अगर आप भी हैं पोर्न देखने के शौकीन, तो हो जाइए सावधान

पोर्न आज के दौर में एक बड़ी इंडस्ट्री बन गया है, जिस का सालाना टर्नओवर अरबों डौलर का है. विश्व के अधिकतर लोगों ने कभी न कभी पोर्न फिल्में देखी होंगी. भारत में युवाओं में पोर्न देखने का चलन बढ़ता जा रहा है. इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत पिछले 2-3 वर्षों में सब से ज्यादा पोर्न देखने वाले देशों में 10वें से तीसरे स्थान पर आ गया है.

अति तो किसी भी चीज की बुरी होती है. पोर्न की लत किसी नशे की तरह है, जो आसानी से पीछा नहीं छोड़ती. पोर्न देखने में उतनी बुराई नहीं पर पोर्न का एडिक्शन होना बुरा होता है. यह सामाजिक, शारीरिक और मानसिक हर रूप में जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है. एक रिसर्च में पाया गया कि जो व्यक्ति ज्यादा पोर्न फिल्में देखते हैं, उन का दिमाग सिकुड़ जाता है.

यदि व्यक्ति के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा है तो उसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसी अध्ययन में यह भी पता चला है कि पोर्न फिल्में देखने वाला व्यक्ति अपनी निजी जिंदगी में भी उसी तरह सेक्स करना चाहता है, लेकिन अकसर ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि पोर्न फिल्मों को जानबूझ कर ज्यादा भड़काऊ और आकर्षक बनाया जाता है. वैसा करना आम आदमी के बस की बात नहीं. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति को कभी संतुष्टि नहीं मिल पाती. व्यक्ति के स्वभाव में क्रूरता और उग्रता आ जाती है जिस से वह चिड़चिड़ा हो जाता है.

सेहत और पढ़ाई पर प्रभाव      

युवावस्था कैरियर बनाने के लिहाज से सब से अहम होती है. इस दौरान युवाओं का पोर्न की तरफ आकर्षित होना कैरियर पर बुरा प्रभाव डालता है. मनोविज्ञानी बताते हैं कि इसे देखने वाले युवाओं का मन भटक  जाता है. वे हमेशा इस के प्रभाव में रहते हैं. ऐसे में उन का कैरियर खराब हो जाता है. आमिर खान की फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में यह दिखाया गया है कि साथी अपने ही दोस्तों का ध्यान पढ़ाई से हटाने के लिए होस्टल में उन्हें पोर्न किताबें दे देते थे जिस से साथी के नंबर कम आएं या वह फेल हो जाए.

पोर्न देखने वाले ज्यादातर युवा अप्राकृतिक सेक्स के आदीहो जाते हैं. वैसे मैडिकली यह बुरा नहीं है पर अगर सही तरह और हाईजीन का ध्यान रख कर नहीं किया जाएगा तो यह हैल्थ की नजर से खराब होता है.

सेक्स जीवन पर असर

लगातार पोर्न देखने से व्यक्ति अपने पार्टनर से वैसी ही उम्मीद रखने लगता है जैसा पोर्न फिल्मों में दिखाया जाता है लेकिन इसे हकीकत में उतारना मुमकिन नहीं होता. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति का अपने पार्टनर के प्रति अलगाव पैदा होने लगता है. जब लड़कियां ऐसे पोर्न देखती हैं और शादी के बाद उन्हें ऐसे हालात नहीं मिलते तो उन का वैवाहिक जीवन खराब होने लगता है.

पोर्न देखने से सेक्स को ले कर विकृत नजरिया बन जाता है. शादी के बाद तमाम लड़कियों को यह शिकायत होती है कि उन के पति ने अप्राकृतिक सेक्स की डिमांड की या जोरजबरदस्ती की. औक्सिटौसिन दिमाग में पाया जाने वाला एक शक्तिशाली हार्मोन है जिसे ‘लव हार्मोन’ भी कहा जाता है. यह हार्मोन पुरुष और महिलाओं दोनों को बंधन में बांधने में मदद करता है. अगर सेक्स पोर्न फिल्मों की तरह किया जाए तो यह हार्मोन काम नहीं करता जिस का असर रिश्तों पर पड़ता है.

सेक्स को पोर्न फिल्मों की तरह करने वाले व्यक्ति फोरप्ले ठीक ढंग से नहीं कर पाते. फोरप्ले के दौरान जोड़े चरम सुख लेते हैं जिस से उन में काफ ी निकटता आती है पर पोर्न वाली मानसिकता के कारण यह कहीं खो जाती है.

कुछ लोग उत्तेजित होने के लिए पोर्न का सहारा लेने लगते हैं और धीरेधीरे यह उन की आदत बन जाती है. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति प्राकृतिक तौर पर उत्तेजित होने में नाकाम होने लगता है जिस का आगे चल कर नुकसान होता है. अवैध संबंधों के लिए पोर्न काफी हद तक जिम्मेदार है. ज्यादा पोर्न देखने वाले लोग अकसर किसी के साथ अवैध संबंध बनाने के बारे में सोचते रहते हैं जो समाज के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो रहा है और कई बार मर्यादा तारतार होने की भी आशंका रहती है. पोर्न देखने का यह सब से बड़ा नुकसान है.

पत्नी की करें मनुहार, बढ़ेगा प्यार

सुबहसुबह छोटी सी बात पर ही दिवाकर की अपनी पत्नी नीलम से लड़ाई हो गई. दोनों ही देर तक बहस करते रहे और आखिर में नीलम रोने बैठ गई.दिवाकर को बहुत गुस्सा आया और बिना टिफिन लिए ही औफिस चला आया. वहां पूरे दिन उस का दिल नहीं लगा. शाम को लौटते समय उस ने एक दुकान से कुछ हरी चूडि़यां खरीदीं और घर पहुंचा.नीलम अभी भी उदास और गुस्से में थी. उस ने दिवाकर से कोई बात नहीं की. खाने के समय सामने प्लेट रख कर वह चली गई.

जब दिवाकर कमरे में घुसा, तो यह देख कर दंग रह गया कि नीलम अपना बैग पैक कर रही थी. पूछने पर वह बोली, ‘‘मैं कल सुबह की ट्रेन से अपने घर चली जाऊंगी. मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना. तुम मेरा दर्द नहीं समझते. न ही मुझ से प्यार करते हो. मैं तुम्हारी आंखों में खटकती हूं, तो फिर यहां क्यों रहूं?’’ दिवाकर समझ गया कि बात बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है. वह चुपके से चूडि़यां ले कर आया और नीलम के आगे रखता हुआ बोला, ‘‘मेरा प्यार इन चूडि़यों की खनखनाहट में है. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. प्लीज, मत जाओ. मेरी जिंदगी की हर सुबह तुम से है. ‘‘आज सुबह मैं ने कुछ गलत कहा तो उसे भूल जाओ. बस इतना याद रखो कि मैं हूं तो बस तुम से हूं.’’

दिवाकर ने यह सब इतने मनुहार भरे शब्दों में कहा कि नीलम का दिल पसीज गया. वह यही तो चाहती थी कि दिवाकर उसे मना ले. यही हुआ भी. दिवाकर के इस अंदाज पर नीलम का दिल उस के प्रति प्यार से भर उठा. इस तरह नाराजगी की जगह उन के रिश्ते में प्यार खिल उठा. सच है कि कभी शहद सा मीठा और कभी इमली सा खट्टा होता है पतिपत्नी का रिश्ता. कभी प्यार भरी बातें, मानमनुहार, तो कभी नोकझोंक. ताउम्र साथ निभाने और सुखदुख में साथ चलने के इस रिश्ते में जाने कितनी ख्वाहिशें और उम्मीदें होती हैं. इसी में छिपी होती है जिंदगी की असली खुशी. पर कभीकभी इनसान अपने अहम की वजह से आपसी रिश्ते के बीच एक दीवार खड़ी कर लेता है. छोटीछोटी बातें दिल से लगा कर अपने ही जीवनसाथी से अबोला रखने लगता है. प्यार भरे इस रिश्ते में ऐसी चुप्पी छा जाती है कि समझ में ही नहीं आता कि इसे तोड़ा कैसे जाए.

