पिछड़ों और दलितों से घबराई भाजपा की ठंडी गरमी

 शैलेंद्र सिंह

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जिस तरह से विरोध हो रहा है, उस से शिमला सी ठंड में भी भाजपा के पसीने छूट रहे हैं. चुनाव की गरमी जैसेजैसे बढ़ रही है, भाजपा की बेचैनियां भी वैसेवैसे बढ़ रही हैं. महंगाई, बेरोजगारी और खेतीकिसानी के मुद्दों के आगे धर्म की बातें सुनना लोगों को पसंद नहीं आ रहा है.

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों में वैसे ही भगदड़ मच गई, जैसे प्लेटफार्म पर रेलगाड़ी के आने के समय होती है. जिस का रिजर्वेशन होता है, वह भी और जिस का साधारण टिकट होता है, वह भी भगदड़ का हिस्सा होता है. जिस के पास ट्रेन का टिकट नहीं होता, वह सब से ज्यादा उछलकूद करता है. सब का मकसद एक ही होता है, रेलगाड़ी पर चढ़ कर अपनी मंजिल तक पहुंचना.

चुनाव आते ही सब नेताओं का एक ही मकसद होता है कि चुनाव जीत कर विधायक बनना. राजनीतिक दल कमजोर नेता को हटा कर मजबूत नेता को टिकट देना चाहते हैं, जिस से उन की सरकार बन सके. नेता टिकट कटने पर पार्टी के प्रति सारी निष्ठा को छोड़ कर अपने जुगाड़ में लग जाता है. उत्तर प्रदेश में चुनावी रेलगाड़ी अब प्लेटफार्म से चल चुकी है. जिस नेता को जहां बैठना था, बैठ चुका है.

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चुनावी गरमी अब बढ़ चुकी है. हालांकि प्रदेश के मौसम में पहले जैसी गरमी नहीं है, खासकर प्रदेश में सरकार चलाने वाली भारतीय जनता पार्टी के खेमे में माहौल बेहद ठंडा महसूस हो रहा है. उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी पूरी ताकत झोंक दी है.

भाजपा के कार्यकर्ता धर्म के सहारे राजनीति करने में माहिर हैं. वे धर्म का प्रचार बेहतर तरीके से कर सकते हैं. बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर हो रहे विरोध का वे सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं. यही वजह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने 40 संगठनों के 4 लाख कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में उतार दिया है. ये कार्यकर्ता घरघर जा कर यह सम?ाने का काम कर रहे हैं कि वोट बेरोजगारी, महंगाई और किसान के मुद्दे पर नहीं, बल्कि धर्म के मुद्दे पर दें.

सवालों में घिरी ‘बुलडोजर सरकार’

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते केंद्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहा कि ‘वोट यह देख कर मत दें कि विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री कौन है? वोट प्रधानमंत्री के हाथों को मजबूत करने के लिए दें’.

इस का सीधा सा मतलब यह था कि भाजपा बेरोजगारी, महंगाई और किसान के मुद्दे पर चुनाव लड़ने से डर रही है. इसी वजह से वह राष्ट्रवाद, धर्म और केंद्र सरकार के नाम पर वोट मांग रही है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने चुनाव प्रचार में कहते हैं, ‘कुछ नेताओं की गरमी अभी शांत नहीं हुई है. 10 मार्च को चुनाव नतीजा आने के बाद यह गरमी शांत कर दी जाएगी. मईजून के महीने में भी हम उत्तर प्रदेश को शिमला बना देते हैं’. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान उन की ‘ठोंक दो’ शैली को बढ़ावा देने वाला है.

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योगी आदित्यनाथ और भाजपा के बड़े नेता डर और आतंक का माहौल बना कर वोट हासिल करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, ‘उत्तर प्रदेश में 5 साल पहले दबंग, दंगाई ही कानून थे. उन का कहा ही सरकार का आदेश हुआ करता था. हम उत्तर प्रदेश  के बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं. विपक्ष के लोग बदला लेने के लिए ठान कर बैठे हैं. इन बदला लेने वालों के बयानों को देख कर लगता है कि वे पहले से ज्यादा खतरनाक हैं.

‘कोई भूल नहीं सकता कि 5 साल पहले व्यापारी लुटता था, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी, माफिया सरकारी संरक्षण में घूमते थे. प्रदेश  दंगों की आग में जल रहा होता था और सरकार उत्सव मना रही होती थी.’

योगी आदित्यनाथ ने अपनी छवि ‘बुलडोजर सरकार’ की बनाई है, जहां ‘ठोंक दो’, ‘गाड़ी पलटा दो’ जैसे अलंकार उन की सरकार की शोभा बढ़ाते हैं. यही जुमले अब भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए वोट मांगने में मुश्किल खड़ी कर रहे हैं. तमाम दांवपेंच और सत्ता के दबाव के बाद भी भाजपा अकेली पड़ गई है. दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने लोकदल सहित छोटेछोटे दलों के साथ सीधा गठबंधन कर लिया है.

कांग्रेस भी समाजवादी पार्टी के साथ है. कांग्रेस ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उन के चाचा शिवपाल यादव के सामने कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच यह नया नहीं है. समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कभी अपना उम्मीदवार नहीं उतारती थी.

उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अलगअलग चुनाव लड़ रही हैं. इस के बाद भी टिकट बंटवारे में उन का टारगेट यह है कि किस तरह से भाजपा के उम्मीदवार को हराया जा सके. इस के लिए दोनों दलों में आपसी सहमति बनी हुई है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रचार करते हुए जब सड़क पर प्रियंका गांधी वाड्रा के काफिले के सामने सपा नेता अखिलेश यादव और लोकदल के नेता जयंत चौधरी मिल गए थे, तो दोनों काफिले रुक गए थे और आपसी अभिवादन के बाद ही आगे बढ़े थे.

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यह इन नेताओं की आपसी सम?ाबू?ा को दिखाता है. असल में कांग्रेस सपा गठबंधन से इस वजह से अलग है, जिस से वह अलग चुनाव लड़ कर भाजपा की अगड़ी जातियों खासकर ब्राह्मणों के वोट अपनी तरफ कर के भाजपा को नुकसान कर सके.

बेरोजगारी, महंगाई, किसान पर लाचारी

वोट मांगने के लिए घरघर जाने वाले कार्यकर्ताओं से लोग सवाल करते हैं कि पैट्रोल 100 रुपए लिटर, खाने का तेल 200 रुपए लिटर और रसोई गैस का सिलैंडर 1,000 रुपए का है, ऐसे में गृहस्थी कैसे चलेगी? इन सवालों के जवाब भाजपा का प्रचार करने वालों के पास नहीं है. शहरों से हट कर जब गांव के लोगों से वोट मांगे जाते हैं, तो वहां के लोग छुट्टा जानवरों से खेत में होने वाले नुकसान, खाद के महंगे दाम की बात करने लगते हैं.

इन सवालों के जवाबों से लाचार हो कर भाजपा ने नई रणनीति बनाई है. अब वह वोट मांगने के लिए उन घरों में जा रही है, जिन को सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ मिला है. भाजपा की भाषा में इन को ‘लाभार्थी’ कहा जाता है.

प्रचार पर जाने वाले कार्यकर्ताओं को उन के क्षेत्र के लाभार्थियों के नाम की लिस्ट पहले से दे दी जाती है. कार्यकर्ता इन घरों पर ही जा रहे हैं. वहां उन से महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के सवाल कम होते हैं. भले ही ‘लाभार्थी’ कहा जाने वाला यह वर्ग सीधे सवाल नहीं करता, पर उस के मन में भी यह सवाल उठता है कि महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की क्या हालत है?

भाजपा के लिए चुनौती देने वाली बात यही है कि उस का समर्थन करने वाले से ज्यादा लोग उस का विरोध करने वालों का कर रहे हैं.

एक लोकगायिका हैं नेहा सिंह राठौर. वे बिहार की रहने वाली हैं. उत्तर प्रदेश में उन का ननिहाल है. बिहार विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने एक गाना ‘बिहार मा का बा’ गाया था, जिस के जरीए नेहा सिंह को सोशल मीडिया पर बहुत तारीफ मिली थी. अब उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी नेहा सिंह राठौर ने ‘यूपी में का बा’ गाने के सहारे यहां की अव्यवस्था पर सवाल किया. इन सवालों के घेरे में नेहा सिंह ने ‘मोदीयोगी’ को निशाने पर लिया.

