कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सौजन्य- मनोहर कहानियां

तेजस की चुप्पी से धीरेधीरे शोभना की हिम्मत बढ़ती गई और वह जब देखो तब तेजस का अपमान करने लगी. उसी को ही नहीं, उस के मांबाप और भाईबहन को भी अपशब्द कहने लगी थी. उन का आनाजाना तो उस ने कब का बंद करा दिया था.

तेजस को उन से फोन पर भी बातें करते देख या सुन लेती तो उस के बाद तेजस की जम कर बेइज्जती करती ही, फोन छीन कर उन लोगों को भी बुरी तरह बेइज्जत करती.

अपमान का घूंट पी कर रह जाता तेजस

इस से तेजस दुखी तो रहता ही था, उसे शोभना के साथ रहने में घुटन सी होने लगी थी. अब वह ससुराल में बिलकुल नहीं रहना चाहता था. पर मजबूरी में उसे रहना पड़ रहा था.

ऐसे में ही उस ने कुछ दिनों पहले शोभना से कहा भी था, ‘‘अब अगर तुम ने मेरे घर वालों को कुछ कहा तो मैं तुम्हारे साथ या तुम्हारे और अपने साथ कुछ कर लूंगा.’’

एक तरह से तेजस ने शोभना को धमकी दी थी. यह बात शोभना ने अपनी मां से बताई भी थी. पर उस समय किसी ने तेजस की इस बात पर ध्यान नहीं दिया था. आखिर उस ने जो धमकी दी थी, पूरी ही कर डाली.

इधर शोभना की मांगें भी बढ़ गई थीं. जब देखो, तब वह किसी न किसी चीज की फरमाइश करती रहती थी. तेजस की आमदनी सीमित थी. इसलिए पत्नी की हर मांग वह पूरी नहीं कर सकता था. मांग पूरी न होने पर शोभना तेजस को बुरी तरह अपमानित कर देती.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...