जब दिल में हो एक-दूसरे के लिए प्यार और सम्मान, तभी मिल सकता है सुकून और संतुष्टि

सेक्स का सीधा संबंध मन और मस्तिष्क से है. इसलिए आपस में सेक्स संबंध बनाने वाले कपल में एक दूसरे के लिए न केवल प्यार और सम्मान हो बल्कि भरपूर दोस्ताना भी हो. कोई किसी के साथ जोर जबरदस्ती न करे,न कोई किसी पर सिर्फ अपनी चाहत जबरदस्ती लादे . सेक्स में किसी भी तरह की कोई सीमा नहीं है, सीमा बस एक ही है आपके पार्टनर की सहमति. इसलिए सबसे पहली और जरूरी शर्त यह है कि जिसके साथ सेक्स संबंध बनाएं उसकी भावनाओं की कद्र करें, उसकी इज्जत करें, उसे सम्मान दें.

बकौल सेक्स एक्सपर्ट डेविड रूबीन, ‘सेक्स एक ऐसा खेल है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा खेला जाता है. जिसमें सबसे ज्यादा आनंद आता है. जिसे किसी को भी खेलने का हक है. जिसमें हर खिलाड़ी का बराबर का योगदान होता है. कोई पराजित नहीं होता हर कोई विजेता होता है. जब इस भावना से यह खेल खेला जाता है तो यह आनंद का सागर बन जाता है. सेक्स के खेल में छेड़छाड़, मनुहार, हंसी, आश्चर्य, नाटकीयता और भावुकता सब जायज है. सच तो यह है कि बिना नाटकीयता और  एक्साइटमेंट के यह खेल बिल्कुल नीरस लगता है.

वास्तव में सेक्स का हमारे मन और हमारे ख्यालों से बहुत गहरा रिश्ता है. आपमें कितनी ही शारीरिक उत्तेजना क्यों न हो, अगर मन किसी दूसरे काम या चिंता में फंसा हुआ है तो आप सेक्स नहीं कर सकते. करेंगे तो खुशी नहीं मिलेगी. इसलिए जब सेक्स करें तो उसमें खो जाएं. उस समय दीन-दुनिया के बारे में कुछ न सोचें. हर अदा की तरह सेक्स के भी दो रूप होते हैं. आप इसे नियंत्रित भी कर सकते हैं और बेकाबू होने पर आप इसके गुलाम भी हो सकते हैं. कहने का मतलब यह है कि सेक्स को दबाने की शक्ति तो आपमें होती है, लेकिन अगर यह बहुत प्रबल हो जाए तो किसी भी हाल में पार्टनर ढूंढ़ने लगता है.

सेक्स अगर दिल दिमाग पर हावी हो जाए और कोई वाजिब रास्ता ढूंढे न मिले तो रेप जैसे अपराध जन्म लेते हैं. सेक्स में जब दोनो पार्टनर की आपस में रजामंदी होती है तो आनंद की जबरदस्त लय बनती है. ऐसे कपल्स के बीच में ही प्रगाढ़ सेक्स संबंध बनते हैं. एक दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान के साथ किया गया सेक्स दो लोगों को एक ऐसी आत्मीयता की जंजीर से बांधता है जो जंजीर कभी नहीं टूटती. हालांकि सेक्स एक शारीरिक अभिव्यक्ति है, भूख है, पर सेक्स उत्पन्न केवल मन से होता है. मन स्वस्थ हेागा, तो सेक्स भी स्वस्थ होता है. शुरू में शारीरिक आकर्षण के चलते संबंध बनते हैं. लेकिन यदि मन के तार न मिले तो चेहरे चाहे कितने ही आकर्षक क्यों न हो, यह रिश्ता टूट जाता है.

मन के तार जब आपस में मजबूती से बंधे होते हैं तो हर बार के सेक्स संबंध मुकम्मल और संतुष्टि से भर देने वाले होते हैं. ज्यादातर पुरुषों में शीघ्रपतन और लिंग में तनाव न हो पाने की समस्या मानसिक तनाव के चलते ही आती है. 100 में 98-99 बार चेकअप के बाद पाया जाता है कि सब कुछ बिल्कुल ठीक है. लेकिन अगर पार्टनर के साथ प्यार भरे रिश्ते नहीं हैं तो दिल दिमाग में हमेशा एक धुकपुकी मची रहती है और इस धुकपुकी के चलते कुछ भी अच्छा नहीं होता, कई तरह की समस्याएं आ जाती हैं. इसलिए जब किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाएं उससे पहले उसके साथ दिल के, प्यार के और सम्मान के रिश्ते भी बनाएं.