इस सब की वजह भले ही बहुत छोटी सी होती है, फिर भी लंबे समय तक की खामोशी और नाराजगी इस रिश्ते में कड़वाहट ला कर उसे तोड़ देने के लिए काफी होती है. अगर पतिपत्नी में से एक शांत और दूसरा तेज स्वभाव वाला हो, तो दोनों के बीच संतुलन बना रह सकता है. पर अगर दोनों ही स्वभाव से तेज और गुस्से वाले हों, तो वैचारिक टकराव के साथसाथ लड़ाईझगड़े और हाथापाई भी हो जाती है और तब पूरा घर बिखरने लगता है. इसलिए जरूरी है कि संबंधों में आई उस कड़वाहट को समय रहते दूर कर लिया जाए, तभी परिवार बिखरने से बच सकता है.

अकसर उम्मीद की जाती है कि एक औरत को ही अपनी गलती मान लेनी चाहिए और पति के आगे झुक जाना चाहिए. ज्यादातर पत्नियां झुक भी जाती हैं, पर इस तरह के रिश्तों में फिर प्यार बाकी नहीं रह जाता. नतीजतन, औरत केवल समझौते ही करती रहती है. पति के लिए उस के मन में प्यार और इज्जत नहीं रह जाती है, इसलिए रिश्ते में प्यार और चाहत बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पति अपनी पत्नी को बराबरी का दर्जा दे. कभी पत्नी झुक रही है, रूठे पति को मना रही है, तो कभी पति को भी अपनी पत्नी के साथ प्यारमनुहार से पेश आना चाहिए. अहम से रहें दूर पतिपत्नी के बीच जब किसी भी चीज को ले कर अहम का भाव आ जाता है, तो फिर वह प्यार की सीमा लांघ कर अहंकार बन जाता है. ऐसे में कई बार पति दूसरों के सामने भी पत्नी की बेइज्जती कर देते हैं. इस से पत्नी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है. इस की वजह से फिर रिश्ते में कड़वाहट ही रह जाती है.

अहंकार और स्वाभिमान में थोड़ा सा ही फर्क है, पर इन के नतीजे में बहुत अंतर है. ध्यान रखें कि पतिपत्नी के संबंधों में अहंकार नहीं, बल्कि स्वाभिमान होना चाहिए. पति को पत्नी  के स्वाभिमान की हिफाजत करनी चाहिए और अपना सुर कभी ऊंचा नहीं करना चाहिए. दोस्तों को न बनने दें दीवार अनुज हमेशा रविवार को अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता. उस की यह आदत कालेज के समय से थी. शादी के बाद भी जब उस की यह आदत बरकरार रही, तो उस की पत्नी निभा को यह बात अखरने लगी, मगर वह कुछ कह नहीं सकी.

हर रविवार को निभा उखड़ीउखड़ी सी रहती. 1-2 बार उस ने कहना चाहा भी कि कहीं बाहर चलते हैं, मगर अनुज दोस्तों के साथ अपने बिजी शैड्यूल का हवाला दे देता. अब निभा खामोश रहने लगी. वह हर समय प्यार के बजाय झगड़ने को तैयार रहती. अनुज ने जब यह बात दोस्तों से शेयर की, तो उस के दोस्त निलय ने समझाया, ‘‘तुझे अपनी छुट्टी का दिन पत्नी के साथ बिताना चाहिए. उस के भी कुछ अरमान होते होंगे. हम में से 4 अभी कुंआरे हैं. केवल तुम और सौरभ ही शादीशुदा हो, इसलिए तुझे समझा रहा हूं. तेरा पत्नी की तरफ भी कुछ फर्ज बनता है न.’’

अनुज को बात समझ आ गई. वह निभा के साथ वक्त बिताने लगा. उस का खयाल रखने लगा. जल्द ही उन के रिश्ते में खो रहा प्यार वापस लौट आया. जन्मदिन और शादी की सालगिरह याद रखें हर पत्नी की यह ख्वाहिश रहती है कि पति उस के जन्मदिन व शादी की सालगिरह की तारीख जरूर याद रखे, क्योंकि पत्नियां इन से काफी इमोशनली जुड़ी होती हैं. इस के अलावा उन्हें यह जान कर भी बेहद खुशी होती है कि पति को उन के साथ की पहली मुलाकात, पहली बार दिया गया तोहफा, बीते हुए यादगार लमहे, शादी के काफी समय बीत जाने के बाद भी याद हैं.

इसी तरह इन मौकों पर आप अगर पत्नी के लिए उन की पसंद के तोहफे ले कर जाएंगे, तो उन की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा. ऐसे समय में महंगे तोहफे जरूरी नहीं होते, बस प्यार से दो गुलाब के फूल देने और तारीफ के चंद शब्द बोलने से भी पत्नी का दिल आप के लिए प्यार से भर उठेगा. तारीफ करें तारीफ सुनना औरतों की सब से बड़ी कमजोरी होती है, खासकर पत्नियां इस मामले में और भी संवेदनशील होती हैं, इसलिए जब कभी पत्नी ने आप के लिए प्यार से लजीज खाना बनाया हो, घरपरिवार से जुड़ा अच्छा काम किया हो या खूबसूरती से तैयार हुई हो, तो उस की तारीफ जरूर करें. इस से पत्नी को न केवल खुशी होगी, बल्कि उस का प्यार भी बढ़ेगा. ऐसे लोग भी होते हैं, जो पत्नी  में बेवजह गलतियां ढूंढ़ते रहते हैं और गलती न होने पर भी उस के हर काम में मीनमेख निकालते रहते हैं. ऐसा न करें. तारीफ जहां पत्नी के आत्मविश्वास को बढ़ाती है, वहीं शादीशुदा जिंदगी को भी खुशहाल बनाती है.

निशाने पर किसी और को न रखें अकसर पतिपत्नी आपसी मनमुटाव का शिकार एकदूसरे के परिवार के सदस्यों को बना लेते हैं और अपने दिल की भड़ास एकदूसरे के परिवार के सदस्यों के विरोध में बोल कर निकालते हैं खासकर पति अपनी ससुराल वालों को बात सुनाने से बाज नहीं आते. इस से बात संभलने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ जाती है. कोई भी औरत अपने घर वालों या मातापिता के खिलाफ नहीं सुन सकती, इसलिए पति की कही ऐसी कोई बात पत्नी के दिल में कहीं गहरे तक जा कर चोट करती है.

इस के उलट अगर पत्नी नाराज है या दोनों में झगड़ा हुआ है, तो पति अपनी पत्नी के मायके से किसी को बुला कर पत्नी को सरप्राइज दे या उस के मायके वालों की तारीफ कर दे, तो पत्नी का गुस्सा पलभर में काफूर हो सकता है. तब रिश्ते में तनाव की जगह प्यार का आगाज हो जाएगा. फैसला न लादें पति हो या पत्नी, हर किसी का अपना वजूद है. बहुत से पति सोचते हैं कि पत्नी को उन के हिसाब से चलना चाहिए. यह सोच सही नहीं है. किसी भी बात को ले कर पत्नी पर अपना फैसला थोपने की कोशिश न करें.

आप की पत्नी को हक है कि वह जिंदगी को अपने ढंग से जी सके. अगर आप उस की ख्वाहिशों और इच्छाओं की इज्जत करेंगे, तो पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता जाएगा. पहल करने से न हिचकिचाएं याद रखें कि कई बार रोजमर्रा की छोटीछोटी तकरार भी गहरे विवाद का रूप ले लेती है, जिस से परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाता है. परिवार के टूटने के चलते भले ही कोई भी वजह हो, पर इस का खमियाजा बड़ों के साथसाथ बच्चों को भी जिंदगीभर भुगतना पड़ता है. आपसी संबंधों में विवाद से उपजी चुप्पी को समय रहते तोड़ देना ही बेहतर होता है और अगर वह पहल नहीं करती, तो आप खुद ही पहल कर सकते हैं.

