सिर पर बड़ी बड़ी गठरियां, चेहरे पर मायूसी और बच्चों को पीठ पर लादे पलायन करते दिल्ली में मजदूरों की तसवीरें आप भूले नहीं होंगे. ये वही मजदूर हैं, जिन से शहरों को गति मिली, सङकें और अस्पताल बन कर तैयार हुए पर जब मुसीबत आई तो दिल्ली बेबस दिखी. नेता घरों में रामायण और महाभारत देखने में व्यस्त रहे. बस कुछ बचा था तो डर और अफवाहों का माहौल, जिस की गिरफ्त में आए मजदूरों के दुखदर्द को सुनने वाला शायद कोई नहीं था.

मजदूरों के पलायन की तसवीरें इतनी भयावह थीं कि देख कर रौंगटे भी खड़े हो जाएं.

दिल्ली के बाद अब यूपी में भी कुछ ऐसी ही भयावह तसवीरें देखने को मिली हैं, जहां एक बार फिर गरीब मजदूरों की बेबसी का मजाक उड़ाया गया.

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सैनिटाइज के नाम पर इंसानियत को शर्मसार करती घटना

यह घटना उस वक्त घटी जब लौकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पहुंचे प्रवासी मजदूरों को बीच सड़क पर बैठा कर उन के ऊपर सैनेटाइजर का छिड़काव किया गया. घटना सामने आने के बाद कोरोना वायरस के खतरों के बीच सियासी घमासान भी शुरू हो गया और विपक्ष के नेताओं ने योगी सरकार की आलोचना करनी शुरू कर दी.

सैनिटाइज के नाम पर इंसानियत को शर्मसार करती इस घटना का तूल पकङना लाजिम भी था जब एक बस स्टैंड के पास सङक के एक कोने में मजदूरों के ऊपर पानी की बौछारें मारी जा रही थीं.

त्वचा के लिए नुकसानदेह है यह कैमिकल

इस पानी को सोडियम हाइपोक्लोराइड यानी लिक्विड ब्लीच के साथ मिलाया गया था. अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह काररवाई की गई थी जबकि चिकित्सकों के मुताबिक इस तरल ब्लीच को पानी में मिलाया जाना कतई उचित नहीं है. यह त्वचा पर लगाने पर जलन और खुजली भी पैदा कर सकता है. पानी में मिलाया गया यह कैमिकल आमतौर पर फर्श को साफ करने के लिए कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है.

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