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ब्लाइंड मर्डर ने उड़ाई पुलिस की नींद

लाश की शिनाख्त के लिए उन्होंने मृतका का हुलिया तथा उस के फोटो के पोस्टर छपवा कर इटावा तथा उस के आसपास के जिलों के सभी सार्वजनिक स्थानों पर चिपकवा दिए. गुमशुदा तलाश केंद्र तथा इटावा के सभी 20 थानों से भी पता किया गया, लेकिन मृतका की शिनाख्त नहीं हो सकी. किसी भी थाने में इस हुलिए की महिला की गुमशुदगी की सूचना दर्ज नहीं थी.

कई दिन बीत जाने के बाद भी जब महिला के शव की शिनाख्त नहीं हो पाई, तब इस ब्लाइंड मर्डर का रहस्य उजागर करने के लिए एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने पुलिस की एक टीम गठित की और इस टीम की जिम्मेदारी सौंपी एसपी (देहात) सत्यपाल सिंह को. सहयोग के लिए क्राइम ब्रांच की टीम तथा एएसपी कपिल देव सिंह एवं डीएसपी (भरथना) विजय सिंह को भी लगाया गया.

गठित टीम ने सब से पहले कौआ गांव के लोगों से पूछताछ की. गांव के लोगों ने बताया कि घटनास्थल लगभग एक किलोमीटर दूर है और सुनसान जगह है. हत्या देर रात की गई थी. इसलिए हम ने न तो हत्यारोें को देखा और न ही गोली चलने की आवाज सुनी. उन्होंने यह भी कहा कि महिला उन के क्षेत्र की नहीं है. उसे दूरदराज क्षेत्र से किसी वाहन से लाया गया होगा.

ग्रामीणों से पूछताछ के बाद पुलिस टीम फिर से घटनास्थल पहुंची और खोजबीन शुरू की. खोजबीन के दौरान थानाप्रभारी गंगादास की निगाह कागज के एक टुकड़े पर पड़ी. उन्होंने उस टुकड़े को उठा कर देखा तो वह टोकननुमा पर्ची थी, जिस पर ‘कटियार ट्रैवल एजेंसी, नोएडा’ लिखा था. उन्होंने उस पर्ची को सुरक्षित कर लिया.थानाप्रभारी गंगादास ने घटनास्थल से पर्ची मिलने की जानकारी टीम के अन्य सदस्यों तथा एसपी (देहात) सत्यपाल सिंह को दी. इस पर सत्यपाल सिंह ने टीम को नोएडा जाने तथा ट्रैवल एजेंसी के मालिक से पूछताछ करने का आदेश दिया. दरअसल, सत्यपाल सिंह को पर्ची देख कर अंधेरे में उजाले की एक किरण नजर आने लगी थी.

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