोनों मानसिक रूप से सैक्स के लिए तैयार हैं. बस, सैक्स करने के लिए उपयुक्त जगह ढूंढें़, जो स्ट्रैसफ्री हो और आप को कोई डिस्टर्ब करने वाला न हो.

प्यारभरा स्पर्श, चुंबन और फोरप्ले महत्त्वपूर्ण है. सैक्स में जल्दबाजी सारा मजा किरकिरा कर सकती है, इसलिए सैक्स की शुरुआत धीरेधीरे करें. महिलाओं को सैक्स के लिए उत्तेजित करने के लिए प्यारभरा स्पर्श, चुंबन जरूरी है, जब लगे कि पार्टनर इंटरकोर्स के लिए पूरी तरह तैयार है, उस के बाद ही आगे बढ़ें. पार्टनर कैसा सैक्स चाहता है, उसे और्गेज्म हुआ है या नहीं, पूछने में कोई शर्म न करें और यह सब करने में अपने साथी का पूरा साथ लें और दें.

सैक्स संबंध स्थापित करने के बाद कभी भी अलग न बैठें या लेटें, बल्कि अपने साथी के साथ प्यार करें, उस को किस करें. इस से आप के बीच का संबंध और गहरा होगा. संबंध बनाने के लिए अपने पार्टनर के साथ अपनी खुशी जाहिर करें.

मैं 19 साल का हूं. मेरा मन जिस्मानी संबंध बनाने के लिए उतावला रहता है. मैं खुद को कैसे साबित करूं.

सवाल
मैं 19 साल का हूं और अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहता हूं, पर मेरा मन जिस्मानी संबंध बनाने के लिए उतावला रहता है. जब भी कुछ करना चाहता हूं, तो मन इसी तरफ चला जाता है. लोग मुझ से नफरत करते हैं और नालायक समझते हैं. मैं खुद को कैसे साबित करूं?

जवाब
आप को जिस्मानी संबंध का सच्चा सुख तभी हासिल होगा, जब आप पढ़लिख कर कुछ बन जाएंगे, वरना जिंदगीभर यों ही तरसते रहेंगे. अपना उतावलापन छोड़ कर पहले पढ़ाई पूरी करें और नौकरी या कारोबार कर के कुछ कमाई करें. निकम्मे लोगों को न प्रेमिका मिलती है और न ही बीवी.

सोशल बैवसाइट सर्वे करने वाली एक आईटी कंपनी की हालिया रिपोर्ट चौंकाती है, जिस में पोर्न बेस्ड सर्वे के आधार पर ये आंकड़े दिए गए हैं कि देश में 22 से 34 आयुवर्ग के युवा पोर्नोग्राफी, पेड सैक्स, बैव सैक्स चैट के जरिए अपनी पौकेट ढीली कर रहे हैं. उन की कमाई का लगभग 20 से 30त्न हिस्सा पेड सैक्स के लिए जा रहा है. माध्यम चाहे जो भी हो, सैक्स के लिए मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है यानी सैक्स अब सस्ता व सुलभ नहीं, बल्कि महंगा और अनअफोर्डेबल है. पेड सैक्स की बढ़ती लोकप्रियता व चलन ने सैक्स को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है. अब यह पैसे वालों का शौक बन गया है. सैक्स की बढ़ती मांग और आपूर्र्ति के बीच गड़बड़ाए तालमेल ने सैक्स बाज़ार के रेट आसमान पर पहुंचा दिए हैं. इस का दूसरा बड़ा कारण है मोटी जेब वालों की सैक्स तक आसान पहुंच. जहां जैसी जरूरत हो, मोटी रकम दे कर सैक्स बाज़ार से सैक्स खरीद लिया, नो बारगेनिंग, नो पचड़ा. इस का नतीजा हाई रेट्स पेड सैक्स के रूप में सामने आया. सैक्स वर्कर्स ने भी मांग के आधार पर अपनी दरें ऊंची कर लीं.

क्या है पेड सैक्स

 सैक्स के लिए जो रकम अदा की जाती है उसे पेड सैक्स कहा जाता है. इस के कई रूप हो सकते हैं. वर्चुअल सैक्स से ले कर लाइव फिजिकल सैक्स तक. औनलाइन सैक्स मसलन, पोर्न वीडियो, पोर्नोग्राफी, औनलाइन पेड फ्रैंडशिप, वीडियो सैक्स, वैब औरिएंटेड सैक्स. औफलाइन सैक्स मसलन, ब्रोथल पिकअप सैक्स, कौलगर्ल औन डिमांड आदि. सैक्स के इन तमाम माध्यमों में कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पैसे इनवैस्ट किए जाते हैं. सैक्स के तमाम माध्यमों में सीधे इनवैस्टमैंट को पेड सैक्स कहते हैं.

सैक्स की राह नहीं आसान

 कुछ दशक पहले तक सैक्स तक आम लोगों की आसान पहुंच थी. छोटीमोटी रकम अदा कर के यौनसुख का आनंद उठाया जा सकता था, पर सैक्स के विभिन्न मौडल सामने आने के बाद उस की दरों में कई गुणा वृद्धि हुई है.