इज्जत दें, प्यार बढ़ाएं याद रखें कि ससुराल में पत्नी की इज्जत की जिम्मेदारी उस के पति की होती है, क्योंकि जिस ससुराल में पति पत्नी की इज्जत नहीं करता, उस परिवार में कोई और सदस्य अमूमन उसे इज्जत नहीं देता और ऐसा होता है तो घर में कभी शांति नहीं रह पाती, इसलिए पत्नी को इज्जत दें और उस के दिल पर राज करें. तब आप की जिंदगी खुशियों से भर जाएगी. भावनात्मक रूप से साथ दें पत्नी को आप के भावनात्मक साथ की जरूरत होती है. हर छोटीबड़ी बात पर, सुखदुख में, मुश्किल हालात में वह उम्मीद करती है कि पति उस का साथ दे.

यह भावनात्मक साथ पत्नी को तनाव और अवसाद से निकालने में सहयोग देता है. कैसे भी हालात हों, आप पत्नी को अपने साथ का अहसास कराएं, फिर देखिए कैसे पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता है.खरीदारी के लिए साथ जाएं ऐसी शायद ही कोई औरत होगी, जिसे खरीदारी करने का शौक न हो. एक सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर औरतें अपनी टैंशन व परेशानी को दूर करने के लिए खरीदारी करना ज्यादा पसंद करती हैं. वैसे भी हर पत्नी की यह इच्छा होती है कि वह पति के पसंद की चीजें पहने, फिर चाहे वह ज्वैलरी हो या ड्रैस. पतियों को खरीदारी करना कम ही पसंद आता है, पर जब आप अपनी पत्नी के साथ खरीदारी करते हैं, तो इस से आपसी लगाव और भी बढ़ जाता है.

प्यार से गले लगाना औरतों को प्यार से गले लगाना, रूठना, मानमनुहार कराना बहुत अच्छा लगता है. इस से यह भी पता चलता है कि आप अपने पार्टनर को कितना प्यार करते हैं. पार्टनर को प्यार से गले लगाने पर दोनों एकदूसरे के साथ भावनात्मक रूप से भी जुड़ते हैं.दरअसल, प्यार करना केवल सैक्सुअल रिलेशन ही नहीं होता है, बल्कि पतिपत्नी को गले लगा कर, चूम कर, लाड़दुलार दिखा कर भी अपने संबंधों में ज्यादा मिठास व मजबूती ला सकते हैं.

मैं मुंबई जाकर कोरियोग्राफर बनना चाहता हूं, क्या मुझे कोई डांस कोर्स करना होगा?

सवाल-

मैं 18 साल का हूं और पढ़ाई में ठीकठाक हूं. मैं डांस भी अच्छा कर लेता हूं और आसपास के लोग मुझे डांस का गोविंदा कहते हैं. मैं मुंबई जा कर कोरियोग्राफर बनना चाहता हूं. क्या इस के लिए मुझे कोई डांस कोर्स करना होगा?

जवाब-

आप की तरह हर महल्ले में कोई न कोई गोविंदा या मिथुन चक्रवर्ती होता ही है, इसलिए कोई गलतफहमी अपने बारे में न पालें. कमर, छाती और कूल्हे मटका लेने से कोई डांसर नहीं हो जाता.

कुछ दिन पहले विदिशा के डांसर डब्बूजी का वीडियो खूब वायरल हुआ था, बड़ेबड़े फिल्म कलाकारों ने मुंबई बुला कर उन की तारीफ की थी, पर काम किसी ने नहीं दिया. बेहतर होगा कि आप अपने शहर की किसी डांस अकादमी से कोई कोर्स करें, पर यह भी कुछ बन जाने की गारंटी नहीं होगी.

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गोविंदा बेहतरीन डांसर: फराह –

निर्देशक-कोरियोग्राफर फराह खान ने वैसे तो बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों को अपनी लय पर थिरकाया है, लेकिन जब इनमें से सबसे पसंदीदा कलाकार को चुनने की बात आती है तो फराह कहती हैं कि वह हमेशा से गोविंदा को चुनेंगी.

फराह ने कहा ‘‘मेरे लिए, गोविंदा एक बेहतरीन बॉलीवुड डांसर हैं. मैंने उनसे अधिक बढ़िया नाचते किसी को नहीं देखा. आप मुझे सर्वश्रेष्ठ तकनीकी डांसर दिखा सकते हैं लेकिन जो मजा उनके डांस को देखकर आता है वह दिखाना मुश्किल है. मैं उन्हें घंटों डांस करते देख सकती हूं.’’ उनका मानना है कि गोविंदा ने अपने गीतों में जो लय और उन्मुक्तता दिखाई उसका जोड़ मिलना मुश्किल है.

मनपसंद कोरियोग्राफरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रभुदेवा, सरोज जी पसंद हैं.. 1980 और 1990 के दशक में सरोज जी मलिका थीं. उनके डांस स्टेप्स बेजोड़ थे.

श्यामक डावर भी बहुत अच्छे हैं और इसके बाद रेमो डीसूजा और बोस्को-सीजर आते हैं. वैभवी का भी भारतीय शास्त्रीय गीतों में कोई जोड़ नहीं है. ऐसे बहुत सारे लोग हैं. मुझे हर तरह के डांस पसंद हैं.’’

एक अनजान लड़के का मुझे फोन आया था, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल…

मैं 19 साल की लड़की हूं. कुछ महीने पहले एक अनजान लड़के का मुझे फोन आया था. धीरे-धीरे हम दोनों फोन पर बातें करने लगे और एकदूसरे को पसंद भी करने लगे. वह लड़का कहता है कि उसे मुझ से प्यार हो गया है, जबकि हम दोनों आज तक मिले ही नहीं हैं. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब…

इस तरह का यानी सोशल मीडिया का प्यार अक्सर छलावा ही साबित होता है? इसलिए जरूरी है कि आप लड़के से एक नहीं, बल्कि कई बार मिलें, फिर कोई फैसला लें. जिसे आप ने रूबरू देखा नहीं और समझा नहीं, उस के प्यार को बिना सोचे-समझे मंजूरी न दें. मिलने पर भूल कर भी जिस्मानी रिश्ता न बनाएं.

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पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है….

सवाल

मैं 23 साल का हूं. पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है. लेकिन फिलहाल मेरे पास किसी भी तरह की नौकरी नहीं है. इस वजह से मैं चिंता में बहुत ज्यादा घुलने लगा हूं. मुझे इस समस्या से छुटकारा दिलाने का उपाय बताएं?

जवाब

कम उम्र में पिता की मौत किसी दुख के पहाड़ से कमतर नहीं होती, लेकिन चिंता करने से आप की समस्या हल नहीं होने वाली है. इसे एक चुनौती की शक्ल में लें कि हां, मैं पिता की छोड़ी जिम्मेदारियां निभाऊंगा और फिर जो?भी काम मिले, उसे करें. जब चार पैसे खुद की मेहनत के आएंगे तो आप की चिंता भी दूर होने लगेगी. पिता की छोड़ी जमापूंजी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी, इसलिए वक्त रहते पूरे आत्मविश्वास से जिंदगी की जंग लड़ें.

मैंने अपनी दोस्त को डांस करते हुए किस कर दिया, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल-

मेरी एक दोस्त है जिस का मेरे घर पिछले 3 सालों से आनाजाना है. हम दोनों की उम्र 19 साल है. मैं एक लड़का हूं बावजूद इस के मेरे घरवालों ने कभी हमारे रिश्ते पर सवाल नहीं उठाया. अब हुआ यों कि वह और मैं हमारे एग्जाम के एक दिन पहले मेरे कमरे में पढ़ रहे थे. घर पर मम्मी थीं जो नीचे कमरे में टीवी देख रही थीं. मैं ने यों ही उस के साथ डांस करने की इच्छा जताई और उस ने हां कह दिया.

स्लो सौंग पर हम ने डांस किया और मैं ने उसे किस कर दिया जिस पर उस ने एतराज नहीं किया. पर उस किस के बाद हमारे बीच उस दिन से रिलेटेड कोई बात नहीं हुई और अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि करूं तो करूं क्या. अब यह दोस्ती है, दोस्ती से कुछ ज्यादा है या कुछ भी नहीं है, मेरी समझ से बाहर होता जा रहा है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

इस उम्र में अकसर ही ऐसा होता है और सिचुएशन औक्वर्ड हो जाती है. आप पहले तो अपनी फीलिंग्स को ले कर क्लियर हो जाइए. अगर आप को अपनी दोस्त के प्रति दोस्ती से ज्यादा कोई फीलिंग नहीं है तो उसे साफसाफ बता दीजिए. इन बातों से भाग कर केवल सिचुएशन कौंप्लिकेटेड ही होगी, सुलझेगी नहीं. यदि फीलिंग्स हैं तब भी साफसाफ कह दीजिए. अपनी दोस्त से मिलिए, उस से कहिए कि उस दिन जो कुछ हुआ आप उस बारे में बात करना चाहते हैं.

