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प्रधान वैसे भी कम समय के लिए छुट्टी पर घर आता था, इसलिए वह दुश्मनी नहीं रखता था. प्रधान का कहना था कि भाइयों में अनबन हो सकती है, दुश्मनी नहीं पालनी चाहिए. जीतू की पत्नी बहुत खूबसूरत थी. वह रिश्ते के हिसाब से प्रधान की बहू लगती थी, मगर जीतू की शादी के बाद प्रधान जब छुट्टी पर गांव आया, तब उस ने जीतू की पत्नी को देखा था.

वह पहली नजर में ही उस पर फिदा हो गया था. वह इतनी खूबसूरत थी कि देखने वाला अपलक देखता रह जाता था. फौजी प्रधान गुर्जर भी उसे देखता रह गया था. जीतू की पत्नी पढ़ीलिखी थी और सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहती थी. प्रधान से पहली मुलाकात में ही जीतू की पत्नी खुल गई थी. एक बार बातचीत हुई तो अकसर फौजी उस के आगेपीछे घूमने लगा.

दोनों सोशल मीडिया पर भी एकदूसरे से जुड़े थे. उन दोनों की नजदीकियां देख कर जीतू को जलन होने लगी थी. वह चाहता था कि उस की पत्नी प्रधान से दूर रहे. जीतू ने पत्नी से कहा भी कि वह प्रधान से बात न किया करे, मगर पत्नी खुले विचारों की थी. उस का कहना था कि बात करना गलत नहीं है. गलत तो बुरी सोच होती है.

पत्नी ने जीतू से कहा कि प्रधान अच्छा आदमी है. वैसे भी वह गांव में रहता कितने दिन है. चंद दिनों के लिए फौज से छुट्टी पर घर आता है. जीतू को ऐसा लग रहा था कि प्रधान से उस की पत्नी के अवैध संबंध हैं, इसीलिए वह उस की बात नहीं मान रही है. पति के सामने ही वह फौजी की प्रशंसा कर रही थी. इस से जीतू को पत्नी पर शक हो गया.

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