क्या है इन की कैटेगरी व प्रचलित दरें

 – औनलाइन पेड सैक्स : प्रति मिनट डेटा चार्जेज.

– फोन फ्रैंडशिप : 2 से 3 हजार रुपए प्रतिमाह सदस्यता.

–       कौलगर्ल औन डिमांड : 2 से 10 हजार रुपए प्रति घंटा.

–       स्कौर्ट सर्विस (श्रेणी एबीसी ) शुरुआती दर.

–       ब्रोथल सैक्स : 500 से 1,500 रुपए तक नाइट/आवर.

–       हाउस सर्विस : पर शौट (हाउसवाइफ, कालेज/वर्किंग वूमन)  3 से 5 हजार रुपए पर शौट.

मार्केट में चल रही इन दरों को देख कर आसानी से यह कहा जा सकता है कि ऐक्स्ट्रा मैरिटल सैक्स की चाह रखने वालों को अब मनी कैपेबिलिटी भी ऊंची रखनी होगी. यौनतृप्ति की राह आसान नहीं है. सैक्स के बाजार ने एक बड़ा रूप ले लिया है, जहां जिस की जितनी हैसियत है उस हिसाब से यौन संतुष्टि पा सकता है. आम व सामान्य लोगों के लिए यौनलिप्सा के दरवाजे लगभग बंद होते प्रतीत हो रहे हैं.

कौलगर्ल रिचा चंद्रा बताती हैं, ‘‘वर्षों से (लगभग 11 साल पहले) जब वे इस पेशे में आई थीं, तब उन के पास ठीक से खाने व ब्रोथल की मैडम को रैंट चुकाने तक के पैसे नहीं थे, क्योंकि तब ग्राहकों की पेइंग कैपेसिटी बहुत कम थी और मार्केट में सप्लाई ज्यादा. इसलिए औनेपौने रेट पर भी वे ग्राहक पटा लेती थीं, तब न तो इतने बड़े और ग्लैमरस तरीके से उन्हें प्रोजैक्ट किया जाता था और न ही इंटरनैट के जरिए विज्ञापन व प्रचारप्रसार था.

‘‘अब स्थिति बिलकुल उलट है. ऐडवर्ल्ड व सोशल मीडिया की आसान पहुंच ने सबकुछ बदल दिया है. अब वे विज्ञापन के जरिए अपना बेस प्राइस भी तय कर सकती हैं और अपनी सर्विस के लिए बारगेनिंग भी. साथ ही ग्लैमरस प्रोजैक्शन ने मार्केट में उन की प्राइस वैल्यू औैर बढ़ा दी है.

‘‘इस तरह जहां वे पहले वननाइट सर्विस के लिए 200 से 500 रुपए तक ही कमा पाती थीं आज वह बढ़ कर 2 से 5 हजार रुपए तक हो गया है. रिचा आगे बताती हैं कि विवाह से इतर सैक्स की चाह ने भी बाज़ार में क्लाइंट की संख्या में खासा इजाफा किया है. इंटरनैट पर बढ़ते सैक्स के प्रोजैक्शन ने युवाओं में लाइव सैक्स की चाह को बढ़ाया है.’’

चाहे जो हो, सैक्स का बाज़ार महंगाई के प्रभाव से अछूता है. जब तक लोगों की जेबें गरम रहेंगी, बिस्तर भी गरम होता रहेगा. हैसियत और ओहदे के हिसाब से बेहतर सेवाएं भी मिलती रहेंगी. पैसे वालों के लिए अल्ट्रामौडर्न स्कौर्ट्स सर्विस तो आम लोगों के लिए साधारण ब्रोथल सर्विस.

मांग है तो आपूर्त्ति भी लगातार बनी रहेगी, तो पैसा फेंकिए और तमाशा देखिए. इस में हर्ज ही क्या है?

मेरी ननद बुरी संगत से प्रभावित हो रही है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी ननद किसी लड़के से 8 सालों से रिलेशनशिप में है. हालांकि वह कहती है कि उन्होंने कभी मर्यादा की सीमारेखा नहीं लांघी है, फिर भी मुझ डर लगता है कि वह कभी कोई गलत फैसला न ले ले. उसने यह बात घर में सभी से छिपा रखी है. मुझे भी इस बात की जानकारी अनजाने में ही हो गई है. अब मुझे लगता है कि यह बात मुझे अपने पति व सास को बता देनी चाहिए. पर कहीं ननद मुझ से हमेशा के लिए खफा न हो जाए. क्या यह ठीक रहेगा?

जवाब

आप अपनी ननद की नाराजगी की चिंता किए बगैर इस बात से घर वालों को अवगत कराएं, क्योंकि यदि जानेअनजाने कल को उस के जीवन में कुछ गलत होता है तो आप को सारी उम्र इस बात का मलाल रहेगा.

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