कंडोम: बीमारी दूर, मजा भरपूर

भारत जैसे विकासशील देश में बढ़ती हुई आबादी पर काबू पाना बहुत जरूरी हो गया है. आसान शब्दों में कहें कि अब ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ महज नारा ही नहीं, बल्कि आज की जरूरत है. इस के अलावा सेफ सैक्स से पतिपत्नी को किसी तरह की सैक्स संबंधी बीमारियों से भी बचाया जा सकता है.

सेफ सैक्स कैसे किया जाता है? इस के लिए क्याक्या सावधानियां बरतनी चाहिए? सेफ सैक्स करने के क्याक्या फायदे होते हैं और इस में किनकिन बातों का ध्यान रखना चाहिए? पतिपत्नी को इन सवालों के जवाबों की सही जानकारी होनी चाहिए.

भले ही सैक्स इनसान की जरूरत है, लेकिन इस का सेफ भी होना जरूरी है. एक बार की लापरवाही से बनाए गए सैक्स संबंध से आप की जिंदगी पूरी तरह से बदल सकती है. पत्नी को पेट से करा सकती है या फिर जिंदगीभर के लिए न ठीक हो सकने वाली कोई बीमारी दे सकती है.

वैसे भी आज के समाज में बहुत ज्यादा खुलापन आ गया है. पतिपत्नी के अलावा कई लोगों से जिस्मानी संबंध रखना आम बात हो गई है.

कुछ लोग तो इसे फैशन और नई सोच समझते?हैं, पर यह साथी के प्रति वफादारी और सेहत दोनों ही नजरिए से गलत है. इसी का नतीजा है कि समाज में सैक्स से जुड़ी कई तरह की बीमारियां बढ़ गई हैं.

पहले तो यह जान और मान लें कि शादी से पहले इस तरह के जिस्मानी संबंध बनाना किसी के भी भविष्य को बरबाद कर सकता है, इसलिए शादी से पहले इस तरह के संबंधों को न बनाएं.

सैक्स रोगों से बचने का सब से अच्छा तरीका है कि सैक्स ही न किया जाए या किया भी जाए तो केवल एक ही साथी से, जो आप का पति या पत्नी हो.

सेफ सैक्स का आसान और सस्ता तरीका है कंडोम का इस्तेमाल. हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें. यह अनचाहे पेट और सैक्स रोगों से बचाता है.

सैक्स और कंडोम

कंडोम का इस्तेमाल सेफ सैक्स के लिए किया जाता है. सेफ सैक्स को ले कर लोगों में आज भी तमाम भ्रांतियां फैली हुई हैं. इस के लिए न सिर्फ सेफ सैक्स के बारे में जानना जरूरी है, बल्कि यह भी जानना जरूरी है कि आखिर कंडोम के इस्तेमाल के फायदे क्या हैं. कंडोम और सेफ सैक्स में क्या संबंध है.

* आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें कंडोम की सिक्योरिटी पर शक होता है. ऐसे लोगों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर कंडोम का सही और सावधानी से इस्तेमाल किया जाए तो इस के कोई बुरे नतीजे सामने नहीं आते?हैं.

* कंडोम को सेफ सैक्स का अच्छा विकल्प तो माना ही जाता है, साथ ही यह सैक्स में तमाम तरह की सेफ्टी भी रखता?है.

* सैक्स संबंधी तमाम बीमारियों से बचाने के लिए कंडोम बहुत ही फायदेमंद?है.

* कंडोम न सिर्फ अनचाहे पेट से बचाने में काफी मददगार है, बल्कि यह सैक्स संबंधी बीमारियों को भी काबू में रखता है.

  • आज कंडोम कई तरह की वैराइटी में, रंगों में मौजूद?है, लेकिन हर किसी को अपनी जरूरत के हिसाब से कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.

* कंडोम से न सिर्फ इंफैक्शन, बल्कि किसी भी तरह की एलर्जी से बचा जा सकता?है.

* कंडोम के इस्तेमाल करने से एचआईवी एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों को काबू में भी किया जा सकता?है.

* कंडोम न सिर्फ महफूज है, बल्कि बहुत उपयोगी, सस्ता और इस्तेमाल करने में भी आसान है.

* जिस्मानी संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करने से कंट्रासैप्टिव पिल्स यानी गर्भनिरोधक गोलियों को खाने से बचा जा सकता है.

* सेफ सैक्स के विकल्प के साथ ही यह अनचाहे पेट से भी बचाता है.

आमतौर पर किसी सैक्स रोग से पीडि़त औरत से बिना सावधानी बरते जिस्मानी संबंध बनाने से यह रोग मर्द को भी लग सकता है या फिर मर्द से औरत को भी यह रोग लग सकता है, इसीलिए संक्रमित रोगों के बचाव के लिए और सेफ सैक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल जरूरी है.

* कंडोम एक शारीरिक बाधा पैदा करता?है जो शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने से रोकता?है. इस वजह से औरत पेट से नहीं होती?है.

* कंडोम मुख्य रूप से बहुत पतले लेटैक्स रबड़ या पौलीयूरेथेन से बनता है.

कम कीमत और सुविधाजनक कंडोम को दुकानों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और औनलाइन हासिल करना बहुत ही आसान है. आप को कंडोम खरीदने के लिए कोई डाक्टरी परची या आईडी की जरूरत नहीं है. कहींकहीं पर तो यह मुफ्त में भी मिलता है.

यौन रोग के शुरुआती लक्षण

यौन रोग पतिपत्नी के संबंधों में बाधक बन जाते हैं. यौन रोग के डर से लोग संबंध बनाने से डरने लगते हैं. कई बार यौन रोगों से अंदरूनी अंग से बदबू आने लगती है, जिस की वजह से सेक्स संबंधों से रुचि खत्म हो जाती है. ऐसे में पतिपत्नी एक दूसरे से दूर जा कर कहीं और संबंध बनाने लगते हैं.