नेहा सिंह राठौर को जनता ने हाथोंहाथ लिया, जिस से बौखला कर भाजपा की आईटी सैल और अंधभक्तों ने नेहा को जबरदस्त ट्रोल करना शुरू कर दिया. पर नेहा ने हौसला नहीं हारा और हिम्मत से ‘यूपी में का बा’ के अलगअलग गाने गाती रहीं.

भाजपा का विरोध जनता के बीच इतना है कि उस का प्रचार करने वालों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कार्यकर्ताओं को ही नहीं, बल्कि भाजपा के विधायकों और कई नेताओं को उन के क्षेत्र में घुसने से रोका गया. पहले भी इस तरह का इक्कादुक्का विरोध होता था, जिस में जनता को सामने कर के विपक्ष के लोग बैनरपोस्टर टांग देते थे कि ‘प्रचार के लिए यहां संपर्क न करें’. लेकिन नेता के सामने आ कर कोई विरोध नहीं करता था.

इस बार जनता विरोध कर रही है और भाजपा नेताओं को क्षेत्र में घुसने नहीं दे रही है. इस तरह की घटनाएं पूरे प्रदेश में घट रही हैं. उत्तर प्रदेश में 20 जनवरी से 30 जनवरी के बीच 9 नेताओं को जनता का विरोध ?ोलना पड़ा. लोगों ने इन को गांव में घुसने नहीं दिया.

मंत्री से ले कर विधायक का विरोध

इस में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से ले कर तमाम नेता शामिल हैं. वे कौशांबी जिले की सिराथू सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. 22 जनवरी, 2022 को जब वे गुलामीपुर चुनाव प्रचार करने गए, तो महिलाओं ने उन को घेर कर नारेबाजी शुरू कर दी.

प्रयागराज से एमएलसी सुरेंद्र चौधरी को अफजलपुर में लोगों ने चुनाव प्रचार नहीं करने दिया. सुरेंद्र चौधरी सम?ाते रहे कि ‘सरकार ने राम मंदिर बनवाया’, पर लोगों ने एक नहीं सुनी. सुरेंद्र चौधरी को वहां से प्रचार छोड़ कर जाना पड़ा.

जालौन की उरई सीट से विधायक गौरी शंकर वर्मा चुनाव प्रचार करने गए, तो विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी गई. लोगों ने जब सड़क, नल, पानी का हिसाब मांगा, तो गौरी शंकर वर्मा वहां से चलते बने.

इस तरह की घटनाएं पूरे प्रदेश में घट रही हैं. बुलंदशहर में देवेंद्र सिंह लोधी स्याना सीट से विधायक हैं. जब वे प्रचार करने गए, तो लोगों ने विरोध किया. उन का आरोप था कि ‘5 साल न कोई नल दिया, न सड़क. अब वोट मांगने क्यों आए हो?’ पहले तो देवेंद्र सिंह ने लोगों को सम?ाने की कोशिश की, पर जब बात नहीं बनी तो चुपचाप वापस चले आए.

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा विधायकों से लोग नाराज हैं कि अपने ही वोटरों को किसान आंदोलन में मुकदमे में फंसा दिया. इसी बात को ले कर खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी का विरोध हुआ. यही नहीं, कई जगहों पर वोट मांगने पर जनता ने भाजपा विधायकों के खिलाफ नारेबाजी की.

यहां के किसानों ने कहा कि उन पर जिस तरह से मुकदमे किए गए, कील और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया, वह दर्द वे भूले नहीं हैं. यह सब देख कर ही भाजपा के बड़े नेताओं को प्रचार के लिए उतारना पड़ा, जिन के साथ पूरा लावलश्कर चलता है. इस से जनता विरोध नहीं कर पाती है.

किसान आंदोलन के साथसाथ महंगाई और बेरोजगारी भी विरोध की एक बड़ी वजह है. भाजपा इस कारण से इन मुद्दों को पीछे छोड़ कर धर्म, राष्ट्र, पलायन और बदमाशी पर बात कर रही है. भाजपा इन मुद्दों के नाम पर वोटर को डरा कर वोट लेना चाहती है.

‘अंडर करंट’ साबित होंगे

महंगाई और बेरोजगारी को भले ही विपक्ष चुनावी मुद्दा न बना पा रहा हो, पर महंगाई और बेरोजगारी को ले कर जनता के बीच गुस्सा बना हुआ है. पहले यह उबलते दूध की तरह होता था, जो कुछ समय में शांत हो जाता था.

इस चुनाव में केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी यह मुद्दा बना हुआ है. जनता इसी कारण विपक्षी दलों के साथ खड़ी है. भले ही विपक्षी दल खुद इन मुद्दों को ले कर बात करने से बच रहा हो, पर एक तरह से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में इस बार जनता चुनाव लड़ रही है. उस का यह गुस्सा ‘अंडर करंट’ की तरह ही है, जो अब वोट देते समय निकल कर सामने आएगा.

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सीएमआईई के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर, 2021 में बेरोजगारी दर 7.84 फीसदी हो गई है. उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर 4.9 फीसदी हो गई है. भले ही विपक्षी दल प्रमुखता से यह बात नहीं कर पा रहे हैं, पर उत्तर प्रदेश के बेरोजगारों ने ‘यूपी मांगे रोजगार’ नाम से अलग मुहिम चला रखी है.

भाजपा के वोटरों में सब से बड़ी तादाद  नौजवानों की है, जो 18 से 35 साल की उम्र के हैं. इन के पास रोजगार का सब से बड़ा संकट है. प्रयागराज में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले नौजवानों पर जिस तरह से लाठियां बरसाई गईं, वह भाजपा के लिए बड़ा संकट बन रहा है.

युवा कार्यकर्ता जब वोट मांगने जा रहे हैं, तो उन के साथी ही उन का विरोध कर रहे हैं. इन के विरोध की गंभीरता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी क्षेत्र वाराणसी के नौजवानों ने उन के जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस’ के रूप में मनाया था.

बेरोजगारों के गुस्से की वजह यह है कि कोरोना काल के दौरान तालाबंदी से निजी क्षेत्र को जब नुकसान हुआ, तो वहां से तमाम लोगों को नौकरियों से बाहर कर दिया गया. ये युवा अब अपने सुरक्षित भविष्य के लिए सरकारी नौकरियों की तरफ जाना चाहते हैं. वहां परीक्षा पेपर आउट हो जा रहा है. परीक्षा का रिजल्ट सालोंसाल नहीं आता. जिन का रिजल्ट आ जाता है, उन को अपौइंटमैंट लैटर नहीं दिया जाता.

सरकार अब अपने विभागों में भी संविदा पर नौकरियां देने लगी है. वहां भी भाईभतीजावाद और सिफारिश चल रही है. इस वजह से छात्रों का गुस्सा उन के अंदर भरा हुआ है.

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ी तादाद में नौजवानों ने भाजपा को वोट दिया था. उस को यह लगा था कि ‘डबल इंजन’ सरकार उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर खोलेगी.

नौजवानों को झांसा देने के लिए योगी सरकार ने ‘इंवैस्टर मीट’ और ‘डिफैंस ऐक्सपो’ जैसे कई आयोजन किए. नौजवानों को यह बताने की कोशिश भी की थी कि चीन से भाग कर विदेशी कंपनियां उत्तर प्रदेश में कारखाने लगाने जा रही हैं, जिस से नौजवानों को रोजगार मिल सकेगा.

उत्तर प्रदेश को फिल्म सिटी बनाने का झांसा भी दिया गया. इन में से कोई भी घोषणा जमीन पर नहीं उतरी. इस वजह से बेरोजगारों का गुस्सा अंडर करंट के रूप में काम कर रहा है, जिस का पता 10 मार्च को चल पाएगा.

भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जिस तरह से विरोध हो रहा है, उस से शिमला की ठंड में भी भाजपा के पसीने छूट रहे हैं.

पर्यटन मानचित्र पर नई कहानी कह रहा नया उत्तर प्रदेश: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश की पर्यटन सम्भावनाओं के विकास पर पिछली सरकारों ने अपेक्षित ध्यान नहीं दिया. 2017 के पहले की यूपी में पर्यटन तो दूर कानून-व्यवस्था की बदहाली के चलते लोग औद्योगिक निवेश तक करना नहीं चाहते थे. लेकिन आज आज प्रदेश पर्यटन विकास की ढेर सारी संभावनाओं को समेटे हुए आगे बढ़ रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद देश के पर्यटन के पोटेंशियल को अगर किसी ने समझा है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. उनकी दूरदर्शी व सकारात्मक सोच के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास के मानचित्र पर आज एक नई कहानी कह रहा है.

