कही आप भी तो नहीं कर रहे प्रेग्नेंसी में बिना कंडोम के सेक्स

प्रेग्नेंसी नारी जीवन की ऐसी अवस्था है जिसमें एक महिला को जितना ध्यान अपने खानपान पर देना होता है उतना ही अपने लाइफस्टाइल पर भी देना होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस तरह से एक आम महिला और एक गर्भवती महिला की संरचना में काफी अंतर होता है. ठीक उसी तरह एक ​महिला के गर्भवती होते ही उसका लाइफस्टाल भी अन्य महिलाओं से अलग हो जाता है. लेकिन कई बार महिलाएं इसे जल्दी से स्वीकार करने से परहेज करती हैं और अपनी मस्ती में रहती हैं. उन महिलाओं को शायद इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उनकी इन हरकतों का सीधा असर उनके शिशु पर पड़ रहा है.

सेक्स हर व्यक्ति की जिंदगी का वो पल होता है जिसे करते वक्त बेहद आनंद और खुशी मिलती है. प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करना अन्य अवस्थाओं से बहुत अलग होता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि गर्भवती महिला को सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए.

अक्सर लोग ये सोचते हैं कि प्रेग्नेंसी के वक्त अगर वो बिना कंडोम के सेक्स करते हैं तो कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि जब एक महिला प्रेग्नेंट है तो फिर ना तो गर्भवती होने के चांस रहते हैं और ना ही वैजाइना में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो ये आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि गर्भावस्था में कंडोम के बिना सेक्स करने से एसटीडी, एड्स, वैजाइनल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे मां और शिशु दोनों को गहरा खतरा होने के चांस रहते हैं.

प्रेगनेंसी के दौरान सर्विक्स म्यूकल प्लग से बंद हो जाता है जिससे गर्भाशय में स्पर्म घुस नहीं पाते हैं. जिसके चलते वैजाइना के अलावा शरीर के दूसरे अंगों में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. प्रेग्नेंसी के वक्त इस बात का खास ध्यान रखें कि भूल कर भी कंडोम के बिना सेक्स ना करें.

प्रेग्नेंसी के चलते अगर आप एसटीडी के उपचार के लिए कोई दवा लेते हैं तो ये आपके शिशु के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. प्रेग्नेंट महिला को एसटीडी के अलावा क्लामिडिया, सिफिलिस, हर्पिस, हेपाटाइटिस बी, ग्रोनोरियाम, एचआईवी/एड्स हो सकता है. इसका सीधा असर डिलीवरी के वक्त मां और शिशु दोनों पर पड़ता है. ध्यान रखें कि प्रेंग्नेसी की प्लानिंग से पहले ही अपना एसटीडी और अन्य चेकअप करा लें. क्योंकि प्रेग्नेंसी के वक्त इसके लक्षणों की पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है.

एकतरफा नहीं, दोनों की मंजूरी से Enjoy करें सेक्स

पार्टनर के साथ संबंध बनाना एक सुखद अनुभूति प्रदान करता है. लेकिन इसमें आनंद के लिए शारीरिक जुड़ाव के साथसाथ भावनात्मक लगाव होना भी बहुत जरुरी होता है तभी इसका जी भरकर मज़ा लिया जा सकता है. लेकिन कई बार पार्टनर को सेक्स के दौरान इतना अधिक दर्द महसूस होता है कि वे सेक्स से कतराने लगती है और यह पल उसके लिए खुशी देने के बजाए दर्द देने वाला एहसास बनकर रह जाता है. ऐसे में अगर आप इस पल का बिना किसी रूकावट आनंद लेना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स.

1. लुब्रीकेंट से लें मजा

प्लेज़र के लिए कुछ भी करने से शर्माए नहीं बल्कि वो सब करें जिससे दोनों को मज़ा आए और आप उस पल को याद कर पूरा दिन खुद को फ्रेश फील कर सकें. जैसे आप लुब्रीकेंट का इस्तेमाल करें. ये आपको जेल फौर्म, सिलिकौन फौर्म या ऑयल बेस्ड फौर्म में मिल जाएगा. इसे सेक्स के दौरान महिला व पुरुष दोनों इस्तेमाल कर सकते है. इसके इस्तेमाल से पेनिटेशन के दौरान वेजिना सेक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है. क्योंकि इससे खिंचाव व इरिटेशन जो कम होती है. कई महिलाओं को सेक्स के दौरान यह समस्या आती है कि उनकी वेजिना ड्राई हो जाती है. ऐसा अक्सर एस्ट्रोजन लेवल के कम होने के कारण होता है.

2. दोनों का मूड होना जरूरी

सेक्स का आनंद तभी भरपूर लिया जा सकता है जब दोनों की मरज़ी हो वरना सेक्स एकतरफा बनकर रह जाता है. इसके लिए जब आप पार्टनर के करीब जाएं तो उसकी इच्छा व मूड जानें. अगर लगे कि मूड सेक्स के अनुकूल है तो सेक्स आपको वो मज़ा दे देगा जिसकी आपको इच्छा थी. यकीन मानिये ये अनुभूति आपको दर्द का अनुभव भी नहीं होने देगी.

3. माहौल हो अनुकूल

शादी के बाद कपल हनीमून पर बेहतर जगह व माहौल में एकदूसरे के करीब आने के साथ एकदूसरे को जानने की कोशिश करते हैं और उनके ये दिन उनकी ज़िन्दगी के यादगार पल बन जाते हैं. ऐसे में जब भी आप पार्टनर के साथ संबंध बनाएं और उसे यादगार बनाना चाहे तो ध्यान रखें कि कमरे का माहौल खुशनुमा व सैक्स के अनुकूल हो. इससे पार्टनर दिल से उस पल को एन्जॉय कर पाएगा. और यह सभी जानते हैं कि जो चीज़ दिल से महसूस होती है उसमें दर्द की नहीं बल्कि प्यार की अनुभूति होती है.

4. करें प्यार से शुरुआत

सेक्स के लिए लुब्रिकेशन बहुत जऱूरी होता है और इसके लिए पहले पार्टनर के साथ आप शारीरिक जुड़ाव बनाएं. जैसे उसके हाथपैरों पर स्पर्श आदि करें . इससे पार्टनर सेक्स के लिए तैयार हो जाता है और फिर पार्टनर के साथ सेक्स का जो मज़ा आता है उसका कहना ही क्या.