क्या है यौन रोग

यौन रोग शरीर के अदरूनी अंगों में होने वाली बीमारियों को कहा जाता है. यह एक पुरुष और औरत के साथ संपर्क करने से भी हो सकता है और बहुतों के साथ संबंध रखने से भी हो सकता है. यौन रोग से ग्रस्त मां से पैदा होने वाले बच्चे को भी यह रोग हो सकता है. ऐसे में अगर मां को कोई यौन रोग है, तो बच्चे का जन्म डाक्टर की सलाह से औपरेशन के जरीए कराना चाहिए. इस से बच्चा योनि के संपर्क में नहीं आता और यौन रोग से बच जाता है.

कभीकभी यौन रोग इतना मामूली होता है कि उस के लक्षण नजर ही नहीं आते हैं. इस के बाद भी इस के परिणाम खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए यौन रोग के मामूली लक्षण को भी नजरअंदाज न करें. मामूली यौन रोग कभीकभी अपनेआप ठीक हो जाते हैं, पर इन के बैक्टीरिया शरीर में रह जाते हैं, जो कुछ समय बाद शरीर में तेजी से हमला करते हैं. यौन रोग शरीर की खुली और छिली जगह वाली त्वचा से ही फैलते हैं.

यौन रोग का घाव इतना छोटा होता है कि उस का पता ही नहीं चलता है. पति या पत्नी को भी इस का पता नहीं चलता है. यौन रोगों का प्रभाव 2 से 20 सप्ताह के बीच कभी भी सामने आ सकता है. इस के चलते औरतों को माहवारी बीच में ही आ जाती है. यौन रोग योनि, गुदा और मुंह के द्वारा शरीर में फैलते हैं. यौन रोग कई तरह के होते हैं. इन के बारे में जानकारी होने पर इन का इलाज आसानी से हो सकता है.

हार्पीज: हार्पीज बहुत ही आम यौन रोग है. इस रोग में पेशाब करते समय जलन होती है. पेशाब के साथ कई बार मवाद भी आता है. बारबार पेशाब जाने को मन करता है. बुखार भी हो जाता है. टौयलेट जाने में भी परेशानी होने लगती है.  जिसे हार्पीज होता है उस के मुंह और योनि में छोटेछोटे दाने हो जाते हैं. शुरुआत में ये अपनेआप ठीक भी हो जाते हैं. अगर ये दोबारा हों तो इलाज जरूर कराएं.

व्हाट्स: व्हाट्स में शरीर के तमाम हिस्सों में छोटीछोटी फूलनुमा गांठें पड़ जाती हैं. व्हाट्स एचपीवी वायरस यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के चलते फैलता है. यह 70 प्रकार का होता है. अगर ये गांठें अगर शरीर के बाहर हों और 10 मिलीमीटर के अंदर हों तो इन्हें जलाया जा सकता है. 10 मिलीमीटर से बड़ा होने पर औपरेशन के जरीए हटाया जाता है.

योनि में फैलने वाले वायरस को जैनरेटल व्हाट्स कहते हैं. यह योनि में बच्चेदानी के मुख पर हो जाता है. अगर समय पर इलाज न हो तो यह घाव कैंसर का रूप ले लेता है. अगर यह हो तो 35 साल की उम्र के बाद एचपीवी का कल्चर जरूर करा लें. इस से घाव का पूरा पता चल जाता है

गनेरिया: इस रोग में पेशाब की नली में घाव हो जाता है, जिस से पेशाब की नली में जलन होने लगती है. कई बार खून और मवाद भी आने लगता है. इस का इलाज ऐंटीबायोटिक दवाओं के जरीए किया जाता है. अगर यह बारबार होता है तो इस का घाव पेशाब की नली को बंद कर देता है, जिसे बाद में औपरेशन के द्वारा ठीक किया जाता है.

गनेरिया को साधारण बोली में सुजाक भी कहा जाता है. इस के होने पर तेज बुखार भी आता है. इस के बैक्टीरिया की जांच के लिए मवाद की फिल्म बनाई जाती है. अगर यह बीमारी शुरू में ही पकड़ में आ जाए तो इलाज आसानी से हो जाता है. बाद में इलाज कराने में मुश्किल आती है.

सिफलिस: यह यौन रोग भी बैक्टीरिया के कारण फैलता है. यह यौन संबंध के कारण ही होता है. इस रोग के चलते पुरुषों के अंग के ऊपर गांठ सी बन जाती है. कुछ समय के बाद यह ठीक भी हो जाती है. इस गांठ को शैंकर भी कहा जाता है. शैंकर से पानी ले कर माइक्रोस्कोप द्वारा ही बैक्टीरिया को देखा जाता है. इस बीमारी की दूसरी स्टेज पर शरीर में लाल दाने से पड़ जाते हैं. यह कुछ समय के बाद शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगता है. इस बीमारी का इलाज तीसरी स्टेज के बाद मुमकिन नहीं होता है. खराब हालत में यह शरीर की धमनियों को प्रभावित करता है. धमनियां फट भी जाती हैं. यह रोग आदमी और औरत दोनों को हो सकता है. इस का इलाज दवा और इंजैक्शन से होता है.

क्लैमाइडिया: इस बीमारी में औरतों को योनि में हलका सा संक्रमण होता है. यह योनि के द्वारा बच्चेदानी तक फैल जाता है. यह बांझपन का सब से बड़ा कारण होता है. यह बच्चेदानी को खराब कर देता है. बीमारी की शुरुआत में ही इलाज हो जाए तो ठीक रहता है. क्लैमाइडिया के चलते औरतों को पेशाब करते समय जलन, पेट दर्द, माहवारी में दर्द, टौयलेट के समय दर्द, बुखार आदि परेशानियां पैदा होने लगती हैं.

एक फ्रैंडशिप क्लब में मेरे पैसे फंसे हुए हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 23 साल है. कुछ समय पहले मैं ने एक फ्रैंडशिप क्लब में काम करने के लिए फार्म भरा था. उन्होंने दाखिले की फीस के नाम पर मुझ से काफी पैसे ले लिए. मुझे अभी तक कोई काम नहीं मिला है.

