पीड़ित का नाम-विभाष कुमार कनेरिया. उम्र-35 साल. पिता का नाम-परसराम कनेरिया. पेशा-जमीन की दलाली. निवासी-बैतूल. हालमुकाम 307, 2 सी, साकेत नगर, भोपाल. जुर्म-माशूका से बेवफाई. सजा-सजा ए मौत. कातिल-मोंटी उर्फ योगेश्वरी बरार. यह वाकिआ 5 जून, 2016 का है, जब विभाष कुमार को उस की ही माशूका मोंटी ने चाकू से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. विभाष कुमार उन लाखों नौजवानों में से एक था, जो रोजगार की तलाश में भोपाल आ कर रहने लगा था. कुछ और उसे आता नहीं था, इसलिए वह दिखने में सब से आसान लगने वाला जमीनों की दलाली का काम करने लगा और इमारतें बनाने के धंधे में भी उतरने वाला था.

भोपाल जैसे बड़े शहर में अपनी आमदनी के दम पर 10 साल गुजार देना यह बताता है कि विभाष कुमार अपने धंधे में माहिर हो गया था और उस की कमाई ठीकठाक हो रही थी. लेकिन 35 साल का हो जाने के बाद भी उस ने शादी नहीं की थी, तो वजह उस की 28 साला माशूका मोंटी थी, जिस के साथ वह बीते 9 सालों से लिव इन रिलेशनशिप में था यानी वे दोनों बगैर शादी किए मियांबीवी की तरह रहते थे, जो हर्ज की बात इस लिहाज से थी कि मोंटी रिश्ते में उस की बहन लगती थी.

पहले प्यार और फिर जिस्मानी संबंध बना कर उन दोनों ने कोई समझदारी का काम नहीं किया था. अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज की खूबसूरत दिखने वाली मोंटी 9 साल पहले जब जवानी की दहलीज पर दाखिल हुई होगी, तो कितनी खूबसूरत रही होगी.

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