पहली नजर का प्यार और सेक्स

यह पहली नजर का उफ क्या असर है. तुम्हारी कसम, डगमगाए से हम हैं… उंगलियों में चाबी का गुच्छा नचाते, फुल वौल्यूम में गाते हुए अतुल ने बंधु के कमरे में प्रवेश किया. मेज पर फैली अपनी किताबों को समेटते हुए बंधु ने अतुल से पूछा, ‘‘यार, क्या बात है, बड़ा खुश नजर आ रहा है?’’

‘‘यार, बात ही ऐसी है,’’ कहते हुए अतुल गाने की फिर वही पंक्तियां दोहराने लगा.

बंधु ने अपनी बेचैनी दबाते हुए फिर पूछा, ‘‘अब कुछ बताएगा भी या यों ही गला फाड़ता रहेगा?’’

जब अतुल ने कालेज में ही पढ़ने वाली नीता के साथ अपनी पहली नजर में ही प्यार हो जाने का किस्सा सुनाया तो बंधु हंसने लगा और हंसतेहंसते बोला, ‘‘यार, तू इसे पहली नजर क्यों कह रहा है? मुझे तो लगता है यह शायद तेरी 26वीं नजर वाला प्यार है. एमए में हम दोनों को साथ पढ़ते हुए अभी सिर्फ एक साल ही बीता है, लेकिन इन 12 महीनों में तेरी नजरें 25 युवतियों से तो पहली नजर वाला प्यार कर ही चुकी हैं.

अपनी पहली नजर के प्यार की यों मखौल उड़ता देख अतुल चिढ़ सा गया, बोला, ‘‘मैं सब समझता हूं, तुझ से तो कुछ होता नहीं, बस, बैठाबैठा मेरी तरक्की देख कर जलता रहता है.’’

दोस्त को मनाते हुए बंधु बोला,’’ यार, तू तो नाराज हो रहा है. अरे, मैं क्यों तेरी तरक्की से जलने लगा, मैं तो चाहता हूं कि तू और तरक्की करे. लेकिन जिसे तू प्यार कह रहा है वह प्यार न हो कर मात्र आकर्षण है.’’

बंधु की बात बीच में ही काटता हुआ अतुल बोला, ‘‘यार, तेरी हर समय यह लैक्चरबाजी मुझे पसंद नहीं. अरे, दिलों की बात तू क्या जाने? नीता और मैं दोनों एकदूसरे को कितना चाहने लगे हैं, हम शादी भी करेंगे. तब तेरा मुंह बंद हो जाएगा.’’

कुछ दिनों बाद अतुल के नीता से चल रहे प्रेमप्रसंग का वही अंत हुआ जो उस के पिछले 25 का हुआ था. क्या सच में पहली नजर का प्यार प्रेमियों के अंदर पनपता है? अगर पहली नजर वाला प्यार उत्पन्न होता है तो कुछ समय बाद प्यार से लहराता दिल अचानक सूख क्यों जाता है.

विपरीत सेक्स के प्रति अपार आकर्षण

पहली नजर में होने वाला प्यार काफी हद तक यौनाकर्षण से जुड़ा होता है. लड़केलड़कियां एकदूसरे से विपरीत सेक्स के कारण अपार आकर्षण अनुभव करने लगते हैं. उस आकर्षण को ही वे सच्चा प्यार समझने लगते हैं. वास्तव में यह प्यार नहीं होता. यह तो मात्र एक आकर्षण है, जो विपरीत सेक्स के बीच स्वाभाविक रूप से होता है.

विपरीत सेक्स की आपस में बहुत ज्यादा निकटता से कभीकभी प्यार होने जैसी गलतफहमी होने लगती है. 15 वर्ष की शालू को लगने लगा जैसे वह अपने मास्टर के बिना नहीं जी पाएगी. 25 वर्षीय मास्टरजी उसे घर में सितार सिखाने आते थे. एकांत कमरे में मास्टरजी की समीपता से उसे लगने लगा कि वह मास्टरजी से बहुत प्यार करने लगी है. वह तो अच्छा हुआ कि  शालू पर चढ़ा मास्टरजी का आकर्षण सिर चढ़ कर बोलने लगा. रातदिन बेटी के मुंह से मास्टरजी के किस्से सुन कर शालू की मम्मी का माथा ठनका, बात बिगड़ने से पहले ही मम्मी ने संभाल ली.

कुछ दिन तो शालू ने मास्टरजी को बहुत मिस किया, लेकिन धीरेधीरे वह मास्टरजी को भूलने लगी. अब तो मास्टरजी को देख कर उस का मन दुखी हो जाता है. वह स्वयं से प्रश्न करती है, आखिर इन बौनेकाले मास्टरजी में ऐसा क्या था जो मैं इन पर लट्टू हो गई थी. विपरीत सेक्स के आकर्षण का समीपता के अलावा और भी कारण हो सकते हैं जो दिल में प्यार पैदा कर देते हैं.

कल्पना के अनुरूप मिल जाना

हर लड़का या लड़की की जीवनसाथी के बारे में जरूर कुछ न कुछ कल्पना होती है. कल्पना के अनुरूप कोई भी एक गुण मिल जाने पर प्यार हो जाता है. एक कौन्फ्रैंस  में देवेश नागपुर गए थे. वहीं उन्होंने जींसटौप में सजी हंसमुख मीनाक्षी को देखा, तो उन्हें लगा वे उसे अपना दिल ही दे बैठे हैं. एक सप्ताह की कौन्फ्रैंस में 5 दिन दोनों ने साथसाथ बिताए. वहां आए सभी लोगों को भी देवेश और मीनाक्षी के प्रेम को प्रेमविवाह में बदलने का पूरा विश्वास था. लेकिन जाने से 2 दिन पहले की बात है. मीनाक्षी देवेश से मिलने उन के कमरे में आई.

देवेश उस समय चाय बना रहे थे. मीनाक्षी को आया देख कर उन्होंने उस के लिए भी चाय बनाई. 2 कपों में चाय बना कर देवेश ने मेज पर रखी, मीनाक्षी ने चाय उठाई. अपने कप में बाहर की ओर लगी चाय को उस ने रूमाल से नजाकत से पोंछा. देवेश इस उम्मीद में थे कि उन के कप में लगी चाय भी पोंछेगी, लेकिन उस ने उन के कप की ओर ध्यान ही नहीं दिया.

