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देहरादून के ट्रांसपोर्टर अशोक रोहिल्ला का घर माता मंदिर रोड पर था, जो थाना नेहरू कालोनी क्षेत्र में आता था. रोहिल्ला परिवार में 3 ही सदस्य थे, खुद अशोक रोहिल्ला, उस की पत्नी कामना रोहिल्ला और 3 साल की बेटी जाह्नवी. कामना ने कालोनी में ही बुटीक खोल रखा था. जाह्नवी छोटी थी, इसलिए उसे वह दिन भर साथ रखती थी.

29 अगस्त, 2019 की बात है. रात गहराते ही अशोक और कामना खाना  खा कर सोने चले गए थे. जाह्नवी पहले ही सो चुकी थी. रात के 11 और 12 बजे के बीच अशोक के घर से 2 गोलियां चलने की आवाज आई. गोलियों की आवाज सुन कर पड़ोसी घबराए, उन्हें लगा कि लूटपाट के लिए अशोक के घर में बदमाश घुस आए हैं. अशोक या उस की पत्नी ने विरोध किया होगा, जिस की वजह से बदमाशों ने गोलियां चला दी होंगी.

हकीकत जानने के लिए एक पड़ोसी घर के बाहर निकला तो उस ने स्ट्रीट लाइट की रोशनी में देखा कि अशोक अपनी कार ड्राइव करते हुए कहीं जा रहा है. वह घबराया सा लग रहा था.

पासपड़ोस के लोग अशोक के घर के सामने एकत्र हो गए. उन की समझ में नहीं आ रहा था कि माजरा क्या है. हकीकत जानने की उत्सुकता सभी के मन में थी, इसलिए हिम्मत कर के कुछ अशोक के घर के अंदर घुस गए. अंदर सभी लाइटें जल रही थीं.

घर का सारा सामान यथावत था. ऐसा बिलकुल नहीं लग रहा था कि वहां कुछ हुआ है. उन लोगों ने अशोक के बैडरूम में झांका तो सन्न रह गए. बैड पर कामना की खून से लथपथ लाश पड़ी थी.

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