मेरी मम्मी की सहेली जबरन मेरे साथ संबंध बनाती हैं, मैं उनसे कैसे पीछा छुड़ाऊं?

सवाल

मेरी मम्मी की सहेली से मेरी दोस्ती हो गई है और वे रोजाना मेरे साथ संबंध बनाने की जिद करती हैं. वे कहती हैं कि मैं मना करूंगा, तो वे मम्मी को बता देंगी. मैं क्या करूं?

जवाब

वे महज कोरी धमकी दे रही हैं. तुम्हारी मम्मी को बता कर वे अपनी छिछलेदरी नहीं कराएंगी. वैसे, आप उन से दूर ही रहें तो ठीक है, वरना कभी भी उन के पति की चपेट में आ सकते हैं.

– एक नहीं पांच तरह का होता है एकतरफा प्यार

अमूमन जब हम किसी से प्यार करते हैं तो बदले में उस व्यक्ति से भी प्यार पाना चाहते हैं, तब भी जब उसे हममे कोई भी रूचि नहीं होती. वैज्ञानिकों ने हाल में किये कुछ शोधों के आधार पर पांच तरह के एकतरफा प्यार का खुलासा किया है और बताया है कि यह सच्चे प्यार से किस तरह अलग होता है.

आप और आपकी दोस्त एक दूसरे को तीन सालों से जानते हैं. आप अपनी दोस्त के प्रति इतने ज्यादा आकर्षित हैं कि आपके दोस्त उसे आपकी गर्लफ्रेंड ही मानने लगे हैं. काश यह सच होता. आप पूरी तरह उसके प्यार में हैं और आप हर वक्त उसी के बारे में सोचते रहते हैं. लेकिन आपको यह अच्छे से पता है कि वो आपसे प्यार नहीं करती है क्योंकि जब भी कोई उससे आपके बारे में पूछता है तो वह बताती है कि आप दोनों महज दोस्त हैं. इसका मतलब यह है कि आप एकतरफा प्यार में हैं.

– मीठा दर्द

जब आपको मालूम है कि उसको आपमें कोई दिलचस्पी नहीं है, तो आपको क्यों लगता है कि एक दिन उसका दिल पसीज जाएगा. आप उस व्यक्ति के साथ एक ऐसे एकतरफा प्यार में हैं जिसके लिए सिर्फ आपके दिल में रोमांटिक ख्याल आ रहे हैं लेकिन वह आपकी तरह कुछ भी महसूस नहीं कर रही है. दुःख की बात यह है कि एकतरफा प्यार के किस्से काफी आम हैं.

ऐसी स्थिति में क्या एकतरफा प्यार में भी वैसा महसूस करने की संभावना है जैसा कि लोग दोतरफा प्यार में महसूस करते हैं.

इसका जवाब ढूंढने के लिए अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पांच तरह के एकतरफा प्यार पर अध्ययन किया. उन्होंने पता लगाया कि जिस व्यक्ति को आप प्यार करते हैं और उसे हासिल करना चाहते हैं, वह आपको किस तरह प्रभावित करता है और आप एक दूसरे के जीवन में क्या महत्व रखते हैं. अपने शोध के आधार पर उन्होंने पांच तरह के एकतरफा प्यार का जिक्र किया है. आइये उनके बारे में जानते हैं:

एकतरफा प्यार के पांच प्रकार 

1. सेलेब्रिटी या हीरो से प्यार

आपको किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार है जिसे आप व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते हैं ना ही कभी जानने की संभावना है, जैसे फिल्म स्टार, रौकस्टार या एथलीट. किशोरावस्था में कई लड़के फिल्म अभिनेत्रियों के प्रति ऐसा प्यार महसूस करते हैं उन्हें लगता है कि उनसे ज्यादा इस हीरोइन को प्यार करने वाला दूसरा कोई नहीं.

2. बहुत करीब फिर भी बहुत दूर

किसी ऐसे व्यक्ति के प्रति प्यार जिसे आप अच्छी तरह जानते हैं लेकिन किसी वजह से आप उससे अपने मन की बात नहीं कह पाते हैं. ऐसा कई लड़के लड़कियों के साथ होता है कि उन्हें अपने क्लासरूम या औफिस में कोई पसंद होता है, लेकिन वे किसी डर या किसी अन्य वजह से उससे कुछ कह नहीं पाते. यह भी एकतरफा प्यार का एक टाइप है.

3. प्यार पाने की पूरी कोशिश करना

एक ऐसा रिश्ता जिसमें आप किसी व्यक्ति को बहुत प्यार करते हैं, लेकिन बदले में आपको उस व्यक्ति का प्यार हासिल नहीं हो पाता है.

4. पुराना प्रेम संबंध

कोई ऐसा प्रेम संबंध जो किसी कारणवश खत्म हो चुका हो, लेकिन आपके दिल में अभी भी उसके प्रति प्यार बना हो लेकिन अब उसके पास लौटने की कोई गुंजाइश न हो.

5. बेदर्द प्यार

आप अपने की तुलना में उससे ज़्यादा प्यार करते हैं और उसके प्रति ज़्यादा वफ़ादार हैं. ऐसे रिश्तों में ताजगी बनाए रखने के लिए आप अपने पार्टनर से ज्यादा प्रयत्न करते हैं.

