मुझे एक शादीशुदा औरत से प्यार हो गया है और हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 21 साल का हूं. मुझे एक शादीशुदा औरत से प्यार हो गया है. हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, लेकिन घर वाले इस बात के खिलाफ हैं. मैं क्या करूं?

जवाब
आप के घर वाले सही हैं. शादीशुदा औरत के चक्कर में आप अपनी जिंदगी तो बरबाद कर ही रहे हैं, साथ ही उसे भी तबाह कर रहे हैं. उस के पति को पता चलेगा तो वह कहीं की न रहेगी. उस औरत से दूर रहने में ही सब की भलाई है.

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प्यार के अंधेरे में डूबता चला गया प्रकाश

छत्तीसगढ़ के जिला रायपुर की कोतवाली के अंतर्गत आने वाले मोहल्ला रिसाईपारा की रहने वाली 20 साल की खूबसूरत नगमा परवीन 18 जनवरी, 2017 की रात ब्यूटीपार्लर से लौट कर नहीं आई तो घर वालों को चिंता हुई. उस के अब्बू मोहम्मद असलम ने उस के मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि मोबाइल घर पर ही रखा है. उस से संपर्क का एकमात्र साधन फोन था, जो घर पर ही रखा था. ब्यूटीपार्लर ज्यादा दूर नहीं था. वहां जा कर पता किया तो पता चला कि उस दिन वह ब्यूटीपार्लर पर गई ही नहीं थी. यह जान कर घर वाले परेशान हो उठे. उन की समझ में यह नहीं आ रहा था कि नगमा ब्यूटीपार्लर पर नहीं गई तो बिना बताए कहां चली गई. जबकि उसे कहीं बाहर जाना होता था तो वह घर वालों को बता कर जाती थी.

ऐसा पहली बार हुआ था, जब नगमा घर वालों को बिना बताए न जाने कहां चली गई थी. अपने हिसाब से मोहम्मद असलम ने बेटी को हर तरह से खोजा, लेकिन उस का कुछ पता नहीं चला. वह कोई छोटी बच्ची नहीं थी कि कोई उसे बहलाफुसला कर उठा ले जाता. वह जहां भी गई थी, अपनी मरजी से गई थी. अगर उस के साथ जबरदस्ती की गई होती तो पता चल जाता.

मोहम्मद असलम और उन के घर वालों ने किसी तरह रात बिताई. सवेरा होते ही वह कुछ लोगों के साथ कोतवाली पहुंच गए और बेटी की गुमशुदगी दर्ज करा दी. गुमशुदगी दर्ज होने के बाद इंसपेक्टर श्रीप्रकाश सिंह ने इस मामले में जांच शुरू की तो पता चला कि नगमा सुबह तेजप्रकाश सेन की मोटरसाइकिल पर बैठ कर कहीं गई थी.

उसे तेजप्रकाश की मोटरसाइकिल पर बैठ कर जाते किसी और ने नहीं, नगमा की 8 साल की छोटी बहन ने देखा था. लेकिन यह बात उस ने घर वालों को नहीं बताई थी. जब पुलिस ने उस से पूछा, तभी उस ने बताया था.

श्रीप्रकाश सिंह को जब पता चला कि नगमा तेजप्रकाश के साथ गई है तो उन्होंने उस के बारे में मोहम्मद असलम से पूछा. पता चला कि तेजप्रकाश मोहल्ला आमातालाब में अपने परिवार के साथ रहता था. वह शादीशुदा था और 2 बच्चों का बाप था, इस के बावजूद उस ने खुद को कुंवारा बता  कर नगमा से कोर्टमैरिज कर ली थी.

नगमा को जब उस के शादीशुदा और 2 बच्चों का बाप होने का पता चला था तो वह अदालत चली गई, जहां से उसे ढाई लाख रुपए गुजाराभत्ता देने का आदेश हुआ था. ये रुपए तेजप्रकाश को 27 हजार रुपए हर महीने की किस्त के रूप में देने थे. लेकिन तेजप्रकाश ने 27 हजार रुपए की मात्र एक किस्म ही दी थी. उस के बाद उस ने एक पैसा नहीं दिया था.

नगमा और तेजप्रकाश की इस कहानी को जान कर श्रीप्रकाश सिंह को समझते देर नहीं लगी कि मामला क्या हो सकता है.  उन्होंने तुरंत तेजप्रकाश सेन के घर छापा मारा तो वह घर पर ही मिल गया. पूछताछ के लिए उसे कोतवाली लाया गया, लेकिन पुलिस हिरासत में होने के बावजूद उस के चेहरे पर जरा भी भय नहीं था.

एसएसपी राजीव टंडन और सीओ ए.सी. द्विवेदी की उपस्थिति में उस से पूछताछ शुरू हुई. श्रीप्रकाश सिंह ने पूछा, ‘‘तुम नगमा परवीन को जानते हो?’’

‘‘जी जानता हूं. लेकिन आप उस के बारे में मुझ से क्यों पूछ रहे हैं?’’ तेजप्रकाश ने कहा.

‘‘इसलिए कि वह 4 दिनों से गायब है.’’

‘‘क्या?’’ उस ने चौंक कर कहा, ‘‘वह 4 दिनों से गायब है?’’

‘‘हां, वह 4 दिनों से गायब है. काफी प्रयास के बाद भी उस का कुछ पता नहीं चल रहा है. घर से ब्यूटीपार्लर जाने के लिए वह निकली थी, लेकिन वह ब्यूटीपार्लर पहुंच नहीं पाई. बीच से ही वह गायब हो गई.’’

‘‘ब्यूटीपार्लर नहीं गई तो फिर वह कहां गई?’’

‘‘यही पता करने के लिए तो तुम्हें यहां लाया गया है.’’ श्रीप्रकाश सिंह ने कहा.

‘‘लेकिन मुझे क्या पता कि वह ब्यूटीपार्लर नहीं गई तो कहां गई? वह जहां भी गई है, मुझे बता कर थोड़े ही गई है. वह कहां जाती है, किस से मिलती है, क्या करती है, मुझे बता कर थोड़े ही करती है?’’ सफाई देते हुए तेजप्रकाश ने कहा, ‘‘अगर उस के बारे में कुछ पूछना है तो उस के घर वालों से जा कर पूछें. वही बता सकते हैं कि वह कहां है?’’

‘‘ठीक है, घर वालों से पूछ लेंगे. लेकिन तुम एक बात यह बताओ, क्या तुम नगमा की छोटी बहन को जानते हो?’’

‘‘जी, बिलकुल जानता हूं.’’

‘‘वह कह रही थी कि जिस दिन नगमा गायब हुई है, उस दिन उस ने तुम्हें नगमा को मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाते हुए देखा था.’’

‘‘वह झूठ बोल रही है.’’ तेजप्रकाश ने एकदम से कहा. लेकिन इस बात से वह घबरा गया, जो उस के चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रहा था. पुलिस अधिकारियों ने उसे भांप भी लिया था. इस के बाद तो पुलिस अधिकारियों ने उसे अपने सवालों से इस तरह घेरा कि बिना सख्ती किए ही उस ने एसएसपी के पैर पकड़ लिए.

वह गिड़गिड़ाते हुए बोला, ‘‘सर, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई. नगमा को मैं ने मार दिया है. उसे मारता न तो क्या करता. मैं ने उस से प्यार किया, पत्नीबच्चों को छोड़ कर शादी की, इस के बावजूद उस ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा. उस की वजह से मेरे परिवार ने मुझे छोड़ दिया. इस के बावजूद वह मुझे छोड़ कर चली ही नहीं गई, मेरे ऊपर मुकदमा भी कर दिया था.’’

पुलिस ने तेजप्रकाश को अदालत में पेश कर के 5 दिनों के रिमांड पर ले लिया. रिमांड अवधि के दौरान उस ने नगमा परवीन की हत्या का अपना अपराध तो स्वीकार कर ही लिया, मोटरसाइकिल और उस की डिक्की में रखा चाकू, बोरी, रस्सी आदि भी बरामद करवा दी. पूछताछ में उस ने नगमा की हत्या की जो कहानी पुलिस अधिकारियों को सुनाई, वह इस प्रकर थी—

नगमा परवीन मोहम्मद असलम की बड़ी बेटी थी. प्राइवेट नौकरी करने वाले मोहम्मद असलम की जिंदगी मजे से कट रही थी. वह जमाने से कदम मिला कर चलने वालों में थे, इसलिए उन्होंने अपने सभी बच्चों को पढ़ायालिखाया. नगमा ने भी बीए किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद उस ने नौकरी करने के बजाए ब्यूटीपार्लर का काम सीखा और घर से थोड़ी दूरी पर अपना ब्यूटीपार्लर खोल लिया. उस का ब्यूटीपार्लर चल भी निकला.