5. प्यारप्यारी बातों से लाएं करीब

जब भी आपका सेक्स का मूड हो तो अपने पार्टनर से प्यार भरी बातें करें. जैसे तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो, तुम्हारे हाथ कितने सौफ्ट हैं , तुम्हे तो आज जी भरकर देखने को दिल कर रहा है. आपकी ऐसे बातें न चाहते हुए भी उसे सेक्स करने के लिए मजबूर कर देगी और वे खुद ब खुद आपके करीब आने को मज़बूर हो जाएगी. आप भी तो यही चाहते है न.

कुछ कहते हैं पार्टनर के ये इशारे

स्त्री और पुरुष के बीच जिस्मानी रिश्ते इंसान की फितरत मानी जाती है, यानी ये एक स्वाभाविक बात है. यही रिश्ता होता है जिसकी वजह से किसी परिवार का वंश आगे बढ़ता है. विवाह के पहले शारीरिक संबंध बनाना पश्चिम देशों में तो आम बात मानी जाती है लेकिन भारतीय समाज में इस प्रकार के रिश्ते विवाह के बाद ही सही माने जाते हैं. लेकिन तमाम बंदिशों के बावजूद हमारे समाज में भी सदियों से विवाह के पहले भी स्त्री-पुरुष में शारीरिक संबंध बनते रहे हैं.

इस तरह के संबंध सिर्फ दैहिक सुख के लिये होते हैं और इनकी कोई खास लंबी उम्र नहीं होती. शोधकर्ताओं ने स्‍त्री-पुरुष की भाव-भंगिमाओं को लेकर कुछ ठोस निष्‍कर्ष निकाले हैं, जिससे यह जाना जा सकता है कि स्त्री अथवा पुरुष जिस्मानी संबंध बनाने के इच्छुक है या नहीं.

अध्ययन के अनुसार पुरुष की बॉडी लैंग्‍वेज से साफ़ साफ ज़ाहिर हो जाता है कि वह जिस्मानी रिश्ते बनाना चाहता है. शोधकर्ताओं ने कुछ इशारे बताये हैं जो इस प्रकार हैं.

पुरुषों के इशारे

मोहब्बत के आगोश में आने के बाद पुरुष के चेहरे के उस हिस्‍से में कसावट आ जाती है जो आमतौर पर थोड़ा फूला होता है. ऐसे पुरुषों का जहां एक ओर सीना थोड़ा बाहर की ओर निकल जाता है वहीं दूसरी ओर उस उनका पेट थोड़ा अंदर की ओर धंस जाता है. रक्‍त का प्रवाह तेज़ होने के कारण पुरुषों के होठ और गाल समेत पूरे चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है.

महिलाओं के इशारे

वहीं सेक्स की इच्छा रखने वाली महिलाएं की कुछ भंगिमाएं होती हैं. वे अपनी भावना का इजहार करने के लिये अपने बालों को छूती है और अपने कपड़ों पर भी हाथ फेरती हैं. इसके आलावा वे बाल झटककर पीछे की ओर कर लेती है.

पलकों को झुका कर पुरुष को निहारना और टकटकी से देखते रहना भी महिलाओं के इशारे माने जाते हैं. महिलाओं के पिछले हिस्‍से में पहले की तुलना में थोड़ा और उभार आ जाता है. कामातुर स्‍त्री प्‍यार पाने के लिए अपने पैरों को एक-दूसरे से रगड़ती रहती हैं.

संबंध बनाने से पहले ऐसे जानें गर्लफ्रेंड के दिल की बात

Sex News in Hindi: अगर कोई लड़की आपको चाहती है तो इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं कि वो आपसे सेक्स (Sex) करना चाहती है. हाल में हुए एक रिसर्च (Research) में यह खुलासा हुआ है कि आखिर लड़के सहमति के साथ होने वाले सेक्स को लेकर इतने भ्रमित क्यों रहते हैं और ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए?आप अपनी गर्लफ्रेंड (Girlfriend) के साथ बैठे हैं और उसे किस करने लगते हैं, धीरे धीरे रोमांस (Romance) बढ़ने लगता है. आपको ऐसा लगता है कि आपकी गर्लफ्रेंड को इस समय बहुत अच्छा लग रहा है. आप पहले भी उसके साथ सेक्स कर चुके हैं इसलिए आप खुद ही मान लेते हैं कि वो इस समय भी सेक्स करना चाहती है. लेकिन जैसे ही आप पूरी तरह तैयार होते हैं वो अपना मन बदल लेती है.

वो साफ-साफ मना नहीं करती लेकिन कहती है कि “एक मिनट रुको”. आपका रोमांस चरम सीमा पर पहुंच चुका है, शायद इसीलिए आप उसके कहे शब्दों को या तो नजरअंदाज कर या फिर अनसुना कर आगे बढ़ जाते हैं.

सेक्स के लिए तैयार होना?

सेक्स करने के बाद आपको जल्दी ही यह महसूस हो जाता है कि इस दौरान वो शारीरिक रूप से तो आपके साथ थी लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. आपकी गर्लफ्रेंड की सेक्स में रूचि होने और उसका सेक्स के लिए हां कहने में बहुत ही महीन अंतर होता है जिसे समझना बहुत जरूरी है. कई बार वो सेक्स के लिए तैयार नहीं होती हैं फिर भी आप उनके साथ सेक्स करते हैं.

इस सहमति का क्या मतलब है? साधारण शब्दों में कहें तो सहमति का मतलब है जब कोई लड़की आपको ये बताये कि वो आपके साथ सेक्स करना चाहती है. वो इसे कह भी सकती है या कभी कभी इशारों में भी बता सकती है.

आप अकेले वो लड़के नहीं हैं जिसे ये समझ नहीं आता कि आपकी गर्लफ्रेंड सेक्स के लिए राजी है या नहीं. हर एक लड़के के सामने यह मुसीबत आती है जहां वे ये समझने की कोशिश में लगे रहते हैं कि कैसे पता लगाएं कि लड़की हमसे सेक्स करना चाहती है. तो वो क्या बात है कि लड़कों के लिए यह मसला इतना पेचीदगी भरा है?