मन में जो हो, कह दीजिए. यदि उस के और आप के विचार इस विषय पर मेल खाते हों तब तो सब सही है, नहीं तो सोचसमझ कर ही कोई कदम उठाएं. यह न सोचें कि फीलिंग्स के चक्कर में कहीं दोस्ती खराब न हो जाए क्योंकि दोस्ती पर इन सब चीजों का असर पड़ता ही पड़ता है. हां, हो सके तो आमनेसामने बैठ कर ही बात करें, मैसेज पर नहीं.

मेरे पति सेक्स के बाद पोर्न देख कर मास्टरबेट करते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं, पर उन की गंदी आदत से परेशान हूं. वे मेरे साथ सेक्स करने के बाद पोर्न फिल्म देख कर मास्टरबेट करते हैं और तो और वे दूसरी औरतों की तरफ भी आकर्षित होते हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप की परेशानी बड़ी नहीं है. जब तक आप को ज्यादा दिक्कत न हो, तब तक चुप रहिए. वैसे आप अपने पति को मास्टरबेट करने के नुकसान के बारे में बता सकती हैं. मास्टरबेशन पर हुए कई सर्वे में यह बात सामने आ चुकी है कि अक्सर किशोरावस्था या युवावस्‍था में मास्टरबेशन की शुरुआत की सबसे ज्‍यादा संभावना होती है और जब व्यक्ति को एक बार मास्टरबेशन कि लत लग जाती है तो वह मास्टरबेट करने की बार-बार कोशिश करता है.

कई बार व्यक्ति जल्दीबाजी के चक्कर में बहुत तेजी से मास्टरबेट करने लगता है. जिस कारण वीर्य से पहले निकलने वाला तरल पानी उसके लिंग की मांसपेशियों में चला जाता है. इसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति के लिंग में सूजन आने लगती है और तब तक रहती है जब तक वह वापस खून में न मिल जाये.

कई लोग मास्टरबेट करते समय अपने लिंग को बहुत ही मजबूती से जकड़ लेते है और उसे दबाने या मोड़ने लगते है. ऐसा करने से आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा करने से आपके लिंग की मांसपेशियां टूट सकती हैं और पायरोनी नाम की बीमारी भी हो सकती है. इस बीमारी से व्यक्ति का लिंग टेढ़ा हो जाता है.

किसी व्यक्ति द्वारा रोजाना मास्टरबेट करने से उसके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम हो जाती है. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है जब व्यक्ति की शादी हो जाती है तब उसके बाद उसके वीर्य में शुक्राणुओं की कमी के कारण वह पिता बनने से भी वंचित रह सकता है.

व्यक्ति मास्टरबेट करते समय हमेशा ही कल्पनाओ में खोया रहता है. इससे उस व्यक्ति कि सेक्स के प्रति चाह में निरंतर बढ़ोतरी होती रहती है. अपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिए वह अवैध संपर्कों की ओर चले जाता है. इससे जाने अनजाने वह कई ऐसी भूल कर देता है जो उसे ज़िन्दगी भर पछतावा देते रहता है. कई बार तो व्यक्ति इससे यौन अपराधो में भी शामिल हो जाता है.

‘स्लीप सेक्स’ बर्बाद न कर दे आपकी जिंदगी

स्लीप सेक्स को मेडिकल भाषा में सेक्सोनोमिया भी कहते हैं जो कि एक सेक्सुअल डिसऑर्डर है. इस बीमारी में इंसान सोते हुए सेक्स करता है. आपको याद होगा कि आपने 2014 में एक स्वीडिश घटना की एक न्यूज पढ़ी या सुनी होगी. जिसमें एक स्वीडिश आदमी को 2014 में रेप के आरोप से बाइज्जत बरी कर दिया गया था. क्योंकि उसके वकील ने कोर्ट में प्रूफ कर दिया था कि वो उस समय नींद में था और उसका दिमाग क्या कर रहा है इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी. उसके वकील ने कोर्ट को बताया था कि वह इंसान सेक्सोनोमिया का शिकार है औऱ उसने नींद में रेप किया है, इसलिए वह निर्दोष है. जिसके बाद इस घटना की चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी.

जहां इस केस के बाद सेक्सोनोमिया पर रिसर्च होने लगी वहीं एक्टिविस्ट इस फैसले का विरोध करने लगे. उनका कहना था कि इससे मुजरिमों को रेप के जुर्म से बचने का आसान वैज्ञानिक रास्ता मिल जाएगा जो एक हद तक सच भी है. आज सेक्सोनोमिया के कारण कई लोगों की वैवाहिक जिंदगी तो खराब हो चुकी है. लेकिन फिर भी भारत में इस पर शायद ही चर्चा हो. तो आइए आज इस लेख के जरिए इस पर चर्चा करना शुरू करते हैं और पता करते हैं कि क्या है सेक्सोनोमिया और कैसे एक इंसान करता है स्लीप सेक्स.

स्लीप सेक्स या सेक्सोनोमिया

स्लीप सेक्स एक भयंकर बीमारी है जो मरीजों के साथ मरीजों के आसपास रहने वालों की जिंदगी बर्बाद कर देता है. जैसे की नींद में चलने की बीमारी होती है वैसे ही ये नींद में सेक्स करने की बीमारी है. इसमें इंसान नींद में सेक्स करने लगता है. कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि इंसान रेप तक कर देता है और अगली सुबह जब उठता है तो उसे कुछ याद भी नहीं रहता.

सेक्सोनोमिया के एक ऐसे ही मामले के बारे में मिनेसोटा विश्वविद्यालय में प्रफेसर, एमडी, न्यूरोलॉजिस्ट मिशेल क्रेमर बोर्नेमन बताते हैं जिसमें एक वैवाहिक दंपति के सो जाने के बाद पति नींद में मैस्टर्बेट करने लगता था. शुरू में पत्नी ने इसे नजरअंदाज किया लेकिन जब ये ज्यादा हो गया तो दोनों ने डॉक्टर से बात की. डॉक्टर से मिलने के बाद पता चला कि वो ऐसा सेक्सुअल डिसऑर्डर से ग्रस्त होने के कारण करते हैं, जिसे स्लीप सेक्स या सेक्सोम्निया भी कहते हैं.

इस डिसऑर्डर पर 1996 में टोरंटो विश्वविद्यालय के डॉ. कॉलिन शापिरो और डॉ निक ने ओटावा विश्वविद्यालय से डॉ पॉल के साथ मिलकर कनाडा में इस पर एक रिसर्च पेपर तैयार किया. इस रिसर्च पेपर के पब्लिश होने के बाद दुनिया भर में इस पर चर्चा होनी शुरू हो गई. इसका नुकसान ये रहा कि इसके बाद से कई आरोपियों के वकील अपने मुवक्किल को रेप के केस से बचाने के लिए इस डिसऑर्डर का सहारा लेने लगे.

पेरोसोम्निया की स्थिति

स्लीप सेक्स असल में एक पेरोसोम्निया की स्थिति है जिसमें मरीज को ये नहीं पता होता कि वो जगा है या सोया हुआ है. मरीज का दिमाग कन्फ़्यूज़ रहता है. मरीज को देखकर कोई नहीं कह सकता की वो सोया हुआ है. जबकि सच्चाई ये होती है कि मरीज को पता नहीं होता कि वो क्या कर रहा है.

अब भी इस पर दुनिया के शोधकर्ता रिसर्च कर रहे हैं. शोधकर्ता इस बीमारी का कारण पता नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि जिन लोगों को नींद में चलने औऱ बोलने की बीमारी है उनमें सेक्सोनोमिया होने की ज्यादा संभावना है.