एक संपूर्ण सुख से भरा संतुष्टिायक सेक्स तनाव से पूरी तरह मुक्ति दिलाता है. जबकि सेक्स से वंचित रहने पर या संतुष्टिदायक सेक्स न हासिल होने पर तनाव व चिड़चिड़ापन पैदा हो जाता है. अब आप सूरज और श्रद्धा की कहानी पर एक नजर दौड़ाएं. सूरज अभी अधेड़ नहीं हुए. लेकिन उनकी काया कह रही है कि जवानी उनका साथ छोड़ चुकी है. अधपके बाल, पिचके गाल, झुकी पीठ, बेहिसाब तोंद और ढीली लड़खड़ाहट भरी चाल. दरअसल, उनकी समस्या थी जबर्दस्त तनाव. दफ्तर में वे बारह से सोलह घंटे तक काम करते हैं. इसके बाद क्लब जाकर दो-तीन पैग पीते हैं. घर पहुंचते हैं रात में ग्यारह बजे के बाद. फिर जल्दी-जल्दी खाना और सोना. उनकी पत्नी श्रद्धा उनसे चैबीसों घंटे खफा रहती है.

श्रद्धा को लगता है कि उनके पति घर खर्च के पैसे देकर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं. बेटा अपनी दुनिया में मस्त है. वह इस साल 12वीं में गया है. बेटी 7वीं की छात्रा है. श्रद्धा के निजी जीवन में बहुत तनाव है. उसकी सूरज के साथ अकसर किसी न किसी बात पर लड़ाई होती रहती है. सूरज भी इन बातों से तनाव में रहता है. एक रोज सूरज आॅफिस में बाॅस से हुई तनातनी के बाद अपना इस्तीफा उनके टेबल पर फेंक आए.

ये सारी स्थितियां श्रद्धा और सूरज के दाम्पत्य जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रही हंै. अंत में दोनो ने मनोचिकित्सक की सलाह लेने में ही भलाई समझी. मनोचिकित्सक ने उनसे छूटते ही पूछा, ‘दोनो के रिश्ते कैसे हैं?’ इस पर सूजर अचकचा गया. सूरज भी खामोश रहा और श्रद्धा भी कुछ नहीं बोली. डाॅक्टर ने सवाल इस बार और भी सपाट शब्दों में पूछा आप दोनो के बीच कितने दिन में शारीरिक सम्बंध बनते हैं? सूरज को वह दिन याद करने में काफी मुश्किल हुई. श्रद्धा ने ही धीमे स्वर में कहा तकरीबन 4 महीने गुजर हैं. उस रोज भी वे ठीक से परफाॅर्म भी नहीं कर पाए थे. श्रद्धा ने अपनी असंतुष्टि भी जता दी थी.

डाॅक्टर ने अगला सवाल किया, ‘क्या अब आप सेक्स मेें बिलकुल भी रूचि नहीं लेते?’ सूरज को मजबूरन कहना ‘मैं इतना व्यस्त रहता हूं कि समय ही नहीं मिलता. ऊपर से हर वक्त तनाव बना रहता है. आॅफिस में भी और घर में भी. ऐसे में सेक्स करें, तो कैसें?’ डाॅक्टर ने जब उन्हें बताया कि नियमित सेक्स से वे तनाव से निजात पा सकते हैं, तो सूरज को विश्वास नहीं हुआ. इतनी टेंशन, इतनी कुंठा- सेक्स से कैसे दूर हो सकती है? लेकिन वे उन्हें यकीन दिलाते हैं कि जब शारीरिक सम्बंध निरंतर विकसित होते हैं, निजी जीवन से तनाव दूर भाग जाता है.

अच्छा और रोमांटिक सेक्स तभी संभव है जब आप खुशबू का दामन छूते हैं. कहने का मतलब यह है कि कुछ परफ्यूम या प्राकृत सुगंध ऐसी होती है जो महिलाओं और पुरुषों को सेक्सुअली उत्तेजित करती है. ऐसे में जरूरी है कि दम्पति अपने जीवन को रोमांस से भरने के लिए उनका सहारा ले ताकि सेक्स में भी मजा आता रहे और तनाव से भर दूर हो जाएं.

जब पार्टनर टालने लगे शादी की बात

आजकल की जिंदगी में अगर लड़के की गर्लफ्रेंड न हो और लड़की का बौयफ्रेंड न हो तो दोस्त एक-दूसरे का मज़ाक बना लेते हैं इसलिए ये तो आजकल आम बात हो गई वैसे भी जिंदगी का एक मोड़ ऐसा आता है जब हर किसी को एक पार्टनर की जरूरत होती है. और जब उसे वो पार्टनर मिल जाता है तो उसके साथ बहुत से सपने संजोने लगते हैं.

