हिंदी फिल्म ‘गैंग्स औफ वासेपुर’ से सुर्खियों में आई अदाकारा हुमा कुरैशी ने धीरे धीरे अच्छीखासी शोहरत बटोर ली. उन की ‘एक थी डायन’ जैसी इक्कादुक्का फिल्मों को नजरअंदाज कर दें, तो अब तक आई सभी फिल्में सुपरहिट रही हैं. ‘बदलापुर’ जैसी फिल्म के बाद उन का कद काफी बढ़ गया था.

फिल्म ‘जौली एलएलबी 2’ में वे अक्षय कुमार के संग नजर आईं, जो काफी कामयाब रही. इस के बाद भारतपाकिस्तान के बंटवारे पर बनी फिल्म ‘पार्टीशन 1947’ में भी उन की ऐक्टिंग को काफी सराहा गया.

पेश हैं, हुमा कुरैशी के साथ हुई बातचीत के खास अंश.

आप अब तक के अपने फिल्मी कैरियर के सफर को किस तरह से देखती हैं?

मैं ने यह कभी सोचा नहीं था कि बौलीवुड में मुझे इतनी जल्दी कामयाबी मिल सकेगी, पर 5 साल के अंदर बहुतकुछ रोचक तरीके से बदल गया है.

सब से बड़ी बात यह है कि मुझे हर फिल्म में एकदम अलग तरह के किरदार निभाने के मौके मिले और हर बार लोगों ने मुझे पसंद किया. मैं ने हमेशा नईनई चुनौतियां स्वीकार की हैं. मेरे लिए हर दिन रोचक होना जरूरी है.

आप को जद्दोजेहद के दिन तो याद आते ही होंगे?

आज मैं जिस मुकाम पर हूं, वहां तक पहुंचने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी है. देखिए, मैं दिल्ली की रहने वाली हूं. मैं ने हिस्ट्री में औनर्स किया है. मेरे पिता दिल्ली के हैं और मां कश्मीरी हैं. मेरे 4 भाई हैं और उन के बीच अकेली बहन हूं.

मुझे अच्छी तरह से याद है कि मुंबई में अपना कैरियर बनाने के लिए मेरे पिता ने मुझे सिर्फ एक साल का समय दिया था. बौलीवुड के बारे में सभी को पता है कि यहां किस ढंग से काम होता है. मैं ने तमाम रिजैक्शन सहे. औडीशन के लिए लंबी कतारों में खड़ी हुई, पर मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है.

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