चाय पी कर जूठे कपप्लेट वहीं छोड़ कर वह चली गई. देवेश मीनाक्षी के इस व्यवहार से आहत हो गए. मीनाक्षी के प्रति उन के मन में प्यार का छलकता सागर उसी समय सूख गया. यह अवश्य था कि उन की पसंद के अनुसार मीनाक्षी स्मार्ट थी, हंसमुख थी, लेकिन जिसे उन की जरा भी परवाह नहीं, ऐसी जीवनसाथी उन्हें जीवन में क्या सुख देगी.

उसी समय कई दिनों से बढ़ाई प्यार की डोर उन्होंने एक झटके से काट डाली. उस के बाद मीनाक्षी से उन्होंने कोई बात नहीं की. अगले दिन वे नागपुर से कानपुर लौट आए.

जब मीनाक्षी की ही समझ में कोई कारण न आया तो औरों की समझ में क्या आता. आखिर सब ने देवेश के जाने के बाद उन्हें धूर्त, मक्कार तथा फ्लर्ट की संज्ञा दी.

अवगुण आकर्षण पर भारी

प्यार हो जाने तथा प्यार के टूट जाने के पीछे मुख्य कारण है हमारी पंसद का बिखरी अवस्था में होना. हमारे दिमाग में जहां एक ओर गुणों की लंबीचौड़ी लिस्ट होती है, वहीं अवगुणों की लिस्ट भी मौजूद रहती है. हमारे इच्छित सभी गुणों का एकसाथ मिलना असंभव होता है.

जब किसी से प्यार होता है तो उस प्यार के पीछे हम उस के किसी गुण से आकर्षित हो कर उस से प्यार करते हैं. लेकिन प्यार में नजदीकी बढ़ने के साथ ही अगर कोई बुराई सामने आ जाती है, तो वह प्यार के आकर्षण को वहीं समाप्त कर देती है.

एक श्रीमान हैं. उम्र 40 वर्ष के लगभग है. लेकिन अभी तक कुंआरे हैं. दिल हथेली पर लिए घूमते हैं. मौका मिलते ही दिल लड़की को सौंपने में नहीं हिचकिचाते, चाहे बदले में उन्हें जूते ही खाने पड़ें. लेकिन कई लड़कियों से दिल लगाने के बाद भी वे अकेले के अकेले हैं. कारण, एक न एक गुण तो उन्हें हर लड़की का आकर्षित कर ही लेता है. लेकिन प्यार में नजदीक आने के बाद कोई अवगुण उन के शादी के जोश को समाप्त कर देता है.

वैसे, दिल के साथ दिमाग का प्रयोग करने वाले प्रेमियों की संख्या काफी कम होती है. चूंकि प्यार अंधा होता है, इसलिए अवगुणों की ओर तो ध्यान जाता ही नहीं. प्यार में डूबे अकसर प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे के अवगुणों के प्रति आंखें मूंद कर प्यार के अंधे होने को सत्य साबित करते हैं.

किस की कौन सी अदा कब किस के दिल में

मुग्धा बस से दिल्ली जा रही थी. मुग्धा खिड़की से बाहर का दृश्य निहार रही थी अचानक सिगरेट का धुआं उस की नाक में घुसा. उस ने बुरा सा मुंह बनाते हुए पलट कर देखा. बगल की सीट पर ही बैठा नवयुवक बड़ी मस्ती से सिगरेट के छल्ले निकालनिकाल कर मंत्रमुंग्ध हो, उसे देख रहा था. मुग्धा बुरी तरह झल्लाई, ‘‘आप को कुछ तमीज है.’’

युवक ने सहम कर देखा और फौरन जली हुई सिगरेट अपने जूतों के नीचे मसल डाली. मुग्धा उसे देखती रह गई. अब बाहर के दृश्यों को देखने में उस का मन न लगा. रहरह कर आंखें उसी युवक पर टिक जातीं जो सिगरेट बुझा कर उदास सा बैठा था.

न जाने उस में मुग्धा को क्या लगा कि वह उस युवक के भोलेपन पर मुग्ध हो गई. कुछ देर पहले जितनी बेरुखी से उस ने उसे डांटा था, अब आवाज में उस से दोगुनी मिठास घोलते हुए उस ने युवक से पूछा, ‘‘आप इतनी सिगरेट क्यों पीते हैं?’’ फिर बातचीत का ऐसा सिलसिला चला कि कुछ ही घंटों में वे दोनों एकदूसरे के काफी करीब आ गए. इस घटना के कुछ ही समय बाद दोनों विवाहबंधन में भी बंध गए.

ठीक इसी तरह निशा अंगरेजी वाले सर, आनंद की आवाज पर फिदा है. सहेलियों के बीच बैठी हो या परिवार वालों के, उस की बातों का केंद्रबिंदु आनंद सर ही रहते हैं.

‘‘क्या आवाज है उन की. लगता है जैसे कहीं बहुत दूर से आ रही है.’’ जितनी देर आनंद सर कक्षा में पढ़ाते, निशा पढ़ाईलिखाई भूल, मंत्रमुग्ध हो आनंद सर की आवाज के जादू में डूबी रहती.

निशा अपने सर की आवाज की दीवानी है तो कक्षा में सब से स्मार्ट दिखने वाली शशि, ग्रामीण कैलाश को देखते न अघाती थी, उस के आकर्षण का केंद्रबिंदु था कैलाश की ठोड्डी में पड़ने वाला गड्ढा. इसी तरह न जाने किस की कौन सी अदा कब किसी के दिल में प्यार की चिनगारी सुलगा दे, यह बतलाना बहुत मुश्किल है.

मेरे और मेरे पति के बीच अभी तक सेक्स संबंध नहीं बना है, मैं क्या करूं?

जवाब

मैं 24 वर्षीय महिला हूं. मेरी शादी को 3 महीने हो चुके हैं. शादी से पहले मैं किसी और से प्यार करती थी. घर वालों के दबाव में आ कर मैं ने यह शादी कर ली. मेरे पति बहुत ही खुले विचार के हैं. उन्होंने मुझे पूरी आजादी दी हमारे रिश्ते को समझने की. इन 3 महीनों में हमारे बीच कोई सेक्स संबंध नहीं बन पाया लेकिन अब मैं चाहती हूं कि हमारे बीच की दूरियां खत्म हों. कृपया उचित सलाह दें?

