सेक्सुअली आइसोलेट रहने का वक्त

सेक्स में खुलापन जरूरी है. जितना इसे मन के अंदर दबाएंगे उतना ही यह उभर कर सामने आएगा, लेकिन सेक्स भी अब संभल कर करना होगा. सेक्स करने से पहले अपने को तैयार करना जरूरी होता है. लेकिन सेक्स के बाद भी आप को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन में सब से अहम है सेक्सुअल आइसोलेशन.

अकसर हमारे देश में अपने प्राइवेट पार्ट के बारे में लोग नहीं सोचते. आइसोलेशन का महत्त्व नहीं समझते. उन का ध्यान उस तरफ नहीं जाता, क्योंकि ये बातें बचपन में भी नहीं सिखाई जातीं. लेकिन अब वक्त बदल रहा है. ऐसे में आप को सेक्सुअली आइसोलट होना बहुत जरूरी है. पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी की चपेट में है. सोशल डिस्टैंसिंग पर जोर दिया जा रहा है. ऐसे में सेक्स करते समय कैसे सुरक्षित रहें इस पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर मैं सेक्स करता हूं तो क्या मुझे कोरोना हो जाएगा?

आप के जेहन में यह बात कई बार आई होगी, लेकिन आप शर्मिंदगी के डर से यह पूछ नहीं पा रहे हैं तो आइए हम आप को बताते हैं कि कैसे बचें कोरोना से सेक्स करते समय. रिलेशनशिप पर असर अगर आप रिलेशनशिप में हैं और किसी शख्स के साथ रह रहे हैं तो थोड़ी दूरी बना कर रहिए. अगर आप में से किसी को भी कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो अपने को आइसोलेट कर लेना चाहिए. इस में पार्टनर को बुरा नहीं मानना चाहिए. इस से दोनों सुरक्षित रहेंगे.

ध्यान रहे सेक्स का मजा तभी ले पाएंगे जब आप बचे रहेंगे. किस पर पाबंदी लगाएं अब आप को किस करने से पहले सोचना पड़ेगा. पहले तो किस को प्यार की निशानी माना जाता था. लेकिन अब यह एक भयानक बीमारी का रास्ता भी हो सकता है. इस का मतलब यह नहीं कि आप किस करें ही न. किस करें लेकिन वो सांकेतिक होना चाहिए. हां अगर आप में खांसीजुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं और आप जानते हैं कि आप ने हाल में ही किसी को किस किया है तो आप को उन्हें यह बात बता देनी चाहिए.

अगर आप ने किसी ऐसे को किस किया है जिस में अब लक्षण दिख रहे हैं तो आप को खुद को सैल्फ आइसोलेशन में डाल लेना चाहिए. अगर आप किसी के जननांग छूते हैं तो यह मुमकिन है कि आप ने उसे किस भी किया हो. आप को मालूम है कि यह वायरस सलाइवा से फैलता है. अत: किस करना जोखिम भरा है. ऐसे में जिस पार्टनर के साथ आप रह नहीं रहे हैं उन के साथ कौंटैक्ट मत रखिए. अच्छी सेक्स लाइफ जीएं इस महामारी ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि एक अच्छी सेक्स लाइफ क्या है.

इस बीमारी के कारण जो लोग आइसोलेशन में हैं वे इस मौके और दूरी का फायदा उठा रहे हैं. वे क्रिएटिव हो गए हैं. अगर आप और आप के पार्टनर को एक ही घर में आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है तो इस दौरान आप अपने पार्टनर के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं. एकदूसरे की पसंदनापसंद को समझ सकते हैं. दूर रहिए लेकिन दिल को जोड़े रखिए. इंटर कोर्स में सावधानी बरतें कोरोना किसी को पहचानता नहीं. वह तो बस एक रास्ता खोजता है.

इंटरकोर्स की वजह से किसी भी तरह के इंफैक्शन का खतरा न रहे इस के लिए आप को सतर्क रहना पड़ेगा. यानी साफसफाई से जुड़ी कुछ बातों को अपनी आदत में शुमार कर लेना चाहिए. सेक्स लाइफ में सेक्सुअल हाइजीन उतनी ही जरूरी है जितना कि हमारे जीवन में साफसफाई. एक सेहतमंद दांपत्य जीवन के लिए यौन संबंधों से पहले और बाद में सफाई रखना जरूरी है.

अकसर लोग सेक्सुअल हाइजीन के बारे में कम ही ध्यान देते हैं जिस से यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन का खतरा दोनों ही पार्टनर को बना रहता है. इसलिए साफसफाई का ध्यान रखना चाहिए. सेक्स के बाद आप दोनों को कितनी ही नींद क्यों न आ रही हो लेकिन अगर आप हाइजीन से समझौता करेंगे तो आप को इंफैक्शन होने की आशंका बढ़ जाएगी. यहां यह भी ध्यान देना होगा कि आप को या आप के पार्टनर को सर्दीजुकाम तो नहीं हुआ है.

ऐसे में आप को आइसोलेट करना ही होगा क्योंकि थोड़े से मजे के लिए जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते. सेक्सुअल वाशिंग सेक्स से पहले और सेक्स के बाद अच्छी तरह से हैंड वाश करना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि बैक्टीरिया और कीटाणु आमतौर पर हमारे हाथों से ही फैलते हैं. सेक्स के दौरान अकसर हम अपना या पार्टनर का जैनिटल एरिया पेनिट्रेट करने के लिए हाथों का इस्तेमाल करते हैं.

ऐसे में अगर आप के हाथ गंदे होंगे तो प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरिया ट्रांसफर होने का खतरा बना रहेगा. लिहाजा सेक्स से पहले और इंटरकोर्स के बाद हाथों को अच्छी तरह से रगड़ कर करीब 20 सैकेंड तक साफ करें. यौन संबंध बनाने से पहले और बाद में अपने जननांगो को अच्छी तरह साफ जरूर करें. संक्रमित प्राइवेट पार्ट सेक्स के बाद अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करना भी बेहद जरूरी है. किसी भी तरह के बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए बेहद जरूरी है कि इंटरकोर्स के बाद पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई की जाए. आप चाहें तो पानी के साथ माइल्ड साबुन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन अगर आप की स्किन सैंसिटिव है तो आप को इरिटेशन की समस्या हो सकती है. प्राइवेट पार्ट की सफाई के लिए फैंसी लोशन या परफ्यूम का इस्तेमाल करने की बजाए कुनकुने पानी से इसे धोएं.

