Summer Special: गरमी में बेहद काम के हैं ये 3 मजेदार सेक्स टिप्स

सोचिए, दिल्ली में किसी की नईनई शादी हुई है और महीना है झुलसती मई का. कपल अभीअभी मनाली की सर्दियों में इश्क के पेंच लड़ा कर वापस लौटा है. हनीमून की मदमाती हवस अभी भी उस के दिलो दिमाग पर छाई हुई है पर दिल्ली का उबलता मौसम कह रहा है मुझ से पंगा मत लेना, पिघला कर रख दूंगा.

पर वह नयानवेला जोड़ा ही क्या जो अपनी सेक्स लाइफ पर मौसम की बेरुखी को हावी होने दे. वह तरहतरह के जतन करता है और दिल्ली में ही मनाली की मीठी सर्दी ले आता है ताकि बैडरूम में मिलन का माहौल बना रहे.

हम भी आप को सेक्स लाइफ को शानदार करने के कुछ टिप्स दे रहे हैं जो गरमी में भी आप को सर्दी का अहसास कराएंगे ताकि आप का प्रेम राग बजता रहे.

कमाल का ठंडा टुकड़ा

कई साल पहले चार्ली शीन और वलेरिया गोलिनो की एक इंगलिश कौमेडी फिल्म ‘हौटशौट’ आई थी जिस के एक सीन में प्यार करने के दौरान जब चार्ली शीन वलेरिया गोलिनो की नाभि पर बर्फ रगड़ता है तो वह उस के बदन की गरमाहट से पानी बुलबुले बन जाता है. यही बर्फ का टुकड़ा आप के फोरप्ले में भी प्यार का तड़का लगा सकता है. एक पंथ दो काज. आजमा कर देखिए, ठंडी बर्फ सेक्स की गरमाहट को यकीनन नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी.

मस्ती का फव्वारा

अब हिंदी फिल्मों की तरह भरी बरसात में आप अपने पार्टनर के साथ खुले में प्यार की पेंगे तो नहीं बढ़ा सकते हैं पर बाथरूम का शौवर आप की हसरतों को सांतवे आसमान पर जरूर ले जा सकता है. सस्ता और टिकाऊ साधन.

शौवर के नीचे आप दोनों तन और मौसम की गरमी से बहुत हद तक  राहत पा सकते हैं. बाथरूम में ही सही ‘टिपटिप बरसा पानी’ आप का सेक्स का मजा दोगुना कर देगा. अगर घर पर कोई नहीं है और घर में आंगन है तो खुले में पानी का फव्वारा और दो जिस्म माहौल को रंगीन और नम बनाने में कसर नहीं छोड़ेंगे.

स्विमिंग पूल बड़ा कूल

यहां मामला थोड़ा सा खर्चीला हो सकता है पर है बड़ा मस्त. किसी होटल में जाइए और अपने प्राइवेट पूल में सेक्स की गहराइयों तक गोते लगाइए. प्यार की भूख मिटाने के बाद अच्छे स्वादिष्ट खाने से पेट भरिए और अपनी जिंदगी की नई पारी की बेहतरीन शुरुआत कीजिए.

मैंने जिस लड़के से प्यार किया, उसका अफेयर चल रहा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं एक लड़के से बेहद प्यार करती थी. उस पर पूरा यकीन था मुझे. उस की हर बात सच्ची लगती. महसूस होता जैसे उस से अच्छा इंसान कोई हो ही नहीं सकता. लेकिन मुझे अब मालूम हुआ है कि मेरी सोच गलत थी. वह झूठ बोलने में माहिर है. उस का एक और लड़की से भी अफेयर चल रहा है. मैं बहुत असमंजस में हूं, क्या करूं? अपनी पसंद का यह हश्र देख कर जीने की इच्छा खत्म हो गई है.

जवाब
जिंदगी में अकसर हम जिसे बेहद चाहने लगते हैं वही हमारा दिल तोड़ता है. वैसे जरूरी नहीं कि वह लड़का गलत ही हो. हर इंसान में कुछ कमियां और कुछ अच्छाइयां होती हैं. आप को इस तथ्य को स्वीकार करना होगा. थोड़ाबहुत झूठ हर व्यक्ति बोलता है. हां, यदि उस का अफेयर किसी और के साथ भी चल रहा है तो यह बरदाश्त करना किसी भी लड़की के लिए बहुत ही मुश्किल हो सकता है.

आप केवल अपने दिल की मत सुनिए. अंदाज पर मत जाइए. हो सकता है आप जिसे अफेयर समझ रही हों वह एक सामान्य दोस्ती हो. इसलिए पहले उस लड़के से स्पष्ट बात करें और तब ही कोई फैसला लें. यदि उस लड़के के बगैर जिंदगी जीनी पड़े तो भी स्वयं को टूटने मत दीजिए. वक्त के साथ नए रास्ते और नए रिश्ते स्वयं सामने आ जाएंगे.

ये भी पढ़ें…

जानिए आखिर महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं

महिलाएं किसी पुरुष को आखिर क्‍यों पसंद करती हैं? और ऐसी कौन सी खास बात है जिससे प्रभावित होकर वह किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाने के लिए अपने आप को राजी करती हैं? इस तथ्‍य पर रिसर्च करने के बाद टैक्‍सास विवि के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस ने एक किताब लिखी है. इस किताब का नाम है वॉय वुमन हैव सेक्‍स. किताब सेक्‍स संबंधों को लेकर महिलाएं क्‍या सोचती हैं? इस सवाल पर कई रोचक खुलासे करती है, किताब में इस बात के 200 कारण बताए गए है, जिनके चलते महिलाएं किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाती हैं या उसे पसंद करती हैं.