सवाल

यह तो बहुत अच्छी बात है कि आप के पति ने आप को पूरा वक्त दिया इस रिश्ते को समझने के लिए. अब आप समझ चुकी हैं कि आप का वर्तमान घरपरिवार आप का पति ही है. उन से दूरियां मिटाने के लिए बेहतर होगा कि आप पति के साथ घूमेंफिरें, उन्हें पर्याप्त समय दें. अगर फिर भी बात न बने तो पति के साथ रोमांटिक होने की कोशिश करें. उन के लिए सरप्राइज प्लान करें. रात को अपने बैडरूम को फूलों और कैंडल्स से डैकोरेट करें. खुद को हौट ऐंड सैक्सी बनाए रखें. इस दौरान ऐसे परिधान पहनें जो आप की खूबसूरती को निखारें. फिर देखिए आप के पति आप के प्यार में किस कदर खो जाते हैं.

किन तरीकों से बोरिंग सेक्स लाइफ को बनाएं मजेदार

सुखी जीवन का सेक्स अभिन्न अंग है. अगर पार्टनर के साथ सेक्स के में मजा नहीं आता तो जाहिर है की आप की सेक्स लाइफ एक ही ढर्रे पर चलती आ रही है. इस लिए जरुरी हो जाता है की सेक्स लाइफ को मजेदार बनाने के लिए सेक्स के नए तरीकों को समय-समय पर अपनाते रहें. सेक्स के ऐसे ही मजेदार तरीकों में शामिल है किंक सेक्स. यह सेक्स का ऐसा तरीका है जिसे अजमा कर न केवल सेक्स के चरम सुख की प्राप्ति की जा सकती है बल्कि सेक्स के दौरान रोमांच भी कई गुना बढ़ जाता है.

किंक सेक्स उन जोड़ों के लिए ज्यादा मजेदार साबित हो सकता है जो वर्षों से ही ढर्रे पर सेक्स करते- करते ऊब चुके है. इस तरह के सेक्स में सेक्स के दौरान नाजुक अंगों को काटना,चाटना हल्का थप्पड़ मारना , दबाना आदि शामिल है. हाल के वर्षों में देश के कई बड़े शहरों में किंक सेक्स को लेकर लोगों में रूचि बढ़ रही है. किंक सेक्स में रूचि रखने वालों में महिला और पुरुष दोनों शामिल है. कुछ शहरों में तो किंक सेक्स की चाहत रखने वाले लोगों ने बाकायदा अपनी कम्युनिटी बना रखी है. जो अक्सर सप्ताह के तय समय को एक जगह मिलते है. इन्हें बीडीएसएम कम्युनिटी के नाम से जाना जाता है.

बीडीएसएम का मतलब होता है बाँडेज यानी बाँध कर डोमिनेंस यानी पार्टनर पर हावी होकर सैडिजम यानी पार्टनर को तकलीफ देकर खुश होना, मैसकिजम यानी दूसरे को पीड़ा पहुँचाना. सेक्स के दौरान यह सब ऐसे किया जाता है की पार्टनर को किसी तरह का शारीरिक नुकसान नहीं होता है बल्कि सेक्स का मजा कई गुना बढ जाता है.

कैसे करें शुरुआत

कई लोगों के लिए किंक सेक्स शब्द ही नया हो सकता है. ऐसे में इस तरह के सेक्स तरीकों को अजमाने से पहले इसके बारे में जान लेना बेहतर होगा. वैसे किंक सेक्स के शौकीन लोगों के अनुसार किंक सेक्स संतुष्टि पाने का एक मनोवैज्ञानिक तरीका है. जिसको अजमाने से सेक्स का मजा कई गुना बढ़ जाता है. इसमें फैंटेसी शामिल होता है. सेक्स में किंक तरीकों अजमाने से पहले पार्टनर की सहमति जरुरी है. साथ ही एक सीमारेखा भी तय किया जाना जरुरी हो जाता है. इससे सेक्स को लेकर आप के कल्पनाओं को पर लग जातें हैं.

आप किंक सेक्स का मजा लेने के लिए शुरुआत पार्टनर की आँखों पर पट्टी बाँध करके कर सकते हैं, या कमरे के अँधेरे कोनों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके बाद पार्टनर के नाजुक अंगों के साथ छेड़-छाड़ के साथ हल्के में काटना या नोचना शुरू कर सकते हैं. आखिर वह सेक्स ही क्या जिसमें मीठा दर्द न हों और मजा ना आये. आप पार्टनर को बेड पर बाँध सकते है. अलग-अलग पोजीशन का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें कई तरह के एनीमल पोजीशन भी शामिल किये जा सकते हैं. और ध्यान रखें इन सबके पहले अपने बेडरूम को हल्के परफ्यूम की खुशबू से सरोबार करना न भूलें. साथ ही बेडरूम की लाइट का ख्याल जरुर रखें. किंक सेक्स के दौरान बेडरूम की लाइट हल्की नीली, पीली और गाढ़ी लाल होना सेक्स का मजा और बढ़ा देता है.

किंक सेक्स के दौरान आप पूरी तरह से बोल्ड हो जाएँ। हल्की मीठी आवाजें निकालें, सिसकारियों से अपने पार्टनर को मदहोस कर दें. जिससे आप का पार्टनर पूरी तरह से आप के ऊपर हावी होने की कोशिस करेगा. ड्रेस तो ऐसा पहनें की आप का साथी देखते ही आप पर रीझ जाएँ. कभी भी सेक्स की शुरुआत जल्दबाजी में न करें इसकी शुरुआत जितनी धीमी होगी मजा उतना ही ज्यादा आयेगा.

दर्द ऐसा दें जिसमें मजा आये-किंक सेक्स के दौरान काटना, नोचना, हथकड़ी लगाना, हल्के चाबुक का इस्तेमाल करना आम बात हो सकती है. लेकिन इन सब तरीकों का इस्तेमाल वही तक सही है जहाँ तक यह सेक्स के दौरान मजे लेने का एहसास कराये. किंक सेक्स के दौरान कभी इतना आगे न निकल जाएँ आप का पार्टनर दर्द से तड़पने या चिल्लाने लगे. इससे हो सकता है आप को मजा आये लेकिन सामने वाले के नाजुक अंगो के साथ शरीर को नुकसान पहुँच सकता है.

