मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या मासिकधर्म के दौरान संबंध बनाने से गर्भ ठहर सकता है?

सवाल
मैं 21 वर्षीय युवती हूं, मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस के साथ मेरे शारीरिक संबंध भी हैं. हाल ही मासिकधर्म के दौरान मैं ने बौयफ्रैंड के साथ शारीरिक संबंध बनाए लेकिन हम ने कोई गर्भनिरोधक उपाय नहीं अपनाया. अब मैं इस बात को ले कर चिंतित हूं कि कहीं मैं गर्भवती न हो जाऊं. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या मासिकधर्म के दौरान संबंध बनाने से गर्भ ठहर सकता है. वैसे मेरा मासिकधर्म संबंध बनाने के बाद हो चुका है.

जवाब
सामान्य तौर पर मासिकधर्म के दौरान शारीरिक संबंध बनाने पर गर्भ ठहरने की संभावना नहीं होती है. लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप की माहवारी नियमित है या नहीं. अगर माहवारी नियमित हो तो गर्भ ठहरने की संभावना कम होती है. लेकिन गर्भ ठहरने की संभावना को पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता. क्योंकि अगर आप की माहवारी अनियमित हो और अंडाणु का विसर्जन अनियमित समय से हो जाए और उसी समय मासिकधर्म भी हो रहा है तो गर्भधारण की संभावना भी हो सकती है.

अगली बार ऐसा कुछ करने से पूर्व गर्भनिरोधक उपाय अवश्य अपना लें ताकि प्रैगनैंसी, एसटीडी और एड्स जैसी बीमारियों से बचाव हो सके. वैसे, वर्तमान स्थिति में आप का मासिकधर्म संबंध बनाने के बाद सामान्य हो चुका है तो घबराने की कोई बात नहीं है.

मासिक धर्म या माहवारी कुदरत का दिया हुआ एक ऐसा तोहफा है, जो किसी लड़की या औरत के मां बनने का रास्ता पक्का करता है. इस की शुरुआत 10 साल से 12 साल की उम्र में हो जाती है, जो  45 साल से 50 साल तक बनी रहती है. इस के बाद औरतों में रजोनिवृत्ति हो जाती है. इस दौरान उन्हें हर महीने माहवारी के दौर से गुजरना होता है. अगर वे अपने नाजुक अंग की समुचित साफसफाई न करें, तो तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं.

हमारे समाज में आज भी माहवारी के 4-5 दिनों तक लड़कियों व औरतों के साथ अछूत जैसा बरताव किया जाता है. यही नहीं, ज्यादातर लड़कियां और औरतें इस दौरान परंपरागत रूप से कपड़े का इस्तेमाल करती हैं और उसे धो कर ऐसी जगह सुखाती हैं, जहां किसी की नजर न पड़े.

सेहत के नजरिए से ये कपड़े दोबारा इस्तेमाल करने के लिए ठीक नहीं हैं. इस का विकल्प सैनिटरी नैपकिन हैं, लेकिन  महंगे होने की वजह से इन का इस्तेमाल केवल अमीर या पढ़ीलिखी औरतों तक ही सिमटा है.

आज भी देश के छोटेछोटे गांवों और कसबों की लड़कियां और औरतें सैनिटरी नैपकिन के बजाय घासफूस, रेत, राख, कागज या कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं.

एक सर्वे के मुताबिक, 80 फीसदी औरतें और स्कूली छात्राएं ऐसा ही करती हैं. इन में न सिर्फ अनपढ़, बल्कि कुछ कामकाजी पढ़ीलिखी औरतें भी शामिल हैं.

फिक्की लेडीज आर्गनाइजेशन की सदस्यों द्वारा किए गए सर्वे में ऐसी बातें सामने आई हैं. संस्था की महिला उद्यमियों ने गांवों और छोटे शहरों में स्कूली छात्राओं और महिला मजदूरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सब्जी बेचने वाली औरतों से बात की. उन से पूछा गया कि वे सैनिटरी हाईजीन के बारे में क्या जानती हैं?

कसबों में स्कूली बच्चियों से पूछने पर यह बात सामने आई कि कई लड़कियां हर महीने इन खास दिनों में स्कूल ही नहीं जातीं. कई मामलों में तो लड़कियों ने 5वीं जमात के बाद इस वजह से पढ़ाई ही छोड़ दी.

गांवदेहात की 38 फीसदी लड़कियां माहवारी होने की वजह से 5वीं जमात के बाद स्कूल छोड़ देती हैं. 63 फीसदी लड़कियां इस दौरान स्कूल ही नहीं जातीं. 16 फीसदी स्कूली बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन की जानकारी नहीं है. 93 फीसदी पढ़ीलिखी व कामकाजी औरतें भी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करतीं.

चूंकि यह निहायत निजी मामला है और स्कूली छात्राओं में झिझक ज्यादा होती है, इसलिए महिला और बाल विकास के कार्यकर्ताओं द्वारा इस संबंध में स्कूलों में जा कर इन खास दिनों में बरती जाने वाली साफसफाई के बारे में समझाना चाहिए.

फिक्की लेडीज आर्गनाइजेशन द्वारा अनेक स्कूलों में नैपकिन डिस्पैंसर मशीनें लगाई गई हैं. इन मशीनों से महज 2 रुपए में नैपकिन लिया जा सकता है.

मध्य प्रदेश के कई स्कूलों में भी एटीएम की तरह सैनिटरी नैपकिन की मशीनें लगाई गई हैं, जहां 5 रुपए का सिक्का डालने पर एक नैपकिन निकलता है. ये सभी वे स्कूल हैं, जहां केवल लड़कियां ही पढ़ती हैं.

