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9 अप्रैल की सुबह 5 बजे अजमेरिन की चीख और रोनेपीटने की आवाज सुन कर घर वाले तथा पड़ोसी आ गए. उस ने अपने ससुर साबिर अली को बताया कि उस के शौहर लतीफ को किसी ने रात में मार डाला है. बेटे की हत्या की बात सुन कर साबिर अली अवाक रह गए.

इस के बाद तो बेहटा गांव में कोहराम मच गया. अजमेरिन को ले कर गांव में तरहतरह की चर्चाएं होने लगीं. कुछ लोग दबी जुबान से तो कुछ खुल कर अजमेरिन को ही दोषी ठहरा रहे थे. घर वालों को भी अजमेरिन पर ही शक था.

कुछ देर बाद साबिर अली थाना ठठिया पहुंचे. उस समय थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह थाने पर मौजूद थे. उन्होंने अधेड़ उम्र के व्यक्ति को बदहवास देखा, तो पूछा, ‘‘बताइए, कैसे आना हुआ और इतने घबराए हुए क्यों हो?’’

‘‘साहब, मेरा नाम साबिर अली है. मैं गांव बेहटा का रहने वाला हूं. बीती रात किसी ने मेरे बेटे लतीफ की हत्या कर दी. वह 20 दिन पहले ही हैदराबाद से गांव लौटा था.’’

हत्या की बात सुन कर थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह चौंके. उन्होंने साबिर अली से पूछा, ‘‘तुम्हारे बेटे लतीफ की हत्या किस ने और क्यों की होगी? क्या उस की गांव में किसी से कोई दुश्मनी या लेनदेन का लफड़ा था?’’

‘‘साहब, लतीफ बहुत सीधासादा था. गांव में उस की न तो किसी से दुश्मनी थी और न ही किसी से लेनदेन का लफड़ा था. पर मुझे एक आदमी पर गहरा शक है.’’

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‘‘किस पर?’’ शैलेंद्र सिंह ने आश्चर्य से पूछा.

‘‘लतीफ की बीवी अजमेरिन पर.’’ साबिर अली ने बताया.

‘‘वह कैसे?’’ थाना प्रभारी ने पूछा.

‘‘साहब, लतीफ की बीवी अजमेरिन का चरित्र ठीक नहीं है. वह मायके के यार तेजपाल को घर बुलाती थी. तेजपाल को ले कर मियांबीवी में झगड़ा होता था. मुझे शक है कि अजमेरिन ने ही अपने प्रेमी तेजपाल के साथ मिल कर मेरे बेटे को मार दिया है. अब वह पाकीजा बनने का नाटक कर रही है.’’

अवैध संबंधों में हुई हत्या का पता चलते ही थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह ने इस वारदात से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया और फिर पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पहुंच गए. उस समय लौकडाउन की वजह से इक्कादुक्का लोग ही मौजूद थे. पुलिस को देख कर शौहर के शव के पास बैठी अजमेरिन छाती पीटपीट कर रोने लगी. अजमेरिन रो जरूर रही थी, पर उस की आंखों से आंसू नहीं निकल रहे थे.

शैलेंद्र सिंह को समझते देर नहीं लगी कि अजमेरिन रोने का ड्रामा कर रही है. फिर भी सहानुभूति जताते हुए उन्होंने उसे शव से दूर किया और निरीक्षण कार्य में जुट गए. मृतक लतीफ का शव घर के बाहर बरामदे में तख्त पर पड़ा था. उस के शरीर पर चोटों के निशान थे. देखने से ऐसा लग रहा था कि हत्या गला दबा कर की गई थी. उस की उम्र 35 वर्ष के आसपास थी और वह शरीर से हृष्टपुष्ट था.

थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह अभी जांच कर ही रहे थे कि सूचना पा कर एसपी अमरेंद्र प्रसाद, एएसपी विनोद कुमार तथा सीओ सुबोध कुमार जायसवाल घटनास्थल पर आ गए. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया फिर मृतक की बीवी अजमेरिन से पूछताछ की.

अजमेरिन ने बताया कि बीती रात 9 बजे उस ने शौहर के साथ बैठ कर खाना खाया था. कुछ देर दोनों बतियाते रहे, उस के बाद वह घर के बाहर बरामदे में जा कर तख्त पर सो गए. इस के बाद रात में किसी ने उन की हत्या कर दी. कैसे और कब, इस बारे में उसे नहीं मालूम.

सुबह जब वह सो कर उठी और साफसफाई करते हुए बरामदे में पहुंची तो उन्हें मृत पाया. पति को इस हालत में देख कर वह चीखीचिल्लाई तो ससुर व पड़ोसी आ गए. ससुर ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस आ गई.

पुलिस अधिकारियों ने मृतक के वालिद साबिर अली से बात की तो उस ने लतीफ की बीवी अजमेरिन पर शक जताया कि वह चरित्र की खोटी है. पुलिस अधिकारी पक्के सबूत के बिना अजमेरिन को गिरफ्तार नहीं करना चाहते थे.

इसलिए घटनास्थल की सारी काररवाई पूरी कर शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल कन्नौज भिजवा दिया गया. साथ ही थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह को आदेश दिया कि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद काररवाई करें.