सेक्स प्ले के दौरान यह ख्याल रखें की अत्यधिक उत्तेजना में कहीं आप ऐसा ना काट लें की आप के साथी को किसी तरह का जख्म हो जाए या ऐसे बांधने का ख्याल भी मन में न लायें जिसमें पार्टनर को चोट लगने का डर हो. किंक सेक्स के तरीकों इस्तेमाल जरुर करें लेकिन उसमें प्यार शामिल हो.

गंदगी से रहें दूर

कई बार हम किंक सेक्स के दौरान इतना आगे निकल जाते हैं की सेक्स के दौरान घृणा आने वाली हरकतें भी करने की कोशिश करने लगते है. इससे कई बार सामने वाले पार्टनर का मूड खराब हो सकता है. पार्टनर को उबकाई आ सकती है. पार्टनर का सेक्स से मन ऊब सकता है. कई बार गंदा सेक्स कई तरह की गम्भीर बिमारियों का कारण बन जाता है. ऐसे में किंक सेक्स का तरीका अजमाने से पहले यह जरुर तय कर लें की किंक सेक्स में आपका पार्टनर किन तरीकों को अपनाना ज्यादा पसंद करता है.

अगर आप ऐसा करते हैं तो आप का और आपके साथी का मजा सेक्स के दौरान बढ़ जाएगा. अगर आप भी सेक्स के एक ही ढर्रे से ऊब चुकें है तो किंकी तरीकों को अजमा सकते हैं. बस आप के लिए ध्यान रखने वाली बात यह होगी की इसमें दर्द न शामिल हो बल्कि मजा शामिल हो. इसके लिए आप बताये गए सेफ्टी के तरीकों को अजमा सकते हैं.

प्रेगनेंसी में सेक्स का आनंद उठाने के लिए ट्राय करें ये 6 टिप्स

पत्नी के प्रेगनेंट होते ही दोनों के मन में ये सवाल आने स्वाभाविक हैं कि क्या इस अवस्था में सेक्स करना ठीक है, क्या इससे गर्भस्थ शिशु को कोई हानि हो सकती है या गर्भवती स्त्री को कोई तकलीफ हो सकती है?

जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती जाती है महिला की शारीरिक परेशानी बढ़ने लगती है और सेक्स के सामान्य तरीके अपनाना इसलिए कठिन हो जाता है. प्रेगनेंसी में गर्भवती महिला के उदर पर किसी प्रकार का दबाव उसके तथा भ्रूण दोनों के लिए कष्टदायी तथा नुकसानदेह हो सकता है.

वैसे छठे या सातवें माह तक की गर्भावस्था में सेक्स किया जा सकता है, लेकिन विशेष सावधानी के साथ. इसके लिए डौक्टर की सलाह पर विशेष प्रकार के आसन अपनाए जा सकते हैं.

गर्भावस्था में सेक्स के उपाय

पत्नी के गर्भावती होने का पता चलते ही प्रथम दो माह तक सम्बन्धों का त्याग करने का प्रयास करें. अन्तिम एक माह में भी सेक्स से दूर रहने का प्रयास करें. प्रसव के पश्चात् लगभग चार सप्ताह तो वैसे ही निकल जाते हैं. इसमें अधिकांश व्यक्ति सेक्स के प्रति इच्छुक भी नहीं रहता है.

  • गर्भ की स्थिति के प्रथम तथा अन्तिम सप्ताह में योनि प्रवेश से बचना चाहिए. हां सप्ताह में 2-3 बार शारीरिक छेड़छाड़ द्वारा आनन्द प्राप्त किया जा सकता है. ऐसे समय पत्नी अपनी हथेलियों द्वारा स्खलन में मदद कर सकती है. अनेक स्थितियों में व्यक्ति को इसमें शारीरिक सम्बन्धों जितना आनन्द प्राप्त हो जाता है. यहां इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पत्नी पर दबाव नहीं डालें. पति को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि गर्भ के समय पत्नी के साथ ऐसा कोई व्यवहार नहीं करें जिससे उसके मन-मस्तिष्क पर विपरीत प्रभाव पड़ें.
  • लिंग प्रवेश पूरी तरह न करके सिर्फ आधा प्रवेश करें. कोहनियों को नीचे टिकायें और बहुत धीरे-धीरे घर्षण करें. शिश्न मुण्ड सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है. स्खलन में लिंग मुण्ड की संवेदनशीलता प्रमुख भूमिका निभाती है. इसलिए केवल शिश्न मुण्ड ही प्रवेश करके धीरे-धीरे घर्षण किये जायें तो भी व्यक्ति पूर्ण आनन्द प्राप्त कर सकता है. ध्यान रहे कि लिंग का पूरा प्रवेश नहीं होना चाहिए और न घर्षणों में तीव्रता होनी चाहिए. अपने शरीर का भार कोहनियों पर रखें. स्त्री शरीर पर बोझ नहीं पड़ना चाहिए.
  • गर्भावस्था के अन्तिम तीन महीनों मे स्थिति को थोड़ा बदलें. अभी भी लिंग का प्रवेश पूरा नहीं करना है. केवल शिश्न मुण्ड ही प्रवेश करायें. हथेलियों को नीचे टिकायें और हाथ एकदम सीधे रखें. ऐसा करने से आपका शरीर स्त्री शरीर से काफी ऊंचा रहेगा. इस अवस्था में गर्भ अपने समय की पूर्णता को प्राप्त कर रहा होता है. पेट का उभार काफी बढ़ जाता है, ऐसे में अपने शरीर जितना सम्भव हो, उतना दूर रखने का ही प्रयास करें. हथेलियां नीचे टिकाकर हाथों को एकदम सीधा करने से पुरुष का शरीर पर्याप्त रूप से ऊंचा उठा रहेगा. इस स्थिति में भूलकर भी लिंग को पूरी तरह से प्रविष्ठ नहीं करना है.
  • गर्भावस्था में करवट बदल कर भी सम्बन्ध बनाए जा सकते हैं. ऐसे में कुछ व्यक्तियों के साथ समस्या हो सकती है, लिंग प्रवेश में कठिनाई हो सकती है, फिर भी आधा अथवा केवल शिश्न मुण्ड का प्रवेश किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में पुरुष शरीर का भार स्त्री पर नहीं पड़ता है.
  • कुछ विद्वानों का मानना है कि लिंग प्रवेश से बचने के लिए उत्तेजित लिंग को योनि पर रगड़ने मात्र से भी स्खलन किया जा सकता है. स्त्री की वेजाइना को हाथों द्वारा सहलाकर उसे भी आनन्दित किया जा सकता है. विद्वानों का ऐसा भी मानना है कि गर्भावस्था में सम्बन्ध बनाने का मुख्य उद्देश्य मात्र स्खलन होता है. यह स्खलन योनि पर रगड़कर किया जा सकता है. बहुत से व्यक्ति ऐसे समय में हस्तमैथुन को भी सहीं मानते हैं किन्तु विवाह के बाद हस्तमैथुन के लिए व्यक्ति तुरन्त तैयार नहीं हो पाता. खासकर उस समय तो बिल्कुल नहीं जब पत्नी उपस्थित हो.
  • इसके अलावा व्यक्ति यदि उचित समझे तो अपने चिकित्सक से राय ले सकता है. सम्भव है कि वह कुछ अन्य सही आसनों के बारे में राय दे सके अथवा व्यक्ति स्वयं अपनी सूझ-बूझ एवं विचार कर रास्ता निकाल सकता है.

