
Sex News in Hindi: हमारे प्राचीन साहित्य (Ancient Literature) में सेक्स को ले कर खुल कर चर्चा हुई है और महर्षि वात्स्यायन ने सेक्स को ले कर कामसूत्र (Kamasutra) जैसे ग्रंथ की रचना की है. यह विडंबना की बात है कि हमारे यहां आज भी सेक्स (Sex) पर खुल कर बात करना वर्जित माना जाता है और सेक्स को एक टैबू (Taboo) माना जाता है. घरेलू महिला (Domestic Women) सुनीता एवं मैरिज काउंसलर दीप्ति के अनुसार, ‘‘सेक्स जरूरी है, जीवन का अभिन्न अंग है, यह आनंद देता ही है. आनंद देने के साथसाथ सेक्स सृष्टि के चलते रहने के लिए संतान की उत्पत्ति का एकमात्र साधन भी है.’’
यौन रोग विशेषज्ञ प्रकाश कोठारी के अनुसार सेक्स शारीरिक प्रक्रियाओं और हारमोंस के संचालन को नियमित रखता है. इस से शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ावा मिलता है. सप्ताह में 2 बार सेक्स करने वालों की अपेक्षा जो कभीकभी सेक्स कर पाते हैं उन में इम्यूग्लोबिन ‘ए’ का स्तर कम पाया जाता है और रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता काफी कम होती है. ऐसे लोग अकसर बीमार रहते हैं. इसलिए विवाहितों की अपेक्षा अविवाहितों की मृत्युदर अधिक पाई गई है.
कैंसर रोग के खतरे से बचाव होता है, क्योंकि पिछले 35 सालों में जो व्यक्ति जितना अधिक स्खलित होता है उस की अपेक्षा कम स्खलित होने वाले पुरुषों की तुलना में 33% कम प्रोस्टेट कैंसर पाया गया, जबकि पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है.
प्रौढ़ावस्था एक ऐसी सीढ़ी है, जिस पर कदम रखते ही स्त्रीपुरुष दोनों ही कुंठाग्रस्त होने लगते हैं, खासकर पुरुष. ऐसे में सेक्स ही कुंठानाशक होता है. यह स्त्रीपुरुष दोनों को एहसास कराता है कि युवावस्था के बाद भी आप का जीवन पूर्ववत चल रहा है, आने वाले जीवन में विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है.
1999 में प्रकाशित ‘सुपर यंग’ के लेखक डाक्टर डेविड ने इस संबंध में अनेक शोध कार्य किए. शोध ने प्रमाणित किया कि जो पतिपत्नी सप्ताह में 4 बार औसतन सहवास क्रिया को अंजाम देते हैं वे अपनी वास्तविक उम्र से कम से कम 10 साल छोटे दिखते हैं.
डा. चार्नतेस्की एवं डा. प्रकाश कोठारी के अनुसार, ‘‘संतुलित सेक्स का आनंद लेने वाले स्त्रीपुरुष, जो करीब 10 सालों में अधिकतम चरमसुख प्राप्त करते हैं, वे कम चरमसुख महसूस करने वाले स्त्रीपुरुषों की अपेक्षा अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं.
पत्रकार मधु सेक्स को सही ऐक्सरसाइज मानती हैं, सेक्स एक अच्छाखासा व्यायाम है. आप रात या सुबहसुबह खुल कर सेक्स करती हैं तो यह आप को चुस्तदुरुस्त रखता है. सेक्स खून के दौरे को नियंत्रित करने में सहायक ही नहीं होता, बल्कि नियमित सेक्स कोलैस्ट्रौल को कम करता है और अतिरिक्त कैलोरी को नष्ट करने में भी सहायक होता है.
स्त्रीपुरुष यदि हफ्ते में कम से कम 5 बार सेक्स सुख लेते हैं तो यकीनन उन का बढ़ा हुआ वजन घटाने में सेक्स मददगार होगा, क्योंकि सहवास के दौरान प्रति मिनट में 4-5 कैलोरी और 1 घंटे में 300 कैलोरी कम हो जाती है.
सेक्स करने की सलाह देते हुए डा. प्रकाश कोठारी और डा. अशोक जैन का कहना है कि हर स्वस्थ स्त्रीपुरुष के लिए सेक्स जरूरी है. खासकर महिलाओं को होने वाली बीमारियों से सेक्स बचाता है. महिलाओं को विवाह करने की सलाह भी इसलिए दी जाती है ताकि उन की शारीरिक क्रिया संतुलित रहे वरना हिस्टीरिया जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं. बच्चे के जन्म के बाद स्त्री के गर्भाशय की सफाई हो जाती है. स्त्री के शरीर को यदि संतुलित एवं सिस्टम में रखना है तो सेक्स निहायत जरूरी है.
डिप्रैशन में सेक्स रामबाण का काम करता है. दिलीप और मंजू पतिपत्नी दोनों कई बार अवसाद से घिर जाते हैं. जब उन्हें लगता है कि घरेलू समस्याएं उन्हें अवसाद की ओर ले जा रही हैं तो दोनों आपस में खुल कर सेक्स का लुत्फ उठाते हैं.
सेक्स से स्त्रीपुरुष दोनों की सोच में परिवर्तन होते हैं. परिवर्तन से दिमाग में नई क्रिएटिव प्रक्रिया को अंजाम देने की सोच ही पैदा नहीं होती, बल्कि क्रिएटिव कामों को अंजाम भी दिया जाता है. सेक्स एक मैडिसिन है. इस का सब से बड़ा फायदा है कि यह केवल स्वस्थ ही नहीं रखता बल्कि जिंदगी को खुशनुमा भी बनाता है.