पार्टनर संग इंटरकोर्स के बाद जब आप बाथरूम में क्लीनिंग के लिए जाएं तो टौयलेट करना न भूलें. इस का मकसद यह है कि आप का ब्लैडर खाली होना चाहिए क्योंकि अगर सेक्स के दौरान किसी तरह का बैक्टीरिया आप के यूरेथा तक पहुंच गया होगा तो टौयलेट के दौरान वह शरीर से बाहर निकल जाएगा. सेक्स के बाद एक गिलास पानी पी कर मन को शांत कर सकते हैं. कौंडम ही बचाव है कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में लौकडाउन है. कौंडम बनाने वाली कंपनियां भी इस से अछूती नहीं हैं. ऐसे में कौंडम की सप्लाई कम हो रही है दुनियाभर में इस की भारी कमी हो गई है, जिस से बाजार में लोगों को यह नहीं मिल पा रहा है.

अगर आप भी इस स्थिति से गुजर रहे हैं तो कामेच्छा पर काबू रखें. लाइफ पार्टनर से खुल कर इस विषय पर बात करें. दोनों मिल कर रास्ता ढूंढ़ें. अगर आप सेक्सुअल अर्ज को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं तो वह कई तरह से इस पर नियंत्रण पाने में आप की मदद कर सकती हैं. अपने विचारों पर काबू करने की कोशिश करें. हर बार यौन संबंधों के बारे में सोचेंगे तो आप की कामेच्छा को काबू करना नामुमकिन हो जाएगा. बेहतर यही है कि जब भी ऐसा कोई खयाल आए तो दिमाग को तुरंत किसी और थौट की ओर डायवर्ट करने की कोशिश करें. सेक्सुअल ऊर्जा को किसी क्रिएटिव कार्य में लगा दें.

रोमांस और प्यार का मतलब सिर्फ यौन संबंध ही नहीं होता है. मोटे पुरुष और महिला दूर ही रहें कुछ दिनों पहले हुई एक स्टडी से पता चलता है कि पुरुष जिन का वजन अधिक होता है वे ज्यादा सेक्स करते हैं. ऐंगलिया रस्किन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटेन के करीब 5 हजार सेक्सुअली ऐक्टिव पुरुषों का विश्लेषण किया है और फिर इस नतीजे पर पहुंचे कि मोटे पुरुष, दुबले-पतले पुरुषों की तुलना में ज्यादा सेक्स करते हैं. सिर्फ पुरुषों में ही नहीं बल्कि महिलाओं में भी यही बात देखने को मिली.

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि ओवरवेट महिलाओं ने भी कम वजन वाली महिलाओं की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा सेक्स किया. कोरोना के प्रकोप से बचे रहें इसलिए मोटे लोग सेक्स विचारों से बचें.

अगर आप भी हैं सेक्स एडिक्ट तो हो जाइए अलर्ट

क्या है सेक्स ऐडिक्शन ?  

सेक्स ऐडिक्शन आउट औफ कंट्रोल हो जाने वाली सेक्शुअल ऐक्टिविटी है. इस स्थिति में सेक्स से जुड़ी हर बात आती है चाहे पौर्न देखना हो, मास्टरबेशन हो या फिर प्रौस्टिट्यूट्स के पास जाना, बस यह एक ऐसी ऐक्टिविटी होती है जिस पर इंसान का कंट्रोल नहीं रहता.

क्या हैं लक्षण?

सेक्स थेरेपिस्ट के साथ रेग्युलर मीटिंग्स के बिना यह बताना बहुत मुश्किल है कि किसे यह डिसऔर्डर है लेकिन कुछ लक्षण है जिनसे आप अंदाजा लगा सकती हैं और फिर डौक्टर से कंसल्ट कर सकती हैं. जैसे, बहुत सारे लोगों के साथ अफेयर होना, मल्टिपल वन नाइट स्टैंड, मल्टिपल सेक्शुअल पार्टनर्स, हद से ज्यादा पॉर्न देखना, अनसेफ सेक्स करना, साइबर सेक्स, प्रौस्टिट्यूट्स के पास जाना, शर्मिंदगी महसूस होना, सेक्शुअल नीड्स पर से नियंत्रण खो देना, ज्यादातर समय सेक्स के बारे में ही सोचना या सेक्स करना, सेक्स न कर पाने की स्थिति में तनाव में चले जाना.

ऐसे पायें छुटकारा

सेक्स ऐडिक्शन  के शिकार लोगों को फौरन साइकौलजिस्ट या साइकायट्रिस्ट के पास जाना चाहिए. साइकौलजिस्ट काउंसिलिंग और बिहेवियर मौडिफिकेशन के आधार पर इस ऐडिक्शन का इलाज करते हैं और मरीज के विचारों में परिवर्तन लाने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों को दूसरे कामों में व्यस्त रहने की सलाह दी जाती है. उन्हें समझाया जाता है कि वे संगीत, लौन्ग वौक आदि का सहारा लें और अपने परिवारवालों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं. साइकायट्रिस्ट दवाओं के माध्यम से इलाज करता है.

सेक्स ऐडिक्शन  एनोनिमस (एसएए) सेक्स ऐडिक्शन के शिकार लोगों का संगठन हैं. यहां कोई फीस नहीं ली जाती और न ही दवा दी जाती है. मीटिंग में इसके सदस्य जीवन के कड़वे अनुभवों, इससे जीवन में होने वाले नुकसान और काबू पाने की कहानी शेयर करते हैं. मीटिंग में आने वाले नए सदस्यों को इससे छुटकारा दिलाने के लिए मदद भी करते हैं. इससे पीड़ितों का आत्मबल बढ़ता है और उनमें इस बुरी आदत को छोड़ने की शक्ति विकसित होती है.