आजकल मेरी पत्नी मुझ से उखड़ी सी रहती है कुछ पूछने पर नाराज हो जाती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं. पिछले कुछ समय से मेरी पत्नी मुझ से उखड़ीउखड़ी सी रहती है और पूछने पर कुछ बताती नहीं है. जब मैं ज्यादा जोर देता हूं तो वह नाराज हो कर गुस्सा कर बैठती है. इस से घर में अजीब सा माहौल बन गया है. मैं क्या करूं?

जवाब-

जरूर आप की पत्नी किसी परेशानी या गलतफहमी का शिकार हो गई हैं, इसलिए सब्र से काम लें. मुमकिन है कि मायके की किसी बात से उन्हें परेशानी हो या वे किसी उलझन में फंस गई हों. ऐसे में आप की यह जिम्मेदारी बनती है कि आप उस की मदद करें और प्यार से बात जानने की कोशिश करें. अगर इस वक्त में आप उस के मन की बात नहीं जान पाए तो आगे चल कर तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है.

मुमकिन यह भी है कि ऐसी कोई बात ही न हो, क्योंकि कई बार औरतें सेहत की खराबी के चलते भी उखड़ीउखड़ी सी रहने लगती हैं. आप उन से प्यार से पेश आते रहिए, आज नहीं तो कल वे खुद आप को बात बताएंगी.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें-  सरस सलिल-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरा बौयफ्रेंड मेरे साथ किसी भी पल को एंजौय नहीं करता, मै क्या करूं?

सवाल-

मैं अपने बौयफ्रेंड से बहुत दुखी हूं. वह अपने कैरियर को ले कर बहुत परेशान रहता है. इस टैंशन के चलते वह मेरे साथ किसी भी पल को एंजौय नहीं करता. एंजौय करना तो बहुत दूर की बात है वह तो मुझे गर्लफ्रैंड की तरह ट्रीट तक नहीं करता. सैक्स के बाद वह चादर तान कर सो जाता है, जब भी हम मिलते हैं तो कभी हग नहीं करता, न ही हाथ पकड़ता है. वह मुझे मैसेजेस भी तब करता है जब मैं उसे गुस्से में कुछ कह देती हूं.

मैं उस से प्यार करती हूं और उस का चेहरा देखते ही, उस से बात करते ही मेरे चेहरे पर खुशी आ जाती है, लेकिन मैं इस रिलेशनशिप में खुश नहीं हूं. उस का मेरे प्रति इस तरह का फीका व्यवहार अब मुझ से सहा नहीं जाता. क्या मुझे उस से ब्रेकअप कर लेना चाहिए?

जवाब-

आप के बौयफ्रैंड का अपने करियर को ले कर चिंतित होना जायज है लेकिन आप के प्रति जो उस का व्यवहार है, न तो वह जायज है और न ही ऐक्सैप्टेबल. रिलेशनशिप्स काफी कौंप्लिकेटेड होती हैं और इन्हें पटरी पर चलाते रहने के लिए यह बहुत जरूरी है कि एफर्ट्स दोनों तरफ से बराबर होते रहें.

आप के बौयफ्रैंड की यदि आप के प्रति कोई जवाबदेही या अच्छा व्यवहार नहीं है तो आप को उस से इस बारे में बात करनी चाहिए. यदि वह आप के विचार जान कर यह कहता है कि ब्रेकअप करने के बजाय वह खुद को सुधारेगा और आप को खुश रखेगा तो रिलेशनशिप को मौका दे कर देखिए. यदि उसे आप के होने या न होने से फर्क न पड़े तो ब्रेकअप कर आगे बढि़ए. रिलेशनशिप में खुश रहने का अधिकार आप दोनों को बराबर है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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लेना चाहते हैं सेक्स का भरपूर मज़ा तो जरूर लें “ओ-शाट”

पीआरपी (प्लेटलेट-रीच प्लाज्मा) थेरेपी में त्वचा को नया रूप देने के लिए प्लेटलेट और प्लाज्मा (रक्त के भीतर मौजूद तत्व) की उपचारात्मक शक्ति का इस्तेमाल किया जाता है. प्लेटलेट्स रक्त में पाई जाने वाली एक प्रकार की कोशिकाएं हैं. इनमें वृद्धि करने की शक्ति होती है और वे चोट के क्षेत्र में थक्का बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं, इसलिए रक्त स्राव रोक देते हैं. प्लाज़्मा रक्त का तरल हिस्सा है.

हमारी उम्र बढ़ने के साथ ही त्वचा के नीचे स्थित ऊतकों से वसा की मात्रा कम होने लगती है. इसके साथ ही सूर्य की रोशनी और प्रदूषण की वजह से होने वाले नुकसान के कारण रेखाओं और झुर्रियों के साथ त्वचा की चमक खो जाती है, जिसके कारण हम वृद्ध और थके हुए नजर आते हैं. पीआरपी थेरेपी में हमारे रक्त में पाई जाने वाली वृद्धि की क्षमताओं का इस्तेमाल कर त्वचा की खोई हुई टेक्सचर, टोन और प्राकृतिक चमक को वापस पाने में मदद मिलती है.