उमंगभरे सेक्स के लिए हफ्ते में 5-6 दिन कुछ कार्डियो (हृदय संबंधी) व्यायाम करें. इस से सेक्स क्षमता बढ़ेगी, कैलोरी बर्न होगी और ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा. स्त्रीपुरुष दोनों ही स्वस्थ रहने के साथसाथ खुश भी रहेंगे.
जब तक स्त्रीपुरुष के भावनात्मक संबंध आपस में प्रगाढ़ नहीं होंगे तब तक सेक्स आप के लिए जरूरी नहीं होगा. मानसिक लगाव के बिना सेक्स अधूरा है. इस के अभाव में केवल खानापूर्ति ही होती है. सेक्स के बिना जिंदगी बेरौनक है. दांपत्य जीवन को तरोताजा रखने के लिए सेक्स को जीवन का अहम हिस्सा मान कर चलें.
Sex News in Hindi: पहले गिनीचुनी कंपनियां सेक्स की ताकत (Sex Power) बढ़ाने वाली गोलियां, टौनिक(Sex Tonic) और स्प्रे (Sex Spray) बनाती थीं, पर बहुत लुकेछिपे ढंग से इस का प्रचार होता था. कुछ खास छोटी गुमनाम दुकानों पर ही यह सामान मिलता था. अब डिपार्टमैंटल दुकानों और दवा बेचने वालों के पास इस तरह की दवाओं के तमाम ब्रांड मिल जाते हैं. सेक्स (Sex) की दवाओं के इस कारोबार पर बहुत बड़ा हिस्सा उन लोगों के कब्जे में है जो दवाएं बेच रहे हैं. वे अपना नामपता तक गुप्त रखते हैं, पर बहुत से लोग जड़ीबूटी बता कर पता नहीं क्याक्या बेच रहे हैं. अपने प्रचार में ये लोग नामर्दी (Impotency) और बच्चा पैदा करने के लिए शुक्राणुओं की तादाद बढ़ाने के लिए इलाज का दावा करते हैं. पर हकीकत में इस तरह का इलाज इन झोलाछाप डाक्टरों के पास नहीं होता है. ये केवल भ्रामक प्रचार के जरीए ही लोगों को फंसाते हैं.
भ्रामक से मतलब है दवा के नाम पर डर को बेचना. अगर नामर्दी से जुड़ी कोई समस्या है तो किसी माहिर डाक्टर से ही अपना इलाज कराएं. उस डाक्टर द्वारा दी गई दवाओं का ही सेवन करें जो आसपास की कैमिस्ट की दुकान से आसानी से मिल जाती हैं.
मर्दाना ताकत बढ़ाने वाले स्प्रे या गोलियां कितनी कारगर होती हैं, इसे भी डाक्टर बता देते हैं और उन को इस्तेमाल करने की हिदायत भी दे देते हैं.
साल 1986 में एक स्प्रे पहली बार बाजार में आया था. तब यह कहींकहीं ही दिखता था. हालात ये हो गए थे कि इस को बनाने वाली कंपनी ने इस स्प्रे को बनाना बंद कर दिया था.
1990 में नामर्दी को ठीक करने का कारोबार जब बढ़ने लगा तो 1995 में इस स्प्रे को फिर से बाजार में उतारा गया. इस के बाद तो कंपनी ने इसी नाम से गोलियां भी बनानी शुरू कर दीं. यही नहीं, मुख मैथुन में मदद के लिए फलों के कई स्वादों वाला स्प्रे भी बाजार में आने लगा.
‘पुरुषों में चरम शक्ति बढ़ाने’ के नाम पर तमाम तरह की दवाओं का प्रचार किया जाता है. इन में हर्बल दवाओं का नाम भी दिया जाता है.
जब एलोपैथिक दवा वियाग्रा को बाजार में उतारा गया तो उस ने अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए. 500 रुपए की यह गोली हर आदमी की जेब को सूट नहीं कर रही थी, इस वजह से वियाग्रा का देशी संस्करण भी बाजार में आ गया.
नामर्दी के इस कारोबार ने जब अपना जलवा दिखाया तो टैलीविजन भी इस के जाल में फंस गया. टैलीविजन के जरीए इन दवाओं का प्रचार बैडरूम तक पहुंचने लगा.
नामर्दी को दूर करने का कारोबार करने के लिए पत्रपत्रिकाओं और टैलीविजन पर इश्तिहार दिए जाते हैं. इस के अलावा दूरदराज की जगहों पर वाल राइटिंग कराई जाती है. दवा की दुकानों पर पोस्टर लगवाए जाते हैं. कई तरीके से पंपलैट बांटे जाते हैं. एलोपैथिक दवाओं को बनाने वाले डाक्टरों के जरीए भी प्रचार किया जाता है.
इस धंधे में होने वाले मुनाफे का अंदाजा प्रचार में खर्च की जाने वाली रकम से लगाया जा सकता है. सब से पहले नामर्दी का शिकार सेक्स का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों के पास जाता है. अपने इलाज पर जब वह कई हजार रुपए खर्च कर लेता है तब उस को डाक्टरों का खयाल आता है.