-सबके साथ होता है

शोधकर्ताओं ने तीन सौ हाईस्कूल और विश्वविद्यालय के छात्रों पर अध्ययन किया और पिछले दो वर्षों में उनके एकतरफा प्यार के अनुभवों के बारे में पूछा. शोधकर्ताओं ने यह भी जानने का प्रयत्न किया कि भावनात्मक रूप से एक से सात तक के पैमाने उनकी भावनाएं कितनी चरम पर थीं.

शोधकर्ताओं ने 450 छात्रों पर दूसरा अध्ययन किया और उनसे पूछा कि एकतरफा प्यार में जूनून और वफादारी के अलावा अन्य सकारात्मक पहलू क्या होते हैं.

शोधकर्ताओं ने पाया कि छात्रों को दोतरफा प्यार की तुलना में एकतरफ़ा प्यार चार गुना अधिक होता है. करीब नब्बे प्रतिशत लोग उनके लिए रोए थे जो पिछले दो सालों में अपने प्यार को किसी मुकाम पर नहीं पहुंचा पाए.

शोध में पाया गया कि किसी ऐसे व्यक्ति के प्रति गहरा आकर्षण जिसे आप जानते हैं लेकिन उससे अपने दिल की बात कह नहीं सकते, एकतरफा प्यार में होने वाली सबसे आम घटना है. दो प्यार करने वालों के बीच एक दूसरे के प्रति बराबर प्यार ना होना भी आम पाया गया.

– दुःख तो होता ही है

स्टडी में पाया गया कि हर तरह के एकतरफा प्यार में दोतरफा प्यार की अपेक्षा कम गहराई होती है. दो लोगों के बीच प्रेम संबंध जूनून, अंतरंगता और एक दूसरे का ख्याल रखने से ही प्रगाढ़ होता है.

लेकिन जिस व्यक्ति को आप प्यार करते हैं उसके प्रति आपकी भावनाएं कितनी गहरी हैं यह इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के एकतरफा प्यार में हैं. किसी फिल्म स्टार के प्रति गहरे आकर्षण की तुलना आपकी पुराने गर्लफ्रेंड से नहीं की जा सकती है जिसके साथ आप फिर से जुड़ना चाहते हैं.

रिसर्च ने इस सिद्धांत को खारिज कर दिया है कि एकतरफा प्यार किसी भी तरह दोतरफा प्यार के कुछ सकारात्मक पहलुओं को प्रदान करता है, जैसे उस व्यक्ति के लिए पागलपन, उससे अंतरंगता और शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा और रिश्ते में बिना किसी उतार चढ़ाव के उसके साथ रहने की इच्छा. एकतरफा प्यार असुविधाजनक और निश्चित रूप से असंतुष्ट स्थिति है.

– एकतरफा प्यार क्यों होता है?

एक समय ऐसा आता है जब हम किसी व्यक्ति के साथ रोमांस करने को तरसते हैं लेकिन हम जिससे प्यार करते हैं उसे हममें कोई दिलचस्पी ही नहीं होती है. यह जानते हुए भी हम उसकी सभी बातें आसानी से बर्दाश्त कर लेते हैं.

– शोधकर्ताओं ने तीन सिद्धांत दिए हैं:

1. प्यार का एहसास होना अच्छा है

आप किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार करते हैं जिसे आपमें रूचि नहीं है लेकिन आप उससे वह प्यार हासिल करना चाहते हैं जो दोस्ती के रिश्ते में आप कभी नहीं पा सकते हैं. उदाहरण के लिए एकतरफा प्यार और वास्तविक प्यार दोनों में किसी के लिए पागल होना आम बात है. किसी के साथ रिश्ता जुड़ने का ख्याल और उसका होने का सपना देखना भावनात्मक रूप से अच्छा है बजाय इसके कि कोई ख्याल ही ना आए.

2. खुद को जानने का मौका

एकतरफा प्यार आपके जीवन का एक ऐसा अनुभव है जो एक समय में गलत साबित जरूर हो सकता है लेकिन इससे आपको यह जानने में सहायता मिलती है कि आप कैसे हैं और आपको किस तरह के पार्टनर की जरूरत है.

3. जीत इसी में है

अंत में, शोधकर्ताओं का कहना है कि एकतरफ़ा प्यार देरी से मिलने वाले किसी मुनाफ़े जैसा है. हालांकि यह थोड़ी देर के लिए बेचैन कर देता है लेकिन भविष्य में रिश्ते जुड़ने की संभावना भी इसी से बनती है.

मुझे मेरी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से अट्रैक्शन होता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मुझे मेरी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से अट्रैक्शन होता है. वह लंबा, सुंदर और समझदार लड़का है. कभीकभी लगता है जैसे वह मुझे एक अलग नजर से देख रहा है. मेरी बेस्टफ्रैंड मुझे अपने और अपने बौयफ्रैंड के इंटीमेट मोमैंट्स के बारे में भी बताती है जिन्हें सुन कर मुझे उस लड़के के लिए और ज्यादा फैसिनेशन होने लगी है.