यह एक साधारण प्रक्रिया है और इसे एक से दो घंटे के वक्त में किया जा सकता है. लोकल एनेस्थेटिक क्रीम को चेहरे या जिस भी हिस्से का इलाज किया जाना है, वहां लगाया जाता है और उसे करीब 1 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है. इसी बीच हाथ की बड़ी नसों में से एक में से 10-20 मिली रक्त निकाला जाता है और लाल रक्त कणिकाओं व अन्य में से प्लेटलेट्स एवं प्लाज़्मा को अलग करने के लिए अपकेंद्रित किया जाता है.

प्लेटलेट और प्लाज़्मा युक्त इस फ्लूइड को बहुत ही बारीक सूई का इस्तेमाल कर त्वचा के भीतर डाल दिया जाता है. इससे प्लेटलेट के वृद्धि के कारक और साइटोकींस में तेजी आती है जिससे सुधार की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है और कोलाजेन बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है. कोलाजेन त्वचा की मदद करता है और बारीक लकीरों और झुर्रियों में सुधार होता है. सुधार की प्रक्रिया की वजह से बेहतर हुआ रक्त प्रवाह त्वचा की टोन और टेक्स्चर बेहतर होता है और त्वचा को सेहतमंद और युवा चमक मिलती है.

पीआरपी थेरेपी एक से अधिक बार की जाती है और सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने के लिए इसकी सलाह दी जाती है. प्रक्रिया के बाद त्वचा को मामूली रूप से कुछ नुकसान देखने को मिल सकता है. अच्छी तरह सुधार के लिए त्वचा को कुछ दिनों तक सूर्य की रोशनी से बचाना महत्वपूर्ण है. फैक्टर 50 सनब्लाक क्रीम का इस्तेमाल लाभदायक साबित हो सकता है.

ओ-शाट

करीब 40 फीसदी महिलाओं को यौन संबंधी गड़बड़ियों की वजह से मनोवैज्ञानिक परेशानी होती है, लेकिन बहुत कम महिलाएं ही चिकित्सकीय मदद लेती हैं. आरगैज्मिक परेशानी बहुत ही सामान्य दिक्कत है और अब इसे ओ-शाट की मदद से ठीक किया जा सकता है. ओ-शाट या आरगैज्म शाट का इस्तेमाल महिलाओं में यौन संबंधी परेशानियों के उपचार में और योनि को आरगैज्म हासिल करने में मदद करने में किया जाता है.

प्लेटलेट-रीच प्लाज्मा (पीआरपी) को मरीज के रक्त में से निकाला जाता है और क्लिटरिस के आसपास के हिस्से और योनि के भीतर पहुंचा दिया जाता है. शाट मरीज की बांह से निकाले गए रक्त में मौजूद प्लेटलेट का इस्तेमाल कर काम करता है. इस रक्त को अपकेंद्रण के लिए रख दिया जाता है जो प्लेटलेट रीच प्लाज्मा (पीआरपी) बनाते हैं. इसे योनि के विशेष हिस्से में पहुंचा दिया जाता है और मरीज सिर्फ एक शाट ले सकती हैं या फिर इससे अधिक शाट के लिए भी आ सकती है, जिसे मौजूदा पीआरपी से ही तैयार किया जाएगा.

लक्ष्य नई कोशिकाओं की वृद्धि में तेजी लाना और इंजेक्टेड हिस्से को संवेदनशील बनाना है. इसका असर करीब एक वर्ष तक रहता है. इस प्रक्रिया के बाद आरगैज्म अधिक मजबूत और जल्दी होता है, प्राकृतिक लुब्रिकेशन और उत्तेजना बेहतर होती है. लोकल एनेस्थेटिक के अंतर्गत इस प्रक्रिया में 40 मिनट लगते हैं और मरीज आराम से घर जा सकती हैं.

सेक्स के दौरान बौयफ्रेंड की इस डिमांड से परेशान हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 34 वर्षीय महिला हूं. पति अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं और कभीकभी तो हफ्तों नहीं आ पाते. इस दौरान 25 साल के एक युवक से मेरी दोस्ती हो गई. यह दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि हमारे बीच जिस्मानी ताल्लुकात तक हो गए हैं. वह काफी हंसमुख और हाजिरजवाब है. काफी जोशीला और सेक्स की कला में माहिर भी है. सैक्स के दौरान वह देर तक फोरप्ले करता है और इस दौरान मैं भी उस का भरपूर साथ देती हूं. हमारे बीच कमिटमेंट है कि हम हमेशा एक दोस्त की तरह रहेंगे और जब भी मौका मिलेगा सेक्स संबंध बनाने से गुरेज नहीं करेंगे. इधर कुछ दिनों से सेक्स संबंध बनाते समय वह चाहता है कि ओरल सेक्स के दौरान मैं उसके वीर्य (सीमन) को पी जाऊं. मेरे मना करने पर वह नाराज हो जाता है. उस के नाराज होने पर मेरा किसी काम में मन नहीं लगता, मगर डरती हूं कि ऐसा करने से किसी रोग आदि से ग्रसित न हो जाऊं. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप शादीशुदा हैं पर आप को बच्चा भी है अथवा नहीं, यह आप ने नहीं बताया है. बहरहाल, जो भी हो आप आग से खेल रही हैं और कभी भी यह आप की वैवाहिक जिंदगी को तबाह कर सकती है. विवाहेतर संबंध बाद में ऐसा नासूर बन जाता है जिस का जख्म जल्द नहीं भरता. जैसा कि आप ने बताया कि आप और आप के कथित दोस्त के बीच एक कमिटमैंट है, जो सिर्फ दोस्ती की है पर इसे अगर आप दोस्ती तक ही सीमित रखतीं तो बेहतर था. जितनी जल्दी हो इस रिश्ते को खत्म कर वैवाहिक जिंदगी जीने की कोशिश करें. पति के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताएं. पति से अनुरोध करें कि जब वे टूर पर जाएं तो आप को भी साथ ले कर जाएं. इस दौरान पति का खयाल रखें और उन की मनपसंद ड्रैस पहनें. साथसाथ फिल्म देखें, खाली समय में घूमेंफिरें. फिर देखें, आप को जितना अपने पति से प्रेम मिलेगा उतना किसी और से नहीं. रही बात ओरल सैक्स के दौरान वीर्यपान करने की तो अगर सैक्स पार्टनर स्वस्थ है और उसे किसी प्रकार का रोग आदि नहीं है, तो यह नुकसानदायक नहीं है. बेहतर होगा कि इस के लिए स्वयं ही विवेक से काम लिया जाए.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें-  सरस सलिल-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