औनलाइन सेक्स फैंटेसी बना एक नया बिजनेस

जब जमाना औनलाइन हो रहा है तो सेक्स भी औनलाइन नज़र आ रहा है. एक सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में ‘डौमीनेटरिक्स’ का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है. लोगों की फैंटसी पूरी करने के लिए हजारों महिलाएं पूरी दुनिया में हर वक्त ऑनलाइन रहती हैं.

डौमीनेटरिक्स से जुड़कर महिलाएं पूरी कर रही मर्दों की फैंटेसी

एक सर्वे से साफ हुआ है कि औनलाइन रहने वाली महिलाएं दिनभर में एक-एक लाख रुपए तक कमा रही है. डौमीनेटरिक्स के लिए एक मिनट का 500 रुपए तक चार्ज लिया जा रहा है. इसी सर्वे के मुताबिक अपनी सेक्सुअल फैंटेसी पूरी करने के लिए डौमीनेटरिक्स में मर्दों की पहली पसंद बौन्डेज सेक्स एंजौय करना है.

अंग्रेजी अखबार द सन के अनुसार ब्रिटेन में पिछले दिनों 55 साल के एक डॉक्टर ने अपनी डौमीनेटरिक्स पिक्चर औनलाइन पोस्ट कर दी. डौक्टर के पेट पर उसकी मेड का नाम लिखा था जिसके साथ उसने शारीरिक संबंध बनाए. हालांकि डौक्टर को बाद में हॉस्पिटल से सस्पेंड कर दिया गया.

ग्लासगो की रहने वाली 34 साल की एना वैसे तो काफी स्ट्रिक्ट है कि लेकिन औनलाइन डिमांड होने पर उन्हें लेटैक्स पहनने में भी कोई ऐतराज नहीं है. हालांकि औनलाइन न्यूड होने से वो परहेज करती हैं लेकिन औनलाइन सेक्स चैट वो अक्सर करती हैं.

उनका कहना है कि शायद मर्दों की फैंटेसी पूरा करने का ये सही तरीका है. इससे वो भी काफी हल्का महसूस करते हैं. वो हमसे अक्सर वो डिमांड करते हैं जिसे वो अपने पार्टनर के साथ पूरा नहीं कर सकते हैं. एना की फीस पर मिनट ढाई सौ रुपए है.

ब्रिजटन की मिया हरिंगटन का कहना है कि शायद मर्द हमसे कुछ ऐसा सीखना चाहते हैं जिसे वो अपने घर पर आजमा सकें. मिया कहती हैं महिलाओं और पुरुषों के अलावा तमाम कपल्स भी उनके क्लाइंट हैं और वो अपने सेक्सुअ फैंटेसी मुझे देखकर पूरी करना चाहते हैं.

डॉमीनेटरिक्स के बारे में क्या सोचते हैं साइकोलॉजिस्ट

ब्रिटेन की नौटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ मार्क ग्रिफिथ्स को लगता है कि इंटरनेट के बढ़ते चलन के कारण लोग सेक्स फैंटेसी पूरी करने के लिए ऑनलाइन डॉमीनेटरिक्स का सहारा ले रहा है. ये आसानी से उपलब्ध है. जो लोग फेस टू फेस डॉमीनेटरिक्स का सामना करने में हिचकते हैं वो औनलाइन जा रहे हैं. जहां वो खुलकर सामने आते हैं.

सुखदायक सेक्स से पहले जरूर जान लें ये बातें

अकसर प्रेमीप्रेमिका सेक्स को सुखदायक मानते हैं, लेकिन कई बार सहवास ऐंजौय के साथसाथ कई समस्याओं को भी सामने लाता है. अनुभव के आधार पर इन को दूर कर प्रेमीप्रेमिका सेक्स का सुख उठाते हैं.

1. शरारती बनें

सेक्स को मानसिक व शारीरिक रूप से ऐंजौय करने के लिए प्रेमीप्रेमिका को शरारती बनना चाहिए. उत्साह, जोश, तनावमुक्त, हंसमुख, जिंदादिल, शरारती प्रेमीप्रेमिका ही सेक्स को संपूर्ण रूप से भोगते हैं.

2. आत्मविश्वास की कमी न हो

कई बार आत्मविश्वास की कमी हो जाती है. प्रेमी सेक्स के समय उतावलेपन के शिकार हो कर सेक्स के सुखदायक एहसास से वंचित रह जाते हैं.

सेक्स संबंध बनाते समय प्रेमीप्रेमिका के मन में यदि पौजिटिव सोच होगी, तभी दोनों पूर्ण रूप से संतुष्ट हो पाएंगे और सेक्स में कभी कमजोर नहीं पड़ेंगे.

3. पोर्न फिल्मों से प्रेरित न हों

प्रेमीप्रेमिका अकसर पोर्न फिल्में देख कर, किताबें पढ़ कर सेक्स में हर पल लिप्त रहने की कोशिश करते हैं. अत्यधिक मानसिक कामोत्तेजना की स्थिति में शीघ्रपतन व तनाव में कमी हो जाती है.

4. सेक्स में जल्दबाजी

कई बार सेक्स में प्रेमीप्रेमिका जल्दबाजी कर जाते हैं. शराब पी कर सेक्स करना चाहते हैं जोकि ठीक नहीं है. हमेशा मादक पदार्थों से दूर रहें. सेक्स के दौरान प्रेमिका ही मादकता का काम करती है.

5. बढ़ाएं शारीरिक आकर्षण

सहवास के लिए प्रेमी का शारीरिक आकर्षण, स्मार्टनैस, सैक्सी लुक, साफसफाई काफी महत्त्वपूर्ण है. पुरुषोचित्त गुण के साथसाथ गठीले बदन वाले चतुर सुरुचिपूर्ण वस्त्र, रसिक स्वभाव के प्रेमी ही सेक्स में सफल होते हैं.

6. रोमांटिक स्वभाव रखें

प्रेमिका सहवास के दौरान चाहती है कि उस का प्रेमी रोमांस व ताजगी द्वारा उसे कामोत्तेजित करे. अत: रोमांस की बातें कर सेक्स को सुखदायक बनाएं.