वे लोग अब कहते हैं कि और ज्यादा पैसे दो, तभी बात बनेगी. मेरे पैसे फंसे हुए हैं. क्या वे मुझे वापस मिल सकते हैं?

जवाब-

आप धोखेबाजों के चंगुल में फंस गए हैं. पहले रोजगार के लालच में पैसा दे चुके हैं, अब दोबारा ऐसी बेवकूफी न करें. पुराने पैसों के बाबत उन पर दबाव बनाएं और पैसा देने का कोई सुबूत हो तो पुलिस में रिपोर्ट लिखाएं. मीडिया के जरीए भी उन का फरेब उजागर करें, जिस से और नौजवान ठगने से बचें. उम्मीद कम ही है कि अब आप का पैसा वापस मिल पाएगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Top 10 Sex Tips : टॉप 10 सेक्स से जुड़े आर्टिकल

Top 10 Sex Tips : दिल्ली प्रैस की ‘सरस सलिल’ मगैजीन सबसे पढ़ी जानी वाली मैगजीन है. जिसमें आप कहानियों के साथ साथ कुछ ऐसे लेख भी पाएंगे. जो आपको सेक्स एजुकेशन देने का भी काम करती हैं. इस मैगजीन में सेक्स के जुड़े कई आर्टिकल है जो आपके सेक्शुअल रिलेशन बनाने में मदद करती है. तो आज हम आपको सेक्स से जुड़े कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें पढ़कर आप अपनी सेक्स लाइफ बेहतर बना सकते हैं. तो पढ़े TOP 10 SEX Tips.

1. कुछ ऐसी होती है उन पलों में आपकी सैक्स फैंटेसीsex tips

शारीरिक संबंधों में अनावश्यक सहना या अपनेआप समय गुजरने के साथ उन में तबदीली हो जाने की गुंजाइश मान कर चलना भ्रम है. यह इन संबंधों के सहज आनंद को कम करता है. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें पति की आक्रामकता पसंद नहीं आती थी. लेकिन लज्जा या संकोचवश कुछ कहना अच्छा नहीं लगता था. कुछ महिलाओं का कहना है कि पति को खुद भी समझना चाहिए कि पत्नी को क्या पसंद आ रहा है, क्या नहीं. मगर इस पसंदनापसंद के निश्चित मानदंड तो हैं नहीं, जिन से कोई अपनेआप ही समझा जाए और आनंद के क्षण जल्दी और ज्यादा मिल जाएं.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

2. एकतरफा नहीं, दोनों की मंजूरी से Enjoy करें सेक्सsex tips

पार्टनर के साथ संबंध बनाना एक सुखद अनुभूति प्रदान करता है. लेकिन इसमें आनंद के लिए शारीरिक जुड़ाव के साथसाथ भावनात्मक लगाव होना भी बहुत जरुरी होता है तभी इसका जी भरकर मज़ा लिया जा सकता है. लेकिन कई बार पार्टनर को सेक्स के दौरान इतना अधिक दर्द महसूस होता है कि वे सेक्स से कतराने लगती है और यह पल उसके लिए खुशी देने के बजाए दर्द देने वाला एहसास बनकर रह जाता है. ऐसे में अगर आप इस पल का बिना किसी रूकावट आनंद लेना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

3. मनगढ़ंत बातों के जाल में फंसा सैक्सsex tips

हाल में कहीं पढ़ा था कि इनसान के पूर्वज माने जाने वाले चिंपांजी जब आपस में मिलते थे, तब वे सैक्स कर के एकदूसरे का स्वागत करते थे. इस बात से समझा जा सकता है कि सैक्स किसी भी जीव के बहुत जरूरी होता है और इस से मिलने वाली खुशी और मजे को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.

यह भी दावा किया जाता है कि हफ्ते में 2 से 3 बार सैक्स करने से इनसान की बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है. अच्छी नींद के लिए सैक्स बहुत अच्छी दवा माना जाता है. अगर वर्तमान की बात करें तो अभी इसी पल में दुनिया के 25 फीसदी लोग सैक्स के बारे में सोच रहे होंगे.

पूरी आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

4. छोटे घर में कैसे करें पार्टनर से प्यार, जानें यहां

बड़े शहरों में सब से बड़ी समस्या आवास की होती है. 2 कमरों के छोटे से फ्लैट में पतिपत्नी, बच्चे और सासससुर रहते हैं. ऐसे में पतिपत्नी एकांत का नितांत अभाव महसूस करते हैं. एकांत न मिल पाने के कारण वे सैक्स संबंध नहीं बना पाते या फिर उन का भरपूर आनंद नहीं उठा पाते क्योंकि यदि संबंध बनाने का मौका मिलता है तो भी सब कुछ जल्दीजल्दी में करना पड़ता है. संबंध बनाने से पूर्व जो तैयारी यानी फोरप्ले जरूरी होता है, वे उसे नहीं कर पाते. इस स्थिति में खासकर पत्नी चरमसुख की स्थिति में नहीं पहुंच पाती है.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

5. गले पड़ने वाले आशिक से बचें ऐसेsex tips

इतना ही नहीं, वे उसे अपने साथ कहीं भी ले जा सकेंगी. इस प्रोडक्ट का नाम ‘बॉयफ्रेंड हग स्पीकर्स’ (Boyfriend Hug Speakers) है. 2 बड़ी बांहों वाले इस प्रोडक्ट की बाजुओं में ब्लूटुथ स्पीकर्स भी लगे हैं जिन को गले लगाने पर म्यूजिक बजता है. सवाल उठता है कि ऐसा नकली बौयफ्रेंड बनाने की जरूरत ही क्या है? इस का जवाब यह है कि जापान (Japan) ही नहीं, बल्कि अब हर कहीं ऐसे भावनात्मक लड़कों की कमी हो गई है जो अपनी गर्लफ्रेंड को गले लगा कर उस को राहत दे सकें. हां, गले पड़ने वाले लड़कों की कमी नहीं है.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

