उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले के गौर थाना इलाके का केसरई गांव. वहां के एक बाशिंदे रमेश यादव ने 30 अक्तूबर, 2016 की सुबह के तकरीबन 11 बजे थानाध्यक्ष अरविंद प्रताप सिंह को यह सूचना दी कि उस का भाई राजेश कुमार यादव हंसवर गांव में सफाई मुलाजिम था. किसी ने आज सुबह ड्यूटी जाते समय हर्दिया के प्राइमरी स्कूल के पास खड़ंजे पर उस की हत्या कर लाश वहीं फेक दी है.

हत्या की सूचना पा कर इंस्पैक्टर अरविंद प्रताप सिंह ने इस वारदात की सूचना अपने से बड़े अफसरों को दी और खुद अपने दलबल के साथ मौका ए वारदात की ओर चल दिए. वहां एक नौजवान की लाश पड़ी हुई थी और उस के सिर से काफी खून बह कर जमीन पर पड़ा हुआ था. लाश को देखने से ही लग रहा था कि मारे गए उस नौजवान के सिर पर किसी भारी चीज से वार कर उस की हत्या की है.

पुलिस ने लोगों और परिवार वालों से किसी पर हत्या का शक होने की बात पूछी, लेकिन सभी ने इनकार कर दिया. पुलिस को वहां ऐसा कोई सुबूत भी नहीं मिला, जिस से हत्या करने वाले या हत्या की वजह का पता किया जा सके.

इसी बीच परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि राजेश के पास एक मोबाइल फोन भी था, जो लाश के पास बरामद नहीं हुआ. पुलिस ने परिवार वालों की सूचना के आधार पर राजेश कुमार की हत्या का मुकदमा दर्ज कर व लाश का पंचनामा कर 1 नवंबर, 2016 को ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

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