कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सौजन्य- सत्यकथा

सोनू का यही निर्णय उस के लिए घातक साबित हुआ. नीतू को तो बस अपने प्रेमी से मिलने का बहाना चाहिए था. अब वह बेरोकटोक राजू के लिए खाने का टिफिन देने के बहाने उस से मिलनेजुलने लगी.

सोनू सुबह 9 बजे घर से निकल जाता और दिन भर कपड़े की दुकान में काम कर के थकाहारा रात 9 बजे के बाद घर पहुंचता. नीतू और उस के पति सोनू की उम्र में 12 साल का फासला था. यही वजह थी कि नीतू की शारीरिक जरूरतों को वह पूरा नहीं कर पाता था.

जब भी राजू को मौका मिलता वह नीतू के घर भी आ जाता. नीतू भी अपनी बेटियों तनु और गुड्डी को काम के बहाने घर से बाहर भेज देती और दोनों जी भर कर हसरतें पूरी करते.

29 नवंबर, 2020 की सुबह के साढ़े 7 बजे जबलपुर के रांझी थाने को फोन पर सूचना मिली कि ग्रे आयरन फाउंडी के गेट नंबर 2 के पास की नाली में कंबल में लिपटी एक लाश पड़ी है.

खबर मिलते ही टीआई आर.के. मालवीय ने पुलिस के आला अधिकारियों को सूचना दी और पुलिस टीम के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गए.

घटनास्थल पर आसपास के लोगों की भीड़ मौजूद थी. लोगों ने लाश की शिनाख्त कर बताया कि वह पास में ही रहने वाले सोनू ठाकुर की लाश है. सोनू की गरदन और बाएं हाथ की नस कटी हुई थीं. घटनास्थल के पास ही सोनू की पत्नी अपनी दोनों बेटियों को सीने से चिपकाए चीखचीख कर रो रही थी.

जब पुलिस ने सोनू के बारे में नीतू से पूछताछ की तो उस ने बताया कि रात को साढ़े 10 बजे यह घर से घूमने की बात कह कर निकले थे. जब देर रात तक नहीं लौटे तो उस ने फोन किया. फोन स्विच्ड औफ बता रहा था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...