अमेरिका में हाल में हुए एक शोध में रिसर्च टीम में 145 पुरुषों से इस संबंध में कई सवाल पूछे. वे ये जानना चाहते थे कि आखिर कॉलेज जाने वाले लड़कों या युवाओं को लड़कियों की सेक्स के लिए सहमति को समझने में इतनी मुश्किल क्यों होती है?

रूचि या सहमति

इस रिसर्च में लड़कों को 6 अलग अलग परिस्थितयां दी गयी थी. लड़कों को यह पता करना था कि कब लड़की की सेक्स के लिए सहमति थी, कब वो मना करना चाहती थी, या कब वो निष्क्रिय थी (और यह बात उसने शब्दों या इशारों के माध्यम से या फ़िर दोनों के माध्यम से यह कहने जताने की कोशिश भी की). हर एक परिस्थिति में लड़कों को यह पता लगाना था कि लड़की सेक्स करना चाहती है या नहीं.

जब परिणाम आये तो आश्चर्यजनक रूप से यह बात सामने आई कि पुरुषों को यह पता लगाने में बहुत मुश्किल होती है कि लड़की की सेक्स करने में सहमति है या नहीं. उन्हें लगता है कि अगर वो सेक्स नहीं करना चाहेगी तो ज़ोर से मना कर देगी.

अगर लड़की लड़के को अपने पास खींचती हुई कहती है कि “वो उसे पाना चाहती है” तो लड़के अच्छी तरह यह समझ जाते हैं कि इस समय लड़की की पूर्ण सहमति है. अगर लड़की सिर्फ़ इशारों में अपनी सहमति जता रही है तो ऐसे में लड़को को लड़कियों के दिल की बात समझने में बहुत मुश्किल होती है.

प्रतिक्रिया ना होने का मतलब है असहमति

अगर लड़की साफ साफ शब्दों में सेक्स के लिए मना कर रही है या कह रही है कि “अभी नहीं करते हैं” तो इससे लड़कों को अच्छी तरह समझ में आ जाता है कि लड़की का अभी मन नहीं है. मुश्किल तब होती है जब लड़की ना भी नहीं कहती और लड़के को कुछ करने से रोकती भी नहीं है. ऐसे में लड़कों को ये समझ में नहीं आता है कि लड़की सेक्स करना चाह रही है या नहीं.

पूछ लें!

अब सवाल यह उठता है कि अगर आप लड़के हैं और लड़कियों के साथ सेक्स करते हैं तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए?

जब आप पूरी तरह सहमत हो जाएं कि लड़की सेक्स के लिए राजी है तभी उसके साथ सेक्स करें अन्यथा ना करें. अगर आप उसके इशारों को नहीं समझ पा रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप उस समय सेक्स ना करें. आपके मन में जरा भी शंका हो तो अपनी गर्लफ्रेंड से साफ़ साफ़ इस बारे में पूछ लें. यह सबसे बेहतर उपाय है.

अगर आप लड़की हैं तो आपको अपनी बात कहने में ज़रा भी हिचकिचाना नहीं चाहिए. सेक्स का असली मज़ा तभी है जब दोनों पार्टनर की सहमति हो. अगर आपका सेक्स करने का बिल्कुल भी मूड नहीं है या पीरियड या सिरदर्द की वजह से आप सेक्स नहीं करना चाहती हैं तो इसमें शरमाने की कोई बात नहीं है. ऐसे मौके पर सीधे तौर पर अपने बॉयफ्रेंड से कह दें कि आपको अभी सेक्स  नहीं करना है. ध्यान रखें कि सेक्स तभी मज़ेदार होगा जब आप दिलों दिमाग से करना चाहेंगी. सिर्फ़ अपने बॉयफ्रेंड को खुश करने के लिए सेक्स कभी नहीं करें.

इन इशारों से समझें कि लड़की का सेक्स करने का मन नहीं है :

वो आपके सामने लेटी रहेगी लेकिन खुद कुछ नहीं करेगी. यहां तक कि वो आपको सेक्स करने से रोकेगी भी नहीं. ऐसे में समझ लें कि लड़की की असहमति है.

अगर आप अकेले ही सब कुछ कर रहे हैं तो समझ लें लड़की का मन नहीं है.

पूरे सेक्स के दौरान जब वो आपसे कुछ भी ना बोले.

वो आपको रोके नहीं लेकिन ‘धीमे करो’ या ‘एक मिनट रुको’ जैसा कुछ बोले तो समझ लें कि उसकी असहमति है.

जुराब पहनकर करेंगे सेक्स तो दोगुना हो जाएगा मजा

 Sex News in Hindi: जिंदगी को खुशनुमा बनाने के लिए जरूरी है सेक्स. ये तनाव (Stress) कम करता है. आपको खुश रखता है और आपके जीवन को एक जीने की वजह देता है. लेकिन ये सारी चीजें तब होती हैं जब आपको इसमें पूरी तरह से संतुष्टि मिलें और आपका पार्टनर (Partner) आपके प्रति वफादार हो. फिर भी कई बार लोग एक-दूसरे के प्रति वफादार होते हैं तब भी उन्हें सेक्सलाइफ (Sex Life) में संतुष्टि नहीं मिलती. ऐसा क्यों…? ऐसा कई कारणों से होता है और हर कारण, अलग-अलग स्थितियों पर निर्भर करते हैं. ये सारे कारण तो किसी सेक्सोलॉजिस्ट (Sexologist) से मिल कर ही हल हो सकते हैं. फिर भी अगर आपको अपनी सेक्स लाइफ में संतुष्टि चाहिए तो यहां दिया गया उपाय अपनाइए.

ये समाधान है, सोते समय जुराब मतलब मोजे पहनने का

अगर आप सोते समय कपड़ों के साथ पैरों में मोजे मतलब जुराब पहनते हैं तो ये खबर आपके लिए है. सर्दियों में तो बहुत सारे लोग मोजे पहनकर सोते हैं लेकिन इस खबर को पढ़ने के बाद आप पूरे साल मोजे पहनकर सोएंगे. हाल ही में हुए एक सर्वे में इस बात की पुष्टि हुई है कि आप मोजे पहनकर सेक्स करते हैं तो आपको चरम सुख की प्राप्ति होती है.

सर्वे में इस बात का कारण देते हुए कहा गया है कि दोनों पांवों में मोजे पहन कर सोने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है खासकर पैरों में, जिससे पैरों की रक्त वाहिकाओं में ब्लड सर्कुलेशन बना रहता है. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनने से आप सेक्स करने के दौरान ज्यादा एक्टिव रहते हैं.