एक सर्वे के मुताबिक, भारत में 10 में से 2 आदमी को सेक्स की परेशानी होती है. यह परेशानी अंग में तनाव न आने की होती है. ज्यादातर लोग लुकछिप कर ही अपना इलाज कराने की कोशिश करते हैं. इसी में वे ठगे जाते हैं.
सेक्स रोगों के जानकार और सर्जन, लखनऊ के डाक्टर गिरीश मक्कड़ कहते हैं, ‘‘नामर्दी 2 तरह की होती है. एक, विवाह की शुरुआत में ही सामने आ जाती है. दूसरी, एक निश्चित उम्र के बाद आती है. इस में अंग में तनाव नहीं आता है. इस के शारीरिक और मानसिक 2 कारण होते हैं. कारण का पता लगा कर ही सही ढंग से उस का उपचार किया जा सकता है.’’
ज्यादा उम्र हो जाने पर किसी बीमारी के चलते या फिर मधुमेह, तनाव, एलर्जी या दिल की बीमारी के चलते यह परेशानी आ सकती है. शुरुआती समय में अगर इस का सही ढंग से इलाज हो जाए तो परेशानी से बचा जा सकता है.
अच्छी नौकरियां कर रहे लोग तनाव में फंस कर रह जाते हैं, जिस के चलते अंग में तनाव की कमी आ जाती है. वे इस को दूर करने के लिए महंगी से महंगी दवाओं को लेने लग जाते हैं.
एक मैडिकल स्टोर चलाने वाले दीपक कुमार कहते हैं कि नामर्दी दूर करने की दवाओं को खरीदने वाले हर उम्र के लोग होते हैं. ज्यादातर 20 से 30 साल और इस के बाद 40 से 45 साल की उम्र के लोग होते हैं.
अब महिलाएं भी इस तरह के मामलों में अपनी राय देने लगी हैं. कभीकभी वे खुद पहल कर के पतियों को डाक्टरों के पास लाती हैं. जरूरत इस बात की है कि नामर्दी का इलाज सही ढंग से माहिर डाक्टरों से कराया जाए. बहुत सारे मामलों में इस तरह की दवाओं का फायदा मनोवैज्ञानिक असर के चलते ही दिखता है. झोलाछाप डाक्टर इसी बात का फायदा उठा कर अपना कारोबार चलाते रहते हैं.
नामर्दी का कारोबार ज्यादातर गलतफहमी पर टिका हुआ है. अगर सही ढंग से इलाज कराया जाए तो नामर्दी का यह इलाज सस्ता भी है और इस में किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होती है.
सभी तरह की नामर्दी का इलाज हो सकता है और इस में कामयाबी की गारंटी 80 से 100 फीसदी तक होती है. इस तरह के मामलों में पत्नी और अनुभवी डाक्टरों का इलाज में खास रोल होता है.
सवाल-
मेरी उम्र 20 साल है. कुछ महीनों पहले ही मुझे एहसास हुआ कि मैं लगातार अपने एक दोस्त के लिए कुछ फील करने लगी हूं. मैं उस से बात करने के बहाने ढूंढ़ने लगी, उस के मैसेजेस का इंतजार करने लगी और न चाहते हुए भी उसे चाहने लगी. मुझ से अपनी फीलिंग्स ज्यादा दिन छिपाई नहीं गई तो मैं ने उस से सबकुछ कह दिया. उस ने ज्यादा कुछ तो नहीं कहा लेकिन यह कह दिया कि उस के मन में भी मेरे लिए कुछ है. अगले दिन जब हम मिले तो उस ने इस बारे में कोई बात ही नहीं की तो मैं ने भी कुछ नहीं कहा. उस के अगले दिन भी हम ने बात की लेकिन एक दूसरे के प्रति फीलिंग्स की नहीं. इस बात को 2 हफ्तों से ज्यादा हो गए हैं. अब मेरे लिए इंतजार करना मुश्किल हो रहा है. उस के इतना पास हो कर भी मैं इतनी दूर हूं. मैं क्या करूं, समझ नहीं आता?
जवाब-
लड़कों का स्वभाव चाहे कैसा भी हो लेकिन जब वे किसी लड़की को पसंद करते हैं तो उस से अपनी फीलिंग्स का इजहार करने से खुद को नहीं रोक पाते. आप के इजहार करने के इतने दिनों बाद भी अगर वह आप से इस विषय पर बात नहीं कर रहा तो इस का मतलब साफ है कि वह बात करना नहीं चाहता. आप की कुलबुलाहट जायज है लेकिन वह लड़का आप में इंटरैस्टेड नहीं है, यह भी झुठलाया नहीं जा सकता.
आजकल वैसे भी मैसेजेस पर लोग जो कहते हैं, जरूरी नहीं कि वह सच ही हो. हां, आप एक बार हिम्मत कर के उस से इस बारे में बात कर के देख लीजिए. बाद में पछताने से बेहतर है कि एक बार में मसला सुलझा लिया जाए. यदि वह सचमुच इंटरैस्टेड न हो तो आप भी अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल करने की कोशिश कीजिए, नहीं तो आप को केवल दुख ही पहुंचेगा.
अगर आपको लगता है कि आप मानव कामुकता के बारे में सब कुछ जानते हैं तो ये शायद आपकी खुशफहमी है क्योंकि कामुकता की कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में या तो आप जानते नहीं या फिर आपकी जानकारी गलत है.
हम यहां आपको बता रहे हैं कामुकता की 5 बातें जिससे आप शायद अनभिज्ञ रहे हैं.