मुख्यमंत्री योगी लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन विकास से जुड़ीं ₹642 करोड़ की 488 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर रहे थे. कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट की भी उपस्थिति रही.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 के प्रयागराज महाकुंभ में दुर्व्यवस्था, गंदगी, और भगदड़ की स्थिति रही. वहीं 2019 का प्रयागराज कुंभ “दिव्य और भव्य रहा. आज अयोध्या का दीपोत्सव, मथुरा का कृष्णोत्सव और रंगोत्सव और काशी की देव दीपावली पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है. हमने शुक तीर्थ, नैमिष धाम, गोरखपुर, कौशाम्बी, संकिसा, लालापुर सहित हर क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिया है.

यही नहीं, मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के माध्यम से प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में किसी न किसी पर्यटन स्थल के व्यवस्थित विकास को आगे बढ़ाने का कार्य हुआ है. आज प्रदेश में 700 से अधिक पर्यटन स्थलों का सफलतापूर्वक विकास किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वह स्थल जो हमारी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक पहचान और आस्था से जुड़े हैं, सबका सम्मान करते हुए हर स्थल के विकास का काम हो रहा है. रिलिजियस टूरिज्म के साथ-साथ इको टूरिज्म को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. इन प्रयासों से युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर भी सृजित हुए हैं. 191.04 करोड़ की 154 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर चौरीचौरा शताब्दी वर्ष, लखनऊ रेजीडेंसी में हुए ड्रोन और लाइट एंड साउंड शो, महाकवि निराला की भूमि के पर्यटन विकास, काकोरी और शाहजहांपुर में अमर शहीदों की यादें संजोने जैसी कोशिशों का भी जिक्र किया.

मंदिर हमारी आत्मा, यह नहीं तो हम निष्प्राण: रेड्डी

लोकार्पण-शिलान्यास के इस कार्यक्रम में वर्चुअली सहभाग करते हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी.किशन रेड्डी ने योगी सरकार द्वारा पर्यटन व संस्कृति संवर्धन के लिए किए गए प्रयासों को अभूतपूर्व बताया.

उन्होंने कहा कि योगी सरकार सांस्कृतिक विरासतों का उत्थान कर रही है. यह नए भारत की नई तस्वीर है. ब्रज क्षेत्र में विकास कार्यों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह मंदिर हमारी आत्मा हैं. अगर इसे निकाल दिया जाए तो कुछ भी नहीं बचेगा. केंद्रीय मंत्री ने पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से सड़क, वायु, जल, मार्ग व रोपवे कनेक्टिविटी की तारीफ की और काशी में माँ अन्नपूर्णा की प्रतिमा की पुनर्स्थापना, रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, कृष्ण सर्किट का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में रामराज्य है. विशेष अवसर पर पर्यटन विभाग के वार्षिक कैलेंडर व उपलब्धियों पराधारित पुस्तिका का भी विमोचन किया गया.

नई भर्तियों से मजबूत होगा स्वास्थ्य विभाग ढाँचा

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पिछले पौने पांच वर्षों में साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियां देकर अपना संकल्प पूरा किया.  कोविड 19 महामारी के दौरान भी योगी का मिशन रोज़गार धीमा नहीं पड़ा. समय की ज़रुरत के अनुसार स्वास्थ्य  विभाग के खाली पद भर कर  स्वास्थ्य   इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत किया.

स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे को  सुदृढ़ बनाने की दिशा में उ. प्र. लोक सेवा आयोग का बड़ा योगदान रहा जिसने अन्य विभागों के साथ साथ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा में समयबद्ध , निष्पक्ष और त्वरित तरीके से भर्तियां करके नागरिकों को राहत दी.  सार्वजनिक हित को दृष्टिगत रखते हुए, उ.प्र. लोक सेवा आयोग ने स्वास्थ्य विभाग से सम्बन्धित पदों का चयन जल्द से जल्द वरीयता के आधार किया  जिससे चुने गए अभ्यर्थी शीघ्रातिशीघ्र अपने नियत पदों पर दायित्व संभाल सके. इस क्रम में चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता, शुचिता और पारदर्शिता को अक्षरशः सुनिश्चित करते हुए समयबद्ध कार्यवाही की गयी .

इस क्रम में एलोपैथिक चिकित्साधिकारी (श्रेणी-2) के 15 संवर्गों के 3620 पदों पर चयन सम्बन्धी कार्यवाही का विज्ञापन आयोग द्वारा 28.05.2021 को जारी किया गया जिसमें आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 28 जून थी.  त्वरित कार्यवाही करते हुए आयोग ने अंतिम तिथि के एक महीने में अभ्यर्थियों का साक्षात्कार प्रारम्भ कर दिए. लगभग ढाई महीने मात्र में समस्त संवर्गों के लिए साक्षात्कार पूरे कर लिए गए.  साक्षात्कार समाप्त होने की तिथि 07.10.2021 थी लेकिन उससे पहले ही साक्षात्कार प्रारंभ होने के महीने भर से पहले ही प्रथम दो संवर्ग पीडियाट्रिक्स / एनेस्थेटिस्ट के परिणाम 18 अगस्त , 2021 को जारी कर दिए गए.  यही नहीं, समस्त संवर्गों का अंतिम परिणाम साक्षात्कार समाप्त होने के महीने भर के अंदर ही दिनांक 2.11. 2021 तक जारी कर दिया गया.

इस प्रकार युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए प्राथमिकता के आधार पर एलोपैथिक चिकित्सा विशेषज्ञों के 15 संवर्गों यथा पीडियाट्रिशियन, एनेस्थेटिस्ट फिजिशियन, पैथालाजिस्ट इत्यादि के 3620 पदों पर चयन हेतु 4062 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार सम्पन्न किया गया. लगभग चार माह में 1237 अभ्यर्थियों को चयन के लिए उपयुक्त पाया गया.

इसके अतिरिक्त चिकित्सा विभाग के अन्य संवर्गों यथा स्टेटीशियन कम प्रवक्ता, सहायक आचार्य पैथालाजी, कम्युनिटी मेडिसिन साइक्रियाटिक तथा एनेस्थीसिया के लगभग 82 पदों का परिणाम जारी किया गया तथा एम. ओ. एच. सह सहायक आचार्य के 05 तथा सहायक आचार्य, ब्लड बैंक के 15 पदों का भी साक्षात्कार सम्पन्न हो चुका है. उक्त पदों का परिणाम इसी सप्ताह जारी कर दिया जायेगा जबकि सहायक आचार्य के शेष पदों पर यथाशीघ्र साक्षात्कार कराने की कार्यवाही की जा रही है.

कोविड महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आयोग ने पारदर्शिता, निष्पक्षता सुनिश्चित रखते हुए अपनी गतिशीलता को और आगे बढ़ाया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उ.प्र. के अंतर्गत स्टाफ नर्स / सिस्टर (ग्रेड-2) (महिला एवं पुरुष) के 4743 पदों का विज्ञापन 16 जुलाई को जारी किया गया. आवेदन के लिए एक माह का समय दिया गया और मात्र डेढ़ मास में तीन अक्टूबर को लिखित परीक्षा आयोजित कर दी गई.उक्त पदों का निम्नवत् श्रेणियों में अंतिम चयन परिणाम औपबंधिक रूप से निम्नवत जारी कर दिया गया है

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 2582 पदों ( 50 पुरुष एवं 2532 महिला) के सापेक्ष 50  पुरुष तथा 1627 महिला अभ्यर्थी चयनित चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के 1235 पदों ( 90 पुरुष एवं 1145 महिला) के सापेक्ष 90 पुरुष तथा 623 महिला अभ्यर्थी चयनित के. जी. एम. यू. के 926 पदों ( 46 पुरुष एवं 880 महिला) के सापेक्ष 46 पुरुष तथा 578 महिला अभ्यर्थी चयनित

उपरोक्त तीनों श्रेणियों में कुल 3014 अभ्यर्थी चयनित हुए

आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता अंक न पाने के कारण 1729 पद भर नहीं सके.आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने बताया कि विज्ञापन जारी होने के लगभग पांच  माह में ही स्टाफ नर्स के 4743 पदों पर चयन की प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूर्ण की गयी जो अपने आप में एक प्रेरणास्पद मानदण्ड है. उन्होंने इसके लिए आयोग कार्मिकों की प्रतिबद्धता और संकल्प और आयोग की कार्य संस्कृति को सराहा जिन्होंने कोविड 19 महामारी की अवधि में भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृह बनाए रखने के लिए राष्ट्रहित में अपना योगदान किया. उन्होंने बताया कि स्टाफ नर्स (पुरुष) की शेष 448 रिक्तियों का विज्ञापन भी  इसी माह जारी कर दिया जायेगा .