यह सर्वे नीदरलैंड की गोनिन्जम यूनिवर्सिटी द्वारा करवाया गया है. इस सर्वे में शोधकर्ता ने पाया की मोजे पहनकर सेक्स करने वालों में से 80% कपल को चरम सुख की प्राप्ति हुई. वैसे हर कोई इस सर्वे से इत्तेफाक नहीं रखता है. कई एक्सपर्ट इस स्टडी को एक सिरे से खारिज भी करते हैं.

ऐसे सर्वे होते रहते हैं. सर्वे के परिणाम अधिकतर लोगों पर कारगर होते हैं इसलिए इन्हें फाइनल माना जाता है. इसका मतलब ये नहीं की ये हर किसी पर कारगर हों. पिछले दिनों ऐसा ही एक सर्वे आया था कि घर में सेक्स करने की तुलना में होटल के कमरे में सेक्स करने में ज्यादा मजा आता है. ये सर्वे 11 देशों के 2,200 लोगों पर शोध कर तैयार किया गया थी. यह सर्वे मोबाइल बुकिंग सर्विस होटल टूनाइट द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित था. तो इसका मतलब ये नहीं की घर में मजा नहीं आता. हर किसी की अपनी पसंद होती है और हर किसी का अपना अनुभव होता है.

पचपन की उम्र में भी न करें सेक्स से परहेज, होगा ये फायदा

Sex Tips in Hindi: कुछ समय पहले की बात है. एक विख्यात सेक्स विशेषज्ञ (Sex Specialist) को एक महिला का पत्र मिला. लिखा था, मेरे पति 54 साल के हैं. उन्होंने फैसला किया है कि वह अब भविष्य में मुझ से कोई जिस्मानी संबंध (Physical Relation) न रखेंगे. उन का कहना है कि उन्होंने कहीं पढ़ा है कि 50 साल बाद वीर्य का निकलना मर्द पर अधिक शारीरिक दबाव डालता है और वह अगर नियमित संभोग में लिप्त रहेगा तो उस की आयु कम रह जाएगी यानी वह वक्त से पहले मर जाएगा. इसलिए उन्होंने सेक्स को पूरी तरह से त्याग दिया है. क्या इस बात में सचाई है? अगर नहीं, तो आप कृपया उन्हें सही सलाह दें.

मैं आशा करती हूं कि इस में कोई सत्य न हो, क्योंकि यद्यपि मैं 50 की हूं मेरी इच्छाएं अभी बहुत जवान हैं. मैं इस विचार से ही बहुत उदास हो जाती हूं कि अब ताउम्र मुझे सेक्स सुख की प्राप्ति नहीं होगी. मैं ने अपने पति को समझाने की बहुत कोशिश की. मुझे यकीन है कि वह गलत हैं. लेकिन मेरे पास कोई मेडिकल सुबूत नहीं है, इसलिए वह मेरी बात पर ध्यान नहीं देते. मुझे विश्वास है कि जहां मैं नाकाम रही वहीं आप कामयाब हो जाएंगे.

यह केवल एक महिला का दुखड़ा नहीं है. अगर सर्वे किया जाए तो 50 से ऊपर की ज्यादातर महिलाएं इसी कहानी को दोहराएंगी और महिलाएं ही क्यों पुरुषों का भी यही हाल है. सेक्स से इस विमुखता के कारण स्पष्ट और जगजाहिर हैं, लेकिन एक बात जिसे मुश्किल से स्वीकार किया जाता है और जो आधुनिक शोध से साबित है, वह यह है कि सेक्स न करने से व्यक्ति जल्दी बूढ़ा हो जाता है और उसे बीमारियां भी घेर लेती हैं.

एक 55 साल की महिला से सेक्स के बाद जब उस के प्रेमी ने कहा कि वह जवान लग रही है, तो उस ने आईना देखा. उस ने अपने शरीर में अजीब किस्म की तरंगों को महसूस किया और उसे लगा कि वह अपने जीवन में 20 वर्ष पहले लौट आई है.

50 के बाद सेक्स में दिलचस्पी कम होने की कई वजहें हैं. हालांकि अब वैदिक काल जैसी कट्टरता नहीं है, लेकिन अब भी सोच यही है कि 50 पर गृहस्थ आश्रम खत्म हो जाता है और वानप्रस्थ आश्रम शुरू हो जाता है. इसलिए शायद ही कोई घर बचा हो जिस में यह वाक्य न दोहराया जाता हो : नातीपोते वाले हो गए, अब तुम्हारे खेलने के दिन कहां बाकी हैं. शर्म करो, अब बचपना छोड़ो. बहूबेटे क्या कहेंगे? क्या सोचेंगे कि बूढ़ों को अब भी चैन नहीं है.

दरअसल, भक्तिकाल में जब ब्रह्मचर्य और वीर्य को सुरक्षित रखने पर जो बल दिया गया उस से यह सोच विकसित हो गई कि सेक्स का उद्देश्य आनंदित स्वस्थ और तनावमुक्त रहना नहीं बल्कि केवल उत्पत्ति है. एक बार जब संतान की उत्पत्ति हो जाए तो सेक्स पर विराम लगा देना चाहिए.

इस तथाकथित धार्मिक धारणा पर अब तक साइंस का गिलाफ चढ़ाने का प्रयास किया जाता रहा है. मसलन, हाल ही में ‘योग’ से  संबंधित एक पत्रिका में लिखा था, ‘‘वीर्य में सेक्स हारमोन होते हैं. उन्हें सुरक्षित रखें और सेक्स में लिप्त हो कर उसे बरबाद न करें. यह कीमती हारमोन यदि बचा लिए जाते हैं तो वापस रक्त में चले जाते हैं और शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आ जाती है. आधी छटांक वीर्य 40 छटांक रक्त के बराबर होता है, क्योंकि वह इतने ही खून से बनता है. जिस्म से जितनी बार वीर्य निकलता है उतनी ही बार कीमती रासायनिक तत्त्व बरबाद हो जाते हैं, वह तत्त्व जो नर्व व बे्रन टिश्यू के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण  हैं. यही वजह है कि अति उत्तेजक पुरुषों की पत्नियां और वेश्याओं की आयु बहुत कम होती है.