6. 4 टिप्स से जानें औरत की सैक्स चाह गंदी बात क्योंsex tips

समाज में स्त्रीपुरुष (Male Female) के हर क्षेत्र में समान होने का गुणगान हो रहा है, पर वैवाहिक जीवन (Married Life) में बिस्तर पर स्त्रियों की समानता शून्य है. महिलाएं जब अपनी पसंद के भोजन का मेन्यू तय नहीं कर सकतीं तो बिस्तर पर सैक्स संबंध (Sex Relation) में अपनी पसंद की बात तो बहुत दूर की है. हमारे यहां दांपत्य जीवन में सैक्स संबंध में मेन्यू क्या होगा, इस का निर्णय केवल पुरुष ही लेता है. हमारे समाज में पब्लिक प्लेस पर सैक्स, हस्तमैथुन, सैक्स में पसंद और कामोन्माद अर्थात और्गेज्म (Orgasum) आदि.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

7. सैक्स के भ्रम से निकलें युवा, नहीं तो होगा यह नुकसान sex tips

अकसर युवा सैक्स को ले कर कई तरह की भ्रांतियों से घिरे रहते हैं. अपनी गर्लफ्रैंड से सैक्स को ले कर अपने इमैच्योर फ्रैंड्स से उलटीसीधी ऐडवाइज लेते हैं और जब उस ऐडवाइज का सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है तो शर्मिंदगी से किसी से बताने में संकोच करते हैं. यहां युवाओं को यह बात समझनी जरूरी है कि सैक्स से सिर्फ मजा ही नहीं आता बल्कि इस से सेहत का भी बड़ा गहरा संबंध है. सैक्स (Sex) और सेहत (Health) को ले कर कम उम्र के युवकों और युवतियों में ज्यादातर नकारात्मक भ्रांतियां फैली हैं.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

8. कंडोम मुसीबत नहीं दोस्त है आपकाSex tip

फिल्म ‘डियर जिंदगी’ (Dear Zindagi) में शाहरुख खान ने दिमाग के डाक्टर का किरदार निभाया था और दिमागी बीमारी या परेशानी को ले कर एक बात समझाई गई कि लोग शरीर की बीमारी को तो नहीं छिपाते हैं, पर जैसे ही उन्हें पता चलता है कि घर में कोई दिमागी तौर पर बीमार है, तो उन्हें जैसे सांप सूंघ जाता है.फुसफुसाहट सी शुरू हो जाती है, जैसे दिमागी बीमारी होना जिंदगी की सब से बड़ी दुश्वारी है. अनपढ़ ही नहीं, बल्कि पढ़ेलिखे लोग भी दिमागी समस्याओं पर दिमाग खोल कर बात नहीं कर पाते हैं.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

9. अब बैडरूम में मूड औफ नहीं, लव औन होगा Sex tips

रागिनी पिछले 5 सालों से खुशहाल विवाहित जीवन (Married Life) जी रही हैं. रागिनी और गगन के प्यार की निशानी उत्सव 4 साल का है. आजकल वे कुछ बुझीबुझी लगती हैं. इस का कारण है उन की उदासीन बैडरूम लाइफ (Bedroom Life). दिन भर रागिनी घर के हर छोटेबड़े काम को मैनेज करने में बिजी रहती हैं. दोपहर से रात तक उत्सव की देखरेख में अलर्ट रहती हैं. उत्सव को सुलाने के बाद अपने बैड पर जाने से परहेज करती हुई वे उत्सव के कमरे में उस के साथ ही सो जाती हैं. इस का कारण पता चला कि हड़बड़ी वाली रोजाना की सैक्स लाइफ (Sex Life) जो रागिनी और गगन दोनों का मूड औफ कर तनाव का कारण बनती है.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें 

10. सिर्फ दम दिखाने के लिए नहीं होती सुहागरात!Sex tips

इस रात का इंतजार हर युवा को होता है. लेकिन अगर कहा जाए कि हर किशोर को भी होता है तो भी यह कुछ गलत नहीं होगा. क्योंकि मनोविद कहते हैं 15 साल की होने के बाद लड़की और 16 साल के बाद लड़के, इस सबके बारे में कल्पनाशील ढंग से सोचने लगते हैं. सोचे भी क्यों न, आखिर इस रात को ‘गोल्डेन नाइट’ जो कहते हैं.इस रात में दो अजनबी हमेशा हमेशा के लिए एक हो जाते हैं. दो जिस्म एक जान हो जाते हैं. इस एक रात में न कोई पर्दा होता है, न दीवार. बत्तियां बुझी होती हैं, सांसें उफन रही होती हैं, फिजा में जिस्मानी गंध होती है और धीमी सी मुस्कान लाती रहे. जब भी इसका जिक्र हो तो उम्र चाहे कोई भी हो चेहरे पर एक गुलाबी आभा खिल जाए.

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें 

आप भी पा सकते हैं मल्टिपल और्गैज्म

आप इस सच को अच्छा भी कह सकती हैं और बुरा भी, क्योंकि इससे सेक्शुअल संबंधों में आपका दबदबा कम भी हो सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि हालांकि मल्टिपल और्गैज्म (एक से अधिक बार चरम पर पहुंचना) पाना महिलाओं की शारीरिक विशेषता है, लेकिन यदि पुरुष इसे पाने के लिए थोड़ी मशकक्त करें तो वे भी इसका आनंद ले सकते हैं. यह मानना कि पुरुष हर सत्र में केवल एक बार ही और्गैज्म का अनुभव करते हैं, मिथक है.

इस राज का खुलासा

पुरुषों के लिए मल्टिपल और्गैज्म कोई नई संकल्पना नहीं है, बल्कि यदि आप प्राचीन ताओइस्ट की तकनीकों में मल्टिपल और्गैज्म के राज़ का खुलासा किया गया है. ताओइस्ट मान्तक चिया की किताब दि मल्टी-ऑर्गैज़्मिक मैन: सेक्शुअल सीक्रेट्स एवरी मैन शुड नो के अनुसार,‘‘और्गैज्म और इजेकुलेशन (स्खलन)-जो दो अलग-अलग शारीरिक प्रक्रियाएं हैं, के बीच के अंतर को सीखकर पुरुष मल्टिपल और्गैज्म पा सकते हैं.’’

होती है योग्यता

स्टेट यूनिवर्सिटी औफ न्यूयौर्क के एम ई डन और जेई फ्रॉस्ट द्वारा वर्ष 1979 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में मल्टिपल और्गैज़्म पाने की योग्यता होती है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक मान्यता के अनुसार एक स्वस्थ पुरुष में और्गैज्म के दो चरण होते हैं-और्गैज्म के बाद तुरंत स्खलन और फिर थोड़ा समय, जो सामान्य होने में लगता है. पर अपने शोध के दौरान डन और फ्रॉस्ट ने पाया कि एक नॉन-इजैकुलेटरी और्गैज्म भी होता है, जो इजैकुलेटरी और्गैज्म के पहले या बाद में भी आ सकता है. और इस तरह के कई और्गैज्म आ सकते हैं. ‘‘अध्ययनों से पता चलता है कि मास्टबेशन के दौरान युवकों को कई ऑगैज़्मिक पीक्स का अनुभव होता है, खासतौर पर इजैकुलेशन से ठीक पहले,’’ यह कहना है डॉ फेलिस डनास का, जो क्लीनिकल चायनीज मेडिसिन के विशेषज्ञ हैं.

इस कला को अर्जित किया जा सकता है

पुरुषों के लिए मल्टिपल और्गैज्म नाबिल्कुल अपने सपनों की महिला को पाने जैसा होता है-इसके लिए लगन, संयम और तीव्र इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सेक्सोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश कोठारी इसे अर्जित कर सकनेवाली कला मानते हैं. वे कहते हैं,‘‘हालांकि पुरुषों में मल्टिपल और्गैज्म पाने की स्वाभाविक विशेषता नहीं होती, लेकिन सही तकनीक को सीख कर वे इसका आनंद उठा सकते हैं.’’

आपकी सेक्स लाइफ बिगाड़ रहा है स्मार्टफोन

आजकल शायद ही कोई घर ऐसा होगा जिसमें स्मार्टफोन ना हो. इतना ही नहीं,  लोगों का ज्यादातर समय स्मार्टफोन पर ही बीतता है, लेकिन शायद आप में से कम लोग जानते हैं कि आजकल विवाहित पुरुषों को संभोग से ज्यादा स्मार्टफोन भा रहा है और वे फोन पर ज्यादा समय बिताते हैं. यह बात एक ताजा सर्वे में सामने आई है.

इस सर्वेक्षण में साफ-साफ कहा गया है कि आजकल पुरुषों को अपनी पत्नी से ज्यादा गैजेट्स रास आ रहे हैं. यह शोध कंडोम बनाने वाली मशहूर कंपनी ड्यूरेक्स ने कराया था और इसे ब्रिटेन में कराया गया है, जिसमें 40 प्रतिशत पत्नियों ने कहा कि रात को उनके पति अपना समय अपने स्मार्टफोन को दे देते हैं जो कि उन्हें देना चाहिए जिसके कारण उन्हें सेक्स में बाधा उत्पन्न होती है.

इस शोध में 30 प्रतिशत दम्पत्तियों ने माना कि अक्सर प्रेम के क्षणों में स्मार्टफोन बाधा बन जाता है और 30 प्रतिशत पत्नियों ने कहा कि जब सेक्स के वक्त फोन और उनमें से उनके पति को किसी एक को चुनना होता है तो उनके पति स्मार्ट फोन को चुनते हैं. उनका कहना होता है कि फोन पर लोगों को उत्तर देना सेक्स से ज्यादा जरूरी है.

शोध में यह भी खुलासा हुआ कि एक चौथाई जोड़े सेक्स के दौरान गैजेट्स का उपयोग यौन क्रिया को फिल्माने के लिए करते हैं, जबकि 40 फीसदी लोग तस्वीरें क्लिक करते हैं, हालांकि शोध में साफ कहा गया है कि पति-पत्नी को बेडरूम में गैजेट्स नहीं ले जाना चाहिए. कभी-कभी इस तरह के प्रयोग घर में अप्रिय विवाद को जन्म देने के लिए पर्याप्त होते हैं.

सेक्स का डबल मजा लेना चाहते हैं तो आज ही आजमाएं ‘डर्टी टौकिंग’

यों तो भारतीय समाज का एक बड़ा तबका सेक्स पर खुल कर बात नहीं पसंद करता व सेक्स आनंद की चीज है, यह तो पता होता है पर सिर्फ रात के अंधेरे में ही. कमरे की बत्तियों को बुझा कर सेक्स का लुत्फ उठाने वालों के लिए यह भले ही एक सामान्य प्रक्रिया लगती हो, पर विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स में नए नए प्रयोग शारीरिक सुख के साथ साथ मानसिक खुशी भी देती है.

लंबे सेक्स लाइफ के दौरान उब गए हों, कुछ नयापन चाहते हों, सेक्स संबंध के दौरान चुहूलबाजी कर उसे और भी मजेदार बनाना चाहते हों, तो डर्टी टौकिंग विद सेक्स संबंधों में गरमाहट ला देगी.

क्या है डर्टी टौकिंग

सेक्स के दौरान डर्टी टौकिंग न तो गाली है न ही ऐसी कोई बात कहनी होती है, जो सेक्स पार्टनर को बुरी लगे. सेक्स में डर्टी टौकिंग सेक्स क्रिया के दौरान साथी के अंगों को निहारना, सहलाना, हलकी छेड़छाड़ व खुल कर बातचीत करनी होती है.

कैसे बनाएं मजेदार

अगर आप को अपने प्यार भरे शब्दों के बाण से साथी को घायल करने में थोङी भी महारत हासिल है, तो डर्टी टौकिंग का कुछ इस तरह अंदाज गुदगुदी का एहसास कराएगी-

* सेक्स के दौरान कमरे की बत्तियों को जलने दें. संभव हो तो रंगीन बल्व जलाएं.

* हलका म्यूजिक चला दें. इस से मदहोशी का आलम बना रहेगा.

* एकदूसरे के अंगों को अपलक निहारें और उन की तारीफ करें.

* सेक्स के दौरान बातचीत उस पल को और हसीन बनाता है. आप चाहें तो तेज स्वर में भी बातचीत कर सकते हैं.

* अंगों का खुल कर नाम लें और बताएं कि वे आप को कितने पसंद हैं. सेक्स पार्टनर से भी ऐसा ही करने को कहें.

* इस दौरान सेक्स पार्टनर को अपनी आंखें खुली रखने के लिए बोलें.

* किचन में, बाथरूम में, बाथटब में बनाए सेक्स संबंधों को याद करें और खूब हंसें.

* कंडोम्स को ले कर भी खुल कर बात करें कि आप के सेक्स पार्टनर को कौन सी पसंद हैं.

* मार्केट में कई फ्लेवर्स व रंगों के कंडोम्स उपलब्ध हैं. उन पर खुल कर बात करिए और उन्हें आजमाइए भी.

यकीन मानिए, सेक्स की उपरोक्त क्रियाएं तनाव व भागदौड़ भरी जिंदगी से अलग ही सुकून देंगी और न सिर्फ रोमांचक लगेंगी, रिश्तों में नई जान व ताजगी का एहसास भी कराएंगी. याद रखिए कि सेक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है.

क्या एक्सरसाइज दे सकती है आपको चरम सुख ?

आप महिला हो या पुरुष अगर आपको बिस्तर में बोरियत होने लगती है तो इसका मतलब है आप जिम में, खेल के मैदान में या व्यायाम करने में अधिक समय नहीं गुजार रहे हैं. ऑनलाइन प्रकाशित एक महत्वपूर्ण शोध आलेख ‘एन इन्वेस्टिगेशन ऑफ़ द रिलेशनशिप बेटवीन फिजिकल फिटनेस, सेल्फ-कांसेप्ट एंड सेक्सुअल फंक्शनिंग’ के मुताबिक कसरत के जरिए आप अपना सेक्स जीवन बेहतर बना सकते हैं. कसरत से होता यह है कि आपके जिस्म के निचले हिस्से में खून का संचार बढ़ जाता है और आप मूड में आ जाते हैं. साथ ही फिट और टोंडअप होने की वजह से आपका प्रेम सत्र खासे लम्बे समय तक के लिए चलता है और नयी व दिलचस्प चाहतों के लिए आपका बदन लचीला रहता है.

व्यायाम और उसके बाद रक्त गुप्तांगों में प्रवाह करने लगता है. इससे जब आप मूड में आते हैं तो सेंसेशन बढ़ जाता है. इस तथ्य को साबित करने के लिए टेक्सास विश्वविद्यालय की एक रिसर्च टीम ने एक प्रयोग किया. उसने 18 से 34 वर्ष की महिलाओं को एक्सरेटिड फिल्म दो बार दिखायी. पहली बार फिल्म देखने से पहले महिलाओं ने लगभग बीस मिनट तक बहुत मेहनत से साइकिलिंग की थी. लेकिन दूसरी बार कोई कसरत नहीं करायी गयी थी. शोधकर्ताओं ने दोनों स्थिति में उनकी उत्तेजना स्तर को मापा एक ऐसे यंत्र से जो गुप्तांगों में खून के संचार को नाप सकता है. उन्होंने पाया कि व्यायाम करने के बाद उत्तेजना स्तर 169 प्रतिशत बढ़ जाता है. इसकी वजह यह है कि व्यायाम से ब्लड प्रेशर बेहतर हो जाता है.

कसरत सेक्स की इच्छा को भी बढ़ा देती है क्योंकि इससे इंड्रोफिंस नामक दिमागी रसायन सक्रिय हो जाते हैं. इन रसायनों की वजह से ही आप सेक्स के दौरान अच्छा महसूस करते हैं. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो महिलाएं नियमित कसरत करती हैं, वह संसर्ग से अधिक आनंदित होती हैं, उन महिलाओं की तुलना में जो व्यायाम को बोझ समझती हैं और आलसी होती हैं. कसरत से पुरुषों को महिलाओं से भी ज्यादा फायदा होता है. अध्ययन से मालूम हुआ कि अधेड़ उम्र के जो पुरुष व्यायाम नहीं करते थे, जब उन्हें एक-एक घंटे के लिए सप्ताह में तीन बार व्यायाम कराया गया तो उनका सेक्स जीवन बेहतर हो गया और वे अधिक संतुष्ट होने लगे. 20 से 30 मिनट तक रोजाना नियमित कसरत करने वालों को उन लोगों की तुलना में जो बिल्कुल व्यायाम नहीं करते, यौन शिथिलता की भी समस्या नहीं आती लेकिन ध्यान रहे कि अधिक कसरत भी अच्छी बात नहीं है; क्योंकि तब बेडरूम की हरकतों के लिए ऊर्जा ही नहीं बच पाती.

कसरत करने से आपका जिस्म चुस्त-दुरुस्त हो जाता है और आपमें अधिक आत्मविश्वास आ जाता है. आप नये प्रयोग करने में आराम महसूस करते हैं लेकिन दो-चार बार हाथ-पैरों को हिलाने से कसरत नहीं हो जाती. परिणाम हासिल करने के लिए कसरत करने के भी तरीके हैं. तैराकी इस सिलसिले में सबसे अच्छी कसरत है क्योंकि इससे आपका फिटनेस स्तर बढ़ जाता है और लव मेकिंग स्टेमिना भी. बिना उच्च प्रभाव के यह ऐरोबिकली तीव्र है. जो सेक्स के लिए आवश्यक मांसपेशियां हैं जैसे पेट, हाथ, हैमस्ट्रिंग आदि से वह मजबूत हो जाती हैं. दिल मजबूत हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर. तैराकी में भी ब्रेस्ट स्ट्रोक अधिक फायदेमंद है क्योंकि फ्राग किक से जांघों के अंदर की मांसपेशियां तगड़ी हो जाती हैं और आप अपने आपको नियंत्रित करना सीख जाते हैं.

अच्छे सेक्स के लिए जिस्म के निचले हिस्से को जिम में टोनिंग क्लासेस के जरिए बेहतर बनाया जा सकता है. इससे वह सब मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं जो सेक्स के दौरान हरकत में आती हैं. इसे आज की भाषा में लेग, बम एंड टम कहते हैं और इससे कमर का निचला हिस्सा ताकतवर हो जाता है और मसल स्ट्रेन से आपको बचाता है. पाइलेट क्लासेस से पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां ताकतवर हो जाती हैं और महिलाओं को चरम सुख हासिल करने में मदद करती हैं. इससे नये प्रयोग किये जा सकते हैं बिना टांगों और जांघों में क्रैम्प लाये.

दौड़ना भी अच्छी कसरत है. यह दिल को मजबूत, टांगों को टोन करता है और सेल्यूलाइट को खत्म कर देता है. दौड़ने से ऊर्जा और स्टेमिना बढ़ता है साथ ही बर्दाश्त करने के स्तर में इजाफा होता है और सांस पर नियंत्रण. अगर सेक्स के दौरान आप अपने सांस पर एकाग्रता रखें तो आप अपनी उत्तेजना के स्तर से अधिक परिचित रहेंगे, जिससे आप चरम आनंद को नियंत्रित कर सकते हैं. यह धारणा गलत है कि दौड़ने से सेक्स के लिए ऊर्जा खत्म हो जाती है. एथलीटों के अनुभव सुनें, तो वह बताते हैं कि दौड़ने ने उन्हें बिस्तर में अधिक सक्रिय बना दिया है.

आप किसी भी डांसर को देख लें, उसमें स्टेमिना भी होगा और उसका जिस्म भी टोंडअप होगा. बैले डांस तो अल्टीमेट वर्कआउट है. आपके ताकतवर हाथ-पैर कमर के निचले हिस्से पर पड़ने वाले दबाव को कम कर देते हैं जिससे आप बेडरूम में अधिक नियंत्रण प्रदर्शित कर सकते हैं. अधिक फायदा उठाने के लिए किसी डांस क्लास के सदस्य बन जाओ और फिर जीवन का आनंद उठाओ.

मेरी छाती लड़कियों की तरह फूल गई है, इलाज बताएं?

सवाल-

मैं एक 22 साल का लड़का हूं. मेरी छाती लड़कियों की तरह फूल गई है. इलाज बताएं?

जवाब-

आप गायनेकोमैस्टिया से पीड़ित हैं जो आप की उम्र के लड़कों में सामान्य बात है. इसे लिपोसक्शन और सर्जरी कर ऐक्स्ट्रा फैट और ग्लैंड्सयूलर टिशू को निकाल कर सर्जिकल तरीके से ठीक किया जा सकता है. यह सर्जरी लोकल या जनरल एनेस्थैटिक में की जा सकती है. इस के लिए आप को एक प्लास्टिक सर्जन से सलाह लेनी होगी.

ये भी पढ़े…

पूरे बदन की साफ-सफाई के प्रति लापरवाही न बरतने वाले मर्द भी अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई पर खास ध्यान नहीं देते हैं, जिस की वजह से वे कई तरह के खतरनाक इंफैक्शन के शिकार हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि प्राइवेट पार्ट की साफसफाई कैसे की जाती है और उस से होने वाले फायदों के बारे में :

बालों की छंटाई करें

प्राइवेट पार्ट के आसपास के अनचाहे बालों की समयसमय पर सफाई करनी चाहिए, वरना बाल बड़े हो जाते हैं. इस की वजह से ज्यादा गरमी पैदा होती है और इन बालों की वजह से ज्यादा पसीना निकलने लगता है. बदबू भी आने लगती है. बैक्टीरिया पैदा होने से इंफैक्शन फैल जाता है. इस वजह से चमड़ी खराब हो जाती है. खुजली, दाद वगैरह की समस्या पैदा हो जाती है. देखा गया है कि अनचाहे बाल लंबे व घने हो जाने से उन में जुएं भी हो जाती हैं, इसलिए उन्हें समयसमय पर साफ करते रहना चाहिए. प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई के लिए कैंची से छंटाई करना अच्छा उपाय है. इस के अलावा ब्लेड  या हेयर रिमूवर क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

सावधानी

प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई जल्दबाजी, हड़बड़ी या डर कर न करें. छंटाई के लिए छोटी धारदार कैंची का इस्तेमाल करें. अनचाहे बालों को अगर रेजर से साफ करना चाहते हैं, तो नए ब्लेड का इस्तेमाल करें. पहले इस्तेमाल किए ब्लेड से बाल ठीक तरह से नहीं कटते हैं. उलटा ब्लेड कभी न चलाएं, इस से चमड़ी पर फोड़ेफुंसी होने का डर रहता है. हेयर रिमूवर क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले एक बार टैस्ट जरूर कर लें. अगर उस से एलर्जी होती है, तो इस्तेमाल न करें.

अंग दिखेगा बड़ा

प्राइवेट पार्ट के एरिया में बाल बड़े हो जाने से अंग उन में छिप जाता है, जिस से उस का आकार छोटा दिखाई देने लगता है. अनचाहे बालों को साफ करने से अंग का आकार बड़ा दिखने लगता है. इसे देख कर आप की पार्टनर ज्यादा मोहित होती है. प्यार के पलों के समय वह ज्यादा सहज महसूस करती है.

सेहतमंद महसूस करेंगे

प्राइवेट पार्ट के एरिया को साफ रखने से अंग सेहतमंद दिखाई देता है. आप भी संतुष्ट महसूस करते हैं, क्योंकि आप निश्चिंत हो जाते हैं कि अब आप को किसी तरह का इंफैक्शन नहीं है.

यह भी करें

अंग की नियमित सफाई करें. अंग के ऊपर की त्वचा को सावधानी के साथ पीछे की ओर ले जाएं. वहां सफेदपीला क्रीमनुमा चीज जमा होती है. यह पूरी तरह से कुदरती होती है. इस की नियमित सफाई न करने से बदबू आने या इंफैक्शन फैलने का डर बना रहता है. रोजाना नहाते समय कुनकुने पानी से इसे साफ करना चाहिए.

पेशाब करने के बाद अंग को अच्छी तरह से हिला कर अंदर रुके पेशाब को जरूर निकाल दें. इसे अपनी आदत में शुमार करें, क्योंकि अंग के अंदर रुका हुआ पेशाब बुढ़ापे में प्रोटैस्ट कैंसर के रूप में सामने आ सकता है. माहिर डाक्टरों का कहना है कि अगर अंग के अंदर का पेशाब अच्छी तरह से निकाल दिया जाए, तो प्रोटैस्ट कैंसर का डर खत्म हो जाता है.

अंडरगारमैंट्स पर ध्यान दें

रोजाना नहाने के तुरंत बाद ही अपने अंडरगारमैंट्स को बदलें. कई दिनों तक इस्तेमाल किए गए अंडरगारमैंट्स पहनने से प्राइवेट पार्ट के एरिया में इंफैक्शन फैलने का डर बढ़ जाता है. दूसरों के अंडरगारमैंट्स, साबुन वगैरह इस्तेमाल न करें. इस से भी इंफैक्शन फैलने का डर रहता है. नहाने के बाद इस एरिया को तौलिए से अच्छी तरह से सुखा लें. हमेशा सूती अंडरगारमैंट्स पहनें. नायलौन के अंडरगारमैंट्स कतई न पहनें, क्योंकि उन में से हवा पास नहीं हो पाती है. इस वजह से प्राइवेट पार्ट के एरिया को भी अच्छी तरह से हवा नहीं मिल पाती है, जिस से कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं.

सेक्स संबंध बनाने के बाद

सेक्स संबंध बनाने के बाद अंग को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए, क्योंकि सेक्स के समय व बाद में इस के अंदर कई तरह के स्राव बनते हैं. इन्हें साफ न करने पर इंफैक्शन हो सकता है. इस एरिया को पानी से साफ करें. सफाई करने के बाद अंग को अच्छी तरह से पोंछ कर सुखा लें.

Summer Special: गरमी में बेहद काम के हैं ये 3 मजेदार सेक्स टिप्स

सोचिए, दिल्ली में किसी की नईनई शादी हुई है और महीना है झुलसती मई का. कपल अभीअभी मनाली की सर्दियों में इश्क के पेंच लड़ा कर वापस लौटा है. हनीमून की मदमाती हवस अभी भी उस के दिलो दिमाग पर छाई हुई है पर दिल्ली का उबलता मौसम कह रहा है मुझ से पंगा मत लेना, पिघला कर रख दूंगा.

पर वह नयानवेला जोड़ा ही क्या जो अपनी सेक्स लाइफ पर मौसम की बेरुखी को हावी होने दे. वह तरहतरह के जतन करता है और दिल्ली में ही मनाली की मीठी सर्दी ले आता है ताकि बैडरूम में मिलन का माहौल बना रहे.

हम भी आप को सेक्स लाइफ को शानदार करने के कुछ टिप्स दे रहे हैं जो गरमी में भी आप को सर्दी का अहसास कराएंगे ताकि आप का प्रेम राग बजता रहे.

कमाल का ठंडा टुकड़ा

कई साल पहले चार्ली शीन और वलेरिया गोलिनो की एक इंगलिश कौमेडी फिल्म ‘हौटशौट’ आई थी जिस के एक सीन में प्यार करने के दौरान जब चार्ली शीन वलेरिया गोलिनो की नाभि पर बर्फ रगड़ता है तो वह उस के बदन की गरमाहट से पानी बुलबुले बन जाता है. यही बर्फ का टुकड़ा आप के फोरप्ले में भी प्यार का तड़का लगा सकता है. एक पंथ दो काज. आजमा कर देखिए, ठंडी बर्फ सेक्स की गरमाहट को यकीनन नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी.

मस्ती का फव्वारा

अब हिंदी फिल्मों की तरह भरी बरसात में आप अपने पार्टनर के साथ खुले में प्यार की पेंगे तो नहीं बढ़ा सकते हैं पर बाथरूम का शौवर आप की हसरतों को सांतवे आसमान पर जरूर ले जा सकता है. सस्ता और टिकाऊ साधन.

शौवर के नीचे आप दोनों तन और मौसम की गरमी से बहुत हद तक  राहत पा सकते हैं. बाथरूम में ही सही ‘टिपटिप बरसा पानी’ आप का सेक्स का मजा दोगुना कर देगा. अगर घर पर कोई नहीं है और घर में आंगन है तो खुले में पानी का फव्वारा और दो जिस्म माहौल को रंगीन और नम बनाने में कसर नहीं छोड़ेंगे.

स्विमिंग पूल बड़ा कूल

यहां मामला थोड़ा सा खर्चीला हो सकता है पर है बड़ा मस्त. किसी होटल में जाइए और अपने प्राइवेट पूल में सेक्स की गहराइयों तक गोते लगाइए. प्यार की भूख मिटाने के बाद अच्छे स्वादिष्ट खाने से पेट भरिए और अपनी जिंदगी की नई पारी की बेहतरीन शुरुआत कीजिए.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें