रोजगार देने में देश में नंबर वन साबित हुईं यूपी की एमएसएमई योजना

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन रोजगार सरकारी नौकरियों से लेकर निजी क्षेत्र में भी कारगर साबित हो रहा है. कोरोना काल के बावजूद पिछले एक साल में देश में प्रदेश की सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाईयों ने प्रदेश में सबसे ज्यादा रोजगार दिया है. सरकार ने इन इकाईयों को 140 करोड़ रुपए की सब्सिडी भी दी है.

सीएम योगी ने कोरोना काल में मानवता को बचाने के लिए जीवन और जीविका दोनों को प्राथमिकता दी थी. इसके लिए पिछले साल प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा लोन उद्योगों को दिए गए थे. इससे पहले भी पूर्व की सरकारों की तुलना में योगी सरकार ने उद्योगों को प्राथमिकता पर रखकर लोन उपलब्ध कराया था. प्रदेश सरकार के समन्वय से बैंकों ने पिछले चार साल में 55 लाख 45 हजार 147 एमएसएमई को लोन दिया था, जिसमें तीन लाख आठ हजार 331 इकाइयों के सैंपल सर्वे में नौ लाख 51 हजार 800 लोगों को रोजगार देने की भौतिक रूप से पुष्टि हुई थी. जबकि 55 लाख 45 हजार 147 इकाइयों में औसतन डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है.

ऐसे ही इकाईयों को विभिन्न योजनाओं में प्रदेश सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी गई है. प्रदेश में पिछले साल 4571 इकाईयों में 45,166 लोगों को रोजगार दिया गया है. इन इकाईयों को सरकार की ओर से 140 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी है. देश में दूसरे नंबर पर गुजरात की 1437 इकाईयों ने 32,409 लोगों को रोजगार दिया है और उन्हें सौ करोड़ रुपए सब्सिडी दी गई है. तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश की 3362 इकाईयों ने 30,565 लोगों को रोजगार दिया है और 88 करोड़ की सब्सिडी दी गई है.

चार साल में दिए 55 लाख 45 हजार एमएसएमई को लोन

वित्त वर्ष 2016-17 में सपा सरकार के दौरान 6,35,583 एमएसएमई को लोन दिया गया था. जबकि 2017 में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 7,87,572 एमएसएमई को लोन दिया गया. वित्त वर्ष 2018-19 में 10,24,265 उद्यमियों और 2019-20 में 17,45,472 लोन दिए गए हैं. वित्त वर्ष 2020-21 में एक अप्रैल 2020 से 18 मार्च 2021 तक 13 लाख 52 हजार 255 उद्यमियों को लोन दिए गए हैं. इसमें नौ लाख 13 हजार 292 एमएसएमई को 32 हजार 321 करोड़ 31 लाख रुपए लोन दिए हैं. इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) में चार लाख 39 हजार 310 इकाइयों को 12 हजार 69 करोड़ 57 लाख रुपए का लोन दिया गया है. ऐसे में कुल 55 लाख 45 हजार 147 एमएसएमई को लोन दिया गया है.

तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रो-एक्टिव नीति

लखनऊ. प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के बाद योगी सरकार ने तीसरी लहर से निपटने के लिए चक्रव्यूह तैयार कर लिया है. राज्यस्तरीय स्वास्थ्य परामर्श समिति ने तीसरी लहर को ध्यान में रख्रते हुए अपनी रिर्पोट यूपी सरकार को सौंप दी है. प्रदेशवासियों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए सरकार ने हर जिले की सुरक्षा के लिए चक्रव्यूह तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री यागी आदित्यनाथ ने महामारी से बचाव और इलाज के संबंध में राज्यस्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति की संस्तुतियों पर गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए हैं.

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर और संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए सभी जिलों में पूरी सक्रियता से सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, पीकू नीकू और मेडिकल मेडिसिन किट इस चक्रव्यूह का हिस्सा बनाया है. प्रदेश में युद्ध्स्तर पर पीकू नीकू की स्थापना और मेडिकल मेडिसिन किट के वितरण की व्यव्स्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जून के अंत तक प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में 100 बेड वाले पीकू नीकू और सीएचसी और पीएचसी में 50 नए बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी.

27 जून से घर-घर वितरित की जाएंगी दवाएं

कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों की स्वास्थ्य, सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान शुरू किया है. जिसके तहत 27 जून से दवाएं घर-घर वितरित की जाएंगी. गांव से लेकर शहर तक प्रत्येक गली-कूचे और घर-घर तक पहुंच बनाने वाली निगरानी समितियों ने सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का बड़ा काम किया है. यही कारण भी है कि सरकार ने मेडिकल किट वितरण की जिम्मेदारी भी निगरानी समिति के सदस्यों को सौंपी है. तीसरी लहर का डट कर मुकाबला करने के लिए प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है. मेडिकल-किट में उपलब्ध दवाईयां कोविड-19 के लक्षणों से बचाव के साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों का मौसमी बीमारियों से भी बचाएंगी. तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार ने प्रदेश में 75000 निगरानी समितियों को जिम्मेदारी सौंपी हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल मेडिसिन किट के वितरण को गति देने के लिए 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के चार लाख से अधिक सदस्यों को लगाया गया है.

प्रत्येक जरूरतमंद तक पहुंचेगी योगी सरकार की मदद

कोरोना प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. ऐसे में अब तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने इन समितियों  को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है. गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित करेंगी कि कोई जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे.

तीसरी लहर से बचाव के लिए अपनाई जा रही प्रो-एक्टिव नीति

प्रदेश में विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है. सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है.

यूपी के इतिहास में गेहूं की सबसे बड़ी खरीद

लखनऊ. योगी सरकार ने गेहूं खरीद में सबसे बड़ा रिकार्ड बनाया है. 4 साल में राज्‍य सरकार 33 लाख से अधिक किसानों से 162.71 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर चुकी है. इस साल अप्रैल माह से शुरू हुई खरीद में राज्य सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कुल 1288461 किसानों से 56.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है. किसानों को 10019.56 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. जो अखिलेश सरकार के वर्ष 2016-17 में 7.97 लाख मीट्रिक टन खरीद के मुकाबले लगभग 8 गुना ज्‍यादा है.

राज्‍य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक रबी विपणन वर्ष 2017-18 में 800646 किसानों से 36.99 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई. 2018-19 में 52.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर 11,27195 किसानों को भुगतान किया. 2019-20 में 37.04 लाख मीट्रिक टन और 2020-21 में 35.76 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद की गई. वहीं सपा सरकार में वर्ष 2015-16 में 403141 किसानों से 22.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया. 2016-17 में केवल 7.97 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद की गई. 2013-14 में सबसे कम केवल 6.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई.

चार सालों में किसानों को उनके एक-एक दाने का भुगतान करने वाली राज्य सरकार ने 2017-18 में 6011.15 करोड़, 2018-19 में 9231.99 करोड़, 2019-20 में 6889.15 करोड़ और 2020-21 में 6885.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. जबकि अखिलेश सरकार में वर्ष 2012-13 में 6504.45 करोड़, 2013-14 में 921.96 करोड़, 2014-15 में 879.23 करोड़, 2015-16 में 3287.26 करोड़ और 2016-17 में 1215.77 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया.

धान खरीद में भी पिछली सरकार को छोड़ा मीलों दूर

धान खरीद में भी पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार ने नई उपलब्धियां हासिल की हैं. खरीफ की फसल में वर्ष 2020-21 में 66.84 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर 13 लाख से अधिक किसानों को 12438.70 करोड़ रुपये भुगतान किया.  2019-20 में 706549 किसानों से 56.57 मीट्रिक टन खरीद की गई. 2018-19 में 684013 किसानों से 48.25 मीट्रिक टन और 2017-18 में 492038 किसानों से 42.90 मीट्रिक टन धान खरीदा गया. धान खरीद में पिछली सरकारों को पीछे छोड़ते हुए चार सालों में योगी सरकार ने किसानों को सर्वाधिक लाभ देने का काम किया. सपा सरकार में वर्ष 2012-13 में 299044 किसानों से 17.79 लाख मीट्रिक टन धान खरीद की थी. 2013-14 में 123476 किसानों से 9.07 लाख मीट्रिक टन, 2014-15 में 196044 किसानों से 18.18 लाख मीट्रिक टन, 2015-16 में 433635 किसानों से 43.43 लाख मीट्रिक टन धान खरीद ही कर पाई थी. राज्य सरकार ने जहां चार साल के कार्यकाल में 3188529 किसानों को 37825.66 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वहीं अखिलेश सरकार 05 सालों में केवल 1487519 किसानों को 17190.85 करोड़ रुपये ही भुगतान कर पाई थी.

21 जून को होगी डिजिटल प्रतियोगिताएं

लखनऊ. कोरोना के कारण इस बार सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस  पर डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम किए जाएंगे. उत्तर प्रदेश में  इस बार योग दिवस को लेकर जोर-शोर से तैयारी अपने अंतिम चरणों में हैं. ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ ये योग दिवस की थीम घर पर रहने का संदेश देती नजर आ रही है. इस बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनाए जाने वाले दिवस में ‘योगी संग योगा’ को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. सभी दफ्तर, संस्थान और आमजन ‘आयुष कवच एप’ से जुड़कर योग करेंगे. इस दौरान विभिन्न माध्यमों से प्रसारण भी किया जाएगा, जिसे देखकर लोग घर से भी योग कर सकेंगे. इसके साथ प्रतियोगिताओं के जरिए चयनित प्रतिभागी को पुरस्कृत भी किया जाएगा.

यूपी में हर उम्र के लोगों को योग से जोड़ने की पहल

योगी सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को योग से जोड़ने की पूरी तैयारी की है. जिसमें हर आयु वर्ग को जोड़ने की नायाब पहल की है. इसके लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा. आयुष कवच एप से 20 लाख से अधिक लोगों को जोड़ा गया है. इसके अलावा 185 योग वेलनेस सेंटर पर 11 मई से ऑनलाइन ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई थी.

विभिन्न प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन

सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग दिवस चैलेंज के तहत ‘योग वीडियो प्रतियोगिता’, ‘योग कला प्रतियोगिता’ तथा ‘योग क्विज प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जाएगा. ‘योग वीडियो प्रतियोगिता’ के तहत राज्य व जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. प्रतियोगिता के तहत महिला, पुरुष और योग पेशेवर की तीन पुरस्कार श्रेणियां होंगी. प्रत्येक श्रेणी में पांच वर्ष से 18 वर्ष के बच्चे, 18 वर्ष से 40 वर्ष के युवा, 40 वर्ष से 60 वर्ष के वयस्क और 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक सम्मिलित हो सकेंगे. प्रतियोगिता के तहत राज्य स्तर पर हर श्रेणी के प्रत्येक वर्ग में कम से कम 500 तथा जिला स्तर पर 50 प्रतिभागियों का पंजीकरण कराया जाना आवश्यक है.

भारतीय संस्कृति, विरासत पर आधारित होगी प्रतियोगिता

‘योग कला प्रतियोगिता’ के तहत योग तथा भारतीय सांस्कृतिक विरासत पर एक पेंटिंग, पोस्टर या स्केच बनाकर ऑनलाइन जमा करना होगा. सर्वश्रेष्ठ रचनात्मक कला को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.  चयनित कला कृति को सार्वजनिक पोर्टल पर प्रकाशित किया जाएगा. ‘योग क्विज प्रतियोगिता’ 21 जून को ऑनलाइन आयोजित की जाएगी. प्रतिभागियों को 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए 30 मिनट का समय दिया जाएगा. सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति-पत्र एवं नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. प्रतियोगिता योग, पर्यावरण एवं वर्तमान परिवेश में रोगों के उपचार में घरेलू औषधियों के उपयोग पर आधारित होगी.

टीकाकरण और सावधानी के साथ सामान्य होता उत्तर प्रदेश: श्री नवनीत कुमार सहगल

लखनऊ . अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ श्री नवनीत सहगल ने बताया कि कोविड नियंत्रण करने में मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में 3टी की विशेष रणनीति के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 340 कोविड के नये मामले आयें हैं, जबकि डेढ़ माह पूर्व 23 अप्रैल कोे 38,000 मामले थे.

‘3 टी’ की विशेष रणनीति में एक अभिनव प्रयोग करते हुए आंशिक कोरोना कफ्र्यू तथा टीकाकरण अभियान को जोड़ा गया है. इन पांच तत्वों का अभियान चलाकर कोविड संक्रमण को नियत्रित करने में सफलता मिली है.

उत्तर प्रदेश में संक्रमण अन्य प्रदेशों अपेक्षा कम हो रहे है. आंशिक कोरोना कफ्र्यू में जीवन और जीविका दोनों को बचाने के उद्देश्य से आंशिक कोरोना कफ्र्यू में औद्योगिक गतिविधियां, आर्थिक गतिविधियां, कृषि से संबंधित खाद, बीज, कृषि उपकरणों की मरम्मत, आवश्यक सामग्रियों से संबधित आवागमन तथा उनसे सम्बन्धित दुकाने भी खुली रखी गयी थी.

टीकाकरण की गति तेज :

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है. प्रदेश में 02 करोड़ 35 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज दी गयी है तथा 18 से 44 वर्ष के लगभग 50 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज दी गयी है. मुख्यमंत्री जी द्वारा इस माह 06 लाख से 09 लाख तथा अगले माह से 10 लाख प्रतिदिन टीकाकरण कराने के निर्देश दिए हैं.

अगले 02 महीनों में 07 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य है. 31 अगस्त तक 10 करोड़ टीकाकरण कराने हेतु प्रशिक्षण एवं आवश्यक व्यवस्थाओं करने हेतु स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है. दिसम्बर 2021 तक प्रदेश की पूरी जनता को टीकाकरण लगाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंनेे बताया कि अभिभावक स्पेशल अभियान के तहत 12 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण कराया जा रहा है.

श्री सहगल ने बताया कि सर्विलांस के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा ट्रेसिंग के तहत घर-घर जाकर संक्रमण की जानकारी ली जा रही है. उन्होंने बताया कि 97000 ग्रामीण पंचायतों में 5 मई, 2021 से एक विशेष अभियान चलाकर, जिसमें लगभग 80 हजार निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर उन लोगों का जिनमें किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण होने पर उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है. अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है, इसके साथ-साथ लगभग 14 लाख से अधिक मेडिकल किट भी बांटी गयी है. उन्होंने बताया कि सर्विलांस के माध्यम से सरकारी मशीनरी द्वारा उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या में से अब तक लगभग 17 करोड़ से अधिक लोगों से उनका हालचाल जाना गया है. उन्होंने बताया कि माह अगस्त से बच्चों के लिए एक सघन अभियान चलाया जायेगा जिसके तहत निगरानी समितियों द्वारा बच्चों का हालचाल लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक टेस्ट कराये जा रहे हैं.

कोरोना कर्फ्यू में समय बढेगा

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा टीम-19 के समीक्षा बैठक में आगामी सोमवार, 21 जून से कोरोना कर्फ्यू में और छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया हैं. रात्रिकालीन कोरोना कफ्र्यू रात्रि 09 बजे से अगले दिन प्रातः 07 बजे तक प्रभावी होगा.

कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन के साथ रेस्टोरेंट व मॉल को 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेगा. इसी तरह, पार्क, स्ट्रीट फूड आदि के संचालन की अनुमति भी दी जाएगी. इन स्थलों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य होगी.

नई व्यवस्था के संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस समय से जारी की जायेगी. साप्ताहिक बंदी के दौरान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सेनेटाइजेशन, फाॅगिंग तथा साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना से मदद

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा संगठित एवं असंगठित श्रमिकों तथा रेहड़ी, पटरी वाले लोगों को 1000 रुपये का भत्ता दिया गया है. प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण’’ योजना के तहत मुफ्त राशन नवम्बर तक बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है.

प्रदेश में संक्रमण कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्टों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करके इलाज किया जा सके. प्रदेश में विगत 24 घंटे में 2,57,135 टेस्ट किये गये हैं तथा 05 करोड़ 38 लाख से अधिक टेस्ट किए गये हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 7,221 कोरोना के एक्टिव केस हैं, जिनमें 4,382 कोविड मरीज होम आइसोलेशन में हैं. कल विगत 24 घंटे में 1104 तथा अब तक 16 लाख 73 हजार लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं.

ऑक्सीजन की समुचित व्यवस्था

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में आॅक्सीजन समुचित मात्रा में उपलब्ध है. प्रदेश में आॅक्सीजन की कोई समस्या भविष्य में न हो इसके लिए 427 आॅक्सीजन प्लाण्ट अस्पतालों में लगाये जा रहे हैं, जिसमें से 83 प्लाण्ट क्रियाशील हो गए हैं.

उन्होंने बताया कि संभावित कोविड की तीसरी लहर के तहत सभी मेडिकल कालेज में 100-100 बेड पीआईसीयू के, हर जिला अस्पताल में 20-20 बेड पीआईसीयू के और कम से कम दो सीएससी में पीकू/नीकू के बेड बढ़ाये जा रहे हैं. जिसे 20 जून, 2021 तक पूरा करने का समय दिया गया है.

इसके साथ-साथ सभी सीएचसी में 20-20 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर संचालन के लिए सभी जिलों में तकनीशियनों की तैनाती सुनिश्चित कराने के निर्देश मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए हैं. आईटीआई से प्रशिक्षित योग्य युवाओं को आवश्यकतानुसार इन मशीनों के संचालन के संबंध में दक्षता दिलाई जाएगी.

किसानों को एमएसपी का लाभ

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है. गेहँू क्रय अभियान के तहत 12 लाख से अधिक किसानों से 53,80,801.30 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है.

मुख्यमंत्री जी द्वारा गेहूँ खरीद अभियान जो आज 15 जून 2021 तक था उसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है.

मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि गेंहूँ क्रय केन्द्रों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए तथा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल खरीदी जाए.

उन्होंने बताया कि अगली फसल के लिए खाद-बीज आदि किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये हैं.

यूपी में कोरोना कर्फ्यू खत्म होने टीकाकरण और ट्रेसिंग पर जोर

लखनऊ . उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ श्री नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी नेतृत्व में प्रदेश में 3 टी के अभियान से प्रदेश में अन्य प्रदेशों की तुलना में कोविड संक्रमण सबसे कम समय में नियत्रण में आया है. देश में सबसे कम समय में प्रतिदिन आने वाले सक्रिय मामलों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का 3 टी अभियान अन्य प्रदेशों के लिए एक माॅडल के रूप में सामने आया है.

सर्विलांस से ट्रेसिंग :

सर्विलांस के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा ट्रेसिंग के तहत घर-घर जाकर संक्रमण की जानकारी ली जा रही है. उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ 05 मई, 2021 से ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर, जिसमें निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर उन लोगों का जिनमें किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण होने पर उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है. अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है, इसके साथ-साथ उनको 11 लाख से अधिक मेडिकल किट भी बांटी गयी है.

प्रदेश में संक्रमण कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्टों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करके इलाज किया जा सके. उन्होंने बताया कि 31 मार्च से अब तक 70 प्रतिशत टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये है.

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 600 से कम होने पर जनपदों में आंशिक कोरोना कफ्र्यू हटाकर पूर्व की तरह साप्ताहिक बंदी लागू कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि साप्ताहिक बंदी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों मंे फोगिंग, सैनेटाइजेशन व साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में लगभग 1.50 लाख से अधिक कर्मचारी लगाये गये है. प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है.

टीकाकरण पर जोर :

माह जून में 01 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. अगले माह से प्रतिदिन 10 लाख से अधिक टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है. बड़े औद्योगिक ईकाइयों को कहा गया है कि वे अपनी ईकाइयों में कार्य कर रहे कर्मचारियों का टीकाकरण करायें सरकार द्वारा आवश्यक सहयोग दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में आॅक्सीजन युक्त बेडों की संख्या मंे निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है. जिसके क्रम में कल 106 बेडों की बढ़ोत्तरी की गयी है. कोविड-19 संक्रमण से बच्चों के उपचार के लिए पीकू/नीकू बेड भी तैयार किये जा रहे है.

श्री सहगल ने बताया कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी औद्योगिक गतिविधियां में तेजी से कार्य किया जा रहा है. प्रदेश में आने वाले नये निवेशकों के प्रस्तावों पर सहमति अथवा अनुमति तत्काल दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये हैं. लगभग 66,000 करोड़ के नये प्रस्ताव पर कार्यवाही चल रही है.

उन्होंने बताया कि एमएसएमई एक्ट में संसोधन करते हुए नये उद्योगों को लगाने को सरल किया गया है, जिसमें 1000 दिन तक किसी प्रकार के कागज की आवश्यकता नहीं है. जो एमओयू किये गये हैं उन्हें धरातल पर उतारा जा रहा है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 15 लाख मजदूर मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जी द्वारा मनरेगा के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के कार्यों का और तेजी से अमल में लाने के निर्देश दिये गये हैं.

कमजोर वर्गों पर नजर :

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा कल संगठित और असंगठित श्रमिकों को 1000 रुपये भत्ता दिया जा रहा है, जिसके तहत डीबीटी के माध्यम से 30 लाख से अधिक लोगों को सीधे उनके खातों में भत्ता दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 17 लाख पात्र लोगों को खाद्यान्न वितरित किया गया है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 20 लाख से अधिक पात्र लोगों को खाद्यान्न वितरण किया जाना है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा भी पात्र लोगों को खाद्यान्न वितरण किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से कोविड संक्रमित मरीजों का हालचाल जानने के साथ-साथ खाद्यान्न योजना का भी फीडबैक लिया जा रहा है. सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से 41 हजार लोगों से वार्ता की गई है.

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है. 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा. गेहँू क्रय अभियान में 10 लाख से अधिक किसानों से 46,96,521.87 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है, जो विगत वर्ष से डेढ़ गुना अधिक है.

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