इस पूरे ‘प्रवचन’ के लिए एक ही शब्द है, बकवास. सब से पहली बात तो यह है कि वीर्य में शुक्राणु बड़ी मात्रा में साधारण शकर, सेट्रिक एसिड, एसकोरबिक एसिड, विटामिन सी, बाइकारबोनेट, फासफेट और अन्य पदार्थ होते हैं जो ज्यादातर एंजाइम होते हैं, इन सब का उत्पादन अंडकोशिकाएं, सेमिनल बेसिकल्स और एपिडर्मिस व वसा की डक्ट के जरिए होता है. वीर्य में सेक्स हारमोन होते ही नहीं. यह सारे तत्त्व या पदार्थ जिस्म में खाने की सप्लाई से बनते हैं जोकि एक न खत्म होने वाली प्रक्रिया है. निष्कासित होने से पहले वीर्य सेमिनल वेसिकल्स में स्टोर होता है, अगर इसे निष्कासित नहीं किया गया तो भीगे ख्वाबों से यह अपनेआप हो जाएगा. जाहिर है इस के शरीर में स्टोर होने का अर्थ है कि जिस्म में यह सरकुलेशन का हिस्सा रहा ही नहीं है और न ही ऐसी कोई प्रक्रिया है जिस से वीर्य फिर खून में शामिल हो कर ऊर्जा का हिस्सा बन जाए.

विख्यात वैज्ञानिक डॉक्टर इसाडोर रूबिन का कहना है, ‘‘अगर यह धारणा सही होती कि वीर्य के निकलने से या महिला के चरम आनंद प्राप्त करने से जिस्म में कमजोरी आ जाती है और उम्र में कटौती हो जाती है, तो कुंआरों की आयु विवाहितों से ज्यादा होती, क्योंकि अविवाहितों को सेक्स के अवसर कम मिलते हैं. वास्तविकता यह है कि विवाहित व्यक्ति लंबे समय तक जीते हैं.’’ हाल में किए गए शोधों से पता चला है कि अगर कोई व्यक्ति काफी दिन तक सेक्स से दूर रहता है तो कुछ प्रोस्टेटिक फ्लूड सख्त हो कर ग्रंथि में रह जाते हैं. इस से प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है और व्यक्ति को पेशाब करने में कठिनाई होने लगती है. इस समस्या पर अगर ध्यान न दिया जाए तो फिर प्रोस्टेट की सर्जरी आवश्यक हो जाती है.

50 के बाद सेक्स से विमुखता का एक अन्य कारण यह है कि जवानी में लोग कसरत पर और अपने जिस्म को सुडौल रखने के लिए खानपान पर अकसर खास ध्यान नहीं  देते. इस से उम्र के साथ उन के शरीर पर फैट जमा होने लगता है जिस से वह मोटे हो जाते हैं. यह जानने के लिए ज्ञानी होना आवश्यक नहीं है कि मोटापा अपनेआप में कई गंभीर बीमारियों की जड़ होता है. व्यक्ति जब बीमार रहेगा तो उस का ध्यान सेक्स की ओर कहां जाएगा, साथ ही पुरुष का जब पेट निकल जाता है और उस का सीना भी औरतों की तरह लटक जाता है तो वह उस मुस्तैदी से सेक्स में लिप्त नहीं हो पाता जैसे वह जवानी में होता था. महिलाओं के बेडौल और मोटे होने से उन में मर्द के लिए पहले जैसा आकर्षण नहीं रह पाता. इसलिए जरूरी है कि उम्र के हर हिस्से में कसरत की जाए और अपना वजन नियंत्रित रखा जाए.

वैसे सेक्स भी अपनेआप में बेहतरीन कसरत है. अन्य फायदों के अलावा इस से मांसपेशियों सुगठित रहती हैं, ब्लड प्रेशर सामान्य और अतिरिक्त फैट कम हो जाता है. गौरतलब है कि पुरुष के गुप्तांग में जोश स्पंजी टिश्यू के छिद्रों में खून के बहाव से आता है. अगर आप के जिस्म पर 1 किलो अतिरिक्त फैट है तो रक्त को 22 मील और ज्यादा सरकुलेट होना पड़ता है. अगर व्यक्ति बहुत मोटा है तो फैट उस के सामान्य सरकुलेशन को और कमजोर कर देता है और खास मौके पर इतना रक्त उपलब्ध नहीं होता कि पूरी तरह से जोश में आ जाए.

दरअसल, खानेपीने का तरीका सामान्य सेहत को ही नहीं सेक्स जीवन को भी प्रभावित करता है. इस में कोई दोराय नहीं कि पतिपत्नी क्योंकि एक ही छत के नीचे रहते हैं इसलिए खाना भी एक सा ही खाते हैं. अगर किसी दंपती के खाने में विटामिन ‘बी’ की कमी है तो इस का उन के जीवन पर जटिल प्रभाव पडे़गा. इस की वजह से पत्नी में अतिरिक्त एस्ट्रोजन (महिला सेक्स हारमोन) आ जाएंगे और उस की सेक्स इच्छाएं बढ़ जाएंगी जबकि पति में इस का उलटा असर होता है. एस्टो्रजन के बढ़ने से उस के एंड्रोजन (पुरुष सेक्स हारमोन) में कमी आ जाती है.

दूसरे शब्दों में, स्थिति यह हो जाएगी कि पत्नी तो ज्यादा प्यार करना चाहेगी, लेकिन पति की इच्छाएं कम हो जाएंगी. इसलिए आवश्यक है कि संतुलित हाई प्रोटीन खुराक ली जाए. साथ ही शराब और सिगरेट की अधिकता से बचा जाए, क्योंकि इन दोनों के सेवन से व्यक्ति वक्त से पहले चरम पर पहुंच जाता है और फिर अतृप्त सा महसूस करता है.

गौरतलब है कि इंटरनेशनल जर्नल आफ सेक्सोलोजी-7 के अनुसार विटामिन और हारमोंस का गहरा रिश्ता है. दर्द भरी माहवारी में राहत के लिए जब टेस्टेस्टेरोन हारमोन दिया जाता है तो उस की अधिक सफलता के लिए साथ ही विटामिन ‘डी’ भी दिया जाता है. इसी तरह से गर्भपात के संभावित खतरे से बचने के लिए प्रोजेस्टरोन हारमोन के साथ विटामिन ‘सी’  दिया जाता है.

