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सौजन्य-  सत्यकथा

20दिसंबर, 2020 को सुबह के 7 बजे का वक्त रहा होगा. ममता सो कर उठी तो सब से पहले उसे अपनी मम्मी की याद आई. क्योंकि ममता हर रात अपनी मां के लिए 5-6 बादाम पानी में भिगो कर रखती थी. जिन्हें सुबह होते ही छील कर मां को खाने के लिए देती थी.

उस ने बादाम छीले और मां हीरा देवी को आवाज लगाई. लेकिन मां ने जब कोई जबाव नहीं दिया तो वह उन के कमरे में गई. उस वक्त उस की मां लिहाफ ओढ़े सोई हुई थी.

मां को सोता देख कर उसे हैरानी हुई कि वह अभी तक सोई हुई हैं. जबकि हर रोज वह सब से पहले उठ जाती थीं.

मम्मी के पास जा कर उस ने उन के मुंह से लिहाफ हटाया तो उन के चेहरे को रक्तरंजित देख ममता के होश उड़ गए.

मां की हालत देख उस की चीख निकल गई. सुबहसुबह ममता के चीखनेचिल्लाने की आवाज सुन कर उस की छोटी बहन अंजलि और भाई रवींद्र भी कमरे में आ गए. कमरे में सोती मां हीरा देवी की किसी ने रात में गरदन काट कर हत्या कर दी थी.

सुबहसुबह हीरा देवी की हत्या की बात सुनते ही वहां कुछ ही देर में काफी लोग इकट्ठा हो गए. हीरा देवी की हत्या किस ने और क्यों की, यह कोई नहीं समझ पा रहा था. उस रात उस घर में 5 सदस्य थे, स्वयं हीरा देवी, उन की 2 बेटियां ममता, अंजलि और बेटे रवींद्र शाही व राहुल. हीरा देवी के पति राजेंद्र सिंह शाही किसी काम से घर से बाहर गए हुए थे.

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