अगर लडकियों की बात करें तो लड़कियां इस मामले में ज्यादा इमोशनल होती हैं और साथ ही उनकी अपने पार्टनर से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें होने लगती हैं लेकिन जब उनका पार्टनर उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता तो वो अंदर से टूट जाती हैं लेकिन इन सब के बाद भी उनके अंदर एक उम्मीद होती है कि उनका पार्टनर उससे शादी जरूर करेगा लेकिन लड़के अक्सर शादी की बात को टालने लगते हैं लड़की जब भी इस बारे में बात करती हैं तो या तो बात को गोल-मोल घुमा देते हैं और या तो उस बात को पलट देते हैं या कहते हैं मैं अभी रेडी नहीं हूं उस वक्त लड़की को अनसिक्योर फील होता है जो कहीं न कहीं सही है.ऐसे में लड़कियों को कुछ सलाह है जो उन्हें करना चाहिए.

सबसे पहले तो आप एक लड़की हैं ये सोच कर कभी चुप मत रहिए.अगर आपको लगे की आपका पार्टनर शादी की बात टाल रहा है जरूर कुछ गड़बड़ है तो तुरन्त बिना वक्त गवाएं उससे फेस टू फेस बात करें और मामला क्लियर करें क्योंकि बिना क्लियर किए रिश्ता निभाना बहुत मुश्किल है. फिर भी अगर आपका पार्टनर इधर-उधर की बातें करे तो आपको उससे कड़ाई से ये सवाल करना चाहिए कि वो शादी के लिए तैयार है या नहीं.

अक्सर लड़कियां प्यार मोहब्बत की बातें सुनकर भावुकता में बह जाती हैं तो ऐसा बिल्कुल भी न करें अपनी जिंदगी को किसी पर निर्भर न होने दें और ना ही किसी उम्मीद को पलने दें क्योंकि जिंदगी कब क्या मोड़ लेले ये किसी को भी नहीं पता.आप खुद को इस तरह स्ट्रांग बनाए कि अगर आपका पार्टनर शादी न करें तो आप भी उसके पीछे अपना समय न गवाएं क्योंकि उसके छोड़कर जाने से आपकी जिंदगी खतम नहीं हो जाएगी.

जब आपको ये लगने लगे कि अब ज्यादा हो रहा है आपकी शादी वाली बात आपका पार्टनर सुनने के लिए रेडी नहीं हैं और अगर सुनने पर भी बार-बार टालता हैं तो आपको अपनी लाइफ में मूवऑन करना चाहिए
क्योंकि रिश्ता इसी तरह खतम हो जाता है. क्योंकि आप जितना उससे जुड़ी रहेंगी आपको बाद में उतनी ही तकलीफ होगी.

अगर आपको लगने लगे कि अब आपका पार्टनर आपमें दिलचस्पी नहीं ले रहा है और शादी की बातें भी नहीं करता तो उससे दूर हो जाना ही ज्यादा अच्छा होता है क्योंकि आपकी अपनी भी खुद की एक जिंदगी है जिसे आपको जीने का पूरा हक है अपनी जिंदगी को खुल कर बिना किसी दबाव के जीना चाहिए.

ऐसा नहीं है कि हर प्यार करने वाले पार्टनर धोखा देते हैं बल्कि कभी-कभी किसी की मजबूरी के कारण भी दो लोग अलग हो जाते हैं तो ऐसे में आपको ऐसा ही करना होगा और खुद को संभालना होगा अपनी
जिंदगी में आगे बढ़ना होगा.

बिना कंडोम फटे भी ठहर सकता है गर्भ, जानें कैसे करें बचाव?

बर्थ कंट्रोल के लिए आज सभी कंडोम से परिचित है. जिसका यूज सेक्स के दौरान अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए किया जाता है, लेकिन कई बार ऐसे केसेस भी सुनने को मिलते है कि कंडोम के इस्तेमाल के बावजूद भी गर्भ ठहर जाता है. कई बार सेक्स के दौरान कंडोम फट जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी का खतरा रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कंडोम का सही इस्तेमाल करने के बाद भी कई महिलाएं प्रेग्ननेंट हो जाती हैं.

वैसे तो बर्थ कंट्रोल के लिए सबसे बेहतर कंडोम माना जाता है, लेकिन कई बार ये तरीका भी फेल हो जाता है. डौक्टरों के मुताबिक कंडोम यूज करने पर भी प्रेग्नेंसी के चांसेज हो सकते हैं. चलिए जानते हैं, आखिर कंडोम  यूज करने के बाद भी प्रेग्नेंसी की संभावना क्यों होती है?

फेल हो जाते हैं कंडोम

एक्सपर्ट्स के मुताबिक सही समय में कंडोम का यूज न किया जाए, तो प्रेग्नेंसी के चांंसेज होते हैं, क्योंकि यह जानना भी जरुरी है कि प्री-कम में भी स्पर्म होते हैं. तो ऐसा नहीं है कि जब एजैक्युलेशन हो उससे ही गर्भ ठहरेगा. कंडोम फटने से भी गर्भ ठहर जाएगा.

जेब में न रखें कंडोम

एक्सपर्ट्स ये भी बताते हैं कि अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती हैं, तो उसके लिए आप कोई दूसरा कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वही, ठीक तरीके से पहनने से भी इसके फेल होने के चांसेज कम होते हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते है कि वॉलट, कार या अपनी जेब में रखे कंडोम यूज न करें. इन्हे ठंडी जगह पर ड्रॉर में रखना चाहिए. शरीर की गर्मी या फ्रिक्शन से इनके खराब होने का खतरा ज्यादा रहता है.

थीन कंडोम करें यूज

बचाव का एक सही तरीका ये भी है कि आप सेक्स के दौरान पर्याप्त संतुष्टि पाने के लिए एक्स्ट्रा थिन कंडोम या अल्ट्रा-थिन कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरह के कंडोम इस्तेमाल करने पर इसके होने का अहसास भी नहीं होता.

ये सेक्स पौजिशन पड़ सकती है पुरुषों को भारी

सेक्स का भरपूर आनंद लेने के लिए कई तरह की पौजिशन का जिक्र किया गया है, वूमन औन टौप उन्हीं में से एक है. कई पुरुषों की ये पसंदीदा पौजिशन होती है और उन्हें महिलाओं को ऊपर (वूमन औन टौप) रखने से अधिक आनंद की अनुभूति होती है, लेकिन ऐसा करना पुरुषों के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है और हो सकता है कि वे कभी सेक्स कर भी न पाएं.

दरअसल वूमन औन टौप पौजिशन में पुरुषों के जननांग (penis) में फ्रैक्चर (पेनाइल फ्रैक्चर) होने का अंदेशा रहता है. रिसर्च के अनुसार पेनाइल फ्रैक्चर के अधिकांश मामले इसी सेक्स पोजिशन के कारण सामने आते हैं.

वूमन औन टौप पोजिशन सबसे खतरनाक : रिसर्च

कनाडा के एक रिसर्च दल के मुताबिक वूमन औन टौप पौजिशन सबसे खतरनाक सेक्स पौजिशन है, जिससे हमेशा पेनाइल फ्रैक्चर का खतरा बना रहता है.  इस अध्ययन के लिए ब्राजील के शहर कैंपिनास के तीन अस्पतालों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया. इस दौरान उन्होंने 13 साल के टाइम पीरियड में संदिग्ध पेनाइल फ्रैक्चर के शिकार लोगों का इंटरव्यू लिया. इनमें से आधे लोगों ने कहा कि पेनिस में दर्द महसूस होने से पहले उन्हें टूटने की आवाज सुनाई दी. जबकि कुछ ने सूजन होने की भी बात कही.

खतरा क्यों होता है

रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है कि वूमेन औन टौप पोजिशन में प्राय: महिला अपने पूरे वजन के साथ गति को नियंत्रित करती है. इस दौरान लिंग के गलत दिशा में अचानक प्रवेश से पेनाइल फ्रैक्चर होता है. साथ ही कहा गया कि वहीं इसके उलटे इसी पौजिशन में जब गति का नियंत्रण पुरुष के हाथ में होता है तो पेनाइल फ्रैक्चर की संभावना कम हो जाती है.

सेक्स के समय ध्यान रखें कहीं गर्भ न ठहर जाए

आजकल के युवा जितनी जल्दी फ्रैंडशिप करते हैं उतनी ही जल्दी रिलेशन भी बना लेते हैं, जिस का नुकसान उन्हें ताउम्र भुगतना पड़ सकता है. कई बार तो सावधानी बरतने के बावजूद गर्भ ठहर जाता है और उन्हें समझ नहीं आता कि क्या करें, किस से सलाह लें. ऐसे में घर में पता चलने के डर से व समाज में बदनामी से बचने के लिए वे कैमिस्ट से ऐबौर्शन पिल्स ले आते हैं जिस के उन के शरीर पर घातक परिणाम भी देखने को मिलते हैं. कई बार तो जान जाने का खतरा बन जाता है. ऐसे में जरूरत है यह समझने की कि यहां तक नौबत ही न आए और अगर आ भी गई है तो डरें नहीं बल्कि प्रौब्लम को फेस करें और किसी अनुभवी डाक्टर से संपर्क कर के ही ऐबौर्शन करवाएं.

इस संबंध में फोर्टिस हौस्पिटल की सीनियर गाइनोकोलौजिस्ट डा. बंदिता सिन्हा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि भारत में अविवाहित युवतियों के ऐबौर्शन के केसेज पहले की तुलना में काफी बढ़े हैं, क्योंकि आज वे जल्दीजल्दी पार्टनर चेंज करने में विश्वास करने लगे हैं. ऐसे में वे खुद की फीलिंग्स पर कंट्रोल नहीं कर पाने के कारण जोश में आ कर होश खो बैठते हैं जिस से उन के सामने जटिल परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है और वे इस से नजात पाने के लिए जहां कहीं से भी ऐबौर्शन पिल्स अरेंज करते हैं, चाहे इस के लिए कितने ही पैसे खर्च हों, वे देने के लिए तैयार रहते हैं.

इतना ही नहीं कईर् डाक्टर्स भी इस स्थिति का फायदा उठा कर मरीज से ढेरों रुपए ऐंठने में नहीं सकुचाते. इन्हीं सब बातों को देखते हुए पिछले 3-4 साल से सरकार ने ऐबौर्शन पर बैन लगाया है कि अगर कोई भी डाक्टर ऐबौर्शन करते हुए या फिर एमटीपी पिल्स देते पकड़ा गया तो उस का लाइसैंस रद्द कर दिया जाएगा. आप सिर्फ एमटीपी मान्यता प्राप्त नर्सिंग होम और अस्पताल में ही गर्भपात करवा सकते हैं.

रोक का खास कारण यह भी

पुरुष प्रधान देश में यही माना जाता है कि अगर वंश को आगे बढ़ाना है तो उस के लिए परिवार में पुत्र का जन्म होना बहुत जरूरी है. ऐसे में जब परिवार वालों को सोनोग्राफी के माध्यम से यह पता चलता है कि गर्भ में बेटी है तो वे डाक्टर को मुंहमांगी रकम दे कर ऐबौर्शन करवाने के लिए तैयार हो जाते हैं. इसी का नतीजा है कि हरियाणा के 70 गांवों में पिछले कुछ सालों से लड़कियों ने जन्म नहीं लिया. आंकड़े इसी ओर इशारा करते हैं कि वहां पता लगते ही कि गर्भ में लड़की है, ऐबौर्शन करवा दिया जाता है.

लेकिन फिर भी कुछ स्थितियों में युवतियों व महिलाओं को बिना परेशानी के ऐबौर्शन कराने का अधिकार है, जो हैं :

–      अगर युवती या महिला जबरदस्ती किसी के यौन शोषण का शिकार हुई है और वह इस बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती तो उसे ऐबौर्शन करवाने का पूरा अधिकार है.

–   यदि इस से महिला या युवती के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो.

–      अगर यह पता लगे कि गर्भ में  पल रहे बच्चे का विकास सही ढंग से नहीं हो रहा और उसे 9 माह तक गर्भ में रखना सही नहीं है, तो ऐसी स्थिति में भी ऐबौर्शन करवाया जा सकता है. इसे डाक्टरी भाषा में मैडिकल टर्मिनेशन औफ प्रैग्नैंसी कहते हैं.

क्या है मैडिकल टर्मिनेशन औफ प्रैग्नैंसी

एमटीपी प्रक्रिया, जिस में डाक्टर की देखरेख में ऐबौर्शन को अंजाम दिया जाता है, को हर डाक्टर अंजाम नहीं दे सकता. सिर्फ अनुभवी गाइनोकोलौजिस्ट या सिर्फ वे डाक्टर्स जिन्होंने एमटीपी की ट्रेनिंग ली होती है, इसे अंजाम दे सकते हैं, क्योंकि वे जरूरत पड़ने पर अपने अनुभव के बल पर स्थिति को संभाल सकते हैं.

डाक्टरी देखरेख में ऐबौर्शन 2 तरीके से होते हैं :

ऐबौर्शन पिल्स

इस तरीके से ऐबौर्ट करने के लिए सब से पहले यह देखा जाता है कि कितने माह का गर्भ है. अगर गर्भ 6 से 8 सप्ताह के बीच है तो उसे पिल्स द्वारा रिमूव किया जा सकता है और इस का पता लगाने के लिए डाक्टर अल्ट्रासाउंड करता है. एमटीपी पिल डाक्टर की सलाह पर ही दी जाती है. यह पिल असल में गर्भाशय से पदार्थ को बाहर निकालने का काम करती है.

डाक्टर बताते हैं कि दवाएं कितने समय के अंतराल में लेनी हैं, क्योंकि जरा सी लापरवाही पूरे कोर्स को खराब कर सकती है. सिर्फ  दवाएं लेने से ही काम पूरा नहीं होता बल्कि डाक्टर 15 दिन के बाद अल्ट्रासाउंड के लिए बुलाता है जिस से करंट सिचुएशन के बारे में पता चल जाता है. अगर कोई पीस वगैरा रह गया होता है तो इस प्रोसैस को पुन: दोहराया जाता है या फिर सर्जरी से बाहर निकाला जाता है.

सर्जरी से

इस में बेहोश कर के ऐबौर्शन किया जाता है. इसे तब किया जाता है जब 8 सप्ताह से ज्यादा का गर्भ हो चुका होता है, क्योंकि इस के बाद पिल्स असर नहीं करतीं. इसे डाइलेशन ऐंड क्रूटेज प्रोसैस कहते हैं. इस में आप डाक्टर्स की देखरेख में रहते हैं और आप को प्रौपर केयर मिलती है. यह काफी सेफ प्रोसैस माना जाता है.

डाक्टर से करवाना क्यों फायदेमंद

गर्भपात के लिए कैमिस्ट वगैरा से दवा लेना हानिकारक होता है क्योंकि उन्हें आप की इंटरनल स्टेज के बारे में तो पता नहीं होता, इसलिए कौंप्लिकेशंस पैदा होने का भय रहता है. इस से आप की जान भी जोखिम में पड़ सकती है. कभीकभी ओवर ब्लीडिंग होने से सिचुएशन आउट औफ कंट्रोल भी हो सकती है. इसलिए जरूरी है डाक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें.

अगर आप को अस्थमा, एनीमिया वगैरा की शिकायत है तो डाक्टर चैकअप के बाद ही बताते हैं कि गोली देना सही रहेगा या नहीं. यहां तक कि सर्जरी के वक्त कंसर्ल्ट फौर्म भी भरवाया जाता है, जिस में पूरी जानकारी दी जाती है. यह भी बताया जाता है कि आप को औपरेशन के कितने दिन बाद दिखाने के लिए आना है. इस से आप काफी सेफ रहते हैं.

ऐबौर्शन के बाद क्या क्या सावधानियां बरतें

  –  इस दौरान भारी चीजें उठाने व झुकने वगैरा से थोड़े समय तक परहेज करना चाहिए.

– किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन भूल कर भी न करें.

– डाइटिंग न करें, क्योंकि इस दौरान लंबे समय तक भूखे रहना सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है.

–  एकदम से सैक्स न करें, खुद को थोड़ा समय दें, क्योंकि कई बार ऐसा करने से दोबारा प्रैग्नैंसी का खतरा बन जाता है.

–  इस समय आप जितना अच्छा खाएंगी व अच्छा सोचेंगी उतनी ही जल्दी फिट हो पाएंगी.

कही आप भी तो नहीं कर रहे प्रेग्नेंसी में बिना कंडोम के सेक्स

प्रेग्नेंसी नारी जीवन की ऐसी अवस्था है जिसमें एक महिला को जितना ध्यान अपने खानपान पर देना होता है उतना ही अपने लाइफस्टाइल पर भी देना होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस तरह से एक आम महिला और एक गर्भवती महिला की संरचना में काफी अंतर होता है. ठीक उसी तरह एक ​महिला के गर्भवती होते ही उसका लाइफस्टाल भी अन्य महिलाओं से अलग हो जाता है. लेकिन कई बार महिलाएं इसे जल्दी से स्वीकार करने से परहेज करती हैं और अपनी मस्ती में रहती हैं. उन महिलाओं को शायद इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उनकी इन हरकतों का सीधा असर उनके शिशु पर पड़ रहा है.

सेक्स हर व्यक्ति की जिंदगी का वो पल होता है जिसे करते वक्त बेहद आनंद और खुशी मिलती है. प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करना अन्य अवस्थाओं से बहुत अलग होता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि गर्भवती महिला को सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए.

अक्सर लोग ये सोचते हैं कि प्रेग्नेंसी के वक्त अगर वो बिना कंडोम के सेक्स करते हैं तो कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि जब एक महिला प्रेग्नेंट है तो फिर ना तो गर्भवती होने के चांस रहते हैं और ना ही वैजाइना में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो ये आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि गर्भावस्था में कंडोम के बिना सेक्स करने से एसटीडी, एड्स, वैजाइनल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे मां और शिशु दोनों को गहरा खतरा होने के चांस रहते हैं.

प्रेगनेंसी के दौरान सर्विक्स म्यूकल प्लग से बंद हो जाता है जिससे गर्भाशय में स्पर्म घुस नहीं पाते हैं. जिसके चलते वैजाइना के अलावा शरीर के दूसरे अंगों में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. प्रेग्नेंसी के वक्त इस बात का खास ध्यान रखें कि भूल कर भी कंडोम के बिना सेक्स ना करें.

प्रेग्नेंसी के चलते अगर आप एसटीडी के उपचार के लिए कोई दवा लेते हैं तो ये आपके शिशु के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. प्रेग्नेंट महिला को एसटीडी के अलावा क्लामिडिया, सिफिलिस, हर्पिस, हेपाटाइटिस बी, ग्रोनोरियाम, एचआईवी/एड्स हो सकता है. इसका सीधा असर डिलीवरी के वक्त मां और शिशु दोनों पर पड़ता है. ध्यान रखें कि प्रेंग्नेसी की प्लानिंग से पहले ही अपना एसटीडी और अन्य चेकअप करा लें. क्योंकि प्रेग्नेंसी के वक्त इसके लक्षणों की पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है.

मेरा मन अपने बौयफ्रेंड को किस करने का करता है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 14 साल की हूं, दिल्ली में रहती हूं. कुछ दिन पहले मेरी और मेरे ट्यूशन में पढ़ने वाले लड़के की बातचीत होनी शुरू हुई. वह और मैं एकदूसरे को बहुत पसंद करते हैं. वह 15 साल का है, बहुत स्मार्ट और इंटैलिजैंट भी है. उस की और मेरी बात होनी शुरू हुई तो हमें एकदूसरे की फीलिंग्स का पता चला. हम दोनों ही एकदूसरे को चाहते थे. सो, रिलेशनशिप में आ गए.

यह हम दोनों की पहली रिलेशनशिप है, इसलिए अब तक हम किसी भी तरह से फिजिकली क्लोज नहीं आए हैं. लेकिन, मैं उसे किस करना चाहती हूं, गले लगाना चाहती हूं, पर मैं बहुत डरती हूं कि उसे कैसे बताऊं या पूछूं.

हम कभी किसी अकेली जगह पर पहले मिले नहीं और उस ने मुझे सामने से किस के लिए कभी पूछा भी नहीं. क्या मुझे उस से पूछना चाहिए या इस के लिए आगे बढ़ना चाहिए?

जवाब-

इस उम्र में आप का फोकस आप का बौयफ्रैंड या उस को किस करना नहीं होना चाहिए बल्कि आप की पढ़ाई होनी चाहिए. किस करने को तो आप कर लेंगी लेकिन उस के बाद होगा क्या, वह भी जान लीजिए. 14 साल की उम्र और पहलापहला प्यार अकसर ऐसे होते हैं कि इन में हुई चीजें हमारे मनमस्तिष्क पर गहरा असर छोड़ जाती हैं.

आप किस करेंगे और एक महीने तक इसी खुशी में घूमते रहेंगे, फिर बारबार किस करने का मन करने लगेगा और पढ़ाई से ध्यान खुदबखुद हट जाएगा. इस के बाद कल को यदि लड़ाई हो गई तो उस गम में न पढ़ाई होगी न चैन आएगा. जिंदगी जितनी सुकूनभरी अभी है, किस के बाद नहीं रहेगी. बेहतर यही होगा कि चीजें स्लो पेस पर चलने दें और अपनी इच्छाओं को कुछ समय के लिए मन में दबा लें. पहले पढ़ाई और कैरियर पर फोकस करें. अभी तो पूरी जिंदगी पड़ी है किस करने और रिलेशनशिप में आने के लिए. इस के लिए आप को इंतजार नहीं करना पड़ेगा. वक्त के साथ यह सब होता चला जाएगा. चिंता मत करिए.

मुहब्बत पर सेक्स का कब्जा क्यों?

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए.

कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

एकतरफा नहीं, दोनों की मंजूरी से Enjoy करें सेक्स

पार्टनर के साथ संबंध बनाना एक सुखद अनुभूति प्रदान करता है. लेकिन इसमें आनंद के लिए शारीरिक जुड़ाव के साथसाथ भावनात्मक लगाव होना भी बहुत जरुरी होता है तभी इसका जी भरकर मज़ा लिया जा सकता है. लेकिन कई बार पार्टनर को सेक्स के दौरान इतना अधिक दर्द महसूस होता है कि वे सेक्स से कतराने लगती है और यह पल उसके लिए खुशी देने के बजाए दर्द देने वाला एहसास बनकर रह जाता है. ऐसे में अगर आप इस पल का बिना किसी रूकावट आनंद लेना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स.

1. लुब्रीकेंट से लें मजा

प्लेज़र के लिए कुछ भी करने से शर्माए नहीं बल्कि वो सब करें जिससे दोनों को मज़ा आए और आप उस पल को याद कर पूरा दिन खुद को फ्रेश फील कर सकें. जैसे आप लुब्रीकेंट का इस्तेमाल करें. ये आपको जेल फौर्म, सिलिकौन फौर्म या ऑयल बेस्ड फौर्म में मिल जाएगा. इसे सेक्स के दौरान महिला व पुरुष दोनों इस्तेमाल कर सकते है. इसके इस्तेमाल से पेनिटेशन के दौरान वेजिना सेक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है. क्योंकि इससे खिंचाव व इरिटेशन जो कम होती है. कई महिलाओं को सेक्स के दौरान यह समस्या आती है कि उनकी वेजिना ड्राई हो जाती है. ऐसा अक्सर एस्ट्रोजन लेवल के कम होने के कारण होता है.

2. दोनों का मूड होना जरूरी

सेक्स का आनंद तभी भरपूर लिया जा सकता है जब दोनों की मरज़ी हो वरना सेक्स एकतरफा बनकर रह जाता है. इसके लिए जब आप पार्टनर के करीब जाएं तो उसकी इच्छा व मूड जानें. अगर लगे कि मूड सेक्स के अनुकूल है तो सेक्स आपको वो मज़ा दे देगा जिसकी आपको इच्छा थी. यकीन मानिये ये अनुभूति आपको दर्द का अनुभव भी नहीं होने देगी.

3. माहौल हो अनुकूल

शादी के बाद कपल हनीमून पर बेहतर जगह व माहौल में एकदूसरे के करीब आने के साथ एकदूसरे को जानने की कोशिश करते हैं और उनके ये दिन उनकी ज़िन्दगी के यादगार पल बन जाते हैं. ऐसे में जब भी आप पार्टनर के साथ संबंध बनाएं और उसे यादगार बनाना चाहे तो ध्यान रखें कि कमरे का माहौल खुशनुमा व सैक्स के अनुकूल हो. इससे पार्टनर दिल से उस पल को एन्जॉय कर पाएगा. और यह सभी जानते हैं कि जो चीज़ दिल से महसूस होती है उसमें दर्द की नहीं बल्कि प्यार की अनुभूति होती है.

4. करें प्यार से शुरुआत

सेक्स के लिए लुब्रिकेशन बहुत जऱूरी होता है और इसके लिए पहले पार्टनर के साथ आप शारीरिक जुड़ाव बनाएं. जैसे उसके हाथपैरों पर स्पर्श आदि करें . इससे पार्टनर सेक्स के लिए तैयार हो जाता है और फिर पार्टनर के साथ सेक्स का जो मज़ा आता है उसका कहना ही क्या.

5. प्यारप्यारी बातों से लाएं करीब

जब भी आपका सेक्स का मूड हो तो अपने पार्टनर से प्यार भरी बातें करें. जैसे तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो, तुम्हारे हाथ कितने सौफ्ट हैं , तुम्हे तो आज जी भरकर देखने को दिल कर रहा है. आपकी ऐसे बातें न चाहते हुए भी उसे सेक्स करने के लिए मजबूर कर देगी और वे खुद ब खुद आपके करीब आने को मज़बूर हो जाएगी. आप भी तो यही चाहते है न.

मेरा बॉयफ्रेंड दूसरी लड़कियों से भी बात करता है, क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

सवाल

मैं कालेज में पढ़ती हूं. मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है और हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पर वह लड़का दूसरी लड़कियों से भी बात करता है. क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

जवाब

शादी से पहले यह सबकुछ हो जाना खासतौर से लड़कियों के लिए ठीक बात नहीं है. दूसरी लड़कियों से बात करने का यह मतलब तो नहीं कि आप का प्रेमी अब आप से प्यार नहीं करता है. बेवजह के शक को दिल में जगह न बनाने दें और उस लड़के से खुल कर बात करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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