खूबसूरत नगमा परवीन पर मर मिटने वालों की कमी नहीं थी. उन्हीं में आमातालाब का रहने वाला तेजप्रकाश सेन भी था. वह किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था. उस के पिता सरकारी नौकरी में थे. बापबेटे को ठीकठाक तनख्वाह मिलती थी, इसलिए परिवार सुखी और संपन्न था.

तेजप्रकाश मांबाप की एकलौती संतान था. उस की शादी ही नहीं हो चुकी थी, बल्कि वह एक बेटे और एक बेटी का बाप भी था. इस के बावजूद वह पहली ही नजर में नगमा पर मर मिटा था. नगमा पर दिल आते ही वह उस की एक झलक पाने के लिए उस के घर और ब्यूटीपार्लर के चक्कर ही नहीं लगाने लगा था, बल्कि घंटों उस के ब्यूटीपार्लर के सामने खड़ा हसरतभरी नजरों से ताका करता था.

उस की इस हरकत को देख कर नगमा को समझते देर नहीं लगी कि वह क्या चाहता है. फिर तो वह उसे देख कर अनायास ही मुसकराने लगी. इसी मुसकान ने दोनों को एकदूसरे के करीब ला दिया. उस समय नगमा 18 साल की थी तो तेजप्रकाश 29 साल का. देनों के बीच उम्र में 10 साल का लंबा फासला था. लेकिन तेजप्रकाश की कदकाठी ऐसी थी कि वह इतनी उम्र का लगता नहीं था.

जल्दी ही नगमा के घर वालों को उस के और तेजप्रकाश के प्रेमसंबंधों का पता चल गया था. लेकिन उन्होंने किसी तरह का ऐतराज नहीं किया. नगमा ने तेजप्रकाश को दिल का राजकुमार बनाया तो उसी से शादी करने का फैसला कर लिया. इस की वजह यह थी कि दोहरी जिंदगी जी रहे शातिर तेजप्रकाश सेन ने अपनी शादी के बारे में न तो नगमा को पता चलने दिया और न ही उस के घर वालों को.

जल्दी ही दोनों ने कोर्टमैरिज कर ली. चूंकि नगमा बालिग हो चुकी थी, इसलिए घर वाले चाह कर भी विरोध नहीं कर सकते थे. अदालत से पतिपत्नी की तरह रहने की इजाजत ले कर तेजप्रकाश ने किराए का कमरा लिया और उसी में नगमा परवीन के साथ रहने लगा.

तेजप्रकाश ने जो कुछ छिपा कर नगमा से शादी की थी, जल्दी ही उस सब की जानकारी नगमा को हो गई. जब तेजप्रकाश की सच्चाई नगमा के सामने आई तो वह सन्न रह गई. उस के सपने चूरचूर हो गए थे. उस ने तेजप्रकाश से ऐसी उम्मीद कतई नहीं की थी कि वह उस के साथ इतना बड़ा धोखा कर सकता है. इसलिए उस की सच्चाई जान कर उसे उस से नफरत हो गई.

नगमा परवीन की समझ में नहीं आ रहा था कि उस ने जो गलती की है, उसे मांबाप को कैसे बताए, क्योंकि एक तरह से उस ने मांबाप के भरोसे को तोड़ा था. उस ने मांबाप को बताए बिना तेजप्रकाश से शादी की थी. आखिर में मजबूर हो कर उस ने सारी बातें अपने अब्बू को बताई तो बेटी की परेशानी को देखते हुए वह उस की मदद के लिए तैयार हो गए. क्योंकि बेटी की जिंदगी का सवाल था.

तेजप्रकाश को सबक सिखाने के लिए मोहम्मद असलम ने अदालत में उस के खिलाफ धोखा दे कर शादी करने का मुकदमा दायर कर दिया. मुकदमा दायर होने के बाद तेजप्रकाश के घर वालों को जब उस की इस करतूत का पता चला तो मांबाप ने उस की मदद करने के बजाए उसे उस के हाल पर छोड़ दिया.

पत्नी भी बच्चों को ले कर मायके चली गई. तेजप्रकाश की स्थिति धोबी के कुत्ते की जैसी हो गई. वह न घर का रहा न घाट का. अदालत ने नगमा परवीन के हक में फैसला सुनाया. उस ने तेजप्रकाश को ढाई लाख रुपए देने का आदेश दिया, जिसे उसे 27 हजार रुपए महीने की किस्त के रूप में देना था. उस ने 27 हजार रुपए की पहली किस्त तो नगमा परवीन को दे दी, लेकिन उस के बाद उस ने उसे एक भी रुपया नहीं दिया. धीरेधीरे 3 साल बीत गए. मजबूर हो कर नगमा ने एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया.

नगमा द्वारा दोबारा मुकदमा करने पर तेजप्रकाश परेशान हो उठा. अब उसे अपने किए का पश्चाताप हो रहा था. क्योंकि अब वह कहीं का नहीं रह गया था. पत्नी पहले ही उसे छोड़ कर चली गई थी. मांबाप ने भी मुंह मोड़ लिया था. पत्नी और मांबाप को मनाने की उस ने बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने उसे साथ रखने से साफ मना कर दिया. जिस की वजह से यह सब हुआ था, वह भी साथ रहने को तैयार नहीं थी. बल्कि वह उसे परेशान कर रही थी.

तेजप्रकाश की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? नगमा द्वारा दोबारा मुकदमा करने से वह काफी परेशान था. इस परेशानी में उस ने नगमा नाम की इस बला से निजात पाने के लिए सोचाविचारा तो उसे लगा कि वह इस बला से हमेशा के लिए तभी छुटकारा पा सकता है, जब उसे खत्म कर दे.

लेकिन इस में खतरा बहुत था. पकड़े जाने पर उस की पूरी जिंदगी जेल में बीतती. इसलिए वह हत्या इस तरह करना चाहता था कि पकड़ा न जाए. उसे पता था कि वह पकड़ा तभी नहीं जाएगा, जब पुलिस की हत्या का कोई सबूत न मिले. इस के लिए तेजप्रकाश टीवी पर आने वाले आपराधिक धारावाहिक देखने लगा. इन्हीं धारावाहिकों को देख कर उस ने नगमा की हत्या की योजना बना डाली. योजना के अनुसार उस ने पहले नगमा पर विश्वास जमाया. तेजप्रकाश नगमा का पहला प्यार था, इसलिए उस ने भले ही उसे धोखा दिया था, लेकिन वह उसे अपने दिल से निकाल नहीं पाई थी.

इसलिए जब भी तेजप्रकाश उसे फोन करता था, वह फोन उठा लेती थी. यही वजह थी कि वह नगमा को यकीन दिलाने में सफल रहा कि वह उसे फिर से अपना लेगा, दोनों पतिपत्नी की तरह रहेंगे. विश्वास दिलाने के लिए उस ने कहा था कि पत्नी से उस ने संबंध तोड़ लिए हैं. उस की इसी बात पर नगमा झांसे में आ गई.

नगमा को पूरी तरह विश्वास में ले कर 17 जनवरी, 2017 की रात 9 बजे के करीब तेजप्रकाश ने उसे फोन कर के कहा कि अगले दिन वह उसे ले कर घूमने जाना चाहता है. नगमा उस के साथ चलने को तैयार हो गई. उस ने यह बात मांबाप को भी नहीं बताई. इस की वजह यह थी कि शायद वे उसे उस के साथ जाने न देते.

18 जनवरी की सुबह 9 बजे तेजप्रकाश ने फोन कर के नगमा से कहा कि वह उस के घर से थोड़ी दूरी पर सड़क पर मोटरसाइकिल लिए खड़ा है. इस के बाद उस ने कहा था कि वह अपना फोन घर में ही छोड़ कर आए, क्योंकि वह उसे नया फोन गिफ्ट में दिलाना चाहता है.

बात नए फोन की थी, इसलिए नगमा ने वैसा ही किया, जैसा तेजप्रकाश ने कहा था. उस ने अपना फोन घर में ही छोड़ दिया. इस के बाद घर वालों से ब्यूटीपार्लर जाने की बात कह कर वह तेजप्रकाश के साथ उस की मोटरसाइकिल से चली गई. नगमा ने भले ही घर वालों को नहीं बताया था कि वह कहां जा रही है, लेकिन उस की छोटी बहन ने उसे तेजप्रकाश के साथ मोटरसाइकिल से जाते देख लिया था.

