मुहब्बत पर सेक्स का कब्जा क्यों?

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए.

कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

एकतरफा नहीं, दोनों की मंजूरी से Enjoy करें सेक्स

पार्टनर के साथ संबंध बनाना एक सुखद अनुभूति प्रदान करता है. लेकिन इसमें आनंद के लिए शारीरिक जुड़ाव के साथसाथ भावनात्मक लगाव होना भी बहुत जरुरी होता है तभी इसका जी भरकर मज़ा लिया जा सकता है. लेकिन कई बार पार्टनर को सेक्स के दौरान इतना अधिक दर्द महसूस होता है कि वे सेक्स से कतराने लगती है और यह पल उसके लिए खुशी देने के बजाए दर्द देने वाला एहसास बनकर रह जाता है. ऐसे में अगर आप इस पल का बिना किसी रूकावट आनंद लेना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स.

1. लुब्रीकेंट से लें मजा

प्लेज़र के लिए कुछ भी करने से शर्माए नहीं बल्कि वो सब करें जिससे दोनों को मज़ा आए और आप उस पल को याद कर पूरा दिन खुद को फ्रेश फील कर सकें. जैसे आप लुब्रीकेंट का इस्तेमाल करें. ये आपको जेल फौर्म, सिलिकौन फौर्म या ऑयल बेस्ड फौर्म में मिल जाएगा. इसे सेक्स के दौरान महिला व पुरुष दोनों इस्तेमाल कर सकते है. इसके इस्तेमाल से पेनिटेशन के दौरान वेजिना सेक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है. क्योंकि इससे खिंचाव व इरिटेशन जो कम होती है. कई महिलाओं को सेक्स के दौरान यह समस्या आती है कि उनकी वेजिना ड्राई हो जाती है. ऐसा अक्सर एस्ट्रोजन लेवल के कम होने के कारण होता है.

2. दोनों का मूड होना जरूरी

सेक्स का आनंद तभी भरपूर लिया जा सकता है जब दोनों की मरज़ी हो वरना सेक्स एकतरफा बनकर रह जाता है. इसके लिए जब आप पार्टनर के करीब जाएं तो उसकी इच्छा व मूड जानें. अगर लगे कि मूड सेक्स के अनुकूल है तो सेक्स आपको वो मज़ा दे देगा जिसकी आपको इच्छा थी. यकीन मानिये ये अनुभूति आपको दर्द का अनुभव भी नहीं होने देगी.

3. माहौल हो अनुकूल

शादी के बाद कपल हनीमून पर बेहतर जगह व माहौल में एकदूसरे के करीब आने के साथ एकदूसरे को जानने की कोशिश करते हैं और उनके ये दिन उनकी ज़िन्दगी के यादगार पल बन जाते हैं. ऐसे में जब भी आप पार्टनर के साथ संबंध बनाएं और उसे यादगार बनाना चाहे तो ध्यान रखें कि कमरे का माहौल खुशनुमा व सैक्स के अनुकूल हो. इससे पार्टनर दिल से उस पल को एन्जॉय कर पाएगा. और यह सभी जानते हैं कि जो चीज़ दिल से महसूस होती है उसमें दर्द की नहीं बल्कि प्यार की अनुभूति होती है.

4. करें प्यार से शुरुआत

सेक्स के लिए लुब्रिकेशन बहुत जऱूरी होता है और इसके लिए पहले पार्टनर के साथ आप शारीरिक जुड़ाव बनाएं. जैसे उसके हाथपैरों पर स्पर्श आदि करें . इससे पार्टनर सेक्स के लिए तैयार हो जाता है और फिर पार्टनर के साथ सेक्स का जो मज़ा आता है उसका कहना ही क्या.

5. प्यारप्यारी बातों से लाएं करीब

जब भी आपका सेक्स का मूड हो तो अपने पार्टनर से प्यार भरी बातें करें. जैसे तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो, तुम्हारे हाथ कितने सौफ्ट हैं , तुम्हे तो आज जी भरकर देखने को दिल कर रहा है. आपकी ऐसे बातें न चाहते हुए भी उसे सेक्स करने के लिए मजबूर कर देगी और वे खुद ब खुद आपके करीब आने को मज़बूर हो जाएगी. आप भी तो यही चाहते है न.

मेरा बॉयफ्रेंड दूसरी लड़कियों से भी बात करता है, क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

सवाल

मैं कालेज में पढ़ती हूं. मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है और हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पर वह लड़का दूसरी लड़कियों से भी बात करता है. क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

जवाब

शादी से पहले यह सबकुछ हो जाना खासतौर से लड़कियों के लिए ठीक बात नहीं है. दूसरी लड़कियों से बात करने का यह मतलब तो नहीं कि आप का प्रेमी अब आप से प्यार नहीं करता है. बेवजह के शक को दिल में जगह न बनाने दें और उस लड़के से खुल कर बात करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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मैं अपनी टीचर के प्रति आकर्षित हूं और उन्हें एक पल को भी भूल नहीं पाता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 18 साल है, मैं अपनी टीचर के प्रति आकर्षित हूं. मैं जानता हूं कि वे उम्र में मुझ से काफी बड़ी हैं. मगर मैं क्या करूं? कितनी भी कोशिश कर लूं, उन्हें एक पल को भी भूल नहीं पाता.

जवाब
इस उम्र में टीचर्स या सीनियर्स के प्रति आकर्षित होना सामान्य बात है. मगर आप दोनों के बीच उम्र का फासला काफी ज्यादा है, इसलिए उन्हें भूल जाएं. शिक्षक और छात्र के रिश्ते की मर्यादा को मान देते हुए उन्हें सिर्फ एक गुरु की नजरों से देखें. अपना मन दूसरे रचनात्मक कामों में लगाएं. पढ़ाई में मेहनत कर अच्छे नंबर लाएं और उन की नजरों में ऊपर उठें. उन की नजरों में खुद को तलाशना छोड़ दें क्योंकि इस से आप को कुछ हासिल नहीं होने वाला. वे उम्र में बड़ी हैं और संभवतया शादीशुदा भी होंगी.

आप अभी पढ़ाईलिखाई में मन लगाएंगे तो ही ऊंचे ओहदे पर पहुंचेंगे और भविष्य सुखमय बीतेगा. फिर कोई भी सुंदर लड़की आप की हमसफर बनने को तैयार हो जाएगी.

मेरी पत्नी का वजन बढ़ नहीं रहा है, इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी पत्नी का वजन 40 किलो है. हमारे 2 बच्चे हैं. उस का वजन बढ़ नहीं रहा है. इलाज बताएं?

जवाब-

जल्दीजल्दी बच्चे होने से औरत के शरीर में कमजोरी आ जाती है, इसीलिए सलाह दी जाती है कि एक से दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 5 साल का अंतर होना चाहिए.

कई बार टीबी जैसी घातक बीमारी होने के चलते भी इस तरह की परेशानी आ सकती है. वे खाने में दालसब्जी, फलदूध का सेवन ज्यादा करें. थोड़ीबहुत कसरत करने से भी वजन बढ़ सकता है.

मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 25 साल का नौजवान हूं. मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है. उस में से बदबू भी आती है. पानी से धोने पर आराम मिलता है, पर समस्या दोबारा हो जाती है. इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाने का इलाज बताएं?

जवाब-

स्मेग्मा कही जाने वाली सफेद सतह उतरी हुई चमड़ी, कोशिकाओं, स्किन औयल और नमी का मिश्रण है. यह औरत और मर्द दोनों के अंगों में होती है. अगर इसे बढ़ने के लिए?छोड़ दिया जाए, तो इस में से बदबू आ जाती है या फिर यह इंफैक्शन की वजह बन सकती है.

इस से पीडि़त को शरीर के उन हिस्सों की नियमित सफाई करनी चाहिए, जहां स्मेग्मा की समस्या होती है. आप को इसे हर दिन पानी से साफ करने की सलाह दी जाती है.

मेरी गर्लफ्रेंड सभी लड़कों से फ्रैंक होकर बात करती है,क्या करूँ?

सवाल

मैं जिस लड़की से प्यार करता हूं वह मेरे अलावा बाकी लड़कों से भी खुल कर बात करती है. कभीकभी मुझे लगता है कि वह मुझ से फ्लर्ट कर रही है. यह बात मैं उस से कई बार कह चुका हूं, लेकिन उस का कहना है कि बात करने से प्यार नहीं होता. उस ने मुझ से यह भी कहा कि अगर मुझे ये सब नहीं भाता तो मैं अपना रास्ता नापूं. मैं उसे बहुत प्यार करता हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

प्यार का मतलब यह नहीं है कि कोई सरेआम बेइज्जती करे और आप प्यार के नाम पर सबकुछ बरदाश्त करते रहें. आप के सामने 2 रास्ते हैं कि या तो चुपचाप सब सहन कीजिए या पीछे हट जाइए. रही बाकी लड़कों से बात करने की बात तो आप को समझ लेना चाहिए कि किसी से प्यार का मतलब यह नहीं कि वह व्यक्ति आप के लिए ही बौंड हो गया.

प्यार का अर्थ किसी के स्वतंत्र अस्तित्व का खोना नहीं होता. उस लड़की का कहना बिलकुल सही है कि सब से बात करने का मतलब प्यार नहीं होता. यहां तो आप अपनी सड़ी मानसिकता का ही परिचय दे रहे हैं. खुश रहिए, ओपन हार्ट रखिए, चीजों को देखने समझने का नजरिया तंग नहीं, खुला होना चाहिए.

सेक्स में मर्द को भी होता है दर्द, जानें कैसे

आमतौर पर यह माना जाता है कि सेक्स के समय केवल लड़कियों को ही दर्द होता है. हकीकत यह है कि कई बार खुद लडकों को भी इस तरह के दर्द से दो चार होना पडता है. इसकी अलग अलग वजहे होती है. इनके कारण लडकें भी सेक्स से दूर होने लगते है.

लखनऊ में सेक्स रोगो के जानकार और मक्कड मेडिकल सेंटर राजेन्द्र नगर के सर्जन डाक्टर गिरीश मक्कड का मानना हैं कि आदमी के अंग में संक्रमण के कारण होने वाला सहवास पीडादायक हो जाता हैं. इसमें इतना दर्द होता है कि आदमी को सेक्स की अरूचि हो जाती है. यह दर्द कई कारणो से हो सकता है. जाने क्या है वो कारण-

अंग में दर्द का कारण:

आदमी के अंग में दर्द की पहली वजह उसके अगले हिस्से दर्द का होना होता है. कभी-कभी यह दर्द स्खलन के बाद होने लगता है. जिससे आदमी जल्द ही अपना अंग बाहर निकाल लेता है. इससे यौन असंतुष्टि का भाव भी मन में आ जाता है.

दर्द होने की आशंका में यौन संबंध ठीक तरह से नही बन पाते हैं. अंग के ऊपर मौजूद त्वचा उसकी देखभाल का काम करती है. यह त्वचा कभीकभी परेशानी का कारण भी बन जाती हैं त्वचा के अंदर अगर नियमित रूप से सफाई न की जाय तो यहां पर गंदगी फैलने लगती है. इससे अंग में पहले सूजन और छिलने बाद में सक्रंमण हो जाता है.

इसके चलते आदमी को संबंध के दौरान दर्द और जलन होने लगती है. अंग में दर्द तब भी होता है जब इसकी त्वचा पीछे नही जाती है. इससे भी दर्द होने लगता है. औरत के अंग में प्रवेश करने के कारण उसका संक्रमण भी आदमी के अंग में आ जाता है. जिससे उसकी त्वचा पर फफोले पड जाते है. जिन औरतो के अंग में संक्रमण होता है उनके साथ संबंध बनाने से यह परेशानी आ जाती है. आदमी के अंग में किसी प्रकार की चोट लगने और झटका लगने से भी दर्द होने लगता है

यह चोट लगने और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान अचानक मुद्रा बदलने से भी हो सकता है. कभीकभी अंडकोषो में किसी तरह की खराबी आने के कारण भी दर्द होने लगता है. दरअसल यह दर्द अंडकोषो में होता है. इसका असर आदमी के अंग पर पडता है. यदि किसी वजह से मूत्र मार्ग में कोई रूकावट होती है तो अंग में दर्द होने लगता है. सूजाक जैसे रोगो में ऐसा हो जाता है. इसमें जलन दर्द और मूत्राशय तक पहुच जाता है. उम्र दराज लोगो में प्रोटेस्ट ग्रंथि का बढ जाना भी दर्द का कारण बन जाता है.

दर्द का इलाज:

डाक्टर गिरीश मक्कड़ का कहना है कि अंग में इस तरह के दर्द को लोग छिपा कर रखते है. शर्म के कारण किसी अच्छे डाक्टर को दिखाने के बजाये झोला छाप डाक्टरो के पास जाते है. यह लोग दर्द की छोटी सी वजह को इतना बड़ा करके बताते है जिससे बीमार डर जाता है. झोला छाप डाक्टरो के द्वारा इस का इलाज कभी कभी और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है इसलिये इस तरह की परेशानी होने पर अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अंग का दर्द भी एक तरह की बीमारी है. इसमें शर्म करने जैसा कुछ नही होता है. अच्छे डाक्टरो के पास इस तरह की बीमारी के लिये कई तरह का इलाज मौजूद होता है.

