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सौजन्य- सत्यकथा

इस सच को जानने के लिए रामबिहारी को गिरफ्तार करना आवश्यक था. लेकिन रामबिहारी को गिरफ्तार करना आसान नहीं था. क्योंकि वह सत्ता पक्ष का नेता था और सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं से उस के ताल्लुकात थे. उस की गिरफ्तारी से बवाल भी हो सकता था. अत: इंसपेक्टर खान ने इस प्रकरण की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी.

सूचना पाते ही एसपी डा. यशवीर सिंह, एएसपी डा. अवधेश कुमार, डीएसपी (कोंच) राहुल पांडेय तथा क्राइम ब्रांच प्रभारी उदयभान गौतम कोतवाली कोंच आ गए.

पुलिस अधिकारियों ने दोनों युवकों राजकुमार तथा बालकिशन से घंटों पूछताछ की फिर सफेदपोश नेता को गिरफ्तार करने के लिए डा. यशवीर सिंह ने डीएसपी राहुल पांडेय की निगरानी में एक पुलिस टीम का गठन कर दिया तथा कोंच कस्बे में पुलिस बल तैनात कर दिया.

12 जनवरी, 2021 की रात 10 बजे पुलिस टीम रामबिहारी के भगत सिंह नगर मोहल्ला स्थित घर पर पहुंची. लेकिन वह घर से फरार था. इस बीच पुलिस टीम को पता चला कि रामबिहारी पंचानन चौराहे पर मौजूद है. इस जानकारी पर पुलिस टीम वहां पहुंची और रामबिहारी को नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया.

उसे कोतवाली कोंच लाया गया. इस के बाद पुलिस टीम रात में ही रामबिहारी के घर पहुंची और पूरे घर की सघन तलाशी ली. तलाशी में उस के घर से लैपटाप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, डीवीआर, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क तथा नशीला पाउडर व गोलियां बरामद कीं. थाने में रामबिहारी से कई घंटे पूछताछ की गई.

रामबिहारी राठौर के घर से बरामद लैपटाप, पेन ड्राइव, मोबाइल, डीवीआर तथा हार्ड डिस्क की जांच साइबर एक्सपर्ट टीम तथा झांसी की फोरैंसिक टीम को सौंपी गई. टीम ने झांसी रेंज के आईजी सुभाष सिंह बघेल की निगरानी में जांच शुरू की तो चौंकाने वाली जानकारी मिली. फोरैंसिक टीम के प्रभारी शिवशंकर ने पेन ड्राइव व हार्ड डिस्क से 50 से अधिक पोर्न वीडियो निकाले. उन का अनुमान है कि हार्ड डिस्क में 25 जीबी अश्लील डाटा है.

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इधर पुलिस टीम ने लगभग 50 बच्चों को खोज निकाला, जिन के साथ रामबिहारी ने दरिंदगी की औरउन के बचपन के साथ खिलवाड़ किया. इन में 36 बच्चे तो सामने आए, लेकिन बाकी बच्चे शर्म की वजह से सामने नहीं आए. 36 बच्चों में से 18 बच्चों ने ही बयान दर्ज कराए. जबकि 3 बच्चों ने बाकायदा रामबिहारी के विरुद्ध लिखित शिकायत दी.

इन बच्चों की तहरीर पर थानाप्रभारी इमरान खान ने भादंवि की धारा 328/377/506 तथा पोक्सो एक्ट की धारा (3), (4) एवं आईटी एक्ट की धारा 67ख के तहत रामबिहारी राठौर के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली तथा उसे न्यायसम्मत गिरफ्तार कर लिया.

भाजपा नेता रामबिहारी के घिनौने सच का परदाफाश हुआ तो कोंच कस्बे में सनसनी फैल गई. लोग तरहतरह की चर्चाएं करने लगे. किरकिरी से बचने के लिए नगर अध्यक्ष सुनील लोहिया ने बयान जारी कर दिया कि भाजपा का रामबिहारी से कोई लेनादेना नहीं है. रामबिहारी ने पिछले महीने ही अपने पद व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया था.

इधर सेवानिवृत्त कानूनगो एवं उस की घिनौनी करतूतों की खबर अखबारों में छपी तो कोंच कस्बे में लोगों का गुस्सा फट पड़ा. महिलाओं और पुरुषों ने रामबिहारी का घर घेर लिया और इस हैवान को फांसी दो के नारे लगाने लगे. भीड़ रामबिहारी का घर तोड़ने व फूंकने पर आमादा हो गई. कुछ लोग उस के घर की छत पर भी चढ़ गए. लेकिन पुलिस ने किसी तरह घेरा बना कर भीड़ को रोका और समझाबुझा कर शांत किया.

कुछ महिलाएं व पुरुष कोतवाली पहुंच गए. उन्होंने रामबिहारी को उन के हवाले करने की मांग की. दरअसल, वे महिलाएं हाथ में स्याही लिए थीं, वे रामबिहारी का मुंह काला करना चाहती थीं. लेकिन एसपी डा. यशवीर सिंह ने उन्हें समझाया कि अपराधी अब पुलिस कस्टडी में है. अत: कानून का उल्लंघन न करें. कानून खुद उसे सजा देगा. महिलाओं ने एसपी की बात मान ली और वे थाने से चली गईं.

रामबिहारी राठौर कौन था? वह रसूखदार सफेदपोश नेता कैसे बना? फिर इंसान से हैवान क्यों बन गया? यह सब जानने के लिए हमें उस के अतीत की ओर झांकना होगा.

जालौन जिले का एक कस्बा है-कोंच. तहसील होने के कारण कोंच कस्बे में हर रोज चहलपहल रहती है. इसी कस्बे के मोहल्ला भगत सिंह नगर में रामबिहारी राठौर अपनी पत्नी उषा के साथ रहता था. रामबिहारी का अपना पुश्तैनी मकान था, जिस के एक भाग में वह स्वयं रहता था, जबकि दूसरे भाग में उस का छोटा भाई श्यामबिहारी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहता था.

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रामबिहारी पढ़ालिखा व्यक्ति था. वर्ष 1982 में उस का चयन लेखपाल के पद पर हुआ था. कोंच तहसील में ही वह कार्यरत था. रामबिहारी महत्त्वाकांक्षी था. धन कमाना ही उस का मकसद था. चूंकि वह लेखपाल था, सो उस की कमाई अच्छी थी. लेकिन संतानहीन था. उस ने पत्नी उषा का इलाज तो कराया लेकिन वह बाप न बन सका.

उषा संतानहीन थी, सो रामबिहारी का मन उस से उचट गया और वह पराई औरतों में दिलचस्पी लेने लगा. उस के पास गरीब परिवारों की महिलाएं राशन कार्ड बनवाने व अन्य आर्थिक मदद हेतु आती थीं. ऐसी महिलाओं का वह मदद के नाम पर शारीरिक शोषण करता था. वर्ष 2005 में एक महिला ने सब से पहले उस के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. लेकिन रामबिहारी ने उस के घरवालों पर दबाव बना कर मामला रफादफा कर लिया.

कोंच तहसील के गांव कुंवरपुरा की कुछ महिलाओं ने भी उस के खिलाफ यौनशोषण की शिकायत तहसील अफसरों से की थी. तब रामबिहारी ने अफसरों से हाथ जोड़ कर तथा माफी मांग कर लीपापोती कर ली. सन 2017 में रामबिहारी को रिटायर होना था. लेकिन रिटायर होने के पूर्व उस की तरक्की हो गई. वह लेखपाल से कानूनगो बना दिया गया. फिर कानूनगो पद से ही वह रिटायर हुआ. रिटायर होने के बाद वह राजनीति में सक्रिय हो गया. उस ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.

कुछ समय बाद ही उसे कोंच का भाजपा नगर उपाध्यक्ष बना दिया गया. रामबिहारी तेजतर्रार था. उस ने जल्द ही शासनप्रशासन में पकड़ बना ली. उस ने घर पर कार्यालय बना लिया और उपाध्यक्ष का बोर्ड लगा लिया. नेतागिरी की आड़ में वह जायजनाजायज काम करने लगा. वह कोंच का रसूखदार सफेदपोश नेता बन गया.

अगले भाग में पढ़ें- रामबिहारी राठौर के घिनौने सच का परदाफाश हो गया

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