सेक्स करते वक्त नहीं होनी चाहिए किसी भी प्रकार की शर्म

शादी से पहले अनेक लड़कियां हैं, जो सेक्स को शर्म के साथ जोड़ कर देखती हैं, जिस की वजह से इस सहजस्वाभाविक प्रक्रिया व आवश्यकता को ले कर कई बार उन के मन में कुंठा भी पैदा हो जाती है. सेक्स के प्रति शर्म की भावना हमारे भीतर से नहीं वरन हमारे परिवेश से उत्पन्न होती है. यह हमारे परिवारों से आती है, हमारी सांस्कृतिक व धार्मिक परंपराओं से आती है, फिर हमारे मित्रों व हमारे समुदाय से हम तक पहुंचती है.

आगे चल कर हम एक तरफ तो उन चित्रों और संदेशों को देख कर यह सीखते हैं जो हैं कि सेक्स एक सुखद एहसास है और जीवन में खुश रहने के लिए सफल सेक्स जीवन एक अनिवार्यता है तो दूसरी ओर उन संदेशों के माध्यम से सेक्स को शर्म से जोड़ कर देखते हैं, जो बताते हैं कि सेक्स संबंध बनाना गलत व एक तरह का पाप है. समाजशास्त्री कल्पना पारेख मानती हैं कि ज्यादातर ऐसा उन स्थितियों में होता है, जब लड़कियां यौन शोषण का शिकार होती हैं. सेक्स से संबंधित कोई भी मनोवैज्ञानिक, शारीरिक या भावनात्मक शोषण उस के प्रति अनासक्ति तो पैदा कर ही देता है, साथ ही अनेक वर्जनाएं भी लगा देता है.

जुड़ी हैं कई भ्रांतियां

शर्म इसलिए भी है क्योंकि हमारे समाज में सेक्स एक टैबू है और उस के साथ हमेशा कई तरह की भ्रांतियां जुड़ी रही हैं. अगर एक स्वाभाविक जरूरत की तरह कोई लड़की इस की मांग करे, तो भी शर्म की बात है. इस के अलावा सेक्स संबंधों को ले कर लड़कियों के मन में यह बात डाल दी जाती है कि इस के लिए उन का शरीर सुंदर और अनुपात में होना चाहिए. ऐसे में जब तक वे युवा होती हैं समझ चुकी होती हैं कि उन का शरीर कैसा लगना चाहिए और जब उन का शरीर उस से मेल नहीं खाता, तो उन्हें शर्मिंदगी का एहसास होने लगता है.

मैत्रेयी का विवाह हुए 1 महीना हो गया है, पर वह अभी भी पति के साथ संबंध बनाने में हिचकिचाती है. वजह है, उस का सांवला और बहुत अधिक पतला होना. उसे लगता है कि पति उस की रंगत और पतलेपन को पसंद नहीं करेंगे, इसलिए वह उन के निकट जाने से घबराती है. पति जब नजदीक आते हैं, तो वह कमरे में अंधेरा कर देती है. अपने शरीर के आकार को ले कर वह इतनी परेशान रहती है कि सेक्स संबंधों को ऐंजौय ही नहीं कर पाती है.

मनोवैज्ञानिक संध्या कपूर कहती हैं कि सेक्स के प्रति शर्म पतिपत्नी के बीच दूरियों की सब से बड़ी वजह है. पत्नी कभी खुले मन से पति के निकट जा नहीं पाती. फिर वे संबंध या तो मात्र औपचारिकता बन कर रह जाते हैं या मजबूरी. उन में संतुष्टि का अभाव होता है. यह शर्म न सिर्फ औरत को यौन आनंद से वंचित रखती है, वरन प्यार, सामीप्य व साहचार्य से भी दूर कर देती है.

न छिपाएं अपनी इच्छाएं

यह एक कटु सत्य है कि भारतीय समाज में औरतों की यौन इच्छा को महत्त्व नहीं दिया जाता है. वे सेक्स को आनंद या जरूरत मानने के बजाय उसे विवाह की अनिवार्यता व बच्चे पैदा करने का जरिया मान कर या तो एक दिनचर्या की तरह निभाती हैं या फिर संकोच के चलते पति से दूर भागती हैं. उन की सेक्स से जुड़ी शर्म की सब से बड़ी वजह यही है कि बचपन से उन्हें बताया जाता है कि सेक्स एक वर्जित विषय है, इस के बारे में उन्हें बात नहीं करनी चाहिए.

‘‘ऐसे में विवाह के बाद सेक्स के लिए पहल करने की बात तो कोई लड़की सोच भी नहीं पाती. इस की वजह वे सामाजिक स्थितियां भी हैं, जो लड़की की परवरिश के दौरान यह बताती हैं कि सेक्स उन के लिए नहीं वरन पुरुष के ऐंजौय करने की चीज है. जबकि संतुष्टिदायक सेक्स संबंध तभी बन सकते हैं, जब पतिपत्नी दोनों की इस में सक्रिय भागीदारी हो और वे बेहिचक अपनी बात एकदूसरे से कहें,’’ कहना है संध्या कपूर का.

संकोच न करें

सेक्स का शर्म से कोई वास्ता नहीं है, क्योंकि यह न तो कोई गंदी क्रिया है न ही पतिपत्नी के बीच वर्जित चीज. बेहतर होगा कि आप दोनों ही सहज मन से अपने साथी को अपनाते हुए सेक्स संबंधों का आनंद उठाएं. इस से वैवाहित जीवन में तो मधुरता बनी ही रहेगी, साथ ही किसी तरह की कुंठा भी मन में नहीं पनपेगी.

