27 जून, 2021 को परिजनों को जैसे ही पता चला कि सचिन की हत्या उस के कुछ नजदीकी दोस्तों ने कर दी है तो घर में कोहराम मच गया. परिजनों का रोरो कर बुरा हाल हो गया. सचिन अपने घर का इकलौता चिराग था, जिसे दोस्तों ने ही बुझा दिया था.
पुलिस की कड़ी पूछताछ में सभी आरोपी टूट गए. सभी ने स्वीकार किया कि उन्होंने सचिन का अपहरण कर उस की हत्या कर दी और लाश का अंतिम संस्कार पीपीई किट पहना कर करने के बाद उस की अस्थियां भी यमुना में विसर्जित कर दीं.
28 जून, 2021 को प्रैस कौन्फ्रैंस में एसएसपी मुनिराज जी. ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का परदाफाश कर दिया.
सचिन की मौत की पटकथा एक महीने पहले ही लिख ली गई थी. आरोपियों ने पहले ही तय कर रखा था कि सचिन का अपहरण कर हत्या कर देंगे. उस के बाद 2 करोड़ रुपए की फिरौती उस के पिता से वसूलेंगे.
पुलिस पूछताछ में हत्यारोपियों द्वारा सचिन के अपहरण और हत्या के बाद उस के शव का दाह संस्कार करने की जो कहानी सामने आई, वह बड़ी ही खौफनाक थी—
मूलरूप से बरहन कस्बे के गांव रूपधनु निवासी सुरेश चौहान आगरा के दयाल बाग क्षेत्र की जयराम बाग कालोनी में अपने परिवार के साथ रहते हैं. उन का गांव में ही एस.एस. आइस एंड कोल्ड स्टोरेज है.
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इस के अलावा वह आगरा और हाथरस में जिला पंचायत की ठेकेदारी भी करते हैं. लेखराज चौहान भी उन के गांव का ही है. दोनों ने एक साथ काम शुरू किया. दोनों ठेकेदारी भी साथ करते थे. उन दोनों के बीच पिछले 35 सालों से बिजनैस की साझेदारी चल रही थी. सुरेश चौहान का बेटा सचिन व लेखराज का बेटा हर्ष भी आपस में अच्छे दोस्त थे और एक साथ ही व्यापार व ठेकेदारी करते थे.