स्थाई Erection को प्रायप्रिज्म कहते हैं. ये दो तरह का होता है: एक लिंग में बहुत ज्यादा रक्त संचार से होता है और दूसरा ब्लौकेज से होता है जिसकी वजह से लिंग में जमा रक्त वापस नहीं लौट पाता. प्रायप्रिज्म एक गंभीर मसला है क्योंकि इससे लिंग के टिशू को नुकसान हो सकता है.
प्रायप्रिज़्म बीमारी का नाम सुनकर आपको हंसी आ सकती है लेकिन शायद आपको पता नही कि इससे जान भी जा सकती है. एक 44 साल के व्यक्ति को ये बीमारी थी और उसकी जान बचाने के लिये डॉक्टर को उसका लिंग काटना पड़ा.
इंग्लैंड में विक्टोरिया शासनकाल को बहुत रुढ़िवादी माना जाता है लेकिन शायद आपको नहीं पता कि 1866 में विक्टोरिया ने सेक्स वर्कर्स और उनके सैनिक ग्राहकों को सेक्स संबंधी बीमारी से बचाने के लिये क़ानून बनाया था. इस कानून के तहत हर सेक्स वर्कर नियमित रुप से जांच की जाती थी और बीमारी होने पर मुफ्त इलाज किया जाता था.
3- साइकिल की सीट से कम हो सकती है पुरुष की कामुक-क्षमता
साइकिल चलाना सेहत और पर्यावरण के लिये अच्छा माना जाता है लेकिन इससे पुरुष की कामुक-क्षमता पर भी बुरा असर पड़ सकता है. 2005 के एक शोध में पाया गया है कि आधुनिक साइकिल की सीट से अंडकोष और लिंग पर बहुत प्रेशर पड़ता है जिससे गुदा द्वार में ट्यूमर हो सकता है और लिंग में रक्त संचार कम हो सकता है.
4- कद्दू की महक बढ़ाती है कामुकता
2014 के एक अध्ययन से पता चला है कि कद्दू की महक से कामुकता बढ़ जाती है. इसकी महक से लिंग में रक्त संचार बढ़ जाता है.
5- बहुत सेक्स का मतलब बहुत ख़ुशी नहीं है
2015 में टोरंटो यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च में पाया कि ज़रुरी नहीं है कि अगर आप बहुत सेक्स करते हों तो आपका जीवन भी खुशहाल हो. हफ़्ते में एक बार सेक्स करने से ही ज़्यादा ख़ुशी मिलती है जबकि एक से ज़्यादा बार सेक्स करने से खुशी में कोई इज़ाफ़ा नहीं होता.
सवाल
मेरा बौयफ्रैंड बहुत शक्की है. मुझ पर हर पल नजर रखता है और मेरा किसी भी लड़के से बात करना उसे बिलकुल पसंद नहीं है. जबकि मैं उसे सब बताती हूं. शुरुआत में तो मुझे लगता था कि वह मेरी केयर करता है लेकिन अब मुझे घुटन होती है इस रिश्ते से. हर वक्त मुझ पर सवाल उठाना, इस से मैं कठपुतली सी बन गई हूं. मैं ब्रेकअप की बात करती हूं तो वह मुझे इमोशनली ब्लैकमेल करता है. मैं उस के साथ सब खत्म करना चाहती हूं. मैं क्या करूं?
जवाब
जिस व्यक्ति के बारे में आप को अभी से पता है कि शक करना उस के स्वभाव में है, वह आप को गुलाम बना कर रखना चाहता है और आप की आजादी की राह में बहुत बड़ी रुकावट बन सकता है, तो ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन में बहुत लंबी दूरी का सफर तय नहीं किया जा सकता. जब आप को इस रिश्ते में सुकून और खुशी नहीं मिल पा ही तो सारी जिंदगी उस के साथ रह कर छटपटाने से बेहतर है कि आप अभी उस से अलग होने का निर्णय कर लें. उस की इमोशनल बातें आप को ऐसा निर्णय लेने से रोकेंगी मगर आप दृढ़ता से अपने फैसले पर टिकी रहें. धीरेधीरे वह भी समझ जाएगा और उचित दूरी बना लेगा. अगर फिर भी न माने तो अपने घर वालों को सारी बात बता दें.
सवाल
मैं 24 वर्षीय महिला हूं. मेरी शादी को 3 महीने हो चुके हैं. शादी से पहले मैं किसी और से प्यार करती थी. घर वालों के दबाव में आ कर मैं ने यह शादी कर ली. मेरे पति बहुत ही खुले विचार के हैं. उन्होंने मुझे पूरी आजादी दी हमारे रिश्ते को समझने की. इन 3 महीनों में हमारे बीच कोई संबंध नहीं बन पाया लेकिन अब मैं चाहती हूं कि हमारे बीच की दूरियां खत्म हों. कृपया उचित सलाह दें?
जवाब
यह तो बहुत अच्छी बात है कि आप के पति ने आप को पूरा वक्त दिया इस रिश्ते को समझने के लिए. अब आप समझ चुकी हैं कि आप का वर्तमान घरपरिवार आप का पति ही है. उन से दूरियां मिटाने के लिए बेहतर होगा कि आप पति के साथ घूमेंफिरें, उन्हें पर्याप्त समय दें. अगर फिर भी बात न बने तो पति के साथ रोमांटिक होने की कोशिश करें. उन के लिए सरप्राइज प्लान करें. रात को अपने बैडरूम को फूलों और कैंडल्स से डैकोरेट करें. खुद को हौट ऐंड सैक्सी बनाए रखें. इस दौरान ऐसे परिधान पहनें जो आप की खूबसूरती को निखारें. फिर देखिए आप के पति आप के प्यार में किस कदर खो जाते हैं.
