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आठों कलाकारों के साथ घटना घटे 24 घंटे बीत गए थे. खूंटी की रहने वाली सीमा को भीतर ही भीतर बुरी तरह घुटन महसूस हो रही थी. उन लोगों द्वारा दी गई यातना उस से बरदाश्त नहीं हुई तो उस ने अपने मांबाप से आपबीती सुना दी और फफकफफक कर रोने लगी.

बेटी के साथ हुई घटना को मांबाप ने सुना तो सन्न रह गए. बात कोई छोटीमोटी नहीं थी. बेटी की मानमर्यादा को तारतार कर के उस के गुप्तांगों को सिगरेट से जलाया गया था. उन दरिंदों ने यातना की सारी सीमाएं लांघ दी थीं. सीमा और उस के बाकी साथियों के साथ क्याक्या हुआ था, उस ने मांबाप को पूरी बात विस्तार से बता दी.

दरअसल, बीते 19 जून को खुद को बुरुडीह का मुखिया बता कर जो युवक गांव में नुक्कड़ नाटक कराने की बात कह कर आठों कलाकारों को अपने साथ ले गया था, वह उन्हें गांव न ले जा कर एक घने जंगल में ले गया था. वाहन चला रहे आशा किरण संगठन के चालक संजय शर्मा को मारपीट कर बीच रास्ते में उतार दिया गया था.

गाड़ी के पीछे चल रहे मोटरसाइकिल सवारों में से एक नीचे उतरा और संजय की जगह ड्राइविंग सीट पर सवार हो कर वाहन चलाने लगा. वे लोग जिस जंगल के बीच वाहन को ले गए, वहां पहले से ही कई लोग मौजूद थे. उन के पास खतरनाक हथियार थे.

मुखिया ने सभी युवक और युवतियों को वाहन से निकलने का आदेश दिया. फरमान जारी होते ही सभी एकएक कर के वाहन से नीचे उतर आए और एक कतार में खडे़ हो गए. उन के कतार में खड़े होते ही हथियारबंद युवकों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया.

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