अगर माहवारी के दिनों में पूरी साफसफाई पर ध्यान न दिया जाए, तो पेशाब संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. राख, भूसे जैसी चीजें इस्तेमाल करने के चलते औरतों को कटाव व घाव हो सकते हैं. लंबे समय तक ऐसा करने से बांझपन की समस्या भी हो सकती है.

सर्वे के दौरान कुछ ऐसे परिवार भी मिले, जहां एक से ज्यादा औरतें माहवारी से होती दिखाई दीं. सासबहू, मांबेटी, बहनबहन, ननदभाभी जब एकसाथ माहवारी से होती हैं और अपने अंगों पर लगाए गए कपड़ों को धो कर सुखाती हैं, तो बाद में यह पता लगाना बड़ा मुश्किल हो जाता है कि कौन सा कपड़ा किस का इस्तेमाल किया हुआ था? ऐसे में अगर ठीक से कपड़ा नहीं धुला, तो दूसरी को इंफैक्शन हो सकता है.

माहवारी के दौरान गर्भाशय का मुंह खुला होता है. इन दिनों अगर साफसफाई का ध्यान नहीं रखा जाए, तो इंफैक्शन होने का खतरा रहता है.

माहवारी के दिनों में घरेलू कपड़े के पैड के बजाय बाजारी पैड का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कपड़े के पैड की तुलना में बाजारी पैड नमी को ज्यादा देर तक सोखता है, घाव नहीं करता व दाग लगने के डर से बचाता है.

माहवारी के दिनों में नहाना बहुत जरूरी है, खासकर प्रजनन अंगों की साफसफाई का ध्यान रखना चाहिए. पैंटी को भी रोजाना बदलना चाहिए.

माहवारी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले बाजारी पैड को कागज में लपेट कर कूड़ेदान में डालें. इन्हें पानी के साथ न बहाएं और न ही खुले में डालें.

इस में कोई शक नहीं है कि अच्छी या नामीगिरामी कंपनियों के सैनिटरी नैपकिन काफी महंगे आते हैं. एक दिन में 4-5 पैड लग जाते हैं. यह खर्च उन के बजट से बाहर है. इस के अलावा उन्हें दुकान पर जा कर इसे खरीदने में भी शर्म आती है.

लड़कियों और औरतों की सेहत की खातिर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को चाहिए कि वे सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली कंपनियों को अनुदान दे कर इस की लागत इतनी कम कर दें कि एक या 2 रुपए में वह मिलने लगे. यह औरतों और लड़कियों की भलाई की दिशा में एक अच्छा कदम होगा.

मैंने अपने ही कालेज के एक छात्र के साथ संबंध बनाए हैं, पर फिर भी मैं उसे नहीं पा सकी, क्या करूं?

सवाल
मैं ने फेसबुक के जरिए अपने ही कालेज के तृतीय वर्ष के एक छात्र से दोस्ती की. फिर वह मुझे रोज विश करने लगा. कुछ समय बाद हम कालेज में भी मिलने लगे और हमारे बीच रिलेशन बन गया, लेकिन उस के बाद उस की दिलचस्पी मुझ में कम दिखती है.

मैं उसे मिलने को कहूं तो पढ़ाई में हर्ज का बहाना बनाता है. फोन करूं तो उठाता नहीं. खुद मिलने जाऊं तो भी ज्यादा देर बात नहीं करता, जबकि मैं सब लुटा कर भी उसे नहीं पा सकी, क्या करूं समझ नहीं आता?

जवाब
आप का प्यार शुरू से ही एकतरफा रहा है, जिसे आप प्यार समझ रही हैं वह तो सिर्फ वासना है. आप ने अपनी तरफ से पहल की क्योंकि आप के मन में उस के प्रति आकर्षण था लेकिन उसे समझ नहीं पाईं कि उस के मन में क्या है. जाहिर है उस के मन में आप के शरीर के प्रति आकर्षण था जिसे आप के एकतरफा प्यार ने हवा दी और उस ने लपक लिया. अब इसी कारण वह आप से कटता फिर रहा है. अब भी देर नहीं हुई है, संभल जाइए.

अपना मन पढ़ाई में लगाइए व खुद को इस प्रेम से अलग कर लीजिए. अगर फिर भी बात न बने तो दूसरा साथी ढूंढि़ए, हां, भूल कर भी तनाव में न आएं व खुदकुशी आदि की तरफ न बढ़ें. कैरियर व कंपीटिशन की तरफ रुख करेंगी तो स्वत: ही इस ओर से ध्यान हटेगा. सुनहरा कैरियर बनेगा तो उस जैसे हजारों पलकें बिछाए खड़े मिलेंगे.

कहते हैं प्यार जब अपनी ऊंचाइयों पर पहुंचता है तो वह अपनी सारी हदें पार कर जाता है और इन हदों के परे सबकुछ एकाकार हो जाता है, चाहे वह मन हो या फिर तन. प्रेम में शारीरिक मिलन अकसर एक चुंबक की तरह काम करता है. तमाम नाकाम कोशिशों के बावजूद मिलन के इस आकर्षण से बचा नहीं जा सकता. म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग के साथ शुरू हुए इस रिश्ते में शुरू में तो खूब गर्माहट होती है, मरमिटने के कसमेवादे होते हैं, पर वक्त के साथसाथ ये सब फीके पड़ने लगते हैं, जब तक इसे संसर्गता की डोर से बांधा न जाए. अधिकतर प्लैटोनिक रिश्ते एक मोड़ पर आ कर टूट जाते हैं, बशर्ते वे किसी कमिटमैंट के साथ शुरू न किए गए हों.