दर्द होने पर सबसे पहले मरीज के जननांगो और मूत्र प्रणाली से जुड़े अंगो की जांच की जाती है. अंग के ऊपर त्वचा, उसके आकार और प्रोस्टेट ग्रंथि का जायजा लिया जाता है. अगर त्वचा में कोई परेशानी या दाने है तो केवल साफ सफाई से ही बीमारी दूर हो जाती है. बहुत हुआ तो एक दो दिन दवा खानी पड सकती है. अपने आप भी अंगो की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिये. अगर अंग की त्वचा जुडी हो या टांका लगा हो तो छोटा सा आपरेशन करके उसको हटाया जा सकता हैं. अगर औरत के अंग में संक्रमण से कोई परेशानी होती है तो पहले उसका इलाज करना पडता है. प्रोस्टेट ग्रंथि और अंडकोषो में दर्द कारण हो तो उसका इलाज करके परेशानी से बचा जा सकता है. साफसफाई और औरत से संबंध के दौरान कंडोम का प्रयोग करने से इस तरह की परेशानियो से बचा जा सकता है.

आदमी के अंगो में दर्द की वजह बहुत सामान्य सी बात है. इसमें डरने जैसा कुछ नही होता है. जरूरत इस बात की होती है कि जब भी परेशानी हो हमेशा अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अब तो तमाम सरकारी अस्पतालो और प्राइवेट नर्सिग होम में भी इस तरह का इलाज होने लगा है. गुप्त रोगो का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों से इसका इलाज कराना ठीक नही रहता है. यह लोग सीधेसाधे इलाज को कठिन बना देते है. इससे बात और भी बिगड जाती है. इस तरह गुप्त रोगो को इलाज करने वाले झोलाझाप डाक्टर अपना प्रचार प्रसार ज्यादा करते है इससे लोग इनके जाल में फंस जाते है. शर्म छोड कर सही डाक्टर से इलाज कराने में आसानी से इस दर्द से राहत मिल सकती है.

मेरे पति सेविंग्स के पैसे Smoking में खर्च करते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरे पति 2 महीनों से नौकरी पर नहीं जा रहे हैं जिस के कारण घर में कोई पैसा नहीं आ रहा है और हम अपनी सेविंग्स को ही इस्तेमाल कर रहे हैं. इस स्थिति से निबटना भी उतना मुश्किल नहीं जितना कि मेरे लिए अपने पति को झेलना है. उन की सिगरेट की लत मेरे लिए जी का जंजाल बनी हुई है. उन्हें सुबहशाम एक सिगरेट तो चाहिए ही. सेविंग्स का पैसा बच्चों के पेट भरने के लिए इस्तेमाल करूं या पति की नशापूर्ति में? इस कारण घर में लड़ाईझगड़ा इतना बढ़ गया है कि मेरा दम घुटने लगा है. मैं तो फिर भी यह सब सह रही हूं लेकिन छोटे बच्चों पर इस का बुरा असर पड़ रहा है. मैं क्या करूं कि लड़ाईझगड़ा कम हो?

जवाब

यह तो आप समझ ही चुकी होंगी कि आप के पति बातों से समझने वालों में से नहीं हैं. वे आप के समझाने से अपना नशा छोड़ने के लिए तैयार नहीं होंगे. आप लड़ाई करेंगी तब भी वे सिगरेट पीना जारी रखेंगे और नहीं करेंगी तब भी. बेहतर है कि अपने साथसाथ अपने बच्चों की सुखशांति बनाए रखने के लिए आप खुद ही लड़ना छोड़ दें. घर के खर्च को ले कर आप की चिंता जायज है.

पति को यदि उन के मातापिता कुछ समझा पाएं तो आप उन से कहिए कि वे आप के पति को समझाएं, अन्यथा बेहतरी इसी में है कि आप अपनी मानसिक स्थिति और घर का माहौल ठीक रखने के लिए इस विषय पर बारबार बहस करना छोड़ दें.

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मैं अपने बौयफ्रेंड से बेहद प्यार करती हूं पर मेरे पति मुझे तलाक नहीं दे रहे, मैं क्या करूं?

 सवाल

मै 24 वर्ष की हूं. मेरी शादी 8 महीने पहले हुई है. मैं अपने पति को जरा भी पसंद नहीं करती. हालांकि वे उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और स्वभाव से भी सरल हैं. मैं मुंबई स्थित एक मल्टीनैशनल कंपनी में जौब करती हूं. मुंबई में रहते हुए ही पिछले 4 सालों से अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में रही. हम लोग एक ही फ्लैट में साथ रहते थे. बौयफ्रैंड बंगाल का रहने वाला है जबकि मैं उत्तराखंड की रहने वाली हूं.

हमारे रिश्ते के बारे में मेरे पेरेंट्स को भी जानकारी थी पर उन्हें यह रिश्ता पसंद नहीं था. बौयफ्रैंड शादी करने के लिए तैयार था. उस के घर वालों को भी कोई आपत्ति नहीं थी. पर मेरे घर वाले जिद कर मुझे एक बार साथ ले गए और शादी का दबाव बनाने लगे. इस दौरान उन्होंने मुझे राजी करने के लिए जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय भी दिखाया. मैं फिर भी नहीं मान रही थी.

फिर एक दिन मेरी मम्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की. उन्हें अस्पताल में भरती कराने तक की नौबत आ गई. घरपरिवार, मामामामी और यहां तक कि मेरी एक टीचर, जिन्हें मैं बेहद सम्मान देती थी, से मुझ पर दबाव बनवाया जाने लगा. मैं टूट गई और शादी के लिए हां कर दी. पति सुलझे हुए खयाल के लगे. मैं उन के साथ देहरादून भी गई, जहां उन की पोस्टिंग थी. पर रातदिन बौयफ्रैंड की यादों में ही खोई रहती. नौकरी का हवाला दे कर बाद में मैं मुंबई आ गई और फिर से बौयफ्रैंड के साथ रहने लगी. बौयफ्रैंड बहुत रोया और पति से तलाक लेने की बात पर जोर देता रहा. मैं ने उसे बताया कि मैं पति से सैक्स संबंध बना चुकी हूं, बावजूद इस के वह कह रहा है कि उसे कोई ऐतराज नहीं है और वह मुझे ताउम्र प्यार करता रहेगा. उस के दबाव पर मैं ने एक दिन पति को फोन पर सब सचसच बता दिया.

वे कुछ पल तो चुप रहे, फिर कहा कि तुम्हारी अपनी जिंदगी है. तुम जिस के साथ रहना चाहो रहो. पर मैं तुम्हें तलाक नहीं दूंगा और तुम मेरे पास खुद लौट कर आओ इस का इंतजार करूंगा. मैं ने पति को बहुत समझाने की कोशिश की पर वे नहीं माने और कहते रहे कि तुम नहीं तो कोई नहीं.

इधर बौयफ्रैंड से दूर जाने की बात सुनते ही वह परेशान हो जाता है और किसी कीमत पर साथ न छोड़ने की जिद पर अड़ा हुआ है. मैं बहुत उलझन में हूं. समझ नहीं आ रहा क्या करूं. कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप अपने घर वालों की इमोशनल ब्लैकमेलिंग की शिकार हुईं, इस में कोई शक नहीं. जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय दिखा कर उन्होंने आप को मजबूरन शादी करने के लिए राजी किया, यह उन की गलती थी.

दूसरी तरफ, अगर आप अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में इतना आगे निकल चुकी थीं तो आप को भी यह शादी नहीं करनी चाहिए थी. आप और आप का बौयफ्रैंड दोनों अपने पैरों पर खड़े थे और बालिग थे. घर वाले नहीं मान रहे थे तो आप कोर्ट मैरिज कर सकती थीं. देरसबेर वे इस रिश्ते को अपना ही लेते.

अब जबकि आप की शादी हो गई है और जैसाकि आप ने बताया कि आप के पति सुलझे हुए इंसान हैं तो आप को अपने पति के साथ ही रहना चाहिए. वर्तमान में बौयफ्रैंड के साथ का रिश्ता अब नाजायज माना जाएगा. बेहतर होता कि बौयफ्रैंड के साथ रिश्ते की बात आप अपने पति से नहीं कहतीं और सब भूल कर नए जीवन की बेहतर तरीके से शुरुआत करतीं. अब जबकि आप ने अपने पति को सब सचसच बता ही दिया है और इस के बावजूद वे आप का साथ देने को तैयार हैं तो जाहिर है वे वाकई सुलझे हुए इंसान हैं जो विवाहरूपी संस्था को कमजोर नहीं होने देना चाहते. तलाक के बाद उन पर भी उंगलियां उठेंगी, यह वे जानते होंगे.

पति अच्छा कमाते हैं, उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और आप को दिल से अपना रहे हैं तो बेहतर होगा आप अपने पति के पास लौट जाएं और इस अवैध रिश्ते पर विराम लगा दें.

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