मैंने एक लड़के के साथ वह सब कर लिया जो शादी के बाद होना चाहिए था, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. हम दोनों के बीच नजदीकियां इतनी अधिक बढ़ गईं कि आवेश में आ कर वह सब कर लिया जो शादी के बाद होना चाहिए था. संबंध बनाने के बाद से मैं अपराधबोध से ग्रस्त हूं. मुझे अपनेआप से घृणा होने लगी है. हर समय तनावग्रस्त रहती हूं. लगता है मुझे डिप्रैशन हो जाएगा. कृपया बताएं कि मैं क्या करूं? कैसे अपने दिमाग को संयत रखूं?

जवाब-

अंतरंग पलों में बहक कर आप ने अपने बौयफ्रैंड के साथ संबंध बना लिया. अब उस बात के लिए अपराधबोध होना या तनाव पालना समस्या का हल नहीं है. बेहतर होगा कि आप इस घटना को भूल जाएं और भविष्य में सतर्क रहें. तनाव से बचने के लिए स्वयं को व्यस्त रखें.

नादान उम्र का खेल

राम रहमानपुर गांव सालों से गंगाजमुनी तहजीब की एक मिसाल था. इस गांव में हिंदुओं और मुसलिमों की आबादी तकरीबन बराबर थी. मंदिरमसजिद आसपास थे. होलीदीवाली, दशहरा और ईदबकरीद सब मिलजुल कर मनाते थे. रामरहमानपुर गांव में 2 जमींदारों की हवेलियां आमनेसामने थीं. दोनों जमींदारों की हैसियत बराबर थी और आसपास के गांव में बड़ी इज्जत थी. दोनों परिवारों में कई पीढि़यों से अच्छे संबंध बने हुए थे. त्योहारों में एकदसूरे के यहां आनाजाना, सुखदुख में हमेशा बराबर की साझेदारी रहती थी. ब्रजनंदनलाल की एकलौती बेटी थी, जिस का नाम पुष्पा था. जैसा उस का नाम था, वैसे ही उस के गुण थे. जो भी उसे देखता, देखता ही रह जाता था. उस की उम्र नादान थी. रस्सी कूदना, पिट्ठू खेलना उस के शौक थे. गांव के बड़े झूले पर ऊंचीऊंची पेंगे लेने के लिए वह मशहूर थी.

शौकत अली के एकलौते बेटे का नाम जावेद था. लड़कों की खूबसूरती की वह एक मिसाल था. बड़ों की इज्जत करना और सब से अदब से बात करना उस के खून में था. जावेद के चेहरे पर अभी दाढ़ीमूंछों का निशान तक नहीं था.

जावेद को क्रिकेट खेलने और पतंगबाजी करने का बहुत शौक था. जब कभी जावेद की गेंद या पतंग कट कर ब्रजनंदनलाल की हवेली में चली जाती थी, तो वह बिना झिझक दौड़ कर हवेली में चला जाता और अपनी पतंग या गेंद ढूंढ़ कर ले आता.

पुष्पा कभीकभी जावेद को चिढ़ाने के लिए गेंद या पतंग को छिपा देती थी. दोनों में खूब कहासुनी भी होती थी. आखिर में काफी मिन्नत के बाद ही जावेद को उस की गेंद या पतंग वापस मिल पाती थी. यह अल्हड़पन कुछ समय तक चलता रहा. बड़ेबुजुर्गों को इस खिलवाड़ पर कोई एतराज भी नहीं था.

समय तो किसी के रोकने से रुकता नहीं. पुष्पा अब सयानी हो चली थी और जावेद के चेहरे पर दाढ़ीमूंछ आने लगी थीं. अब जावेद गेंद या पतंग लेने हवेली के अंदर नहीं जाता था, बल्कि हवेली के बाहर से ही आवाज दे देता था.

पुष्पा भी अब बिना झगड़ा किए नजर झुका कर गेंद या पतंग वापस कर देती थी. यह झुकी नजर कब उठी और जावेद के दिल में उतर गई, किसी को पता भी नहीं चला.

अब जावेद और पुष्पा दिल ही दिल में एकदूसरे को चाहने लगे थे. उन्हें अल्हड़ जवानी का प्यार हो गया था.

कहावत है कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते. गांव में दोनों के प्यार की बातें होने लगीं और बात बड़ेबुजुर्गों तक पहुंची.

मामला गांव के 2 इज्जतदार घरानों का था. इसलिए इस के पहले कि मामला तूल पकड़े, जावेद को आगे की पढ़ाई के लिए शहर भेज दिया गया. यह सोचा गया कि वक्त के साथ इस अल्हड़ प्यार का बुखार भी उतर जाएगा, पर हुआ इस का उलटा.

जावेद पर पुष्पा के प्यार का रंग पक्का हो गया था. वह सब से छिप कर रात के अंधेरे में पुष्पा से मिलने आने लगा. लुकाछिपी का यह खेल ज्यादा दिन तक नहीं चल सका. उन की रासलीला की चर्चा आसपास के गांवों में भी होने लगी.

आसपास के गांवों की महापंचायत बुलाई गई और यह फैसला लिया गया कि गांव में अमनचैन और धार्मिक भाईचारा बनाए रखने के लिए दोनों को उन की हवेलियों में नजरबंद कर दिया जाए.

ब्रजनंदनलाल और शौकत अली को हिदायत दी गई कि बच्चों पर कड़ी नजर रखें, ताकि यह बात अब आगे न बढ़ने पाए. कड़ी सिक्योरिटी के लिए दोनों हवेलियों पर बंदूकधारी पहरेदार तैनात कर दिए गए.

अब पुष्पा और जावेद अपनी ही हवेलियों में अपने ही परिवार वालों की कैद में थे. कई दिन गुजर गए. दोनों ने खानापीना छोड़ दिया था. आखिरकार दोनों की मांओं का हित अपने बच्चों की हालत देख कर पसीज उठा. उन्होंने जातिधर्म के बंधनों से ऊपर उठ कर घर के बड़ेबुजुर्गों की नजर बचा कर गांव से दूर शहर में घर बसाने के लिए अपने बच्चों को कैद से आजाद कर दिया.

रात के अंधेरे में दोनों अपनी हवेलियों से बाहर निकल कर भागने लगे. ब्रजनंदनलाल और शौकत अली तनाव के कारण अपनी हवेलियों की छतों पर आधी रात बीतने के बाद भी टहल रहे थे. उन दोनों को रात के अंधेरे में 2 साए भागते दिखाई दिए. उन्हें चोर समझ कर दोनों जोर से चिल्लाए, पर वे दोनों साए और तेजी से भागने लगे.

ब्रजनंदनलाल और शौकत अली ने बिना देर किए चिल्लाते हुए आदेश दे दिया, ‘पहरेदारो, गोली चलाओ.’

‘धांयधांय’ गोलियां चल गईं और 2 चीखें एकसाथ सुनाई पड़ीं और फिर सन्नाटा छा गया.

जब उन्होंने पास जा कर देखा, तो सब के पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई. पुष्पा और जावेद एकदूसरे का हाथ पकड़े गोलियों से बिंधे पड़े थे. ताजा खून उन के शरीर से निकल कर एक नई प्रेमकहानी लिख रहा था.

आननफानन यह खबर दोनों हवेलियों तक पहुंच गई. पुष्पा और जावेद की मां दौड़ती हुई वहां पहुंच गईं. अपने जिगर के टुकड़ों को इस हाल में देख कर वे दोनों बेहोश हो गईं. होश में आने पर वे रोरो कर बोलीं, ‘अपने जिगर के टुकड़ों का यह हाल देख कर अब हमें भी मौत ही चाहिए.’

ऐसा कह कर उन दोनों ने पास खड़े पहरेदारों से बंदूक छीन कर अपनी छाती में गोली मार ली. यह सब इतनी तेजी से हुआ कि कोई उन को रोक भी नहीं पाया.

यह खबर आग की तरह आसपास के गांवों में पहुंच गई. हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी. सवेरा हुआ, पुलिस आई और पंचनामा किया गया. एक हवेली से 2 जनाजे और दूसरी हवेली से 2 अर्थियां निकलीं और उन के पीछे हजारों की तादाद में भीड़.

अंतिम संस्कार के बाद दोनों परिवार वापस लौटे. दोनों हवेलियों के चिराग गुल हो चुके थे. अब ब्रजनंदनलाल और शौकत अली की जिंदगी में बच्चों की यादों में घुलघुल कर मरना ही बाकी बचा था.