तेजप्रकाश उसे ले कर पड़ोसी जिले बालोद के सियादेई मंदिर पर पहुंचा. दर्शन करने के बाद उस ने सुनसान जगह पर मोटरसाइकिल रोक कर नगमा को धक्का दे कर जमीन पर गिरा दिया और फुरती से गले में पड़े दुपट्टे से उस का गला घोंट दिया. जब वह बेहोश हो गई तो उस ने डिक्की में रखे चाकू और पेंचकस से उस के गले पर कई वार किए.

जब उसे लगा कि नगमा मर गई है तो उस ने साथ लाए बोरे में उस की लाश भरी और उसे पीछे बांध कर वहां से 40 किलोमीटर दूर रुद्री घाट पर ले गया. वहां से उस ने धमतरी के एक लकड़ी व्यवसाई से फोन पर बात कर के अंतिम संस्कार के बहाने घाट पर लकडि़यां मंगवा लीं. उस समय तक शाम हो चुकी थी. उस ने मोटरसाइकिल से पैट्रोल निकाल कर लकडि़यों पर लाश रखी और पैट्रोल डाल कर आग लगा दी. उस समय घाट सूना पड़ा था. इसलिए उसे लाश जलाते हुए किसी ने नहीं देखा.

लाश जल गई तो उस ने राख ठंडी कर के नदी में फेंक दी, जिस से पुलिस को कोई साक्ष्य न मिले. इस के बाद नहाधो कर साफ कपड़े पहने और रात 11 बजे के करीब दुर्ग जिला के उतई गांव स्थित अपनी ससुराल पहुंच गया. रात उस ने वहीं बिताई और अगले दिन अपने घर आ गया.

रिमांड अवधि खत्म होने पर कोतवाली पुलिस ने उसे दोबारा अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

कथा लिखे जाने तक वह जेल में बंद था. पुलिस उस के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही थी. तेजप्रकाश ने चालाकी तो बहुत दिखाई, पर कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सका. सोचने वाली बात यह है कि आखिर तेजप्रकाश को मिला क्या? अगर वह अपनी पत्नी में ही संतोष किए रहता तो न उस का घर बरबाद होता और न जिंदगी?

मैंने अपने पति के साथ बिना कंडोम के संबंध बनाए थे, कहीं मैं प्रेग्नेंट तो नहीं हो गई हूं?

सवाल
मैं ने अपने पति के साथ बिना कंडोम के 5 मिनट तक हमबिस्तरी की थी. कहीं मैं पेट से तो नहीं हो गई हूं?

जवाब
आजकल दवाओं की दुकानों पर अच्छी कंपनियों के प्रेग्नेंसी चैक करने वाले किट मिलते हैं. आप उस किट के जरीए पता लगा सकती हैं कि आप पेट से हैं या नहीं.

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कंडोम से सैक्स को मजेदार बनाएं

सुरेश को अपनी एक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाना भारी पड़ेगा, यह उस ने सपने में भी नहीं सोचा था. दरअसल, उस साथी से सैक्स संबंध बनाते समय सुरेश ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया था.

कुछ दिनों बाद सुरेश को अपने अंग में जलन सी महसूस होने लगी. छोटेछोटे दाने भी निकल आए. डाक्टर ने बताया कि यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने की वजह से हुआ है. वह कंडोम का इस्तेमाल कर के सैक्स का मजा उठाता तो बाद में उसे यह परेशानी नहीं होती.

सबलोक क्लिनिक के यौन रोग विशेषज्ञ डाक्टर बिनोद सबलोक बताते हैं कि चाहे मर्द हो या औरत एचआईवी  समेत यौन संक्रामक रोगों को रोकने के लिए कंडोम एक आसान और बेहतर तरीका है. कंडोम न सिर्फ असुरक्षित गर्भधारण से, बल्कि यौन रोगों से भी शरीर की हिफाजत करता है.

शर्म क्यों

बाजार में आसानी से मिलने वाला कंडोम खरीदना अब शर्म वाली बात भी नहीं रही है. कंडोम खरीदने के लिए डाक्टर की परची की जरूरत भी नहीं होती है. इस की कीमत भी बहुत कम होती है. कई सरकारी व गैरसरकारी योजनाओं के तहत कंडोम मुफ्त में भी बांटे जाते हैं.

अब तो अलगअलग फ्लेवर व कई बनावटों में मिलने वाले कंडोम सैक्स संबंध बनाने के दौरान भरपूर मजा भी देते हैं.

कंडोम का इस्तेमाल कर खुले दिमाग से सैक्स का मजा लिया जा सकता है. अब तो बाजार में ऐसे भी कंडोम हैं जिन से लंबे समय तक सैक्स किया जा सकता है.

बेहतर साथी है कंडोम

कंडोम आप के लिए इस तरह एक बेहतर साथी साबित हो सकता है:

* यह बच्चा ठहरने से रोकने का सब से आसान और महफूज तरीका है.

* कंडोम का इस्तेमाल बिना किसी झिझक के कर सकते हैं.

* कोई साइड इफैक्ट नहीं होता.

* कंडोम यौन रोगों से बचाव में कारगर हथियार है.

ऐसे बढ़ाएं रोमांच

बाजार में वनीला, स्ट्राबेरी, केला, चौकलेट, बबलगम, कौफी वगैरह फ्लेवर में भी कंडोम मिलते हैं. मुंह से सैक्स के शौकीनों के लिए ये कंडोम सैक्स के दौरान ज्यादा मजा देते हैं और कोई बीमारी भी नहीं होती है.

जो लोग सैक्स का मजा लंबे समय यानी देर तक नहीं उठा पाते हैं उन के लिए लौंग लास्टिंग कंडोम इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा.

सैक्स बनाएं मजेदार

अगर आप सैक्स का मजा उठाना चाहते हैं तो बाजार में डौटेड कंडोम भी आते हैं. डौटेड कंडोम में अपनी साथी का जोश बढ़ाने के लिए इस की बाहरी सतह पर बिंदीनुमा छोटेछोटे उभरे हुए दाने होते हैं. यह चिकनाई वाला होता है.

इन बातों पर ध्यान दें

* कंडोम खरीदते समय उस की ऐक्सपायरी डेट जरूर देख लें.

* ज्यादा तेजी से सैक्स का मजा उठाते समय कंडोम फट भी सकता है. इस का ध्यान रखें और कंडोम को तुरंत बदल दें.

* इस्तेमाल करने से पहले कंडोम के सामने वाले भाग को चुटकी से दबा कर हवा को बाहर निकाल दें, फिर धीरेधीरे अंग पर चढ़ाएं.

* कंडोम खरीदते समय दुकानदार से खुल कर बात करें. बात करते समय जरा भी न शरमाएं.

* सैक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है. इस का जम कर मजा उठाएं, पर सावधानी और एहतियात भी बरतें.

प्रेग्नेंसी के बाद मैंने ब्रा पहनना छोड़ दिया है पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं, क्या करूं?

सवाल
मैं 26 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं. मुझे 5 महीने का गर्भ है. समस्या यह है कि मेरा पेट तो उतना नहीं बढ़ रहा पर स्तन काफी बढ़ गए हैं. ब्रा भी कसने लगी है. इसलिए मैं ने ब्रा पहनना छोड़ दिया है. पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं. मैं क्या करूं?

जवाब
गर्भावस्था के दौरान स्तनों का आकार बढ़ जाता है, इसलिए आप को अपनी पुरानी ब्रा टाइट होती होगी. बेहतर होगा कि सही आकार की और अच्छी क्वालिटी की ब्रा खरीदें. ब्रा पहनना न छोड़ें वरना स्तन बेडौल हो जाएंगे. अभी स्तनों के आकार को ले कर चिंतित न हों. प्रसूति के बाद और बच्चे को स्तनपान कराने पर स्तन फिर से पहले वाले आकार में आ जाएंगे.

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जब करें इनरवियर का चुनाव

फैशनेबल दिखने के लिए इनरवियर्स का सही चुनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि इनरवियर्स ही ड्रैस की फिटिंग को उभारते हैं. यदि सही इनरवियर्स नहीं होंगे तो बौडी शेप भी खराब दिखेगी. लेकिन इनरवियर किसे दिखाने हैं, यह सोच कर लड़कियां अकसर सस्ते इनरवियर खरीद लेती हैं और यहीं हो जाती है उन से फैशन मिस्टेक. जबकि आजकल बाजार में हर ड्रैस के लिए तरहतरह के इनरवियर्स उपलब्ध हैं.