टेक्सस यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब – वाय वुमेन हेव सेक्स ( महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं ) में करीब 200 कारणों को बताया गया है.

रिसर्च के दौरान देखा गया कि ज्यादातर पुरुषों को महिलाएं सेक्सुअली अट्रैक्टिव लगती हैं , जबिक महिलाओं को पुरुषों में ऐसी कोई बात नज़र नहीं आती. रिसर्च के दौरान 1000 महिलाओं का इंटरव्यू किया , जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के साथ सोने के अपने कारण बताए.

एक महिला ने बताया – वह सेक्स इसलिए करती है ताकि बोरियत दूर कर सके क्योंकि सेक्स करना लड़ने से कहीं आसान है. जबकि कुछ दूसरी महिलाओं के लिए यह माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है.

रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर हैरानी हो सकती है. कुछ महिलाएं महज दया की वजह से पुरुषों के साथ सोती हैं जबकि कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये – पैसों के लिए और दूसरी कीमतों चीजों को हासिल करने के लिए.

कुछ ने कहा – मैंने किसी पुरुष के साथ इसलिए संबंध बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार डिनर का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी रुपये खर्च किए.

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बॉयफ्रेंड नहीं हैं. कुछ ने कहा – वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफॉर्मंस को इंप्रूव कर सकें. यही बताते हुए एक विद्यार्थी ने कहा – मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं.

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों, जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो.

मेरे पति मेरी बड़ी बहन से प्यार करते हैं, मैं शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं हूं क्या करूं?

सवाल
मैं 31 वर्षीय विवाहिता व 2 बेटियों की मां हूं. मेरी शादी को 16 वर्ष हो चुके हैं. मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं हूं. मेरे पति मेरी बड़ी बहन से प्यार करते हैं. उन दोनों में अवैध संबंध भी हैं. यह बात मुझे 4 सालों से मालूम है पर चाह कर भी मैं कुछ नहीं कर पाई, क्योंकि मेरे पति बहुत ही तानाशाही प्रवृत्ति के हैं. बातबात पर उन का गुस्सा बेकाबू हो जाता है. मैं उन का विरोध करने के बारे में सोच भी नहीं सकती. इसलिए देख कर बस कुढ़ती रहती हूं. वे मेरी बेटियों पर भी ध्यान नहीं देते.

मेरी बेटी जिस अध्यापक से पिछले 9 सालों से पढ़ी रही है उन्होंने जब नोटिस किया कि मैं परेशान हूं तो मेरी परेशानी की वजह जाननी चाही. जानने के बाद वे मुझ से काफी हमदर्दी रखने लगे हैं. मैं भी उन्हें चाहने लगी हूं. 6 महीने पहले जब उन्होंने कहा कि मेरे साथ अपनी खुशियां बांटना चाहते हैं, तो मैं सुन कर दंग रही गई. मैं उन से नजदीकियां बढ़ने से जो इस तरह के रिश्तों में बढ़नी स्वाभाविक है डरती हूं. बताइए मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
4 साल पहले आप को अपने पति के अवैध संबंधों की बाबत मालूम चल गया था, तो आप को इस का विरोध करना चाहिए था. पति कितने भी बड़े तानाशाह क्यों न रहे हों, इस तरह की ज्यादती के लिए आवाज न उठा कर आप ने उन्हें खेलनेखाने की खुली छूट दे दी. पति से खौफ खाती रहीं तो भी आप अपनी  बहन को अपने ही घर में जमा डालने के डांटफटकार लगा सकती थीं अब भी समय है, उसे लताडे़, उस के पति से शिकायत करें. अपने मायके वालों को भी उस की करतूत बताएं. इतना करने से वह आप के रास्ते से हट जाएंगी.

रही अपनी बेटी के अध्यापक की बात तो उन से आप को अपनी निजी बात शेयर नहीं करनी चाहिए थी. वे आप से जो हमदर्दी जता रहे हैं वह आप की बेचारगी पर तरस खा कर. वे मौके का फायदा उठाना चाहते हैं. ऐसे अवसरवादी व्यक्ति से आप को सावधान रहना चाहिए. बाहर खुशियां तलाशने के बजाय अपनी खोई खुशियों को संजाने का प्रयास करना चाहिए. आप को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आप पर 2 बेटियों की भी जिम्मेदारी है. आप कहती हैं कि आप के पति अपनी बेटियों पर ध्यान नहीं देते तो ऐसे में तो आप की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. अत: समझदारी से काम लें.

मेरे घरवाले मेरी शादी लड़की से कराना चाहते हैं पर मैं एक लड़के से प्यार करता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 25 साल है. मेरे घर वाले एक ऐसी लड़की के साथ मेरी शादी कराना चाहते हैं, जो मुझे पसंद नहीं है. हकीकत तो यह है कि मैं किसी भी लड़की को पसंद नहीं करता हूं, बल्कि एक हमउम्र लड़के के साथ मेरी गहरी दोस्ती है या कह लें कि हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं. घर वालों को मनाने के लिए मैं क्या करूं?