यूपी में युवाओं को मिली डिजी शक्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर प्रदेश के एक करोड़ युवाओं को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट योजना की शुरूआत की.

युवाओं से खचाखच भरे स्टेडियम में हर जिले से आए 60 हजार युवाओं को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट की सौगात दी गई. इस दौरान सीएम योगी ने अब हर कमिश्नरी पर फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट देने की घोषणा की.

सीएम योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ईकाना स्टेडियम में आयोजित समारोह में डिजी शक्ति पोर्टल और डिजी शक्ति अध्ययन ऐप का भी शुभारंभ किया. ओलंपियन मीरा बाई चानू और उनके कोच विजय शर्मा को भी सम्मानित किया.

सीएम योगी ने दर्जनों युवाओं का उदाहरण देकर युवाओं को प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि दुनिया के अंदर जब भी भारत के युवाओं को अवसर मिला है, तो उन्होंने अपनी प्रतिभा का छाप वैश्विक मंच पर पूरी मजबूती के साथ रखा है. सीएम योगी ने एक कविता से अपनी संबोधन को समाप्त किया.

‘नए युग का सृजन युवकों तुम्हारे हाथ में है,

समूचा जग युवा पीढ़ी तुम्हारे साथ में है’.

प्रबल फौलाद सच मानो तुम्हारे गात में है

नए युग का सृजन युवकों तुम्हारे हाथ में है

सफलता तो तुम्हारी बात में है, जज्बात में है

नए युग का सृजन युवकों तुम्हारे हाथ में है

12 बजे सोकर उठने वाले युवा नहीं, इनसे उम्मीद मत करना : सीएम योगी

सीएम योगी ने विपक्षी दलों के नेताओं का बिना नाम लिए उन पर बड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि 12 बजे सोकर उठने वाले युवा नहीं हैं. प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी में गुमराह करके वैक्सीन का विरोध करने वाले युवा नहीं हैं. यह सब टायर्ड हैं और रिटायर्ड हैं. इनसे उम्मीद मत करना, क्योंकि इन्होंने तो प्रदेश की जनता और प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था.

2017 के पहले बेरोजगारी दर करीब 18 फीसदी थी, आज साढ़े चार फीसदी है : सीएम

सीएम योगी ने कहा कि हमारा युवा 2017 के पहले कहीं जाता था, तो कुछ जिले ऐसे थे कि उनके नाम पर होटल में कमरे नहीं मिलते थे और बाकी युवा कहीं जाता था, तो यह मान लिया जाता था कि नकल करके आया होगा या सिफारिशी होगा, इसलिए उसे प्रतियोगी परीक्षाओं से बाहर कर दिया जाता था. 2017 के पहले बेरोजगारी दर करीब 18 फीसदी थी और आज साढ़े चार फीसदी है. यह दिखाता है हमारे प्रयास सही दिशा की ओर आगे बढ़ रहे हैं. हमें नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की ओर आगे कैसे बढ़ना है, यह प्रधानमंत्री की ईमानदार सोच को दमदारी के साथ प्रदेश के अंदर लागू करने का कार्य किया गया है.

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभ्युदय कोचिंग अब हर जिले स्तर पर: योगी

सीएम योगी ने कहा कि मुझे याद है जब लॉकडाउन शुरू हुआ था, सबसे पहली चुनौती हमारे सामने आई थी, जो बच्चे कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, उन बच्चों को कैसे उनके घर में सुरक्षित लाया जाए. राजस्थान सरकार सहयोग के लिए तैयार नहीं थी. मुझे उत्तर प्रदेश से बसें कोटा भेजनी पड़ी थीं. सभी 15 हजार बच्चों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य किया गया था. तब हमने तय किया था कि अब हमारे प्रदेश के बच्चों को परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए प्रदेश के बाहर न जाना पड़े. इसके लिए हर कमिश्नर हेडक्वार्टर पर व्यवस्था होनी चाहिए. आज हमने अभ्युदय कोचिंग की व्यवस्था हर कमिश्नरी में की है, उसे अब हर जिले स्तर पर ले जा रहे हैं. ऐसे 10 हजार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को भी फ्री में स्मार्टफोन और टैबलेट से जोड़ा जा रहा है.

युवाओं के जीवन से खिलवाड़ करने वालों की जगह जेल होगी: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि सरकार की नीयत साफ होती है, तो काम भी दमदार दिखता है. सोच ईमानदार, तो काम दमदार. यह काम दमदार का ही परिणाम है. 2017 के पहले नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद होता था. कुछ जगहों पर तो ऐसा होता था कि कोई नौकरी निकली और एक खानदान के लोग चाचा, भतीजा और मामा भी वसूली में निकल पड़ते थे. महाभारत का कोई रिश्ता नहीं था, जो वसूली में न निकलता हो, लेकिन 2017 के बाद हमने कहा कि युवाओं के जीवन से जो भी खिलवाड़ करेगा, उसकी जगह जेल होगी. प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती की प्रक्रिया होगी और भर्ती की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया.

पिछली सरकारों ने 10 वर्षों में दो लाख और साढ़े चार वर्षों में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में 10 वर्षों में दो लाख भर्ती नहीं हो पाई थी. हमने अभी पांच वर्ष भी नहीं हुए हैं. साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है. प्रदेश में कानून व्यवस्था की बेहतरीन स्थिति दी, तो परिणाम सामने आ गए. एक तरफ जो माफिया पहले गरीबों की संपत्ति को हड़पते थे और व्यापारियों की संपत्ति पर कब्जा करते थे. सत्ता उन्हें संरक्षित करती थी, उन माफिया के अवैध कमाई पर प्रदेश सरकार का जब बुलडोजर चलता हुआ दिखाई दिया, तो माफिया और अपराधियों के संरक्षणदाताओं के भी होश उड़ते हुए दिखाई दिए.

दो करोड़ से ज्यादा युवाओं को स्वत: रोजगार से जोड़ा: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ा है. एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) की नीति हमने लागू की और परिणाम था एक करोड़ 59 लाख नौजवानों को उन्हीं के गांव और उन्हीं के जिले में रोजगार भी उपलब्ध होता हुआ दिखाई दिया. यही नहीं, स्वत: रोजगार के साथ विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़कर 60 लाख युवाओं को स्वत: रोजगार से जोड़ा है. लोग भौचक हैं.

एक सप्ताह में हर कमिश्नरी में बंटेंगे स्मार्टफोन और टैबलेट

सीएम योगी ने कहा कि यह केवल स्मार्टफोन और टैबलेट नहीं है. इसके साथ आपको फ्री में डिजिटल एक्सेस की सुविधा भी उपलब्ध कराने जा रहे हैं. फ्री में कंटेंट उपलब्ध होंगे. नई शिक्षा नीति के साथ जुड़कर हम भारत को दुनिया में एक महाशक्ति की ओर अग्रसर करने में कामयाब होंगे. अब हर कमिश्नरी में इस तरह के कार्यक्रम हो जाएं. डिजिटल क्रांति को गांव-गांव तक पहुंचाने, आनलाइन एजूकेशन से लेकर आनलाइन एक्जामिनेशन और प्रतियोगी परीक्षाओं को भी युवाओं को इसके साथ जोड़ेंगे.

यूपी को नई पहचान दिलाएगा ‘काशी फिल्म महोत्सव’

भगवान शिव की नगरी में 27 से 29 दिसम्बर तक होने वाले इस 03 दिवसीय आयोजन में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत और नृत्य के दर्शन तो होंगे ही साथ में यहां रहकर देश में विख्यात हुए दार्शनिक कवि, लेखक, संगीतज्ञों और बनारस घराने की यादें भी ताजा होंगी.

मंदिरों के शहर में हंसी से गुदगुदाने के लिए महशूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भी मौजूद रहेंगे तो शाम को यादगार बनाने के लिए ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की प्रस्तुतियां भी दर्शकों के लिए यादगार बन जाएंगी.

