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सानिया उठ कर खड़ी हो गई.‘‘पहले नल पर चल कर आंसुओं से भीगा यह चेहरा धो डालो, फिर मेरे साथ नाश्ता करो.’’ नीलम ने कहा.सानिया ने एक नल पर चेहरा धो कर बालों को ठीक किया, फिर नीलम की ओर देख कर बोली, ‘‘अब ठीक है न आंटी.’’नीलम मुसकरा पड़ी, ‘‘अब अच्छी लग रही हो. चलो, तुम्हें नाश्ता करवाती हूं.’’सानिया उस के साथ स्टेशन से बाहर आ गई. बाहर एक पटरी पर सजी चाय की दुकान पर नीलम ने 2 चाय और बिसकुट लिए और सानिया को नाश्ता करवाया. नाश्ता कर लेने के बाद सानिया को ले कर नीलम एक आटो में सवार हो गई और उसे अपने घर ले आई.

39 साल का दिलीप पूर्वे खूबसूरत शख्स था. वह जरायम की दुनिया का मंझा हुआ खिलाड़ी था. उस ने अपनी पत्नी नीलम के साथ आटो से उतर रही युवती को देखा तो तुरंत ताड़ गया कि पत्नी किसी चिडि़या को फांस लाई है.उस ने उस युवती को सिर से पांव तक देखा. वह नवयौवना नौर्थईस्ट की लग रही थी. उस में गजब का आकर्षण था. यह लड़की सोने का अंडा देगी, यह ताड़ते ही दिलीप की आंखों में गहरी चमक आ गई.वह लपक कर पत्नी नीलम के पास आया और बोला, ‘‘तुम इस मेहमान को अंदर ले कर जाओ. मैं आटो का किराया देता हूं.’’

नीलम सानिया को ले कर अपने घर में आ गई. कुछ ही क्षणों में दिलीप भी आटो का किराया चुका कर कमरे मेआ गया.उस ने नीलम की तरफ प्रश्नसूचक नजरों से देख कर पूछा, ‘‘यह तो अजनबी लगती है.’’
‘‘बेचारी स्टेशन पर बैठी रो रही थी. इस का इस शहर में कोई नहीं है. मैं इसे अपने साथ ले आई.’’ नीलम ने मुसकरा कर बताया.‘‘खाने का समय हो रहा है, तुम फ्रैश होना चाहो तो वहां बाथरूम है. फ्रैश हो जाओ, फिर हम तीनों खाना खाएंगे.’’ नीलम ने सानिया से कहा.

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