Sex News in Hindi: गुरुग्राम (Gurugram), हरियाणा (Haryana) की एक गृहिणी विनीता (बदला हुआ नाम) बताती हैं, ‘‘मैं मकान की रजिस्ट्री के सिलसिले में रजिस्ट्री कार्यालय (Registry Office) गई. वेहां कागजात तैयार करवाने के सिलसिले में कई लोगों से मिली. हर जगह यही जवाब मिला, 30 से 40 हजार रुपए लगेंगे. यह मेरे लिए मुश्किल था, क्योंकि मैं इतना खर्च करने की स्थिति में नहीं थी. ‘‘उन का तर्क था कि यदि आप अंदर से खुद कागजात पास करवा लें तो हम यह काम 5 हजार रुपए में करवा देंगे. कई जगह इस से मिलताजुलता जवाब पा कर मैं ने खुद ही कागजात बनवाने का निर्णय लिया. सब का यही कहना था कि तुम ने बेकार ही यह पचड़ा मोल लिया. ‘‘खैर, पहले कागजात तैयार करा कर, नियम के मुताबिक स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty), ड्राफ्ट (Draft) आदि बनवाए. मेरी उम्र 50 साल से अधिक है. कार्यालय में कैमरे लगे होने के बावजूद मुझ से वहां औफिस इंचार्ज (Office Incharge) ने सेक्स की मांग की. मैं घबरा गई. मैं ने उन्हें समझाया कि आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. काम करना तो आप का काम है, मैं इसे करवा कर रहूंगी. इस की फीस जो सरकार ने तय की है उसे मैं दे ही रही हूं.
‘‘खैर, मैं एफआईआर कराने की सोच रही थी, पर घर वालों ने मेरा जरा भी साथ नहीं दिया. अब मैं सोशल ऐक्टिविस्ट बन गई हूं. कई महिलाओं की मदद कर चुकी हूं.’’
सरकारी, निजी और ऐसी ही तमाम जगहों पर जहां पब्लिक डीलिंग है, वहां यह बात बहुत कौमन है. पैसा भी चाहिए और देहसुख भी. सीधे तरीके से मिल जाए तो ठीक अन्यथा काम रोकने, अटकाने तथा जोरजबरदस्ती में भी कोई कमी नहीं है. गरीब की जोरू वाला हाल है.
प्रेरणा एक एनजीओ में नौकरी के लिए गई. उस का आकर्षक व्यक्तित्व देखते हुए एनजीओ की फाउंडर ने कहा, ‘‘आप का काम हमारे लिए फंड लाना और उसे सैंक्शन कराना रहेगा. आप इस कार्य के लिए ट्रैंड हैं, आप को कोई दिक्कत तो नहीं है न.’’
मैं उन का इशारा नहीं समझी, इसलिए इस काम के लिए तुरंत हां कर दी. लेकिन पहले ही असाइनमैंट पर मुझे असली बात समझ में आ गई जब मुझ से हमबिस्तर होने के लिए कहा गया. मैं उस व्यक्ति पर आक्रामकता दिखा कर फाउंडर के पास गई तो वे बोली, ‘मैं ने तो आप से पहले ही कह दिया था और आप ने ही हामी भरी. तभी आप को भेजा गया.’ मैं ने शिकायत भी दर्ज कराई पर कुछ नहीं हुआ. उलटे, मेरी ही फजीहत करने की पूरी कोशिश की गई.
छात्रा कुमारी नैना का कहना है, ‘‘आज नौकरी पाना मेरे लिए मुश्किल हो गया है. जहां भी मेरे साथ कोई हरकत करता है, मैं उस का जम कर विरोध करती हूं. इस वजह से हर जगह मुझे बदनाम करने की कोशिश की जाती है. अब हर कोई मुझ से डरता है, कोई काम करवा कर राजी नहीं है. इतनी पूंजी भी नहीं है कि मैं अपना ही कोई काम शुरू कर सकूं.’’
तमाम नियमकायदों के बावजूद महिलाओं का जीवन काफी कठिन है. किसी के प्रति आवाज उठाना खतरे से खाली नहीं है. बाहरी दुनिया के खतरों को जानना तथा उन्हें हल करना जितना आसान दिखता है उतना वास्तव में है नहीं.
एक छात्रा रुचिका का कहना है कि जब उस ने अपने क्लास टीचर द्वारा छात्राओं को छूने की बात घर आ कर पेरैंट्स को बताई तो भाई ने 2 झापड़ उसी को जड़ दिए और बोला कि उस की हिम्मत तुम्हारे ही साथ ऐसा करने की कैसे हो गई और लड़कियां भी तो क्लास में हैं. यह मेरे लिए काफी बड़ा आघात था.
रुचिका ने घर वालों को बताया कि टीचर ने अन्य युवतियों के साथ भी ऐसा किया हो, इस का मुझे यह उसे क्या पता. खैर, यह बात प्रिंसिपल तक पहुंची. माफीनामे और टीचर को स्कूल से निकाल देने पर मामला शांत हुआ. कानूनी ऐक्शन न लेने का मलाल रुचिका को आज भी है.
अंकिता कहती है कि एक प्रोजैक्ट की स्वीकृति पर अनुभाग अधिकारी जब मेरे जिस्म को छूने लगा तो मैं ने उसे वहीं रोक दिया. पति को ये बातें बताईं. उन्होंने जब उस से बात की तो वह मेरे कागज दाएंबाएं न कर सका. सरकारी कार्यालय में सैक्सुअल हैरासमैंट के खिलाफ कमेटी भी बनी होती है.
नियति ने डाक्टर की आशिकमिजाजी की बात अपने पति को बताई तो वह उस पर ही आरोप मढ़ने लगा और जबतब इस बात का ताना मारने लगा. ऐसे में नियति ने परिवार में इस मुद्दे को उठाया तो सब ने उस के पति को समझाया कि गलत समझे जाने के फेर में बातों को दबाना ठीक नहीं है. यदि घर का कोई सदस्य अन्याय के खिलाफ आप के साथ खड़ा न हो और आप को ही दोषी ठहराए तो उस के खिलाफ भी आवाज बुलंद करने में देरी न करें.
अपनी ओर से कोई संकेत न दें : सेक्स ब्राइब की मांग करने वाले लोग सौफ्ट टारगेट की तलाश में रहते हैं. सो, ऐसे लोगों से बेकार की बातचीत न करें और ऐसा कोई संकेत भी न दें जिस से उन्हें अनुचित काम करने का मौका मिले.
लक्ष्मीकांता बताती हैं, ‘‘मैं बिजली के दफ्तर गई तो वहां एक कर्मचारी मुझ से व्यक्तिगत बातें पूछता रहा. फिर बोला कि ब्याज तो मैं 10 हजार रुपए भी माफ करा दूंगा पर कभी बाहर मिलें.’’ लक्ष्मीकांता ने आगे बताया, ‘‘कहने लगीं कि शायद मेरी बातों से उस ने मेरे विधवा होने का पता लगा लिया, इसीलिए वह ऐसा प्रस्ताव रख रहा था. लेकिन मैं ने उसी समय तय कर लिया कि इस दफ्तर में मुझे दोबारा नहीं आना है. मैं ने उपभोक्ता फोरम से निवेदन किया. ट्रेन के टिकट पेश कर के अपनी अनुपस्थिति जताई. तब मेरा गलत बिल ठीक हुआ. हां, आधे घंटे के इस काम में 6 महीने जरूर लग गए.
कोई भी काम करने के लिए अवैध शौर्टकट या ऐसा कोई तरीका न अपनाएं जिस से कोई व्यक्ति आप से गलत मांग करे. ईमानदार व तेजतर्रार व्यक्ति के सामने हर कोई अमान्य, अवैध प्रस्ताव रखते हुए डरता है.
रचना कहती है कि साहब के पीए ने मुझ से यह प्रस्ताव रखा कि ‘बस, साहब को खुश कर दो’ तो मैं सन्न रह गई पर हिम्मत कर के मैं ने कहा, ‘‘साहब सरकार द्वारा हमारा काम करने के लिए रखे गए हैं. तुम्हें पता है ऐसा कहने से तुम्हारी नौकरी और जिंदगी पर बात आ सकती है. तुम अपनेआप को समझते क्या हो.’’ पीए बजाय डरने के मुझे ही धमकाते हुए बोला, ‘‘अपना लैक्चर अपने पास रखो. आप जैसी दोचार महिलाएं रोज आती हैं औफिस में और तीसरे दिन साहब की शरण में होती हैं.’’
खैर, मैं ने संबंधित अथौरिटी से शिकायत की. लेकिन जब मैं ने जानना चाहा कि पीए को क्या सजा हुई, यह पूछने पर कहा गया कि हम बाहर के लोगों को जानकारी नहीं दे सकते. आखिर, 6 महीने बाद उस पर कार्यवाही हुई.
सेक्स की मांग करने वालों के खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाना मुश्किल होता है. मोबाइल में रिकौर्डिंग व फोटोग्राफी की व्यवस्था होने पर भी उस का उपयोग कई विभागों में सुरक्षा के नाम पर प्रतिबंधित होता है. फिर भी महिलाओं को चुप्पी साधने के बजाय अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए. कोर्ट तक में नारी की इस बात पर संज्ञान लिया जाता है कि ऐसी गैरवाजिब बातों के कोईर् प्रमाण नहीं छोड़ता.
यदि किसी भी विभाग में आप से काम करने के एवज में कोई कर्मचारी अनुचित मांग यानी सेक्स या ऐसी ही कोई दूसरी मांग करता है तो तुरंत अपने घर वालों को इस की जानकारी दें.
सूचना का अधिकार तथा ऐसे ही जनफ्रैंडली टूल आ रहे हैं, जिन से सरकारी बाबुओं को काम को रोकना मुश्किल होता है. हर महकमे का विजिलैंस विभाग भी है जहां शिकायत दर्ज होने पर उन्हें ऐक्शन लेना पड़ता है. फिर अब तो सैक्सुअल हैरासमैंट औन वर्कप्लेस जैसे कानून भी महिला फ्रैंडली हो रहे हैं.
कहीं भी कोई भी जोरजबरदस्ती या नम्रता से सेक्स की सीधे या छद्म मांग करे तो उस को मुंहतोड़ जवाब दें तथा कानूनी कार्यवाही करें. सहने और टालने से काम हो जाने पर नजरअंदाज करने से आप सिर्फ अपने को बचा पाती हैं. कानूनी ऐक्शन ले कर आप अपने जैसी कई महिलाओं को बचाती हैं और समाज में नारी गरिमा की मिसाल पेश करती हैं.
Sex News in Hindi: अनिल और सुधा की शादी की पहली रात थी. शादी में आए लोगों के जातेजाते रात का 1 बज गया. तब अनिल की बहन को ध्यान आया कि इस नवविवाहित जोड़े को तो अपने कक्ष में भेजो. चूंकि रात काफी बीत चुकी थी, इसलिए अपने कक्ष में पहुंचते ही अनिल आननफानन सहवास करने लगा तो एक हलकी सी चीख के साथ सुधा उस के बाहुपाश से अलग हो गई. बोली कि नहीं, मैं यह बरदाश्त नहीं कर सकूंगी. मुझे दर्द होता है. बेचारा अनिल मन मसोस कर रह गया. सुधा की दिन पर दिन बीतते चले गए और फिर दर्द की तीव्रता भी बढ़ती चली गई. पहली रात की मिठास कड़वाहट में बदल गई थी. फिर एक दिन जब अनिल ने यह बात अपने दोस्त को बताई तो उस की सलाह पर वह पत्नी के साथ चिकित्सक के पास पहुंचा. तब जा कर दोनों सहवास का आनंद उठाने में कामयाब हो पाए. वास्तव में सहवास परम आनंद देता है. मगर इस में इस तरह की कोई परेशानी हो जाए तो नौबत तलाक तक की भी आ जाती है.
– पतिपत्नी को चाहिए कि भले प्रथम 1-2 मिलन में दर्द हो, तो भी वे संपर्क बनाना न छोड़ें. कामक्रीड़ा करते रहें ताकि एकदूसरे के प्रति आकर्षण बना रहे और दर्द की बात मन में न बैठे.
– चूंकि यह शारीरिक से ज्यादा मनोवैज्ञानिक समस्या है, अत: मानसिक स्तर पर भी मजबूत बने रहें.
– ऐसे पतिपत्नी को चाहिए कि वे यह सोच कर कि सहवास नहीं करेंगे, प्रतिदिन यौनक्रीड़ा यानी आलिंगन, चुंबन, बाहुपाश में बांधना, सहलाना आदि करते रहें. यौनक्रीड़ा में बहतेबहते उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि वे कब सहवास में सफल हो गए. तब सारा डर जाता रहेगा.
– यदि एकदूसरे के प्रति पूर्ण आकर्षण न हो कर कोई गिलाशिकवा, नफरत, गुस्सा हो तो उसे दिमाग से निकाल देने मात्र से दर्दयुक्त सहवास की समस्या समाप्त हो सकती है.
– यदि पहले कभी बलात्कार हुआ हो या आप के पुरुष साथी (वह पति ही क्यों न हो) ने यदि आप के जननांगों को चोट पहुंचाई हो तब भी ऐसी स्थिति में भी स्त्री को सहवास से भय पैदा हो जाता है. इस स्थिति का यथोचित समाधान आवश्यक है.
– अंग में कड़ापन न आने के कारण भी सैक्स नामुमकिन हो जाता है.
– यदि आप अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त हैं तब भी यह स्थिति पैदा हो जाती है.
– यौन संपर्क के प्रति नकारात्मक रवैया भी यह स्थिति पैदा कर देता है. इस के अलावा सैक्स के अन्य तरीकों को तवज्जो देना भी इस स्थिति के लिए उत्तरदायी हो सकता है.
– जननांग में कोई जन्मजात कमी.
– यौन संपर्क के वक्त जननांग में स्थित खास प्रकार की ग्रंथियां कुछ लसलसा सा पदार्थ स्रावित करती हैं जो पुरुष के अंग को योनि में प्रवेश कराने में मददगार होता है. कई बार ये ग्रंथियां अपना यह कार्य करना बंद कर देती हैं. फलस्वरूप योनि में कथित सूखापन रहता है, जिस से सहवास में दर्द होता है. अकसर यह स्थिति डर या फिर गैरजिम्मेदाराना तरीके से स्थापित यौन संबंध से उत्पन्न होती है.
– यदि स्त्री को अत्यधिक मोटापा है या पैरों अथवा कूल्हों की हड्डियों का कोई रोग है, तब भी यह स्थिति आ सकती है.
– यदि जन्मजात योनि के ऊपर की झिल्ली (हाईमन) बहुत ज्यादा मोटी या सख्त हो तो भी सहवास के वक्त तकलीफ होती है.
– जिन स्त्रियों की शादी देर से होती है उन में योनि का लचीलापन कमजोर हो जाता है तथा मार्ग भी संकरा हो जाता है, जिस से मिलन के वक्त तकलीफ होती है.
– योनि मार्ग में अगर कोई सर्जरी हुई हो या वहां चोट आदि लगी हो तब भी संभोग के वक्त दर्द होता है.
– ऊपरी सतह पर कुछ व्याधियां भी सहवास को दर्दयुक्त बनाती हैं जैसे बवासीर, खूनी मस्से, पेशाब के मार्ग में संक्रमण, जन्म से ही योनि मार्ग की लंबाई कम होना आदि.
– इसी तरह अंदर की व्याधियां भी इस स्थिति के लिए उत्तरदायी होती हैं जैसे सर्विक्स संक्रमण, ओवरी का संक्रमण, गर्भाशय का क्षय रोग आदि.
शादीशुदा जिंदगी में प्यार के रंग भरने में बैडरूम की अहम भूमिका होती है. ज्यादातर आराम के लिए पतिपत्नी बैडरूम को ही चुनते हैं. इसलिए बीचबीच में बैडरूम में थोड़ा सा बदलाव कर रोमांटिक जीवन को लंबे समय तक बरकरार रख सकते हैं.
बैडरूम में दीवारों के रंग का भी अपना अलग महत्त्व होता है. मुहब्बत के रंग को गाढ़ा करने के लिए अपनी दीवारों पर हलके गुलाबी रंग, आसमानी हलके हरे रंगों का प्रयोग करें, क्योंकि रंग भी अपनी भाषा बोलते हैं. रोमांस में प्यार का भाव जगाते हैं रंग.
बैडरूम में अच्छी और रोमांटिक तसवीर लगाएं. बीभत्स, ऊर्जाहीन, शेर, दौड़ते घोड़े आदि की तसवीरें न लगाएं. बर्ड, हंस, गुलाब के फूलों की तसवीरें लगाएं. इस तरह की तसवीरें आप के जीवन को रोमांस और मुहब्बत से भर देंगी.
रोमांस जगाने के लिए रोशनी की अहम भूमिका होती है. बैडरूम में गुलाबी हलके आसमानी रंग की लाइट का प्रयोग करें. लाइट बैडरूम में डायरैक्ट नहीं, बल्कि इनडायरैक्ट पड़नी चाहिए. लैंपशेड, कौर्नर लाइट का भी प्रयोग किया जा सकता है. इस से बैडरूम में मादकता और मुहब्बत का समावेश होता है. कमरे में जितनी कम लाइट होती है, एकदूसरे के प्रति आकर्षण उतना ही गहरा होता है.
मुहब्बत और रोमांस को बरकरार रखने के लिए कई तरह की खुशबुओं का प्रयोग किया जा सकता है. लैवेंडर, मोगरा, चंदन आदि की खुशबू से पतिपत्नी का मूड बन जाता है. कमरे में गुलदस्ते रखें. रोमांस बढ़ाने के लिए अरोमा कैंडल जलाएं. खुशबू इनसान के अंदर कई तरह के भाव पैदा करती है. कैंडल की लाइट न केवल बैडरूम को सौंदर्य प्रदान करती है, बल्कि एकदूसरे को रोमांस के लिए भी उकसाती है.
मन और मूड को बनाने में बिस्तर का बहुत बड़ा योगदान होता है. गद्दे चुभने वाले न हों, बैड की आवाज आप को डिस्टर्ब न करे. बैडशीट का रंग और कोमलता दोनों मुहब्बत को, रोमांस को भड़काने वाले होने चाहिए.
बैडरूम के बाहर कोई ऐसी बेल न लगाएं जो आप को बारबार डिस्टर्ब करे. अलार्म क्लौक, मोबाइल, सिंगिंग खिलौने आदि दूर रखें. बैडरूम को ऐसा बनाएं ताकि आप अपने पार्टनर को कंफर्टेबल फील करा सकें.
अंगूर, केला, स्ट्राबैरी, सेब, चीकू आदि की खुशबू मादक होती है. ऐसे में अगर आप ऐसे फ्रूट्स रखते हैं, खाते हैं तो इस का असर आप के रोमांस पर भी पड़ता है.
रोमांस, मुहब्बत के लिए पार्क, बगीचा, समुद्री किनारा, खुला आसमान आदि प्रेमियों को आकर्षित करते हैं. अत: बैडरूम को वैसा ही लुक देने की कोशिश करें. परदे ऐसे लगवाएं जिन से आसमान नजर आए. हलके रंग के परदे ही लगाएं. हलकी रोशनी ही कमरे में आए ताकि आप का मूड ज्यादा से ज्यादा रोमांटिक बने.
अपने बैडरूम में आर्टिफिशियल फाउंटेन, बड़े पेड़ या चित्र लगाएं. बैड, सोफा, अलमारी आदि की जगह बदलती रहें ताकि आप के पार्टनर को रूम पुराना न लगे. मुहब्बत, रोमांस का बैडरूम से मजबूत रिश्ता होता है, जो जीवन में नयापन लाते रहते हैं.
सवाल
मैं एक साल से एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझे बेहद चाहता है. हमेशा मेरी इच्छाओं का सम्मान करता है. ऐसा कोई काम नहीं करता जो मुझे नागवार गुजरता हो. मगर अब कुछ दिनों से वह शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा है पर साथ ही यह भी कहता है कि यदि तुम्हारी मरजी हो तो. मैं ने उस से कहा कि ऐसा करने से यदि मुझे गर्भ ठहर गया तो क्या होगा? इस पर उस का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं होगा. कृपया राय दें कि मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब
दोस्ती में एकदूसरे की इच्छाओं को तवज्जो देना जरूरी होता है. तभी दोस्ती कायम रहती है. इस के अलावा आप का बौयफ्रैंड अभी आप का विश्वास जीतने के लिए भी ऐसा कर रहा है. जहां तक शारीरिक संबंधों को ले कर आप की आशंका है तो वह पूरी तरह सही है. यदि आप संबंध बनाती हैं तो गर्भ ठहर सकता है, इसलिए शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने से हर हाल में बचना चाहिए.