सेना के रिटायर्ड कर्नल डा. सुकांतो सरकार के परिवार के 5 लोग 8 अक्तूबर, 2016 की दोपहर को रांची के कोकर मोहल्ले में अपने रिश्तेदार के फ्लैट पर मृत पाए गए थे. परिवार के मुखिया डा. सुकांतो ने भी खुद को चाकू मारमार कर बुरी तरह घायल कर लिया था. गंभीर हालत में उन्हें रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट औफ मैडिकल साइंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन की जान तो बच गई है, पर अब वह तरहतरह के आरोपों और मुकदमों में उलझ कर रह गए हैं. उन का परिवार कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश के नोएडा से रांची आ कर अपने रिश्तेदार डा. एस. चौधरी के फ्लैट में ठहरा था. 8 अक्तूबर को डा. चौधरी किसी काम से बाहर गए थे. काम निपटा कर वह दोपहर को फ्री हुए तो उन्होंने अपने घर फोन किया. जब किसी ने फोन नहीं उठाया तो उन्हें चिंता हुई. घर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था. डुप्लीकेट चाबी से लौक खोल कर वह अंदर पहुंचे तो कमरे का दृश्य देख कर उन के होश उड़ गए.

कमरे में 5 लाशें पड़ी थीं और उन्हीं के बीच डा. सुकांतो लहुलूहान हालत में पड़े थे. उन की सांसें चल रही थीं, इसलिए आननफानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. कमरे में डा. सुकांतो सरकार की पत्नी अंजना सरकार, बेटे समीर सरकार, पोती समिता सरकार, भतीजे पार्थिव की पत्नी मौमिता सरकार और उन की बेटी सुमिता सरकार की लाशें पड़ी थीं.

कमरे से पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसे अंजना, समीर और सुकांतों ने लिखा था.  2-3 लाइनों के उस सुसाइड नोट में सभी ने लिखा था कि प्रताड़ना, मानसिक उत्पीड़न और संदेहों की वजह से त्रस्त हो कर वे अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं. उन के साथ जो हो रहा था, अब वह उन से सहा नहीं जा रहा था.

सुसाइड नोट के अनुसार, वे मधुमिता से परेशान थे. कई सालों से वह उन्हें परेशान कर रही थी. अब उन में टौर्चर सहन करने की हिम्मत नहीं रह गई, इसलिए अब वे जान दे रहे हैं.

रांची के सिटी एसपी कौशल किशोर के अनुसार, घटनास्थल से एक सीरिंज और कंपोज के इंजेक्शन की शीशी बरामद की गई थी. बाथरूम से खून से सना एक चाकू भी बरामद किया गया था, जिस से सुकांतो ने खुद को मारने की कोशिश की थी. सुकांतो के घर वालों की मौत कंपोज का हैवी डोज इंजेक्शन लेने से हुई थी.

जैसेजैसे कंपोज का असर शरीर के अलगअलग हिस्सों में हुआ होगा, वैसेवैसे वे निढाल हो गए होंगे. कुछ दिनों पहले ही डा. सुकांतो सरकार और उन के घर वालों ने रांची के लोअर बाजार पुलिस थाना में अपनी बहू मधुमिता के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. वह शिकायत नहीं, बल्कि पुलिस को किसी खतरे के बारे में सूचना दी गई थी.

पुलिस जांच से पता चला है कि डा. सुकांतो के बेटे समीर की अपनी पत्नी से काफी समय से अनबन चल रही थी. यह अनबन तालाक तक पहुंच गई थी. दोनों के बीच बेटी को साथ रखने को ले कर भी झगड़ा चल रहा था. समीर और डा. सुकांतो बच्ची को अपने साथ रखना चाहते थे, जबकि मधुमिता बेटी को अपने साथ रखना चाहती थी.