मैं अपनी बेस्टफ्रैंड को धोखा नहीं देना चाहती, उस का दिल दुखाना नहीं चाहती पर अपने इस दिल का क्या करूं. मैं बहुत परेशान हो रही हूं. वह लड़का उस से शायद प्यार भी नहीं करता. लेकिन, मेरा उसे पाने का मतलब होगा अपनी दोस्ती खराब करना. कुछ हैल्प कीजिए.

जवाब

आप की बातें सुन कर यह लव का कम और लस्ट का मामला ज्यादा लग रहा है. आप को अपनी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से सिर्फ अट्रैक्शन है जिस के चलते आप को अपना दिल टूटता हुआ सा लग रहा है जबकि यह ज्यादा से ज्यादा इन्फैचुएशन है और कुछ नहीं. आप को उस लड़के के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए. वह आप की दोस्त से प्यार करता है या नहीं करता इसे ले कर आप अपनी फ्रैंड को सचेत कर सकती हैं, लेकिन खुद उस लड़के के करीब जाने की कोशिश करेंगी तो बेस्टफ्रैंड खो देंगी.

बेहतर यही होगा कि आप अपनी दोस्त के बौयफ्रैंड से दूरी बना कर रखें वरना क्या पता आप की दोस्त ही शक करने लगे, और ऐसे नहीं तो वैसे आप की दोस्ती दांव पर लगे. अट्रैक्शन कम करने के लिए किसी और लड़के पर फोकस करने की कोशिश कीजिए, किसी और ऐक्टिविटी पर ध्यान दीजिए और इस बारे में सोचना बंद कर दीजिए. प्यार को कंट्रोल करना मुश्किल है, अट्रैक्शन को नहीं.

मेरा बौयफ्रेंड अकेले में मुझसे शारीरिक छेड़छाड़ करता है जबकि मैं उस से प्यार की बातें करना चाहती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 20 वर्षीय युवती अपनी ही कक्षा के एक छात्र से प्रेम करती हूं, लेकिन वह मुझ से सेक्सुअल चाहत ही रखता है. मौडर्न होने के कारण मैं हर तरह की ड्रैसेज पहनती हूं. जब भी मैं शौर्ट स्कर्ट, निकर या खुली पोशाक पहनती हूं तो एकांत मिलते ही वह मेरी जांघ, पीठ आदि पर हाथ फेरने लगता है जबकि मैं उस से प्रेमभरी बातें करना चाहती हूं. मना करने पर वह कहता है कि तुम मुझ से प्यार नहीं करती. क्या करूं?

जवाब

आप दोनों एकदूसरे से प्यार करते हैं तो जाहिर है सिर्फ प्रेममयी बातों तक ही प्यार सीमित नहीं रहेगा. हां, कुछ वक्त व जरूरत का खयाल रखना होगा. लेकिन उस के द्वारा आप के शरीर को छेड़ने की कोशिश व न मानने पर प्रेम का वास्ता देने की बात से जाहिर है कि वह आप से शारीरिक संबंध बनाने को उतावला है. साथ ही उस का ध्यान आप की यौन सुंदरता पर है, दिल पर नहीं.

सब से पहले तो यह जान लें कि भूल कर भी उस से संबंध बनाने की गलती न करें, ‘आप प्यार नहीं करती’ जैसी बातों में आ कर भी उसे शरीर न सौंपें वरना पछतावा ही हाथ लगेगा.

उसे समझाएं कि सैक्स शादी के बाद ही ठीक रहता है. अभी तो प्यार चाहिए. अगर न माने तो उस से थोड़ी दूरी बनाएं. जब उसे अपनी गलती का एहसास होगा, अपनेआप ही चला आएगा.

शादी से पहले मंगेतर के साथ सोना मना है क्योंकि…

-शादी एक ऐसा समय है जब लड़का-लड़की एक साथ एक बंधन में बंधकर पूरा जीवन साथ में बिताने का वादा करते हैं. शादी को पुरूष आमतौर पर शारीरिक तौर पर अधिक देखते हैं. शादी का मतलब अधिकतर पुरूषों के लिए सेक्स संबध बनाना ही होता है लेकिन वे ये बात भूल जाते हैं कि शारीरिक संबंध से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक संबंध होता है.

-यदि महिला और पुरूष आत्मिक रूप से एक-दूसरे से संतुष्ट‍ है तो फिर शारीरिक संबंधों में भी कोई दिक्कत नहीं होती. शादी से पहले यानी सगाई के बाद लड़के और लड़की को एकसाथ खूब समय बिताने को मिलता है लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि वे शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बना ले या फिर प्री मैरिटल सेक्सू करें. शादी से पहले संयम बरतना जरूरी है. आइए जानें शादी और संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों को.

सगाई और शादी के बीच में संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातें 

– सगाई के बाद लड़के और लड़की को आपस में एक-दूसरे से मिलना चाहिए और एक-दूसरे को जानना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्हें संयम बरतना भी जरूरी है.

– यदि शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बनाने के लिए लड़का-लड़की में से कोई भी पहल करता है तो दूसरे को मना करना चाहिए नहीं तो इससे इंप्रेशन अच्छा नहीं पड़ता.

– दोनों को समझना चाहिए कि प्री मैरिटल सेक्स से पहले उन्हें आपस में एक-दूसरे को जानने-सूझने का मौका मिला है जिससे वे पहले एक-दूसरे की पसंद-नापसंद इत्यादि के बारे में जान पाएं.

– ये जरूरी है कि मिलने वाले समय को लड़के व लड़की को समझदारी से बिताना चाहिए न कि फिजूल की चीजों में खर्च करना चाहिए.

– शादी से पहले संयम बरतने से न सिर्फ दोनों के रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि दोनों का एक-दूसरे पर विश्वास भी बना रहता है. इसके साथ ही संबंधों में अंतरंगता का महत्व भी बरकरार रहता है.

– प्रीमैरिटल सेक्स में हालांकि कोई बुराई नहीं लेकिन दोनों के रिश्ते पर शादी के बाद मनमुटाव का ये कारण बन सकता है.

– रिश्तों में खुलापन जरूरी है. चाहे तो शादी से पहले आप चीजों को डिस्कस कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ घूम-फिर सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि फिजीकल रिलेशन ही बनाया जाए.

– शादी से पहले फिजीकल रिलेशन से रिश्तों में अवसाद पैदा होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि इसके बाद हर समय मन में एक डर और बैचेनी रहने लगती है. इसीलिए इन सबसे बचना जरूरी है.

– सेक्ससुअल रिलेशंस आपके रिश्ते में करीबी ला भी सकते हैं और दूरी बढ़ा भी सकते हैं इसीलिए कोई भी कदम उठाने से पहले सोच-समझ कर विचार करना आवश्यक है.

शादी से पहले संयम बरतने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि रिश्तों की मजबूती के लिए यह अच्छा है.

मुझे बार-बार सेक्स करने की इच्छा होती है, कोई उपाय बताए ताकि ऐसा न हो?

सवाल

मैं एक 20 वर्षीय युवती हूं. मेरा मन सैक्स करने का करता है. ऐसा कोई उपाय बताएं जिस से सैक्स की फीलिंग न हो?

जवाब

सैक्स की फीलिंग नौर्मल फीलिंग है, लेकिन आप की समस्या से लगता है कि आप इस के बारे में बहुत ज्यादा सोच रही हैं. आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ चेंज करें. फ्रैंड सर्कल में ऐसी फ्रैंड्स के साथ कम रहें जो केवल सैक्स से संबंधित बातें ही करती हों. पौर्न साइट्स न देखें, हैल्दी मनोरंजन से भरपूर किताबें पढ़ें. जैसे ही आप का ध्यान इस ओर डाइवर्ट होने लगे, स्वयं को कहीं और व्यस्त कर लें. सुधार दिखने पर आप को अच्छा लगेगा.

तमाम अध्ययन के बाद यह माना गया है कि दिमाग में आने वाले अश्लील विचार स्वभाविक हैं. अकसर इंसान निरंतर आने वाले इन ख्यालों से बेहद परेशान हो जाता है और उसे लगता है कि इसमें उसी की कोई भूल है जो वह इस प्रकार के विचारों से अपना पिंड नहीं छुड़ा पा रहा है. दूसरी ओर जब यह ख्याल व्यक्ति के काम में भी दखल देते हैं, तब वह खुद को इन्हें रोकने से असमर्थ होने की अवस्था में खुद को ही कोसता है.

परंतु इसमें व्यक्ति को स्वयं को ही दोषी मानना ठीक नहीं है. वैज्ञानिक एवं सामाजिक दोनों पहलू से अश्लील विचार आना महज एक प्रकार के स्वभाव का हिस्सा है. विशेषज्ञों के अनुसार जब कभी बार-बार आने वाले ऐसे विचार व्यक्ति को उत्तेजित करते हैं, तो कई बार वह अंदर से क्रोधित महसूस करता है. उसे लगता है कि शायद उसमें ही कोई कमी है जो वह ऐसे अश्लील विचारों से खुद को बाहर नहीं निकाल पा रहा है.

नीम-हकीमों के चक्कर में पड़ कर कहीं खो न दें मर्दाना ताकत

इन विज्ञापनों के नीचे विज्ञापनदाता के क्लीनिक का पता दिया गया होता है और मिलने का खास दिन भी लिखा होता है. जब विज्ञापन देने वाले नीम हकीमों के क्लीनिकों में मर्दाना ताकत की चाहत लेकर व्यक्ति जाता है, तो पता चलता है की यहाँ ईलाज करने वाला नीम हकीम किसी किराये के छोटे से कमरे में क्लिनिक चलाते हुए मिल जाता है.

मर्दाना ताक़त को बढ़ाने की चाहत लिए पहुंचा व्यक्ति जब अपने मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए इन नीम हकीमों से जांच करने और दवाएं देनें को कहता है. तो क्लिनिक चलाने वाला व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को पैंट की जिप खोलने को कहता है और उसके अंग पर टार्च की लाल-पीली रौशनी छोड़ता है. फिर गहरी सांस लेता है और कहता है की मरीज की बचपन की गलतियों के चलते उसकी मर्दाना ताकत में कमी आ गई है. जिसके चलते उसका अंग टेढ़ेपन का शिकार है और अंग की साइज़ का डेवलपमेंट सही से नहीं हुआ है. इसी कारण से व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सेक्स संबध के दौरान जल्दी ही स्खलित हो जाता है.

अब सामने वाले व्यक्ति की हालत देखते बनती है. वह काफी डर जाता है, कहीं ऐसा न हो की पत्नी उसे छोड़ कर किसी गैर मर्द के साथ भाग जाए. फिर वह व्यक्ति हकीम साहब से उस समस्या का निदान पूंछता है. इस पर वह हकीम अपने दराज से नीली-पीली सीसी निकालता है और कहता है उसे घबराने की जरुरत नहीं है. क्यों की उसकी दवाएं मरीज के सेक्स से जुड़े सारे समस्याओं को छूमंतर कर देगी. मरीज के चेहरे पर कुछ सुकून आता है अब हकीम साहब द्वारा मरीज को ईलाज के खर्च के बारे में बताया जाता है. स्वर्ण भस्म की कीमत 2 हजार से 3 हजार रुपये साथ ही महीने भर के दवा के पुड़ियों की कीमत लगभग 30 हजार रूपये यानी कुल ईलाज का खर्च लगभग 32 से 33 हजार रूपये. महीने भर के दवा की कीमत सुन कर व्यक्ति चौंकता है. लेकिन पत्नी को खुश करने और अपनी खोई हुई मर्दाना ताकत को वापस लाने के लिए हकीम साहब के पास ईलाज के लिए गया व्यक्ति  अपनी जमीन गिरवी रखके या पैसे उधार लेकर भी यह ईलाज शुरू कर देता है.

हकीम साहब की दवा की पुड़िया पहले दिन से ही काम करना शुरू कर देती है. कुछ दिनों तक तो तक तो बहुत अच्छा चल रहा होता है. लेकिन यह दवा भी अपना असर दिखाना बंद कर देती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है. हकीम साहब मरीज की हालत देख कर कहते हैं की अब दवाएं बदलनी पड़ेंगी. इसके लिए शाही ईलाज शुरू करना पडेगा. लेकिन हकीम साहब इस बार के ईलाज की कीमत डेढ़ गुना ज्यादा बताते हैं. सेक्स कूवत बढ़ाने की चाहत लिए व्यक्ति मरता क्या न करता, शाही ईलाज भी शुरू करता है. कुछ दिनों तक उस व्यक्ति को सेक्स में बड़ा मजा आता है. लेकिन इस बार उसके सेक्स की बची खुची ताकत भी चली जाती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है और ईलाज बदलने को कहता है. लेकिन हकीम साहब इस बार हाथ खड़े कर देते हैं. उनका कहना होता है की मरीज ने अपनी मर्दाना ताकत पूरी तरह से खो दी है, अब इसका ईलाज उनके पास नहीं है.

थक हार कर जब वह व्यक्ति सेक्स के किसी माहिर डाक्टर के पास जाता है. तो पता चलता है की उसके अन्दर कोई भी मर्दाना कमजोरी नहीं थी. लेकिन अब वह हकीम साहब के पुड़ियों के असर के चलते अपनी मर्दाना ताकत को खो चुका है. डाक्टर मरीज को कुछ परामर्श देते हैं साथ बहुत सस्ती दवाएं लिखते है. वह व्यक्ति फिर से माहिर डाक्टर की देखरेख में अपना ईलाज शुरू करता है. अब मरीज की मर्दाना ताकत फिर से वापस आने लगती है और कुछ दिनों में वह पूरी तरह से सेक्स के काबिल बन जाता है.

यह स्थितियां कमोबेश सेक्स में कमजोरी का भ्रम पाले सभी व्यक्तियों के साथ होती है. इसका कारण है है की व्यक्ति हकीम के लच्छेदार विज्ञापनों के भ्रमजाल में फंस जाता है. दूसरा इन हकीमों की क्लिनिक ऐसी जगह पर होती है ईलाज कराने वाले को जान पहचाने वाले आते जाते देख भी नहीं पाते है. लेकिन नीम-हकीमों के क्लीनिकों में ईलाज कराने वाले मरीज अपनी बची-खुची मर्दाना ताकत भी खो बैठते हैं. ऐसे में उनके पास पछताने के सिवा कोई चारा भी नहीं होता हैं.

क्या है नीम हकीमों के दवा के पुड़ियों की असलियत – सेक्स क्लिनिक चलाने वाले एक हकीम ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की वह मर्दाना ताकत को बढ़ाने के नाम पर दी जाने वाली पुड़ियों में वियाग्रा जैसी दवाएं मिला देते है. इसी लिए उनका ईलाज महंगा होता है. व्यक्ति को लगता है की हकीम साहब की पुड़िया के चलते सेक्स की ताकत में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन सब कमाल वियाग्रा जैसी दवाओं का होता है, वहीँ शाही ईलाज क्या होते होता है पूंछने पर उस हकीम ने बताया की उसमें ऐसा कुछ नहीं होता है. बस वियाग्रा जैसी दवाओं का डोज बढ़ा दिया जाता है जिससे व्यक्ति को ज्यादा मजा आने लगता है.

हकीमों के चक्कर में पड़ खो सकते हैं अपनी मर्दाना ताकत- सेक्स के माहिर डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की हकीमों से ईलाज के चक्कर में पड़ कर कई लोग जब पूरी तरह से अपनी मर्दाना ताकत खो बैठते हैं. जब उनके पास वह ईलाज के लिए आते है ऐसे में इन मरीजों का ईलाज बहुत कठिन हो जाता है.

सेक्स की ज्यादातर समस्या दिमागी – डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की सेक्स से जुडी ज्यादातर समस्याएं दिमागी होती है. इसमें अंग का छोटापन, टेढ़ापन, जल्दी स्खलित होंने जैसी समस्याएं ज्यादा शामिल हैं. जब की इन समस्याओं का ईलाज बिना किसी दवा के ही किया जा सकता है. इसके लिए सेक्स के किसी माहिर डाक्टर से मिलने भर की जरुरत होती है. अगर डाक्टर को लगता है समस्या में दवा देनें की जरुरत है तभी वह दवा लिखता है. नहीं तो सेक्स की ज्यादातर समस्या परामर्श से ही ठीक हो जाती है.

करोड़ों का सेक्स के भ्रामक विज्ञापनों का खर्च- नीम हकीमों के कमाई का अंदाज हम इसी बात से लगा सकते हैं की ये लोग करोड़ों रूपये खर्च करके दीवालों, अखबारों और टीवी जैसे माध्यमों पर अपना विज्ञापन करवाते हैं.

कानून के दायरे को तोड़ कर चलती हैं नीम-हकीमों की दुकानें – मर्दाना ताकत का ईलाज करने के नाम पर चलने वाले ज्यादातर क्लिनिक कानून का पालन नहीं करते हैं. इन क्लीनिकों में ज्यादातर रजिस्टर्ड ही नहीं होते हैं और ज्यादातर के पास कोई डिग्री ही नहीं होती है. कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो हफ्ते के सातो दिन अलग-अलग नाम से अलग – अलग जगहों पर अपनी क्लिनिकें भी चलाते हैं. उत्तर प्रदेश में इस तरह के हकीमों का पूरा जाल फैला हुआ है.

इसमें हकीम एम जुनैद क्लिनिक, हाशमी दवाखाना , पीके जैन जैसे हजारों क्लिनिक मिल जातें हैं. इस तरह के नीम हकीमों द्वारा सेक्स के ईलाज के नाम पर ठगी के मामले में आई पी एस अमिताभ ठाकुर और उनकी एक्टिविस्ट पत्नी नूतन ठाकुर ने 20 क्लीनिकों के खिलाफ वर्ष 2013 में एफ आई आर भी दर्ज कराया था. इसमें मशहूर हाशमी दवाखाना के हकीम ताजुद्दीन हाशमी व डॉ. पीके जैन क्लीनिक के डॉ. पीयूष जैन का नाम भी शामिल था. इन लोगों पर दवाओं और चमत्कारिक (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954  के तहत मुकदमें दर्ज हुए थे.

इस लिए जब भी आप को लगे की आप की मर्दाना ताकत घट रही है या आप सेक्स में कमजोर पड़ रहें है तो सेक्स के किसी माहिर डाक्टर की देखरेख में ही अपना ईलाज कराएं .

सेक्स करने के बाद मेरे यूटरस में काफी दर्द होने लगा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 साल की युवती हूं. कुछ दिनों पहले मैने अपने बौयफ्रैंड के साथ सेक्स किया था. हालांकि इस दौरान बौयफ्रैंड ने कंडोम का प्रयोग कर सेक्स किया पर दूसरे दिन सुबह मेरे यूटरस में दर्द होने लगा और मुझे बुखार भी हो गया. अत: बताएं कि सुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी दर्द क्यों हुआ?

जवाब

सेक्स संबंध हमेशा सुरक्षित ही बनाना चाहिए. सेक्स क्रिया में कंडोम एक सरल व सहज गर्भनिरोधक है, जिस से अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सकता है.

यूटरस में दर्द और बुखार होने का सुरक्षित सेक्स संबंध बनाने से कोई वास्ता नहीं है. संभव है कि आप के साथ कोई अंदरूनी वजह रही होगी. बेहतर होगा कि आप अपने डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

अच्छी बात नहीं सैक्स में नानुकुर

आज यह लगातार चौथी रात थी जब सुरभि बिस्तर पर आने के बाद तकरीबन घंटाभर अपने मायके वालों से ले कर दोस्तों तक फोन पर लगी रही थी. टैलीविजन देख रहा उस का मर्द विवेक उस से बीचबीच में जोकुछ भी कहता, उस का वह ‘हांहूं’ में जवाब देती जाती. यही करतेकरते उसे खर्राटे आने लगे. विवेक ने मन मसोस कर टैलीविजन बंद किया और बगल में लेट गया.

आधी रात को जब विवेक की आंख खुली तो उस ने अपने में कड़ापन पाया. उसे सैक्स की तलब हो रही थी. उस ने सुरभि को जगाना चाहा लेकिन उस ने अपना रोज का ‘सोने दो न…’ वाला डायलौग बोल दिया.

झल्ला कर विवेक को आज भी खुद से ही काम चलाना पड़ा और वह नाराज मूड लिए ही सो गया.

इस तरह की हालत केवल विवेक की ही नहीं है बल्कि हर दूसरे घर में मर्दों को अपनी औरतों की यह ‘न’ झेलनी पड़ती है.

औरतों की सैक्स को ले कर नानुकर या इस के बल पर अपने मर्द को ब्लैकमेल करने की यह आदत अकसर अच्छेखासे रिश्ते को खराब कर देती है. ऐसा करना खुद औरतों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है.

बारबार सैक्स के लिए मना करने से औरत के साथी को लगने लगता है कि शायद उस में कोई कमी है जिस के चलते ही औरत को उस के साथ सैक्स करने में मजा नहीं आ रहा है. इस से जिंदगी के प्रति उस की चाहत कम हो सकती है.

अगर सैक्स के दौरान सचमुच औरत को अपने साथी की कोई बात खटके तो वह उसे सीधे शब्दों में बताए ताकि उस का हल निकाला जा सके.

लगाव कम होना

अपने साथी से लगातार सैक्स संबंध न बनाना या बहुत कम यानी महीने में 1-2 बार बनाना मर्दऔरत दोनों के रिश्ते में कड़वाहट घोल सकता है. सैक्स के दौरान मर्दऔरत जितने घुलतेमिलते जाते हैं, वैसा किसी और मौके पर होना अकसर मुश्किल होता है.

नए रिश्ते बनाना बुरा नहीं है लेकिन बारबार नएनए रिश्ते बनाना न आसान होता है और न ही अच्छा, इसलिए अगर औरत को अपना रिश्ता प्यारा है तो वह उसे और मजबूत करने पर ध्यान दे.

जिस तरह कोई गायक रियाज करना छोड़ दे तो वह गाना भी भूलने लगता है, उसी तरह सैक्स कम करने से सैक्स की चाहत में भी कमी आनी शुरू हो जाती है. वैसे, सैक्स करने से नीचे खून का दौरा सही रहता?है, पेशाब पर जोर बढ़ता है.

शक को जन्म देना

जी हां, औरत की रोजरोज की यह नानुकर उसे इस तरह की समस्या से भी दोचार करा सकती है खासकर अगर वह कामकाजी औरत है. फिर वह चाहे जो भी बहाने बना ले, अपने साथी को बिस्तर पर समय न देना उस के मन में यह शक पैदा करेगा कि उस की औरत की जिस्मानी जरूरतें कहीं और से पूरी हो रही हैं. मर्द का इस बात का गुस्सा दूसरे मौकों पर निकलने लगेगा जो घर में कलह की वजह बनेगा.

न करें ये गलतियां

कई औरतों को अकसर अपना बदन एक हथियार जैसा लगने लगता है. सासससुर, ननद वगैरह से नोकझोंक की हालत में वे अपने पति को सैक्स के नाम पर धमकाना शुरू कर देती हैं. साथी अगर बौयफ्रैंड है तो मामला खर्च, औफिस जैसे मसलों पर टिक जाता है.

औरत को यह समझना होगा कि सैक्स केवल मर्द की गरज नहीं है, बल्कि औरत को भी सैक्स की उतनी ही जरूरत होती है. अगर ऐसा नहीं होता तो ‘पति के अंग में तनाव कम होता है’ जैसे मुद्दों पर घर नहीं टूटते. सैक्स को ले कर ब्लैकमेल करने की आदत औरत को एक दिन किसी लायक नहीं छोड़ती है.

बिना वजह ‘न’ कहना

ऐसा हो सकता है कि किसी दिन या कुछ दिनों तक औरत सैक्स के लिए तैयार न हो, पर इस की सही वजह होनी चाहिए. ‘थकी हुई हूं’ जैसी बातें हमेशा अच्छी नहीं लगतीं. औरत का साथी भी उसी की ही तरह थका हुआ होता है. इस के अलावा एक कामयाब सैक्स औरत की थकान भी उतारेगा, इस को भी समझें.

प्यार भरी छेड़छाड़ तक तो ठीक है लेकिन औरत का साथी अगर उस से सैक्स करने के लिए चिरौरी कर रहा है, तो यह सोच कर मजे लेना शुरू न करें. इस का भारी खमियाजा भी भुगतना पड़ सकता है. लिहाजा, सैक्स करने का मजा लें और अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाएं.

मैंने पिछले दिनों 2-3 बार गर्लफ्रैंड के साथ बिना कंडोम लगाए सेक्स कर लिया, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 24 साल का हूं और मेरी गर्लफ्रैंड 25 साल की. मैं ने पिछले दिनों 2-3 बार गर्लफ्रैंड के साथ बिना कंडोम लगाए सेक्स किया. गर्लफ्रैंड ने हालांकि 72 घंटे की मैडिकल लिमिट के अंदर ही इमरजैंसी कौंट्रासैप्टिव पिल ली पर अब हम दोनों की ही टैंशन बढ़ गई है. गर्लफ्रैंड को 20 से 27वें दिन के बीच पीरियड्स आता है, जो इस बार नहीं आया. क्या वह प्रैगनैंट है?

जवाब-

कंडोम की तरह ही इमरजैंसी पिल्स गर्भधारण रोकने का एक माध्यम हैं. मगर इन्हें आमतौर पर तब लिया जाता है जब सेक्स संबंध अनायास बन जाए और उस दौरान गर्भनिरोध के किसी भी तरीके को अपनाया न जाए. इमरजैंसी कौंट्रासैप्टिव पिल को सेक्स के बाद 72 घंटे के अंदर लेना होता है. 72 घंटे से पहले इसे लेने से गर्भ ठहरने की संभावना को काफी हद तक टाला जा सकता है.

संभव है कि आप की गर्लफ्रैंड को इमरजैंसी पिल लेने की वजह से उस के रक्त में मौजूद हारमोंस का संतुलन बिगड़ गया हो. संभव यह भी है कि उस का मासिकधर्म लेट हो.

बेहतर होगा कि आप अपनी गर्लफ्रैंड से कहें कि वह यूरीन प्रैगनैंसी टैस्ट कर ले. यह घर पर भी आसानी से किया जा सकता है.

सेक्स में उतावलापन या जल्दबाजी सही नहीं होती और बिना कंडोम यौन संबंध बनाना नई मुसीबत को जन्म देता है. इसलिए आगे से जब भी सेक्स संबंध बनाएं कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें ताकि आप दोनों ही बिना किसी भय के सेक्स का आनंद उठा सकें और बाद में भी कोई टैंशन न हो.

मेरे बौयफ्रेंड ने मेरे साथ सेक्स करते हुए जरूरी ऐहतियात नहीं बरता, अब मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 21 वर्षीय युवती हूं. पिछले कई महीनों से मैं अपने बौयफ्रैंड के साथ उस के फ्लैट पर जाया करती थी. वहां हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए. इस दौरान बौयफ्रैंड ने जरूरी ऐहतियात नहीं बरता, बल्कि मेरे बारबार आग्रह करने पर वह मुझ से नाराज हो जाता था. मैं मजबूर थी कहीं मैं उसे खो न दूं. लेकिन अब मुझे डर है कि कहीं मैं प्रैगनैंट न हो जाऊं. अब मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

यदि संबंध बनाने के बाद आप को मासिकधर्म नहीं हुआ है तो डरने की जरूरत है. मासिकधर्म न होने पर आप प्रैगनैंसी टैस्ट किट का इस्तेमाल कर के जांच कर सकती हैं. यह जांच आप घर पर खुद भी कर सकती हैं. यदि जांच के बाद किट में 2 लाल लकीरें दिखें तो आप जल्द ही डाक्टर से कंसल्ट करें. यदि आप के और आप के बौयफ्रैंड के बीच रिलेशन गहरे हैं तो आप को जल्द ही शादी कर लेनी चाहिए. यदि आप का बौयफ्रैंड शादी के लिए राजी नहीं है तो उस के न कहने की वजह जानने की कोशिश करें और उस के हाथों इमोशनली ब्लैकमेल होने से बचें. यदि आप अपनी इच्छा से संबंध बनाती हैं तो हर हाल में प्रोटैक्शन यूज करें.

मेरी शादी हुए 8 वर्ष हो गए हैं लेकिन मेरे पति मुझे बातबात पर डांटा करते हैं, मै क्या करूं?

सवाल-

मैं 38 वर्षीया हूं, शादी हुए 8 वर्ष हो गए हैं. शुरुआत में तो पति मेरी बहुत केयर करते थे लेकिन अब वे मुझे बातबात पर डांटा करते हैं, आनेजाने वालों के सामने मेरी बेइज्जती करते हैं. इस से मेरा मन बहुत दुखी होता है. आप बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

शादी के बाद के जीवन की शुरुआत में हम किसी के स्वभाव से उस के व्यक्तित्व को नहीं जान पाते, धीरेधीरे जब हम उस की आदतों से वाकिफ होते हैं तब उस के व्यक्तित्व की असली पहचान हो पाती है.

आप के पति में शायद ईगो बहुत है और वे समझते हैं कि वे ही सबकुछ हैं. इसलिए वे आप को सब के सामने अपमानित करते हैं. उन्हें लगता है कि इस से दूसरों पर यह प्रभाव पड़ेगा कि उन की घर में कितनी चलती है. ऐसे में आप उन्हें समझाएं कि उन का ऐसा रवैया आप को बिलकुल अच्छा नहीं लगता और अगर वे फिर भी न सुधरें तो आप सख्ती अपनाएं, न कि घुटघुट कर जिएं. अगर आप खुद को अबला दिखाएंगी तो हर कोई आप पर हावी होगा ही, इसलिए हिम्मत से इस परिस्थिति का मुकाबला कर पति को ट्रैक पर ले आइए.

मेरी पत्नी काफी खूबसूरत है और सब मेरी पत्नी की तारीफ करते हैं पर मेरी नहीं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी पत्नी काफी खूबसूरत है और जब भी कोई हमारे घर आता है तो वह मेरी पत्नी की खूबसूरती की तारीफ किए बिना नहीं रह पाता. मुझे पत्नी से चिढ़ होने लगी है, क्योंकि उस के कारण कोई मेरी तरफ देखता भी नहीं है. समझ नहीं आ रहा है कि मेरी सोच सही है या नहीं?

जवाब-

आप को तो खुश होना चाहिए था कि आप की वाइफ इतनी खूबसूरत है. असल में ऐसी भावना मन में तब आती है जब दोनों में से एक कम खूबसूरत होता है और हम उसे देख कर बस, यही सोचते हैं कि काश, हम भी इतने खूबसूरत होते कि सैंटर औफ अट्रैक्शन बन पाते. लेकिन आप को यह समझना होगा कि यह सब कुदरत का दिया हुआ होता है जिस पर हमारा बस नहीं चलता. इसलिए इसे पौजिटिव लेते हुए खुशी से जिएं.

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