7. जब सेक्स का मौका मिले

प्रेमीप्रेमिका अकसर सेक्स के लिए मौके की तलाश में रहते हैं. जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वे एकदूसरे में समाने के लिए बेताब हो जाते हैं, लेकिन इस दौरान कई बार ऐसे अचानक किसी का दरवाजा खटखटाना व फोन की घंटी बज जाती है. ऐसी बाधाओं को दूर कर सहवास को मानसिक व शारीरिक रूप से सुखदायक बनाएं.

सेक्स में नासमझ न रहें लड़कियां

आजकल के बच्चे सेक्स की जानकारी मोबाइल से या फिर इंटरनैट से प्राप्त करते हैं, जो आधीअधूरी होती है. इस का नतीजा उन्हें आगे चल कर भुगतना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि लड़कियों को सेक्स शिक्षा स्कूल में टीचर और घर में मां से मिले ताकि सेक्स उन के लिए कुतूहल का विषय न रहे.

15साल की नेहा हाईस्कूल में पढ़ती थी. स्कूल उस के घर से 3 किलोमीटर दूर था. वह साइकिल से स्कूल जाती थी. उस के साथ दूसरी लड़कियां और लड़के भी जाते थे. स्कूल जाते समय नेहा की मुलाकात बगल के गांव में रहने वाले 22 साल के सुरेश से हुई. सुरेश की कुछ दिनों पहले ही शादी हुई थी. शादी में सुरेश को एक मोटरसाइकिल मिली थी. वह रोज लड़कियों के आनेजाने के समय पर बाजार जाता था. एक दिन नेहा की साइकिल पंचर हो गई. वह पैदल स्कूल जा रही थी. इसी बीच सुरेश उसे मिला और बोला, ‘‘पैदल क्यों जा रही हो. आओ, मैं तुम्हें स्कूल तक छोड़ दूं.’’

नेहा पहली बार मोटरसाइकिल पर बैठी थी. उसे बहुत अच्छा लगा. सुरेश के साथ बैठ कर वह अपने को किसी फिल्मी हीरोइन सी समझने लगी थी. इस के बाद यह सिलसिला चलने लगा. सुरेश नेहा के आनेजाने के समय राह में मिलने लगा. नेहा भी घर से साइकिल ले कर आती, फिर एक दुकान पर साइकिल रख कर सुरेश के साथ मोटरसाइकिल से आतीजाती. इस से उस के घर वालों को पता नहीं चलता था.

सुरेश ने एक दिन घुमाने के बहाने नेहा के साथ देहसंबंध बना लिए. नेहा और सुरेश के बीच संबंध आपसी सहमति से बने थे. इन में जहां सुरेश की पहल तो थी ही लेकिन नेहा की भी स्वीकृति थी. उसे भी उस समय बहुत अच्छा लगता था जब सुरेश उस के नाजुक अंगों को सहलाता था. इसे जवां उम्र का फेर कह सकते हैं. उस का भी मन होता था कि वह सुरेश की बांहों में सिमट जाए. ऐसे में नेहा ने कभी सुरेश को आगे बढ़ने से नहीं रोका. दोनों की उम्र जवां थी. एकदूसरे में खो गए और एकांत में मिलने लगे. इस के बाद वह सब हो गया जो शादी के बाद होना चाहिए था.

नेहा को इन संबंधों की कोई जानकारी नहीं थी. सुरेश ने भी यौनसंबंध बनाने से पहले ऐसी एहतियात नहीं बरती जिस से नेहा गर्भधारण न कर सके. एकदो माह गुजर जाने के बाद नेहा को पता चला कि वह प्रैग्नैंट हो गई है. घर में बहुत सारे ताने, लड़ाई और झगड़े के बाद घरवालों ने नेहा को दूसरे शहर अपने एक रिश्तेदार के पास भेज दिया. वहां नेहा का गर्भपात कराया गया. नेहा की बदनामी हुई और उस का कैरियर खराब हो गया. उस की पढ़ाई छूट गई. घरपरिवार का भरोसा टूट गया. नेहा को खुद अब महसूस होने लगा कि उस ने कितनी बड़ी गलती कर दी है.

सेक्स शिक्षा का अभाव

स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. रेनू मक्कड़ कहती हैं, ‘‘इस तरह के मामले कोई अचंभे वाली बातें नहीं हैं. बहुत सारी घटनाएं हम लोगों के सामने आती हैं जिन में लड़की को पता ही नहीं चलता है कि उस के साथ क्या हो गया है. इसलिए यह जरूरी है कि किशोर उम्र में ही लड़की को सेक्स शिक्षा दी जाए. घर में मां और स्कूल में टीचर ही यह काम सरलता से कर सकती हैं. मां और टीचर को पता होना चाहिए कि बच्चों को सेक्स की क्या और कितनी शिक्षा देनी चाहिए.’’

वे आगे कहती हैं, ‘‘जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं उन से पता चलता है कि कम उम्र में लड़कियों के साथ होने वाला शारीरिक शोषण उन के रिश्तेदारों या फिर घनिष्ठ दोस्तों द्वारा किया जाता है. इसलिए जरूरी है कि लड़की को 10 से 12 साल के बीच यह बता दिया जाए कि सेक्स क्या होता है और यह बहलाफुसला कर किस तरह किया जा सकता है. लड़कियों को बताया जाना चाहिए कि वे किसी के साथ एकांत में न जाएं. अगर कभी इस तरह की कोई घटना हो जाती है तो लड़की को समझाएं कि मां को सारी बात बता दे ताकि मां उस की मदद कर सके.’’

हो सकता है जानलेवा रोग

शहरों की लड़कियों को अब इस तरह की जानकारियां मिलने लगी हैं. लेकिन गांव की लड़कियां अभी भी इस से पूरी तरह से अनजान होती हैं. इन को यह नहीं पता होता कि शारीरिक संबंधों से यौनरोग हो सकते हैं. गांव के बहुत सारे लोग कमाई करने बाहर जाते हैं. वहां से वे एड्स जैसी जानलेवा बीमारियां ले आते हैं. ऐसे लोग जब किसी लड़की से संबंध बनाते हैं तो वे रोग इन लड़कियों को भी जकड़ लेते हैं. इन का स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों का इलाज तक नहीं है.

सुल्तानपुर की रहने वाली दीपा के साथ उस के पड़ोसी ने सेक्स किया. दीपा का पड़ोसी दिवाकर एड्स से पीडि़त था. कुछ समय बाद दिवाकर की मृत्यु हो गई. इस के बाद दीपा भी बीमार रहने लगी. डाक्टरों से जांच कराई तो पता चला कि उस को एड्स था. घर के लोगों ने जब उस से पूछा तो उस ने दिवाकर के साथ सेक्स संबंधों की बात कही. कुछ दिनों बाद बीमारी के कारण दीपा की भी मृत्यु हो गई.

प्रेमजाल से सेक्स की राह

गांव हो या शहर, हर जगह लड़कियां अब अपने कैरियर को बनाने के लिए बाहर निकलने लगी हैं. ऐसे में नएनए लोग उन को मिलते हैं जो दोस्ती और प्यार के जरिए उन्हें नशे व सेक्स की दुनिया में घसीट रहे हैं. अपराध की घटनाएं देखें तो ऐसे मामले देखने को रोज मिल जाते हैं.

लखनऊ के महिला थाने पर हर माह ऐसे 10 से 15 मामले आ रहे हैं. कई मामलों में पारिवारिक सहमति से शादी करा कर मामले को रफादफा किया जा रहा है. लड़कियों के यौनशोषण के लिए पहले से शादीशुदा लोग तक कुंआरे बन कर 100 रुपए के स्टांपपेपर पर साइन कर के शादी करने का नाटक  कर के यौनशोषण करते हैं. बाद में लड़की को पता चलता है कि यहां तो उस के साथ धोखा हो गया.

मंदिर में शादी ऐसे ही कर ली जाती है. लड़कियों को गुमराह करने के लिए झूठी शादियां की जाती हैं. पुलिस के पास ऐसे मामलों से निबटने के तरीके नहीं होते. ऐसे में वह लड़कीलड़के को कभी दहेज तो कभी घरेलू हिंसा या यौनशोषण जैसे मामलों में जेल भेज देती है. लड़के का साथ देने वाले हमेशा बच निकलते हैं. इस का सब से बड़ा कारण है कि लड़कियां भी सेक्स संबंधों में उलझ रही हैं. इस के चलते कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि लड़कियों को सेक्स में नासमझ नहीं रहना चाहिए. उन को सेक्स से जुड़ी समस्याएं समझनी चाहिए.

परिवार और स्कूल मिल कर प्रयास करें

लड़कियों में सेक्स की शिक्षा देने के लिए जरूरी नहीं है कि सेक्स शिक्षा पाठ्यक्रम में ही शामिल की जाए. स्कूल में टीचर्स को चाहिए कि वे लड़कियों को बताएं कि गर्भनिरोधक गोलियां क्या होती हैं. इन का उपयोग क्यों किया जाता है. बहुत सारी लड़कियों के साथ बलात्कार जैसी घटना हो जाती है तो वे या तो मां बन जाती हैं या फिर आत्महत्या कर लेती हैं. ऐसी लड़कियों को इस बात की जानकारी दी जानी चाहिए कि अब इस तरह की गोली भी आती है जिस के खाने से अनचाहे गर्भ को रोका जा सकता है.

डाक्टर रेनू मक्कड़ का कहना है, ‘‘अस्पतालों में महिला डाक्टरों को एक दिन के कुछ घंटे ऐसे रखने चाहिए जिस के दौरान किशोरियों की परेशानियों को हल किया जा सके. यहां पर परिवार नियोजन की बात होनी चाहिए. स्कूलों को भी समयसमय पर डाक्टरों को साथ ले कर ऐसी चर्चा करानी चाहिए जिस से छात्र और टीचर दोनों को सही जानकारी मिल सके. किशोर उम्र में सब से बड़ी परेशानी लड़कियों में माहवारी को ले कर होती है. आमतौर पर माहवारी आने की उम्र 12 साल से 15 साल के बीच की होती है. अगर इस बीच में माहवारी न आए तो डाक्टर से मिल कर पता करना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है.’’

लड़कियों की परेशानियों से निकलेगा हल

माहवारी में देरी का कारण खानपान में कमी, पारिवारिक इतिहास जैसे मां और बहन को अगर माहवारी देर से आई होगी तो उस के साथ भी देरी हो सकती है. इस के अलावा कुछ बीमारियों के चलते भी ऐसा होता है. गर्शय का न होना, उस का छोटा होना, अंडाशय में कमी होना, क्षय रोग और एनीमिया के कारण भी देरी हो सकती है.

डाक्टर के पास जा कर ही पता चल सकता है कि सही कारण क्या है. यह बात भी ध्यान देने के योग्य है कि कभीकभी लड़की उस समय भी गर्भधारण कर लेती है जब उस को माहवारी नहीं होती है. ऐसा तब होता है जब लड़की का शरीर गर्भधारण के योग्य हो जाता है लेकिन माहवारी किसी कारण से नहीं आती है. यह नहीं सोचना चाहिए कि जब तक माहवारी नहीं होगी गर्भ नहीं ठहर सकता है.

माहवारी में दूसरी तरह की परेशानी भी आती है. कभीकभी यह समय से शुरू तो हो जाती है लेकिन बीच में एकदो माह का गैप भी हो जाता है. शुरुआत में यह नौर्मल होती है लेकिन अगर यह परेशानी बारबार हो तो डाक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है.

कभीकभी माहवारी का समय तो ठीक होता है लेकिन यह ज्यादा मात्रा में होती है. अगर ध्यान न दिया जाए तो लड़की का हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और उस का विकास रुक जाता है. परेशानी की बात यह है कि कुछ लोग अपनी लड़कियों को डाक्टर के पास लाने से घबराते हैं. उन का मानना होता है कि अविवाहित लड़की की जांच कराने से उस के अंग को नुकसान हो सकता है, जिस से पति उस पर शक कर सकता है. ऐसे लोगों को पता होना चाहिए कि अब ऐसा नहीं है. अल्ट्रासाउंड और दूसरे तरीकों से जांच बिना किसी नुकसान के की जा सकती है.