इन बातों को ले कर विवाद इतना बढ़ गया था कि मधुमिता ने पति समेत पूरे परिवार के खिलाफ उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर दिया था, जिस से पूरा परिवार परेशान था और पुलिस के डर से भागताछिपता फिर रहा था.

दहेज उत्पीड़न के झूठे मुकदमे और बच्ची को साथ रखने की कोशिश में पूरा परिवार थाने और अदालतों के चक्कर लगातेलगाते परेशान हो चुका था.

पुलिस जांच से पता चला है कि समीर के अवैध संबंध चचेरे भाई पार्थिव की पत्नी मोमिता सरकार से थे. उन के इन संबंधों की जानकारी पूरे परिवार को हो चुकी थी. डा. सुकांतो और परिवार के अन्य लोग इस बात को ले कर काफी तनाव में रहते थे.

समीर की मां और पत्नी ने समीर को समझाने की काफी कोशिश की थी, पर भाभी के प्यार में उलझा समीर किसी की बात सुनने को तैयार नहीं था. लेकिन डा. सुकांतो ने पुलिस को जो बयान दिया है, उस में इस अवैध संबंध का जिक्र नहीं किया. घटना के बाद रांची पुलिस ने नोएडा पुलिस से संपर्क कर के मधुमिता को हिरासत में लेने का अनुरोध किया है. लेकिन नोएडा पुलिस मधुमिता को हिरासत में लेने उस के घर पहुंची तो वह घर मे नहीं मिली. पड़ोसियों से पता चला कि परिवार के 5 लोगों की मौत की खबर मिलते ही वह कहीं चली गई थी.

गौरतलब है कि मधुमिता मुंहबोली छोटी बहन मौमिता के रवैये से काफी आहत थी. मामले की जांच कर रही पुलिस को मौमिता ने मैसेज के जरिए जानकारी दी थी कि उस ने अपने पति पार्थिव को बताया था कि वह अपनी बड़ी बहन के व्यवहार से काफी दुखी है, जिस की वजह से जीना नहीं चाहती.

मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक, मधुमिता ने मौमिता के म्यूजिक टीचर से कहा था कि उस का संबंध उस के पति और ससुर से है. जांच में पुलिस को इस बारे में सुराग भी मिले हैं. नोएडा पुलिस द्वारा रांची पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार, डा. सुकांतो के परिवार में अवैध संबंधों को ले कर काफी तनाव चल रहा था.

डा. सुकांतो के पड़ोस में रहने वालों ने पुलिस को परिवार में चल रहे अवैध संबंधों के बारे में जानकारी दी थी. राजेंद्र इंस्टीट्यूट औफ मैडिकल साइंस में भरती डा. सुकांतो की हालत में कुछ सुधार हुआ तो पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन के घर वालों ने एकदूसरे को इंजेक्शन लगाया था, जिस से उन सब की मौत हो गई थी.

उन का कहना था कि सभी मधुमिता के इमोशनल अत्याचार से इस तरह तंग आ चुके थे कि उन के पास आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा उपाय ही नहीं बचा था. सुकांतो के बयान से ही पुलिस की समझ में आ गया था कि यह खुदकुशी का सीधासादा मामला नहीं है. इस में कई पेंच और परतें हैं. डा. सुकांतो का जिंदा बच जाना और जहरीला इंजेक्शन न लेना भी एक बड़ी पहेली बनी हुई है.

जब घर के अन्य लोगों ने जहरीला इंजेक्शन ले लिया था तो आखिर डा. सुकांतो ने खुद इंजेक्शन क्यों नहीं लिया? उन्होंने खुद को चाकू से मारने की कोशिश क्यों की? खुदकुशी करने के लिए उन्हें नोएडा से रांची आने की जरूरत क्यों पड़ी? जब मधुमिता उन्हें काफी दिनों से परेशान कर रही थी तो इस की शिकायत नोएडा के किसी थाने में करने के बजाए डा. सुकांतो ने रांची आ कर लोअर बाजार थाने में क्यों दर्ज कराई थी?

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि यह पूर्व नियोजित हत्याकांड तो नहीं है? कहीं पुलिस को भटकाने के लिए डा. सुकांतो ने किसी तरह की चाल तो नहीं चली है? डा. सुकांतो ने पुलिस को बताया है कि 8 अक्तूबर की शाम 7 बजे दोनों बच्चे सुमिता और समिता खाना खा कर सो गए तो समीर, मौमिता और अंजना ने कहा कि अब सभी को जान देनी होगी.

उन्होंने सभी को ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें जिंदा रहना है तो रहें, पर अब वे लोग जिंदा नहीं रहना चाहते. मधुमिता अब सभी को जेल भिजवा कर रहेगी. ऐसे में जिंदा रहने से फजीहत ही होगी. उन का दावा है कि उन्होंने तीनों को खुदकुशी करने से रोकने की भरपूर कोशिश की थी.

उन्हें समझाया भी था कि कुछ दिनों में सब ठीक हो जाएगा. इस के बाद भी तीनों ने उन की बात नहीं मानी और कंपोज का इंजेक्शन ले लिया. वह निराश और खामोश अपने घर वालों को मरते देखते रहे. अंजना और समीर ने सुसाइड नोट लिख कर डायनिंग टेबल पर रख दिया था.

डा. सुकांतो ने पुलिस को बताया कि सुसाइड नोट लिखने के बाद रात 11-12 बजे के बीच सब से पहले समीर ने अपनी बेटी समिता को कंपोज का इंजेक्शन लगाया, उस के बाद भतीजे की पत्नी मौमिता ने अपनी बेटी सुमिता को. इस के बाद अंजना ने अपने बेटे समीर को इंजेक्शन लगाया. अंत में अंजना और मौमिता ने खुद ही इंजेक्शन लगा लिया था.

इंजेक्शन लगाने से एकएक कर सभी गहरी नींद में सोते चले गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सभी को कंपोज का एकएक इंजेक्शन लगाया गया था, जबकि समीर के हाथ में 9 इंजेक्शन लगाने के निशान थे. मौमिता डा. सुकांतो के परिवार के साथ ही रहती थी. पर्थिव का तबादला नोएडा से भोपाल हो गया था, इसलिए उस ने डा. सुकांतो से आग्रह किया था कि वह मौमिता और उस के बच्चे को कुछ दिनों तक अपने साथ रख लें.

मौमिता ने 7 अक्तूबर को अपने पति और पिता समेत कुछ रिश्तेदारों को भी मैसेज किया था कि दीदी (मधुमिता) ने उस के जीवन को तबाह कर दिया है. उस की प्रताड़ना से पूरा परिवार सदमे में था और खुदकुशी करने की सोच रहा था.

खुदकुशी करने से एक दिन पहले मौमिता के पति पर्थिव भोपाल से गो एयर के विमान से रांची पहुंचे थे. रांची में वह मौमिता के पास जाने के बजाए अपने रिश्तेदार डा. एस. चौधरी के घर पर चले गए थे. वह वहां क्यों गए, पुलिस के लिए यह पहेली बनी हुई है.

मौमिता के डा. सुकांतो के घर आने के कुछ दिनों के बाद ही मधुमिता शक करने लगी थी कि मौमिता का उस के पति समीर से गलत संबंध है. वह मौमिता को मानसिक रूप से परेशान भी करती थी.

नोएडा से रांची आने के सवाल पर डा. सुकांतो ने पुलिस को बताया था कि मधुमिता के गलत आरोपों से नोएडा में उन की काफी बदनामी हो रही थी, इसलिए वह परिवार के साथ रांची चले आए थे. वह अपने परिवार के साथ नोएडा के सेक्टर-61 के चमत्कार होम्स के बी ब्लौक में रहते थे.

डा. सुकांतो के अनुसार, जिस रात उन का परिवार खुदकुशी कर रहा था, उस समय उन्हें लगा था कि यह पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि सामाजिक विसंगतियां हैं. एक शादीशुदा लड़की जो कहती है, उसे कानून और समाज सही मान लेता है. इसी के बाद उन्होंने जान देने का फैसला लिया था और खुद को चाकू से गोदगोद कर जान देने की कोशिश की थी ताकि कानून और समाज उन की स्थिति का भयानक चेहरा देख सके.

उन्होंने 6 इंच के चाकू से खुद के दिल और गले पर प्रहार किए थे. इस के बाद भी वह कैसे बच गए? उन की समझ में नहीं आ रहा था. वह हर साल दिसंबर महीने में परिवार के साथ रांची आते थे और 8-10 दिन अपने भांजे डा. एस. चौधरी यानी डा. सुब्रतो चौधरी के फ्लैट पर ठहरते थे.

अब सच उगलवाने के लिए पुलिस डा. सुकांतो का पौलीग्राफी, नार्को और लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने का विचार कर रही है. इस टेस्ट के बाद ही असली गुनहगार का चेहरा सामने आ सकेगा और उसे सजा दिलाई जा सकेगी.

दुर्गा पूजा के समय कानून व्यवस्था में उलझी पुलिस अपार्टमेंट के सीसीटीवी फुटेज को नहीं देख सकी थी और 72 घंटे के बाद फुटेज डिलीट हो थी. पुलिस अब सीसीटीवी का डीवीआर कब्जे में ले कर जांच कर रही है साइबर एक्सपर्ट की मदद से 8 और 9 अक्तूबर का डाटा रीस्टोर कराया जाएगा.

मधुमिता ने पुलिस को बताया है कि उस के पति समीर ने 6 अक्तूबर की रात उसे मैसेज किया था कि वह अपने परिवार के साथ कोलकाता जा रहे हैं. 10 अक्तूबर को वह उस के पिता से मिल कर झगड़े को खत्म करने की कोशिश करेंगे. लेकिन वह कोलकाता जाने के बजाय रांची चले गए. नोएडा की एक कंपनी में वेब डिजाइनर का काम करने वाली मधुमिता ने अपने ससुर पर सभी की हत्या का आरोप लगाया है. उस का कहना है कि अगर डा. सुकांतो को उस से नफरत थी तो वह उसे सजा देते, उस की बच्ची और पूरे परिवार को क्यों खत्म कर दिया. सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया और उसे खबर तक नहीं दी गई. उस का दावा है कि डा. सुकांतो ने ही सब को जहरीला इंजेक्शन लगाया है.

मधुमिता के बताए अनुसार, उस के पति समीर का चरित्र ठीक नहीं था. उस ने मौमिता के साथ गलत संबंध होने की बात से इनकार किया है. वह दिल्ली में अपने ससुर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराने गई थी, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया था. दिल्ली पुलिस का कहना था कि खुदकुशी की घटना रांची में घटी थी, इसलिए यह मुकदमा वहीं दर्ज होगा. मधुमिता के बयान के बाद मामले की जांच की सुई डा. सुकांतो की ओर घूम गई है. रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी का कहना है कि डा. सुकांतो और मधुमिता के बयानों के बाद मामले की नए सिरे से जांच की जा रही है. 23 नवंबर, 2006 को समीर का विवाह मधुमिता से हुआ था. सन 2010 में मौमिता का विवाह सुकांतो के भतीजे पार्थिव सरकार से हुआ. पार्थिव बैंक औफ बड़ौदा में एचआर मैनेजर है. मधुमिता और मौमिता दोनों ही दक्षिणेश्वर के आश्रम में पलीबढ़ी है.

दरअसल, डा. सुकांतो किसी जरूरतमंद लड़की से ही बेटे की शादी करना चाहते थे, ताकि उस की जिंदगी संवर सके. लेकिन कोई जरूरी नहीं कि सोची हुई बात पूरी हो ही जाए.

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