50 के बाद सेक्स से विमुखता की एक वजह यह भी है कि दोनों पतिपत्नी बननासंवरना काफी हद तक कम कर देते हैं. अच्छे और आकर्षक कपडे़ पहनने से और बाल अच्छी तरह बनाने से यकीनन महिला का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है.

यहां यह बताना भी आवश्यक होगा कि इसी किस्म का आकर्षण लाने के लिए पुरुषों को भी चाहिए कि वे कसरत करें, ब्यूटी पार्लर जाएं और अच्छे कपडे़ पहनें, साथ ही उन की पत्नी जब रजोनिवृत्ति से गुजर रही हो तो उस का विशेष ध्यान रखें. पत्नी जितना खुल कर अपने पति से बातें कर सकती है उतना वह अपने डाक्टर से भी नहीं कह पाती. इसलिए अगर रजोनिवृत्ति के दौरान पति ने उसे सही से संभाल लिया तो आगे का सेक्स जीवन बेहतर रहेगा.

अब तक जो बहस की गई है उस से स्पष्ट है कि अच्छे, स्वस्थ और लंबे जीवन के लिए 50 के बाद भी सेक्स उतना ही आवश्यक है जितना कि उस से पहले. लेकिन उसे बेहतर बनाए रखने के लिए अपने नजरिए में बदलाव लाना भी जरूरी है और अगर कोई समस्या है तो मनोवैज्ञानिक और डाक्टर से खुल कर बात करने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए.

कंडोम मुसीबत नहीं दोस्त है आपका

Sex News in Hindi: फिल्म ‘डियर जिंदगी’ (Dear Zindagi) में शाहरुख खान ने दिमाग के डाक्टर का किरदार निभाया था और दिमागी बीमारी या परेशानी को ले कर एक बात समझाई गई कि लोग शरीर की बीमारी को तो नहीं छिपाते हैं, पर जैसे ही उन्हें पता चलता है कि घर में कोई दिमागी तौर पर बीमार है, तो उन्हें जैसे सांप सूंघ जाता है.फुसफुसाहट सी शुरू हो जाती है, जैसे दिमागी बीमारी होना जिंदगी की सब से बड़ी दुश्वारी है. अनपढ़ ही नहीं, बल्कि पढ़ेलिखे लोग भी दिमागी समस्याओं पर दिमाग खोल कर बात नहीं कर पाते हैं. ऐसा ही हाल कंडोम (Condom) के इस्तेमाल की बहस का माना जा सकता है. बहुत से लोग तो इस बात से जूझते रहते हैं कि कंडोम उन का दोस्त है या मुसीबत. सब से बड़ी मुसीबत तो यह कि कैमिस्ट से खरीदा कैसे जाए या सरकारी अस्पताल में नर्स से मांगा कैसे जाए? लेकिन हैरत की बात तो यह है कि कैमिस्ट या नर्स के लिए किसी को कंडोम देना उतना ही आसान काम है, जितना कोई दूसरी दवा देना.

दूसरी मुसीबत होती है इसे इस्तेमाल करना. कई मर्दों को शिकायत रहती है कि सैक्स के दौरान यह मजे में रुकावट बनता है और उन्हें अंग का उतना जोश नहीं मिलता जितना बगैर कंडोम के जोश रहता है.

कुछ मामलों में औरतों को भी यह रास नहीं आता है. सरकारी अस्पतालों में मिलने वाले ‘मुफ्त के निरोध’ की गंध उन के सैक्स के खेल को बेकार बना देती है और चरमसुख से पहले वे अनचाही झल्लाहट से रूबरू होती हैं.

लेकिन ये कुछ मुसीबतें कंडोम की अहमियत को कम नहीं कर सकती हैं. यह एक ऐसा दोस्त है, जो आप पर आने वाली मुसीबत को खुद पर झेल लेता है. सच मानिए, तो यह सैक्स के मजे को दोगुना कर देता है.

 कंडोम से दोस्ती करने के फायदों के बारे में :

सैक्स बीमारियों से बचाव : सैक्स के दौरान कंडोम मर्द और औरत के प्राइवेट पार्ट के बीच एक ऐसी झिल्लीनुमा पतली दीवार का काम करता है, जो उन्हें सैक्स बीमारियों से बचाता है. माहिर डाक्टरों की राय मानें, तो अगर किसी के एक से ज्यादा सैक्स पार्टनर हैं, तो सैक्स करने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से एड्स जैसी खतरनाक बीमारी को काफी हद तक खत्म किया जा सकता है. इस से शुक्राणु और कीटाणु नहीं फैलते हैं.

अनचाहे पेट से छुटकारा : जल्दी बच्चा न चाहने या 2 बच्चों के बीच कुछ वक्त का फर्क करने में कंडोम काफी असरदार माना जाता है. यह अनचाहे पेट से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है और शादी के बाद परिवार नियोजन में मदद करता है. कंडोम आजकल तकरीबन हर मैडिकल स्टोर में आसानी से मिलता. यह सस्ता होता है और अलगअलग रंगों, फ्लेवर व साइज में मिलता है.

सैक्स पावर में बढ़ोतरी : एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि कंडोम के इस्तेमाल से मर्दों की अपनी पार्टनर के साथ सैक्स करने की कूबत बढ़ती है. वे दोनों लंबे समय तक बिस्तर पर अपना समय बिता सकते हैं.

इस के अलावा कई बार सैक्स के दौरान मर्द के अंग में दर्द होता है, लेकिन कंडोम के इस्तेमाल से उन्हें इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है, क्योंकि कंडोम से अंग की बाहरी चमड़ी पर कम दबाव पड़ता है और रगड़ कम लगने से दर्द नहीं होता है. और हां, इस के इस्तेमाल से अंग पर चोट लगने का खतरा भी कम हो जाता है.

सुख का एहसास : सैक्स के दौरान जो लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं, उन में से बहुतों का मानना है कि यह पहनने से उन्हें नयापन सा महसूस होता है, सैक्स करने की ज्यादा ताकत मिलती है. अब तो कंडोम कई फ्लेवर में आने लगे हैं, जो सैक्स के दौरान अजीब से सुख का एहसास कराते हैं.

सर्द मौसम और सैक्स के टिप्स

Sex Tips in Hindi: हर मौसम में प्रेमीप्रेमिका के प्यार का अपना अलग ही अंदाज होता है. बारिश के मौसम में, सर्दी के सर्द मौसम में प्रेमीप्रेमिका के बीच रंगीनियत अधिक बढ़ जाती है. सर्दियों की गुलाबी ठंड में दोनों आपस में एकदूसरे की बांहों में गरमाहट का एहसास पाना चाहते हैं. साथ ही, ऐसे में सहवास का मजा और बढ़ जाता है.सैक्सोलौजिस्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा के मुताबिक, ‘‘ठंड के मौसम में पशुपक्षी से ले कर इंसान तक सभी ज्यादा से ज्यादा सहवास करने के इच्छुक होते हैं.’’  इसीलिए अपनाएं कुछ हौट टिप्स जिन के माध्यम से आप सैक्स का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं :

गरम बाथ का मजा लें

प्रेमीप्रेमिका अकसर पिकनिक पर जाते हैं. पिकनिक स्पौट पर बने रूम में बाथटब है तो ठंड के मौसम में हलके गरम पानी का मजा बाथटब में उठा सकते हैं. बाथटब में कुनकुने पानी में चंदन और गुलाब की कुछ बूंदें डालें व बाथरूम को सुगंधित कैंडल से सजा दें. आप का यह तरीका ऐक्साइटमैंट में नया जोश भर देगा. प्यार में नया तरीका व नई उमंग प्रेमीप्रेमिका के संबंधों में ऊर्जा का संचार करेगी.

कैंप फायर का आनंद लें

ठंड के मौसम में कैंप फायर का मजा ही कुछ अलग है. प्रेमीप्रेमिका अकसर ठंड के मौसम में हिल स्टेशन जाते हैं. ऐसे में अलाव जला कर अपने हमदम के साथ बैठ कर आग सेंकने का मजा उठाएं, इस का अलग ही आनंद है. ठंड में यह कैंप फायर दोनों तरफ अलग ही आग लगा देती है. अनोखे अंदाज में प्रेमीप्रेमिका शारीरिक आनंद उठाते हैं.

नृत्य करें

गुलाबी ठंड के मौसम में रोमांटिक गाना बजाएं और स्लो मोशन में प्रेमीप्रेमिका एकसाथ एकदूसरे की कमर में हाथ डाल कर डांस करें. संगीत की धुन पर आप दोनों के कदम अपनेआप थिरकने लगेंगे. इस से प्यार की तलब और बढ़ेगी. ध्यान रखें कि गाना प्रेमीप्रेमिका की पसंद का हो.

थोड़ी शरारत करें

हलकीफुलकी शरारत से मुहब्बत का इजहार और भी गहरा हो जाता है. प्रेमीप्रेमिका दोनों एकदूसरे के साथ शरारत और मनुहार करें, छेड़छाड़ करें, एकदूसरे को अचानक बांहों में भर लें, किस करें, साथी को फोर प्ले के लिए तैयार करें. यह छेड़छाड़ प्रेमीप्रेमिका के रिश्तों को मजबूत बनाएगी.

स्पर्श करें

स्पर्श, अभिव्यक्ति का सब से अच्छा माध्यम माना जाता है. प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे को प्यारभरा स्पर्श दें ताकि ठंड के मौसम में केवल प्यार और सहवास का आनंद उठा सकें.

एक हो जाएं

गुलाबी ठंड का मौसम बेहद हसीन होता है. इस दौरान प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजारना चाहते हैं. सिंगल ब्लैकफिट का प्रयोग करें. सर्द मौसम सैक्स के लिहाज से सब से उपयुक्त है. इस मौसम में एकदूसरे से दूर रहना प्रेमीप्रेमिका के लिए असंभव होता है, ऐसे में जब मौका भी हो तो कहने ही क्या, तो आजमाइए ये हौट टिप्स और उठाइए बिंदास प्रेम का लुत्फ.

कामुकता की ये 5 बातें आप शायद नहीं जानते

अगर आपको लगता है कि आप मानव कामुकता के बारे में सब कुछ जानते हैं तो ये शायद आपकी खुशफहमी है क्योंकि कामुकता की कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में या तो आप जानते नहीं या फिर आपकी जानकारी गलत है.

हम यहां आपको बता रहे हैं कामुकता की 5 बातें जिससे आप शायद अनभिज्ञ रहे हैं.

  1. स्थाई Erection जानलेवा हो सकता है

स्थाई Erection को प्रायप्रिज्म कहते हैं. ये दो तरह का होता है: एक लिंग में बहुत ज्यादा रक्त संचार से होता है और दूसरा ब्लौकेज से होता है जिसकी वजह से लिंग में जमा रक्त वापस नहीं लौट पाता.  प्रायप्रिज्म एक गंभीर मसला है क्योंकि इससे लिंग के टिशू को नुकसान हो सकता है.

प्रायप्रिज़्म बीमारी का नाम सुनकर आपको हंसी आ सकती है लेकिन शायद आपको पता नही कि इससे जान भी जा सकती है. एक 44 साल के व्यक्ति को ये बीमारी थी और उसकी जान बचाने के लिये डॉक्टर को उसका लिंग काटना पड़ा.

  1. इंग्लैंड ने सेक्स वर्कर्स को STD से बचाने के लिये कानून बनाया था

इंग्लैंड में विक्टोरिया शासनकाल को बहुत रुढ़िवादी माना जाता है लेकिन शायद आपको नहीं पता कि 1866 में विक्टोरिया ने सेक्स वर्कर्स और उनके सैनिक ग्राहकों को सेक्स संबंधी बीमारी से बचाने के लिये क़ानून बनाया था. इस कानून के तहत हर सेक्स वर्कर नियमित रुप से जांच की जाती थी और बीमारी होने पर मुफ्त इलाज किया जाता था.

3- साइकिल की सीट से कम हो सकती है पुरुष की कामुक-क्षमता

साइकिल चलाना सेहत और पर्यावरण के लिये अच्छा माना जाता है लेकिन इससे पुरुष की कामुक-क्षमता पर भी बुरा असर पड़ सकता है. 2005 के एक शोध में पाया गया है कि आधुनिक साइकिल की सीट से अंडकोष और लिंग पर बहुत प्रेशर पड़ता है जिससे गुदा द्वार में ट्यूमर हो सकता है और लिंग में रक्त संचार कम हो सकता है.

4- कद्दू की महक बढ़ाती है कामुकता

2014 के एक अध्ययन से पता चला है कि कद्दू की महक से कामुकता बढ़ जाती है. इसकी महक से लिंग में रक्त संचार बढ़ जाता है.

5- बहुत सेक्स का मतलब बहुत ख़ुशी नहीं है

2015 में टोरंटो यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च में पाया कि ज़रुरी नहीं है कि अगर आप बहुत सेक्स करते हों तो आपका जीवन भी खुशहाल हो. हफ़्ते में एक बार सेक्स करने से ही ज़्यादा ख़ुशी मिलती है जबकि एक से ज़्यादा बार सेक्स करने से खुशी में कोई इज़ाफ़ा नहीं होता.

कब और कैसे लग जाता है सेक्सुअल ब्लाॅक

Sex News in Hindi: औरत और आदमी में सेक्स की जरूरत अलग-अलग होने के बावजूद स्वस्थ सेक्स संबंध तब बनता है, जब वे एक-दूसरे को वक्त देते हैं. आपसी भावनाओं को समझते हैं. दरअसल औरत सीधे सेक्स नहीं चाहती. वह चाहती है पहले इसके लिए माहौल बनाया जाए. वह सेक्सुअल बातें करना चाहती है. सेक्स टाॅक से महिलाएं दिमागी तौरपर रिलैक्स हो जाती हैं और सहज रूप से सेक्स के लिए तैयार हो जाती हैं. इससे विपरीत का व्यवहार होने पर उनके दिमाग पर ब्लाॅक लग जाता है. जिस कारण वे सेक्स न करने के बहाने ढूंढ़ने लगती हैं.

कई बार स्त्रियों में अपनी शारीरिक सुंदरता को लेकर हीनभावना होती है. मसलन, कई स्त्रियों में अपने छोटे या बहुत बड़े वक्षों को लेकर हीनग्रंथि बन जाती है. सुंदर फिगर न होने का फितूर उनमंे सेक्स के दौरान भी बना रहता है, जो कि उन्हें इसमेें डूबने नहीं देता. किसी औरत ने अगर अगर शादी से पहले किसी के साथ सेक्सुअल संबंध बनाये होते हैं तो वह सालों तक दिमागी तौरपर इसे लेकर डरी रहती है. कई बार वह सोचती है कि यह सब पति को बता दे, फिर सोचती है कहीं पति नाराज होकर उसे छोड़ न दे, इस कशमकश में सालों गुजार देती है. जबकि ऐसे मामलों में पहली घड़ी से यह स्पष्टता होनी चाहिए कि जो हो गया, उसे भूल जाओ.

कई औरतें बचपन में यौन उत्पीड़न का शिकार होने के कारण जीवन में सेक्स को सहज रूप में नहीं ले पाती हैं. उनके दिमाग में सेक्सुअल ब्लाॅक रहता है. कई बार पहली बार के संसर्ग पर दर्द होने से भी हमेशा हमेशा के लिए सेक्स का नाम लेते ही दर्द का फोबिया अपनी गिरफ्त में ले लेता है. सेक्सोलाॅजिस्टों के पास ऐसे तमाम मामले आते हैं, जब पति बताता है कि उसकी पत्नी उसे पास ही नहीं फटकने देती. वास्तव में यह शादी से पहले घटी किसी घटना की वजह से हुए सेक्सुअल ब्लाॅक का नतीजा होता है. ऐसे मामलों में सेक्सोलाॅजिस्ट काउंसलिंग, सेक्स थेरैपी के चलते इस ब्लाॅक को हटाता है. कई बार स्त्रीरोग विशेषज्ञ भी इसमें सहायक साबित होती है.

ऐसा नहीं है सेक्सुअल ब्लाॅक सिर्फ महिलाओं की ही समस्या होती है. पुरुषों में भी कई बार सेक्स के दौरान परफाॅरमेंस एंग्जाइटी यानी परफाॅरमेंस की चिंता सताने लगती है. नतीजा ये लगता है कि वेे सफल सेक्स नहीं कर पाते. इस तरह की मानसिक परेशानियों का एक कारण सेक्स को लेकर प्रचलित कई किस्म के मिथ भी होते हैं जैसे- हस्तमैथुन को लेकर यह धारणा कि इससे नपुंसकता आ जाती है. कई बार कई युवा इस सेक्सुअल ब्लाॅक के चलते शारीरिक रूप से फिट होने के बावजूद भी सेक्सुअल संबंध नहीं बना पाते. जबकि हकीकत यह है कि हस्तमैथुन से कोई नपुंसक नहीं होता. लेकिन नीम-हकीमों के जो विज्ञापन यहां-वहां दिखते हैं वे अच्छे पढ़े लिखे युवाओं तक में यह धारणा बना देते हैं कि हस्तमैथुन के कारण वे सेक्स के लिए फिट नहीं रह गये.

शीघ्रपतन, स्वप्नदोष ये भी इसी तरह के मिथ हैं. हकीकत तो यह है कि पहले तो यह किसी किस्म की बीमारी नहीं है और अगर बीमारी है तो इनका इलाज उपलब्ध है. लेकिन सड़क किनारे और मूत्रालयों में रहस्य की तरह चिपकाये गये हैंडबिल लोगों को इस तरह से डरा देते हैं कि अच्छे भले लोग भी खुद को बीमार समझने लगते हैं. युवकों में अपने लिंग के आकार को लेकर भी हीनभावना आ जाती है. जबकि सेक्स की सारी वैज्ञानिक किताबों में ये बातें शुरु में लिखी होती है कि औरत की योनि के शुरुआती दो इंच में ही सेंसेशन होता है. इसलिए दो इंच लंबा लिंग भी स्त्री को संतुष्ट करने के लिए काफी होता है. सेक्स में चरम सुख यानी संपूर्ण सुख हासिल करने की, की गई चिंता भी कई बार सेक्सुअल ब्लाॅक बना देती है. जब भी सेक्स के लिए मानसिक रूप से तैयार हों तो निराशा, तनाव, चिंता, चिड़चिड़ेपन आदि से मुक्त होना चाहिए. तभी तन-मन यानी रोम-रोम तक को पुलकित कर देने वाला संपूर्ण सेक्स सुख हासिल होता है.

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