भगवान शिव की नगरी में फिल्म बंधु, उत्तर प्रदेश सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से पहली बार काशी फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. दीपों के शहर के रूप में विख्यात काशी नगरी में 27 दिसम्बर को शाम 04 बजे महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, प्रोटोकॉल राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा करेंगे.

इस दौरान वाराणसी के इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में मनोज जोशी की प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र बनेगी. शाम छह बजे से डॉ. सम्पूर्णानन्द स्पोट्स स्टेडियम, सिगरा में हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव और गायक कैलाश खेर के लाइव शो शाम को खुशनुमा बना देंगे.

ज्ञान नगरी के रूप में भी मशहूर वाराणसी में 28 दिसम्बर को होने वाले काशी फिल्म महोत्सव के मुख्य अतिथि भारत सरकार के केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर रहेंगे. इस दौरान 10:30 बजे से 12 बजे तक “वाराणसी- एक सांस्कृतिक, पौराणिक और एतिहासिक विरासत से एक आधुनिक शहर की यात्रा” विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन होगा.

दूसरी पैनल की चर्चा का विषय ‘संगीत और गीत-बनारस की विरासत’ पर होगी जिसका समय दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 02 बजे तक रहेगा. शाम 04 बजे समापन समारोह के साथ ही सब्सीडी का वितरण होगा. गुरुवार की शाम मशहूर फिल्म अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी के नाम रहेगी. इस दौरान उनकी ओर से पेश की जाने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुति सबका दिल मोह लेगी.

यह कार्यक्रम वाराणसी के इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में ही होंगे. 29 दिसम्बर को “फिल्म निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उत्तर प्रदेश और क्षेत्रीय सिनेमा की संभावनाएं” विषय पर पैनल चर्चा आयोजित होगी. और इस दिन की शाम गायक रवि त्रिपाठी, अभिनेता रवि किशन की पेशकश के रूप में पहली बार काशी में हो रहे फिल्म महोत्सव को यादगार बना देगी.

पीएम ने दिया महिला सशक्तिकरण पैकेज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज में महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की. महिलाओं को सहायता प्रदान करने के क्रम में प्रधानमंत्री ने ₹1,000 करोड़ की धनराशि स्वयं सहायता समूहों के खातों में अंतरित किया, जिससे स्वयं सहायता समूहों की लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को फायदा होगा. यह अंतरण दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत किया गया, जिसके अनुसार प्रति समूह ₹1.10 लाख के हिसाब से 80 हजार समूहों को समुदाय निवेश निधि (सीआईएफ) तथा ₹15 हजार प्रति स्वयं सहायता समूह के हिसाब से 60 हजार समूहों को परिचालन निधि प्राप्त हो रही है.

प्रधानमंत्री द्वारा 20 हजार बीसी सखियों (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी) के खातों में पहले महीने का ₹4,000 मानदेय हस्तांतरित किया गया.

बीसी-सखियां जब घर-घर जाकर जमीनी स्तर पर वित्तीय सेवायें उपलब्ध कराती हैं, तो उन्हें छह महीने के लिये ₹4,000 मानदेय दिया जाता है, ताकि वे स्थायी रूप से काम कर सकें और उसके बाद लेन-देन से मिलने वाले कमीशन से उन्हें आय होने लगे.

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों को ₹20 करोड़ से अधिक की धनराशि भी हस्तांतरित किया. इस योजना से कन्याओं को उनके जीवन के विभिन्न चरणों में शर्तों के साथ नकद हस्तांतरण मिलता है. प्रति लाभार्थी हस्तांतरित की जाने वाली कुल रकम 15 हजार रुपये है. विभिन्न चरणों में: जन्म (₹2,000), एक वर्ष होने पर सारे टीके लग जाना (1,000), कक्षा-प्रथम में दाखिला लेना (₹2,000), कक्षा-छह में दाखिला लेना (₹2,000), कक्षा-नौ में दाखिला लेना (₹3,000) कक्षा-दस या बारह उत्तीर्ण होने के बाद किसी डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रम में दाखिला लेना (₹5,000) शामिल हैं.

प्रधानमंत्री ने 202 पूरक पोषण निर्माण इकाइयों की आधारशिला भी रखी. इन इकाइयों का वित्तपोषण स्वसहायता समूह कर रहे हैं तथा इनके निर्माण में प्रति इकाई के हिसाब से लगभग एक करोड़ रुपये का खर्च बैठेगा. यह इकाइयां राज्य के 600 प्रखंडों में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत पूरक पोषण की आपूर्ति करेंगी.

आजादी का मतलब है कि गरीबों में खुशहाली हो: मुख्यमंत्री

आजादी के क्रांतिकारियों का नमन करने के लिए अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश होने पर पांच मंत्र दिए हैं. इनमें देश की ऊर्जा का, देश के क्रांतिकारियों के नमन का, देश के कल्याण का, देश को दुनिया में एक ताकत बनाने का और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना शामिल है. काकोरी एक्शन के वीर शहीदों की स्मृति में शहीदों के परिवारों को सम्मानित करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें कही.

इस मौके पर परमवीर चक्र विजेता मनोज पांडे के परिवारीजनों समेत काकोरी एक्शन के शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया गया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी का मतलब है कि गरीब के पास पक्का मकान हो इसलिए सरकार पीएम आवास योजना लाई, महिलाओं को रसोई गैस मिल सके तो सरकार ने उज्ज़वला योजना लागू की, गरीब के पास विद्युत कनेकशन हो तो सरकार ने सौभाग्य योजना लागू की, हर कन्या का उन्नयन हो तो मुख्यमंत्री सुमंगला योजनाओं को लागू किया गया. कोई भी दैवयोग के कारण कोई भी बेटी वैवाहिक वंधन से वंचित न हो इसलिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना और कोई भी गरीब उपचार के अभाव में दम न तोड़ने पाए इसके लिए आयुष्मान योजना को लागू किया गया. यह प्रयास इसी दिशा में हो रहे हैं कि गरीब के चेहरे पर खुशहाली लाई जा सके, हर बेटी को सुरक्षा की गारंटी दी जा सके हर नवजवान को आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर किया जा सके. हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ाया जा सके.

उन्होनें कहा कि देश के अंदर 133 करोड़ लोगों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए मोदी सरकार फ्री वैक्सीन, फ्री उपचार, फ्री टेस्ट, फ्री राशन बिना भेदभाव के दे रही है. यह इसलिए कर रही है कि देश स्वाधीन है सरकार की जवाबदेही है. इसलिए मोदी-योगी सरकार लोगों को समभाव तरीके से योजनाएं पहुंचाने का काम कर रही है.

उन्होंने काकोरी स्मति स्थल पर क्रांतिकारियों की शहादत याद करते हुए कहा कि हमारा देश विदेशी आक्रांताओं और विदेशी हुकूमत में कुछ समय के लिए बंधक बनने के लिए मजबूर जरूर हुआ था. लेकिन देश की जनता ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया. यह प्रयास बलिया, गोरखपुर, बिठूर, झांसी समेत देश के अलग-अलग स्थानों पर देखने को मिला था.

उन्होंने बताया कि वर्ष 1922 में गोरखपुर के चौरी चौरा में एक ऐतिहासिक घटना हुई थी यह उसका शताब्दी वर्ष है. चौरी चौराह में किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं ने ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी. उसी तरह से काकोरी एक्शन में क्रांतिकारियों ने अपनी सम्पत्ति को लेकर ब्रिटिश हुकूमत को हिला दिया था. इनके नायकों में राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, पं. रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह थे. इन चार क्रांतिकारियों को ब्रिटिश हुकूमत ने बिना किसी सुनवाई को पूरा किए 19 दिसम्बर 1927 को फांसी देने का फैसला कर लिया. लेकिन डरी हुई ब्रिटिश हुकूमत ने राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को गोंडा में दो दिन पहले ही फांसी दे दी. इसके बाद गोरखपुर में रामप्रसाद बिस्मिल को, फैजाबाद जेल में अशफाक उल्ला खां और नैनी की जेल में ठाकुर रोशन सिंह को फांसी दे दी गई. इन चारों क्रांतिकारियों का बलिदान भारत की आजादी के लिए मील का पत्थर साबित हुआ.

यूपी+योगी= बहुत है उपयोगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश वासियों को “यूपी+योगी= बहुत है उपयोगी” का मंत्र दिया है. शनिवार को शाहजहांपुर में 12 ज़िलों से होकर गुजरने वाले 594 किमी लंबे “गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रदेश की बेहतरी के लिए योगी सरकार की कोशिशों को खूब सराहा. उन्होंने कहा कि आज यूपी में माफिया पर बुलडोजर चल रहा है. यूं तो  बुलडोजर तो गैर-कानूनी इमारत पर चलता है, लेकिन दर्द उसे पालने-पोसने वाले को होता है. इसीलिए आज यूपी की जनता कह रही है- यूपी+योगी बहुत है उपयोगी. उन्होंने कहा कि मेरठ में एक बाजार है सोतीगंज देश मे कहीं गाड़ी चोरी हो तो वहीं कटती थी. चोरी की गाड़ियों के कटाई के आका पर पिछली सरकार कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं करती थी. अब योगी जी ने उस पर भी बुलडोजर चलवा दिया.

कुछ राजनीतिक दलों को विरासत और विकास से है दिक्कत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे यहां कुछ राजनीतिक दल ऐसे रहे हैं जिन्हें देश की विरासत से भी दिक्कत है और देश के विकास से भी. देश की विरासत से दिक्कत क्योंकि इन्हें अपने वोटबैंक की चिंता ज्यादा सताती है. देश के विकास से दिक्कत क्योंकि गरीब की, सामान्य मानवी की इन पर निर्भरता दिनों-दिन कम हो रही है. इन लोगों को गंगा जी के सफाई अभियान से दिक्कत है. यही लोग हैं जो आतंक के आकाओं के खिलाफ सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं. यही लोग हैं जो भारतीय वैज्ञानिकों की बनाई मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को कठघरे में खड़ा कर देते हैं. इन लोगों को काशी में बाबा विश्वनाथ का भव्य धाम बनने से दिक्कत है तो अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से दिक्कत है. पीएम ने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में यहां सरकार बनने से पहले, पश्चिम यूपी में कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति थी, इससे आप भलीभांति परिचित हैं. पहले यहां क्या कहते थे? दीया बरे तो घर लौट आओ! क्योंकि सूरज डूबता था, तो कट्टा लहराने वाले सड़कों पर आ धमकते थे. तब बेटियों की सुरक्षा पर आए दिन सवाल उठते रहते थे, उनका स्कूल कॉलेज जाना तक मुश्किल था. कब कहां दंगा और आगजनी हो जाये कोई नहीं कह सकता था, लेकिन बीते साढ़े चार साल में योगी जी की सरकार ने स्थिति को सुधारने के लिए बहुत परिश्रम किया है. गंगा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास के इस ऐतिहासिक मौके पर मौजूद लाखों जनसमुदाय को संबोधित करते हुए पीएम ने विश्वास दिलाया कि जनता के आशीर्वाद से यूपी के विकास का कर्मयोग इसी तरह जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जिनको माफिया का साथ पसंद है वो उनकी भाषा बोलेंगे लेकिन हम तो उनका यशगान करेंगे जिन्होंने देश के निर्माण में तप और त्याग किया है.

किसान-नौजवान सब पर फोकस, पहली बार किसी सरकार ने समझा गरीबों दर्द

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार गरीब का दर्द समझने वाली सरकार बनी है. पहली बार गैस, सड़क बिजली को प्राथमिकता दी जा रही है. इससे गरीब, दलित पिछड़ों को जीवन बदलता है. पहले यहां रात-बिरात इमरजेंसी में अगर किसी को अस्पताल की जरूरत पड़ती थी तो लोगों को लखनऊ, कानपुर और दिल्ली भागना पड़ता था. दूसरे शहर जाने के लिए सड़कें नहीं थीं. आज यहां सड़कें, एक्सप्रेस-वे बनते जा रहे हैं, मेडिकल कॉलेज भी खुले हैं. ऐसे ही होता है दमदार काम, ईमानदार काम. जो भी समाज में पिछड़ा हुआ है, उसे सशक्त करना, योजनाओं का लाभ पहुंचाना ही हमारी प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सालों में बीज से बाजार तक की योजना हमने बनाई है इसका फायदा छोटे किसानों को मिला है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के बैंक खाते में पैसा पहुंचा है. आज हम छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ रहे हैं. पहले छोटे किसानों के लिए बैंक के दरवाजे नहीं खुलते थे. पैसा डायरेक्ट किसान के खाते में जाने से छोटे किसान को बहुत राहत मिली है.

पिछली सरकारों की करगुजारियों की दिलाई याद, बोले अब नहीं होता भेदभाव

लाखों की भीड़ के उत्साह को नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आपके लिए काम करते हैं. जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पुराने दिनों को याद कीजिए, पुराने निर्णयों को याद कीजिए, पुराने काम-काज के तरीकों को याद करिए, आपको साफ-साफ नजर आएगा कि यूपी में भेदभाव नहीं, सबका विकास हो रहा है. जिन लोगों को पीएम आवास योजना के तहत घर नहीं मिले हैं, उन्हें जल्दी घर मिले इसके लिए मोदी और योगी दिन रात काम कर रहे हैं. गरीबों के पक्के घर बनाने के लिए हमने दो लाख करोड़ रुपए दिए. यह खजाना आपका है, आपको बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए है. हम केवल आपके लिए काम करते हैं.

गंग सकल मुद मंगल मूला, सब सुखकरनि हरनि सब सूला

शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि-रामचरित मानस में कहा गया है कि “गंग सकल मुद मंगल मूला, सब सुखकरनि हरनि सब सूला”. यानी मां गंगा सारे मंगलों, उन्नति प्रगति की स्रोत हैं. मां गंगा सारी पीड़ा हर लेती हैं. ऐसे ही गंगा एक्सप्रेस-वे विकास की नई इबारत लिखेगा. यह सारी परेशानियों को दूर करेगा. यह गंगा एक्सप्रेस-वे अनंत संभावनाओं का एक्सप्रेस-वे है. मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों के निवासियों को बधाई देते हुए पीएम ने बताया कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे. यह अपने साथ इस क्षेत्र में व्यापार और रोजगार साथ लाएगा. पीएम मोदी ने इसकी विशेषता बताते हुए कहा कि इस एक्सप्रेस-वे का एक छोर से दूसरा छोर करीब-करीब एक हजार किलोमीटर का है. इतने बड़े यूपी को चलाने के लिए जिस दम की जरूरत है वो आज डबल इंजन की सरकार करके दिखा रही है. उन्होंने कहा कि यूपी में आज जो एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ रहा है, नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, वो यूपी के लोगों के लिए अनेक वरदान एक साथ लेकर आ रहे हैं. पहला वरदान समय की बचत, दूसरा- सहूलियत और सुविधा में बढ़ोतरी, तीसरा- संसाधनों का सही प्रयोग, चौथा- सामर्थ्य में वृद्धि और पांचवा चौतरफा शांति. अब आपको एक जगह से दूसरे जगह जाने में ट्रैफिक जाम नहीं मिलेगा.

हाल ही में लोकार्पित हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, काशी विश्वनाथ धाम  कॉरिडोर तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे आदि का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि यूपी में आज जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है वो ये दिखाता है कि संसाधनों का सही उपयोग कैसे किया जाता है. पहले जनता के पैसे का क्या-क्या इस्तेमाल हुआ है ये आप लोगों ने भली-भांति देखा है. लेकिन आज उत्तर प्रदेश के पैसे को उत्तर प्रदेश के विकास में लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब पूरा यूपी एक साथ बढ़ता है तभी तो देश बढ़ता है. डबल इंजन की सरकार यूपी के साथ है. अब यूपी में भेदभाव नहीं सबका भला होता है. कुछ इलाकों को छोड़ दें तो बिजली ढूंढने पर भी नहीं मिलती थी. पहले कुछ ही लोगों के फायदे के लिए काम होता था. हर जिले को पहले से ज्यादा बिजली दी जा रही है. जब खुद का घर बनता है तब गर्व से सीना चौड़ा होता है.

शहीदों सपूतों को किया नमन, कहा कभी नहीं उतार सकते कर्ज

शाहजहांपुर की क्रांतिकारी धरती  पर आए प्रधानमंत्री ने अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह को नमन किया. उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर के तीन सपूतों का कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते. रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने स्थानीय जनभाषा में काकोरी के क्रांतिकारियों को नमन किया.

उन्होंने कहा कि यह आप लोगों का आशीर्वाद है कि मुझे इस मिट्टी को माथे पर लगाने का सौभाग्य मिला. मैं इस धरती के सभी महापुरुषों के चरणों में प्रणाम करता हूं. अंग्रेजी सत्ता को चुनौती देने वाले शाहजहांपुर के तीन सपूतों को 19 दिसंबर को फांसी दी गई थी. भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले इन वीरों का हम सभी के ऊपर बहुत बड़ा कर्ज है. इसे हम कभी चुका नहीं सकते.

नि:शुल्क राशन वितरण महाअभियान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत निःशुल्क राशन वितरण महाअभियान का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 10 लाभार्थियों कोे निःशुल्क राशन वितरित किया. ज्ञातव्य है कि इस महाअभियान के तहत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को 80,000 राशन की दुकानों के माध्यम से माह दिसम्बर, 2021 से माह मार्च, 2022 तक निःशुल्क राशन वितरित किया जाएगा.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार आज निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की एक बड़ी योजना को आगे बढ़ा रही है. प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2020 में माह अप्रैल से नवम्बर तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से एक बड़ा अभियान चलाया था. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ जरूरतमंदों सहित देश के 80 करोड़ पात्र लोग लाभान्वित हुए. वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने भी अप्रैल, मई, जून, तीन माह निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया था, जिससे प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को इस सुविधा का लाभ प्राप्त हुआ.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी केन्द्र व प्रदेश सरकार ने निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था को प्रारम्भ किया. मई, 2021 (रामनवमी) से दीपावली तक केन्द्र सरकार ने 07 माह तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की योजना लागू की थी. प्रदेश सरकार ने भी अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को माह जून, जुलाई तथा अगस्त, 2021 तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार से डबल खाद्यान्न का लाभ प्रत्येक जरूरतमन्द को प्राप्त हो इस दृष्टि से आज इस वृहद खाद्यान्न वितरण योजना का पुनः शुभारम्भ कर दीपावली से होली तक आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी सदी की सबसे बड़ी महामारी है. दुनिया के अनेक देश इस महामारी की तीसरी लहर की चपेट में हंै. निरन्तर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि थोड़ी सी भी लापरवाही एक बड़ी आबादी को इस महामारी की चपेट मंे ला सकती है. केन्द्र व राज्य सरकार थर्ड वेव से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री जी ने जीवन और जीविका को बचाने के लिए मुफ्त टेस्ट, उपचार तथा खाद्यान्न उपलब्ध कराने के साथ-साथ निःशुल्क वैक्सीन की भी सुविधा उपलब्ध करायी है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे शास्त्र कहते हैं कि भूखे को रोटी देना पुण्य का कार्य है. यदि शासन की योजना से जोड़कर उस पुण्य में हम भागीदार बनते हैं तो यह महापुण्य का कार्य होगा. खाद्यान्न वितरण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है. वर्ष 2017 से पहले यह खाद्यान्न, खाद्यान्न माफियाओं के हवाले चला जाता था और यह खाद्यान्न उत्तर प्रदेश से किसी दूसरे देश चला जाता था. गरीब देखता रह जाता था, लेकिन उसको खाद्यान्न नहीं मिल पाता था. प्रदेश में वर्ष 2005-06 का खाद्यान्न घोटाला हो या उस दौरान सैकड़ों लोगों की हुई भूख से मौत, यह किसी से छुपा नहीं है. यह सिलसिला लगातार वर्ष 2015-16 तक चलता रहा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें सत्ता में थीं, तो गरीबों का खाद्यान्न हड़प जाती थीं. गरीबों को शौचालय, मकान, बच्चों को छात्रवृत्ति तथा अन्य बुनियादी सुविधाएं यथा बिजली, पानी, साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं मिली थी. उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता था. स्वास्थ्य केन्द्रों में बदहाल स्थिति थी. विकास कार्याें में पेशेवर माफियाओं व अपराधियों का हस्तक्षेप रहता था, जिससे सामान्य व्यक्ति परेशान रहता था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही सभी नागरिकों को योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इसी बीच के कालखण्ड में दाल व तेल के दाम बढ़ने प्रारम्भ हो गये तो सरकार ने तय किया यदि बाजार में महंगाई होगी तो राज्य सरकार अपनी तरफ से छूट देने का कार्य करेगी. उसी का परिणाम है कि खाद्यान्न के साथ-साथ निःशुल्क खाद्य तेल व दाल प्रदेश सरकार उपलब्ध करा रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जो योजना लागू की रही है, उसमें प्रत्येक अन्त्योदय कार्डधारक को निःशुल्क अनुमन्य खाद्यान्न के साथ ही 01 लीटर खाद्य तेल, 01 किलो नमक, 01 किलो दाल व 01 किलो चीनी उपलब्ध करायी जा रही है. इसी प्रकार प्रत्येक पात्र गृहस्थी कार्डधारक को अनुमन्य खाद्यान्न के साथ ही निःशुल्क 01 लीटर खाद्य तेल, 01 किलो नमक तथा 01 किलो दाल उपलब्ध करायी जा रही है. केन्द्र तथा राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली यह सहायता एक सम्बल है ताकि कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जा सके.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी से सरकार लगातार जूझ रही है. भारत से अधिक सम्पन्न तमाम देशों में स्वास्थ्य की बेहतरीन सुविधाएं हैं, लेकिन कोरोना प्रबन्धन में सबसे अच्छा कार्य भारत का, और भारत में सबसे अच्छा कार्य उत्तर प्रदेश का रहा. 25 करोड़ की आबादी में कोरोना छूमंतर. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना के प्रति लापरवाही बरती जाए, बल्कि हमें और सावधानी बरतनी होगी.

प्रधानमंत्री जी के मंत्र ‘फ्री में वैक्सीन, सबको वैक्सीन’ को हम जीवन में उतारंे. उन्होंने अपील की कि जिन लोगांे ने कोविड वैक्सीन नहीं ली है, वह वैक्सीन अवश्य लगवाएं. कोरोना की थर्ड वेव में यह देखने को मिल रहा है कि जिसने वैक्सीन की डोज प्राप्त की है उस पर वायरस का प्रभाव बहुत कम है. वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है तथा कोरोना के बचाव का सबसे अच्छा माध्यम भी है.

प्रदेश सरकार ‘हर घर जल योजना’ पर तेजी से कार्य कर रही

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद बलरामपुर में 9800 करोड़ रुपये की लागत की ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ को राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर आयोजित एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ का पूरा होना इस बात का सबूत है जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होता है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का काम चार दशक पहले शुरू हुआ था. तब इस परियोजना की लागत 100 करोड़ रुपये से भी कम थी. आज यह परियोजना लगभग 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद पूरी हुई है. जनता की मेहनत के एक-एक रुपये का सही समय पर, सही काम के लिए उपयोग होना चाहिए. उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की प्राथमिकता योजनाओं को समय पर पूरा करना है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का जो कार्य दशकों में पूरा नहीं हो पाया, उसे 05 वर्ष के अन्दर पूरा किया जा चुका है. यह डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्र प्रथम की भावना को सर्वाेपरि रखते हुए देश को 21वीं सदी में नई ऊंचाइयांे पर ले जाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं. देश के विकास के लिए जरूरी है कि पानी की कमी कभी बाधा न बने. देश की नदियों के जल का सदुपयोग हो और किसानों के खेत तक पानी पहुंचे. बहुप्रतीक्षित ‘केन बेतवा लिंक परियोजना’ को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है. 45 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना से बुन्देलखण्ड के किसानों को लाभ प्राप्त होगा. ‘केन बेतवा लिंक परियोजना’ बुन्देलखण्ड को जल संकट से मुक्ति दिलाने में एक बड़ी भूमिका निभायेगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कोई सरकार छोटे किसानों की सुध ले रही है. केन्द्र एवं प्रदेश सरकार 02 हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसानों को भी सरकारी सुविधाओं से जोड़ रही हैं. बीज से लेकर बाजार तक, खेत से लेकर खलिहान तक उनकी हर तरह से मदद की जा रही है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से बाढ़ जैसी समस्याओं का समाधान निकालने में काफी हद तक मदद मिलेगी. छोटे किसानों के लिए यह सिंचाई परियोजना लाभप्रद साबित होगी. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से लाखों किसानों को पानी प्राप्त होगा और उनका आशीर्वाद मिलेगा जो कि जीवन भर कार्य करने की ऊर्जा देगा. बलरामपुर की मसूर दाल का स्वाद देश भर में फैल रहा है. उन्होंने किसानों से अपील की कि पारंपरिक खेती के साथ-साथ अधिक आय देने वाली फसल का भी उत्पादन करें. उन्होंने कहा की सरयू नहर परियोजना से सिंचाई के बाद किसान खाद्यान्न के साथ-साथ फल फूल, मत्स्य पालन तथा सब्जी उत्पादन से अपनी आय बढ़ा सकेंगे. उन्होंने कहा कि देश में शहद का निर्यात बढ़ कर लगभग दोगुना हो गया है. इससे किसानों की 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों को प्रतिवर्ष 06 हजार रुपये की किसान सम्मान निधि प्रदान की जा रही है. साथ ही, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि किसान की आय बढ़ाने का एक विकल्प बायोफ्यूल भी है. उत्तर प्रदेश गन्ने से एथेनाल बनाने के कार्य में आगे बढ़ रहा है. विगत 01 वर्ष में उत्तर प्रदेश द्वारा 12,000 करोड़ रुपए का एथेनॉल दूसरे प्रदेशों को बेचा गया है. जनपद गोण्डा में एथेनाॅल का एक बड़ा प्लाण्ट बन रहा है. जनपद बदायूं एवं जनपद गोरखपुर में बायोफ्यूल के बड़े काॅम्पलेक्स बनाये जा रहे हैं. पहले गन्ना किसानों को समय पर उनके गन्ने का भुगतान नहीं मिल पाता था. प्रदेश सरकार द्वारा नई चीनी मिलों को खोलने के साथ-साथ किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान भी कराया गया है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आगामी 16 दिसंबर से प्राकृतिक खेती करने के संबंध में एक वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसके द्वारा कम से कम लागत में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के तरीकों की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने किसानों से अपील की कि वह इस कार्यक्रम से जुड़ें और नई तकनीकों को  सीखें. उन्होंने कहा कि जनपद बलरामपुर में सामान्य किसानों के साथ-साथ थारू जनजाति के लोगों को भी विकास का लाभ मिल रहा है. पहले सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ केवल पुरुषों को मिलता था. प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य योजनाओं में अब महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया है. अपराधियों एवं माफियाओं में भय व्याप्त है. अब जमीन पर कोई अवैध कब्जा नहीं कर सकता है. अपराधियों, माफियाओं एवं गुण्डों पर जुर्माना लग रहा है और उनकी अवैध सम्पत्ति पर सरकारी बुलडोजर चल रह है. अब अपराधी उत्तर प्रदेश में गलत काम करने से पहले सौ बार सोचते हंै और यदि उसने गलती की है तो वह जेल में दुबका नजर आता है. प्रदेश सरकार माफियाराज की सफाई में जुटी है, तभी तो उत्तर प्रदेश के लोग कहते हैं कि फर्क साफ है. राज्य सरकार गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी और समाज के सभी वर्ग को सशक्त करने में जुटी है. उन्होंने कहा कि कोरोना कालखण्ड में जीवन एवं जीविका दोनों को बचाया गया. ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत मिल रहे मुफ्त राशन को होली से आगे तक बढ़ा दिया गया है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जनपद बलरामपुर की धरती ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान दिया है. बलरामपुर की जनता ने नानाजी देशमुख एवं श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के रूप में दो-दो भारत रत्नों को गढ़ा एवं संवारा है. उन्होंने 08 दिसम्बर, 2021 को हेलीकॉप्टर हादसे में दिवंगत हुए सी0डी0एस0 जनरल बिपिन रावत तथा अन्य सैन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सपूत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर जी जान से लगे हुए हैं.

इससे पूर्व, प्रधानमंत्री जी ने सरयू नहर परियोजना पर आधारित माॅडल एवं चित्रों का अवलोकन कर परियोजना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से पूर्वी उत्तर प्रदेश निरन्तर विकास पथ पर अग्रसर है. 40 वर्षाें से लम्बित सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को प्रदेश सरकार द्वारा मात्र साढ़े चार वर्षाें में पूरा करके आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर कमलों से जनता को समर्पित किया गया है. इस परियोजना से जनपद बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर तथा महराजगंज के 6,227 ग्रामों के 30 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने ‘नदी जोड़ो परियोजना’ को पूरा करती है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना घाघरा नदी को सरयू नदी से, सरयू नदी को राप्ती नदी से, राप्ती नदी को बाण गंगा नदी से एवं बाण गंगा को नदी रोहिन नदी से क्रमशः जोड़ती है. इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन 09 जनपदों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी. इस परियोजना से इस क्षेत्र के किसान सब्जी एवं बागवानी जैसे अन्य कृषिगत कार्य कर पायेंगे. कृषि उत्पादन में वृद्धि के कारण किसानों के खेत सोना उगलने का कार्य करेंगे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना में घाघरा एवं सरयू नदी जहां मिलती है, वहां पर पहला बैराज बनाया गया है. यह बैराज नेपाल की सीमा से मात्र 07 किलो मीटर की दूरी पर है. इस परियोजना से यह क्षेत्र प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर होगा. यहां पर पर्यटन की अनेक संभावनाएं विकसित होंगी. किसानों की आमदनी बढ़ेगी, नौजवानों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे, जिससे यहां का नौजवान सक्षम एवं सामथ्र्यवान बनेगा.

प्रधानमंत्री जी ने कुछ दिन पहले ही गोरखपुर में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लि0 (खाद कारखाना) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एवं रीजनल मेडिकल रिसर्च सेन्टर का लोकार्पण किया है. गोरखपुर खाद कारखाना 31 वर्ष पहले बन्द हो चुका था, जो अब पहले की तुलना में चार गुना ज्यादा क्षमता के साथ कार्य कर रहा है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों की एक लम्बी श्रृंखला से हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने कहा कि रीजनल मेडिकल रिसर्च सेन्टर के स्थापित होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में दिमागी बुखार, कालाजार, मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों की जांच में सुविधा प्राप्त होगी. जिससे इन रोगों का इलाज हो सकेगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में आधारभूत अवसंरचना को लगातार विकसित किया जा रहा है. यह हमारा सौभाग्य है कि विकसित हो रही आधारभूत अवसंरचना का लोकार्पण एवं शिलान्यास प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से हो रहा है. प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लोगों की सेवा के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जनपद सिद्धार्थनगर से 09 राजकीय मेडिकल काॅलेज प्रदेश की जनता को समर्पित किये हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अन्नदाता किसानों के सम्मान की रक्षा एवं उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए वर्ष 2015 में ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ प्रारम्भ की थी. ‘मोर क्राप, पर ड्राॅप’ की विकासोन्मुखी सोच इस सिंचाई योजना के माध्यम से मूर्त रूप ले रही है. किसान की खुशहाली उसके खेत की खुशहाली से जुड़ी हुई है. किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए देश में लगभग 100 सिंचाई परियोजनाओं को  लक्षित किया गया और इन सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्धढंग से आगे बढ़ाने का कार्य प्रारम्भ हुआ. उन्होंने कहा कि इस योजना में प्रदेश की जिन 18 परियोजनाओं का चयन किया गया था, उनमें से 17 परियोजनााएं पूरी हो गयी हैं. इन 17 सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से प्रदेश की 22 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो रही है. प्रदेश में मध्य गंगा नहर परियोजना का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, जो तीन जनपदों को जोड़ती है.

इस अवसर पर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जो विकास कार्य किये गये हैं, उनसे लोगों के जीवन में सकारात्मक एवं गुणात्मक परिवर्तन आया है. हमारा देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला देश है. किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए उनके खेत तक पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में देश में 70 हजार करोड़ रुपये की 99 सिंचाई परियोजनाओं को चिन्हित किया गया था. जिनमें 63 परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं या पूरी होने की कगार पर हैं.

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने कर कमलों से उत्तर प्रदेश की बाण सागर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना का शुभारम्भ किया है और आज सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना प्रदेशवासियों को समर्पित की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से 25 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न का उत्पादन होगा. देश में हर घर तक पानी पहुंचाने का कार्य चल रहा है. वर्ष 2024 तक हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रदेश सरकार ‘हर घर जल योजना’ पर तेजी से कार्य कर रही है. प्रदेश के 01 लाख घरांे तक पीने का पानी पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के कार्याें के साथ ही पानी की उपयोगिता को भी समझना होगा.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, विधायी एवं न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक, समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री, जल शक्ति

(राज्य मंत्री) श्री बलदेव सिंह ओलख, प्रान्तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा

(राज्य मंत्री) श्री पल्टूराम सहित जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे.

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