ब्रजनंदनलाल और शौकत अली की निगाहें अचानक एकदसूरे से मिलीं, दोनों एक जगह पर ठिठक कर कुछ देर तक देखते रहे, फिर अचानक दौड़ कर एकदूसरे से लिपट कर रोने लगे.

गहरा दुख अपनों से मिल कर रोने से ही हलका होता है. बरसों का आपस का भाईचारा कब तक उन्हें दूर रख सकता था. शायद दोनों को एहसास हो रहा था कि पुरानी पीढ़ी की सोच में बदलाव की जरूरत है.

सेक्स को खास बनाने के ये हैं बेहतरीन उपाय

सेक्स विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन से पता चलता है कि सफल सेक्स लाइफ बिताने वाले दीर्घायु तो होते ही हैं, इनके जीवन में सफल होने के चांस भी अधिक होते हैं. रोजमर्रा की छोटी-छोटी मगर महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति अपनी सेक्स लाइफ को एंजॉय कर सकता है. सेक्स के दौरान अगर कुछ बातों का ध्यान रखें तो जीवन सुखमय और आनंददायक हो सकता है.

सेक्स के दौरान न तो आक्रामक रुख अपनाएं न ही अपने पार्टनर पर हावी होने की कोशिश करें. हां, उसके साथ सहजता से पेश आए साथ ही उसकी पसंद-नापंसद का भी खयाल रखें.

  • अपने पार्टनर से बातचीत करें और उससे सेक्सुअल प्रिफरेंस अवश्य पूछें. कभी भी उस पर अपनी इच्छा नहीं थोपें.
  • सेक्स की किसी भी क्रिया अथवा विविधता के लिए अपने साथी की इच्छा अथवा अनिच्छा का पूरा सम्मान करें. उसके साथ सहजता से पेश आएं. किसी भी प्रकार की जोर-जबर्दस्ती आपको अपने साथी से दूर कर सकती है. साथ ही अगर प्यार से समझाया जाए तो धीरे-धीरे आपका पार्टनर भी आपका साथ देने के लिए तैयार हो जाएगा.
  • हमेशा याद रखें कि सेक्स का सुख दो पैरों के बीच नहीं बल्कि दो कानों के बीच अर्थात मस्तिष्क में होता है. शारीरिक संतु‍ष्टि के लिए ऐसी कोई भी हरकत न करें, जिससे आपका पार्टनर नाराज हो जाए अथवा तनावग्रस्त हो जाए. साथ ही अपने पार्टनर की संतुष्टि का भी पूरा ख्याल रखें, अगर वो संतुष्ट होगा तो आपकी संतुष्टि का लेवल दुगना हो जाएगा.
  • सहवास के पहले हलका और सुपाच्य भोजन लें और यह भी ध्यान रखें कि भोजन और सेक्स के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर हो.
  • सेक्स से पहले कोई भी ऐसी चीज न खाएं जिससे शरीर से दुर्गन्ध या कोई अन्य तेज गंध आती हो, हो सकें तो स्नान या कम से कम ब्रश कर के ही सेक्स की शुरूआत करें.

मैं अपनी चाची के साथ संबंध बनाना चाहता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 20 साल का हूं. मम्मी पापा बाकी भाई बहनों के साथ दूसरे शहर में रहते हैं. चाचा एयरफोर्स में हैं और बाहर रहते हैं. मैं चाची व उन के 2 साल के बेटे के साथ गांव में रहता हूं. मैं चाची के साथ सेक्स करना चाहता हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप को गांव में चाची व बच्चे की देखभाल के लिए छोड़ा गया है और आप खुद चाचा बनना चाहते हैं. अगर आप के इरादों का किसी को पता चलेगा, तो आप की खूब फजीहत होगी. आप चाची पर बुरी नजर रखने के बजाय शराफत से रहें. खुद पर काबू न हो, तो गांव छोड़ कर कहीं और चले जाएं.

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क्या आप भी सेक्स के समय उत्तेजित नहीं हो पाती

कई स्त्रियां ऐसी होती हैं, जो सहवास के दौरान उत्तेजित नहीं हो पाती हैं, जिस से वे सहवास के दौरान पति को सहयोग भी नहीं दे पाती हैं. ऐसी स्त्रियां ‘फ्रिजिड’ अर्थात ‘ठंडी’ स्त्री के रूप में जानी जाती हैं. फ्रिजिड स्त्री की व्यथा को न कोई जान सकता है और न ही समझ सकता है. वह स्वयं भी इस बात को जान नहीं पाती कि वह यौन सुख से वंचित क्यों है? जिस प्रकार छप्पन पकवानों से सजी थाली का भोजन नलिका द्वारा पेट में पहुंचाए जाने पर व्यक्ति को स्वाद का पता नहीं चलता, ठीक उसी प्रकार फ्रिजिड स्त्री संतान तो उत्पन्न कर सकती है, लेकिन यौनसुख का अनुभव नहीं कर सकती. पति उस की फ्रिजिडिटी (ठंडेपन) से तंग आ कर पत्नी को मानसिक रूप से प्रताडि़त करता है और उसे शारीरिक पीड़ा भी पहुंचाता है. वह समझता है कि उस की पत्नी उसे जानबूझ कर सहयोग नहीं देती है या कोई अनैतिक संबंध रख कर उस से बेवफाई कर रही है. इस से पतिपत्नी के बीच दीवार खड़ी हो जाती है और पत्नी को स्वयं को कोसने के सिवा कोई चारा नहीं रह जाता है.

मेरे पास ऐसी कई स्त्रियां आई हैं, जिन में से कुछ की ‘केस हिस्ट्री’ आप को बताना चाहूंगा ताकि आप लोगों को फ्रिजिड स्त्रियों की व्यथा का पता चल सके. 23 वर्षीय मध्यवर्गीय वैशाली मासूमियत की प्रतीक थी. खुले दिल से हंसना, तत्परता से काम करना व कपटरहित व्यवहार उस का स्वभाव था. जब एक बड़े घराने में उस की शादी हुई तो वह खुशी से नाच उठी. उस ने सोचा कि अब उसे किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी, लेकिन कुछ दिनों में उस का यह भ्रम टूट गया. उस की हंसी, उछलकूद, सब से हिलनामिलना आदि पर पाबंदी लग गई, क्योंकि उस बड़े घराने में इसे अशिष्ट माना जाता था. हमेशा सास और ननद उस की हंसी उड़ाया करती थीं, जिस से वह धीरेधीरे स्वयं में खोने लगी. यहां तक की पति के साथ सहवास के समय पर अत्यंत आनंद के क्षणों में मुंह से निकले हुए उद्गार अथवा सिसकारी को दबाने लगी, क्योंकि उसे डर था कि पति उसे बदचलन या अशिष्ट स्त्री न समझ ले. धीरेधीरे वह भावशून्य होने लगी. बच्चे होने पर वह बच्चों में ही अधिक समय बिताने लगी और पति की मांग के कारण केवल एक फर्ज के रूप में यौन संबंध रखने लगी. वह यह भी भूल गई कि इस संबंध में सुख भी मिलता है.

हादसे की शिकार

उर्वशी की समस्या कुछ अलग ही है. विवेक जैसे शिक्षित, सुशील और होनहार युवक से उस का विवाह हुआ था, जो उस के कालेज जीवन का प्रेमी था. विवाह से पहले उर्वशी अपने प्रेमी विवेक से मिलने के लिए हमेशा आतुर रहती थी. वह अधिक से अधिक समय उस के साथ बिताना चाहती थी. जब दोनों का विवाह हुआ तो उस रात बड़ी देर तक विवेक दोस्तों से छुटकारा नहीं पा सका. उर्वशी उस की राह देखतेदेखते थक कर अपने कमरे में सो गई. जब विवेक बहुत देर बाद कमरे में पहुंचा तो उर्वशी की सुंदरता देख कर मुग्ध हो गया. उस ने धीरे से उस का सिर उठा कर एक चुंबन ले लिया, जिस से उर्वशी घबरा कर उठ गई और सिसकसिसक कर रोने लगी. उस का सारा शरीर कांप रहा था और वह पसीने से तरबतर हो गई. यह देख कर विवेक बहुत डर गया, क्योंकि उस ने ऐसा उर्वशी को डराने के लिए नहीं किया था. वह उर्वशी से बारबार माफी मांगने लगा. थोड़ी देर बाद उर्वशी सामान्य हुई तो घबराहट के कारण हुई गलतियों पर शर्मिंदा होने लगी. जब दोनों पतिपत्नी हनीमून के लिए गए, तब सहवास के दौरान उर्वशी को निश्चेष्ट और बर्फ समान ठंडा पा कर विवेक को बहुत परेशानी हुई, क्योंकि वह तृप्ति से वंचित रह जाती थी.