ऐसा भी नहीं है कि सैक्सुअल बौंडिंग, लवबौंडिंग को बनाए रखने की एक अहम कड़ी है, पर हां, प्रेम की ताजगी को बनाए रखने के लिए शारीरिक संबंध बनाना बहुत जरूरी है. यदि एक स्त्री और पुरुष के बीच प्रेम है तो वह तब तक लगातार बना रहेगा जब तक उन में शारीरिक संबंध जारी रहेंगे. इसलिए अगर आप प्रेम करते हैं तो सहवास के लिए भी तैयार रहें. कभी भी अपने मन में कुंठा न पालें कि आप गलत कर रही हैं. वैसे भी प्यार में शारीरिक निकटता स्वाभाविक है. इस में कुछ भी अनैतिक नहीं है. हां, पर यह जरूरी है कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर की लोआयलिटी टैस्ट जरूर कर लें. रिश्तों की मजबूती व स्वयं की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है कि आप अपने पार्टनर को ठीक से जानसमझ लें.

फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले इन बातों का खयाल जरूर रखें :

–       फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले ट्रस्ट बिल्डिंग ऐक्सरसाइज जरूर करें.

–       फिजिकल रिलेशन आपसी रजामंदी पर निर्भर करते हैं इसलिए अपने पार्टनर पर एकतरफा दबाव न बनाएं.

–       फिजिकल बौंडिंग आप की रिलेशनशिप को सिर्फ स्मूद और स्ट्रौंग बनाती है, लेकिन यह लौंग लास्टिंग रिलेशन की कतई गारंटी नहीं देती. इसलिए सोचसमझ कर कदम बढ़ाएं.

–       फिजिकल रिलेशन आप के लवमेकिंग प्रोसैस को मजबूती प्रदान करते हैं पर इस के अच्छे और बुरे परिणाम के बारे में जरूर जानें. कभीकभी ज्यादा फिजिकल होना भी रिश्ते के लिए नुकसानदेह साबित होता है.

–       प्रेम की आड़ में शारीरिक संबंध बनाना कई युवकों का शगल होता है इसलिए अपने पार्टनर को परखें, जल्दबाजी न करें. कई बार फिजिकल होने के बाद युवकों का इंटरैस्ट खत्म हो जाता है और वे पार्टनर को नजरअंदाज करने लगते हैं, इसलिए इस हैबिट को रूटीन में लाने से पहले पार्टनर की ब्रेन मैपिंग जरूर करें.

–       अपनी सुरक्षा का पूरा खयाल रखें.  संबंध बनाते समय कंट्रासैप्टिक का इस्तेमाल जरूर करें.

प्रेम में यदि धोखा मिलना होगा तो मिलेगा ही, चाहे आप अपने पार्टनर के साथ फिजिकल हों या प्लैटोनिक, पर इस बात की तो पक्की गारंटी है कि फिजिकल रिलेशन आप के प्रेम को टिकाऊ और लचीला बनाता है और यह भी सही है कि प्लैटोनिक लव को ज्यादा लंबा नहीं खींचा जा सकता. प्रेम करने वालों को सैक्स का आकर्षण अपनी ओर खींच ही लेता है और क्या पता यही सैक्स आप के प्रेम के लिए टौनिक का काम कर जाए. लेकिन ध्यान रखें कि जिस्म की यह जरूरत कहीं वासना न बन जाए. कहीं इस की आड़ में आप का शोषण न हो.

आपसी समझ और साझेदारी ही दीर्घ रिश्ते की गारंटी है. आप अपने प्रेम को बनाए रखना चाहती हैं तो उस में सैक्स का फैवीकोल तो मिलाना ही पड़ेगा. प्रेम है तो सैक्स है और सैक्स है तो प्रेम जिंदा है, यही आज का फलसफा भी है.

मेरी पत्नि मेरे साथ नहीं रहती क्या करूं?

सवाल

मैं 30 साल का हूं. मेरी शादी को 10 साल हो चुके हैं और मेरे 3 बच्चे भी हैं. मेरी पत्नी मायके में ही रहती है और मेरे पास आने से मना करती है. अगर मैं उस से तलाक मांगता हूं तो वह मना कर देती है. इस समस्या का क्या हल हो सकता है?

जवाब

यह सच है कि आप की पत्नी आप के साथ ज्यादती कर रही है. अच्छा होगा कि आप तलाक के लिए अदालत का सहारा लें. शादी के 10 साल बाद पत्नी के मायके में रहने की जिद गले नहीं उतरती है. आप उस के घर वालों से भी बात करें कि वह क्यों आप के साथ नहीं रहना चाहती है और वे क्यों बेटी की गृहस्थी बरबाद कर रहे हैं.

आप उस की घर वापसी के लिए भी मुकदमा दायर कर सकते हैं. सवाल बच्चों के भविष्य का भी है.

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जानिए आखिर महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं

महिलाएं किसी पुरुष को आखिर क्‍यों पसंद करती हैं? और ऐसी कौन सी खास बात है जिससे प्रभावित होकर वह किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाने के लिए अपने आप को राजी करती हैं? इस तथ्‍य पर रिसर्च करने के बाद टैक्‍सास विवि के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस ने एक किताब लिखी है. इस किताब का नाम है वौय वुमन हैव सेक्‍स. किताब सेक्‍स संबंधों को लेकर महिलाएं क्‍या सोचती हैं? इस सवाल पर कई रोचक खुलासे करती है, किताब में इस बात के 200 कारण बताए गए है, जिनके चलते महिलाएं किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाती हैं या उसे पसंद करती हैं.

टेक्सस यूनिवर्सिटी में साइकौलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब – वाय वुमेन हेव सेक्स ( महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं ) में करीब 200 कारणों को बताया गया है.

रिसर्च के दौरान देखा गया कि ज्यादातर पुरुषों को महिलाएं सेक्सुअली अट्रैक्टिव लगती हैं , जबकि महिलाओं को पुरुषों में ऐसी कोई बात नज़र नहीं आती. रिसर्च के दौरान 1000 महिलाओं का इंटरव्यू किया , जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के साथ सोने के अपने कारण बताए.

एक महिला ने बताया – वह सेक्स इसलिए करती है ताकि बोरियत दूर कर सके क्योंकि सेक्स करना लड़ने से कहीं आसान है. जबकि कुछ दूसरी महिलाओं के लिए यह माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है.

रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर हैरानी हो सकती है. कुछ महिलाएं महज दया की वजह से पुरुषों के साथ सोती हैं जबकि कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये – पैसों के लिए और दूसरी कीमतों चीजों को हासिल करने के लिए.

कुछ ने कहा – मैंने किसी पुरुष के साथ इसलिए संबंध बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार डिनर का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी रुपये खर्च किए.

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बौयफ्रेंड नहीं हैं. कुछ ने कहा – वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफौर्मंस को इंप्रूव कर सकें. यही बताते हुए एक विद्यार्थी ने कहा – मैंने अपने बौयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं.

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों, जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो.

मेरा बौयफ्रेंड मुझ पर बहुत शक करता है, जिस कारण मैंने एक गलत कदम उठा लिया था…

सवाल
मैं 19 वर्षीय युवती हूं. एक युवक से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है पर समस्या यह है कि वह मुझ पर बहुत शक करता है, जिस कारण मैं ने एक गलत कदम उठा लिया था. मैं ने एक अन्य युवक से बात की और उस से शारीरिक संबंध भी बना लिए. अब वह युवक भी मुझ से बात नहीं करता. मैं क्या करूं?

जवाब
प्रेम की धुरी है विश्वास. अगर आपस में एकदूसरे पर विश्वास ही नहीं है तो प्रेम कहां रहा? आप ने यह भी नहीं लिखा कि आप ने जिस अन्य युवक से संबंध बनाए उस से रिश्ता कैसे बना. जिस से पहले प्रेम करती थी वह आप पर शक करता था तो शक की वजह जान कर उस का निवारण करना चाहिए था न कि अन्य से संबंध बना कर उसे चिढ़ाने की कोशिश. अब दूसरा युवक भी आप का फायदा उठा कर आप को अंगूठा दिखा रहा है तो गलती किस की है? आप अब इस बात से परेशान हैं कि दूसरा युवक भी आप से संबंध बनाने के बावजूद बात नहीं करता या इस बात से जिस से प्रेम करती हैं उस का शक दूर नहीं हुआ.

बहरहाल, दो नावों पर पैर रखेंगी तो डूबना तय है. एक तरफ हो जाएं जिस से प्यार करती हैं उसे विश्वास दिलाएं कि वाकई आप उसी की हैं. जिस युवक ने आप से संबंध बनाए और बात नहीं करता उस से तो वैसे भी किनारा कर लेना चाहिए. सच्चे प्यार को पहचानिए और अपनाइए, आप की समस्या अपनेआप सुलझ जाएगी.

मेरे एक लड़के से शारीरिक संबंध रहे हैं, क्या सुहागरात पर पति जान जाएंगे कि मेरा कौमार्य भंग हो चुका है?

सवाल
मैं 21 साल की युवती हूं. घर में मेरी शादी की बात चल रही है. इस से मैं चिंतित हो गई हूं. 3-4 वर्षों तक मैं एक लड़के से प्यार करती थी. उस के साथ 3 वर्षों तक शारीरिक संबंध भी रहे थे.

शादी के नाम पर मुझे इसीलिए घबराहट हो रही है, क्योंकि सुहागरात को ही पति जान जाएंगे कि मेरा पहले ही कौमार्य भंग हो चुका है. यह सचाई जान कर हो सकता हो कि वे मुझे घर से निकाल दें. उस स्थिति में मैं क्या करूंगी? घर वालों को सचाई बता नहीं सकती. कृपया बताएं मैं क्या करूं.

जवाब
विवाहपूर्व के संबंध भविष्य के लिए चिंता का सबब बनते हैं इसीलिए इस से यथासंभव बचने की हिदायत दी जाती हैं. पर आप ऐसी भूल कर चुकी हैं जिसे सुधारा तो नहीं जा सकता. अलबत्ता उसे भुलाना कठिन नहीं है.

बेहतर होगा कि सब कुछ भुला कर विवाह की तैयारी में लग जाएं. पति से अपने किसी प्रेमसंबंध या अनैतिक संबंधों की बाबत कुछ न कहें. जब तक आप स्वयं अपने मुंह से नहीं स्वीकारेंगी, आप के पति कुछ नहीं जान पाएंगे.

मैं जिससे प्यार करती हूं, उसकी शादी हो चुकी है और एक बेटा भी है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 20 साल की हूं और एक लड़के से प्यार करती हूं. लेकिन उस की शादी हो चुकी है और उस का एक बेटा भी है. मेरे घर वाले इस कारण मुझ से खुश नहीं हैं. मैं क्या करूं?

जवाब
सब से पहले तो आप ही सोचिए क्या आप एक बेटे के बाप के चक्कर में पड़ कर ठीक कर रही हैं? आप के घर वालों की नाराजगी जायज है. दरअसल, आप का प्यार एकतरफा है. वह आदमी, जो एक बच्चे का बाप है, आप को भी मूर्ख बना रहा है व अपने घर वालों को भी.

आप भावना में बह कर कोई ऐसा कदम न उठा बैठिएगा कि बाद में पछताना पड़े. अच्छा तो यही होगा कि आप अपने इस प्यार को यहीं समाप्त कर दें, क्योंकि यह सिर्फ आप की तरफ से एकतरफा है. वह आप का यौनशोषण करेगा और फिर छोड़ देगा. उस का तो परिवार है, आप अपना व अपने मातापिता का सम्मान भी खो बैठेंगी, साथ ही, अगर उस का आप के प्रति लगाव रहा तो उस का परिवार भी उजड़ेगा.

इधर, आप के मातापिता नाराज रहेंगे. सो, सब को बचाने की जिम्मेदारी आप की है. आंखों से एकतरफा प्यार की पट्टी उतार कर असलियत को देखिए.

शादी एक ऐसा समय है जब लड़का-लड़की एक साथ एक बंधन में बंधकर पूरा जीवन साथ में बिताने का वादा करते हैं. शादी को पुरूष आमतौर पर शारीरिक तौर पर अधिक देखते हैं. शादी का मतलब अधिकतर पुरूषों के लिए सेक्स संबध बनाना ही होता है लेकिन वे ये बात भूल जाते हैं कि शारीरिक संबंध से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक संबंध होता है.

यदि महिला और पुरूष आत्मिक रूप से एक-दूसरे से संतुष्ट‍ है तो फिर शारीरिक संबंधों में भी कोई दिक्कत नहीं होती. शादी से पहले यानी सगाई के बाद लड़के और लड़की को एकसाथ खूब समय बिताने को मिलता है लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि वे शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बना ले या फिर प्री मैरिटल सेक्सू करें. शादी से पहले संयम बरतना जरूरी है. आइए जानें शादी और संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों को.

सगाई और शादी के बीच में संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातें 

– सगाई के बाद लड़के और लड़की को आपस में एक-दूसरे से मिलना चाहिए और एक-दूसरे को जानना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्हें संयम बरतना भी जरूरी है.

– यदि शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बनाने के लिए लड़का-लड़की में से कोई भी पहल करता है तो दूसरे को मना करना चाहिए नहीं तो इससे इंप्रेशन अच्छा नहीं पड़ता.

– दोनों को समझना चाहिए कि प्री मैरिटल सेक्स से पहले उन्हें आपस में एक-दूसरे को जानने-सूझने का मौका मिला है जिससे वे पहले एक-दूसरे की पसंद-नापसंद इत्यादि के बारे में जान पाएं.

– ये जरूरी है कि मिलने वाले समय को लड़के व लड़की को समझदारी से बिताना चाहिए न कि फिजूल की चीजों में खर्च करना चाहिए.

– शादी से पहले संयम बरतने से न सिर्फ दोनों के रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि दोनों का एक-दूसरे पर विश्वास भी बना रहता है. इसके साथ ही संबंधों में अंतरंगता का महत्व भी बरकरार रहता है.

– प्रीमैरिटल सेक्स में हालांकि कोई बुराई नहीं लेकिन दोनों के रिश्ते पर शादी के बाद मनमुटाव का ये कारण बन सकता है.

– रिश्तों में खुलापन जरूरी है. चाहे तो शादी से पहले आप चीजों को डिस्कस कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ घूम-फिर सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि फिजीकल रिलेशन ही बनाया जाए.

– शादी से पहले फिजीकल रिलेशन से रिश्तों में अवसाद पैदा होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि इसके बाद हर समय मन में एक डर और बैचेनी रहने लगती है. इसीलिए इन सबसे बचना जरूरी है.

– सेक्ससुअल रिलेशंस आपके रिश्ते में करीबी ला भी सकते हैं और दूरी बढ़ा भी सकते हैं इसीलिए कोई भी कदम उठाने से पहले सोच-समझ कर विचार करना आवश्यक है.

शादी से पहले संयम बरतने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि रिश्तों की मजबूती के लिए यह अच्छा है.

मेरा बौयफ्रैंड मेरे साथ फिजिकल होना चाहता था लेकिन मैंने उसे रोक दिया, उस दिन से वह बात नहीं कर रहा, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक 2 कमरे का मकान किराए पर ले कर रहती हूं. मेरा बौयफ्रैंड कभीकभी मुझ से मिलने आता रहता था. एक दिन मैं किचन में खाना बना रही थी तभी वह आया तो मैं ने उसे बैठने को कहा और चाय बनाने लगी, लेकिन वह कब किचन में आ गया और मुझे पीछे से ही बांहों में जकड़ लिया पता ही न चला. वह मुझे बांहों में जकड़े रूम में ले आया और संबंध बनाने को आतुर हुआ. लेकिन मैं ने उसे रोक दिया, अपने मन पर काबू रखना मुश्किल था पर उसे रोकना जरूरी. उस दिन के बाद से वह मुझ से कट रहा है. क्या करूं?