आइए, जानते हैं किस ड्रैस के साथ कौन सा इनरवियर पहनना चाहिए:

– मिनिमाइजर ब्रा स्लिम फिट टौप के लिए है यदि आप अपनी हैवी ब्रैस्ट का साइज कम दिखाना चाहती हैं तो यह ब्रा आप के लिए परफैक्ट है.

– टी शर्ट पहन रही हैं तो टीशर्ट ब्रा ही पहनें. यह ब्रा आप की ब्रैस्ट को सही आकार देगी और टीशर्ट की फिटिंग भी सही आएगी.

– पैडेड ब्रा उन ड्रैसेज के लिए है, जो बहुत ही महीन फैब्रिक मसलन सिल्क, कौटन और लिनेन से बनी होती हैं.

– यदि डीपनैक ड्रैस पहनने जा रही हैं तो डैमी ब्रा पहनना न भूलें. यह ब्रा औफशोल्डर और ट्यूब टौप के नीचे भी पहनी जा सकती है.

– हाल्टरनेक ब्रा को ढीलेढाले स्पोर्टवियर के नीचे पहनना चाहिए. यह न केवल ब्रैस्ट को स्थाई रखती है, बल्कि पसीने को भी सोखती है. यह पसीने को आप के आउटरवियर पर नहीं आने देती.

फैशन ऐक्सपर्ट विनीता कहती हैं, ‘‘ब्रैस्ट और बंप्स महिलाओं के शरीर के बहुत ही अहम हिस्से होते हैं. ये दोनों ही हिस्से महिलाओं को अच्छी फिगर देते हैं और ड्रैस को अच्छी शेप. यदि किसी महिला की ब्रैस्ट का साइज कम है तो उसे आर्टिफिशियली बढ़ाने के लिए पैडेड ब्रा पहनी जा सकती है. ब्रा की ही तरह बंप्स को बढ़ाने के लिए पैडेड पैंटीज भी मिलती हैं.’’

टीनऐजर्स के इनरवियर

दरअसल, आज की युवा पीढ़ी में इनरवियर्स से जुड़ी सही जानकारी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है खासतौर पर जब हम टीनऐजर्स की बात करते हैं, तब यह और भी महत्त्वपूर्ण विषय बन जाता है.

वर्तमान समय में कई तरह के पर्यावरण बदलाव हो रहे हैं, जिन का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है. इन बदलावों का ही असर है, जो आज लड़कियों में बहुत से शारीरिक बदलाव देखे जा रहे हैं.

इस की एक बड़ी वजह आजकल का खानपान भी है. मासिकधर्म शुरू होने पर लड़कियों के शारीरिक अंगों में विकास होता है. स्तनों का विकास भी मासिकधर्म पर निर्भर करता है.

इस तरह कम उम्र से ही लड़कियों को ब्रा पहननी होती है. यह एक ऐसी उम्र होती है जब अधिकतर लड़कियों को इस बात का आभास भी नहीं होता कि उन के स्तनों में उभार आ रहा है और वे आकार ले रहे हैं. ऐसे में एक मां ही अपनी बेटी को ब्रैस्ट केयर और ब्रा के सही चुनाव की जानकारी दे सकती है.

पेश है, कुछ खास जानकारी जो मां को अपनी बढ़ती बेटी को जरूर देनी चाहिए:

जब बेटी के स्तन आकार लेने लगें, तो तुरंत अपनी बेटी को इस बदलाव के बारे में समझाएं और उसे ट्रेनिंग या स्पोर्ट ब्रा खरीद कर पहनने को दें.

– विकसित होते स्तन कभीकभी लड़कियों को अवसाद में ले जाते हैं. इस बदलाव को लड़कियां आसानी से स्वीकार नहीं कर पातीं. दरअसल, खुद के शारीरिक अंगों में हो रहे बदलाव के बारे में दूसरों के मुंह से सुनती हैं, तो उन्हें यह परिस्थिति अटपटी लगती है, साथ ही विकसित होते स्तनों की बनावट भी अटपटी सी ही होती है. ऐसे में बेटी को कप्ड ब्रा पहनने का सुझाव दें. ऐसी ब्रा स्तनों के आकार को पौइंटेड दिखाने की जगह गोल आकार देती है. इस ब्रा में लगे अंडरवायर भी स्तनों को अच्छी सपोर्ट देते हैं.

– स्कूल में बहुत सारी ऐक्टिविटीज होती हैं, जिन में शारीरिक क्षमता का बहुत प्रयोग करना होता है. इन गतिविधियों में इस उम्र की लड़कियों को भी हिस्सा लेना होता है. मगर इस से पहले मां का फर्ज बनता है कि वह बेटी को समझाए कि उसे विकसित होते स्तनों का ध्यान रखना है और इस का ध्यान वह एक अच्छी स्पोर्ट ब्रा पहन कर ही रख सकती है. स्पोर्ट ब्रा पहनने से स्तनों के टिशूज पर प्रभाव नहीं पड़ता. इसलिए इस ब्रा को किसी स्पोर्ट में हिस्सा लेते या व्यायाम करते वक्त बेटी को पहनने को कहें.

– सवाल होते हैं. मसलन, फिटिंग, साइज और ब्रा पहनने के बाद कितना सहज महसूस हो सकता है. बेटी के मन में चल रही इस उथलपुथल को एक अच्छी फिटेड ब्रा के साथ मां ही खत्म कर सकती है.

– बेटी को डार्क कलर की ब्रा की जगह हलके रंग, हो सके तो स्किन टोन से मैच करते रंग की ब्रा पहनने की सलाह दें. दरअसल, डार्क रंग की ब्रा कपड़ों पर फ्लांट हो सकती है, लेकिन स्किन टोन कलर की ब्रा में यह दिक्कत नहीं आती.

मैंने शादी से पहले गर्भपात करवाया था, उसके बाद से ही मेरा पीरियड अनियमित हो गया मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 30 साल है. शादी को 2 साल हो गए हैं. शादी के बाद से ही गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हूं. मैं ने शादी से पहले गर्भपात करवाया था. उस के बाद से ही मेरा पीरियड अनियमित हो गया है और पीरियड के दौरान स्राव भी बहुत कम होता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब
पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने के कई कारण हो सकते हैं. इस का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षण के तौर पर आप के पैल्विक का अल्ट्रासाउंड करना होगा, जिस में आप के गर्भाशय की भीतरी परत की मोटाई  की माप ली जाएगी. हारमोन का भी ठीक से पता लगाया जाएगा. उस के बाद अश्रमैंस सिंड्रोम पता लगाने के लिए हिस्टेरोस्कोपी जांच महत्त्वपूर्ण होगी. इस के अलावा जननांग की तपेदिक का पता लगाने के लिए बायोप्सी कर जांच के लिए भेजी जाएगी, क्योंकि पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने का यह एक सामान्य कारण है.

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गर्भपात के साइड इफैक्ट्स

कई वजहों से किसी महिला को गर्भपात कराना पड़ जाता है. कई बार अनचाहे गर्भधारण के कारण भी ऐसा कदम उठाना पड़ता है, जबकि कई बार भ्रूण की कुदरती खामियों या गर्भधारण से जुड़ी घातक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण दंपती गर्भ गिराने का फैसला लेते हैं. वजह चाहे जो भी हो, गर्भपात कराने से महिला पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से असर पड़ता है. गर्भपात किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं है. कुछ शोध बताते हैं कि कुछ महिलाएं गर्भपात कराने के बाद राहत महसूस करती हैं, जबकि कुछ अनचाहे गर्भपात या मिसकैरिज के कारण अवसादग्रस्त हो जाती हैं. महिलाओं में राहत और अवसाद की वजह भी अलगअलग होती है.

गर्भपात कराने के बाद जितने शारीरिक साइड इफैक्ट्स होते हैं, उतने ही मानसिक साइड इफैक्ट्स भी होते हैं. गर्भपात कराने के बाद शारीरिक इफैक्ट्स से कहीं ज्यादा भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक असर देखा गया है और इस में मामूली खेद से ले कर अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. गर्भपात कराने के बाद किसी ऐसे अनुभवी प्रोफैशनल से सभी खतरों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा कर लेना बहुत जरूरी है जो आप के सभी सवालों और उन से जुड़ी आशंकाओं का जवाब दे सके.

नकारात्मक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक असर से जुड़ा एक सब से महत्त्वपूर्ण फैक्टर यह है कि आप को यही लगता है कि आप के अंदर अभी भी बच्चा पल रहा है. कुछ महिलाओं में नकारात्मक भावनात्मक परिणाम विकसित होने की संभावना कम रहती है, क्योंकि गर्भधारण को ले कर उन का नजरिया बिलकुल अलग रहता है और वे समझती हैं कि भ्रूण एक अविकसित जीव है. हालांकि कुछ महिलाएं गर्भधारण के प्रति कुछ ज्यादा ही भावनात्मक लगाव पाल लेती हैं और अपने अंदर पल रहे बच्चे को जीव मान लेती हैं. ऐसी महिलाओं पर गर्भपात या मिसकैरिज के बाद कुछ ज्यादा ही नकारात्मक असर पड़ता है.

गर्भपात कराने के बाद निम्नलिखित संभावित भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक खतरे हो सकते हैं. अलगअलग व्यक्तियों पर इन नकारात्मक प्रभावों की अवधि और तीव्रता अलगअलग होती है. संभावित साइड इफैक्ट्स में ये शामिल हैं:

खानपान में डिसऔर्डर, बेचैनी, खेद, गुस्सा, अपराधबोध, शर्म, आपसी संबंध की समस्याएं, अकेलापन या अलगथलग रहने का एहसास, आत्मविश्वास में कमी, अनिद्रा या दु:स्वप्न, आत्महत्या का विचार, अवसाद.

गर्भपात कराने के बाद संभव है कि किसी को भी अनापेक्षित भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक साइड इफैक्ट का अनुभव हो. हालांकि अकसर देखा गया है कि कुछ महिलाएं कुछ खास प्रकार के भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक जद्दोजहद की चपेट में जल्दी आ जाती हैं. जिन महिलाओं पर नकारात्मक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक साइड इफैक्ट पड़ने की संभावना अधिक रहती है, उन में ये शामिल हैं:

– जो महिलाएं गर्भधारण के बहुत बाद की अवस्था में गर्भपात कराती हैं.

– जो महिलाएं पहले से किसी भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी से जूझ रही होती हैं.

– जो महिलाएं गर्भपात कराने के लिए अभिशप्त, बाध्य या बहकाई गई हों.

– गर्भपात को ले कर जिन महिलाओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हों.

– जिन महिलाओं को लगता है कि गर्भपात कराना अनैतिक है.

– जिन महिलाओं को इस के लिए अपने परिजनों या पार्टनर का सहयोग नहीं मिल रहा हो.

– जो महिलाएं आनुवंशिक या भू्रण संबंधी गड़बडि़यों के कारण गर्भपात करा रही हों.

कुछ सुझाव

मदद लें: अनियोजित गर्भधारण की समस्या से निबटने के लिए संभवतया सब से जरूरी चीज होती है ऐसे प्रशिक्षित प्रोफैशनल से सलाह लेना, जो आप के सवालों के जवाब दे सके और आप की व्यक्तिगत स्थितियों पर चर्चा कर सके.

एकांत में रहने से बचें: यदि आप अनियोजित गर्भधारण की समस्या से जूझ रही हैं तो हो सकता है कि आप इस समस्या को गोपनीय रखने के लिए दूसरों से कटने लगेंगी या अकेली ही इस समस्या का सामना करने की सोचेंगी. हालांकि यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस बारे में अपने परिजनों और मित्रों को बताने की कोशिश करें जो आप को सहयोग कर सकें.

अपनी स्थितियों का आकलन करें: उन महिलाओं की व्यक्तिगत समस्याओं पर गौर करें जिन्हें साइड इफैक्ट्स का अनुभव हुआ हो.

तनाव से बचें: ऐसे लोगों से बचें जो आप पर इस तरह का दबाव बना रहे हों कि वे जो सोचते हैं, वही सब से अच्छा है. आप चाहे मां बनना चाहें, बच्चे गोद लेना चाहें या गर्भपात कराना, आप अपनी पसंद के साथ जीने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी कोई भी फैसला 100% आप का अपना ही होना चाहिए.

गर्भपात के बाद महिलाओं में अलगअलग शारीरिक साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं. गर्भपात के बाद संभावित विस्तृत साइड इफैक्ट्स के बारे में किसी अनुभवी हैल्थ प्रोफैशनल से जानकारी पाना जरूरी है. यह भी जरूरी है कि गर्भपात के 4 से

6 हफ्ते बाद आप की मासिक क्रिया सुचारु हो जाए और गर्भपात कराने के बाद आप दोबारा मां बनने लायक हो जाएं. संक्रमण से बचने के लिए अपने डाक्टर के परामर्श के मुताबिक ही दवा का सेवन करना चाहिए

सतर्कता जरूरी

गर्भपात कराने के बाद निम्न शारीरिक साइड इफैक्ट्स उभर सकते हैं और इन का असर 2 से 4 हफ्तों तक बना रह सकता है: पेट दर्द और मरोड़, दाग और रक्तस्राव.

करीब 5 से 10% महिलाएं तत्काल किसी न किसी समस्या से ग्रस्त हो जाती हैं. अत: निम्नलिखित खतरों से सतर्क रहें:

– लगातार रक्तस्राव.

– संक्रमण या सेप्सिस/पीआईडी/ऐंडोमैट्रियोसिस.

– गर्भाशय को नुकसान.

– गर्भाशय वाले हिस्से पर दाग.

पारिवारिक वजहों से मेरी मेरे प्रेमी से शादी नहीं हो पाई लेकिन हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, क्या करें?

सवाल
मैं 22 साल की हूं. 5 साल तक जिस से प्यार था, उस की शादी हो गई है. पारिवारिक वजहों से मेरी उस से शादी नहीं हो पाई, पर हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते. क्या करें?

जवाब

आप का प्रेमी आप के बिना रह सकता है, तभी तो उस ने कहीं और शादी कर ली. अगर उसे आप से सच्चा प्यार होता, तो वह उस के लिए संघर्ष करता. आप उस के चक्कर में अपना खून न जलाएं. वक्त आने पर आप को उस से बेहतर साथी मिल जाएगा.

लेकिन जरूरी नहीं कि अगर शादी नहीं हुई तो रिश्ते को कड़वाहट के साथ खत्म किया जाए. अगर आपकी भी शादी किसी और लड़के का साथ तय हो जाए, तो आपको इन बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए.

जिस रिश्ते की मंजिल नहीं, उसे खूबसूरत अंजाम देकर छोड़ना ही बेहतर है. हो सकता है कि आप शादी के बाद भी अपने लवर के साथ रिश्ता रखना चाहें, लेकिन ये मुश्किल होगा. क्योंकि ऐसे  में न तो आप उस इंसान के प्रति ईमानदार रह पाएंगे जिससे शादी हुई, न ही उसके प्रति समर्पित हो पाएंगे, जिससे आप प्यार करते हैं. बेहतर होगा कि दोनों आपसी सहमति से वक्त रहते अलग हो जाएं.

ये गलत होगा कि आप अपने होने वाले जीवनसाथी से अपने पिछले रिश्ते की बात छुपाएं. लेकिन जरूरी ये भी नहीं कि अपने पास्ट के बारे में सबकुछ बताया जाए. अगर आप अपने प्रेमी के बेहद करीब थीं, तो जरूरी नहीं कि आप मंगेतर या पति को वो सारी बातें बताएं, क्योंकि इससे शुरुआत से ही आपके नए रिश्ते में कड़वाहट आएगी.

हो सकता है आप शादी के बाद भी अपने लवर को दोस्त की हैसियत से अपने करीब रखना चाहें. इसमें कोई हर्ज नहीं, लेकिन कोशिश करें कि आप उन्हें अपनी शादी पर न बुलाएं. क्योंकि उन हालात में एक दूसरे का सामना करना मुश्किल होगा और आप खुद उनकी मौजूदगी में किसी और से शादी करने में असहज महसूस करेंगी.

ऐसे कई प्रेमी जोड़े होते हैं, जो ज्वॉइन्ट अकाउंट, इंश्योरेंस पॉलिसी, प्रॉपर्टी इंवेस्टमेंट मिलकर करते हैं. शायद ये सोचकर कि उन दोनों को रिश्ते को साथ आगे लेकर जाना है. लेकिन अगर ब्रेकअप हो रहा है, तो ये सुनिश्चित कर लें कि आप पैसे-प्रॉपर्टी से जुड़े सारे हिसाब-किताब निपटा लें ताकि शादी के बाद कोई परेशानी न हो.