विवेक को कुछ समझ में नहीं आया कि दिन भर प्यार करने वाली उर्वशी सहवास के दौरान ऐसा बरताव क्यों करती है? डाक्टरी जांच कराने पर पता चला कि 14 साल की उम्र में जब वह मामा के घर किसी की शादी में गई थी, एक दिन दोपहर के समय वह सो गई थी, तब एक लड़का छिप कर उस के कमरे में आ गया और उस से जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा. उर्वशी ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी लाज बचाई. जैसेजैसे दिन बीतते गए उर्वशी उस हादसे को भूल गई, लेकिन विवेक द्वारा लिए गए प्रथम चुंबन ने उस के अवचेतन मन में छिपे इस पुराने डर को ताजा कर दिया, जिस से उस की भावनाएं आहत हुईं और वह फ्रिजिड हो गई.

शर्म व तनाव के कारण

रीता शर्मीले स्वभाव की लड़की थी. उस की सगाई सुदेश के साथ हो गई थी. एक दिन जब घर में कोई नहीं था, तो रीता को अकेली पा कर सुदेश उत्तेजित हो उठा और उस ने रीता से सहवास की मांग की, जिस से वह सहम गई. वह सोचने लगी कि यदि वह सुदेश को मना करती है तो वह नाराज हो जाएगा. अगर वह उस की बात मान लेती है तो उस की बदनामी हो जाएगी और उस के मन में गर्भवती होने का डर भी उत्पन्न हो गया. इस बीच सुदेश ने रीता के मौन को सहमति समझ कर सहवास कर ही लिया. इस के बाद रीता हताश और बेचैनी की अवस्था में मासिकधर्म की राह देख कर दिन बिताने लगी. जिस दिन रीता को मासिकधर्म शुरू हुआ उस ने चैन की सांस ली और आराम की नींद सोने लगी. लेकिन उस के कुछ समय बाद ही सुदेश ने उसे फ्रिजिड लड़की कह कर सगाई तोड़ दी. दुनिया की कोई भी स्त्री जन्म से फ्रिजिड नहीं होती. वह फ्रिजिड अपने घर के वातावरण, समाज और किसी भी हादसे के कारण जैसे- बलात्कार आदि से बन सकती है.

फ्रिजिडिटी मानसिक और शारीरिक कारणों से आती है, जिन में शारीरिक कारण तो बहुत कम होते हैं, लेकिन मानसिक कारण अधिक होते हैं. इसलिए उपरोक्त उपायों को अपना कर फ्रिजिडिटी दूर की जा सकती है और दांपत्य जीवन को सहज और सुखद बनाया जा सकता है.

शारीरिक कारण

शारीरिक विकलांग अवस्था में योनि का न होना. वैसे यह कारण बहुत कम स्त्रियों में होता है.

दुखद यौन संबंध, योनि शोथ, गर्भाशय शोथ, रजोनिवृत्ति हो जाना, अंडाशय और यकृत रोग भी इस का कारण हो सकते हैं.

गर्भवती और गुप्तरोग हो जाने की शंकाएं भी स्त्री को फ्रिजिड बना देती हैं.

रक्तचाप कम करने वाली दवाओं का सेवन, नींद की गोलियां, ट्रैंक्विलाइजर्स और 3-4 साल से लगातार गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन भी फ्रिजिडिटी उत्पन्न कर सकता है.

मानसिक कारण

जब बच्चे बचपन में अनजाने में अपने शरीर को समझने के लिए यौनांगों को छूते हैं, तब उन्हें इस के लिए डांटा जाता है और कभीकभी तो मातापिता उन्हें सजा भी दे देते हैं.

बचपन से ही कड़े अनुशासनपूर्ण माहौल में परवरिश होने के कारण, जिस में सैक्स को बुरा या गंदा मानने वाले विचारों का बच्चे के मन में घर कर जाना, बच्चों द्वारा किए गए सैक्स संबंधित सवालों का जवाब न देना या डांट देना भी फ्रिजिडिटी का कारण होता है.

भावनाओं को दबाना, लड़के और लड़की से किए जाने वाले व्यवहार में भिन्नता, जिस में लड़की की उपेक्षा करना लड़की की आयु बढ़ने पर उस में फ्रिजिडिटी उत्पन्न कर देता है. इसे मूल कारण समझा जा सकता है.

धार्मिक शिक्षा, जो सैक्स को पाप मानती है और सहवास को केवल पुत्र प्राप्ति का साधन मात्र मानती है.

कई बार पुरुष अपने शीघ्रपतन और नपुंसकता की समस्या को छिपाने के लिए भी पत्नी को फ्रिजिड कह देता है, जिस से उस का मन आहत हो उठता है और वह फ्रिजिड बन जाती है.

मानसिक रोग जैसे डिप्रैशन, तनाव, चिंता आदि भी फ्रिजिडिटी पैदा करते हैं.

फ्रिजिडिटी दूर करने के उपाय

यदि पतिपत्नी एकदूसरे को समझने का प्रयास करें व पति अपनी पत्नी को उचित प्यार व सहयोग दे तो यह समस्या हल हो सकती है.

पत्नी के मन में भी इसे दूर करने की तीव्र इच्छा होनी चाहिए. पतिपत्नी के बीच उत्पन्न तनाव के कारणों को दूर करना चाहिए.

पतिपत्नी युगल चिकित्सा का सहारा ले कर भी इसे दूर कर सकते हैं.

प्रेम, स्पर्श, आलिंगन व रसभरी बातों से भी इसे दूर किया जा सकता है.

इस के अलावा ‘सैक्स पावर’ बढ़ाने वाली एक्सरसाइज द्वारा भी आप इसे दूर कर सकते हैं.

इस में सम्मोहन चिकित्सा बहुत ही लाभकारी होती है, जो मन में बैठे हुए अज्ञात भय को निकालती है.

बढ़ती उम्र में सेक्स

इंसान की जिंदगी में सेक्स का बड़ा महत्त्वपूर्ण स्थान होता है. मगर 46-48 वर्ष के बाद या इस उम्र के दहलीज पर पहुंचतेपहुंचते आदमी और औरत दोनों में सेक्स का आवेग उदासीन होने लगता है. उम्र के इस पड़ाव पर यह दीये में पड़ी बाती की बुझती हुई लौ के समान होता है. सेक्स की इच्छा तो हर इंसान को ताउम्र होती है मगर इस रसगर्भित आनंद में मन का साथ तन नहीं दे पाता है. अकसर पुरुष या स्त्री इस उम्र में  सेक्स के प्रति इच्छा रहते हुए भी शारीरिक ऊर्जा समाप्त होने के कारण भीतर से अवसादग्रस्त रहने लगते हैं. अवसाद सेक्स को और खत्म कर देता है. डाक्टरों के अनुसार, पुरुष में आए इस ठहराव में शरीर में मौजूद ‘प्रोस्टेट ग्रंथि’ का बहुत बड़ा हाथ होता है. यह ग्रंथि पुरुष की पौरुषता की निशानी है. यह गं्रथि यौवनारंभ से 50-55 वर्ष की आयु तक सक्रिय रहने के बाद अपनेआप आकार में घटने लगती है. मनुष्य में होने वाली यह एक सामान्य प्रक्रिया है.

हजारों मनुष्यों में से एक में पौरुषता की यह निशानी ‘प्रोस्टेट ग्रंथि’ घटने के बजाय बढ़ने लगती है. ऐसे लोगों का आरंभिक अवस्था में संभोग करने को बारबार मन करता है. ऐसे पुरुष जो सप्ताह में एक बार समागम करते थे वे रोज या 2-3 बार संभोग करने को उत्सुक रहते हैं. मगर बाद में वे संभोग करने के योग्य नहीं रह जाते. ऐसे में स्त्री या पत्नी को पति की इस मनोदशा को समझना होगा. पति की उम्र के साथसाथ पत्नी की भी उम्र बढ़ रही है. सेक्स के प्रति अनिच्छा उसे भी हो रही है. लेकिन वह घर के विभिन्न कामधंधों में फंस कर अपने को भुलाए रखती है. यह भी होता है कि स्त्री अपनेआप में यह हार मान लेती है कि अब सेक्स करने की उम्र नहीं रही. साधारणतया स्त्रियों का ऐसा ही विचार होता है, लेकिन उन का यह सोचना गलत होता है. वे अपनी गलत धारणा के कारण प्रकृतिप्रदत्त सेक्स का भरपूर आनंद बढ़ती उम्र के साथ नहीं उठा पातीं. सेक्स एक रति क्रिया है जिस में 2 विपरीत लिंग आपस में एकदूसरे के साथ शारीरिक समागम करते हैं. इस रति क्रिया से शारीरिक ऊर्जा मिलती है. उस से उक्त दोनों शरीर को भरपूर आनंद व संतुष्टि प्राप्त होती है. शरीर फिर से आगे काम करने के लिए रिचार्ज हो जाता है.

समस्याओं का पिटारा

एक दोस्त की पत्नी का कहना है कि सेक्स तो जरूरी है ही लेकिन इस के लिए मन का साथ होना बहुत जरूरी है. मन का साथ तभी होता है जब घरगृहस्थी के झंझटों से छुटकारा मिले. अशांत मन से सेक्स करने का मजा किरकिरा हो जाता है. एक सवाल के जवाब में उन का कहना है कि 45 प्लस के बाद सेक्स का अनोखा आनंद प्राप्त होता है क्योंकि यौवनावस्था में सेक्स उत्तेजित रहता है जबकि प्रौढ़ावस्था में सेक्स परिपक्व होता है विवेक बताते हैं कि यौवनावस्था में उन की सेक्स की इच्छा चरम पर थी. एक रात में 3-3 बार संबंध बना लेते थे. मगर अब प्रौढ़ावस्था में सेक्स का आनंद सिमट कर हफ्तों और महीनों में चला गया है. अब सेक्स की हार्दिक अभिरुचि एकसाथ कमरे के एक बैड पर साथ में लिपट कर रहने पर भी पैदा नहीं हो पाती है.

इस संबंध में 46 वर्षीय रमेश का कहना है कि पहले वे रोज अपनी पत्नी के साथ सेक्स करते थे लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि इस में उन की अभिरुचि समाप्त हो गई है. रमेश बताते हैं कि उन्हें सेक्स करने की इच्छा तो होती है. बिस्तर पर साथ लेटी पत्नी के कोमल अंगों को सहलाते भी हैं मगर जहां पहले उत्तेजना तुरंत बढ़ जाती थी, अब उस में शिथिलता आ गई है. सेक्स के लिए आतुर मन को शरीर का साथ नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा, वे सेक्स का आनंद नहीं उठा पाने के कारण काफी निराश हैं. 47 वर्षीय मनोज का किस्सा तो वाकई खराब है. उन्हें जब सेक्स की इच्छा होती है तब पत्नी की नहीं होती और जब पत्नी की इच्छा है तो उन की नहीं होती. इन दिनों उन्हें रात में सेक्स करने की अपेक्षा दिन में सेक्स करने की इच्छा ज्यादा बलवती रहती है. जबकि दिन में यह संभव नहीं है. वे बताते हैं कि पहले बच्चे छोटेछोटे थे. दिन में भी यह कभीकभी संभव हो जाता था मगर अब बच्चे बड़े हो गए हैं. रात में सेक्स में अभिरुचि नहीं होने की वजह वे बताते हैं कि रात के अंधेरे में पत्नी के शरीर के कोमल अंगों का साफ न दिख कर केवल छू कर अनुभव करना होता है जोकि रोमांच नहीं पैदा कर पाता है. सेक्स से एकदम मन हट जाता है.

मनोज आगे कहते हैं कि एक कारण और भी है कि दिनभर के कामधाम के बाद पत्नी जब थक कर चूर हो जाती है और रात को बिस्तर पर निढाल पड़ जाती है, ऐसी स्थिति में सेक्स करना संभव नहीं है. पत्नी ही नहीं, पति भी तो दिनभर दफ्तर के कामों से थकहार कर जब वापस घर लौटता है, उसे सोने के अलावा दूसरे कामों की इच्छा नहीं होती. वहीं, दिन में पत्नी घर में इधरउधर इठलाती, बलखाती, ठुमकती हुई नजर आती है तो बरबस उसे देखपकड़ कर सीने से भींच लेने को जी चाहता है. ऐसे में पत्नी जब तिरछी नजरों के बाण छोड़ती है वह क्षण पूरे शरीर में गुदगुदी पैदा कर देने वाला होता है तथा पत्नी की तरफ से सेक्स के लिए मौन आमंत्रण होता है. यह माना भी जाता है कि रात की अपेक्षा दिन में स्त्री की भावभंगिमाएं एक मर्द को सेक्स के लिए कुछ ज्यादा ही उत्तेजित कर देती हैं. फलस्वरूप, पुरुष बहक जाता है. उम्र के इस पड़ाव पर पत्नी को भी अपने पति का साथ देना चाहिए. ऐसे में पत्नी की जरा सी उपेक्षा गुजरे 45 वर्षों के वैवाहिक जीवन को अशांत कर सकती है.

स्वस्थ रहने के लिए सेक्स जरूरी

डाक्टरों का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ सेक्स कमजोर नहीं पड़ता बल्कि शरीर का ‘मेटाबोलिज्म’ खत्म होने लगता है. अपनेआप को स्वस्थ रखने के लिए नियमित सेक्स करना जरूरी है. सेक्स भी एक ऐक्सरसाइज ही है. इस के अलावा एक अनुसंधान से पता चला है कि जांघों की पेशियों में तनाव का यौन समागम से संबंध है. ऐसे व्यायाम, जिस में जांघों की पेशियों का व्यायाम हो, कर के यौन सामर्थ्य को बढ़ाया जा सकता है. डाक्टरों का यह भी कहना है कि यौन सक्रियता के घटने का सब से बड़ा कारण पौष्टिक भोजन का अभाव है. शरीर चुस्त और दुरुस्त तथा ऊर्जावान रखने के लिए सही पौष्टिक खानपान की भी जरूरत होती है. उन के अनुसार बढ़ती उम्र के हिसाब से ज्यादा वसायुक्त भोजन से परहेज करना चाहिए. कभीकभी ऐसा भी होता है कि प्रौढ़ावस्था में पहुंचा व्यक्ति कुछ समय तक जरूरत से ज्यादा संभोग कर चुका हो अथवा बहुत अरसे तक काम के बोझ से दबे रहने के कारण उस का ‘तंत्रिका तंत्’ यानी नर्व सिस्टम थक गया हो, जिस के चलते वह संभोग कार्यों में असफल रह जाता हो. ऐसे समय में उसे कुछ समय तक विश्राम करते हुए पौष्टिक भोजन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.

सेक्स जैसे अंतरंग कार्यों में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका मस्तिष्क की ही होती है. पत्नी का झगड़ालू स्वभाव, चिंताएं, थकान, एकांत वातावरण का अभाव इत्यादि शिश्न में उत्थान कम आने के कारण बन सकते हैं. मधुमेह से पीडि़त व्यक्ति इस उम्र में आ कर सेक्स से वंचित रह जाते हैं. मनोचिकित्सकों के अनुसार दिनभर की भागदौड़ से थक कर शरीर जब आराम की मुद्रा में आता है, ऐसे में तुरंत सेक्स करना एक प्रकार का शरीर के साथ व्यभिचार करने के समान है. सेक्स एक प्रकार का 2 विपरीत लिंगों का एकांतिक शारीरिक व्यायाम है. पति व पत्नी चिंता से पूरी तरह मुक्त हो कर फोरप्ले करते हुए सेक्स का आनंद लें. इस से बढ़ती उम्र का खयाल ही नहीं रहेगा.

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