जवाब
आप का बौयफ्रैंड सिर्फ फ्रैंडशिप तक आप के साथ इन्वौल्व था या आप दोनों में प्रेम भी दस्तक दे चुका था, यह तो आप ने नहीं लिखा लेकिन बौयफ्रैंड की तरफ से यह प्रेम ही था जो आप से शारीरिक जरूरत पूरी करना चाहता था और जाहिर है उस दिन प्रेम में बहने से बच कर आप ने उस का मौका गंवाया, शायद इसी कारण वह आप से कटता है.

शरीर की भूख ने उस की दोस्ती और प्यार दोनों को खत्म कर दिया है. आप कोशिश कीजिए खुद में मस्त रहने की. सोचिए, अगर उस दिन आप उसे मर्यादा लांघने देतीं तो क्या होता और उस के बाद वह कटता तो आप को ज्यादा दुख होता कि मैं ने सबकुछ लुटा दिया, फिर भी वह मेरा न हुआ. अगर उसे सच में प्यार होगा तो खुद आएगा वरना उसे भूलना ही बेहतर है.

रोशन अली जब 45 साल का था, तब उस की पहली बीवी की मौत हो गई थी. इस के बाद उस ने 23 साला फातिमा के साथ दूसरा निकाह कर लिया था.

फातिमा का रंग गोरा था. उस का कमसिन बदन हर किसी की निगाह में चढ़ गया था, पर वह किसी को भी घास नहीं डालती थी. रोशन अली की ढलती उम्र व कड़ी मेहनतमजदूरी करने के चलते उस का शरीर भी ठंडा पड़ गया था. वह फातिमा को खुश नहीं कर पा रहा था, जिस के चलते वह हमबिस्तर होने से कतराती थी. इसी तनाव के चलते वह टीबीके मरीज की तरह खांसती रहती थी.उस का मन घर के कामों में भी नहीं लगता था.

रोशन अली ने फातिमा का खूब इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि फातिमा की बीमारी तो जिस्मानी तौर पर असंतुष्टि थी.

एक दिन रोशन अली ने गांव के तालाब के पास एक हकीम साहब का कैंप लगा देखा. उन की उम्र तकरीबन 30 साल थी. उन का दावा था कि वे हर तरह की बीमारी का शर्तिया इलाज करते थे. हिमालय की जड़ीबूटियों से तैयार की गई दवाएं लेने से 7 दिन में बीमारी से छुटकारा मिल जाता था, ऐसा हकीम साहब का कहना था.

रोशन अली फातिमा को ले कर उन के कैंप में गया और बीमारी का हाल सुनाया. हकीम असलम एकबारगी फातिमा को देख कर दंग रह गए. उस की जवानी, गोरे बलखाते बदन को देख कर उन की लार टपक गई.फातिमा भी हकीम साहब की जवानी देख कर मुसकरा उठी और वह ललचाई नजरों के साथ जमीन कुरेदने लगी.

हकीम ने उस की नब्ज देखने के बहाने हाथ से हाथ मिला कर कहा, ‘‘रोशन साहब, आप रात को 8 बजे इन्हें दोबारा यहां लाएं, ताकि फुरसत में पूरी तसल्ली से इन के शरीर की जांच की जा सके.’’

रोशन अली फातिमा को रात 8 बजे हकीम के कैंप में दोबारा ले गया. उसे बाहर इंतजार करने को कहा गया.हकीम साहब ने रोशन अली से दवाओं और सलाह के 5 सौ रुपए एडवांस में ले लिए.

रोशन अली ने देखा कि फातिमा के इलाज में ज्यादा समय लगेगा, इसलिए वह खाना खाने घर चला गया. इधर हकीम साहब ने फातिमा का हाथ पकड़ कर एक टेबल पर लिटा दिया और उसे नशे की गोलियां दे दीं, जिस से वह नशे की हालत में अंगड़ाइयां लेने लगी.

हकीम साहब ने अपना स्टैस्थोस्कोप निकाल कर कान में लगाया और फातिमा के ब्लाउज के बटन खोल कर उस के उभारों को सहलाना शुरू कर दिया. फातिमा नशे में चूर मुसकरा रही थी और मजा ले रही थी. इस तरह कुछ देर में दोनों में जोश जाग गया और टेबल पर ही वे एक हो गए. जब वे दोनों संतुष्ट हो गए, तो अलग हो गए.

हकीम साहब ने कहा, ‘‘7 दिन तक आती रहना. तुझे पूरी तरह संतुष्ट कर दूंगा और औलाद भी दे दूंगा.’’ फातिमा तो यही चाहती थी.

थोड़ी देर में रोशन अली भी आ गया. हकीम साहब ने दवा की पुडि़या पकड़ाते हुए कहा, ‘‘इन्हें 7 दिनों तक मेरे कैंप में ले कर आते रहना, जिस से इन की बीमारी का पूरा इलाज हो जाए.’’ इस तरह हकीम साहब ने 7 दिनों तक फातिमा को भोगा.

इस बीच हकीम साहब की करतूतों की कहानी कई गांवों में भी फैल चुकी थी, इसलिए कुछ गांव वाले एक सिपाही को ले कर उन के कैंप पर आ धमके.

छानबीन में जाली दस्तावेज, लाइसैंस, फोटो, गर्भ निरोधक वगैरह मिले. पूछताछ में हकीम ने सब सच उगल दिया और उन्हें जेल भेज कर मुकदमा दायर कर दिया गया. उन की चुपड़ी और 2-2 की पोल खुल गई.

लेकिन रोशन अली अब खुश है, क्योंकि फातिमा उस का बिस्तर पर बढ़चढ़ कर साथ देती है. जब उस ने बताया कि वह पेट से है, तो रोशन अली ने पूरे महल्ले में मिठाई बांटी.

सब ने मिठाई तो खाई, पर ज्यादातर लोग जानते थे कि असलियत क्या है, क्योंकि गांवों के कई घरों में बुजुर्ग होते मर्दों की बीवियों को अचानक उलटियां होने लगी थीं.

जब आपका प्रेमी सहेली के साथ पकड़ा जाए

आशा और सुरेश का एक साल पहले अफेयर शुरू हुआ था. आशा ने सुरेश के साथ जीनेमरने की जाने कितनी कसमें खाईं, साथ रहने के सपने देखे लेकिन उस के ये सपने तब धराशायी हो गए जब एक दिन वह अपने रूम में कालेज से जल्दी आ गई और दरवाजा खोलते ही अपनी रूममेट और सब से अच्छी सहेली रोमा को अपने ही बौयफ्रैंड सुरेश के साथ हमबिस्तर पाया. यह उस की वही सहेली थी जो इन दोनों के प्यार की गवाह थी और उन के बीच होने वाली हर छोटीबड़ी बात जानती थी. यह सिर्फ आशा की ही कहानी नहीं है बल्कि यह अकसर सुनने में आता है कि एक सहेली ने दूसरी सहेली के बौयफ्रैंड को छीन लिया या अपना बना लिया.

वैसे तो ऐसा करना गलत है, लेकिन अगर ऐसा हो भी गया है तो रोनेधोने से काम नहीं चलेगा, बल्कि समझदारी से काम लेते हुए इस सिचुएशन को हैंडल करने की जरूरत है. आइए, जानें इस सिचुएशन से कैसे निकलें बाहर :

प्रेमी की असलियत सामने आई

 यह तो अच्छी बात है कि प्रेमी की पोल आप के सामने जल्दी ही खुल गई वरना ये सब आप के घर में पता चल जाता तब आप उन की नजरों में भी गिर जातीं. अभी तो बात सहेली के सामने ही है और वह भी कोई आप की सगी नहीं है बल्कि उस ने तो आप की पीठ पीछे वार किया है, आप के प्रेमी को अपना बना कर. अच्छा हुआ, उस के करैक्टर के बारे में पहले ही पता चल गया. जो लड़का आप की सहेली पर बुरी नजर रख सकता है कल वह आप की बहन के साथ क्या करता, आप सोच भी नहीं सकतीं.

सहेली भी धोखेबाज निकली

 वह सहेली चाहे बरसों से आप की कितनी भी अच्छी दोस्त क्यों न रही हो, लेकिन अब आप के साथ उस ने जो किया उस के बाद आप की जिंदगी में उस की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. ऐसी दोस्त बनाने से अच्छा है आप अकेली ही रह लें.

जिंदगी का बड़ा सबक सीख लिया

 इस रिलेशनशिप से आप जिंदगी का गहरा सबक लें. अब आप आगे जो भी कदम उठाएंगी सोचसमझ कर ही उठाएंगी. यह गम लंबे समय तक तंग करेगा लेकिन आप को इस से लड़ कर बाहर आने की हिम्मत लानी होगी, इस से आप को जीवन में आए दुखों से लड़ने की ताकत मिलेगी.

पढ़ाई पर ध्यान लगाएं

 इस हादसे से आप अपना एक नुकसान कर चुकी हैं, अब पढ़ाई में पिछड़ कर दूसरा नुकसान न करें. अपने जीवन में सब से ज्यादा अहमियत पढ़ाई को ही दें, इस से अपनी स्टै्रंथ बना लें और ध्यान से पढ़ाई करने में जुट जाएं.

आप बदनाम होने से बच गईं

 प्रेमी की फितरत ही धोखा देने की थी, तभी तो उस ने आप को चीट किया. एक तरह से देखा जाए तो अच्छा ही हुआ. ऐसे दोगले इंसान से आप को जल्दी छुटकारा मिल गया, वह भी अपना कोई नुकसान किए बिना. वह लड़का सही नहीं था. हो सकता है कि वह आगे चल कर आप को ब्लैकमेलिंग आदि के जाल में फंसाने की कोशिश करता. ऐसे लोगों से दूर होना ही बेहतर है.

परदे में रहने दो

जी हां, हर बात सहेली को बताई जाए यह जरूरी तो नहीं. अपने और प्रेमी के बीच की बातों को सहेली के साथ डिसकस करना ठीक नहीं. फिर चाहे वह कितनी भी अच्छी क्यों न हो या कितनी ही गहरी मित्र क्यों न हो. आप की बातों और प्रेमी की इतनी तारीफ से हो सकता है कि सहेली का मन पलट जाए और वह प्रेमी की तरफ आकर्षित हो कर उसे फंसाने में लग जाए. ऐसे में प्रेमी के साथसाथ सहेली से भी आप को हाथ धोना पड़ सकता है.

ब्रेकअप का रोना न रोती रहें

 जिन लोगों को इस रिलेशनशिप के बारे में पता था उन्हें हर बार यही बात कह कर न पकाएं. आप दुनिया में पहली नहीं हैं जिस का ब्रेकअप हुआ है, ऐसा कर के आप खुद को हंसी और बेचारगी का पात्र बना लेंगी. यह आप का गम है और इसे अकेले ही भूलना होगा.

विश्वास करना न छोड़ें

माना यह थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर एक सहेली ने पीठ पीछे धोखा दिया है तो इस का मतलब यह कतई नहीं है कि आप अपनी सारी सहेलियों से मुंह मोड़ कर अकेली हो जाएंगी. अपनी बाकी सहेलियों के टच में रहें.