पति का सामीप्य और भरपूर प्यार तभी मिल सकता है, जब आप उसे यह एहसास दिलाती हैं कि आप को उस की नजदीकी अच्छी लगती है. आंखों में खिंचे शर्म के डोरे पति को आप की ओर आकर्षित करेंगे, पर शर्म के कारण बनाई दूरी उन्हें नागवार गुजरेगी. मन में व्याप्त हर तरह की हिचकिचाहट और संकोच को छोड़ कर पति के साहचर्य का आनंद उठाएं.

सफल सेक्स एक अनिवार्यता है

  1. विशेषज्ञों द्वारा किए गए कई शोधों से यह साबित हो चुका है कि सेक्स एक नैसर्गिक प्रक्रिया है और इस से न सिर्फ वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है, बल्कि शरीर स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है.
  2. धार्मिक आडंबरों में फंस कर सेक्स को बुरी नजर से देखना गलत है. हकीकत में हमारी उत्पत्ति ही इसी की देन है.
  3. सेक्स सुरक्षित और साथी की सहमति से करना चाहिए.
  4. सेक्स में असंतुष्टि अथवा शर्म से दांपत्य संबंधों में मौन पसर सकता है. इसलिए इस पर खुल कर बात करें और इसे भरपूर ऐंजौय करें.
  5. नीमहकीम या झोलाछाप डाक्टरों के चक्कर में फंस कर सेक्स जीवन प्रभावित हो सकता है. इन से दूर रहें.
  6. सेक्स में निरंतरता के लिए मानसिक मजबूती व भावनात्मक संबंध जरूरी है.

बैडरूम में लें सेक्स का पूरा आनंद, अपनाएं ये 7 टिप्स

पतिपत्नी के इश्क को ज्यादा से ज्यादा रोमांस से भरपूर रखने में बैडरूम का बड़ा योगदान होता है. घर में उन का ज्यादा समय बैडरूम में ही बीतता है. वे आराम, सुकून, रोमांस, इश्क के लिए बैडरूम को ही चुनते हैं. बैडरूम की ऊर्जा का प्रभाव उन के संबंधों एवं मानसिकता पर भी पड़ता है. मनोचिकित्सक, दिनेश के मुताबिक यदि पतिपत्नी अपना जीवन प्यारमुहब्बत से भरना चाहते हैं, तो शुरुआत अपने बैडरूम से ही करें. बैडरूम को परफैक्ट रखें. इस से आप की सैक्स लाइफ हमेशा रोमांस से भरी रहेगी.

बैडरूम सजावट के टिप्स

  1. लाइट: इश्क का इजहार करने में लाइट की अहम भूमिका होती है. अत: बैडरूम में हलकी गुलाबी, आसमानी रंग की लाइट का प्रयोग करें. कमरे में लाइट डाइरैक्ट नहीं इनडाइरैक्ट पड़नी चाहिए. लैंपशेड या कौर्नर लाइट हो तो और भी अच्छा. इस से बैडरूम रोमांस का मजा कई गुना बढ़ जाएगा.  फल रखें: अंगूर, स्ट्राबैरी, केला, चैरी या चीकू की खुशबू बहुत रोमांचित करती है. इस से प्यार करने का मजा दोगुना हो जाता है.

2. बैडरूम को रोमांटिक बनाएं: पतिपत्नी के अंतरंग संबंधों में मुहब्बत बनी रहे, इस के लिए वे कभी हिलस्टेशन जाते हैं, कभी समुद्र किनारे तो कभीकभी किसी बड़े होटल में. हर जगह की अपनी खूबसूरती होती है. मगर इसी खूबसूरती को, भिन्नता को अपने बैडरूम में शामिल करें, तो पतिपत्नी अपनी रोमांटिक लाइफ को एक डैस्टिनेशन पौइंट दे सकते हैं. कमरे में आर्टिफिशियल फाउंटेन, फूल, चित्र आदि  लगाने के साथसाथ अलमारी, सोफे, टेबल  आदि की जगह भी बदलते रहें ताकि बैडरूम आकर्षक लगे.

3. बैडरूम को रखें सुसज्जित: बैडरूम अच्छी तरह डैकोरेटेड हो. उस का इंटीरियर आप को बारबार रूम में जाने को उकसाए. परदे ऐसे कि आसमान नजर आए. हलके परदे इस्तेमाल करें. बैडरूम साफसुथरा हो. उस में तरहतरह के इनडोर पौधे लगाएं, बेल लगाएं. उस में हलकी रोशनी भी आनी चाहिए ताकि आप का मूड और ज्यादा रोमांटिक बने.  तसवीरें: बैडरूम में रोमांटिक तसवीरें लगाएं. लविंगबर्ड, हंस की तसवीर, रैडरोज  आदि लगाएं ताकि इन्हें देख कर रोमांस करने  का मन करे.

4. बिस्तर: मूड बनाने में बिस्तर का अहम रोल होता है. अत: गद्दे चुभनशील न हों. बैड से आवाज न आती हो. तकिए आरामदायक हों, बैडशीट का रंग इश्क को उकसाने वाला हो.

5. खुशबू: खुशबू हमारे अंदर कई तरह के भाव पैदा करती है. रोमांस के लिए कई तरह के परफ्यूम का प्रयोग किया जा सकता है. लैवेंडर, मोंगरा, ब्रूट, वन मैन शो जैसे परफ्यूम संबंध बनाने का मूड बनाते हैं. बैडरूम में खूबसूरत गुलदस्ते रखें. अरोमा कैंडल जलाएं. यह न  केवल बैडरूम में हलकी रोशनी देती है, बल्कि इस के जलने से भीनीभीनी खुशबू भी आती है, जो रोमांस, चुहुलबाजी के लिए प्रेरित करती है.

6. डिस्टर्बैंस न हो: अलार्मघड़ी, मोबाइल, सिंगिंग खिलौने आदि बैडरूम से दूर ही  रखें ताकि इन की आवाज प्यार में खलल  न डाले.

7. दीवारों के रंग: दीवारों के रंग भी  अपनी मूक भाषा में बहुत कुछ बोल जाते  हैं. हलका गुलाबी, औरेंज, आसमानी, तोतईरंग, पेस्टल शेड्स आदि मन में प्यार का भाव   जगाते हैं.

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