करवट बदलने पर मुझे स्तनों में दर्द महसूस होता है, मुझे किस तरह की जांच करानी चाहिए?

सवाल
मैं 47 साल की कामकाजी महिला हूं. 42 वर्ष की उम्र में ही मैं रजोनिवृत्त हो चुकी हूं. लेकिन उस के बाद से करवट बदलने पर मुझे स्तनों में दर्द महसूस होता है. मुझे किस प्रकार की जांच करानी चाहिए?

जवाब

इसे मस्टाल्जिया कहा जाता है. स्तनों में दर्द स्तनरोग का कोई भी लक्षण हो सकता है. आप को एक योग्य कैंसर सर्जन से स्तनों की जांच करानी चाहिए और मैमोग्राम की जांच भी करानी चाहिए. यदि आप के स्तन सख्त हैं और आप के सर्जन को जांच के दौरान किसी तरह की गांठ आदि की आशंका है, तो आप के लिए ब्रैस्ट का एमआरआई कराना ज्यादा उपयुक्त होगा.

ब्रेस्‍ट कैंसर फाउंडेशन के मुताबिक, स्‍तनों अथवा बगल में किसी भी प्रकार का दर्द, कोमलता अथवा असहजता आदि के पीछे कई कारण हो सकते हैं. फाउंडेशन का कहना है कि अधिकतर मामलों में यह दर्द स्‍तन कैंसर का लक्षण नहीं होता. यूके की नेशनल हेल्‍थ सर्विस का कहना है कि ‘साइक्लिकल ब्रेड पेन’ स्‍तन कैंसर के विकसित होने की आशंका को नहीं बढ़ाता.

अधिकतर मामलों में स्‍तनों के ऊपर और बाहरी क्षेत्र में दर्द होता है- कई बार यह दर्द बाजुओं तक फैल जाता है. इसके साथ ही मासिक धर्म आरंभ होने के एक से तीन दिन पहले यह दर्द अधिक होता है और मासिक धर्म समाप्‍त होते-होते यह दर्द ठीक हो जाता है. कुछ महिलाओं में यह दर्द मासिक धर्म आरंभ होने के कई दिन पहले आरंभ हो जाता है.

हालांकि ऐसी महिलायें जिन्‍हें मेनोपॉज हो चुका हो, उन्‍हें भी स्‍तनों में पीड़ा की शिकायत हो सकती है. यह शिकायत उनमें भी उतनी ही सामान्‍य है, जितनी मेनोपॉज के करीब पहुंच चुकीं महिलाओं अथवा ऐसी महिलाओं जिन्‍हें मेनोपॉज नहीं हुआ को होती है.

अमेरिका स्थित पैसेफिक मेडिकल सेंटर के एक अनुमान के अनुसार अमेरिका में 50 से 70 फीसदी महिलाओं को स्‍तन में दर्द होने की शिकायत का सामना करना पड़ता है. यूके के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का कहना है कि तीस से पचास वर्ष की आयु के बीच करीब 66 फीसदी महिलाओं को कभी न कभी स्‍तनों में दर्द की शिकायत होती है.

स्‍तनों में दर्द होने के लक्षण और संकेत

स्‍वयं महिला ही लक्षण को महसूस कर सकती है. वह इस बारे में डॉक्‍टर, नर्स, मित्र अथवा परिवार के किसी व्‍यक्ति से बात कर सकती है. यानी दर्द का लक्षण तो दर्द ही है, वहीं बात अगर संकेत की जाए तो, स्‍तनों के आसपास की त्‍वचा पर रैशेज हो जाते हैं.

स्‍तनों में दर्द को आमतौर पर दो हिस्‍सों में बांटा जाता है- साइक्लिक और नॉन साइक्लिक

साइक्लिक ब्रेस्‍ट पेन का लक्षण और संकेत

यह दर्द चक्र में आता है, वैसे ही जैसे मासिक धर्म चक्र आता है.

स्‍तनों में जकड़न हो सकती है

मरीज को तेज दर्द और हल्‍की खुजली हो सकती है. कई महिलायें इसे स्‍तनों में भारीपन के साथ सूजन के तौर पर व्‍याख्यित करती हैं, वहीं कुछ के लिए यह चुभन और जलन का अहसास हो सकता है.

  • स्‍तनों में सूजन आ सकती है
  • स्‍तनों में गांठें भी पड़ सकती हैं
  • दोनों स्‍तनों में दर्द की शिकायत होती है, विशेषकर ऊपरी और बाहरी हिस्‍सा.
  • दर्द आपकी बगलों तक फैल सकता है.

मासिक धर्म नजदीक आने के साथ ही दर्द में तेज इजाफा होता है. कुछ मामलों में यह दर्द मासिक धर्म शुरू होने के हफ्ते दो हफ्ते पहले शुरू हो सकता है.

यह दर्द सामान्‍यत युवा महिलाओं को अधिक परेशान करता है. अधिक उम्र (पोस्‍ट मेनोपॉज) महिलाओं ने यदि हार्मोन रिप्‍लेसमेंट थेरेपी करवा ली हो, तो उन्‍हें भी ऐसी समस्‍या हो सकती है.

नॉन साइक्लिक ब्रेस्‍ट पेन

यह सामान्‍य तौर पर एक ही स्‍तन में होता है. हालांकि, सामान्‍यत: यह स्‍तन के केवल एक चौथाई भाग में ही यह दर्द होता है, लेकिन यह पूरे सीने में फैल जाते हैं.

यह पोस्‍ट मेनोपॉज यानी अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है.

इस दर्द का मासिक धर्म चक्र से कोई संबंध नहीं होता.

दर्द सतत अथवा छिटपुट हो सकता है.

मास्‍ट‍िटिस

अगर स्‍तनों में दर्द किसी संक्रमण के कारण है, तो महिला को बुखार अथवा उनकी तबीयत खराब रह सकती है. महिलाओं को स्‍तनों में सूजन और कोमलता की शिकायत भी हो सकती है तथा दर्द वाले हिस्‍से का तापमान भी सामान्‍य से अधिक हो सकता है. और वहां लालिमा हो सकती है. इस दर्द में जलन के साथ झनझनाहट भी होती है. स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं में यह दर्द स्‍तनपान करवाते समय और बढ़ सकता है.

एक्‍स्‍ट्रामेमारी पेन

ऐसा आभास होता है कि स्‍तनों में दर्द अंदरूनी किसी कारण से है, लेकिन वास्‍तव में ऐसा नहीं होता. कई बार इसे ‘रेफेर्ड पेन’ भी कहा जाता है. कुछ महिलाओं में चेस्‍ट वॉल सिंड्रोम्‍स में हो सकता है.

हालांकि यह दर्द सामान्‍य होता है और इसे लेकर अधिक घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन फिर भी यदि आपको किसी प्रकार की चिंता अथवा संशय हो तो आप डॉक्‍टर से मदद ले सकती हैं.

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मेरी पत्नी इंटरकोर्स करते समय दर्द की शिकायत करती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 28 वर्षीय युवक हूं. एक महीने पहले ही मेरी शादी हुई है. वाइफ मुझे बहुत प्यार करती है. हर तरह से मेरा ध्यान रखती है. मैं भी उस से बहुत खुश हूं. सैक्स लाइफ एंजौय कर रहे हैं. सैक्स से पहले फोरप्ले हम दोनों को एक्साइटमैंट से भर देता है. बस, इंटरकोर्स करते समय वह दर्द की शिकायत करती है, ऐसा क्यों है? कृपया सलाह दें.

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जवाब

यह समस्या महिलाओं में अकसर देखने को मिलती है. इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना उन्हें सैक्स से दूर कर देता है. यह समस्या वैजाइना में सूखेपन, सूजन या किसी इन्फैक्शन आदि के कारण होती है.

वैसे आप को मालूम होना चाहिए कि आप की पत्नी को कब दर्द हो रहा है और कब वह सैक्स के दौरान सहयोग दे रही है. जिस में वह आनंद उठाए, ऐसी पोजिशन में सैक्स करें तो यह समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी. साथ ही, इस के लिए एक अच्छा लुब्रिकैंट भी इस्तेमाल करना चाहिए. अगर इस से भी आराम न हो या इंटरकोर्स के दौरान लगातार दर्द हो तो डाक्टर से सलाह लें.

मैं अपने बच्चे को मिल्क पाउडर का दूध पिलाती हूं, क्या यह उसके हेल्थ के लिए सही है ?

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मुझे एक लड़की से प्यार हो गया है हमने सेक्स भी किया हुआ है, मैं क्या करूं?

सवाल

मुझे एक लड़की से प्यार हो गया है. उस की नानी का घर मेरे पड़ोस में है. काफी पहले मौका पा कर मैं ने उस के साथ सेक्स भी किया था. मुझे यह नहीं पता कि वह भी मुझ से प्यार करती है या नहीं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप ने उस के साथ हमबिस्तरी करने की हिम्मत तो कर ली, पर यह पूछने में शर्म आ रही है कि वह आप से प्यार करती है या नहीं. अब जब भी मौका मिले, तो उस से पूछ लें. अगर वह प्यार का इकरार करे तो ठीक है, वरना उस का पीछा करना छोड़ दें.

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क्या आप भी अनचाहे सेक्स की शिकार हैं

दिन ब दिन बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी होती जा रही है. इस के कई कारण हैं, जिन में एक है मानसिक हिंसा की प्रवृत्ति का बढ़ना. बलात्कार शब्द से एक लड़की या युवती पर जबरदस्ती झपटने वाले लोगों के लिए हिंसात्मक छवि उभर कर सामने आती है. इस घृणित कार्य के लिए कड़े दंड का भी प्रावधान है. मगर बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि वैवाहिक जिंदगी में भी बलात्कार वर्जित है और इस के लिए भी दंड दिया जाता है. मगर इसे बलात्कार की जगह एक नए शब्द से संबोधित किया जाता है और वह शब्द है अनचाहा सेक्स संबंध.

आज अनचाहे सेक्स संबंधों की संख्या बढ़ गई है. समाज जाग्रत हो चुका है और अपने शरीर या आत्मसम्मान पर किसी भी तरह का दबाव कोई बरदाश्त नहीं करना चाहता है. इस विषय पर हम ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से बातचीत भी की और जानने की कोशिश की कि आखिर क्या है यह अनचाहा सेक्स संबंध?

डा. अनुराधा परब, जो एक प्रसिद्ध समाजशास्त्री हैं, बताती हैं, ‘‘बलात्कार और अनचाहे सेक्स में बहुत महीन सा फर्क है. बलात्कार अनजाने लोगों के बीच हुआ करता है और एक पक्ष इस का सशरीर पूर्ण विरोध करता है. अनचाहा सेक्स परिचितों के बीच होता है और इस में एक पक्ष मानसिक रूप से न चाह कर भी शारीरिक रूप से पूर्णत: विरोध नहीं करता है. सामान्यत: यही फर्क होता है. मगर गहराई से जाना जाए तो बहुत ही सघन भेद होता है. ‘‘अनचाहा सेक्स ज्यादातर पतिपत्नी के बीच हुआ करता है और आजकल प्रेमीप्रेमिका भी इस संबंध की चपेट में आ गए हैं. आधुनिक युग में शारीरिक संबंध बनाना एक आम बात भले ही हो गई हो, फिर भी महिलाएं इस से अभी भी परहेज करती हैं. कारण चाहे गर्भवती हो जाने का डर हो या मानसिक रूप से समर्पण न कर पाने का स्वभाव, मगर अनचाहे सेक्स संबंध की प्रताड़नाएं सब से ज्यादा महिलाओं को ही झेलनी पड़ती हैं.’’

वजह वर्कलोड

एक एडवरटाइजिंग कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत पारुल श्रीनिवासन, जिन का विवाह 6 साल पहले हुआ था, एक चौंका देने वाला सत्य सामने लाती हैं. वह बताती हैं, ‘‘मैं अपने पति को बेहद प्यार करती हूं. उन के साथ आउटिंग पर भी अकसर जाती रहती हूं, मगर सेक्स संबंधों में बहुत रेगुलर नहीं हूं. इस का कारण जो भी हो, मगर मुझे ऐसा लगता है कि इस का मुख्य कारण है, हम दोनों का वर्किंग  होना. शुरूशुरू में 1 महीना हम दोनों छुट्टियां ले कर हनीमून के लिए हांगकांग और मलयेशिया गए थे. वहां से आने के बाद अपनेअपने कामों में व्यस्त हो गए. रात को बेड पर जाने के बाद सेक्स संबंध बनाने की इच्छा न तो मुझे रहती है, न मेरे पति को. पति कभी आगे बढ़ते भी हैं तो मैं टालने की पूरी कोशिश करती हूं.’’

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कारण की तह तक पहुंचने पर पता चला कि शुरूशुरू के दिनों में पति सेक्स संबंध बनाना चाहता था. मगर पारुल को अपनी मार्केटिंग का वर्कलोड इतना रहता था कि वह उसी में खोई रहती थी. पति के समक्ष अपना शरीर तो समर्पित कर देती थी, मगर मन कहीं और भटकता रहता था. पति को यह प्रक्रिया बलात्कार सी लगती. कई बार समझाने, मनाने की कोशिश भी उस ने की. मगर पारुल हमेशा यही कहती कि आज मूड नहीं बन रहा है. और एक दिन पारुल ने खुल कर कह ही दिया कि वह यदि सेक्स संबंधों में रत होती भी है तो बिना मन और इच्छा के. वह अनचाहा सेक्स संबंध जी रही है. पति को यह बुरा लगा और धीरेधीरे सेक्स के प्रति उसे भी अरुचि होती चली गई.

भयमुक्त करना जरूरी

ऐसी कई पत्नियां हैं, जो अनचाहा सेक्स संबंध बनाने पर विवश हो जाती हैं. मगर तबस्सुम खानम की कहानी कुछ और ही है.  26 वर्षीय तबस्सुम एक टीचर हैं, उन के पति उन से 12 साल बड़े हैं. उन की एक दुकान है. वह बताती हैं, ‘‘जब मैं किशोरी थी, तभी से मुझे सेक्स संबंधों के प्रति भय बना हुआ था. सहेलियों से इस को ले कर सेक्स अनुभव की बातें करती थीं और मुझे सुन कर डर सा लगता था. मैं सहेलियों से कहती थी कि मैं तो अपने शौहर से कहूंगी कि बस मेरे गले लग कर मेरे पहलू में सोए रहें. इस से आगे मैं उन्हें बढ़ने ही नहीं दूंगी. सभी सहेलियां खूब हंसती थीं. जब मेरी शादी हुई तो शौहर हालांकि बड़े समझदार हैं, मगर शारीरिक उत्तेजना की बात करें तो खुद पर संयम नहीं रख पाते हैं.’’

थोड़ा झिझकती हुई, थोड़ा शरमाती हुई तबस्सुम बताती हैं, ‘‘मेरे पति ने मेरे लाख समझाने पर भी सुहागरात के दिन ही मुझे अपनी मीठीमीठी बातों में बहला लिया. उन का यह सिलसिला महीनों चलता रहा, मुझे आनंद का अनुभव तो होता, मगर भय ज्यादा लगता था. मेरा भय बढ़ता गया. जब भी रात होती, मेरे पति बेडरूम में प्रवेश करते, मैं डर से कांप उठती थी. हालांकि मेरे पति के द्वारा कोई भी अमानवीय हरकत कभी नहीं होती. काफी प्यार और भावुकता से वे फोरप्ले करते हुए, आगे बढ़ते थे. मगर मेरे मन में जो डर समाया था, वह निकलता ही न था. 3 महीनों के बाद जब मैं गर्भवती हो गई तो डाक्टर ने हम दोनों के अगले 2 महीनों तक शारीरिक संबंध बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. मुझे तो ऐसा लगाजैसे एक नया जीवन मिल गया. मेरा बेटा हुआ. इस बीच मैं ने धीरेधीरे पति को अपने डर की बात बता दी और वे भी समझ गए. मेरे पति ने भी परिपक्वता दिखाई और मुझ से दूर रह कर मुझे धीरेधीरे समझाने लगे. वे सेक्स संबंधों को स्वाभाविक और जीवन का एक अंश बताते. अंतत: उन्होंने मेरे मन से भय निकाल ही दिया.’’

इच्छा अनिच्छा का खयाल

विनोद कामलानी, जो एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक हैं, अपना क्लीनिक चलाते हैं, बताते हैं, ‘‘तबस्सुम के मन में बैठा हुआ सेक्स का डर था. बहुत सी लड़कियां इस भय से भयातुर हुआ करती हैं. मगर बहुत कम पति ऐसे होते हैं, जो धीरेधीरे इस भय को निकालते हैं. ऐसे कई केस मेरे पास आते हैं. पुरुषों के भी होते हैं, मगर अनचाहे सेक्स की शिकार ज्यादातर महिलाएं ही हुआ करती हैं.’’ डा. कामलानी के ही एक मरीज तरुण पटवर्धन ने बताया कि उन की शादी को 3 साल हो गए हैं, मगर आज तक उन्होंने अनचाहा सेक्स संबंध ही जीया है.

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तरुण के अनुसार, विवाहपूर्व उन का प्रेम अपने पड़ोस की एक लड़की से था. किसी कारणवश शादी नहीं हो पाई, मगर प्रेम अभी भी बरकरार है. उस लड़की ने तरुण की याद में आजीवन कुंआरी रहने की शपथ भी ले रखी है. यही कारण है कि जब भी तरुण अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने की पहल करते हैं, उन की प्रेमिका का चेहरा सामने आ जाता है. उन्हें एक ‘गिल्ट’ महसूस होता है और वे शांत हो कर लेट जाते हैं. वे अपनी पत्नी से यह सब कहना भी नहीं चाहते हैं वरना उस के आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी. चूंकि उन की पत्नी तरुण को सेक्स प्रक्रिया बनाने में अयोग्य न समझे, उन्हें अपनी पत्नी के साथ सेक्स संबंध बनाना पड़ता है. वे सेक्स संबंध बिना मन, बिना रुचि के बनाते हैं और इस तरह वे अनचाहा सेक्स संबंध ही जी रहे हैं.

एक सर्वे के अनुसार, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम की होड़ और आगे निकलने की चाह ने इनसान को मशीन बना दिया है. पैसा कमाना ही एक मात्र ध्येय बन चुका है. ऐसी भागदौड़ में इनसान सेक्स संबंधों के प्रति इंसाफ नहीं कर पाता है और बिना मन और बिना प्रोपर फोरप्ले के बने हुए सेक्स संबंध, मन में सेक्स के प्रति अरुचि पैदा कर देते हैं. यहीं से शुरुआत होती है अनचाहे सेक्स संबंधों की. अपने पार्टनर की खुशी के लिए संबंध बनाना कभीकभी विवशता भी होती है. अंतत: यही संबंध ऊब का रूप धारण कर लेते हैं या पार्टनर बदलने की चाह मन में उठती है. यद्यपि यह अनचाहा सेक्स पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहा है, भारत भी इस से अछूता नहीं है, परंतु यहां का अनुपात अन्य देशों के मुकाबले नगण्य है.

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कम उम्र में सेक्स के लिए उकसाता है रैप म्यूजिक

शोधकर्ताओं ने चेताया है कि बार-बार रैप म्यूजिक सुनने वाले किशोर-किशोरियां जल्दी सेक्स की शुरुआत कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि दूसरी तरह के संगीत की अपेक्षा रैप म्यूजिक में स्पष्ट यौन संदेश ज्यादा होते हैं.

अमेरिका के ह्यूस्टन राज्य में स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, मध्य विद्यालय के जो किशोर-किशोरी तीन घंटे या उससे अधिक देर तक रोजाना रैप संगीत का आनंद उठाते हैं, वे नौवीं कक्षा से ही सेक्स करने लगते हैं और समझते हैं कि उनके संगी-साथी भी ऐसा कर रहे हैं.

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शोध प्रमुख और यूटीहेल्थस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के संकाय सहयोगी किमबर्ले जोनसन बेकर का कहना है कि रैप संगीत आपके उस विश्वास को बढ़ाता है कि आपके साथी क्या कर रहे हैं. यह हमें समझाता है कि कुछ चीजें करना ठीक है, जैसे शराब पीना या सेक्स करना. यह आपको यह सोच देता है कि हर कोई यही कर रहा है. जोनस बेकर कहते हैं कि जितना आप इसे सुनते हैं, उतना आप इस पर यकीन करते हैं.

सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, जो किशोर-किशोरी रोजाना तीन घंटों या उससे ज्यादा समय तक संगीत सुनते हैं, वे दो सालों बाद 2.6 गुना ज्यादा सेक्स करते हैं. जोनसर बेकर कहते हैं कि जब किशोरावस्था में कोई रैप गाने में सेक्स की बातें सुनता है तो वह अपने दोस्तों से ताकीद करता है कि उसके आसपास लोग ऐसा ही व्यवहार कर रहे हैं या नहीं. अगर उसके दोस्त इसकी पुष्टि करते हैं तो फिर उनका यौन जीवन शुरू हो जाता है. लेकिन अगर दोस्त कहता है कि ऐसा नहीं होता है तो वे आश्वस्त हो जाते हैं कि ऐसा कुछ नहीं होता.

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शोधकर्ताओं ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें. खासतौर पर रैप गानों और उनके बोल के बारे में अवश्य बातचीत करें और उनमें यौन व्यवहार और डेटिग के बारे में उनकी समझ स्पष्ट करें. वहीं, जोनसन बेकर अब 5वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के यौन व्यवहार पर अपना अगला अध्ययन कर रहे हैं.

सेक्स है हमारे जीवन का सामान्य हिस्सा

अगर कोरोना की महामारी के दौरान आपने और आपके साथी ने खुद को एकांतवास में ले लिया है तो ऐसे में आपकी सेक्स लाइफ में रोमांच लाने के कई तरीके हो सकते हैं. कोरोना वायरस के खौफ के साए में हम चेहरे पर तो हाथ का स्पर्ष नहीं ले जा रहे हैं लेकिन बदन के अन्य हिस्सोंको तो छुआ जा सकता है.

यह बीमारी सेक्स से संक्रमित नहीं होती और न ही ऐसा कोई मामला सामने आया है कि किन्ही युगलों के बीच सेक्स के कारण इसका संक्रमण हो गया हो. यह मूल रूप से सांसों के माध्यम से गिरी बारीक बूंदों और किसी संक्रमित सतह को छूने से हो रही है.

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इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोविड-19 का संक्रमण योनी या गुदा मैथुन से हुआ हो. सेक्स के दौरान चूमना बहुत आम बात है लिहाजा इसका वायरस मुंह की लार के जरिए फैल सकता है. अगर आपका पार्टनर विदेष दौरे से लौटा/लौटी है तो उस स्थिति में चुंबन लेने से बचें! यात्रा करने के दो हफ्ते बाद ऐसा करना सुरक्षित है. कोविड-19 के ओरल-फिकल ट्रांसमिषन के भी सबूत मिले हैं, लिहाज़ा, ओरल सैक्स से बचना चाहिए.

यदि एक भी पार्टनर कोविड-19 का संदिग्ध रोगी है तो बेहतर यही होगा कि आप एक दूसरे से दूर रहे हैं और जांच के नतीजे मिलने तक अलग-अलग कमरों में ही सोएं.

लेकिन अगर आपमें से किसी में भी किसी किस्म का लक्षण दिखायी नहीं दिया है और किसी संक्रमित व्यक्ति या सतह आदि के संपर्क में भी नहीं आए हैं तथा पूरे समय घर पर ही रहे हैं तो सेक्स से अच्छा और कोई तरीका आनंद लेने का नहीं हो सकता. यह तनावपूर्ण समय में बेचैनी दूर करने का सबसे बढ़िया उपाय है.

फिलहाल यही सलाह है कि जितना हो सके घर पर रहें और रोज़मर्रा की जरूरतों का सामान खरीदने के वक़्त ही दूसरे लोगों के संपर्क में आएं. इस दौरान भी अन्य लोगों से कम से कम दो मीटर की दूरी बनाएं रखें. हालाकि इस स्थिति में कैजुअल सेक्स करना चुनौतीपूर्ण होगा!

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किसी भी किस्म का अंतरर्वैयक्तिक संबंध तभी कायम करें जब ऐसा करना एकदम जरूरी हो. लिहाज़ा, आगामी कुछ हफ्तों में यौन संसर्ग कुछ कम हो सकता है. लेकिन यौन सुख प्राप्त करने के और भी कई तरीके हैं तो मौजूदा हालात में उपयोगी साबित हो सकते हैं. इनमें सेक्सटिंग, वीडियो काॅल, कामोत्तेजक साहित्य पढ़ना और हस्तमैथुन षामिल हैं. याद रखिये, आप अपने सबसे सुरक्षित सेक्स पार्टनर हैं. ऐसे में हस्तमैथुन बढ़िया विकल्प है और यह आपको कोविड-19 से बचाए रखेगा. ऐसे में भी हाथ धोना मत भूलिये और यदि आप सेक्स टाॅयज़ का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें भी सेक्स से पहले और बाद में 20 सेकंड अवष्य धो लें.

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