बच के रहना रे बाबा

आप ने किसी एक से नहीं बल्कि अपने दो अजीजों से धोखा खाया है. इस का मतलब चूक कहीं न कहीं आप से भी हुई है, जो आप ने अपनी जिंदगी में ऐेसे प्रेमी और सहेली को जगह दी इसलिए इस से सीख लें व जांचपरख कर ही किसी से रिलेशन बनाएं.

किसी भी युवक को बौयफ्रैंड बनाने से पहले उस के बारे में अच्छी तरह से तहकीकात कर लें. अगर थोड़ा भी शक हो तो उस के साथ रिलेशनशिप बनाने की जरूरत नहीं है.

मैं एक लड़के से 3 वर्षों से प्यार करती हूं, मैं उस पर भरोसा करूं या नहीं?

सवाल
मैं एक लड़के से 3 वर्षों से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है. बीच में हम दोनों में कुछ मनमुटाव हो गया था. अब वह कहता है कि वह मुझे नहीं किसी और को चाहता है. मैं उसे भुला नहीं सकती. दिनरात रोती हूं. कभी वह कहता है कि लौट आओ. मुझे उस के व्यवहार को ले कर बहुत गुस्सा आता है, यह सोच कर कि उस ने मेरा मजाक बना रखा है. क्या मैं उस पर भरोसा करूं या नहीं?

जवाब

एकदूसरे को समझने के लिए 3 साल का समय बहुत होता है. यदि आप का प्रेमी आप से साफसाफ कह चुका है कि वह आप को नहीं किसी और लड़की को चाहता है तो आप को किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए और उस से किनारा कर लेना चाहिए. अपने पहले प्यार को भुलाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है पर नामुमकिन नहीं. समय बीतने के साथ आप के दिलोदिमाग से उस की यादें मिट जाएंगी.

परखिए अपने हमसफर का अपनापन

एक शख्स, जिस की खातिर मन जमाने से बगावत करने पर उतर आता है. हर आहट में उसी का खयाल आने लगता है. उसे पाने की हसरत जिंदगी का मकसद बन जाती है, बस, यही है मुहब्बत. आप का किसी को पूरी शिद्दत से चाहना ही काफी नहीं होता, जरूरी है कि वह भी आप के खयालों में गुम हो.

वैसे तो प्यार को परखने का कोई पैरामीटर नहीं होता, लेकिन निम्न बातों पर ध्यान दे कर आप कुछ हद तक अपने बौयफ्रैंड की हकीकत से रूबरू हो सकती हैं :

आप के प्रति उस का नजरिया

आप जब उस के साथ होती हैं तो आप के प्रति उस का नजरिया क्या होता है? यदि वह आप को समानता के स्तर पर रखता है तो यह सब से प्रमुख बात है. इस से यह जाहिर होता है कि मुसीबत के पलों में वह पल्ला नहीं झाड़ेगा. हमेशा आप का साथ देगा.

आप की कही बात पर उस की सोच

जब वह आप से बात करता है तो क्या वह जिंदगी के बारे में भी बातें करता है? अगर हां तो वह सही माने में गंभीर है, क्योंकि फ्लर्ट करने वाले अकसर मौजमस्ती की बातों को ही प्रमुखता देते हैं.

अपेक्षाएं जायज रखता है

क्या वह आप से आत्मीय सहयोग तथा अपनापन रखता है. कहीं ऐसा तो नहीं कि घूमनेफिरने या अकसर अकेले में घूमने की जिद करता है. न मानने पर डांट भी देता है. इस से न तो आप खुश रह सकती हैं और न ही वह.

आप की सहेलियों से उस का व्यवहार

एक अच्छे इंसान की तरह पेश आता है या आशिक मिजाज के रूप में. इस से उस का चरित्र पता चलता है. स्त्रीपुरुष के परस्पर रिश्तों में ईमानदारी बरतना जरूरी है, क्योंकि यदि आप समाज और परिवार में रहते हैं तो उन के उत्तरदायित्वों का पालन करना आप का नैतिक कर्तव्य भी है. यदि आप के चोरीछिपे कहीं और रिश्ते हैं तो एक दिन आप की पोल खुलनी तय है.

आप का मूड खराब होने पर क्या करता है

कभीकभी सामान्य बातचीत में आप का मूड खराब हो जाता है तब क्या वह आप को खुश करने का प्रयास करता है या उसे इस से कोई फर्क नहीं पड़ता या  उस की ईगो आड़े आती है कि मैं क्यों मनाऊं. समस्याएं तो जीवन का हिस्सा हैं, अत: उन का दोनों को ही डट कर मुकाबला करना चाहिए. मैं और तुम का चक्कर छोड़ हम पर महत्त्व देना चाहिए.

तारीफ भी जरूरी है

क्या वह आप का बर्थडे याद रखता है? अगर नहीं तो समझ लीजिए कि उस का प्रेम बनावटी है और ये ही छोटीछोटी बातें बाद में कई बार तनाव की वजह बन जाती हैं. वैसे भी सफल रिश्ते का मूलमंत्र है अपने जीवन साथी की तारीफ करना.

सब से जरूरी बात

क्या वह आप पर भरोसा करता है या सुनीसुनाई बातों पर यकीन कर के झगड़ा मोल लेता है.

तो अब देखें क्या आप का भावी जीवन साथी आप की बातों पर खरा उतरता है. ये बातें दिखनेसुनने में भले ही सामान्य लगें, पर पूरे जीवन का सफल मूलमंत्र हैं.

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