Writer- मीनू विश्वास
अगले ही दिन मारिया ने वीजा के लिए तत्काल में आवेदन किया. 10 दिनों में यूएस का मल्टिपल ऐंट्री वीजा मिल गया. इन 10 दिनों में मार्गरेट को डाक्टर राजन के हौस्पिटल में दाखिल करवा दिया. हालांकि यह एक दिल पर पत्थर रख कर लिया जाने वाला निर्णय था पर लेना भी तो जरूरी था. जाने से एक दिन पहले ऐंजेल को डैविड की बड़ी सिस्टर जो जयपुर में ही रहती थी उन के पास छोड़ दिया ताकि उस का खयाल रखें और पढ़ाई में कोई नुकसान न हो. औफिस की सारी जिम्मेदारी डैविड के खास दोस्त और कंपनी के चार्टर्ड अकाउंटैंट उमेश को सौंप मारिया अब तैयार थी आगे की लड़ाई के लिए. फ्लाइट में मारिया सोच रही थी कि पता नहीं न्यूयौर्क पहुंच क्या सुनने और जानने को मिले. विमान में बैठे घर और बच्चों की चिंता से मन भारी हो रखा था. एअरपोर्ट पर सुजन मारिया का इंतजार कर रही थी.
सुजन को देखते ही मारिया उस के गले से लिपट गई. दोनों एकदूसरी से 10 साल बाद मिल रही थीं. एअरपोर्ट से सुजन का घर आधे घंटे की दूरी पर था. सुजन ने मारिया से कहा, ‘‘इतने सालों बाद अचानक तुम से मुलाकात होने पर बहुत खुशी हो रही है.’’ मारिया ने जवाब में कहा, ‘‘क्या बताऊं तुम्हें… मेरी तो दुनिया ही उलटपलट हो गई है.’’
रास्ते में मारिया ने सुजन को मार्गरेट के बारे में सब कुछ बता दिया, फिर बोली, ‘‘इसी सिलसिले में यहां मार्गरेट की दोस्त एमिली से मिलने आई हूं… जानना चाहती हूं कि क्या हुआ इन 3 सालों में, जिस ने मेरी हंसतीखिलखिलाती बच्ची के चेहरे से हंसी ही छीन ली है.’’ सुजन को यह सब जान कर बेहद दुख हुआ. उस ने मायूसी भरे स्वर में कहा, ‘‘काश मैं कुछ कर पाती… मैं तो यहीं थी पर मुझे कुछ मालूम ही नहीं चला.’’
अगली सुबह मारिया की मुलाकात एमिली से तय थी. पूरी रात मारिया ने एक भय के साए में बिताई कि न जाने सुबह क्या सुनने को मिले. मारिया एमिली के बताए पते पर पहुंच गई. रविवार का दिन था. एमिली की छुट्टी का दिन था. वह एक न्यूज एजेंसी में पत्रकार थी. एमिली और मार्गरेट एक ही कालेज में साथ पढ़े थे. एमिली ने जर्नलिज्म का कोर्स किया था और मार्गरेट ने मैनेजमैंट का. जर्नलिज्म का कोर्स करते हुए एमिली ने कामचलाऊ हिंदी भी सीख ली थी. दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती थी. एमिली ने मारिया को सोफे पर बैठने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘हैलो मारिया नाइस टु सी यू.’’
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मारिया ने समय न गंवाते हुए सीधे एमिली से प्रश्न किया, ‘‘एमिली, आई हैव कम औल द वे टु नो अबाउट माई चाइल्ड मार्गरेट…प्लीज टैल मी इन डिटेल.’’ एमिली ने थोड़ी टूटीफूटी हिंदी में बताना शुरू किया, ‘‘वह मेरी रूममेट थी. हम एकदूसरे से काफी बातें शेयर करते थे. फर्स्ट ईयर तो हंसतेखेलते निकल गया. मार्गरेट ने कालेज में अपने अच्छे स्वभाव से अपनी बहुत अच्छी इमेज बना ली थी. वह पढ़ाई में तो होशियार थी ही, साथ ही ऐक्स्ट्रा ऐक्टिविटीज में भी.
‘‘रूथ एक अमेरिकन लड़का था जो मार्गरेट को पसंद करता था. दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती भी थी. एक ही क्लास में थे. रूथ कालेज में बहुत पौपुलर था. उस की इमेज कुछ प्लेबौय जैसी थी पर वह मार्गरेट को पसंद करता था. मगर मार्गरेट का लक्ष्य पढ़ाई कर वापस जाना था. अत: उस ने रूथ को कभी सीरियसली नहीं लिया. पर रूथ उसे इंप्रैस करने की हमेशा कोशिश करता. हर रोज मार्गरेट को एक गुलाब का फूल देता था. हम सब जानते थे मार्गरेट को गुलाब का फूल बेहद पसंद है. ‘‘लास्ट सैम से पहले कालेज इलैक्शन के दौरान मार्गरेट और रूथ को नौमिनेट किया गया, कालेज प्रैसिडैंट की पोस्ट के लिए और जैसाकि हम सब जानते थे मार्गरेट इलैक्शन जीत गई. रूथ को दुख तो हुआ पर उस ने मार्गरेट को बधाई दी. मार्गरेट की जीत की खुशी में रूथ ने एक पार्टी और्गनाइज की जिस में केवल कुछ दोस्तों को ही बुलाया गया,’’ कहतेकहते एमिली रुक गई और रोने लगी.
मारिया की समझ में कुछ नहीं आ रहा था. उस ने एमिली से रिक्वैस्ट की ‘‘एमिली प्लीज मुझे सारी बातें बताओ… तुम ऐसे अचानक क्यों रोने लगी.’’ एमिली ने 1 घूंट पानी पीया और आगे बताना शुरू किया, ‘‘मार्गरेट जब रूथ के चंगुल से निकल कर आई तब उस ने मुझे बताया कि उस के साथ क्या गुजरी. अब तक हम सब रूथ को बस एक मदमस्त लड़के के रूप में जानते थे. पार्टी के बाद रूथ ने मार्गरेट को रुकने को कहा. अपनी दोस्ती का वास्ता दिया. मार्गरेट एक अच्छे दोस्त की तरह रूथ की बातों में आ गई. कहीं न कहीं मार्गरेट भी रूथ को पसंद करती थी. शायद यही कारण था कि वह उस की बातों में आ गई. फिर कोई अपने दोस्त पर शक करे भी तो कैसे? मार्गरेट भी तो अनजान थी रूथ के इरादों से.
‘‘पार्टी में सभी ने शराब पी. हालांकि मार्गरेट ने सिर्फ बियर ही पी थी पर न जाने कैसे बेहोश हो गई. जब आंखें खुली ने उस ने स्वयं को एक छोटे से गंदे से कमरे में पाया. स्टोररूम जैसा लग रहा था. मार्गरेट को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह उस कमरे में कैसे आई. घबराहट में उस की आंखों से आंसुओं की धारा बहने लगी. तभी दरवाजा खुलने की आवाज आई. सामने रूथ को देख उस की जान में जान आई. वह झट रूथ के गले लग गई. मगर रूथ ने उसे अपने से अलग करते हुए धक्का देते हुए कहा कि स्टे अवे. ‘‘मार्गरेट की समझ से परे था ये सब. वह सोच रही थी कि जिस लड़के ने एक दिन पहले उस की जीत की खुशी में पार्टी दी वही आज उस से इतनी बेरुखी से क्यों पेश आ रहा है? मार्गरेट ने फिर मदद की गुहार लगाई पर रूथ के कानों में तो जूं तक नहीं रेंग रही थी. अचानक उस ने मार्गरेट पर झपट्टा मारा और मार्गरेट के बदन से कपड़ों को नोच कर अलग कर दिया. मार्गरेट दया की गुहार लगाती रही और रूथ उस की इज्जत से खेलता रहा. मार्गरेट ने छूटने की बहुत कोशिश की, गिड़गिड़ाई पर जैसे रूथ तो एक आदमखोर भेडि़ए की तरह मार्गरेट को नोचने में लगा था.
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बहुत कोशिशों के बाद भी मार्गरेट स्वयं को बचा न सकी. जब रूथ का दिल भर गया तो वह उसे वहीं कमरे में छोड़ जाने लगा. उस के चेहरे पर कुछ अजीब से भाव थे जैसे वह अपनी जीत का जश्न मना रहा हो. मार्गरेट को अब तक कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर रूथ ऐसा कर क्यों रहा था उस के साथ. जातेजाते रूथ अपने साथ मार्गरेट के कपड़े भी ले गया. ‘‘नग्नावस्था में मार्गरेट ने 1 नहीं, 2 नहीं पूरे 3 हफ्ते बिताए. रूथ का जब मन करता कमरे में आता और मार्गरेट की आबरू को छलनी कर वहां से ऐसे चला जाता जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो. मार्गरेट के आसुओं का, उस की विनती का कोई असर नहीं होता. उसे तो केवल अपनी हवस ही सर्वोपरी थी. उस ने जीतेजी एक लड़की को निर्जीव बना दिया था वह भी केवल अपने घमंड को ऊंचा रखने के लिए. रूथ मार्गरेट का इस्तेमाल एक सैक्स टौय के रूप में कर रहा था,’’ कहतेकहते एमिली फिर रुक गई.
यह सब सुनना मारिया के लिए एक नर्क से गुजरने जैसा था. मार्गरेट की चीखें जैसे मारिया के कानों को भेदते हुए उस के शरीर को तारतार कर रही थीं. मारिया का केवल कल्पनामात्र से शरीर सुन्न पड़ गया था. न जाने मार्गरेट ने इन कठिन परिस्तिथियों का सामना किस प्रकार किया होगा… मारिया ये सब सुन कर पूरी तरह से ब्लैकआउट हो गई थी. आज उसे बेहद पछतावा हो रहा था कि उस ने मार्गरेट को अमेरिका पढ़ने ही क्यों भेजा… वह सोच रही कि मार्गरेट इतने कठिन दौर से गुजरी और उस ने इस दर्द को किसी के साथ बांटा भी नहीं. मार्गरेट ने इस दर्द को अकेले सह साहसी होने का परिचय तो दिया था पर इस दर्द और तकलीफ ने उसे जीतेजी मार डाला था.