10 अप्रैल की शाम 5 बजे थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह को लतीफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई. रिपोर्ट के मुताबिक लतीफ की हत्या गला घोंट कर की गई थी. हत्या के पहले उस के साथ मारपीट भी हुई थी. उस के हाथों व पैरों पर गंभीर चोटों के निशान थे. भोजन पचा पाया गया, जिस से अनुमान लगाया कि हत्या रात 12 बजे के बाद हुई थी. जहर की आशंका को देखते हुए विसरा को सुरक्षित कर लिया गया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद शैलेंद्र सिंह दूसरे रोज सुबह 10 बजे मृतक की बीवी अजमेरिन से पूछताछ करने उस के गांव बेहटा पहुंचे लेकिन वहां दरवाजे पर ताला लटक रहा था.

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उन्होंने मृतक के पिता साबिर अली से पूछा, तो उन्होंने बताया कि अजमेरिन घर में ताला डाल कर फरार हो गई है. संभव है, वह अपने मायके चली गई है. उस का मायका कानपुर देहात जनपद के रसूलाबाद थाना अंतर्गत गांव सहवाजपुर में है. उसी गांव में उस का आशिक तेजपाल भी रहता है.

अजमेरिन के फरार होने से थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह को पक्का यकीन हो गया कि लतीफ की हत्या में उस का ही हाथ है. उसी ने अपने आशिक के साथ मिल कर शौहर की हत्या की है. अत: अजमेरिन और उस के आशिक को पकड़ने के लिए शैलेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ थाना रसूलाबाद पहुंच गए.

वहां की पुलिस की मदद से उन्होंने गांव सहवाजपुर में अजमेरिन व तेजपाल के घर छापा मारा. लेकिन वह दोनों अपनेअपने घर में नहीं थे. तेजपाल के पिता ओमप्रकाश ने बताया कि तेजपाल 8 अप्रैल की सुबह मोटरसाइकिल ले कर घर से निकला था, तब से वह वापस नहीं आया. जबकि अजमेरिन के घर वालों ने बताया कि वह मायके आई ही नहीं है.

तेजपाल व अजमेरिन को पकड़ने के लिए थानाप्रभारी ने तमाम संभावित स्थानों पर छापे मारे, लेकिन दोनों पकड़ में नहीं आए. इस बीच उन्होंने उन के घर वालों से भी सख्ती से पूछताछ की, लेकिन उन का पता नहीं चला. इस पर थानाप्रभारी ने अपने खास मुखबिरों का जाल फैला दिया.

14 अप्रैल की सुबह 8 बजे एक मुखबिर ने थाने आ कर थानाप्रभारी को बताया कि अजमेरिन अपने आशिक तेजपाल के साथ नेरा पुल के पास मौजूद है. दोनों शायद किसी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में है.

मुखबिर की इस सूचना पर शैलेंद्र सिंह सक्रिय हुए और पुलिस बल के साथ नेरा पुल के पास पहुंच गए. पुल पर उन्हें कोई नजर ही नहीं आया.

निरीक्षण करते हुए पुलिस जब पुल के नीचे पहुंची तो वहां एक युवक और एक युवती मिले. पुलिस को देख कर दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को पकड़ लिया.

थाना ठठिया ला कर जब उन से पूछताछ  की गई तो युवक ने अपना नाम तेजपाल बताया. जबकि युवती ने अपना नाम अजमेरिन बताया. उन से जब लतीफ की हत्या के संबंध में पूछा गया तो दोनों साफ मुकर गए. लेकिन जब पुलिस ने अपना असली रंग दिखाया तो दोनों टूट गए और हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया.

यही नहीं उन्होंने हत्या में इस्तेमाल अंगौछा और डंडा भी बरामद करा दिया जिसे उन्होंने घर में छिपा दिया था. अजमेरिन ने बताया कि तेजपाल से उस के संबंध निकाह से पूर्व से थे. जो निकाह के बाद भी बने रहे.

उस का शौहर इन नाजायज ताल्लुकात का विरोध करता था और मारपीट और झगड़ा करता था. शौहर की शराबखोरी और मारपीट से आजिज आ कर उस ने तेजपाल के साथ मिल कर शौहर की हत्या की योजना बनाई.

फिर 8 अप्रैल की रात उस के साथ मारपीट की और गला घोंट कर मार डाला. अजमेरिन की बात का तेजपाल ने भी समर्थन किया.

थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह ने लतीफ हत्याकांड का परदाफाश करने और उस के कातिलों को पकड़ने की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी तो वह थाना ठठिया आ गए. उन्होंने हत्यारोपियों से खुद पूछताछ की. फिर एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने आननफानन प्रैसवार्ता बुलाई और हत्यारोपियों को मीडिया के सामने पेश कर घटना का खुलासा किया.

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चूंकि हत्यारोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था. इसलिए शैलेंद्र सिंह ने मृतक के पिता साबिर अली को वादी बना कर भादंवि की धारा 302 के तहत तेजपाल व अजमेरिन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई और दोनों को विधि सम्मत गिरफ्तार कर लिया. पुलिस जांच में एक ऐसी औरत की कहानी सामने आई जिस ने देह सुख के लिए शौहर का कत्ल करा दिया.

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