जानकारियां जो दी जानी चाहिए

सेक्स संबंधों से गर्भ से बचाव के तरीके बताए जाने चाहिए जिस से लड़कियां यौनरोगों से भी दूर रहें. अगर कुछ ऐसा हो जाए तो उस के बचाव के लिए गोली का सेवन कैसे करना चाहिए, यह भी बताना जरूरी होता है.

गर्भ ठहरने से क्या परेशानियां हो सकती हैं? गर्भपात कराना कितना मुश्किल होता है? उस का कैरियर और आगे के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? इन सब के बारे में भी बताया जाना चाहिए.

एनीमिया और माहवारी में ज्यादा स्राव होना खतरनाक होता है. इस को छिपाया नहीं जाना चाहिए. इसी उम्र में त्वचा संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं.

पढ़ाई का बोझ और नएनए दोस्त बनने से कुछ मनोवैज्ञानिक परेशानियां भी हो सकती हैं. इन को भी सलाहकारों के जरिए दूर कराना चाहिए.

मुझे एक लड़की पसंद है मैं उससे दोस्ती करना चाहता हूं, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 19 साल का एक कुंआरा लड़का हूं. मैं कालेज के दूसरे साल में पढ़ रहा हूं. मैं अपने कालेज सरकारी बस से जाता हूं. इसी बस में एक लड़की भी चढ़ती है, जो मुझे पसंद है. वह भरेपूरे बदन की है और हर किसी की निगाह उस के उभारों पर ही टिकी रहती है. पर वह किसी की परवाह नहीं करती है और शायद किसी लड़के से फोन पर बात भी करती है. लेकिन साथ ही मुझे देख कर मुसकराती भी है.

मुझे उस लड़की से दोस्ती करनी है, पर डर लगता है कि कहीं वह मना न कर दे. उस का बदन मुझे सपनों में भी सताता है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

एक पुरानी कहावत है, हंसी सो फंसी. अब बस जरूरत आप की तरफ से पहल की है, जिस की आप हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. रोजरोज उस अनजान लड़की के उभारों और भरेपूरे बदन को देख कर आहें भरते रहने से तो बेहतर है कि आप हिम्मत कर के दोस्ती के लिए प्रपोज कर ही दें. लेकिन जरा ड्रामेटिक स्टाइल में करें. वह मना कर भी देगी तो आप का कोई नुकसान नहीं है. वैसे पढ़ाईलिखाई की तरफ ज्यादा ध्यान देंगे तो फायदे में रहेंगे. इस उम्र में लड़कियों के प्रति आकर्षण होना कुदरती बात है, लेकिन इस से पढ़ाई और कैरियर पर फर्क न पड़े, इस का भी ध्यान रखें.

मेरा बौयफ्रेंड मौका मिलते ही मुझे चूमने लगता है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 18 साल की एक लड़की हूं. मेरा 21 साल का बौयफ्रैंड है. वह किसी न किसी बहाने मेरे बदन को पाने की कोशिश करता है. मना करती हूं, तो रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है. मौका मिलते ही मुझे चूमने लगता है और मुझ से लिपट कर अपनी हवस पूरी करता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

आप को संभल कर रहने की जरूरत है और यह समझने की भी कि इस उम्र में लड़का और लड़की दोनों में सैक्स के प्रति कुदरती जिज्ञासा होती है, लिहाजा वे अपने पार्टनर से इसे पूरा कर लेना चाहते हैं.

दोनों की मरजी और रजामंदी हो तो यह हर्ज की भी बात नहीं, लेकिन नासमझी के चलते कई बार कई अनचाही झंझटें भी खड़ी हो जाती हैं.

आप अपने बौयफ्रैंड को समझाएं कि चूमाचाटी बुरी बात नहीं, पर इस के बाद के लिए दोनों को ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए. मसलन, आप का प्यार सिर्फ मौजमस्ती के लिए है या आगे शादी का भी इरादा है. ऐसी हालत में लड़कियां भी अपनेआप को ज्यादा दिनों तक रोक नहीं पातीं, क्योंकि उन्हें भी इस में मजा आने लगता है, इसलिए जो भी करें काफी सोचसमझ कर करें और रिश्ता तोड़ने की धमकी से डरें नहीं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें-  सरस सलिल-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

आखिर क्या है सेक्स फैंटेसी, पढ़ें खबर

शारीरिक संबंधों में अनावश्यक सहना या अपनेआप समय गुजरने के साथ उन में तबदीली हो जाने की गुंजाइश मान कर चलना भ्रम है. यह इन संबंधों के सहज आनंद को कम करता है. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें पति की आक्रामकता पसंद नहीं आती थी. लेकिन लज्जा या संकोचवश कुछ कहना अच्छा नहीं लगता था.

कुछ महिलाओं का कहना है कि पति को खुद भी समझना चाहिए कि पत्नी को क्या पसंद आ रहा है, क्या नहीं. मगर इस पसंदनापसंद के निश्चित मानदंड तो हैं नहीं, जिन से कोई अपनेआप ही समझ जाए और आनंद के क्षण जल्दी और ज्यादा मिल जाएं.

सेक्स को ले कर जितने आतुर मर्द रहते हैं उतनी महिलाएं भी होती हैं. हां यह बात अलग है कि वे इस का जिक्र कभी किसी से नहीं करती हैं. बात अगर स्पैशल रात की हो तो मर्दों से ज्यादा महिलाओं में ऐक्साइटमैंट होता है. यह कहानी सिर्फ हीरो का इंतजार करती हीरोइन की नहीं, बल्कि हर उस लड़की की है जो बेसब्री से इंतजार करती है.

कोई रिश्ता परफैक्ट नहीं

सचाई यह है कि कोईर् भी रिश्ता परफैक्ट नहीं होता. यदि आप यह सोचती हैं कि रिश्ते में सब कुछ आप की मरजी के अनुसार या किसी फिल्मी कहानी की तरह होना चाहिए, तो चोट लगनी लाजिम है. हर रिश्ता अलग होता है. यही नहीं हर रिश्ते को आप के प्यार, समर्पण, श्रम और साथ के खादपानी की जरूरत होती है. कई बार रिश्ता टूटने की वजह बेमानी ही होती है.

