सब से बड़ी चूक शिवनारायण शर्मा जैसे पकी उम्र के सयाने लोग यह करते हैं कि कौशल प्रसाद शर्मा जैसे बिचौलियों पर आंख बंद कर भरोसा कर लेते हैं, क्योंकि वह हर इलाके के 1-2 नामी लोगों को जानता-पहचानता है और ऐसे बात करता है मानो हजारों शादियां करा चुका हो.
दूसरी गलती लड़की वालों के बारे में पूरी और पुख्ता जानकारियां हासिल न करने की मानी जाएगी. चूंकि मकान है,
इसलिए वे लोग भी हमारे जैसे होंगे जैसी सोच की कीमत उस वक्त चुकानी पड़ती है, जब लड़की वाले अच्छाखासा मालमत्ता समेट कर रफूचक्कर हो चुके होते हैं.
यह बात सच है कि लड़की वालों से बतौर सुबूत उन के मकान की रजिस्ट्री तो नहीं मांगी जा सकती, लेकिन कभी चुपचाप आ कर पड़ोस में पूछताछ की होती तो यह तो पता चल ही जाता कि ये लोग नएनए आए हैं और जिस मकान को अपना बता रहे हैं, वह किराए का है तो शक बढ़ता है.
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एक और गलती लाखों रुपए के लेनदेन की ऐसे मामलों में अकसर होती है. लड़की वालों की लच्छेदार बातों में फंस कर लड़के वाले गहने और पैसे लड़की वालों को दे देते हैं, जो उन का असल मकसद भी होता है. इस के पूरे होने के बाद वे मिलेेंगे तो यह सोचना ही बेमानी है.
ये भी कम नहीं
हर समाज और जाति की एक बड़ी परेशानी इन दिनों मनपसंद लड़की का न मिल पाना है, क्योंकि रिश्तेदारियों में अब दूरियां बढ़ रही हैं और बिचौलियों ने शादीब्याह तय कराने को एक बड़ा धंधा बना लिया है, जो हर्ज की एकलौती बात इस लिहाज से है कि धंधे में कोई किसी की गारंटी नहीं लेता. हर किसी को अपने हिस्से की रकम और कमीशन से मतलब रहता है.
कौशल प्रसाद शर्मा जैसे लोग तो अकेले ही इस धंधे को करते हैं, इसलिए 2-4 को ठग पाते हैं, लेकिन इन दिनों शादी कराने वालों की बाढ़ सी आई हुई है. जब से मोबाइल फोन लोगों के हाथ में आया है, तब से ठगी का यह धंधा औनलाइन भी फलनेफूलने लगा है. शादी कराने वाली कई एजेंसियां, मैरिज ब्यूरो और मैट्रीमोनियल साइटें अरबों रुपए का कारोबार कर रही हैं, जबकि खुद इन के भरोसेमंद होने की कोई गारंटी नहीं होती.
13 नवंबर, 2019 को ही मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में साइबर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का परदाफाश किया था, जो कई राज्यों में कुंआरे नौजवानों को मनपसंद शादी का लालच दे कर उन्हें चूना लगा रहा था.
जबलपुर के ही संजय सिंह नाम के नौजवान की रिपोर्ट पर जब पुलिस ने इस गिरोह के सरगना बिहार के मनोहरलाल यादव को गिरफ्तार किया तो कई चाैंका देने वाली बातें सामने आईं.
मनोहरलाल यादव ने अपनी एक चेली के साथ मिल कर कई मैट्रीमोनियल वैबसाइट बना रखी थीं, जिन के नाम बड़े ही लुभावने होते थे. मसलन, जीवन जोड़ी, मैट्रीमोनी आल, बैस्ट मैट्रीमोनियल वगैरह. ये दोनों पहले कुंआरे लड़कों से बातचीत करते थे, फिर अच्छी लड़की दिलाने के नाम पर 5,000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस जमा कराते थे.
असली खेल इस के बाद शुरू होता था, जब कुंआरों को कई खूबसूरत लड़कियों की तसवीरें और बायोडाटा दिखा कर उन्हें फांसा जाता था. इस गिरोह में कुछ लड़कियां भी शामिल थीं. फोटो पसंद आ जाने के बाद लड़कियों के फोन नंबर लड़कों को दे दिए जाते थे और वे इन लड़कियों से सीधे बात करने लगते थे.
बातचीत में ये लड़कियां अपने घरपरिवार की माली हालत और गरीबी का रोना रोती थीं. कई लड़के झांसे में आ कर उन के बताए गए बैंक खाते में पैसा जमा करा देते थे, जिस से लड़की शादी करने के लिए तैयार हो जाए.
ऐसा ही संजय के साथ हुआ था. गिरोह की एक लड़की ने कोई 7 लाख रुपए उस से ऐंठ लिए और फिर जब उस का फोन बंद आने लगा तो संजय का माथा ठनका और उस ने पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी.
चूंकि ऐसी कई शिकायतें लगातार मिल रही थीं, इसलिए पुलिस ने फुरती से कार्यवाही की और मनोहरलाल यादव को धर दबोचा, तो उस ने जुर्म कबूल कर लिया. कई नौजवान तो ऐसे भी थे, जिन्होंने ठगे जाने के बाद भी मारे शर्म और जगहंसाई के डर से रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कराई थी.
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इन से ऐसे बचें
क्या लुटेरी दुलहनों से बचा जा सकता है? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ना जरूरी है कि पहले ऐसी कुछ वारदात पर एक नजर डाली जाए, जिस से सम झ आए कि कैसेकैसे लोग इन के चंगुल में फंस कर पैसा और इज्जत गंवा बैठते हैं.
केस नंबर 1 : 18 दिसंबर, 2019 को हरिद्वार के रुड़की में हरियाणा के पानीपत के एक विधुर ने अपनी मौसी की बताई जरूरतमंद लड़की से शादी की थी. मंदिर में शादी के बाद पतिपत्नी हरिद्वार के एक होटल में ठहरे.
रात के तकरीबन 2 बजे पति के सो जाने के बाद दुलहन 5 लाख रुपए के गहने और 50 हजार रुपए नकद ले कर फरार हो गई.
सुबह उठने के बाद दूल्हे को इस बात का पता चला तो उस ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई.
केस नंबर 2 : एक लुटेरी दुलहन 23 दिसंबर, 2019 को उत्तर प्रदेश के बरेली से गिरफ्तार की गई. इस मामले में 30 साला दुलहन ममता उर्फ अंजलि उर्फ सीमा की शादी त्रिलोक सिंह यादव से हरियाणा के फरीदाबाद के गांव हथेली में 13 नवंबर, 2019 को हुई थी.
शादी के कुछ दिन बाद ही यह ठगिनी ससुराल वालों को नशीली चीज खिला कर लाखों के जेवरात और नकदी ले कर फरार हो गई थी.
पकड़े जाने के बाद सीमा ने बताया कि वह बिहार के खगडि़या की रहने वाली है और इसी तरह पहले भी शादियां कर लोगों को लूट चुकी है.
इस काम को एक पूरा गिरोह अंजाम देता था. सीमा के बयान की बिना पर उस औरत को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जो हर शादी में उस की भाभी का रोल अदा करती थी.
केस नंबर 3 : एक और मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं का है. प्रवीण नाम के नौजवान की शादी आजमगढ़ की रहने वाली एक लड़की से हुई थी. दुलहन ससुराल आई और पहली ही रात सब को खाना खिलाया.
इस खाने में उस ने नशीली चीज मिला दी थी, जिस से घर के सारे लोग बेहोश हो गए और रात को वह नकदी और जेवर ले कर चंपत हो गई.
केस नंबर 4 : 10 अक्तूबर, 2019 को इंदौर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का परदाफाश किया था, जिस के निशाने पर जैन समाज के नौजवान रहते थे.
इस गिरोह में 4 मर्द और 2 लड़कियां थीं. इन्होंने तकरीबन 2 दर्जन शादियां की थीं और हर बार ससुराल से नकदी व जेवरात ले कर फरार हो गए थे. बाद में यह पैसा गिरोह के सदस्य बांट लेते थे.
गिरोह का मुखिया अनिल वाटकीय नाम का शख्स था, जो जैन लड़कों को फंसाता था.
गौरतलब है कि जैन समाज में शादी लायक लड़कों को लड़कियां नहीं मिल रही हैं, इसलिए इस गिरोह ने 2 लड़कियों रितु राठौर और सपना को ट्रेनिंग दी थी. शादी के बाद तयशुदा प्लान के मुताबिक ये दोनों मौका मिलते ही ससुराल से माल ले कर फरार हो जाती थीं.