एक्शन कामेडी फिल्म ‘‘बेवाच’’ की कहानी इसी नाम के एक लोकप्रिय शो पर आधारित है. मगर अफसोस की बात है कि नब्बे के दशक के इस लोकप्रिय टीवी शो की तुलना इस फिल्म के साथ नहीं की जा सकती. इस फिल्म में एकशन की भरमार है. बंदूकें चल रही हैं. लाशे मिल रही हैं. महिला पात्रों को छाती दिखाना अनिवार्य सा लगता है. गालियां भी हैं. हास्य के नाम पर फूहड़ता के अलावा कुछ नही है. जिसके चलते भारत में ‘वयस्क’ तथा विदशों में यह ‘‘आर’’ श्रेणी की फिल्म है.

विदेशो में समुद्री बीच और उसके किनारे को ‘बेवाच’ कहा जाता है. यह कहानी फ्लोरीडा के एम्राल्ड बे की है. जहां पर ‘लाइफ गार्डस’ यानी कि जीवन रक्षक के रूप में मिच बुचन्नान (द्वायने जान्सन) की टीम कार्यरत है. 500 से अधिक लोगों की जान बचा चुके मिच लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. इस बात से स्थानीय पुलिस अफसर गार्नेर (याहया अब्दुल मस्तीन) और मिच के उच्चाधिकारी कैप्टन थोर्पे (रोब हुबेल) नाराज रहते हैं. एक दिन सुबह सुबह समुद्री बीच पर सैर करते समय हंटले क्लब के सामने मिच को ड्रग्स का एक छोटा सा पैकेट मिलता है. अब हंटले क्लब की मालकिन विक्टोरिया (प्रियंका चोपड़ा) हैं.

इधर ‘लाइफ गार्डस’ का हिस्सा बनने के लिए कई लोग प्रयासरत हैं. इसमें से पूर्व ओलंपिक तैराक मैट ब्राड (जैक इफ्रान) भी हैं, जो कि बेरोजगार हैं. उसे शराब पीने की बुरी लत है. मिच का उच्चाधिकारी जान बूझकर मैट ब्राड को ‘लाइफ गार्ड’ टीम का हिस्सा बनाने के लिए मिच से कहता है. मिच को न चाहते हुए भी रॉनी (जोन बास) और क्विन (अलेक्जेंडर ददारियो) के साथ ब्राड को भी अपनी टीम से जोड़ना पड़ता है. रॉनी की प्रेमिका सी जे पारकर (केली रोहब्राच) भी हैं. जबकि क्विन पर ब्राड फिदा है.

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