वह हमेशा सही बातें करेगा

ऐसा नहीं होगा और न ही आप उस से ऐसी उम्मीद रखें. वह परफैक्ट नहीं है और न ही वह किसी रोमानी फिल्म का हीरो है, जो हमेशा सही और अच्छी बातें ही करेगा. वह भी इंसान है और आम इंसानों की तरह वह भी गलतियां करेगा. वह ऐसी बातें कर सकता है, जो उसे नहीं करनी चाहिए.

और्गैज्म

पति हो या पत्नी, दोनों में से किसी भी एक का तरीका यदि आक्रामक व नैगेटिव हो तो उस के भावों पर ध्यान देना चाहिए. बहुत सी पत्नियां अपने पति से कहतीं कि तुम स्वार्थी हो, तुम्हें सिर्फ अपने आनंद की पड़ी होती है, तुम्हें मेरी परवाह नहीं. इस का सीधा मतलब है अभी उस का और्गैज्म पर पहुंचना बाकी है या आप उस के और्गैज्म पर पहुंचने की परवाह नहीं करते. जल्दीजल्दी और बारबार कही गई बात चिढ़ाने और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली हो सकती है.

इसलिए जब भी जितना कुछ कहा जाए वह किया भी जाए. तभी वह सार्थक और असरदार बदलाव लाने वाला होता है. निजी संबंधों को कहनेसुनने की कुशलता सिर्फ बैडरूम तक ही सीमित नहीं रहती. वह जीवन में घरबाहर भी सार्थक बातचीत का सिस्टम पैदा करती है और उसे बढ़ावा देती है.

सेक्स कोरी क्रिया नहीं, एक खूबसूरत कला है. इसे सदियों से काम कला का स्थान प्राप्त है. इस में हर बार कुछ नया, कुछ अनोखा किए जाने का स्कोप रहता है. पतिपत्नी के रिश्ते में प्यार और सेक्स दांपत्य की इमारत को खड़ा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मजबूत पिलर हैं.

मेरी शादी मुझसे 11 साल बड़े लड़के से हो रही है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 19 साल है और मेरे होने वाले पति की उम्र 30 साल है. क्या शादी के बाद उम्र का यह फर्क हमारे रिश्ते में आड़े तो नहीं आएगा?

जवाब

उम्र में 11 साल का फर्क आगे चल कर आड़े आ सकता है लेकिन जब शादी तय हो ही गई है तो आगे की सोचें कि आप के पति आप से जल्दी बूढ़े हो जाएंगे. आप की और उन की पसंद और नापसंद, शौक और दूसरे मामलों में भी फर्क हो सकता है. लिहाजा, अभी से खुद को पति के हिसाब से ढालना शुरू कर दें, तो यह कोई बड़ी समस्या नहीं रह जाएगी. बड़ी उम्र का पति ज्यादा अच्छी देखभाल करता है.

शिकार : क्या महेंद्र कर पाया उस लड़की का शिकार

महेंद्र थाने में आ कर बैठा ही था कि एक सिपाही ने उसे खबर दी, ‘‘साहब, निजामुद्दीन से अहमदाबाद आने वाली ‘राजधानी ऐक्सप्रैस’ ट्रेन में एक आदमी बेहोशी की हालत में मिला है.’’

यह सुन कर महेंद्र को आज से एक साल पहले की घटना याद आ गई. तब उस की बेरावल रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के थानेदार के रूप में नईनई पोस्टिंग हुई थी.

एक दिन की बात है. सुबहसुबह थाने के एक सिपाही ने आ कर बताया, ‘साहब, राजकोट से सोमनाथ आने वाली पैसेंजर ट्रेन में एक लड़की बेहोश पड़ी मिली है.’

यह सुन कर महेंद्र तुरंत उस सिपाही के साथ चल पड़ा. उस ने देखा कि इंजन से पीछे वाले डब्बे में एक लड़की, जिस की उम्र 22-23 साल होगी, ऊपर वाली बर्थ पर बेहोशी की हालत में पड़ी थी.

महेंद्र के साथ गए सिपाही रामलाल ने कहा, ‘साहब, मुझे तो मामला जहरखुरानी का लगता है. इस के पास कोई सामान भी दिखाई नहीं दे रहा है.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘इसे तुरंत डाक्टर के पास ले जाओ और होश में आने पर मुझे बताना.’

दिन के तकरीबन 10 बजे रामलाल ने बताया, ‘साहब, उस लड़की को होश आ गया है और अब वह ठीक है.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘उस लड़की को थाने ले आओ.’

जब वह लड़की थाने आई, तो बेहतर दिख रही थी.

महेंद्र ने पूछा, ‘क्या नाम है तुम्हारा?’

उस लड़की ने बताया, ‘मेरा नाम राजबाला है और मैं राजस्थान के भरतपुर इलाके की रहने वाली हूं.’

यह पूछने पर कि यहां और इस हालत में वह कैसे पहुंची, तो उस ने बताया कि वह प्रेमी के साथ घर से भाग कर आई है, लेकिन उस के प्रेमी ने रास्ते में उसे नशीली दवा खिला दी और उस के जेवर व पैसे ले उड़ा.

महेंद्र ने उस लड़की के मातापिता का मोबाइल नंबर पूछा, तो उस ने कहा, ‘साहब, उन्हें मत बताइए. मैं खुद ही अपने घर चली जाऊंगी.’

पता नहीं उस की बातों में क्या जादू था कि महेंद्र उस की बात मान गया.

उस लड़की ने कहा, ‘मेरे सिर में अभी भी थोड़ा दर्द है. आराम कर के मैं अपने घर चली जाऊंगी.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘इसे मेरे रैस्टहाउस में लिटा दो. बाद में किसी ट्रेन में बिठा देना.’

महेंद्र अपने काम में लग गया, लेकिन उस के मन में राजबाला के प्रति काम भावना जाग गई थी. रात को तकरीबन 8 बजे वह अपने रैस्टहाउस में पहुंचा, तो राजबाला पलंग पर बैठी थी.

महेंद्र ने पूछा, ‘कैसी तबीयत है?’

उस ने बताया, ‘पहले से ठीक है.’

महेंद्र ने कहा, ‘रुको, मैं तुम्हारे लिए खानेपीने का इंतजाम करता हूं.’

इस के बाद महेंद्र ने बाहर आ कर एक सिपाही को बुलाया और उस लड़की के लिए खाना और अपने लिए शराब मंगाई. महेंद्र ने एक सिपाही के घर पर बैठ कर पहले जम कर शराब पी और वहीं बैठ कर खाना खाया.

रात के तकरीबन साढ़े 11 बजे महेंद्र अपने रैस्टहाउस में पहुंचा, तो देखा कि राजबाला खाना खा कर सो चुकी थी.

एक तो शराब का नशा, ऊपर से एक जवान लड़की का शबाब… महेंद्र ने आते ही दरवाजा बंद किया और राजबाला पर झपट पड़ा.

अचानक हुई इस हरकत से वह जाग गई, लेकिन महेंद्र उसे कहां छोड़ने वाला था. वह रोतीगिड़गिड़ाती रही, पर महेंद्र पर इस का कोई असर न हुआ. वह उस पर छाता गया और अपनी मंजिल पा कर ही उस से अलग हुआ.

वह बेचारी महेंद्र से अलग हो कर एक कोने में जा कर रोने लगी. महेंद्र अपनी हवस मिटाने के बाद सो गया.

सुबह तकरीबन 9 बजे एक सिपाही ने महेंद्र को जगाया. वह अधनंगी हालत में बिस्तर पर पड़ा था. महेंद्र ने जागते ही उस लड़की के बारे में पूछा, तो सिपाही ने कहा, ‘मुझे तो कुछ नहीं मालूम साहब. रात को वह इसी कमरे में ही तो सोई थी. जब आप सुबह से नहीं दिखे, तो मैं आप को देखने चला आया.’

अचानक महेंद्र का ध्यान हाथों पर गया, तो चौंक गया. उस की दोनों अंगूठियां और घड़ी गायब थी. पैंट में रखा पर्स भी नदारद था. अलमारी खुली पड़ी थी. वहां जा कर देखा, तो 50 हजार रुपए भी गायब थे.

महेंद्र ने अपना सिर पकड़ लिया. उसे समझ में आ गया कि उस ने उस लड़की का नहीं, बल्कि उस लड़की ने उस का शिकार किया था.

सेक्स लाइफ में जरूर लगाएं ‘सेक्सी मसाज थेरैपी’ का तड़का, जानें कैसे

यह आप पर ही डिपैंड करता है कि आप उसे कैसे रोमांचक बनाएं. मसाज थेरैपी एक ऐसा तरीका है, जिस के जरीए आप बोरिंग लाइफ को चटपटा बना सकते हैं और उस में रोमांच भर सकते हैं.

मसाज थेरैपी

मसाज एक ऐसी थेरैपी है, जिस के जरीए आप के शरीर को आराम तो मिलता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन सुचारु रूप से चलने लगता है. यौनांगों व मांसपेशियोें को नया रूप और पोषण मिलता है. नतीजतन सैक्स उत्तेजना बढ़ जाती है.

मसाज करने के टिप्स

ऐसा स्थान चुनें जो रोमांच पैदा कर दे: एकदूसरे से रोमांस करने के लिए आप को सब से पहले एक मुलायम बेड की जरूरत तो होगी ही, लेकिन मसाज करने के लिए जगह फार्म हाउस या कोई फ्लैट ऐसा हो, जहां आप दोनों अकेले हों, तो और भी मजा आ जाएगा. इस के साथ ही अगर आप चाहें तो जमीन पर मैट्स को कई तहों में बिछा कर उस पर अपने पार्टनर को लिटा कर उस के गले, कुहनी व घुटनों के नीचे तकिए रख कर मसाज कर सकते हैं. 

सुगंधित तेल का प्रयोग: आप जब अपने हलके और गरम हाथों से पार्टनर के शरीर पर तेल लगाते हैं, तो यह उस के लिए बिलकुल नया अनुभव होता है. तेल आप के हाथों व पार्टनर के बीच घर्षण पैदा कर देता है. आप अपने पार्टनर के थके शरीर व खिंचे मसल्स को रिलैक्स कर देते हैं. मसाज के लिए नारियल, जैतून, तिल के तेल के साथसाथ अन्य सुगंधित तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि सुगंधित तेल इस्तेमाल करते हैं, तो यह सैक्सुअल पावर को और भी अधिक बढ़ा देता है. 

शांतिपूर्ण माहौल की व्यवस्था: आप अपने पार्टनर के सामने खुले बाल ले कर व झीनी नाइटी पहन कर न जाएं, बल्कि अपने बालों को कस कर बांध लें व टाइट फिटिंग डै्रस पहन कर जाएं. साथ ही, कमरे का वातावरण ऐसा बना दें कि वहां पूरी शांति मिल सके. इस के अलावा आप कम आवाज में संगीत चलाना चाहें तो चला सकती हैं.

शरीर का कोई हिस्सा चुन लें: आप को मसाज करते समय शरीर का कोई हिस्सा या पौइंट चुन लेना चाहिए, जिस से आप उस पर ही ध्यान दे सकें. आप साथी से पूछ कर भी जान सकते हैं कि वह कहां मसाज करवाना पसंद करेगा. इस के बाद मसाज करें.

मूवमैंट के बारे में जान लें: अच्छी मसाज के लिए जरूरी है कि आप को अपनी हथेलियों के मूवमैंट की सही जानकारी हो. इस के लिए आप को सारी जानकारी जुटा लेनी चाहिए. 

फीलिंग्स को समझें: मसाज करते समय आप को अपना ध्यान इस बात पर भी रखना चाहिए कि आप का पार्टनर उसे कैसे ले रहा है. सैक्स में टच यानी स्पर्श खास रोल अदा करता है. आप के छूने भर से साथी के दिलोदिमाग में सिहरन पैदा हो जाती है. धीरेधीरे सहलाने और स्पर्श करते रहने से प्यार के साथसाथ सैक्स की इच्छा भी बढ़ती जाती है. कभीकभी यह स्थिति आप को औरगेज्म तक भी पहुंचा देती है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें