गले पड़ने वाले आशिक से बचें कैसे, ये है आसान टिप्स

Sex Tips in Hindi: इतना ही नहीं, वे उसे अपने साथ कहीं भी ले जा सकेंगी. इस प्रोडक्ट का नाम ‘बौयफ्रेंड हग स्पीकर्स’ (Boyfriend Hug Speakers) है. 2 बड़ी बांहों वाले इस प्रोडक्ट की बाजुओं में ब्लूटुथ स्पीकर्स भी लगे हैं जिन को गले लगाने पर म्यूजिक बजता है. सवाल उठता है कि ऐसा नकली बौयफ्रेंड बनाने की जरूरत ही क्या है? इस का जवाब यह है कि जापान (Japan) ही नहीं, बल्कि अब हर कहीं ऐसे भावनात्मक लड़कों की कमी हो गई है जो अपनी गर्लफ्रेंड को गले लगा कर उस को राहत दे सकें. हां, गले पड़ने वाले लड़कों की कमी नहीं है. दूर क्यों जाएं, भारत में मीडिया में ऐसी खबरें भरी रहती हैं जिन में गले पड़ने वाले लड़कों की गुस्ताखियां या कहें अपराध लड़कियों के लिए आफत का सैलाब बन गए हैं.

जरा सी जवानी फूटी नहीं की कुछ मनचले बन जाते हैं फिल्म ‘डर’ के शाहरुख खान. लड़की थोड़ा सा पास आई नहीं कि वे उस पर सिर्फ अपना हक समझने लगते हैं, बपौती समझने लगते हैं. मजाल है कोई दूसरा देख जाए. अगर लड़की गलती से गर्लफ्रेंड बन गई तो फिर उन की जासूसी शुरू हो जाती है कि वह कहां जाती है, किस से मिलती है, सोशल मीडिया पर उस के कितने लड़के दोस्त हैं वगैरह.

दिल्ली मेट्रो की एक सच्ची घटना है. एक लड़का और एक लड़की आपस में बैठे बातें कर रहे थे कि अचानक लड़के ने उस लड़की का मोबाइल फोन उस से तकरीबन छीन लिया और उस के व्हाट्सएप मैसेज देखने लगा. लड़की का एकदम से मुंह उतर गया. उस लड़के ने वहीं पर बवाल मचा दिया कि वह दूसरे लड़कों से चैटिंग क्यों करती है?

लड़की ने उस लड़के के सभी सवालों के संतुष्ट करने वाले जवाब दिए पर उस लड़के ने देखते ही देखते उस लड़की की सुबह बरबाद कर दी. बाद में क्या हुआ यह तो नहीं पता पर यह उस लड़की के लिए यह खतरे की घंटी थी कि वह उस लड़के से रिश्ता तोड़ ले नहीं तो आने वाले समय में वह उस के ऐसा गले पड़ेगा कि उस को लेने के देने पड़ जाएंगे.

ऐसे बेहूदा लड़के ही लड़कियों पर तेजाब फेंकने या उन के साथ रेप करने की वारदात को अंजाम देते हैं. लड़की के नाराज होने पर वे चाहे कितनी बार माफी मांग लें लेकिन जब अपनी पर आते हैं तो उसी लड़की का मजाक बनाने में देर नहीं लगाते हैं.

अगस्त, 2018 की बात है. देश की राजधानी दिल्ली के भारत नगर इलाके में एक सिरफिरे आशिक हरीश ने लड़की अंशुल के घर में घुस कर उसे गोली मार दी थी.

शुरुआती जांच में पता चला था कि आरोपी हरीश अंशुल को पहले से ही जानता था. वे दोनों तकरीबन 5 साल तक रिलेशनशिप में रह चुके थे लेकिन किसी वजह से अंशुल की सगाई किसी दूसरे लड़के के साथ हो गई थी. सगाई के बाद अंशुल ने हरीश से ब्रेकअप कर लिया था जिस वजह से हरीश उस से नाराज था.

माना कि अंशुल की सगाई से हरीश दुखी था पर इस तरह उस पर गोली चलाने का लाइसेंस हरीश को किस ने दिया जो वह उस की जान लेने पर तुल गया? अगर यही मामला उलटा होता तब हरीश क्या करता?

समझदारी तो इसी में है कि इस तरह के गले पड़ने वाले सिरफिरे आशिकों से लड़कियों को समय रहते दूर हो जाना चाहिए, क्योंकि भारत में तो अभी उन का तनाव दूर करने वाले रोबोट बने नहीं हैं. यहां तो फिल्म ‘रोबोट’ का चिट्टी खुद ऐश्वर्या राय का दीवाना हो कर उस के गले पड़ गया था.

सेक्स को बनाएं मजेदार, ऐसे करें कंडोम का इस्तेमाल

सबलोक क्लिनिक के यौन रोग विशेषज्ञ डाक्टर बिनोद सबलोक बताते हैं कि चाहे मर्द हो या औरत एचआईवी समेत यौन संक्रामक रोगों को रोकने के लिए कंडोम एक आसान और बेहतर तरीका है. कंडोम न सिर्फ असुरक्षित गर्भधारण से, बल्कि यौन रोगों से भी शरीर की हिफाजत करता है.

शर्म क्यों

बाजार में आसानी से मिलने वाला कंडोम खरीदना अब शर्म वाली बात भी नहीं रही है. कंडोम खरीदने के लिए डाक्टर की परची की जरूरत भी नहीं होती है. इस की कीमत भी बहुत कम होती है. कई सरकारी व गैरसरकारी योजनाओं के तहत कंडोम मुफ्त में भी बांटे जाते हैं.

अब तो अलगअलग फ्लेवर व कई बनावटों में मिलने वाले कंडोम सेक्स संबंध बनाने के दौरान भरपूर मजा भी देते हैं.

कंडोम का इस्तेमाल कर खुले दिमाग से सेक्स का मजा लिया जा सकता है. अब तो बाजार में ऐसे भी कंडोम हैं जिन से लंबे समय तक सेक्स किया जा सकता है.

बेहतर साथी है कंडोम

कंडोम आप के लिए इस तरह एक बेहतर साथी साबित हो सकता है:

* यह बच्चा ठहरने से रोकने का सब से आसान और महफूज तरीका है.

* कंडोम का इस्तेमाल बिना किसी झिझक के कर सकते हैं.

* कोई साइड इफैक्ट नहीं होता.

* कंडोम यौन रोगों से बचाव में कारगर हथियार है.

ऐसे बढ़ाएं रोमांच

बाजार में वनीला, स्ट्राबेरी, केला, चौकलेट, बबलगम, कौफी वगैरह फ्लेवर में भी कंडोम मिलते हैं. मुंह से सेक्स के शौकीनों के लिए ये कंडोम सेक्स के दौरान ज्यादा मजा देते हैं और कोई बीमारी भी नहीं होती है.

जो लोग सेक्स का मजा लंबे समय यानी देर तक नहीं उठा पाते हैं उन के लिए लौंग लास्टिंग कंडोम इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा.

सेक्स बनाएं मजेदार

अगर आप सेक्स का मजा उठाना चाहते हैं तो बाजार में डौटेड कंडोम भी आते हैं. डौटेड कंडोम में अपनी साथी का जोश बढ़ाने के लिए इस की बाहरी सतह पर बिंदीनुमा छोटेछोटे उभरे हुए दाने होते हैं. यह चिकनाई वाला होता है.

इन बातों पर ध्यान दें

* कंडोम खरीदते समय उस की ऐक्सपायरी डेट जरूर देख लें.

* ज्यादा तेजी से सेक्स का मजा उठाते समय कंडोम फट भी सकता है. इस का ध्यान रखें और कंडोम को तुरंत बदल दें.

* इस्तेमाल करने से पहले कंडोम के सामने वाले भाग को चुटकी से दबा कर हवा को बाहर निकाल दें, फिर धीरेधीरे अंग पर चढ़ाएं.

* कंडोम खरीदते समय दुकानदार से खुल कर बात करें. बात करते समय जरा भी न शरमाएं.

* सेक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है. इस का जम कर मजा उठाएं, पर सावधानी और एहतियात भी बरतें.

क्या आप भी इस वजह से सेक्स करते हैं

प्रेमी युगल या दंपति के बीच ज्यादा सेक्स उन्हें अधिक खुशी नहीं देता, क्योंकि ज्यादा सेक्स से उनमें इसके प्रति अरुचि पैदा होने लगती है और उन्हें सेक्स में ज्यादा आनंद भी नहीं आता. कार्नेज मेलन विश्वविद्यालय (सीएमयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम, जिसमें एक भारतीय मूल के शोधकर्ता भी हैं, ने इसका खुलासा किया. पहली बार सेक्स करने के बाद इससे मिलने वाले आनंद और सेक्स करने की इच्छा में गिरावट शुरू हो जाती है.

सीएमयू के इंजिनीयरिंग एवं लोकनीति विभाग के वैज्ञानिक एवं इस अध्ययन के शोधकर्ता तमर कृष्णमूर्ति के अनुसार, “बार-बार सेक्स करने की बजाय युगल को ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जो उनकी इच्छाओं को जगाए. साथ ही उन्हें सेक्स को ज्यादा मजेदार बनाना चाहिए.”

सेक्स करने की बारंबारता और खुशी के बीच संबंध की जांच करने के उद्देश्य से अनुसंधानकर्ताओं ने 128 दंपतियों को अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक बार सेक्स करने के लिए कहा.

इसके बाद शोधकर्ताओं ने दोनों समूहों के बीच तीन महीने की अवधि के बाद खुशी का स्तर परखा. जिस समूह के दंपतियों को अधिक बार सेक्स करने की सलाह दी गई थी, उनमें खुशी में इजाफा होने की बजाय थोड़ी कमी ही हुई.

इस समूह वाले दंपतियों ने सेक्स की इच्छा में कमी और सेक्स के दौरान मिलने वाले आनंद में भी कमी की बात कही.

कृष्णमूर्ति ने कहा, “हालांकि ऐसा नहीं है कि इसकी वजह सीधे-सीधे अधिक सेक्स करना है, बल्कि इसका कारण यह है कि उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया, न कि उन्होंने खुद से ऐसा किया.”

शोध के परिणामों के विपरीत शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ दंपति अपनी भलाई सोचकर बहुत कम सेक्स करते हैं और मानते हैं कि सही दिशा में सेक्स की बारंबारता बढ़ाना लाभदायी हो सकता है.

शोध पत्रिका ‘इकोनॉमिक बिहेवियर एंड ऑर्गेनाइजेशन’ में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इसकी बजाय खुश रहने वाले लोगों में सेक्स की दर बढ़ सकती है या स्वस्थ रहने वाले लोगों में खुशी और सेक्स की दर दोनों में इजाफा हो सकता है.

मैं पत्नी के साथ सैक्स तो करता हूं, लेकिन ज्यादा एन्जौय नहीं कर पाता हूं क्यों?

सवाल

मैं 30 साल का हूं, मेरी हाल में शादी हुई है. मैं अपनी वाइफ से शादी से पहले भी मिला हूं. हम दोनों साथ में घूमनेफिरने भी बाहर गए हैं . हम दोनों में प्यार भी बहुत है लेकिन शादी के बाद हम दोनों के बीच जब सैक्स होता है तो मैं सैक्स को पूरी तरह एंजौय नहीं कर पाता हूं. ऐसा क्यों होता है, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है और मैं इस बात से परेशान रहने लगा हूं. मुझे डर लग रहा है कि इसका असर मेरी शादीशुदा जिंदगी पर न पड़े?

जवाब

आपका परेशान होना जायज है. कभीकभी हम सैक्स करते हैं लेकिन उसे पूरी तरह महसूस नहीं कर पाते हैं. ऐसा फील होता है कि हम एंजौय नहीं कर रहे हैं लेकिन यह एक नौर्मल बात है. हो सकता है शादी के कारण आप किसी तरह के तनाव में हो या फिर आप पहली बार सैक्स कर रहे हो. अमूमन ऐसा होता है कि आप पहली बार सैक्स करते हैं तो इस तरह क चीजें को अच्छी तरह से समझ नहीं पाते हैं. इससे नतीजा ये होता है कि आप सैक्स कर भी लेते हैं और आपको वो महसूस ही नहीं होता है.इसके लिए जरूरी है कि आप पहले सैक्स करने का माहौल बनाएं.

किस तरह एंजौय करे हर पल

सैक्स से पहले आप खुद को और वाइफ को तैयार करें. अपने अंदर और वाइफ के अंदर प्यार की फीलिंग्स लाएं यानी कि आप पहले वाइफ से अच्छी और रोमांटिक बातें करें. रोमांस का माहौल बनाएं. साथ ही सैक्स से पहले फोरप्ले करना बिलकुल न भूलें. क्योंकि अगर आप फोरप्ले नहीं करते हैं तो यह सैक्स को पूरी तरह एंजौय करने की सबसे बड़ी कमी है. सैक्स में हमेशा फोरप्ले जरूर करें.

फोरप्ले में कपल को एकदूसरे को कस कर बांहों में भींचना चाहिए. एकदूजे को जीभर कर चूमें और एकदूसरे को प्यार से छेड़े. याद रहे आपके प्यार की यह कहानी बेड से शुरू हो कर बेड पर ही खत्म होनी चाहिए. यह बेहद जरुरी होता है कि आप अपने पार्टनर के साथ सैक्स से पहले उनसे प्यार जताएं. अगर आपको इन चीजों की जानकारी नहीं है तो आप सैक्स से जुड़ी मैगजीन, किताबें, वेबसाइट खोल कर पढ़ सकते हैं. चाहे तो किसी करीबी दोस्त या रिश्तेदार से सलाह भी ले सकते है. फोरप्ले न होना सैक्स की एंजौयमेंट की कमी है.

मर्द, डाक्टर से न झिझकें

हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म ‘बाला’ हो या फिर ‘विकी डोनर’. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.

इसी लिस्ट में आयुष्मान खुराना की नई फिल्म ‘डाक्टर जी’ को रखा जा सकता है, जिस में वे अपने भाई की तरह और्थोपैडिक डाक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन जब रैंक कम आती है तो उन्हें मजबूरी में गायनेकोलौजी ब्रांच लेनी पड़ती है. मतलब एक ऐसा डाक्टर, जो औरतों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है.

पर क्या भारत जैसे देश में जहां औरतों को परदे में छिपा कर रखने को बढ़ावा दिया जाता है, वहां कोई मर्द डाक्टर उन के अंदरूनी अंगों की जांच कर सकता है? बड़े शहरों में शायद ऐसा मुमकिन हो, लेकिन गांवदेहात में तो यह अभी दूर की कौड़ी है.

फिल्म ‘डाक्टर जी’ के एक सीन से इस बात को समझते हैं. डाक्टर बने आयुष्मान खुराना चैकअप के लिए एक औरत से कपड़े ऊपर करने को कहते हैं, पर इतना सुनते ही वह औरत चिल्लाने लगती है. चीखपुकार सुन कर उस औरत का पति वहां आ जाता है और आयुष्मान खुराना को पीटने लगता है.

इसी सिलसिले में गायनेकोलौजिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करने वाले इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डाक्टर कुमार गांधी ने ‘नवभारत गोल्ड’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वैसे तो इस पेशे में बहुत इज्जत मिलती है, लेकिन कभीकभार ऐसे वाकिए हो जाते हैं, जो नहीं होने चाहिए. कई बार हमें न चाहते हुए भी औरत से उन मुद्दों पर बात करनी पड़ती है, जिन के बारे में वह सब से बात नहीं करती. उस दौरान हम मरीज के कंफर्ट का बहुत ध्यान रखते हैं.’

जब कोई डाक्टर अपने मरीज के कंफर्ट लैवल की बात करता है, तो वह इस बारे में काफी संजीदा होता है. यह कंफर्ट लैवल औरतों और लड़कियों की ‘खास’ बीमारियों या समस्याओं पर पूरी तरह लागू होता है.

मान लो, किसी औरत या लड़की को माहवारी में दिक्कत आती है, तो बतौर डाक्टर पहला सवाल मन में यही उठता है कि कहीं वह पेट से तो नहीं है? लेडी गायनेकोलौजिस्ट के सामने मरीज बता सकती है कि उस की शादी हुई है या नहीं, या फिर उस ने सैक्स करते हुए कोई सावधानी बरती थी या नहीं, क्योंकि आज के जमाने में शादी होना और पेट से होना 2 अलग बातें हैं.

लेकिन अगर सामने कोई मर्द डाक्टर बैठा है तो मरीज को लगता है कि वह उस के करैक्टर पर सवाल उठा रहा है और वह असहज हो जाती है, जिस से कभीकभार मामला गंभीर भी हो जाता है. लेकिन इस से मरीज का ही नुकसान होता है, क्योंकि सामने जो डाक्टर बैठा है, वह औरतों की बीमारियों को ठीक करने में माहिर है और उस का एक ही मकसद है कि उसे मरीज की बीमारी के बारे में सभी बातें पता हों, तभी वह सही दवा या सलाह दे पाएगा.

जब से गांवदेहात में गरीब और निचली जाति की लड़कियां पढ़ने लगी हैं, तब से वे बहुत ज्यादा जागरूक होने लगी हैं. वे अपने और आसपास के परिवार की औरतों को समझा सकती हैं कि अगर कोई मर्द गायनेकोलौजिस्ट आप की अंदरूनी बीमारी का इलाज कर रहा है, तो अपनी झिझक छोड़ कर बात रखें.

गायनेकोलौजिस्ट को कभी भी मर्द या औरत डाक्टर के तराजू में न तोलें, क्योंकि वे आप की बीमारी में दिलचस्पी रखते हैं, न कि शरीर में. उन के सामने खुल कर अपनी समस्या बताएं और इन बातों का तो खास खयाल रखें :

* अगर आप की माहवारी अनियमित है और वह डेट से काफी पहले या देर से आती हो या फिर महीने में 2 बार आती हो, तो तुरंत माहिर डाक्टर को बताएं.

* माहवारी से जुड़ी कोई भी परेशानी हो, तो उस की अनदेखी न करें और बिना देर किए गायनेकोलौजिस्ट के पास जाएं.

* अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां या किसी दर्द निवारक दवा का सेवन कर रही हों और इस से आप की सेहत पर असर हो रहा हो, पीरियड में तकलीफ हो या जिस्मानी रिश्ता बनाते समय दर्द महसूस होता हो, तो गायनेकोलौजिस्ट से खुल कर बात करें.

* जिस्मानी रिश्ता बनाते समय अगर दर्द महसूस हो या फिर अंग से खून निकलने समेत कोई दूसरी परेशानी हो, तो घरेलू उपचार बिलकुल न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर अपना इलाज कराएं.

* अंग में खुजली होने या तेज बदबू आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए.

* अगर आप के पेट, पीठ या कमर में कई दिन से दर्द हो रहा हो, तो इस की अनदेखी न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर इलाज कराएं.

औरतें और लड़कियां एक बात का तो खास खयाल रखें कि वे कभी भी पंडेपुजारियों, ओझातांत्रिकों और फकीरबाबाओं के चक्कर में पड़ कर अपनी अंदरूनी बीमारियों का रोना न रोएं, क्योंकि बहुत से पाखंडी उन की इसी बात का फायदा उठा कर शोषण करने की जुगत में रहते हैं. वे ऐसी औरतों और लड़कियों की शर्म का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे और शरीर से नोंच डालते हैं.  डाक्टर का काम अपने मरीज की सेहत को ठीक करना होता है. अगर उसे बीमारी का ही नहीं पता चलेगा तो  दवा कैसे देगा? इस में मर्द या औरत डाक्टर का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है. लिहाजा, औरतों को मर्द डाक्टर से बिलकुल नहीं झिझकना चाहिए.

मेरे कौलगर्ल बनने की कहानी…

वो शाम बड़ी उलझन भरी थी. उस ने मेरी ओर देखा. मेरे हाथ को अपने हाथ में ले कर बोला, ”बेहद खूबसूरत हो तुम. क्या अभी तक शादी नहीं की है तुम ने?
फिर मुझे पीछे से पकड़ कर बेतहाशा चूमने लगा. मुझे याद है मिहिर (पति) ऐसा करता था तो मेरे तनबदन में एक लहर सी दौड़ जाती थी. मगर उस दिन मुझे कुछ नहीं हो रहा था. उस ने मुझ से धीरेधीरे कपड़े उतारने को कहा और वह कांच की डिजाइनर गिलास में बियर डालते हुए मुझे अपलक निहारता रहा. वह मुझे भी बियर पिलाना चाहता था.
शाम के 7 बज गए थे और मुझे 9 बजे तक घर पहुंचने की जल्दी थी. मैं जानती हूं, पुरुष को उत्तेजित करो तो वे जल्दी ही चरम पर पहुंच जाते हैं. मैं यही सोच कर उस से लिपट गई तो वह जल्दी ही बैड पर जाने को आतुर हो उठा. शारीरिक भूख शांत होने के बाद वह काफी संतुष्ट और खुश नजर आ रहा था.
उस ने मेरे हाथ में 500-500 के 20 नोट हाथ में रखे तो मैं ने उसे धीरे से पर्स में सरका दिए. मुसकराई और ‘बाय’ कह कर विदा हो ली. मुझे घर जल्दी पहुंचना था ताकि बेटे को संभाल सकूं.

सुंदरता पर मोहित थे सब

मुझे याद है जब मिहिर से मेरी शादी हुई थी तो वह मेरी सुंदरता पर मोहित रहता था. जब मेरी शादी हुई थी तो तब मैं 21 साल की थी. बचपन में तुम बहुत खूबसूरत और अच्छी हो लोगों से सुनती तो बहुत खुश होती थी. पर मेरी सुंदरता ही मेरे राह की दुश्मन बन गई थी. 10वीं के बाद ही मेरी पढ़ाई घर वालों ने बंद करा दी थी. मांपिताजी बचपन में ही गुजर गए थे और जब तक नानानानी जीवित थे तब तक तो सब ठीक था पर उन के मरने के बाद मेरी सारी उम्मीदें खत्म हो गई थीं.
शादी के बाद लगा जिंदगी बदल जाएगी. लगा सब पटरी पर आ गया. प्यार करने वाला पति मिला, एक बेटा हुआ. पर मेरी यह खुशी भी ज्यादा दिनों तक नहीं रही. एक सड़क दुर्घटना में पति की असमय मौत ने मुझे अंदर तक हिला कर रख दिया. बेटे को पालना और पढ़ाना मेरे लिए चुनौती बन गई तो 1-2 जगह नौकरी भी की. पर कम पढीलिखी होने की वजह से 7-8 हजार रुपए महीने से ज्यादा की नौकरी नहीं मिली.
इसी बीच मेरे संपर्क में 1-2 पुरुष आए भी. पर दोनों ने एकएक कर मुझे भोगा और शादी की बात पर भाग खड़े हुए. कोई भी बेटे सहित मुझे अपनाने को तैयार नहीं था.

एक दिन मैं घर के पास वाले पार्क में बैठी थी कि तभी एक युवती आई और मेरे बगल में बैठ गई. बातचीत शुरू हुई तो बाद में घर आनाजाना और दोस्ती गहरी हो गई.

…और फिर एक दिन

एक दिन उस ने मुझे जो बताया उस से मैं हैरान रह गई. वह मुझे कौलगर्ल बनने के लिए बोल रही थी. उस की कही बात मैं कैसे भूल सकती हूं, ”देखो, तुम मुझ से भी ज्यादा स्मार्ट हो, सुंदर हो. पढीलिखी नहीं हो. मगर तुम चाहो तो महीने में 60-70 हजार रुपए कमा सकती हो. इस से तुम्हारी जिंदगी बदल जाएगी. बेटे का भविष्य बना पाओगी. मुझे 2-4 दिन में बता देना. सोचसमझ लो, बाकी मुझ पर छोड़ दो.”
मेरे पास कोई चारा नहीं था. रिश्तेदारी मतलब की थी. पति के मरने के बाद सब धीरेधीरे कटते गए. जो हमदर्दी दिखाते वे इस बहाने मुझे भोगना चाहते थे.
बहुत सोचने के बाद मैं ने तय किया कि मुझे पैसे कमाने हैं. 60-70 हजार महीने के किस को काटते हैं? मुझे पता है कि इस कमाई के लिए अभी उम्र है. 40-42 के बाद फिर जिस्म के खरीदार कम हो जाते हैं.

शरीफों के साथ रंगीन रातें

अब उस युवती ने मुझे पहले तो अपने साथ ब्यूटी पार्लर ले गई फिर पहनावे में भी मुझे पूरी तरह बदल दी. सलवारकुरती की जगह अब आधुनिक कपड़े ने ले लिया था. मैं सप्ताह में लगभग 4-5 दिन ग्राहकों को अपना जिस्म बेचती हूं. हर बार के मुझे कम से कम 6-8 हजार और कभीकभी तो 10 हजार रुपए तक मिल जाते हैं. मैं तथाकथित शरीफ लोगों के साथ थ्री, फोर और फाइव स्टार होटल में होती हूं. मुफ्त में खाना मिलता है, गिफ्ट मिलते हैं और पैसे भी.
वह युवती भी अब मेरे साथ एक ही फ्लैट में रहती है. हम दोनों ही पिछले 3-4 साल से यह सब कर रहे हैं.
अब पैसे रहने की वजह से बेटे का दाखिला अच्छे स्कूल में करवा दिया है. उसे ट्यूशन देती हूं. पर दिल के अंदर एक हुक सी उठती है कभीकभी.

काश, मैं पढ़ीलिखी होती

मुझे पता है मैं क्या कर रही हूं. पर मुझे इस का मलाल नहीं है. पति के मरने के बाद दरदर की ठोकरें खाई थी, अब कम से कम पास में पैसे तो होते हैं, मन की कर तो सकती हूं, बेटे को उस की पसंद के खिलौने तो दे सकती हूं, मनपसंद खापी और पहन तो सकती हूं…
कभीकभी मन दुखी होता है तो छत को निहारते हुए सोचती हूं कि औरत का जीवन भी क्या है? क्या उस का पूरा जीवन ही संघर्ष के लिए बना है?
मुझे लगता है कि अगर मैं पढ़ीलिखी होती तो शायद ये दिन नहीं देखने पड़ते.
मैं जहां रहती हूं वहां किसी को पता नहीं मैं क्या करती हूं, कहां जाती हूं. शहरी जिंदगी में तो लोग वैसे भी मतलब तक नहीं रखना चाहते.

मैं क्या करूं

मैंं तो कहूंगी कि भारतीय परिवार में बेटों से ज्यादा बेटियों को पढ़ाना चाहिए, उन्हें शिक्षित बनाना चाहिए क्योंकि कब किस के साथ क्या घटित हो जाएगा यह कौन जानता है? अपनी नजरों में मैं एक कौलगर्ल हूं, जिसे देशी भाषा में वेश्या भी कहते हैं. पर मैं कर भी क्या सकती थी? अब मेरे पास 5-7 लाख रुपए इकट्ठे हो चुके हैं. मुझे सलाह दीजिए कि अब मुझे क्या करना चाहिए? इस जिंदगी ने पैसा तो दिया पर अब आजिज आ चुकी हूं. कल को बेटे को क्या जवाब दूंगी? कृपया उचित सलाह दें.

पति-पत्नी: इस बेवफाई की वजह क्या है

तनाव ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अपना स्थायी बसेरा बना लिया है और इस के चलते आज दुनिया के दूसरे तमाम देशों के साथसाथ भारत में भी औरतें और लड़कियां अपनी सैक्स जिंदगी को ले कर चिंता से घिर चुकी हैं.

दरअसल, आज एक तरफ देश अपनी आजादी के 75 सालों का महोत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ ‘सैक्स’ शब्द का उच्चारण करना ही हमारे पारंपरिक समाज में गलत माना जाता रहा है.

उर्फी जावेद और पूनम पांडेय के बदनदिखाऊ कपड़ों पर बेहूदा बातें कही जाती हैं, पर जब उन के फोटो सोशल मीडिया पर आते हैं, तो लोग अकेले में अपनी आंखें सेंकने से बाज नहीं आते हैं. पर मजाल है कि कोई लड़की सैक्स पर अपने मन की बात कह सके कि उसे अपने पार्टनर से आखिर चाहिए क्या?

गांवदेहात की औरतों की हालत तो और भी ज्यादा बुरी है. वहां तो सैक्स का मतलब है मर्द की मनमानी और औरत की चुप्पी. सिसकी लेना भी सजा की तरह है, तभी तो आज के दौर में औरतें अपनी सैक्स इमेज से ले कर सैक्स के जोश, चरम संतुष्टि तक को ले कर समस्याग्रस्त रहने लगी हैं. इतनी ज्यादा कि वे डिप्रैशन में चली जाती हैं.

यह बड़े दुख और हैरत की बात है कि आजादी के इतने साल बाद भी भारत जैसे परंपरागत देश में सैक्स या औरत और मर्द के नाजुक अंगों संबंधी किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने की तकरीबन मनाही है. औरतों की तो जबान ही सिल दी जाती है. तो क्या यह गूंगापन औरतों को बेवफाई करने पर मजबूर कर सकता है?

बिलकुल कर सकता है. आज ऐसी खबरों से मीडिया अटा पड़ा है कि 2 बच्चों की मां अपने प्रेमी के संग भागी. पति के काम पर जाते ही पत्नी अपने प्रेमी को घर पर बुला लेती थी. बहुत सी बार तो इस तरह के मामले खुलने पर मर्डर जैसा खतरनाक अपराध भी हो जाता है.

पहली नजर में ऐसा लगता है कि हमारा समाज एक ऐसा समाज है, जहां नौजवान यह सोचसोच कर बड़े होते हैं कि सैक्स करना एक ऐसा काम है, जो सिर्फ शादीशुदा जोड़ों की जिंदगी का हिस्सा है और शादी के बाद किसी पराए से नजदीकियों को हमारे समाज में अच्छा नहीं समझा जाता है, लेकिन आप को यह जान कर हैरानी होगी कि बेवफाई के मामले में शादीशुदा भारतीय औरतें देश में मर्दों के मुकाबले आगे हैं. यह खुलासा एक विदेशी ऐक्स्ट्रा मैरिटल डेटिंग एप ‘ग्लीडन’ द्वारा कराए गए एक सर्वे से हुआ है.

इस सर्वे के मुताबिक, 53 फीसदी भारतीय पत्नियों ने शादी के बाद पराए मर्दों से सैक्स संबंधों में शामिल होने की बात मानी है, जबकि ऐसे मर्दों का आंकड़ा 43 फीसदी पाया गया है.

इस सर्वे से यह भी खुलासा हुआ कि भारतीय औरतें शादी के बाद पराए मर्द से संबंधों को ले कर, खासतौर से जब इस में रोमांस भी घुला हो, तो काफी खुली सोच रखती हैं.

इस सर्वे में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद जैसे बड़े भारतीय शहरों की 25 से 50 साल की उम्र की शादीशुदा औरतों को शामिल किया गया था.

इस सर्वे से यह भी पता चला है कि भारत में तकरीबन 50 फीसदी शादीशुदा लोगों ने अपने जीवनसाथी के अलावा किसी दूसरे के साथ सैक्स संबंध होने की बात स्वीकार की है.

ऐसी औरतें, जो अपने पति के अलावा किसी दूसरे मर्द के साथ नियमित रूप से सैक्स संबंध बना कर रखती हैं, उन मर्दों से आगे हैं, जो शादी के बाद किसी पराई औरत के साथ रिश्ते निभा रहे हैं.

इस सर्वे से सब से हैरान करने वाली जो बात सामने आई है, वह यह कि बहुत से भारतीयों का मानना है कि कोई भी इनसान एक समय में 2 अलगअलग लोगों के प्यार में पड़ सकता है.

भारतीय समाज के इस दिलचस्प पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि यहां 46 फीसदी लोगों का मानना है कि आप जिस इनसान से प्यार करते हैं, उसी को प्यार में धोखा भी दे सकते हैं. शायद यही वजह है कि भारतीय अपने पार्टनर की बेवफाई का राज खुलने पर उसे माफ करने को तैयार हैं.

इस सर्वे से यह भी उजागर हुआ है कि 37 फीसदी लोग अपने पार्टनर को बिना कुछ सोचेसमझे माफ कर देंगे, जबकि 40 फीसदी उस हालत में माफ करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते हालात इस गुनाह को हलका बनाने वाले हों. इसी तरह सर्वे की रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि लोग चाहते हैं कि उन के पार्टनर भी उन्हें भेद खुलने पर माफ कर दें.

इस सर्वे के मुताबिक, ऐसी शादीशुदा औरतों का फीसदी 40 तक है, जो किसी ऐसे मर्द के साथ नियमित रूप से सैक्स संबंध रखती हैं, जो उन का पति नहीं है, जबकि केवल 26 फीसदी मर्द ही किसी दूसरी औरत के साथ शारीरिक स्तर पर नियमित संबंध रखते हैं.

भारत में तकरीबन 50 फीसदी शादीशुदा मर्दों ने यह स्वीकार किया है कि वे अपने जीवनसाथी के अलावा किसी दूसरे के साथ भी सैक्स संबंध रख चुके हैं, जबकि 10 में से 5 मर्द कैजुअल सैक्स या वन नाइट स्टैंड में शामिल रहे हैं.

भारत में औरतों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी बेइज्जती और शर्मिंदगी उठानी पड़ती है, फिर वह चाहे सड़कोंचौराहों की बात हो या बिस्तर पर, इसी के चलते वे अकसर अपनी सैक्सुएलिटी को ले कर खुलापन नहीं रख पातीं. लेकिन अब औनलाइन दुनिया में सक्रियता बढ़ने से वे भी खुल रही हैं और खुद को जाहिर भी कर पा रही हैं.

इस सर्वे में यह तो बता दिया गया है कि शादीशुदा औरतें भी पराए मर्द के साथ संबंध बनाने में कोई गुरेज नहीं करती हैं, पर इस बेवफाई की वजह क्या है? क्या पति की उम्र का फर्क इस बेवफाई को बढ़ावा देता है?

आज से कुछ साल पहले तक ऐसा खूब होता था, जब शादी के समय लड़के और लड़की की उम्र में काफी फर्क हो जाता था. लड़की 22 की, तो लड़का

32 का. कुछ साल तक तो ऐसी शादी में कोई अड़चन नहीं आती थी, पर बाद में लड़की का किसी हमउम्र लड़के की तरफ खिंचाव होना नौर्मल बात होती थी.

पैसा भी इस बेवफाई में काफी अहम रोल निभाता है. बहुत सी औरतों को पैसे की इतनी ज्यादा चाहत हो जाती है कि उन्हें अपने पति की कमाई कम लगने लगती है. फिर वे कोई ऐसा पार्टनर तलाश करने लगती हैं, जो उन के खर्चे बिना किसी बहस के उठा सके और यह काम तो कोई आशिक ही कर सकता है.

पतिपत्नी की कलह भी औरत को पति से बेवफाई करने पर मजबूर कर सकता है. पति कितना भी रईस क्यों न हो, पर अगर वह औरत को अपने पैर की जूती समझ कर उस पर जुल्म करे, तो औरत का किसी पराए मर्द की तरफ जाना बहुत आसान हो जाता है. वह खुद पर हुए जुल्म का बदला किसी दूसरे मर्द के साथ हमबिस्तर हो कर देने में अपनी जीत समझती है.

बहुत से मामलों में पति की बेवफाई भी औरत को वैसा ही करने पर मजबूर कर देती है. जब पति उस के होते हुए किसी दूसरी पर बेसब्रे सांड़ की तरह लाइन मारे तो वह भी खूंटा तुड़ाई गाय बन जाती है.

इस के अलावा अगर पति अपनी पत्नी से दूर रहता है या औरत की उस की ससुराल में बेइज्जती होती है या फिर उन के विचार सिरे से नहीं मिलते हैं,

तब भी औरत बेवफाई की राह पर चल पड़ती है. इतना ही नहीं, जब से बाजार में गर्भनिरोधक सामान की भरमार हुई है, तब से औरतों को नाजायज रिश्ता बनाने में आसानी हुई है.

लेकिन ऐसी बातें जब तक छिपी रहती हैं, तब तक तो मजा देती हैं पर खुलने पर जिंदगी को जहन्नुम बनाने में देर नहीं लगाती हैं.

बढ़े हुए प्रोस्टेट से आपकी सेक्स लाइफ हो सकती है प्रभावित!

कहीं इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या यौन संतुष्टि में कमी जैसी किसी परेशानी से तो आप सामना नहीं कर रहे? यह समस्या प्रोस्टेट के बढ़ने से भी हो सकती हैं .यदि आपका प्रोस्टेट नार्मल साइज से बड़ा है तो यह आपकी सेक्स लाइफ को खराब कर सकता है.

असल में प्रोस्टेट ग्लैंड जिसको पौरुष ग्रंथि भी कहा जाता है वीर्य बनाने वाली महत्वपूर्ण ग्लैंड है. कई बार उम्र के साथ-साथ या हार्मोनल चेंज के कारण यह बढ़ जाती है. इस कारण बहुत से पुरुषों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.

अगर आपकी भी प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ी हुई है, तो आपको भी सेक्स संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ये यौन समस्यायें , प्रोस्टेट की स्थिति के अनुसार भिन्न भिन्न होती है.बढ़ा हुआ प्रोस्टेट आपकी पेशाब करने की सक्षमता को सीधा प्रभावित करते हैं.इस परेशानी की वजह से  बहुत सी सेक्स संबंधित समस्या होने लगती है . और यह समस्याएं बढ़े हुए प्रोस्टेट की स्थिति के मुताबिक बढ़ती हैं.

कुछ आम सेक्चुअल साइड इफैक्ट्स इस प्रकार हैं-

  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile dysfunction)
  • यौन संतुष्टि में कमी (reduced sexual satisfaction)
  • इरेक्शन को बनाए रखने में समस्याएं (problems maintaining an erection)
  • कामेच्छा में कमी (decreased libido)इन साइड इफेक्ट्स को प्रभावित करने वाले फैक्टर हैं-
  • उम्र
  • जेनेटिक्स और
  • एंजाइटीआइए जानते हैं लक्षण ताकि आप  मालूम कर सके कि कहीं आप इस परेशानी से तो ग्रस्त नहीं.लक्षण (Symptoms)

कई बार पुरुषों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें प्रोस्टेट से जुड़ी समस्या है. यदि नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी दो लक्षण आपको परेशान कर रहे हैं ,तो आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए. यह भी संभव है कि यह परेशानी किसी और वजह से हो.

  • पेशाब के लिए जाएं और पेशाब करने में परेशानी हो. पेशाब करने की
  • पेशाब  शुरू होने पर हल्की धारा का निकलना.
  • चाहे दिन हो या रात लेकिन बार-बार पेशाब  की जरूरत महसूस होना.
  • पेशाब करने के बाद भी डिस्चार्ज होना.
  • पेशाब करने के बाद ब्लैडर का भरा हुआ फील होना.
  • पेशाब  करते समय तेज दर्द महसूस होना.

बढ़े हुए प्रोस्टेट का असर

नई दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट और यूरोलॉजिस्ट डॉ. एसके पाल का कहना है कि पिछले कुछ सालों से पुरुषों से जुड़ी गुप्त रोगों की समस्याएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं.बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाइयां या सर्जरी के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होता है या सेक्स लाइफ प्रभावित होती है .आइए जानते हैं किस प्रकार.

सेक्स इच्छा का कम होना

प्रोस्टेट बढ़ने के कारण पुरुषों को समय से पहले ही बुढ़ापा अपनी गिरफ्त में ले लेता है. ऐसे पुरुष संकोच में रहते हैं. ये ग्लैंड्स प्रजनन के लिए सीमन बनाते हैं. उपचार के समय दवाइयों की वजह से प्रभावित होने के कारण सेक्स की इच्छा कम हो जाती है.

स्खलन शरीर के अंदर

डॉ अनूप  धीर, सीनियर कंसलटेंट एंड सर्जन अपोलो हॉस्पिटल के अनुसार बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण स्खलन की समस्या हो जाती है. स्खलन बाहर होने की बजाय शरीर के अंदर होने लगता है. मेडिकल भाषा में इसे रिवर्स इजैकुलेशन भी बोलते हैं.

बांझपन की समस्या

  • इन ग्लैंड्स के बढ़ने पर शीघ्र पतन और शुक्राणु में कमी जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं. जिस कारण बांझपन की समस्या हो सकती है. इस वजह से सेक्स लाइफ अत्यधिक प्रभावित होती है.
  • शोध के अनुसार प्रोस्टेट इंफेक्शन या बड़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी पुरुषों की सेक्स इच्छा में कमी होती है. यह भी एक वजह है पुरुषों की सेक्स लाइफ प्रभावित होने की.
  • इसके अलावा इन दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति का शुक्राणुओं की गिनती  भी कम हो जाती है. व्यक्ति नपुंसकता का शिकार तक हो जाता है.

सेक्स से विमुखता

बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए दो प्रकार से सर्जरी की जाती है. पहली टीयूआरपी सर्जरी और दूसरी प्रॉस्टेटिक आर्टरी इंबोलाइजेशन सर्जरी. लेकिन इस सर्जरी के फौरन बाद सेक्स के लिए मनाही है. इसलिए 20 से 25 दिन तक सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है. जिस वजह से सेक्स लाइफ प्रभावित होती है. जब दवाइयां असर नहीं करती तब प्रोस्टेक्टॉमी शल्य चिकित्सा से इन ग्लैंड्स को निकाला जाता है. डॉक्टर एसके पाल का कहना है कि इस का  खास साइड इफेक्ट सेक्स  विमुखता है. इरेक्शन को बनाए रख पाने में असफल होने पर अक्सर पुरुष हीन भावना का शिकार हो जाते हैं.इस वजह से भी अपने पार्टनर से दूरी बना लेते हैं.

मैं कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हूं पर कभी संतुष्टि प्राप्त नहीं होती, क्या करूं?

सवाल
मैं 21 वर्षीय युवती हूं. अपने बौयफ्रैंड के साथ 1 साल से कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हूं पर मुझे कभी संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई. मैं जानना चाहती हूं कि क्या मुझ में कोई कमी है और क्या मैं भविष्य में मां बन पाऊंगी या नहीं?

जवाब

सहवास के दौरान आनंदानुभूति न होने की मुख्य वजह सैक्स के प्रति आप की अनभिज्ञता ही है. जहां तक संतानोत्पत्ति का प्रश्न है तो उस का इस से कोई संबंध नहीं है. पीरियड के तुरंत बाद के कुछ दिनों में पति पत्नी समागम के बाद स्त्री गर्भ धारण कर लेती है, बशर्ते दोनों में से किसी में कोई कमी न हो. इसलिए आप कोई पूर्वाग्रह न पालें.

पर विवाह से पहले किसी से संबंध बनाना किसी भी नजरिए से उचित नहीं है. अत: इन संबंधों पर तुरंत विराम लगाएं वरना पछतावे के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा.

मुझे डर है की मेरे पति को मेरे शादी से पहले के संबंधों के बारे में पता न चल जाए, क्या करूं?

सवाल
मैं शादीशुदा, 5 वर्षीय बेटे की मां हूं. मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते हैं. शादी से पूर्व मैं एक युवक से प्रेम करती थी और उस से मेरा शारीरिक संबंध भी था पर अब उस की भी शादी हो गई है. वह मेरे मायके के पास ही रहता है. मैं जब भी मायके जाती हूं, हम अवश्य मिलते हैं. इस बार भी जब मैं मायके गई तो वह मेरे घर पर मुझ से मिलने आया.

परिस्थितिवश उस समय घर पर कोई नहीं था. भावनाओं में बह कर हमारे बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो गया. अब मुझे डर है कि कहीं मेरे पति को हमारे संबंधों की भनक न लग जाए. मैं अपनी वैवाहिक जिंदगी में कोई परेशानी नहीं चाहती. मुझे क्या करना चाहिए जिस से मेरे वैवाहिक संबंधों में कोई कड़वाहट न आए?

जवाब
आप एक के बाद एक गलतियां करती जा रही हैं और चाहती हैं कि वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट न आए. सब से बड़ी गलती तो आप ने उस युवक से अब तक संबंध रख कर की है. विवाह के बाद भी आप उस युवक से क्यों मिलती हैं, जबकि वह भी शादीशुदा है.

अभी आप के पति को और उस युवक की पत्नी को आप दोनों के विवाहेतर संबंधों की जानकारी नहीं है लेकिन जैसे ही दोनों को आप के संबंधों की जानकारी होगी, दोनों बसेबसाए घरों को टूटने में देर नहीं लगेगी.

आप के लिए यही सलाह है कि आप उस लड़के से पूरी तरह दूरी बना लें, उस से कोई संपर्क न रखें और अपने वैवाहिक रिश्ते यानी अपने घरपरिवार पर ध्यान दें व उसी में मन लगाएं. उस युवक से साफ शब्दों में कह दें कि वह आप से किसी प्रकार का संपर्क न करे. इसी में आप की व उस के  परिवार की भलाई है.

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