जवाब-

आप घर वालों को साफसाफ बता दें कि आप शादी नहीं कर सकते और क्यों नहीं कर सकते, यह भी बता दें, क्योंकि आप का राज ज्यादा दिनों तक छिपा नहीं रह पाएगा. बताने के बाद का विरोध झेलने के लिए खुद को दिमागी तौर  पर तैयार रखें. पहले आप को नसीहतें मिलेंगी और उस के बाद धौंस.

मुमकिन है कि इस के बाद भी आप नहीं माने, तो आप को घर और समाज से भी निकाला जा सकता है. घर वालों के दबाव में शादी न करें. इस से आप की और जिस लड़की से आप शादी करेंगे, उस की भी जिंदगी बरबाद हो जाएगी. अपने दोस्त के साथ अलग रहने के अलावा आप के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें-  सरस सलिल-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

जानें आखिर क्या है सेक्सरिंग: कहीं प्यार के नाम पर आप भी ना फंस जाएं

युवाओं का पहला आकर्षण प्रेम ही होता है. शायद ही कोई ऐसा युवा होगा जो रोमांस के इस फेज में न फंसा हो. कोई अपना लव इंटरैस्ट अपनी क्लासमेट में ढूंढ़ता है तो कोई पासपड़ोस की ब्यूटीफुल युवती पर फिदा हो जाता है. युवावस्था के आकर्षण से जुड़े हारमोंस ही हमें किसी विपरीतलिंग की तरफ आकर्षित करते हैं.

हालांकि हर बार यह प्यार सच्चा हो, इस की कोई गारंटी नहीं. प्यार के नाम पर कैमिकल लोचा भी हो सकता है, प्यार एकतरफा भी हो सकता है और कई बार लव को लस्ट यानी वासना की शक्ल में भी देखा जाता है. इन सब प्यार की अलगअलग कैटेगरीज से गुजरता हर युवा मैच्योर होतेहोते सीखता है कि लव के असल माने क्या हैं?

इस रोमांटिक फेज में उपरोक्त कैटेगरीज के अलावा एक और खतरनाक फेज होता है सेक्सरिंग का यानी प्यार के नाम पर जब कोई युवती किसी युवा को फंसा ले तो वह सेक्सरिंग में उलझ कर रह जाता है.

प्यार में सौदा नहीं

अचानक लड़की आप के करीब आ जाए तो उस पर लट्टू होने के बजाय जरा दिमाग लगा कर सोचिए कि इस नजदीकी की वजह प्यार है या आप की मोटी जेब, क्योंकि प्यार कोई सौदेबाजी नहीं होती. जो लड़की आप से प्यार करेगी वह बातबात पर महंगे गिफ्ट्स नहीं मांगेगी और न ही हर समय आप की जेब ढीली करेगी. अगर आप की गर्लफ्रैंड भी आप से ज्यादा आप के तोहफों पर ध्यान देती है तो समझ जाइए कि आप भी सेक्सरिंग में फंसने वाले हैं.

सिंगल होना शर्मिंदगी नहीं

सेक्सरिंग का सब से आसान शिकार युवतियां ज्यादातर उन युवकों को बनाती हैं जो सिंगल होते हैं. साइकोलौजिस्ट भी मानते हैं कि हमारे समाज व युवाओं का रवैया कुछ ऐसा है कि जो लड़के सिंगल होते हैं उन का मजाक बनाया जाता है, उन पर जल्द से जल्द गर्लफ्रैंड बनाने का दबाव डाला जाता है. मानो किसी युवक की गर्लफ्रैंड नहीं है तो उस में कोई न कोई कमी होगी.

इस मनोवैज्ञानिक दबाव के तले दब कर युवक अपनी सोचसमझ खो कर एक अदद युवती की तलाश में जुट जाता है जो जल्दी से जल्दी उस की गर्लफ्रैंड बनने को तैयार हो. भले इस के लिए उसे कोई भी कीमत चुकानी पड़े. इसी जल्दबाजी व मनोवैज्ञानिक दबाव का फायदा चालाक व शातिर युवतियां उठाती हैं और सिंगल युवकों को झूठे प्यार के सेक्सरिंग में फांस कर उन की जेबें ढीली करती हैं. कई मामलों में तो उन की पढ़ाईलिखाई व कैरियर तक बरबाद कर डालती हैं.

युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि सिंगल होना कोई  शर्मिंदगी की बात नहीं है. जब तक कोई ईमानदार या सच्चा प्यार करने वाली युवती न मिले, सिंगल रहना बेहतर है. पढ़ाई, कैरियर, शौक व दोस्तों को समय दे कर सेक्सरिंग से बचने में ही समझदारी दिखाने वाले युवा कुछ बन पाते हैं.

इमोशनल अत्याचार के साइड इफैक्ट्स

अकसर युवतियों से धोखा खाए या यों कहें कि सेक्सरिंग के शिकार युवक भावनात्मक तौर पर टूट जाते हैं और प्रतिक्रियास्वरूप कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो उन के भविष्य को खतरे में डाल देता है.

जनवरी 2017, दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके के रोहन को जब एक युवती ने झूठे प्यार के जाल में फंसा कर चूना लगाया तो उस ने उस से बदला लेने की ठान ली व एक दिन स्कूल से लौटते समय युवती के चेहरे पर ब्लैड मार दिया.

घायल युवती के परिजनों ने रोहन के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी. इस तरह मामला उलटा पड़ गया. युवती का तो कुछ नहीं बिगड़ा, रोहन को जरूर हवालात की हवा खानी पड़ी.

अकसर सेक्सरिंग के शिकार युवा इमोशनली इतने डिस्टर्ब हो जाते हैं कि धोखा खाए प्रेमी की तरह उस युवती से बदला लेने की ठान लेते हैं. आएदिन हम प्रेम में ठुकराए प्रेमियों की आपराधिक कृत्यों की खबरें पढ़ते रहते हैं. कोई तेजाब से हमला करता है तो कोई युवती का अपहरण तक कर डालता है. कोई सेक्स संबंधों की  पुरानी तसवीरों, सेक्स क्लिप्स या प्रेमपत्रों के नाम पर लड़की को सबक सिखाना चाहता है.

प्यार से अपराध की ओर न जाएं

याद रखिए ये तमाम हिंसात्मक व अनैतिक रास्ते अपराध की उन गलियों की ओर ले जाते हैं, जहां से युवाओं के लिए वापस आना नामुमकिन सा हो सकता है. एक तो पहले ही युवती ने फंसा कर आप का धन व समय बरबाद कर दिया. उस पर उस से बदला लेने के लिए अतिरिक्त समय, धन व भविष्य दांव पर लगाना कहां की समझदारी है?

बेहतर यही है कि उस बात को भूल कर आप अपने कैरियर पर ध्यान दें. एक न एक दिन आप को सच्चा प्यार जरूर मिलेगा. इस धोखेभरी लवस्टोरी से इतना जरूर सीखिए कि अगली बार जब कोई युवती आप की भावनाओं से खिलवाड़ कर आप पर सेक्सरिंग का वार करे तो उस के झांसे में न आएं.

सेक्सरिंग के लक्षण

कोई युवती आप से सचमुच प्यार करती है या फंसा रही है, उसे समझने के लिए सेक्सरिंग के कुछ लक्षण समझना जरूरी है. निम्न पौइंट्स से समझिए कि कौन सी युवती स्वाभाविक तौर पर सेक्सरिंग के जाल में आप को फंसाना चाहती है :

–       जब बातबात पर शौपिंग, पार्टी या महंगे गिफ्ट्स की डिमांड करे.

–       जब खुद से जुड़ी जानकारियां छिपाए व आप की हर बात जानना चाहे.

–       आप के दोस्तों या परिवार से मिलने से कतराए.

–       अपने फैमिली या फ्रैंड सर्किल से मिलवाते वक्त आप की पौकेट खाली करवाए.

–       बातबात पर आप की तारीफ करे और आप की हर बात पर सहमति जताए.

–       हर जरूरत पर आर्थिक मदद की डिमांड करे.

–       झगड़े की वजहों में पैसों का ताना मारे.

–       आप के अमीर व संपन्न दोस्तों से करीबी बढ़ाए.

–       आप की आर्थिक मदद करने से कतराए या बहाने बनाए.

–       प्यार के नाम पर भावनात्मक सहारे के बजाय सिर्फ फिजिकल रिलेशन को तरजीह दे.

अगर इन तमाम पौइंट्स पर आप की गर्लफ्रैंड खरी उतर रही हो तो सावधान हो जाइए. आप पर सेक्सरिंग फेंका जा चुका है. सही मौका पाते ही सेक्सरिंग का छल्ला गले से निकाल फेंकिए और ब्रेकअप सौंग पर जम कर अपनी फेक लवर से आजादी का जश्न मनाइए.

मेरे जीजाजी मुझसे काफी स्नेह करते हैं पर मेरे पति उन्हें पसंद नहीं करते, पति को कैसे समझाऊं?

सवाल
मेरी शादी को 1 साल हुआ है. यों तो पति और ससुराल वाले सब अच्छे हैं, पर पति को मेरा मायके जाना पसंद नहीं है. दरअसल, हमारा कोई भाई नहीं है. इसीलिए मेरी बड़ी बहन सपरिवार मम्मी पापा के पास रहती है. बहन मुझ से 10 साल बड़ी है. मेरे जीजा जी बिलकुल बड़े भाई की तरह मुझ से स्नेह करते हैं पर मेरे पति उन्हें पसंद नहीं करते. मुंह से कुछ नहीं कहते पर उन का चेहरा सब बयां कर जाता है. पति को कैसे समझाऊं?

जवाब
आप की शादी को थोड़ा ही वक्त बीता है, अभी आप को अपने पति को समय देना चाहिए. यदि आप के पति नहीं चाहते कि आप मायके ज्यादा जाएं या अपने बहनोई से खुल कर बात करें. तो आप उन्हें शिकायत का मौका न दें. हो सकता है कि समय के साथ उन का व्यवहार बदल जाए और उन्हें रिश्तों की अहमियत समझ आने लगे.

सेक्स से पहले ऐसे करें अपने पार्टनर को खुश

4 सहेलियां कुछ अरसे बाद मिली थीं. 2 की जल्दी शादी हुई थी तो 2 कुछ बरसों का वैवाहिक जीवन बिता चुकी थीं. ऐसा नहीं कि उन में और किसी विषय पर बात नहीं हुई. बात हुई, लेकिन बहुत जल्द ही वह पहली बार के अनुभव पर आ टिकी.

पहली सहेली ने पूछा, ‘‘तुम फोन पर ट्रेन वाली क्या बात बता रही थी? मेरी समझ में नहीं आई.’’

दूसरी बोली, ‘‘चलो हटो, दोबारा सुनना चाह रही हो.’’

तीसरी ने कहा, ‘‘क्या? कौन सी बात? हमें तो पता ही नहीं है. बता न.’’

दूसरी बोली, ‘‘अरे यार, कुछ नहीं. पहली रात की बात बता रही थी. हनीमून के लिए गोआ जाते वक्त हमारी सुहागरात तो ट्रेन में ही मन गई थी.’’

तीसरी यह सुन कर चौंकी, ‘‘हाउ, रोमांटिक यार. पहली बार दर्द नहीं हुआ?’’

दूसरी ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ खास तो नहीं.’’

तीसरी बोली, ‘‘चल झूठी, मेरी तो पहली बार जान ही निकल गई थी. सच में बड़ा दर्द होता है. क्यों, है न? तू क्यों चुप बैठी है? बता न?’’

चौथी सहेली ने कहा, ‘‘हां, वह तो है. दर्द तो सह लो पर आदमी भी तो मनमानी करते हैं. इन्होंने तो पहली रात को चांटा ही मार दिया था.’’

बाकी सभी बोलीं, ‘‘अरेअरे, क्यों?’’

चौथी ने बताया, ‘‘वे अपने मन की नहीं कर पा रहे थे और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.’’

पहली बोली, ‘‘ओह नो. सच में दर्द का होना न होना, आदमी पर बहुत डिपैंड करता है. तुम विश्वास नहीं करोगी, हम ने तो शादी के डेढ़ महीने बाद यह सबकुछ किया था.’’

दूसरी और तीसरी बोलीं, ‘‘क्यों झूठ बोल रही हो?’’

पहली सहेली बोली, ‘‘मायके में बड़ी बहनों ने भी सुन कर यही कहा था, उन्होंने यह भी कहा कि लगता है मुझे कोई धैर्यवान मिल गया है, लेकिन मेरे पति ने बताया कि उन्होंने शादी से पहले ही तय कर लिया था कि पहले मन के तार जोडूंगा, फिर तन के.

‘‘मुझे भी आश्चर्य होता था कि ये चुंबन, आलिंगन और प्यार भरी बातें तो करते थे, पर उस से आगे नहीं बढ़ते थे. बीच में एक महीने के लिए मैं मायके आ गई. ससुराल लौटी तो हम मन से काफी करीब आ चुके थे. वैसे भी मैं स्कूली दिनों में खूब खेलतीकूदती थी और साइकिल भी चलाती थी. पति भी धैर्य वाला मिल गया. इसलिए दर्द नहीं हुआ. हुआ भी तो जोश और आनंद में पता ही नहीं चला.’’

पतिपत्नी के पहले मिलन को ले कर अनेक तरह के किस्से, आशंकाएं और भ्रांतियां सुनने को मिलती हैं. पुरुषों को अपने सफल होने की आशंका के बीच यह उत्सुकता भी रहती है कि पत्नी वर्जिन है या नहीं. उधर, स्त्री के मन में पहली बार के दर्द को ले कर डर बना रहता है.

आजकल युवतियां घर में ही नहीं बैठी रहतीं. वे साइकिल चलाती हैं, खेलकूद में भाग लेती हैं, घरबाहर के बहुत सारे काम करती हैं. ऐक्सरसाइज करती हैं, नृत्य करती हैं. ऐसे में जरूरी नहीं कि तथाकथित कुंआरेपन की निशानी यानी उन के यौनांग के शुरू में पाई जाने वाली त्वचा की झिल्ली शादी होने तक कायम ही रहे. कई तरह के शारीरिक कार्यों के दौरान पैरों के खुलने और जननांगों पर जोर पड़ने से यह झिल्ली फट जाती है, इसलिए जरूरी नहीं कि पहले मिलन के दौरान खून का रिसाव हो ही. रक्त न निकले तो पुरुष को पत्नी पर शक नहीं करना चाहिए.

अब सवाल यह उठता है कि जिन युवतियों के यौनांग में यह झिल्ली विवाह के समय तक कायम रहती है, उन्हें दर्द होता है या नहीं. दर्द का कम या ज्यादा होना झिल्ली के होने न होने और पुरुष के व्यवहार पर निर्भर करता है. कई युवतियों में शारीरिक कार्यों के दौरान झिल्ली पूरी तरह हटी हो सकती है तो कई में यह थोड़ी हटी और थोड़ी उसी जगह पर उलझी हो सकती है. कई में यह त्वचा की पतली परत वाली होती है तो कई में मोटी होती है.

स्थिति कैसी भी हो, पुरुष का व्यवहार महत्त्वपूर्ण होता है. जो पुरुष लड़ाई के मैदान में जंग जीतने जैसा व्यवहार करते हैं, वे जोर से प्रहार करते हैं, जो स्त्री के लिए तीखे दर्द का कारण बन जाता है. ऐसे पुरुष यह भी नहीं देखते कि संसर्ग के लिए राह पर्याप्त रूप से नम और स्निग्ध भी हुई है या नहीं. उन के कानों को तो बस स्त्री की चीख सुनाई देनी चाहिए और आंखों को स्त्री के यौनांग से रक्त का रिसाव दिखना चाहिए. ऐसे पुरुष, स्त्री का मन नहीं जीत पाते. मन वही जीतते हैं जो धैर्यवान होते हैं और तन के जुड़ने से पहले मन के तार जोड़ते हैं व स्त्री के संसर्ग हेतु तैयार होने का इंतजार करते हैं.

भले ही आप पहली सहेली के पति की तरह महीना, डेढ़ महीना इंतजार न करें पर एकदम से संसर्ग की शुरुआत भी न करें. पत्नी से खूब बातें करें. उस के मन को जानने और अपने दिल को खोलने की कोशिश करें. पर्याप्त चुंबन, आलिंगन करें. यह भी देखें कि पत्नी के जननांग में पर्याप्त गीलापन है या नहीं. दर्द के डर से भी अकसर गीलापन गायब हो जाता है. ऐेसे में किसी अच्छे लुब्रीकैंट, तेल या घी का इस्तेमाल करना सही रहता है. शुरुआत में धीरेधीरे कदम आगे बढ़ाएं. इस से आप को भी आनंद आएगा और पत्नी को दर्द भी कम होगा.

कई युवतियों के लिए सहवास आनंद के बजाय दर्द का सबब बन जाता है. ऐसा कई कारणों से होता है, जैसे :

कुछ युवतियों में वल्वा यानी जांघों के बीच का वह स्थान जो हमें बाहर से दिखाई देता है और जिस में वेजाइनल ओपनिंग, यूरिथ्रा और क्लीटोरिस आदि दिखाई देते हैं, की त्वचा अलग प्रकार की होती है, जो उन्हें इस क्रिया के दौरान पीड़ा पहुंचाती है. त्वचा में गड़बड़ी से इस स्थान पर सूजन, खुजली, त्वचा का लाल पड़ जाना और दर्द होने जैसे लक्षण उभरते हैं. त्वचा में यह समस्या एलर्जी की तरह होती है और यह किसी साबुन, मूत्र, पसीना, मल या पुरुष के वीर्य के संपर्क में आने से हो सकती है.

सहवास के दौरान दर्द होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए. सहवास से पहले पर्याप्त लुब्रीकेशन करना चाहिए. पुरुष को यौनांग आघात में बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. वही काम मुद्राएं अपनानी चाहिए जिन में स्त्री को कम दर्द होता हो. इस से भी जरूरी बात यह है कि पहले मन के तार जोडि़ए. ये तार जुड़ गए तो तन के तार बहुत अच्छे और स्थायी रूप से जुड़ जाएंगे.    – सहवास के दौरान पर्याप्त लुब्रीकेशन न होने से भी महिला को दर्द का एहसास हो सकता है.

– महिला यौनांग में यीस्ट या बैक्टीरिया का इन्फैक्शन भी सहवास में दर्द का कारण बनता है.

– एक बीमारी एंडोमेट्रिआसिस होती है, जिस में गर्भाशय की लाइनिंग शरीर के दूसरे हिस्सों में बनने लगती है. ऐसा होने पर भी सहवास दर्दनाक हो जाता है.

– महिला के यौनांग की दीवारों के बहुत पतला होने से भी दर्द होता है.

– यूरिथ्रा में सूजन आ जाने से भी सहवास के दौरान दर्द होता है.

सैक्स एंजाइटी ठीक नहीं

अकसर सैक्स करने के बाद कुछ जोड़े चिंतित हो जाते हैं. खासकर तब जब शादी से पहले का समय हो या शादी की शुरुआत का हो. इस की कई वजहें हैं, जिन से बचने की सख्त जरूरत तो है ही, साथ ही साथ समाधानों को अपनाने की भी जरूरत है. सैक्स के बाद बरताव सैक्स के बाद बरताव कैसा हो, यह समझना किसी जोड़े के लिए सब से ज्यादा जरूरी है. उन के बीच मजा भले सैक्स दे,

लेकिन सैक्स के बाद एकदूसरे के साथ किया गया बरताव ही संबंधों को मजबूत बनाता है. अकसर मर्द जब सैक्स के बाद ढीला पड़ने लगता है, तो वह झट से अपनी पार्टनर से दूरी बनाने लगता है. कपड़े तुरंत पहन लेता है और बिस्तर से उठ जाता है या अपनी पार्टनर की तरफ पीठ कर के सोने लगता है. मर्द का यह बरताव उस की पार्टनर को निराशा दे सकता है. उसे लग सकता है कि सिर्फ सैक्स के लिए ही मर्द साथी उस के करीब आया है. ऐसे में जरूरी है कि सैक्स पूरा हो जाने के बाद एकदूसरे से रोमांटिक बातें करते रहें. किसी ऐसी बात के जिक्र से बचें, जो गंभीर हो और जो आप के पार्टनर का मूड खराब कर दे.

ज्यादा बढ़िया है कि सैक्स के बाद अपनी पार्टनर की पोजिशन, सैक्सी बौडी, मूव्स और सैक्स के दौरान किस तरह का मजा आप को आया है, उसे शेयर करें. अकसर औरतें भी सैक्स के बाद ‘तुम कंफर्टेबल हो या नहीं?’ जैसी बातें कई बार पूछती हैं और अगर मर्द पार्टनर पलट कर जवाब दे, तो ‘तुम बड़े बेशर्म हो’ जैसी मूड औफ वाली बातें कह देती हैं. ध्यान रहे कि सैक्स से पहले ‘फोरप्ले’ होता है और उस के बाद ‘आफ्टर प्ले’. जितना जरूरी ‘फोरप्ले’ है, उतना ही जरूरी ‘आफ्टर प्ले’ भी है.

यह नहीं कि आप का सैक्स हो गया और मुंह फेर कर बेतुके सवाल पूछने लगीं. अगर आप सैक्स को मजेदार बनाना चाहती हैं तो देखना होगा कि उस का पूरा होना भी अच्छा हो, इसलिए लंबी बातें करें, पर ऐसी बातों से बचें, जो पार्टनर को चुभ सकती हैं. बेहतर है कि सैक्स के बाद भी एकदूसरे के साथ इंटीमेट बात करते रहें या एकदूसरे को सहलाते रहें. अगर मूड नहीं है तो कम से कम अपने मर्द पार्टनर से चिपक कर रह सकती हैं. चरमसुख का सवाल चरमसुख यानी सैक्स के बाद मिलने वाला मजा. जब आंखों की पुतलियां खुली की खुली रह जाती हैं और शरीर में लंबी सिहरन दौड़ पड़ती है. इस में कोई शक नहीं कि मर्दों के मुकाबले औरतें बिस्तर पर ज्यादा देर तक टिकी रहती हैं, लेकिन अगर मर्द को सैक्स की तकनीक में महारत हासिल है, तो उस के लिए यह फुजूल बात है.

अकसर मर्द चरमसुख को ले कर यह गलती हमेशा करते हैं कि वे अपनी पार्टनर से बातबात पर उन के चरमसुख के बारे में पूछते रहते हैं, जिस से औरतें परेशान होती हैं. आमतौर पर ऐसा मर्द इसलिए नहीं करते हैं कि उन्हें औरतों के चरमसुख की चिंता रहती है, बल्कि वे इसलिए पूछते हैं ताकि वे अपनी मर्दानगी पर ताव दे सकें, क्योंकि बिस्तर पर जो अपनी पार्टनर को खुश न कर सका, उसे इस मामले में ढीला माना जाता है. पहली बात, जरूरी नहीं कि हर औरत को चरमसुख मिले. हर औरत की शारीरिक बनावट अलगअलग होती है, इसलिए अपनी पार्टनर से बारबार चरमसुख के बारे में पूछना ठीक नहीं. जरूरत इस बात को ध्यान में रखने की है कि सैक्स के दौरान आप पार्टनर को कैसे चरमसुख दे सकें.

इस के लिए जरूरी है कि आप की पार्टनर आप की बातों और बिस्तर पर बिताए आप के हर पल, चाहे वह ‘फोरप्ले’ हो या सैक्स, आप किस तरह निभाते हैं. अंडरवियर पहनें या नहीं इस पर बहुत कम लोग ही ध्यान देते हैं. वैसे, सैक्स में अंडरवियर की अपनी ही अलग इंटीमेसी होती है. आजकल तो बाजारों में मर्दों और औरतों के लिए सैक्सी अंडरगारमैंट आ गए हैं, जो जोश में लाने के लिए काफी होते हैं. सैक्स में अंडरगारमैंट का अपना ही अलग मजा होता है.

अकसर जोड़े सैक्स से पहले अंडरवियर उतार लेते हैं, फिर बाद में उसी अंडरवियर को पहन लेते हैं. सवाल यह कि सैक्स करने के बाद उतारे अंडरवियर को पहनें या नहीं? अब आप कहेंगे कि यह कैसा सवाल हुआ? जब सैक्स करने से पहले अंडरवियर निकाल दिया तो दिक्कत क्या है उसे पहनने में? सैक्स की टाइमिंग ‘फोरप्ले’ पर निर्भर करती है. ‘फोरप्ले’ ही वह बुनियाद है, जो बेहतर संतुष्ट पारी खेलने में मदद करती है. अकसर ‘फोरप्ले’ के दौरान मर्दऔरत दोनों के स्पर्म थोड़ीथोड़ी मात्रा में गिर जाते हैं. ऐसे में उसी अंडरवियर को फिर से पहनना सही नहीं है. कोशिश करें कि अंडरवियर को बदल लें. बच्चा ठहरने का डर सैक्स के दौरान असुरक्षा का डर इस के खुलेपन में खलल पैदा करता है. अकसर मर्दऔरत सैक्स करने के बाद इस डर से जूझने लगते हैं कि कहीं बच्चा ठहर न जाए.

मुमकिन है कि उन्होंने कंडोम का इस्तेमाल किया हो, फिर भी डर बना रहता है. ऐसी चीजों से न सिर्फ सैक्स के दौरान के पलों पर इस का असर पड़ता है, बल्कि सैक्स के बाद भी तनाव का सामना करना पड़ता है, फिर उस जोड़े के आपस के सवालजवाब और परेशान करने लगते हैं. असुरक्षित सैक्स के बाद बाजार में इमर्जैंसी पिल की सुविधा मौजूद है. सैक्स के 72 घंटों तक इसे लिया जा सकता है. खैर, ये तो तब के हालात हैं, जब असुरक्षित सैक्स किया हो. फीलिंग जरूरी है अकसर सैक्स के तुरंत बाद जोड़े में से कोई अपना फोन या लैपटौप चलाने लगता है या किसी और काम में लग जाता है. ऐसा करने से कुछ ऐसा महसूस होता है कि वह बस अपनी शारीरिक भूख मिटाने के मकसद से ही सैक्स कर रहा था. ऐसा करने से बचें. जब तक बहुत जरूरी काम न हो, अपने पार्टनर के साथ बने रहें, क्योंकि आप के ऐसा करने से आप के पार्टनर को बुरा महसूस हो सकता है.

बिना कंडोम फटे भी ठहर सकता है गर्भ, जानें कैसे करें बचाव?

बर्थ कंट्रोल के लिए आज सभी कंडोम से परिचित है. जिसका यूज सेक्स के दौरान अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए किया जाता है, लेकिन कई बार ऐसे केसेस भी सुनने को मिलते है कि कंडोम के इस्तेमाल के बावजूद भी गर्भ ठहर जाता है. कई बार सेक्स के दौरान कंडोम फट जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी का खतरा रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कंडोम का सही इस्तेमाल करने के बाद भी कई महिलाएं प्रेग्ननेंट हो जाती हैं.

वैसे तो बर्थ कंट्रोल के लिए सबसे बेहतर कंडोम माना जाता है, लेकिन कई बार ये तरीका भी फेल हो जाता है. डौक्टरों के मुताबिक कंडोम यूज करने पर भी प्रेग्नेंसी के चांसेज हो सकते हैं. चलिए जानते हैं, आखिर कंडोम  यूज करने के बाद भी प्रेग्नेंसी की संभावना क्यों होती है?

फेल हो जाते हैं कंडोम

एक्सपर्ट्स के मुताबिक सही समय में कंडोम का यूज न किया जाए, तो प्रेग्नेंसी के चांंसेज होते हैं, क्योंकि यह जानना भी जरुरी है कि प्री-कम में भी स्पर्म होते हैं. तो ऐसा नहीं है कि जब एजैक्युलेशन हो उससे ही गर्भ ठहरेगा. कंडोम फटने से भी गर्भ ठहर जाएगा.

जेब में न रखें कंडोम

एक्सपर्ट्स ये भी बताते हैं कि अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती हैं, तो उसके लिए आप कोई दूसरा कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वही, ठीक तरीके से पहनने से भी इसके फेल होने के चांसेज कम होते हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते है कि वॉलट, कार या अपनी जेब में रखे कंडोम यूज न करें. इन्हे ठंडी जगह पर ड्रॉर में रखना चाहिए. शरीर की गर्मी या फ्रिक्शन से इनके खराब होने का खतरा ज्यादा रहता है.

थीन कंडोम करें यूज

बचाव का एक सही तरीका ये भी है कि आप सेक्स के दौरान पर्याप्त संतुष्टि पाने के लिए एक्स्ट्रा थिन कंडोम या अल्ट्रा-थिन कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरह के कंडोम इस्तेमाल करने पर इसके होने का अहसास भी नहीं होता.

ये सेक्स पौजिशन पड़ सकती है पुरुषों को भारी

सेक्स का भरपूर आनंद लेने के लिए कई तरह की पौजिशन का जिक्र किया गया है, वूमन औन टौप उन्हीं में से एक है. कई पुरुषों की ये पसंदीदा पौजिशन होती है और उन्हें महिलाओं को ऊपर (वूमन औन टौप) रखने से अधिक आनंद की अनुभूति होती है, लेकिन ऐसा करना पुरुषों के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है और हो सकता है कि वे कभी सेक्स कर भी न पाएं.

दरअसल वूमन औन टौप पौजिशन में पुरुषों के जननांग (penis) में फ्रैक्चर (पेनाइल फ्रैक्चर) होने का अंदेशा रहता है. रिसर्च के अनुसार पेनाइल फ्रैक्चर के अधिकांश मामले इसी सेक्स पोजिशन के कारण सामने आते हैं.

वूमन औन टौप पोजिशन सबसे खतरनाक : रिसर्च

कनाडा के एक रिसर्च दल के मुताबिक वूमन औन टौप पौजिशन सबसे खतरनाक सेक्स पौजिशन है, जिससे हमेशा पेनाइल फ्रैक्चर का खतरा बना रहता है.  इस अध्ययन के लिए ब्राजील के शहर कैंपिनास के तीन अस्पतालों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया. इस दौरान उन्होंने 13 साल के टाइम पीरियड में संदिग्ध पेनाइल फ्रैक्चर के शिकार लोगों का इंटरव्यू लिया. इनमें से आधे लोगों ने कहा कि पेनिस में दर्द महसूस होने से पहले उन्हें टूटने की आवाज सुनाई दी. जबकि कुछ ने सूजन होने की भी बात कही.

खतरा क्यों होता है

रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है कि वूमेन औन टौप पोजिशन में प्राय: महिला अपने पूरे वजन के साथ गति को नियंत्रित करती है. इस दौरान लिंग के गलत दिशा में अचानक प्रवेश से पेनाइल फ्रैक्चर होता है. साथ ही कहा गया कि वहीं इसके उलटे इसी पौजिशन में जब गति का नियंत्रण पुरुष के हाथ में होता है तो पेनाइल फ्रैक्चर की संभावना कम हो जाती है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें